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Missed it? Venus, Saturn, and Moon formed a rare ‘smiley face’ in the sky today - Hindustan Times
- Missed it? Venus, Saturn, and Moon formed a rare ‘smiley face’ in the sky today Hindustan Times
- 'Smiley face' conjunction: How to see the moon and two planets form a celestial smirk on April 25 Live Science
- Smiley face visible in the sky, April 2025 BBC Sky at Night Magazine
- Hyderabad: Don’t miss the rare alignment of Venus, Saturn, and Moon in the skies Telangana Today
- The Truth About The ‘Celestial Smiley Face’ In The Sky On Friday Forbes
Fact Check: पाकिस्तान की 'नापाक साजिश' बेनकाब, भारतीय सेना का सिपाही नहीं है वायरल वीडियो में दिख रहा व्यक्ति
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को एक बड़ा आतंकी हमल हुआ, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई। इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर तमाम तरह के वीडिया सामने आए। इसी कड़ी में एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें सेना के यूनिफॉर्म पहने एक व्यक्ति को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि पहलगाम हमला, कोई आतंकी हमला नहीं था, बल्कि यह 'पूर्व नियोजित' था।
इस वायरल वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि वीडियो में दिख रहा शख्स कोई और नहीं बल्कि भारतीय सेना का सिपाही अशोक कुमार है। हालांकि, विश्वास न्यूज ने जब इस वीडियो की पड़ताल की तो यह दावा फेक पाया गया।
फेक निकला वीडियो
फैक्ट चेक में यह पाया गया कि वायरल वीडियो में दिख रहा व्यक्ति भारतीय सेना का सिपाही नहीं है, बल्कि पाकिस्तान की तरफ से फैलाए जा रहे फेक खबरों का एक प्रोपेगेंडा का हिस्सा है। एक्स हैंडल @war_Analysts से इस वीडियो को शेयर किया गया था। अब ये एक्स हैंडल डिलीट किया जा चुका है। सेना ने भी इस वीडियो को फेक बताते हुए कहा कि वीडियो में दिख रहे व्यक्ति का भारतीय सेना से कोई संबंध नहीं है।
यह पहला मामला नहीं है जब इस तरह की फेक न्यूज भारतीय सेना के नाम से फैलाई गई है। इससे पहले भारतीय सेना के एक अधिकारी के नाम से ऐसा ही वीडियो वायरल किया गया था, जिसमें यह दावा किया गया था कि भारतीय सेना के 25 जवानों की मौत के बाद आहत होकर कर्नल विजय आचार्य नाम के अधिकारी ने अपना इस्तीफा दे दिया था।
‼️भारतीय सेना के सिपाही अशोक कुमार ने वह बात कही जो मीडिया नहीं कहेगा: पहलगाम वैसा नहीं है जैसा दिखाया गया है। *खुफिया तंत्र विफल रहा। सवालों को नज़रअंदाज़ किया गया। क्या जनता के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है?
हमें तो पहले ही शक था यह हमला बीजेपी का काम है ये आर्मी के जवान का इशारा? pic.twitter.com/6y0vfq0jTT
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस वीडियो को भी फेक पाया था और इसे पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा बताया था। इस वीडियो में रिटायर्ड अधिकारी की तस्वीर का इस्तेमाल कर प्रॉक्सी अकाउंट से फेक दावा किया गया था।
अशोक कुमार के नाम से वायरल वीडिया में क्या है?
