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Bullish momentum brewing? 80% of NSE500 stocks now above 50-day average, says Axis Securities

Business News - April 23, 2025 - 6:22pm
India’s equity markets extended their winning streak for a seventh consecutive session on Wednesday, with a bullish breadth signal flashing across the broader market. According to Axis Securities, more than 80% of the stocks in the NSE500 index closed above their 50-day moving average—a technical threshold that historically suggests broad-based positive momentum.Axis Securities noted that this level of market breadth—defined by a high proportion of stocks trading above their 50-day moving average—has occurred 41 times in the past decade. In 75% of those instances, the NSE500 index posted gains over the next 20 trading sessions. The average return on these winning outcomes was 2.8%, while the average loss on the remaining cases was 2.0%. Overall, the average return stood at 1.6%.“This shift suggests that price action and investor sentiment are turning bullish across a broad set of stocks, not just the index heavyweights,” said Axis Securities.The brokerage added that this could be a good time for investors to reassess their strategy or add to existing winning positions, especially as breakout opportunities emerge in the broader market.The bullish technical signal comes amid sustained gains in Indian equities. On Wednesday, the benchmark BSE Sensex rose 520.90 points, or 0.65%, to close at 80,116.49, reclaiming the 80,000 mark for the first time since the recent correction. The broader Nifty 50 index advanced 161.70 points, or 0.67%, to end at 24,328.95.The Sensex and Nifty have each surged over 8% in the past seven sessions, supported by renewed foreign institutional investment and easing global trade concerns. Market participants have also been encouraged by expectations that U.S. tariffs under the Trump administration will not adversely impact Indian exports.Meanwhile, despite the current bullishness, some technical indicators are beginning to flash early warnings. “The Nifty remained volatile after an optimistic start, supported by positive global cues,” said Rupak De, Senior Technical Analyst at LKP Securities.De pointed out that a Hanging Man candlestick pattern formed on the daily chart, which often serves as a cautionary signal during an uptrend. The Relative Strength Index (RSI) is also nearing a potential negative divergence.He noted that if the Nifty slips below the 24,300 mark, it could correct toward the 24,000–23,900 zone. On the upside, resistance is expected near the 24,450–24,500 range.While the short-term trend remains positive, Axis Securities advised investors to monitor positions closely and look for breakout opportunities amid the broad-based strength. The current setup, supported by historical data, suggests that momentum may continue—though caution is warranted as key resistance levels approach.Also read | Tariff relief hopes buoy D-Street higher for 7th day; Sensex adds 521 pts, Nifty above 24,300(Disclaimer: Recommendations, suggestions, views and opinions given by the experts are their own. These do not represent the views of The Economic Times)
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Pahalgam Attack: पहलगाम में आतंकी हमले पर तेजस्वी ने सरकार को घेरा, पूछा- हाई सिक्युरिटी जोन में कैसे हुआ हमला?

Dainik Jagran - April 23, 2025 - 5:25pm

डिजिटल डेस्क, पटना। पहलगाम में आतंकी हमले को राजद ने देश के लिए आघात बताया है और हमलावरों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

लालू प्रसाद ने एक्स पर लिखा है कि पहलगाम में निर्दोष और निहत्थे पर्यटकों पर बर्बर आतंकी कार्रवाई से पूरा देश आहत है। ईश्वर से करबद्ध प्रार्थना है कि दुख की इस घड़ी में शोक संतप्त परिजनों को संबल दे।

केंद्र सरकार से आग्रह करूंगा कि त्वरित कारवाई करते हुए एक सख्त संदेश दे, ताकि भविष्य में किसी भी भारतीय नागरिक की जान बर्बर हिंसा की भेंट न चढ़े।

#WATCH | Patna, Bihar: #PahalgamTerroristAttack | former Bihar Deputy CM and RJD leader Tejashwi Yadav says, "The incident that happened yesterday in Pahalgam, the way terrorists shot and killed many people. We are hurt by this incident. Before today, tourists had never been… pic.twitter.com/lTLAeYNLbb

— ANI (@ANI) April 23, 2025 पूरा देश एकसाथ- तेजस्वी

तेजस्वी यादव ने इसे दर्दनाक व निंदनीय घटना बताया है। बुधवार को उन्होंने कहा कि इस घटना में जान गंवाने वालों को हमारी विनम्र श्रद्धांजलि है। पूरा देश मर्माहत है और सभी लोग एकजुट हैं। सरकार से न्याय की गुहार है।

