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पटना में बिछेगा सड़कों का जाल, कई जिलों से मिलेगी डायरेक्ट कनेक्टिविटी; प्रोजेक्ट्स की लिस्ट देखें

Dainik Jagran - April 11, 2025 - 3:53pm

जितेंद्र कुमार, पटना। पटना अब आधुनिक सेवाओं से लैस शहर और आसपास के क्षेत्रों में सुगम आवागमन की नई सेवाओं की ओर तेजी से छलांग लगा रहा है। राजधानी से आसपास के इलाके को जोड़ने वाली नई सड़क परियोजनाओं का शिलान्यास, लोकार्पण और निविदा की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

जल संसाधन विभाग का सोन सुरक्षा तटबंध को नई सड़क के रूप में विकसित करने की योजना है। कोईलवर की ओर से मनेर तक 71 करोड़ 30 लाख 21 हजार 973 रुपये की लागत से 11 किलोमीटर डबल लेन सड़क योजना से बिहटा-मनेर पुराना एनएच 30 का नया विकल्प मिल सजकेगा।

जल संसाधन विभाग की ओर से सोन नद के बाढ़ से बचाव के लिए 70 के दशक में बिक्रम के सैदाबाद से मनेर होते दानापुर के शाहपुर तक कच्चा तटबंध का निर्माण कराया था। इस बांध की औसत चौड़ाई 5.5 मीटर और सतह से औसत तीन मीटर ऊंचा है।

बक्सर-पटना फोरलेन से परेव के निकट से सोन सुरक्षा बांध अमनाबाद, कटेसर, होमगार्ड प्रशिक्षण केंद्र आनंदपुर होते मनेर शिवाला मोड़ को जोड़ती है।

जल संसाधन विभाग की योजना है कि परेव के निकट पटना-बक्सर फोरलेन से मनेर तक 11 किलोमीटर सोन सुरक्षा बांध को डबल लेन सड़क निर्माण से मनेर, बिहटा, बिक्रम, पालीगंज और अरवल के साथ कोईलवर की ओर से छोटे वाहनों को वैकल्पिक मार्ग की सुविधा मिलेगी।

इससे बिहटा में जाम से लोगों को राहत मिल सकेगी। प्रगति यात्रा के दौरान इस परियोजना को मुख्यमंत्री से शिलान्यास कराए जाने की तैयारी है।

दीघा टू मनेर वाया दानापुर कैंट एलिवेटेड रोड

दानापुर-दीघा अशोक राजपथ पर जाम से निजात के लिए जेपी गंगा पथ का एलिवेटेड विस्तार दानापुर कैंप के आगे शाहपुर तक करने का प्रस्ताव है। शाहपुर से मनेर तक सोन सुरक्षा बांध का चौड़ीकरण उच्च पथ के रूप में विकसित किया जा सकेगा।

मनेर से परेव तक जल संसाधन विभाग की 11 किलोमीटर डबल लेन से जोड़ दिया जाएगा। प्रगति यात्रा के दौरान इस सड़क परियोजना की घोषणा की संभावना है।

इस नई सड़क परियोजना से दानापुर-मनेर बिहटा पुराना एनएच 30 का नया विकल्प बन सकेगा। मनेर से दीघा तक जल संसाधन विभाग का 15.79 किलोमीटर सुरक्षा तटबंध बना हुआ है। इसकी उपयोगिता समाप्त हो गई है। 5.5 मीटर चौड़ा और तीन मीटर ऊंचे तटबंध को चौड़ीकरण का फोरलेन सड़क का निर्माण मनेर तक कराया जा सकता है।

खगौल-दीघा व गोला रोड होगा चार लेन, नौबतपुर नहर पुरानी सड़क दो लेन की
  • प्रस्तावित फोरलेन - दीघा-खगौल नहर रोड
  • लंबाई - 8.06 किलोमीटर
  • वर्तमान सड़क की चौड़ाई - 10.00 मीटर
  • प्रस्तावित फोर लेन - 14.00 मीटर
गोला रोड
  • लंबाई - 4.02 किलोमीटर
  • वर्तमान सड़क की चौड़ाई - 7.00 मीटर
  • प्रस्तावित चौड़ाई - 12.50 मीटर
एम्स से नौबतपुर सोन नहर पुरानी रोड
  • सड़क की लंबाई - 9.80 किलोमीटर
  • वर्तमान चौड़ाई - 5.00 मीटर
  • प्रस्तावित चौड़ाई - 10.00 मीटर

