Feed aggregator
Gold futures hit fresh peak of Rs 93,736/10g as trade war intensifies - The Economic Times
- Gold futures hit fresh peak of Rs 93,736/10g as trade war intensifies The Economic Times
- Will gold touch Rs 1 lakh next week? Experts divided as prices hit record highs in India, worldwide Business Today
- Gold prices at record high of ₹96,000 amid US, China trade tariff tensions GujaratSamachar English
- Gold prices today in your city: Check prices in Delhi, Mumbai, Chennai, Kolkata, Hyderabad and Bengaluru on April 12 Mint
- Bullion rally: Gold prices surge to Rs 96,450 to all time high amid US-China trade war Times of India
Bihar Politics: पटना में सियासी बवाल, हिरासत में कन्हैया कुमार, पुलिस को करना पड़ा लाठी चार्ज
एएनआई, पटना। बिहार की राजधानी पटना में शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी के सीएम आवास घेराव के दौरान सियासी हंगामा हो गया। पुलिस ने कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार समेत कई बड़े नेताओं को हिरासत में लिया।
वहीं, इससे पहले पार्टी कार्यकर्ताओं पर जमकर लाठियां भांजीं और वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया गया। बता दें कि बिहार में पलायन और बेरोजगारी के खिलाफ एनएसयूआई की ओर से पदयात्रा निकाली जा रही है।
सीएम को सौंपना चाहते थे ज्ञापनशुक्रवार को राजधानी पटना में इसी पदयात्रा के दौरान NSUI के राष्ट्रीय प्रभारी कन्हैया कुमार सहित कई कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया गया है।
इस दौरान कार्यकर्ताओं ने जमकर बवाल काटा। कन्हैया कुमार की पलायन रोको नौकरी दो यात्रा का आज अंतिम दिन था। इसके तहत सीएम हाउस का घेराव और नीतीश कुमार से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा जाना था।
जानकारी के अनुसार, बवाल के बाद युवा कांग्रेस कर राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय भानू चिब व युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शिव प्रकाश गरीब दास भी हिरासत में लिए गए हैं। सभी को पटना के कोतवाली थाने ले जाया जा रहा है।
#WATCH पटना, बिहार: कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा बिहार में पलायन और बेरोजगारी के खिलाफ पदयात्रा के दौरान NSUI के राष्ट्रीय प्रभारी कन्हैया कुमार सहित कई कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया। https://t.co/bDluDBfyEP pic.twitter.com/Yc2GYdQs6i
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 11, 2025इस खबर को लगातार अपडेट किया जा रहा है। हम अपने सभी पाठकों को पल-पल की खबरों से अपडेट करते हैं। हम लेटेस्ट और ब्रेकिंग न्यूज को तुरंत आप तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। प्रारंभिक रूप से प्राप्त जानकारी के माध्यम से हम इस समाचार को निरंतर अपडेट कर रहे हैं। ताजा ब्रेकिंग न्यूज और अपडेट्स के लिए जुड़े रहिए जागरण के साथ।
Tahawwur Rana को देश के अलग-अलग शहरों में क्यों ले जाया जाएगा, आतंकी के साथ अगले 18 दिनों तक NIA क्या करेगी?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका से भारत लाए गए आतंकी तहव्वुर राणा (Tahawwur Rana) फिलहाल दिल्ली स्थित एनआईए (NIA) हेडक्वार्टर में मौजूद है। एनआईए अधिकारी लगातार उससे पूछताछ कर रहे हैं। गुरुवार को पालम एयरपोर्ट से सीधे राणा को पटियाला हाउस कोर्ट लाया जाया गया।