सोशल मीडिया यूजर 'the haq_words' (अकरम पटेल) ने इस वीडियो को शेयर किया है, जिसके कैप्शन में लिखा है, "भारतीय सेना के सिपाही अशोक कुमार ने वह बात कही है जो मीडिया नहीं कहेगा। पहलगाम वैसा नहीं है जैसा दिखाया गया है। खुफिया तंत्र विफल रहा और सवालों को नजरअंदाज किया गया। क्या जनता के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है? हमें तो पहले ही शक था यह हमला बीजेपी का काम है।"
सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर कई अन्य यूजर्स ने भी इस वीडियो को इसी दावे के साथ शेयर किया है। हालांकि, पड़ताल के बाद इस वीडियो की सच्चाई सामने आ गई।
पड़ताल
विश्वास न्यूज ने अपने फैक्ट चेक में बताया कि सर्च में ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली है, जिसमें इस बात का जिक्र हो कि वायरल वीडियो में नजर आ रहा व्यक्ति भारतीय सेना का अधिकारी है। आधिकारिक स्रोत और न्यूज रिपोर्ट्स भी इस बात की पुष्टि करती है कि पहलगाम में हुआ हमला 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' ने किया था, जो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा एक आतंकी मॉड्यूल है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी 2023 में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस संगठन को आतंकी संगठन घोषित कर दिया था। वायरल वीडियो में नजर आ रहे व्यक्ति ने सेना का पुराना यूनिफॉर्म पहन रखा है, जबकि भारतीय सेना का यूनिफॉर्म बदल चुका है, जिसे 2022 के आर्मी डे परेड के मौके पर लॉन्च किया गया था।
The new combat uniform of the Indian Army was unveiled at the 'Army Day' parade, today. pic.twitter.com/2d1u8FwV9v
— ANI (@ANI) January 15, 2022पड़ताल में ये बातें आई सामने
वायरल वीडियो के पड़ताल के दौरान ये पता चला कि वीडिय में कई कट लगे हुए हैं, जो इसके एडिटेड होने की पुष्टि करता है। वीडियो में किए गए दावे को लेकर विश्वास न्यूज ने भारतीय सेना से भी संपर्क किया और सेना के प्रवक्ता ने इस वीडियो क फेक बताया और कहा कि वीडियो में दिख रहा व्यक्ति भारतीय सेना से जुड़ा हुआ नहीं है।
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पहलगाम हमले पर विवादित पोस्ट करना असम के छात्र को पड़ा भारी, पुलिस ने किया गिरफ्तार
सिलचर, पीटीआई। पहलगाम हमले के बाद सिलचर पुलिस ने असम विश्वविद्यालय के एक छात्र को हिरासत में लिया है। आरोपी छात्र पर आरोप है कि उसने सोशल मीडिया पर पहलगाम हमले से जुड़े भड़काऊ और सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने वाले पोस्ट शेयर किए हैं।
असम पुलिस ने गुरुवार को इसकी जानकारी देते हुए कहा कि आरोपी छात्र अभी पुलिस की हिरासत में है। उसे जल्द ही अदालत में पेश किया जाएगा। पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है।
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ABVP ने दर्ज करवाई शिकायतदरअसल असम विश्वविद्यालय की विंग अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने पुलिस में शिकायत दर्ज की थी। इस शिकायत के अनुसार, असम विश्वविद्यालय में राजनीतिक शास्त्र की शिक्षा प्राप्त करने वाले एक छात्र ने फेसबुक पर पोस्ट शेयर किया था। इस पोस्ट में उसने पहलगाम हमले की आलोचना करने के लिए ABVP समेत कई लोगों का विरोध किया था और उनके लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था।
आरोपी छात्र ने मांगी माफीबता दें कि मंगलवार को जम्मू कश्मीर स्थित पहलगाम की बैसरन घाटी में आतकियों ने 26 पर्यटकों को मौत के घाट उतार दिया। हालांकि, आरोपी छात्र के खिलाफ मामला बढ़ने के बाद उसने अपनी फेसबुक पोस्ट डिलीट कर दी। वहीं, एक दूसरा वीडियो शेयर करते हुए उसने माफी भी मांगी है। उसका कहना है कि वो किसी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाना चाहता था।
असम सीएम का सख्त आदेशइससे पहले असम पुलिस ने पहलगाम हमले पर पाकिस्तान का बचाव करने वाले विपक्षी विधायक अमिनुल इस्लाम को भी देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने इस पर बात करते हुए कहा कि पाकिस्तान को समर्थन देने वाला कोई भी शख्स बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने पुलिस को भी इसके खिलाफ सख्त कदम उठाने के आदेश दिए हैं।
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'माथे से बिंदी तक हटाई, अल्लाह हू अकबर बोला, फिर भी आतंकियों ने पति को नहीं छोड़ा..', पहलगाम अटैक पर महिला का दर्द
