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Bihar New Airport: इस जिले में बनेगा नया एयरपोर्ट, 139 एकड़ जमीन लेगी सरकार; 207 करोड़ रुपये अलॉट

Dainik Jagran - March 20, 2025 - 5:08pm

जागरण टीम, मोतिहारी/पटना। भारत-नेपाल सीमा पर स्थित पूर्वी चंपारण के रक्सौल एयरपोर्ट (Raxaul Airport) से यात्री विमान के उड़ान भरने की उम्मीद धीरे-धीरे बढ़ रही है। इसके लिए जरूरी 139 एकड़ अतिरिक्त जमीन का अधिग्रहण करने के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने राज्य सरकार से अधियाचना की है।

इसकी सूचना मिलने के साथ स्थानीय स्तर पर भूमि अधिग्रहण की कवायद तेज हो गई है। जिला प्रशासन जरूरी प्रक्रिया पूरी करने में लगा है। बता दें कि कैबिनेट की बैठक में 207.70 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। संबंधित भूखंडों की खेसरा पंजी तैयार की जा चुकी है।

रक्सौल अंचल के छह गांवों में करीब 400 रैयतों की 139 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। भूमि चिह्नित कर उसकी पैमाइश कर खेसरा पंजी तैयार की गई है।

एयरपोर्ट के पास पहले से 137 एकड़ भूमि उपलब्ध है। छह सदस्यीय कमेटी ने स्थल का निरीक्षण कर अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी है। इसके बाद सामाजिक प्रभाव आंकलन एएन सिन्हा सामाजिक संस्थान द्वारा किया जा रहा है।

नागरिक सुविधाओं के साथ मजबूत होगी आर्थिक स्थिति

इस एयरपोर्ट के बन जाने के बाद जब नागरिक सेवाएं शुरू होंगी। इसके बाद आसपास के इलाकों के लोगों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। वहीं लोगों की सुविधाएं बढेंगी। नेपाल से सटी दोनों देशों की अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे होने के कारण यहां सुरक्षा प्रबंध भी पहले से और मजबूत किए जा सकेंगे।

बता दें कि इस एयरपोर्ट की स्थापना 1962-63 में भारत-चीन युद्ध के समय किया गया था। तब उद्देश्य था कि युद्ध के दौरान चीन से भाया नेपाल सटने वाली इस सीमा पर भी जरूरत के हिसाब से सेना के विमान उतारे जा सकें।

लंबे समय बाद केंद्र सरकार ने हवाई सफर के सपनों को साकार करने के लिए उड़ान योजना में इसे शामिल किया। इसके लिए पहले उपलब्ध करीब 137 एकड़ भूमि के अलावा 139 एकड़ जमीन की आवश्यकता बताई गई।

करीब 400 रैयतों की भूमि का होना है अधिग्रहण

हवाई अड्डा के निर्माण के लिए रक्सौल अंचल के छह गांवों में 139 एकड़ नई जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। भूमि चिह्नित कर उसकी पैमाइश कर खेसरा पंजी तैयार की गई है। छह गांवों में करीब चार सौ रैयतों की जमीन का अधिग्रहित किया जाना है। अधिग्रहण रक्सौल अंचल के चिकनी, सिंहपुर, सिसवा, एकडेरवा, भरतमही व चंदौली गांव में किया जाना है।

रक्सौल हवाई अड्डा के लिए भूमि अधिग्रहण की अधियाचना प्राप्त होने के बाद अधिग्रहण को लेकर कार्रवाई तेज कर दी गई है। छह सदस्यीय कमेटी की जांच हो गई है। एसआईए के बाद अधिग्रहण से संबंधित अन्य कार्यों को पूरा किया जाएगा। - गणेश कुमार, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी

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Chaitra Navratri 2025: कब से शुरू हो रही चैत्र नवरात्र? इस बार बन रहे हैं दुर्लभ संयोग, पढ़िए पंडितों की राय

Dainik Jagran - March 20, 2025 - 4:26pm

जागरण संवाददाता, पटना। हिंदू धर्मावलंबियों के पवित्र चैत्र मास के शुक्ल पक्ष में कई महत्वपूर्ण पर्व त्योहार होंगे। इसमें चैत्र नवरात्र, विक्रम संवत 2082 का आरंभ, चैती छठ, रामनवमी, कामदा एकादशी व्रत, चैत्र पूर्णिमा प्रमुख हैं।

चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 30 मार्च रविवार को रेवती नक्षत्र एवं ऐन्द्र योग में हिंदू नव संवतसर का आरंभ तथा वासंतिक नवरात्र कलश स्थापना के साथ शुरू होगा।

नए संवत के प्रथम दिन रविवार होने से इस वर्ष के राजा एवं मंत्री सूर्य होंगे। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ब्रह्मा जी ने इसी दिन सृष्टि का निर्माण किया था। पूरे नवरात्र के दौरान ग्रह-गोचरों का कई बार पुण्यकारी संयोग भी बनेगा, जो श्रद्धालुओं के लिए उत्तम सिद्ध होगा।

कलश स्थापना के साथ 30 मार्च से नवरात्रि

चैत्र शुक्ल प्रतिपदा रविवार 30 मार्च को रेवती नक्षत्र और ऐन्द्र योग के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग में चैत्र मास का वासंतिक नवरात्र कलश स्थापना के साथ शुरू होगा।

माता के उपासक अपने सामर्थ्य के अनुसार देवी की भक्ति में सराबोर होंगे। मंदिरों तथा घरों में वेदमंत्र, घंटी, शंख, आरती, स्तुति आदि की ध्वनि सुनाई देगी।

चार अप्रैल शुक्रवार को मृगशिरा शोभन योग में मां दुर्गा की प्रतिमा का पट खुलेगा। चैत्र शुक्ल अष्टमी शनिवार पांच अप्रैल को महाअष्टमी का व्रत एवं छह अप्रैल को महानवमी में पाठ का समापन, हवन और कन्या पूजन होगा।

चैत्र शुक्ल दशमी को देवी की विदाई कर विजयादशमी का पर्व और जयंती धारण किया जाएगा। पंडित राकेश झा ने पंचांगों के हवाले से बताया कि चैत्र नवरात्र का पहला दिन रविवार होने से देवी दुर्गा का आगमन हाथी पर होगा। इस दाैरान प्रदेश में प्रर्याप्त वर्षा, सुख-समृद्धि और आर्थिक क्षेत्रों में उन्नति के आसार हैं।

नहाय-खाय के साथ चैती छठ आरंभ 

चैत्र शुक्ल चतुर्थी एक अप्रैल मंगलवार को भरणी नक्षत्र और सर्वार्थ सिद्धि योग एवं रवियोग के शुभ संयोग में नहाय-खाय के साथ लोक आस्था का महापर्व चैती छठ आरंभ होगा।

इस दिन व्रती गंगा स्नान करने के बाद अरवा चावल, चना दाल, कद्दू की सब्जी, आंवले की चासनी आदि ग्रहण कर चार दिवसीय इस महापर्व का संकल्प लेंगी।

2 अप्रैल को कृत्तिका नक्षत्र और प्रीति योग में व्रती पूरे दिन उपवास कर संध्या काल में खरना की पूजा के बाद प्रसाद ग्रहण कर 36 घंटे का निर्जला उपवास का संकल्प लेंगे।

चैत्र शुक्ल षष्ठी तिथि तीन अप्रैल को व्रती अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देंगे। चार अप्रैल को सप्तमी तिथि में उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देकर सूर्योपासना के महापर्व का समापन व्रती पारण के साथ करेंगे।

पुनर्वसु नक्षत्र के सुयोग में छह अप्रैल को रामनवमी

चैत्र शुक्ल नवमी रविवार छह अप्रैल को पुनर्वसु नक्षत्र और सुकर्मा योग के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग में राम नवमी का त्योहार मनाया जाएगा।

इस दिन भगवान विष्णु के सातवें अवतार मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम का प्राकट्य हुआ था। मंदिर और घरों में विशेष पूजा-अर्चना होगी। हनुमत ध्वज की स्थापना के बाद विधिवत पूजा किया जाएगा।

भजन-कीर्तन, रामचरितमानस, रामरक्षा स्रोत का पाठ होगा। भगवान राम का जन्मोत्सव मनाने से सुख, वैभव, सुखमय वैवाहिक जीवन, कीर्ति, यश, मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि एवं संतान की प्राप्ति होगी।