अदालत ने राणा को NIA की 18 दिन की हिरासत में भेज दिया है। 18 दिनों की रिमांड के दौरान तहव्वुर राणा के साथ क्या-क्या पूछताछ की जाएगी। वहीं, इन 18 दिनों में राणा को देश के किन शहरों में ले जाया जाएगा इस पर आज (शुक्रवार) एनआईए अधिकारियों की हाई लेवल मीटिंग हुई।
देश के कई शहरों में राणा को ले जाया जाएगाशुरुआत के कुछ दिनों में राणा के साथ पूछताछ की जाएगी। फिर आतंकी हमले से पहले जिन-जिन स्थानों पर तहव्वुर राणा, डेविड हेडली (मुंबई आतंकी हमले का अन्य मास्टरमाइंड) ने रेकी की थी, उन स्थानों पर उसे ले जाया जाएगा। इसके बाद इसकी भी एक विस्तृत रिपोर्ट बनेगी। उम्मीद जताई जा रही है कि राणा को मुंबई, अहमदाबाद, आगरा, दिल्ली के कुछ इलाकों में ले जाया जाएगा।
बता दें कि साल 2008 में 13 नवंबर और 21 नवंबर के बीच तहव्वुर राणा और उसकी पत्नी ने दिल्ली, आगरा, अहमदाबाद और मुंबई सहित कई शहरों का दौरा किया था। वहीं, वो इस दौरान पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंसी (ISI) के संपर्क में भी था। ISI ने आतंकी हमले के लिए तहव्वुर को फंडिंग भी दी थी।
(फोटो सोर्स: U.S. Marshals Service photo by Shane T. McCoy)
क्या तहव्वुर राणा को हो सकती है फांसी?175 बेगुनाहों की मौत का गुनहगार तहव्वुर राणा को फांसी होगी या नहीं, इसकी चर्चा देशभर में हो रही है। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट के वकील ज्ञानंत सिंह कहते हैं कि प्रत्यर्पण के मामले में अभियुक्त जिस देश से आ रहा है अगर वहां मृत्युदंड की सजा है तो उसे यहां भारत में भी मृत्युदंड दिया जा सकता है। राणा के कनाडा का नागरिक होने पर वह कहते हैं कि अभियुक्त किस देश का नागरिक है इसका कोई फर्क नहीं पड़ता अगर अपराध भारत में हुआ है तो उसे भारत के कानून से डील किया जाएगा। उस पर भारत का कानून लागू होगा।
क्या कहता है प्रत्यर्पण संधि?नियम के अनुसार, प्रत्यर्पण पत्र में जिस मुकदमे और जिन आरोपों का जिक्र किया गया होगा उन्हीं मामलों में राणा पर मुकदमा चलेगा। अमेरिका और भारत के बीच 1997 में हुई प्रत्यर्पण संधि का आर्टिकल 8 कहता है कि जिस अपराध में मुकदमा चलाने और सजा देने के लिए प्रत्यर्पण मांगा जा रहा, अगर वह अपराध प्रत्यर्पण का अनुरोध करने वाले देश में मृत्यु दंड से दंडित किया जा सकता है लेकिन यदि प्रत्यर्पित करने वाले देश में उस अपराध में मृत्युदंड का प्रावधान नहीं है तो वह देश प्रत्यर्पण की मांग ठुकरा सकता है।
गौरतलब है कि तहव्वुर राणा पर आतंकवाद का आरोप है। उस पर भारत पर हमला करने की साजिश के आरोप हैं और आतंकवाद के अपराध में अमेरिका में भी मृत्युदंड की सजा है। बता दें कि देश में न्यायपालिका प्रक्रिया ऐसी है कि रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस में ही फांसी की सजा दी जाती है। उम्मीद जताई जा रही है कि अदालत तहव्वुर राणा के मुकदमे को भी रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस के तौर पर देखेगी और उसे फांसी की सजा देगी।
(पीटीआई इनपुट से)
यह भी पढ़ें: 'भारतीय इसी लायक हैं', मुंबई हमलों के बाद डेविड हेडली से बोला था तहव्वुर राणा; अमेरिका ने खोले कई राज
'प्यार' का हवाला और 91 साल के बुजुर्ग को मिल गई जमानत; कोर्ट में गूंजी कविता: पढ़ें पूरा मामला
पीटीआई, कोच्ची। केरल में एक 91 वर्षीय व्यक्ति ने अपनी 88 साल की पत्नी पर चाकू से हमला किया था। इस मामले में आरोपी थेवन को केरल हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है। दरअसल, थेवन की पत्नी कुंजली ने उसकी वफादारी पर शक जताया था, जिससे नाराज होकर बुजुर्ग व्यक्ति ने पत्नी पर हमला कर दिया था।
थेवन पर पत्नी ने क्या आरोप लगाए थे?
