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Bluesmart Cab: ब्लूस्मार्ट इलेक्ट्रिक कैब सर्विस बंद, क्या बेरोजगार होंगे हजारों लोग? कंपनी ने क्यों लिया ये फैसला

Dainik Jagran - National - April 17, 2025 - 7:23pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली।  इलेक्ट्रिक कैब सेवाएं मुहैया कराने वाली कंपनी ब्लूस्मार्ट की सर्विस पर रोक लगा दी गई  है। दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, बेंगलुरु सहित कई शहरों में अब लोग इस कैब सर्विस का यूज नहीं कर सकते।   लॉन फ्रॉड मामले में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) की कार्रवाई के बाद कंपनी ने अपनी सर्विस को बंद करने का फैसला किया है।

हजारों लोगों की आजीविका पर पड़ेगा असर

ब्लूस्मार्ट ने बुधवार शाम को बुकिंग लेनी बंद कर दी थी और बृहस्पतिवार को भी बुकिंग बंद रही। कंपनी के इस फैसले से हजारों ड्राइवर्स की आजीविका पर खतरा मंडरा रहा है। वहीं, सर्विस बंद होने की वजह से ग्राहकों को परेशानी भी हो रही है। सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने अपनी परेशानी साझा की है।

कंपनी ने बिना कोई कारण बताए ग्राहकों को भेजे ईमेल में कहा, "हमने ब्लूस्मार्ट ऐप पर बुकिंग अस्थायी रूप से बंद करने का निर्णय लिया है।"

बता दें कि इस हफ्ते की शुरुआत में सेबी ने दो भाइयों अनमोल और पुनीत जग्गी को शेयर बाजार से प्रतिबंधित करके उनकी सूचीबद्ध अक्षय ऊर्जा कंपनी जेनसोल की फोरेंसिक जांच का आदेश दिया था।

यूजर्स ने सर्विस बंद होने पर जताई चिंता

ब्लूस्मार्ट सर्विस बंद होने के बाद एक यूजर ने कमेंट करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा,"मुझे ब्लूस्मार्ट बहुत पसंद आया। वॉलेट में मौजूद पैसे से अधिक, मुझे वाहन चालकों की चिंता है, जो इस मामले के निपटने तक बेरोजगार रहेंगे।"

एक अन्य यूजर ने लिखा, "ब्लूस्मार्ट की सर्विस बंद होने से बहुत दुख हो रहा है। यह एकमात्र कैब सेवा थी जो वास्तव में सुरक्षित महसूस होती थी।साफ कारें, सम्मानजनक ड्राइवर। आधी रात में भी इस कैब का सर्विस का इस्तेमाल किया जा सकता था। 

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Stray Puppies Killed: दीवार, फर्श और पत्थरों पर पटक पटक कर ले ली जान...सनकी शख्स ने बेजुबान मासूमों को उतारा मौत के घाट

Dainik Jagran - National - April 17, 2025 - 7:14pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हैदराबाद में एक रिहायशी अपार्टमेंट में पशु क्रूरता का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। दरअसल एक शख्स ने अपार्टमेंट के बेसमेंट पार्किंग क्षेत्र में दीवार और फर्श पर पटक-पटक कर और पत्थरों से मार कर डॉग के पांच नवजात बच्चों को मार डाला।

चौंकाने वाली बात यह है कि आशीष एक पालतू पशु पालक है और उसने डॉग के बच्चों को तब मारा जब वह अपने डॉग के साथ सैर पर निकला था। निवासियों की शिकायत पर पुलिस मामला दर्ज किया गया है। इंडिस वीबी आवासीय अपार्टमेंट के पार्किंग क्षेत्र से परेशान करने वाली फुटेज में आशीष को अपने डॉग के साथ घूमते हुए दिखाया गया है। डॉग एक नवजात डॉग के बच्चे के पास जाता है।