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 'हमने तुरंत अपने माथे से 'टिकली' (बिंदी) हटा दी और 'अल्लाहु अकबर' का नारा लगाना शुरू कर दिया, उम्मीद थी कि हम बच जाएंगे। लेकिन, उन्होंने फिर भी मेरे पति, उनके दोस्त और पास में बैठे एक अन्य व्यक्ति को मार डाला।' ये बात पहलगाम अटैक पर महिला ने अपने पति की मौत के बाद कही है। एनसीपी (एससीपी) के दिग्गज नेताशरद पवार से बात करते हुए शोकाकुल संगीता गुनबोटे ने कहा।
संगीता के पति कौस्तुभ गुनबोटे (58) और उनके बचपन के दोस्त संतोष जगदाले (50) के पार्थिव शरीर को गुरुवार सुबह पुणे के वैकुंठ श्मशान घाट पर अग्नि में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। दोनों दोस्तों के अंतिम संस्कार के लिए हजारों लोग इकट्ठा हुए, जिन्हें पहलगाम में उनके परिवार के सामने आतंकवादियों ने गोली मार दी थी, जब वे मारे गए, तो गम और गुस्से की चीखें गूंज उठीं।
लोगों से लगाई मदद की गुहारअंतिम यात्रा के दौरान, संगीता ने उस डरावने पल के एक-एक क्षण के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि जैसे ही उनके पति और दोस्त को गोली लगी, हम तुरंत बाजार की तरफ भागे। जगदाले की पत्नी और बेटी के साथ घायलों की मदद के लिए घोड़े पर सवार होकर पहलगाम के मेन बाजार में पहुंचे। हमने मदद के लिए गुहार लगाई और स्थानीय लोगों से जिम्मेदार अधिकारियों से हमले की जानकारी देने के लिए गुहार लगाई।
स्थानीय लोगों ने की मददसंगीता ने आगे बताया, ‘घाटी तक पहुंचने के लिए हमने एक स्थानीय घुड़सवार को काम पर रखा था। उन्होंने ही हमें बाजार तक पहुंचने में मदद की। एक दूसरे स्थानीय कैब ड्राइवर ने उन्हें अधिकारियों से संपर्क करने में मदद की। तब तक सेना और पुलिस मौके पर पहुंच चुकी थी। सेना के हेलिकॉप्टर से घायलों से अस्पताल पहुंचाना शुरू कर दिया था।
आतंकवाद के खिलाफ एकजुटसंगीता से मिलने शरद पवार के अलावा चंद्रकांत पाटिल और पूर्व सीएम पृथ्वीराज चव्हाण भी पहुंचे थे। वहीं, केंद्रीय मंत्री मुरलीधर मोहोल और राज्य मंत्री माधुरी मिसाल अंतिम संस्कार में शामिल हुए। इससे पहले जगदाले और गुनबो के शवों फ्लाइट से सुबह करीब 4 बजे पुणे पहुंचा। कुछ दोस्त, कुछ जानकार और सगे संबंधियों के अलावा पूरा शहर शोक संतप्त के घर पहुंच रहे थे। उन्होंने आतंकवाद के एकजुटता दिखाई।
'पाकिस्तानियों को खोजो और वापस भेजो', पहलगाम हमले के बाद एक्शन में अमित शाह; सभी CM को दिया निर्देश
पीटीआई, नई दिल्ली। पहलगाम में आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार एक्शन मोड में है। पहले पीएम मोदी ने आपात बैठक कर पाकिस्तानी नागरिकों का वीजा कैंसिल करने का फैसला किया।
कोई पाक नागरिक भारत में न रहेअब गृह मंत्री अमित शाह ने सभी मुख्यमंत्रियों से बात करके उन्हें कहा कि वे यह सुनिश्चित करें कि देश छोड़ने की समय सीमा समाप्त होने के बाद कोई भी पाकिस्तानी भारत में न रहे।
दरअसल, शाह ने आज सभी मुख्यमंत्रियों से बात करके उन्हें कहा कि वो अपने-अपने राज्य में खोज-खोजकर सभी पाकिस्तानी नागरिकों को भारत से वापस पाक भेजने का काम करें। गृहमंत्री ने अधिकारियों के साथ हुई लंबी बैठक के बाद ये निर्देश जारी किया।
लगातार एक्शन ले रही मोदी सरकारबता दें कि पहलगाम में आतंकी हमले के बाद से केंद्र की मोदी सरकार लगातार एक्शन मोद में हैं। हमले के बाद भारत ने सबसे पहले कड़ा कदम उठाते हुए सिंधु जल समझौते को स्थगित कर दिया। भारत ने औपचारिक पत्र लिखकर समझौता रद करने की जानकारी पाक को दी।
सिंधु समझौता पाक को बड़ी चोटभारत सरकार द्वारा सिंधु समझौता स्थगित करना एक बड़ा कदम है। दरअसल, पाक के 21 करोड़ लोग इसी के पानी पर निर्भर है। सभी लोगों के लिए ये लाइफ लाइन मानी जाती है।
शीघ्र पाकिस्तान वापसी सुनिश्चित करने को कहापाकिस्तान के सभी तरह के वीजा तत्काल प्रभाव से रद्द करने का फैसला लिया गया है। शाह ने मुख्यमंत्रियों से लोगों की शीघ्र पाकिस्तान वापसी सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने को भी कहा है। इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अपने आवास पर सिंधु जल संधि को लेकर बैठक भी करेंगे।
इस बैठक में गृह मंत्री और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल के अलावा अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारी शामिल होंगे। सूत्रों ने एएनआई को बताया कि कि भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित करने के बारे में पाकिस्तान को औपचारिक रूप से लिखित रूप से सूचित कर दिया है
जल शक्ति मंत्रालय की सचिव देवश्री मुखर्जी ने पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय के सचिव सैयद अली मुर्तजा को एक पत्र के जरिए भारत सरकार के इस फैसले की जानकारी दी है।
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'हमला याद दिलाता है कि आंतकवाद...', पहलगाम अटैक पर उपराष्ट्रपति धनखड़ ने क्या कहा?