थेवन के अनुसार, उसकी पत्नी कुंजली ने उस पर अन्य महिलाओं के साथ संबंध रखने का आरोप लगाया था। इन आरोपों की वजह से बुजुर्ग व्यक्ति अपमानित और निराशा महसूस कर रहा था। 21 मार्च कों दोनों के बीच काफी ज्यादा लड़ाई हुई, जिसके बाद थेवन ने कुंजली पर चाकू से हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था।
इस घटना के बाद आरोपी बुजुर्ग व्यक्ति को उसी दिन गिरफ्तार कर लिया गया था और तब से वो न्यायिक हिरासत में था। आरोपी थेवन द्वारा दायर जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति पीवी कुन्हीकृष्णन ने कानूनी तर्कों पर ध्यान दिया और थेवन को जमानत दे दी।
जज ने सुनाया अपना फैसला
न्यायमूर्ति ने 10 अप्रैल को इस मामले पर सुनवाई करते हुए अपने आदेश में कहा, "मैं इस पर और कोई चर्चा नहीं करना चाहता। 91 वर्षीय थेवन को बुढ़ापे में अपनी 88 वर्षीय पत्नी कुंजली के साथ खुशी-खुशी रहने दें।"
91 वर्षीय थेवन को मानक शर्तों के साथ जमानत देते हुए अदालत ने कहा कि थेवन को पता होना चाहिए कि बुढ़ापे में उसकी एकमात्र ताकत उसकी 88 वर्षीय पत्नी कुंजली होगी और कुंजली को भी यह सोचना चाहिए कि उसकी एकमात्र ताकत 91 वर्षीय थेवन ही होगा।
कविता के जरिए सुनाया गया फैसला
अदालत ने कहा, "थेवन और कुंजली को पता होना चाहिए कि उम्र प्यार की रोशनी को कम नहीं करती है, बल्कि इसे और चमकदार बनाती है। 88 वर्षीय कुंजली अब भी अपने पति से प्यार करती हैं और यही कारण है कि वह अपने पति पर करीब से नजर रखती हैं।"
न्यायमूर्ति ने फैसला सुनाते हुए कहा, "जैसे-जैसे हमारे रिश्ते को समय होता जाता है, हमारा प्यार और गहरा हो जाता है।" इस दौरान अदालत ने दिवंगत मलयालम कवि एनएन कक्कड़ की एक कविता का जिक्र किया, जो प्यार और शांति को दर्शाती है।
केरल में एक ही परिवार के चार लोग फंदे से लटके मिले, पुलिस कर रही मामले की जांच
बांड्स में गिरावट ‘ट्रंप मेल्टडाउन’ का प्रमुख कारण, राष्ट्रपति से टैरिफ की शक्ति लेने की भी होने लगी थी चर्चा
प्राइम टीम, नई दिल्ली।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल को सभी देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाते हुए उस दिन को ‘लिबरेशन डे’ यानी मुक्ति दिवस बताया था। आखिर हफ्ते भर में ऐसा क्या हो गया कि 9 अप्रैल को उन्हें अपने इस फैसले को ‘पॉज’ करना पड़ा। उन्होंने चीन के साथ व्यापार युद्ध को तो तेज किया, लेकिन बाकी देशों के खिलाफ मुश्किल से 13 घंटे पहले लगाए गए टैरिफ को 90 दिनों के लिए स्थगित कर दिया।
राष्ट्रपति ट्रंप के सहयोगी टैरिफ बढ़ोतरी स्थगित करने के उनके फैसले को रणनीतिक मास्टरस्ट्रोक बता रहे हैं। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लिविट ने अचानक हुए इस नीतिगत बदलाव को मोलभाव की रणनीति का हिस्सा बताने की कोशिश की। व्हाइट हाउस के उप प्रमुख स्टीफन मिलर ने ट्वीट किया, “आप इतिहास में किसी अमेरिकी राष्ट्रपति की सबसे बेहतरीन आर्थिक मास्टर रणनीति देख रहे हैं।”