पटना के हर क्षेत्र को इस बार नई सड़क परियोजनाओं की बड़ी उम्मीदें पूरी हो सकेगी। पटना सिटी, दानापुर और एम्स से लेकर नौबतपुर को नई चौड़ी सड़क की योजना मिल सकेगी। सुगम आवागमन की सुविधा के साथ नई सड़क परियोजनाओं से व्यापार, रोजगार, कृषि व डेरी को बाजार के साथ नगरीय सेवाएं बढ़ सकेगी।

महाजाम से तंग गोला रोड, दीघा-खगौल नहर रोड, एम्स-नौबतपुर नहर रोड और पटना सिटी में भद्र घाट से जेपी गंगा सेतु के समानांतर वर्तमान सड़क का चौड़ीकरण की सौगात पटना के पूरब-पश्चिम और दक्षिण की दूरी कम समय में तय कर सकेंगे।

पटना के चौहद्दी में नगरीय विकास की रफ्तार और शहरी आबादी का घनत्व की तुलना में सड़क और परिवहन सेवाओं की समानुपातिक जरूरत को पूरा कर सकेगा। प्रगति यात्रा में सामुदायिक लाभ और सामाजिक प्रभाव के बीच संतुलन बनाने वाली योजनाएं प्राथमिकता हो सकती है।

आम तौर पर सड़क और सामुदायिक विकास की परियोजनाओं में भू-अर्जन और सामाजिक प्रभाव का अध्ययन में समय अधिक लगता है। इस बार जिन सड़क परियोजनाओं को प्रगति यात्रा में शामिल होना उसके लिए रैयती जमीन की जरूरत नहीं होगी। खगौल-दीघा नहर पथ चौड़ीकरण के लिए जल संसाधन विभाग की जमीन उपलब्ध है।

इसी तरह एम्स से नौबतपुर सरमेरा रोड तक सोन नहर की सरकारी भूमि उपलब्ध है। नेहरू मार्ग से गोला रोड का चौड़ीकरण जाम से निजात दिलाएगा और इसके लिए पथ निर्माण विभाग की जमीन है। हालांकि जगह-जगह पर कुछ जमीन कम पड़ने से चौड़ाई में एकरूपता के लिए पुराने नाले तो तोड़कर निर्माण करना होगा।

सगुना-रूपसपुर नाला व गोला रोड चौड़ीकरण कार्यदानाप़ुर में 12 मीटर चौड़ी होगी नेहरू मार्ग, नाला पाटकर बनेगी सड़क
  • सगुना मोड़ से रूपसपुर नहर तक औसत 10 मीटर पर 59 संपर्क पथों से वाहनों का भारी दबाव
  • 22 मीटर चौड़े छह लेन का प्रधान मुख्य सड़क, पांच मीटर के दोनों और सर्विस लेन अतिक्रमण से तंग
  • दोनो ओर ढाई फीट गहरा 8 मीटर से अधिक चौड़ा नाला पाटने से 6-6 मीटर चौड़ी हो सकती सर्विस लेन
  • सर्विस लेन के दोनों ओर दो-दो मीटर का पेवर्स ब्लाक का फ्लैंक पर अवैध कब्जा, बिजली खंभे व साइनेज गतिरोधक

दानापुर में नेहरू मार्ग (बेली रोड) पटना शहरी क्षेत्र में अब तक का सबसे चौड़ी सड़क रहते हुए आम लोगों के लिए सबसे महंगी सफर साबित हो रही है। सगुना मोड़ से मोड़ से रूपसपुर नहर तक 22 मीटर की छह लेन प्रधान सड़क और 5-5 मीटर की सर्विस लेन होते भी कीमती समय और वाहनों का ईंधन जाम में बर्बाद होता है। अब जाम से निजात के लिए सड़क के दोनों ओर औसत आठ मीटर चौड़ा और ढाई मीटर गहरा नाला को पाटकर 6-6 मीटर सर्विस लेन की चौड़ाई बढ़ाई जाएगी।

सगुना मोड़ से रूपसपुर नहर आरओबी तक औसत 10 मीटर पर 49 छोटे-बड़े मोहल्ले का संपर्क पथ सर्विस लेन से सीधे जुड़ते हैं। सर्विस लेन से 27 जगहों पर प्रधान सड़क से वाहनों का संपर्क पथ है। 22 मीटर में छह लेन प्रधान मुख्य सड़क के दोनों ओर 5-5 मीटर का सर्विस लेन और उकसे किनारे दो-दो मीटर का पेवर्स ब्लाक का फ्लैंक है लेकिन अतिक्रमण के कारण वजूद समाप्त हो गया है। प्रधान सड़क के किनारे औसत डेढ़ मीटर का फुटपाथ है जिस पर दुकादारी है।