इस घटना के पीछे जो लोग हैं, उन्हें कतई न बख्शा जाए। हमले की जांच निष्पक्षता से हो और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। इसी के साथ उन्होंने पूछा कि 2019 में पुलवामा कांड की जांच केंद्र सरकार करा रही थी।

जांच का क्या निष्कर्ष निकला, इसका पता नहीं चल पाया है। पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दिकी ने कहा कि पाकिस्तान की हरकत ही रहती है कि बहुत सारे आतंकी संगठनों को पाल कर रखें।

यह अत्यंत घृणित और कायराना हरकत है। बुजदिल ही ऐसा कर सकते हैं। कश्मीर जैसे संवेदनशील इलाके में केंद्र सरकार ने जासूस और फोर्स लगाकर रखा है। इसके बाद भी आतंकियों ने निर्दोषों की हत्या कर दी।

यह घटना केंद्र के साथ जम्मू-कश्मीर सरकार की भी विफलता का भी प्रमाण है। जिन आतंकियों ने घटना को अंजाम दिया, उनको चुन-चुनकर ठोस कार्रवाई हो।

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ओजोन का बढ़ता प्रदूषण पैदा कर सकता है खाद्यान्न संकट, फसलों को पहुंचाता है भारी नुकसान

Dainik Jagran - National - April 23, 2025 - 5:10pm

नई दिल्ली, विवेक तिवारी। गर्मियों का मौसम शुरू हो चुका है। ऐसे में दिल्ली सहित देश के कई हिस्सों में हवा में ओजोन का प्रदूषण तेजी से बढ़ने लगा है। ओजोन का ये बढ़ता प्रदूषण आने वाले समय में खाद्यान्न संकट की स्थिति पैदा कर सकता है। आईआईटी खड़गपुर से जुड़े शोधकर्ताओं की ओर से किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि ओजोन के प्रदूषण के चलते भारत में गेहूं, धान और मक्का की पैदावार में गिरावट देखी जा सकती है। वैज्ञानिकों के मुताबिक अगर ओजोन के प्रदूषण को नियंत्रित नहीं किया गया तो 2050 तक गेहूं की पैदावार में 20 फीसदी और धान और मक्के की फसल में सात फीसदी तक की कमी दर्ज की जा सकती है।

आईआईटी खड़गपुर के वैज्ञानिकों ने जलवायु मॉडल (सीएमआइपी6) से मिले आंकड़ों का इस्तेमाल कर ये अध्ययन किया है। साथ ही इस अध्ययन में उन्होंने ये जानने का प्रयास किया है कि अगर ओजोन का प्रदूषण बढ़ता है तो इसका भारत में प्रमुख खाद्यान फसलों पर कितना असर पड़ेगा। वायु प्रदूषण पर लम्बे समय से काम कर रहे सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट के वैज्ञानिका विवेक चटोपाध्याय कहते हैं कि ओजोन एक ऑक्सीडेंट है। ये पौधों की पत्तियों और ऊतकों को नुकसान पहुंचाता है। इसके प्रभाव के चलते हरे पत्ते पीले पड़ जाते हैं। पौधे की पत्तियों को दो चरणों में नुकसान पहुंचता है पहला चरण है क्लोरोसिस जिसमें पत्ते पीले पड़ जाते हैं। वहीं दूसरा चरण है मैक्रोसिस जिसमें पत्तों की सेल डैमेज हो जाती है। वहीं पत्ते की निचली सहत जिसे स्टोमेटा कहते हैं और पत्ते जिसके जरिए गैसों का आदान प्रदान करते हैं उसको भी ओजोन नुकसान पहुंचाता है। गर्मियों के मौसम में गाड़ियों और पावर प्लांट से निकलने वाला प्रदूषण धुआं जिसमें नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड रहता है ये सूरज की गर्मी की वजह से क्रिया कर ऑक्सीजन बनाता है।

गौरतलब है कि ओजोन बेहद घातक प्रदूषक गैस है। ये एक ग्रीनहाउस गैस भी है जो क्लाइमेट चेंज को बढ़ावा देती है। ओजोन के प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए हमें गाड़ियों और पावर प्लांट से होने वाले प्रदूषण पर लगाम लगानी होगी। इसके साथ ही पेट्रोल पम्प पर पेट्रोल डालते समय हवा में उड़ने वाले पेट्रोल के वाष्प को रोकने के लिए भी तकनीक का इस्तेमाल करना होगा। भारत ही नहीं आज दुनिया के कई देशों में ओजोन का प्रदूषण एक बड़ी समस्या बन रहा है।