लेकिन बहुत कम लोग इस ‘मास्टरस्ट्रोक’ को स्वीकार कर रहे हैं। उनका कहना है कि ट्रंप पर हर मिनट दबाव जबरदस्त बढ़ रहा था। यह दबाव कंपनियों के सीईओ, खुद ट्रंप के दोस्त और रिपब्लिकन सीनेटर्स की तरफ से था। यह आशंका बढ़ने लगी कि अमेरिका के साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी की ओर बढ़ सकती है। अमेरिकी शेयर बाजारों के धराशायी होने के बाद बांड बाजार में भी जब बड़ी गिरावट का दौर शुरू हुआ तो ट्रंप आखिरकार उस दबाव के आगे झुक गए।
बुधवार को टैरिफ नीति में बदलाव की घोषणा करते समय खुद ट्रंप ने स्वीकार किया कि उन्होंने तब फैसला बदलने का निर्णय लिया जब लोग बांड मार्केट को लेकर असहज महसूस करने लगे। उन्होंने कहा, “बिजनेस थोड़ा घबराए हुए, थोड़ा डरे हुए हैं… आपको लचीलापन रखना पड़ता है।”
ट्रंप के यू-टर्न ने वॉल स्ट्रीट में जबरदस्त तेजी ला दी। यूरोपियन यूनियन ने भी कहा कि वह ट्रंप के ‘पॉज’ के साथ तालमेल बिठाते हुए जवाबी टैरिफ 90 दिनों के लिए स्थगित कर रहा है। हालांकि कॉरपोरेट जगत की हस्तियों, निवेशकों और अमेरिका के व्यापारिक साझेदार अब यह सोचने पर मजबूर हो गए हैं कि ट्रंप टैरिफ के जरिए आखिर हासिल क्या करना चाह रहे हैं।
ट्रंप के सहयोगी मस्क भी टैरिफ के खिलाफअमेरिका के जॉर्ज वॉशिंगटन विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल इकोनॉमिक पॉलिसी में विशिष्ट विजिटिंग स्कॉलर अजय छिब्बर कहते हैं, “ट्रंप ने अपना रुख इसलिए बदला क्योंकि शेयर बाजार में भारी गिरावट आ गई। उनके सबसे महत्वपूर्ण समर्थक एलन मस्क ने भी खुले तौर पर टैरिफ का विरोध किया और ट्रंप के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो को ‘ईंटों का बोरा’ (bag of bricks) कहा।”
छिब्बर के अनुसार, “वॉल स्ट्रीट के शीर्ष एक्जीक्यूटिव टैरिफ के खिलाफ थे। कुछ रिपब्लिकन सीनेटर और सांसद भी राष्ट्रपति से टैरिफ लगाने की शक्ति वापस लेने के लिए कानून बनाने की कोशिश कर रहे थे। जो भी हो, नुकसान हो चुका है क्योंकि ट्रंप के इस आगे-पीछे के रवैये ने भारी अनिश्चितता पैदा कर दी है।”
फैसला बदलने के पीछे तीन प्रमुख कारणअमेरिकी मीडिया की अलग-अलग रिपोर्ट्स के अनुसार ट्रंप के फैसला बदलने के पीछे तीन प्रमुख कारण थे। न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा है कि ट्रंप के सलाहकार निजी तौर पर मानते हैं कि असली श्रेय तो बांड बाजार को जाना चाहिए। ट्रंप ने यह निर्णय इसलिए लिया क्योंकि उन्हें डर था कि उनके टैरिफ लगाने का दांव जल्दी ही बड़े आर्थिक संकट में बदल सकता है। बीते दो दशकों आए दो बड़े आर्थिक संकट - 2008 का वैश्विक वित्तीय संकट और 2020 की महामारी - के विपरीत, यह संकट पूरी तरह एक व्यक्ति के फैसलों का परिणाम होता।
दूसरा कारण है दबाव। वॉशिंगटन पोस्ट तथा अन्य अमेरिकी मीडिया के अनुसार ट्रंप को लगातार फोन आ रहे थे कि देश गंभीर आर्थिक मंदी की ओर बढ़ रहा है। बड़ी कंपनियों के सीईओ इस बात को लेकर काफी चिंतित थे कि टैरिफ से उत्पन्न अस्थिरता अर्थव्यवस्था को मंदी में धकेल सकती है। रिपब्लिकन सीनेटरों ने भी ट्रंप से अपनी चिंताओं को खुलकर साझा किया। बांड बाजार की स्थिति को लेकर ट्रंप पहले से ही सतर्क थे।
चीन के प्रतिवाद को तीसरा कारण माना जा रहा है। राष्ट्रपति और उनके सलाहकारों ने मीडिया से बातचीत में माना कि चीन द्वारा अमेरिका पर टैरिफ बढ़ाने का निर्णय ट्रंप के लिए एक अवसर बन गया ताकि वे अन्य देशों पर टैरिफ बढ़ाने की योजना को स्थगित कर सकें। इससे उन देशों के प्रति मैत्री का संकेत भी गया। इस निर्णय के पीछे ट्रंप की नीति चीन को अलग-थलग करने और बाकी दुनिया को एकजुट करने की थी।