डॉग के बच्चे को फर्श पर पटका

आशीष फिर उस छोटे से डॉग के बच्चे को उठाता है और उसे फर्श पर पटक देता है। फिर वह अपने घुटनों के बल बैठ जाता है, मानो यह जांच रहा हो कि डॉग का बच्चा ज़िंदा है या नहीं। फिर आशीष डॉग के बच्चे को अपने पैरों के नीचे कुचल देता है।

पांचों डॉग के बच्चे पार्किंग में मृत पाए गए और उन पर गंभीर चोटों के निशान थे। जब आशीष से पूछताछ की गई तो उसने शुरू में कहा कि वह डॉग के बच्चे को "नियंत्रित" करने और उन्हें अपने डॉग के पास आने से रोकने की कोशिश कर रहा था। हालांकि, सीसीटीवी फुटेज में कुछ और ही दिखा। जब पड़ोसियों ने उससे पूछा कि पांच दिन के डॉग के बच्चे क्या नुकसान पहुंचा सकते हैं, तो उसके पास कोई जवाब नहीं था।

डॉग से परेशान आशीष, बताई अटपटी वजह

बाद में, एक वीडियो में आशीष यह स्वीकार करते हुए दिखाई देते हैं कि उन्होंने डॉग के बच्चों को मार डाला। यह पूछे जाने पर क्या उन्होंने डॉग के बच्चे को नुकसान पहुंचाया है, उन्होंने इसका जवाब ना में दिया। जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें आवारा कुत्तों से कोई परेशानी है, तो उन्होंने कहा, "कभी-कभी, वे भौंकते हैं और हमला करते हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि वे एक पालतू पशु पालक हैं और उनके पास एक डॉग है।

एक वीडियो में, जहां उसके पड़ोसी उससे भिड़ते हुए दिखाई देते हैं, आशीष रोने लगता है। उसकी पत्नी मामले को शांत करने की कोशिश करती हुई दिखाई देती है। एक पड़ोसी को यह कहते हुए सुना जाता है कि "उससे पूछो कि उसने क्या किया है; उसने डॉग के बच्चे को मार दिया है।" उसे वह वीडियो भी दिखाया जाता है जिसमें वह एक डॉग के बच्चे को मारता है। एक पड़ोसी कहता है, "तुम समाज के लिए खतरा हो।"

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'मंदी से प्रभावित होगा आईटी सेक्टर', अमेरिका के टैरिफ के बाद बोले HDFC सिक्युरिटीज के एमडी

Dainik Jagran - National - April 17, 2025 - 6:26pm

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ युद्ध रोज एक नया रूप ले रहा है। इससे दुनियाभर के प्रमुख शेयर बाजारों में जबरदस्त दहशत का माहौल है। भारत के शेयर बाजार पर भी इसका असर है। इस साल अपनी स्थापना की 25वीं वर्षगांठ मना रही देश की प्रमुख शेयर ब्रोकिंग कंपनी एचडीएफसी सिक्युरिटीज के एमडी और सीईओ धीरज रेली का कहना है कि वैश्विक अनिश्चतता का सबसे कम असर भारत पर होगा।

आईटी, फार्मा व कुछ निर्यात संबंधी उद्योग सेक्टरों के अलावा अन्य सेक्टर की कंपनियों की स्थिति बेहतर रहेगी। वह यहां तक मानते हैं कि वर्ष 2025-26 में निवेशकों को बेहतरीन शेयरों में निवेश का बढि़या मौका मिलेगा। हालांकि वह निवेशकों को यह भी सलाह देते हैं कि उन्हें सही तरीके से शोध करके बाजार में प्रवेश करना चाहिए।

टैरिफ का शेयर बाजार पर पड़ेगा असर?