ओजोन के प्रदूषण से फसलों के उत्पादन पर कितना असर होगा इसके कई अध्ययन चल रहे हैं। भारत सरकार की संस्था इंडियन काउंसिल फॅार एग्रीकल्चर रिसर्च के वैज्ञानिक डॉक्टर नरेश कुमार कहते हैं कि हवा में ओजोन का स्तर 40ppb से ज्यादा होने पर पौधों को नुकसान पहुंचता है। ओजोन पौधे की फोटोसिंथेसिस की प्रक्रिया को बाधित कर देता है। इससे पौधा कमजोर होता है और उत्पादन पर असर पड़ता है। खेतों में डाली जाने वाली यूरिया और अन्य खाद भी तेज गर्मी में ओजोन बनने का कारण होती हैं। लेकिन ओजोन से फसल को कितना नुकसान होता है इस पर अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी। ओजोन के अलावा जलवायु परिवर्तन सहित कई अन्य कारण भी हैं जिनसे पौधों की सेहत और उत्पादकता पर असर पड़ता है।

सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट की कुछ समय पहले आई एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि देश के कई शहरों में ओजोन के प्रदूषण के स्तर में चिंताजनक तौर पर वृद्धि हुई है। सीएसई में वायु प्रदूषण पर लम्बे समय से काम कर रहे डॉक्टर विवेक चटोपाध्याय कहते हैं कि हमने अपने अध्ययन में पाया कि पहले जहां ओजोन के प्रदूषण की समस सिर्फ गर्मियों में होती थी वहीं अब ये पूरे साल की समस्या बन गई है। खास तौर पर दक्षिण और पश्चिमी तटीय महानगरीय इलाकों में ये समस्या काफी बढ़ चुकी है। सामान्य तौर पर जब सूरज की रौशनी हो, गर्मी ज्यादा हो और गाड़ियों के धुएं का प्रदूषण हवा में मौजूद हो तो ही ओजोन के प्रदूषण में वृद्धि देखी जाती है। लेकिन हमने अध्ययन में पाया कि महानगरों में सूर्यास्त के बाद भी हवा में ओजोन का स्तर बढ़ा हुआ रहता है। ओजोन के प्रदूषण की खास बात ये है कि ये गैस के रूप में होती है। ऐसे में दिल्ली का ओजोन प्रदूषण हवा के साथ आसपास के ऐसे इलाके में पहुंच सकता है जहां प्रदूषण का कोई स्रोत न हो। ऐसे में इसके प्रदूषण की चपेट में काफी बड़े इलाके के लोग आ जाते हैं।

हमारी सांसों को जहरीला बना रहा ओजोन

दिल्ली मेडिकल काउंसिल की साइंटिफिक कमेटी के चेयरमैन डॉक्टर नरेंद्र सैनी के मुताबिक हवा में ओजोन के स्तर का बढ़ना काफी खतरनाक है। ये सीधे हमारे फेफड़ों पर असर डालता है। हवा में ओजोन बढ़ने से सांस लेते समय छाती में दर्द, खांसी, गले में जलन और सांस की नली में सूजन जैसी दिक्कत हो सकती है। फेफड़ों के काम करने में कमी आ सकती है। ओजोन ब्रोंकाइटिस, अस्थमा इत्यादि को और खराब कर सकता है। ओजोन के कारण कार्डियोवैस्कुलर बीमारी हो सकती है जो कि दिल को प्रभावित कर सकती है। बहुत लम्बे समय तक ओजोन के सांस के जरिए शरीर में जाने से कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा भी हो सकता है।