आगे क्या होगा, क्या करे भारतअमेरिका के वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट और वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक के नेतृत्व में ट्रंप के आर्थिक सलाहकार तमाम देशों के साथ बातचीत की प्रक्रिया शुरू करेंगे। यह प्रक्रिया कई महीने चलने की उम्मीद है। हालांकि दोनों मंत्रियों ने कहा है कि हर देश के साथ समझौते पर अंतिम फैसला ट्रंप ही करेंगे।
भारत के लिए छिब्बर की सलाह है, “भारत को चाहिए कि वह अपनी मौजूदा नीति पर ही कायम रहे और अमेरिका के साथ एक बेहतरीन सौदा करने की कोशिश करे। ट्रंप के इस स्थगन से भारत को थोड़ा और समय मिल गया है। लेकिन हमें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि ट्रंप ने सभी वस्तुओं पर 10% टैरिफ तो लागू कर ही दिया है और चीन पर टैरिफ बढ़ाकर 145% कर दिया है।”
iQOO launches Z10 series in India with massive battery: Check features, specifications, price and more - CNBC TV18
- iQOO launches Z10 series in India with massive battery: Check features, specifications, price and more CNBC TV18
- iQOO Z10 Review: Monster battery in a budget FoneArena.com
- iQOO Z10 5G, Z10x 5G launched in India, price starts at ₹13,499. Check full price, specs and more Mint
- iQOO Z10, Z10x launch in India with up to 7300mAh battery starting at Rs 13,499 India TV News
- iQOO Z10 launched with 7300mAh battery and Snapdragon 7s Gen 3 chip, price starts at Rs 19,999 India Today
First-ever view of a dying planet captured by NASA's Webb Telescope – but there's a twist - Moneycontrol
- First-ever view of a dying planet captured by NASA's Webb Telescope – but there's a twist Moneycontrol
- NASA Webb’s Autopsy of Planet Swallowed by Star Yields Surprise NASA Science (.gov)
- Scientists thought a star swallowed a planet — then a shocking truth was revealed Times of India
- This star burped after eating a planet — but the planet was really asking for it Yahoo
- How a sunlike star yanked down a teetering planet EarthSky
केरल में वकीलों और छात्रों के बीच झड़प, 20 से ज्यादा लोग घायल; पुलिस को देना पड़ा दखल
पीटीआई, कोच्चि। केरल में छात्र संगठन एसएफआई के कार्यकर्ताओं और वकीलों के बीच झड़प हो गई। इसमें 20 लोग से ज्यादा लोग घायल हो गए। घटना एर्नाकुलम जिला न्यायालय परिसर में जिला बार एसोसिएशन के वार्षिक समारोह के दौरान हुई।
आरोप है कि एसएफआई कार्यकर्ताओं ने बार एसोसिएशन के वार्षिक समारोह में जबरन घुसकर हंगामा किया। पुलिस ने बताया कि इस झड़प में एसएफआई के 16 कार्यकर्ता और 8 वकील घायल हो गए हैं।
कार्यक्रम में घुसकर किया हंगामाबता दें कि एर्नाकुलम जिला न्यायालय परिसर में जिला बार एसोसिएशन का कार्यक्रम हो रहा था। वकीलों का आरोप है कि महाराजा कॉलेज के कुछ छात्रों ने कार्यक्रम में घुसकर हंगामा किया। हालांकि एसएफआई का कहना है कि वकीलों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया।