पीटीआई, तमिलनाडु। पहलगाम हमले में मारे गए 26 नागरिकों की मौत के बाद से पूरे देश में आक्रोश का माहौल है। हमले को लेकर नेताओं की प्रतिक्रिया जारी है। अब भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का पहलगाम हमले पर बयान सामने आया है।
भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमला एक भयानक याद दिलाता है कि आतंकवाद एक वैश्विक खतरा है, जिसका समाधान मानवता को एकजुट होकर करना होगा। उन्होंने लोगों से राजनीतिक, व्यक्तिगत और अन्य हितों से ऊपर उठकर राष्ट्रीय हित को प्राथमिकता देने की अपील की।
'भारत दुनिया का सबसे शांतिप्रिय देश'जगदीप धनखड़ ने आगे कहा,
'भारत दुनिया का सबसे शांतिप्रिय देश है और 'वसुधैव कुटुंबकम' (दुनिया को एक परिवार के रूप में देखने का सिद्धांत) में परिलक्षित इसकी सभ्यता की भावना वैश्विक स्तर पर गूंज रही है।
पहलगाम हमले पर जताया दुखउपराष्ट्रपति ने राजभवन, उदगमंडलम में तमिलनाडु के राज्य, केंद्रीय और निजी विश्वविद्यालयों के दो दिवसीय कुलपतियों के सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में बोलते हुए कहा, 'हमने इस सम्मेलन की शुरुआत में मौन रखा। मैं पहलगाम में हुए जघन्य हमले पर गहरा दुख और आक्रोश व्यक्त करने में राष्ट्र के साथ हूं, जिसमें निर्दोष लोगों की जान चली गई।'
तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि और कुलपतियों ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों की स्मृति में एक मिनट का मौन धारण करने में उपराष्ट्रपति के साथ भाग लिया।
'अंतरिम आदेश के खिलाफ...', वक्फ अधिनियम पर सुप्रीम कोर्ट में क्या बोली केंद्र सरकार?
नई दिल्ली, पीटीआई। वक्फ अधिनियम के तहत वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिमों की एंट्री पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी। वहीं, अब कोर्ट के अंतरिम आदेश पर केंद्र सरकार ने चुप्पी तोड़ी है। मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश का सख्त विरोध किया है।
सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए केंद्र सरकार ने कहा कि अदालत को वैधानिक प्रावधानों पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोक लगाने का कोई अधिकार नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट का अंतरिम आदेशदरअसल सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ में गैर मुस्लिमों की एंट्री पर रोक लगाने का अंतरिम आदेश जारी किया था। कोर्ट के अनुसार, केंद्र के जवाब देने तक वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों की एंट्री नहीं होगी। आज इसी मामले पर कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान केंद्र सरकार ने साफ शब्दों में कहा कि यह एक वैधानिक मामला है, जिसमें कोर्ट को रोक लगाने का अधिकार नहीं है।
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केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में कहा-
संसद द्वारा बनाए गए कानूनों पर संवैधानिकता की धारणा लागू होती है। ऐसे में अंतरिम रोक शक्ति संतुलन के सिद्धांतों के खिलाफ है। यह कानून संयुक्त संसदीय समिति की सिफारिशों पर बनाया गया है, जिसके बाद दोनों सदनों में कई घंटों की बहस हुई और फिर इस कानून को पास किया गया था।
केंद्र सरकार ने दिया जवाबकेंद्र सरकार के अनुसार, निस्संदेह सर्वोच्च न्यायालय के पास संवैधानिकता की जांच करने का अधिकार है। हालांकि, अतंरिम चरण में किसी भी प्रावधान पर रोक लगाना सही नहीं है। केंद्र सरकार का कहना है कि वक्फ अधिनियम को लेकर कोर्ट में जो भी याचिकाएं दायर हैं, उनमें किसी भी व्यक्तिगत मामले में अन्याय की शिकायत नहीं की गई है। इसलिए अंतरिम आदेश के जरिए कोई भी सरंक्षण नहीं दिया जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट में दायर हैं 5 याचिकाएंबता दें कि सर्वोच्च न्यायालय में वक्फ अधिनियम को चुनौती देने के लिए पांच याचिकाएं दायर की गईं थीं। इनमें गैर मुस्लिम सदस्यों की वक्फ में परिषद में एंट्री और केवल मुसलमानों द्वारा ही वक्फ को दान किए जाने के प्रावधानों को चुनौती मिली थी। याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि यह मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।
गंभीराया था विवादसुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों इन्हीं याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान केंद्र से जवाब मांगा था। ऐसे में सत्तापक्ष के कई नेताओं ने सु्प्रीम कोर्ट पर कार्यपालिका के कामकाज में दखल देने का आरोप लगाया था। इसके बाद पश्चिम बंगाल हिंसा मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कटाक्ष करते हुए कहा था कि हम पहले ही आरोप लग रहे हैं।
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