ओजोन बढ़ने से मक्के के उत्पादन पर असर

ओजोन की परत को को नुकसान पहुंचने से दुनिया में मक्के के उत्पादन में कमी आ रही है। ये खुलासा यूएस एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट की रिसर्च यूनिट USDA ARS Global Change and Photosynthesis Research Unit की ओर से किए गए अध्ययन में हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक ओजोन के निचले स्तर को नुकसान पहुंचने मक्के की फसल के उत्पादन में कमी आई है। ओजोन की निचली परत को नुकसान पहुंचने से सूरज की ऐसी किरणें नीचे आ रही हैं जो मक्के की पत्तियों में कैमिकल संतुलन को बिगाड़ रही हैं। शिकागो स्थित इलिनोइस विश्वविद्यालय के शोधकर्ता 20 सालों से फसलों पर ओजोन प्रदूषण के प्रभावों का अध्ययन एक खास तरह के फॉर्म पर कर रहे हैं जहां ओजोन के अलग अलग स्तर का फसलों पर अध्ययन किया जा रहा है। अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों ने मक्के की तीन प्रजातियों पर अध्ययन किया। इसमें पाया गया कि ओजोन के प्रभाव के कारण हाइब्रिड फसलों की उपज में 25 फीसदी तक की कमी दर्ज की गई। वहीं पारंपरिक प्रजातियों के उत्पादन पर कुछ खास असर नहीं हुआ। वहीं हाइब्रिड मक्के के पौधे ओजोन के प्रभाव के चलते जल्दी बूढे होने लगे।

पूर्व मुख्य तकनीकी सलाहकार एवं परियोजना प्रबंधक, विश्व खाद्य संगठन, (संयुक्त राष्ट्र संघ) डा. राम चेत चौधरी कहते हैं कि क्लाइमेट चेंज के साथ ही ओजोन की परत को नुकसान पहुंचने का सीधा असर फसलों पर पड़ता है। ओजोन के प्रभाव के चलते पौधे की पत्तियों में बनने वाली बहुत सी ऊर्जा नष्ट हो जाती है। साथ ही पत्तों में टिशूज को भी नुकसान पहुंचता है। हमें पर्यावरण को बेहतर बनाने के साथ ही आने वाले समय के लिए ज्यादा रजिस्टेंस वाली प्रजातियों का विकास करने की जरूरत है।

क्या है समाधान

सीएसई ने ओजोन प्रदूषण पर किए गए अपने अध्ययन में कुछ सुझाव दिए हैं। इसके तहत कहा गया है कि, ओजोन की जटिल रासायनिक संरचना के कारण इसे ट्रैक और नियंत्रित करना मुश्किल है। इसे ट्रैक और नियंत्रित करने के लिए एक व्यवस्था बनाए जाने की जरूरत है।

वैश्विक अनुभवों के मुताबिक जैसे जैसे हवा में मौजूद प्रदूषण के कणों का स्तर गिरता है नाइट्रोजन ऑक्साइड और ग्राउंड लेवल ओजोन का स्तर बढ़ने लगता है। ऐसे में ओजोन को नियंत्रित करने के लिए उद्योगों, वाहनों, घरों और खुले में जलने से होने वाले उत्सर्जन को रोकने के लिए सख्त नियम होने चाहिए।

ओजोन शहरों से दूर दूर तक फैल कर प्रदूषण में इजाफा करता है। इसके लिए स्थानीय और क्षेत्रीय स्तर पर निगरानी की जरूरत है।

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Rajnath Singh: 'पर्दे के पीछे छिपे मास्टरमाइंड को नहीं छोड़ेंगे' पहलगाम अटैक पर बोले रक्षा मंत्री- ऐसा जवाब मिलेगा कि दुनिया देखेगी

Dainik Jagran - National - April 23, 2025 - 5:10pm

एएनआई, नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में दो विदेशी नागरिक सहित 26 लोगों की जान चली गई। श्रीनगर से लेकर दिल्ली तक, हाईलेवल मीटिंग चल रही है।

इसी बीच राजनाथ सिंह ने आतंकी हमले पर चिंता जाहिर करते हुए कहा, "कल पहलगाम में एक धर्म विशेष को निशाना बनाकर आतंकवादियों ने कायराना हरकत की, जिसमें कई निर्दोष लोगों की जान चली गई।"

आतंकियों को मिलेगा करारा जवाब: राजनाथ सिंह

राजनाथ सिंह ने आगे कहा,"मैं देशवासियों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि सरकार हर जरूरी कदम उठाएगी। हम न सिर्फ इस कृत्य के दोषियों तक पहुंचेंगे बल्कि पर्दे के पीछे के किरदारों तक भी पहुंचेंगे। आरोपियों को जल्द ही जोरदार और स्पष्ट जवाब मिलेगा, यह मैं देश को आश्वस्त करना चाहता हूं।"

#WATCH | #PahalgamTerrorAttack | Delhi: Raksha Mantri Rajnath Singh says, "Yesterday, in Pahalgam, targeting a particular religion, terrorists executed a cowardly act, in which we lost many innocent lives... I want to assure the countrymen that the government will take every… pic.twitter.com/VhNHD0kO2E

