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CBI के पूर्व निदेशक आरसी शर्मा का निधन, बोफोर्स घोटाले की जांच में निभाई थी अहम भूमिका

Dainik Jagran - National - March 13, 2025 - 10:59pm

 पीटीआई, नई दिल्ली। सीबीआई के पूर्व निदेशक आरसी शर्मा का गुरुवार को उनके आवास पर निधन हो गया। उनकी छवि एक ईमानदार अधिकारी की थी। उनके निधन पर एजेंसी ने बयान जारी किया है। बयान में कहा कि आरसी शर्मा ने बोफोर्स, प्रतिभूति घोटाले और स्वयंभू धर्मगुरु चंद्रास्वामी से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जांचों महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

हरियाणा कैडर के 1963 बैच के आईपीएस अधिकारी थे शर्मा

आरसी शर्मा हरियाणा कैडर के 1963 बैच के आईपीएस अधिकारी थे। शर्मा ने जोगिंदर सिंह के बाद सीबीआई प्रमुख का पद संभाला, जिन्हें बाद में केंद्रीय गृह मंत्रालय में स्थानांतरित कर दिया गया था। उन्होंने 30 जून, 1997 से 31 जनवरी, 1998 तक एजेंसी का नेतृत्व किया।

एजेंसी ने बयान में कहा कि सीबीआई शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना और सहानुभूति व्यक्त करती है और ईश्वर से प्रार्थना करती है कि वह परिवार को इस अपूरणीय क्षति को सहन करने की शक्ति और धैर्य प्रदान करें।

सीबीआई ने कही ये बात

सीबीआई निदेशक प्रवीण सूद ने एक संदेश में कहा कि इस दुख की घड़ी में संपूर्ण सीबीआई बिरादरी की संवेदनाएं शोकाकुल परिवार के साथ हैं। आर.सी. शर्मा की आत्मा को शांति मिले तथा उनके परिवार को आरसी शर्मा की सम्मान और समर्पण की विरासत से सांत्वना मिले।

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रुपये का सिंबल हटाने पर भड़कीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, कहा- अलगाववाद को दे रहे बढ़ावा

Dainik Jagran - National - March 13, 2025 - 10:12pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रुपये को लेकर शुरू हुए विवाद पर अब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का भी बयान आ गया है। सीतारमण ने कहा है कि ये कदम अलगाववादी भावनाओं को बढ़ावा देता है। बता दें कि 2025-26 के लिए राज्य के बजट में स्टालिन सरकार ने देवनागरी लिपि में रुपये के लोगो को तमिल अक्षर से बदल दिया है।

भाजपा ने इस कदम की आलोचना करते हुए कहा कि पूर्व द्रमुक विधायक के पुत्र ने ही रुपये का लोगो बनाया है। शुक्रवार को पेश होने वाले बजट से एक दिन पहले मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इसका टीजर साझा किया है। इसमें रुपये के लोगो की जगह तमिल भाषा में 'रु' दिख रहा है, जिसका मतलब 'रुबाई' (तमिल में रुपया) है।

क्या बोलीं निर्मला सीतारमण?

वित्त मंत्री सीतारमण ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक लंबा-चौड़ा पोस्ट लिखा। इसमें उन्होंने लिखा- अगर डीएमके को ‘₹’ से दिक्कत है, तो उसने 2010 में इसका विरोध क्यों नहीं किया, जब इसे आधिकारिक तौर पर कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के तहत अपनाया गया था। उस समय तो डीएमके केंद्र में सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा थी।

The DMK government has reportedly removed the official Rupee symbol ‘₹’ from the Tamil Nadu Budget 2025-26 documents, which will be presented tomorrow.

If the DMK (@arivalayam) has a problem with ‘₹’, why didn’t it protest back in 2010 when it was officially adopted under the…

— Nirmala Sitharaman (@nsitharaman) March 13, 2025

सीतारमण ने कहा कि यह महज प्रतीकात्मकता से कहीं अधिक है। यह एक खतरनाक मानसिकता का संकेत देता है, जो भारतीय एकता को कमजोर करता है और क्षेत्रीय गौरव के बहाने अलगाववादी भावनाओं को बढ़ावा देता है। उन्होंने इसे भाषा और क्षेत्रीय अंधभक्ति का एक पूरी तरह से टाला जा सकने वाला उदाहरण बताया।

हिंदी थोपने का आरोप लगा रहे स्टालिन
  • यह पहली बार है कि किसी राज्य ने राष्ट्रीय मुद्रा के प्रतीक को अस्वीकार किया है और उसकी जगह अपनी क्षेत्रीय भाषा को महत्व दिया है। तमिलनाडु सरकार द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति को खारिज करने के बाद इस मुद्दे पर जारी राजनीतिक विवाद के बीच यह कदम उठाया गया है।
  • मुख्यमंत्री स्टालिन केंद्र सरकार पर राज्य में हिंदी थोपने का प्रयास करने का आरोप लगा रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य हिंदी को बढ़ावा देना है। राज्य सरकार के इस कदम से भाजपा नाराज है, लेकिन सत्तारूढ़ द्रमुक ने आश्चर्य जताया कि क्या कोई नियम इस पर रोक लगाता है।
डिजाइनर ने टिप्पणी करने से इंकार किया