चैत्र मास के प्रमुख व्रत-त्योहार

नव संवतसर, हिन्दू नववर्ष और चैत्र नवरात्र का आरंभ - रविवार 30 मार्च

चैती छठ का नहाय-खाय - 1 अप्रैल

खरना - 2 अप्रैल

सायंकालीन अर्घ्य - 3 अप्रैल

उदीयमान सूर्य को अर्घ्य और पारण - 4 अप्रैल

वासंतिक नवरात्रि के महाष्टमी व्रत - 5 अप्रैल

महानवमी व्रत, हवन और कन्या पूजन - 6 अप्रैल

रामनवमी और ध्वज पूजन - 6 अप्रैल

विजयादशमी - 7 अप्रैल

कामदा एकादशी - 8 अप्रैल

चैत्र पूर्णिमा -12 अप्रैल

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Bihar Politics: 'पति हटा तो आप CM बनीं', बिहार विधान परिषद में फिर भिड़े नीतीश कुमार और राबड़ी देवी

Dainik Jagran - March 20, 2025 - 3:55pm

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार विधान परिषद में बुधवार को पहली पाली में कानून-व्यवस्था को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने आ गया। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के नेतृत्व में विपक्ष ने विधि-व्यवस्था पर सवाल उठाया और वेल में आकर नारेबाजी की।

इस दौरान पहले संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी और फिर खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संज्ञान लेते हुए विपक्ष को आश्वासन दिया कि सरकार हर मामले की गंभीरता से जांच कर कार्रवाई सुनिश्चित कराएगी।

इसके बावजूद हंगामा शांत नहीं हुआ। हंगामा बढ़ता देख सभापति अवधेश नारायण सिंह ने विपक्षी सदस्यों को पहली पाली के लिए सदन से बाहर जाने को कहा। विपक्षी सदस्य थोड़ी देर के लिए बाहर भी गए और फिर वापस आकर सदन में बैठ गए।

केंद्रीय राज्यमंत्री नित्यानंद राय के संबंधियों की हत्या का मामला उठा

सदन की कार्यवाही शुरू होते ही राजद के अब्दुल बारी सिद्दीकी ने केंद्रीय राज्यमंत्री नित्यानंद राय के संबंधियों की हत्या और होली के दौरान हुई घटनाओं को लेकर विधि-व्यवस्था पर सवाल उठाया और सरकार से संज्ञान लेने की बात कही।

इसके बाद विपक्ष के सभी सदस्य खड़े होकर नारेबाजी करने लगे। इस दौरान सत्ता पक्ष की ओर से नीरज कुमार, संजय सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि इनके कार्यकाल में 67 हजार से अधिक हत्याएं हुई हैं।

नीतीश कुमार ने राबड़ी देवी पर साधा निशाना

विपक्ष के वेल में आने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद खड़े हो गए। उन्होंने विपक्षी सदस्यों से कहा- मैं आग्रह करता हूं कि आप सभी बैठ जाएं। हत्या की गंभीरता से जांच कराई जाएगी। आज ही अधिकारियों से पूछेंगे कि क्या कार्रवाई हुई। जो भी अपराधी होगा, उसको जांच कराकर सजा दिलाई जाएगी।

किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग 19 साल से सारा काम कर रहे हैं, आप लोगों ने आजतक कोई काम नहीं किया। पहले कितना सामुदायिक झगड़ा होता था। आपलोग यहां सिर्फ पब्लिसिटी (प्रचार) के लिए बोल रहे हैं।

इसका कोई मतलब नहीं है। इस दौरान राबड़ी देवी की तरफ इशारा करते हुए सीएम ने कहा कि बैठिए न, आप क्या जानती हैं। इनके पति का सस्पेंशन हुआ तो आप सीएम बन गईं।

मंत्री संतोष सिंह बोले, मेरे बेटे का अपहरण हुआ तो राजद नेता ने मांगी फिरौती 

विपक्ष के हंगामे के बीच ही श्रम संसाधन मंत्री संतोष कुमार सिंह ने सदन में कहा कि 2007 में मेरे बेटे का अपहरण हुआ था। इस दौरान राजद के एक बड़े नेता फिरौती मांगने आए थे। ये तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार थे कि मेरा बेटा सही-सलामत वापस आ गया।

ऐसे विपक्षी सदस्यों को अपराध पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। शर्म आनी चाहिए। इस पर राबड़ी देवी ने प्रतिकार करते हुए कहा कि फिरौती तो अशोक चौधरी वसूलते हैं। अशोक चौधरी ने भी जवाब दिया- मंत्री जी ने कहा कि राजद के नेता फिरौती मांगने आए थे। यह बिहार था। नरसंहार होता था, आपलोग क्या रोक पाएं?