नया लुक और चौड़ी सड़क की योजना

जाम से छुटकारा के लिए प्रधान सड़क और सर्विस लेन के बीच में दोनों ओर औसत आठ मीटर चौड़ा और ढाई मीटर गहरा नाला को पाटने की योजना बनी है। नाले को पाटकर वर्तमान सर्विस लेन की चौड़ाई पांच मीटर से बढ़ाकर 11 मीटर किया जा सकेगा। इसके लिए सिर्फ पथ निर्माण विभाग की जमीन पर अतिक्रमण हटाने की जरूरत होगी।

पटना को मिली करोड़ों की योजनाएं
  • जेपी गंगा पथ को पश्चिम की ओर कोइलवर के वीर कुंवर सिंह सेतु तक व पूरब मोकामा के राजेंद्र सेतु तक पुराने राष्ट्रीय उच्च पथ 31 का चौड़ीकरण किया जाएगा।
  • जेपी गंगा पथ के दक्षिण दीघा से सभ्यता द्वार के बीच वाले स्थान में पार्क एवं नागरिक सुविधाओं का होगा समेकित विकास।
  • सभ्यता द्वार को पूरब की ओर से पक्के गंगा घाट तथा पश्चिम की ओर एकता भवन से जोड़ा जाएगा। पटना हाट एवं पार्किंग का निर्माण होगा।
  • नेहरू पथ के दोनों तरफ रूपसपुर नहर से सगुना मोड़ तक भूमिगत नाले के साथ पथ का निर्माण एवं चौड़ीकरण किया जाएगा।
  • खगौल नेहरू पथ-अशोक राजपथ तक रूपसपुर नहर पथ का चौड़ीकरण एवं निर्माण।
  • दानापुर में नेहरू पथ से गोला रोड का चौड़ीकरण किया जाएगा।
  • पटेल गोलंबर से अटल पथ तक सरपेंटाइन नाले पर भूमिगत नाले एवं फोरलेन सड़क का निर्माण होगा।
  • राजीव नगर व आनंदपुरी नाले का पक्कीकरण एवं इसके ऊपर सड़क का निर्माण होगा।
  • गायघाट-कंगन घाट-दीदारगंज तक पुराने गंगा पथ का चौड़ीकरण किया जाएगा।
  • गायघाट में जेपी गंगा पथ से डाउन रैंप का निर्माण होगा।
  • पटना सिटी के मंगल तालाब का जीर्णोद्धार एवं पर्यटकीय सुविधाओं का विकास किया जाएगा।
  • कंगनघाट पर पटना साहिब गुरुद्वारा के निकट मल्टीलेवल पार्किंग का निर्माण कराया जाएगा।
  • नेहरू पथ को दोनो तरफ पाटलि पथ से जोड़ा जाएगा।
  • मंदिरी नाला पर निर्माणाधीन फोरलेन सड़क को जेपी गंगा पथ से जोड़ा जाएगा।
  • एम्स गोलंबर-जानीपुर-पइनापुर-नेवा पथ का चौड़ीकरण कराया जाएगा साथ ही नौबतपुर लख के पास नए पुल का निर्माण होगा।
  • परसा-संपतचक सड़क का होगा चौड़ीकरण।
  • दीदारगंज से गौरीचक होते हुए पुनपुन तक तटबंध पथ के चौड़ीकरण का अनुरोध भारत सरकार से किया जाएगा।
  • पुनपुन प्रखंड के रसूलपुर में मोरहर नदी पर पुल का होगा निर्माण।
  • पुनपुन स्टेशन से अकौना होते हुए पटना रिंग रोड (बिहटा-सरमेरा पथ) को जोड़ने वाले मिसिंग लिंक पथ का निर्माण होगा।
  • सादिकपुर-पभेड़ा-मसौढ़ी पथ के सोहगी मोड़ को पटना-गया रोड के कंडाप को टू लेन सड़क से जोड़ा जाएगा।
  • बख्तियारपुर में हिदायतपुर एवं मंझौली के बीच धोबा नदी पर होगा पुल निर्माण।
  • बाढ़ के उमा नाथ मंदिर परिसर का सुंदरीकरण व नागरिक सुविधाओं का होगा विकास ।
  • उमानाथ मंदिर परिसर के समीप श्मशान घाट का विकास और विद्युत शवदाह गृह का निर्माण होगा।
  • पालीगंज के उलार सूर्यमंदिर में पर्यटक सुविधाएं बढ़ेंगी।
  • पालीगंज में पुनपुन नदी पर समदा गांव एवं गुलरिया बिगहा के बीच पुल का निर्माण होगा।
  • दानापुर कैंट-मनेर-बिहटा पथ का फोरलेन चौड़ीकरण किया जाएगा।
  • 13 प्रखंडों नौबतपुर, पालीगंज, बाढ़, बिहटा, मसौढ़ी, मोकामा, विक्रम, धनरूआ, पंडारक, फतुहा, घोसवरी, पुनपुन एवं मनेर में नए प्रखंड-सह-अंचल कार्यालय भवन का निर्माण होगा।