पुलिस ने किसी तरह स्थिति पर नियंत्रण पाने की कोशिश की। इस झड़प का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। वहीं अब मामले में राजनीति भी शुरू हो गई है। विपक्ष ने इसे लेकर सीपीआई (एम) पर निशाना साधा है।
मामले में राजनीति शुरू- विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने सीपीआई (एम) नेतृत्व से छात्र संगठन पर नियंत्रण करने की मांग की है। सतीशन ने सीपीआई (एम) से छात्र संगठन को राजनीतिक संरक्षण देना बंद करने की अपील की।
- बताया जा रहा है कि एर्नाकुलम जिला बार एसोसिएशन ने आज एक बैठक बुलाई है, जिसमें आगे की कार्रवाई पर फैसला करेगी। हालांकि, एर्नाकुलम सेंट्रल पुलिस ने कहा कि अभी तक मामला दर्ज नहीं किया गया है, लेकिन प्रारंभिक जांच चल रही है।
यह भी पढ़ें: 'इसे अलग देश बना दो, यहां रहना गुलामों जैसा'; केरल के नेता ने किस इलाके को लेकर कह दी ये बात?
China Says "Not Afraid" Of US Tariffs, Calls On EU To Resist "Bullying" - NDTV
- China Says "Not Afraid" Of US Tariffs, Calls On EU To Resist "Bullying" NDTV
- Unilateral bullying, says Chinese President Xi Jinping in first reaction to US's 145% tariff: News agency AFP India Today
- Xi Jinping's first reaction as Donald Trump slaps 145% tariffs on China: '...unilateral bullying' Hindustan Times
- Trump Tariffs Live Updates: China ‘not afraid’ of unjust suppression, says Xi Jinping amid US trade wars The Indian Express
- Xi says China ‘not afraid’ in first public comment on escalating trade war with the US CNN
KL Rahul’s 'My Ground' celebration sparks chatter in RCB camp as Tim David enacts fiery gesture during post-match chat - Hindustan Times
- KL Rahul’s 'My Ground' celebration sparks chatter in RCB camp as Tim David enacts fiery gesture during post-match chat Hindustan Times
- Rahul aces 'home' conditions that RCB continue to struggle with Cricbuzz.com
- Behind-the-wicket lessons told Rahul 'what pockets to target' on tacky Chinnaswamy pitch ESPNcricinfo
- IPL 2025: Capitals keep on 'Delhi'vering Deccan Herald
- IPL 2025: Athiya Shetty Sends Big Love To Husband KL Rahul After His Match-Winning Performance Against RCB: "This Guy, Uff" NDTV
OnePlus Watch 3 Launches At $499, $170 More Than Promised; Are Trump Tariffs The Reason? - NDTV Profit
- OnePlus Watch 3 Launches At $499, $170 More Than Promised; Are Trump Tariffs The Reason? NDTV Profit
- The delayed OnePlus Watch 3 just launched in the US at the wrong price Android Police
- OnePlus Watch 3 Smart Watch Prices Cut Now, With Free Gift Offers Forbes
- OnePlus won’t say why its Watch 3 suddenly costs $170 more than promised The Verge
- OnePlus releases Watch 3 with inflated $500 price tag, won’t say why Ars Technica
Pages