दैनिक जागरण के साथ एक विशेष बातचीत में रेली ने कहा कि 'हमारे पास एक स्थिर सरकार है, जीडीपी की वृद्धि दर लगातार अच्छी बनी हुई है, प्रत्यक्ष कर संग्रह की वृद्धि भी उत्साहजनक है। भारत की जनसंख्या अभी जिस स्तर पर है, उसका भी पूरा लाभ मिलेगा। हमारे पास विकास की ऊंचाई छूने के लिए लंबी रेनवे है। यह भी याद रखिए कि भारत की इकोनमी अमूमन घरेलू मांग पर निर्भर है यानी वैश्विक स्तर पर जो उथल-पुथल अभी हम देख रहे हैं, उसका भारत पर कम असर होगा।'

यह पूछे जाने पर कि टैरिफ वार के आगे बढ़ने के साथ भारतीय शेयर बाजार में किस तरह का बदलाव देख सकते हैं। इस पर उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 से वर्ष 2024 के दौरान भारतीय कंपनियों के राजस्व में औसतन 22 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, पिछले साल ग्रोथ कम हुई है। अभी की स्थिति में कुछ कम बाजार पूंजीकरण वाली कंपनियों के शेयर भाव अभी भी ज्यादा प्रतीत होते हैं लेकिन अधिकांश बड़ी पूंजीकरण वाली कंपनियां के शेयर भाव सही हैं।

कहा कि सेक्टरवार देखे तो सीमेंट, रियल एस्टेट, घरेलू उपकरण बनाने वाली कंपनियां ठीक कर रही हैं, लेकिन फार्मा, सूचना प्रौद्योगिक या इस तरह से निर्यात आधारित कंपनियों के लिए चुनौती पैदा हो सकती है। खासतौर पर आईटी सेक्टर के अमेरिका और दूसरे पश्चिमी देशों में मंदी से प्रभावित होने का ज्यादा खतरा है। बैंकिंग, वित्तीय सेवा क्षेत्र की कंपनियां बेहतर स्थिति में है। इन्फ्रास्ट्रक्चर बिल्डिंग उत्पाद बनाने वाली कंपनियां बेहतर करेंगी।

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'शरीयत नहीं, संविधान से चाहिए न्याय', याचिका लेकर SC पहुंचा मुस्लिम शख्स; अदालत ने केंद्र को जारी किया नोटिस

Dainik Jagran - National - April 17, 2025 - 5:55pm

पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को इस विवादास्पद मुद्दे की जांच करने पर सहमति जताई कि क्या मुसलमानों को अपने धर्म को त्यागे बिना उनकी पैतृक संपत्तियों से जुड़े मामलों का निपटान शरीयत के बजाय धर्मनिरपेक्ष भारतीय उत्तराधिकार कानून के तहत किया जा सकता है।

चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने केरल के त्रिशूर जिले के निवासी नौशाद केके द्वारा दायर याचिका पर गौर किया। इसमें उन्होंने कहा था कि वह अपना धर्म इस्लाम को छोड़े बिना शरीयत के बजाय उत्तराधिकार कानून के तहत अपनी संपत्ति से जुड़े मामलों का निपटान चाहते हैं।

केंद्र और केरल सरकार को नोटिस

पीठ ने उनकी याचिका पर केंद्र और केरल सरकार को नोटिस जारी किए और उनसे जवाब दाखिल करने को कहा। पीठ ने इस मुद्दे पर लंबित समान मामलों के साथ उनकी याचिका को टैग करने का आदेश दिया।

गौरतलब है कि पिछले साल अप्रैल में पीठ ने अलप्पुझा की निवासी और एक्स-मुस्लिम्स ऑफ केरल की महासचिव सफिया पी.एम. की याचिका पर विचार करने पर सहमति व्यक्त की थी। इसमें कहा गया था कि वह एक नास्तिक मुस्लिम महिला है और शरीयत के बजाय उत्तराधिकार कानूनों के तहत अपनी पैतृक संपत्तियों का निपटान करना चाहती है

2016 में 'कुरान सुन्नत सोसाइटी' द्वारा दायर एक अन्य समान याचिका भी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। कोर्ट अब तीनों याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करेगा।

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