विपक्ष की अमर्यादित टिप्पणी, सभापति ने किया बाहर 

मुख्यमंत्री के भाषण के दौरान भी विपक्ष का हंगामा और टोका-टिप्पणी जारी रहने पर सभापति अवधेश नारायण सिंह ने विपक्षी सदस्यों को पहली पाली के लिए सदन से बाहर जाने का निर्देश दिया। इस दौरान सुनील कुमार सिंह अमर्यादित टिप्पणी करते हुए बाहर निकले।

इसके बाद सभापति ने सदन से पूछा कि क्या यह टिप्पणी आसन के लिए थी? नीरज कुमार ने कहा कि यह टिप्पणी बताती है कि यह जंगल के लोग हैं।

इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि आसन ने जब इस बात का संज्ञान लिया है, तो पूरी घटना की वीडियो रिकॉर्डिंग देख लीजिए। अगर ये आसन के बारे में है, तो निश्चित रूप से संज्ञान लेना चाहिए। करीब पांच मिनट बाद ही सभी विपक्षी सदस्य सदन में बाहर आ गए।

सभापति ने कहा कि मैंने पहली पाली के लिए आपको बाहर जाने को कहा था। अमर्यादित टिप्पणी से मुझे तकलीफ हुई। मैं चौथी बार आसन पर बैठा हूं। अभी तक पक्षपात का आरोप नहीं लगा। इसके बाद अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि हमने सुना नहीं, इसलिए वापस आ गए। हम इतने अनभिज्ञ नहीं कि आसन के खिलाफ बोलें।

उन्होंने कहा कि मैं विपक्ष की ओर से खेद जताता हूं। विपक्ष के खेद जताने के बाद सभापति ने इस मामले को विराम देते हुए इस मामले को सदन की कार्यवाही से हटाने का निर्देश दिया। संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने भी कहा कि खेद जताने के बाद अब प्रश्नकाल शुरू किया जाए।

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'पोर्न देखती है, मास्टरबेट करती है', पत्नी की शिकायत लेकर कोर्ट पहुंचा पति; जज बोले- ये तलाक का आधार नहीं

Dainik Jagran - National - March 20, 2025 - 3:51pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मद्रास हाई कोर्ट ने एक अहम और बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा है कि अगर कोई महिला अकेले में पोर्न देखती है और मास्टरबेट करती है, तो ये पति के लिए क्रूरता नहीं है। दरअसल, एक फैमिली कोर्ट ने एक शख्स की तलाक की अर्जी को खारिज कर दिया था, जिसे हाई कोर्ट ने सही ठहराया है।

'पुरुषों का मास्टरबेट करना आम तो महिलाओं का क्यों नहीं'

जस्टिस जी.आर. स्वामीनाथन और जस्टिस आर. पूर्णिमा की बेंच ने फैसला सुनाया है। उन्होंने कहा, जब पुरुषों का मास्टरबेट करना आम बात है तो फिर महिलाओं को गलत कैसे ठहराया जा सकता है।

कोर्ट ने कहा, पुरुष मास्टरबेट करने के बाद तुरंत सेक्स नहीं कर सकते हैं, लेकिन महिलाओं के साथ ऐसा नहीं है। तो ऐसे में ये साबित नहीं हुआ है कि मास्टरबेट करने की आदत से पति-पत्नी के रिश्ते पर बुरा असर पड़ेगा।

महिला के पति ने आरोप लगाया था कि उसकी पत्नी मास्टरबेट करती है। इस पर कोर्ट ने जवाब देते हुए कहा कि महिला को इस बारे में जवाब देने के लिए कहना ही उसकी स्वतंत्रता का उल्लंघन होगा। अगर शादी के बाद महिला किसी और के साथ यौन संबंध बनाती है, तो ये तलाक का आधार हो सकता है। लेकिन सिर्फ खुद को खुश करना तलाक का कारण नहीं हो सकता है।

कोर्ट ने कहा- ये क्रूरता नहीं

कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा, "सिर्फ पोर्न देखना अपने आप में पति के साथ क्रूरता नहीं है। इसे देखने वाले की मानसिक सेहत पर असर पड़ सकता है, लेकिन, सिर्फ इतना ही काफी नहीं है। अगर पोर्न देखने वाला अपने साथी को भी इसे देखने के लिए मजबूर करता है, तो फिर वो क्रूरता होगी। अगर ये दिखाया जाता है कि इस लत की वजह से किसी के वैवाहिक जीवन पर बुरा असर पड़ रहा है, तो यह तलाक का कारण हो सकता है।"

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