— ANI (@ANI) April 23, 2025

तीनों सेना प्रमुख के साथ दिल्ली में रक्षा मंत्री की हाईलेवल मीटिंग

बता दें कि  देश की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS), तीनों सेनाओं के प्रमुख और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ एक अहम बैठक की।

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने रक्षा मंत्री को पहलगाम और पूरे जम्मू कश्मीर की सुरक्षा स्थिति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सुरक्षाबलों को अलर्ट कर दिया गया है और आतंकियों को पकड़ने के लिए सर्च अभियान जारी है।

दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा: अमित शाह 

वहीं, गृह मंत्री अमित शाह ने मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा,"भारत आतंक के आगे नहीं झुकेगा। इस नृशंस आतंकवादी हमले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।"

आतंकी हमले पर पीएम मोदी ने क्या कहा?

 आतंकी हमले के बाद मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था," इस हमले के पीछे जो भी लोग हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।" उन्होंने आगे कहा था कि "मैं जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करता हूं। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है, उनके प्रति मेरी संवेदनाएं। मैं घायलों के जल्द ठीक होने की प्रार्थना करता हूं। प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है। इस जघन्य कृत्य के पीछे जो लोग हैं, उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाएगा...उन्हें बख्शा नहीं जाएगा! उनका नापाक एजेंडा कभी सफल नहीं होगा। आतंकवाद से लड़ने का हमारा संकल्प अडिग है और यह और भी मजबूत होगा।'

तीन आतंकियों की हुई पहचान 

बता दें कि इस वीभत्स हत्याकांड में शामिल 3 आतंकवादियों के स्केच जारी किए गए हैं। इस वीभत्स आतंकवादी हमले में आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबू तल्हा के शामिल होने का संदेह है।

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Pahalgam Attack: 'भारत बेहतर तरीके से जवाब देना जानता है', बदला लेने के लिए इजरायल ने किया खुले समर्थन का एलान

Dainik Jagran - National - April 23, 2025 - 4:33pm

एएनआई, नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले की दुनिया भर में निंदा के बीच भारत में इजरायल के राजदूत रूवेन अजार ने कहा कि ऐसे अपराधी हमेशा दूसरों को डराने की कोशिश करते हैं। एएनआई से बात करते हुए अजार ने कहा कि भारत जवाबी कार्रवाई करने के लिए और अधिक दृढ़ संकल्पित होगा।

उन्होंने कहा, 'अपराधी हमें डराने के लिए हमेशा नए तरीके खोजने की कोशिश करते हैं। हमें निश्चित रूप से इस पर ध्यान देना होगा। हमें यह देखना होगा कि वे कैसे सोचते हैं, कैसे काम करते हैं और मुझे यकीन है कि वे ऐसा करना जारी रखेंगे। लेकिन मुझे यह भी यकीन है कि हम और अधिक दृढ़ संकल्पित होंगे और जवाबी कार्रवाई करेंगे।'

भारत के समर्थन का एलान

अजार ने कहा, 'यह पूरी तरह से भारतीय सरकार पर निर्भर है। मुझे यकीन है कि उन्हें पता है कि कैसे काम करना है। हमने देखा है कि सरकार के प्रयासों की बदौलत अतीत में स्थिति कैसे स्थिर हुई है।'

उन्होंने कहा कि हम व्यापक आधार पर एक साथ सहयोग करने का प्रयास करते हैं ताकि यह देखा जा सके कि आम तौर पर खतरों से कैसे निपटा जाए, आतंकवाद से लड़ने के साधनों को कैसे बेहतर बनाया जाए, चाहे वह खुफिया जानकारी के लिहाज से हो, तकनीक के लिहाज से हो या फिर कार्यप्रणाली के लिहाज से हो।

सीमा पार की स्थिति पर दिया बयान
  • उन्होंने कहा, 'जैसा कि मैंने कहा, इजरायल किसी भी मामले पर देशों यह नहीं बताएगा कि क्या करना चाहिए। मुझे यकीन है कि भारतीय सरकार और यहां के अधिकारियों के पास सीमा पार क्षेत्र की स्थिति और इस मुद्दे से निपटने के तरीके के बारे में कहीं बेहतर जानकारी है।'
  • उन्होंने कहा, 'हम सामान्य रूप से कार्यप्रणाली, तकनीक और खुफिया जानकारी के मामले में सहयोग पर ध्यान केंद्रित करने जा रहे हैं और यह बहुत महत्वपूर्ण कार्य है जिसे हम जारी रखेंगे।'

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