प्रगति यात्रा के अंतिम दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना जिला में 1404.84 करोड़ की योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास बीते 21 फरवरी को किया। कैबिनेट की मंजूरी के बाद कार्य आरंभ के लिए टेंडर भी प्रकाशित कर दिया गया।

उमानाथ मंदिर और आसपास का दृश्य मनोरम:

बाढ़ के बाबा उमानाथ मंदिर परिसर में धर्मशाला, विवाह मंडप, गंगा तट पर सिढ़ीघाट, रिवर फ्रंट डेवलपमेंट तथा सती घाट पर विद्युत शवदाह गृह निर्माण के लिए उन्होंने स्थल निरीक्षण किया। कहा कि उमानाथ मंदिर परिसर एवं आसपास का दृश्य काफी मनोरम है।

यहां नागरिक सुविधाओं का विस्तार हो जाने से लोगों को काफी सहूलियत होगी। इस काम को यथाशीघ्र शुरू कराएं। मुख्यमंत्री ने मंदिर में पूजा अर्चना भी की और राज्य की सुख-शांति एवं समृद्धि की कामना की। दनियावां प्रखंड के तोप गांव में तालाब, सीढ़ीघाट, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, उच्च माध्यमिक विद्यालय में खेल मैदान का उद्घाटन किया।

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जब बापू को देख कांप उठी थी अंग्रेजी हुकूमत, 108 साल पहले 10 अप्रैल को पड़ी थी चंपारण सत्याग्रह की नींव

Dainik Jagran - April 11, 2025 - 3:30pm

डिजिटल डेस्क, पटना। 10 अप्रैल, 1917 को चंपारण सत्याग्रह की शुरुआत हुई, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ। इस आंदोलन ने महात्मा गांधी को देश के सामने लाया और उन्हें 'महात्मा' और 'राष्ट्रपिता' की उपाधि दिलाई। चंपारण सत्याग्रह को आज 108 साल पूरे हो चुके हैं। 

आइए, जानते हैं कि चंपारण सत्याग्रह किस तरह आजादी की लड़ाई में नींव का पत्थर साबित हुआ...

चंपारण की स्थिति

पहले विश्व युद्ध के दौरान, चंपारण के किसान नील की खेती के कारण परेशान थे। अंग्रेजी हुकूमत ने 'तीन कठिया' कानून लागू किया था, जिसके तहत किसानों को अपनी जमीन के तीन कट्ठा हिस्से में नील की खेती करनी पड़ती थी। इससे किसानों की जमीन बंजर हो गई और उन्हें अपनी आजीविका के लिए संघर्ष करना पड़ा।

गांधी का आगमन

किसानों की परेशानी को दूर करने के लिए राजकुमार शुक्ल ने महात्मा गांधी से संपर्क किया। गांधी ने चंपारण का दौरा किया और किसानों की समस्याओं को समझा। उन्होंने देखा कि किसानों को नील की खेती के लिए मजबूर किया जा रहा है और उन्हें उनके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है।

सत्याग्रह की शुरुआत

गांधी ने चंपारण में सत्याग्रह की शुरुआत की और किसानों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी। उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ आवाज उठाई और किसानों के समर्थन में खड़े हुए। गांधी के नेतृत्व में, किसानों ने नील की खेती के खिलाफ विरोध किया और अपने अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी।

चंपारण सत्याग्रह की जीत

चंपारण सत्याग्रह की पहली जीत तब हुई जब अंग्रेजी हुकूमत ने गांधी के आगे झुकते हुए मुकदमा वापस ले लिया और जांच में सहयोग करने का आदेश दिया। इसके बाद, प्रांतीय सरकार ने भी किसानों पर अत्याचार के खिलाफ जांच के लिए एक समिति बना दी। गांधी जी को समिति में जगह मिली और उन्होंने किसानों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी।

चंपारण सत्याग्रह का महत्व

चंपारण सत्याग्रह ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक नए युग की शुरुआत की। इस आंदोलन ने महात्मा गांधी को देश के सामने लाया और उन्हें 'महात्मा' और 'राष्ट्रपिता' की उपाधि दिलाई।

चंपारण सत्याग्रह ने दिखाया कि अहिंसक तरीके से भी अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ लड़ाई लड़ी जा सकती है और किसानों के अधिकारों की रक्षा की जा सकती है।

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