भारतीय रुपये का प्रतीक चिह्न डिजाइन करने वाले आईआईटी गुवाहाटी के प्रोफेसर डी उदय कुमार ने किसी विवाद में पड़ने से इन्कार कर दिया और कहा कि यह महज संयोग है कि उनके पिता द्रमुक विधायक थे। उन्होंने कहा, मुझे कोई प्रतिक्रिया नहीं देनी है। राज्य सरकार को लगा कि बदलाव की जरूरत है और वह खुद का स्क्रिप्ट लागू करना चाहती है।

उन्होंने कहा कि यह राज्य सरकार पर निर्भर है। इसलिए मेरे पास इस बारे में कहने के लिए कुछ नहीं है। कुमार के पिता एन धर्मलिंगम 1971 में ऋषिवंदियम निर्वाचन क्षेत्र से द्रमुक के विधायक थे। कुमार ने कहा कि मेरे पिता द्रमुक विधायक थे और पार्टी की सरकार ने डिजाइन बदल दिया। मैं इसमें कुछ और नहीं देखता। यह एक विशुद्ध संयोग है।

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CUET UG 2025: सीयूईटी यूजी में अब 12वीं का सब्जेक्ट बाधा नहीं, अच्छे से समझ लें यूनिवर्सिटी का क्राइटेरिया

Dainik Jagran - March 13, 2025 - 9:17pm

जागरण संवाददाता, पटना। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) यूजी 2025 के लिए आवेदन 22 मार्च तक स्वीकार करेगा। एनटीए ने स्पष्ट किया है कि सीईयूटी में शामिल होने के लिए 12वीं का विषय बाधा नहीं है।

12वीं में जिस विषय की पढ़ाई विद्यार्थी ने नहीं की है, वह भी संबंधित विषय की प्रवेश परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। यह सुविधा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रविधान के तहत दी जा रही है, लेकिन सभी विश्वविद्यालय ऐसे विद्यार्थियों को स्नातक में नामांकन के लिए स्वीकृति प्रदान नहीं कर रहे हैं।

NTA ने विद्यार्थियों को दी ये सलाह

एनटीए ने विद्यार्थियों को सलाह दी है कि आवेदन से पहले संबंधित विश्वविद्यालय के सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन का चयन ध्यान से करें। स्नातक के मेजर, माइनर सहित सभी पेपर की जानकारी संबंधित विश्वविद्यालय की वेबसाइट से प्राप्त कर सकते हैं।

दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) के जनसंपर्क पदाधिकारी मो. मुदस्सीर आलम ने बताया कि स्ट्रीम को लेकर कोई बदलाव नहीं किया गया है। प्रवेश परीक्षा के प्रश्न एनसीईआरटी के सिलेबस पर आधारित होता है।

उन्होंने कहा कि प्रवेश परीक्षा के पेपरों की संख्या 63 से घटाकर 37 कर दी गई है। 2025 में डोमेन सब्जेक्ट 29 से घटाकर 23 कर दिया गया है। भाषा के पेपर 33 से घटाकर 13 कर दिए गए हैं।

12वीं के छात्रों के लिए एक और खुशखबरी

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE Board Exam 2025) की परीक्षाएं चल रही हैं। इस बीच बोर्ड ने कहा है कि होली के कारण 15 मार्च को परीक्षा में शामिल नहीं वाले 12वीं के छात्रों को एक और अवसर मिलेगा। सीबीएसई ने घोषणा की कि 12 वीं की हिंदी कोर (302), हिंदी ऐच्छिक (002) बोर्ड परीक्षा 15 मार्च को आयोजित की जाएगी।

भले ही कुछ क्षेत्रों में 15 मार्च को होली का त्योहार है उस दिन परीक्षा जारी रहेगी। परीक्षा भी निर्धारित समय पर ही होगी, लेकिन जिन छात्रों को दी गई तिथि पर उपस्थित होने में कठिनाई होती है, उन्हें बाद में परीक्षा देने की अनुमति दी जाएगी। जैसा कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में भाग लेने वाले छात्रों के लिए किया गया है।

बोर्ड ने कहा है कि परीक्षाओं के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करते हुए शैक्षणिक अखंडता और छात्र कल्याण दोनों के प्रति अपनी प्रतिबद्ध है। बोर्ड ने सभी संबद्ध स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे इस सूचना को 12 वीं के सभी छात्रों तक पहुंचाएं, ताकि वे अपने परीक्षा कार्यक्रम की तैयारी पहले से कर सकें।

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