Feed aggregator

न्यायाधीश यशवंत वर्मा की कुर्सी बचेगी या जाएगी? दूसरे चरण की जांच से होगा तय; CJI करेंगे निगरानी

Dainik Jagran - National - March 23, 2025 - 11:56pm

पीटीआई, नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के आवास पर आग लगने की घटना के बाद नोटों से भरी चार से पांच अधजली बोरियां मिलने की जांच के लिए प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना ने तीन सदस्यीय समिति गठित की है।

इसके साथ ही आंतरिक जांच प्रक्रिया दूसरे महत्वपूर्ण चरण में पहुंच गई है। इसके निष्कर्ष से तय होगा कि जस्टिस वर्मा की कुर्सी बचेगी या जाएगी। 14 मार्च को जस्टिस वर्मा के सरकारी आवास के स्टोर रूम में आग लगने के बाद अग्निशमन कर्मियों और पुलिस कर्मियों को कथित तौर पर नकदी मिली थी।

CJI ने तीन सदस्यीय समिति का गठन किया

दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय ने अपनी रिपोर्ट में आरोपों की गहन जांच की बात कही थी, जिसके बाद सीजेआई ने तीन सदस्यीय समिति का गठन किया।

दूसरे चरण में जांच की निगरानी खुद सीजेआई करते हैं। वर्ष 2014 में मध्य प्रदेश की एक अधीनस्थ अदालत की न्यायाधीश द्वारा हाई कोर्ट के एक न्यायाधीश पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाए जाने से जुड़े मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने संवैधानिक न्यायालयों के न्यायाधीश के विरुद्ध आरोपों की जांच के लिए आंतरिक प्रक्रिया निर्धारित की थी।

पहले चरण में आरोपों की गहराई से जांच की आवश्यकता नहीं

आंतरिक जांच प्रक्रिया के प्रथम चरण में शिकायत में निहित आरोपों की प्रथम दृष्टया सत्यता का पता लगाया जाता है। पहले चरण में आरोपों की गहराई से जांच की आवश्यकता नहीं है।

हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को बस इतना करना है कि वह तय करें कि क्या गहन जांच की जरूरत है। यह संबंधित न्यायाधीश के जवाब पर विचार करके तार्किक आकलन के आधार पर किया जाना है। यह उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों से संबंधित गंभीर नतीजों वाले मामले में आंतरिक जांच प्रक्रिया का दूसरा चरण है।

दूसरे चरण की निगरानी प्रधान न्यायाधीश करेंगे

दूसरे चरण की निगरानी कोई और नहीं बल्कि प्रधान न्यायाधीश ही करते हैं। यदि प्रधान न्यायाधीश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश द्वारा व्यक्त किए गए इस विचार से सहमत होते हैं कि गहन जांच की आवश्यकता है, तो वह तीन सदस्यीय समिति का गठन करेंगे और जांच प्रक्रिया को दूसरे चरण में ले जाएंगे। यहां पहली बार जांच के आधार पर आरोपों की प्रामाणिकता की जांच की जाएगी।

तीन सदस्यीय समिति के न्यायाधीशों का संबंधित न्यायाधीश के साथ कोई संबंध नहीं होगा। न केवल संबंधित न्यायाधीश को अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों को खारिज करने का उचित अवसर मिलेगा, बल्कि शिकायतकर्ता को भी यह संतुष्टि होगी कि जांच अनुचित नहीं होगी।

फाइनल रिपोर्ट सीजेआई को सौंपी जाएगी

जांच के समापन पर समिति निष्कर्ष तैयार करेगी और एक रिपोर्ट सीजेआई को सौंपी जाएगी। समिति की रिपोर्ट इन निष्कर्षों में से एक पर पहुंच सकती है-संबंधित न्यायाधीश पर लगाए गए आरोपों में कोई तथ्य नहीं है या यह कि न्यायाधीश के खिलाफ लगाए गए आरोपों में पर्याप्त तथ्य हैं।

यदि समिति इस निष्कर्ष पर पहुंचती है कि कदाचार इतना गंभीर नहीं है कि संबंधित न्यायाधीश को हटाने की कार्यवाही शुरू की जा सके, तो सीजेआइ न्यायाधीश को सलाह देंगे और यह भी निर्देश दे सकते हैं कि समिति की रिपोर्ट को रिकार्ड में रखा जाए।

यदि तीन सदस्यीय समिति इस निष्कर्ष पर पहुंचती है कि आरोपों में तथ्य हैं तो संबंधित न्यायाधीश को हटाने के लिए प्रधान न्यायाधीश इस तरह आगे बढ़ेंगे।

  • संबंधित न्यायाधीश को प्रधान न्यायाधीश द्वारा इस्तीफा देने या स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने की सलाह दी जाएगी।
  • यदि संबंधित न्यायाधीश सीजेआई की सलाह को स्वीकार नहीं करता है, तो प्रधान न्यायाधीश संबंधित उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से यह अपेक्षा करेंगे कि वह संबंधित न्यायाधीश को कोई न्यायिक कार्य न सौंपें। यदि संबंधित न्यायाधीश मुख्य न्यायाधीश की इस्तीफा देने की सलाह का पालन नहीं करते हैं, तो प्रधान न्यायाधीश तीन सदस्यीय समिति के निष्कर्षों से राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को अवगत कराएंगे, जिससे उन्हें हटाने की कार्यवाही शुरू हो सकेगी।

यह भी पढ़ें: Justice Yashwant Varma के घर के पास मिले जले नोटों के टुकड़े, सामने आया एक और वीडियो

यह भी पढ़ें: जस्टिस यशवंत वर्मा मामले में CJI ने किया कमेटी का गठन, जांच पूरी होने तक नहीं कर सकेंगे काम

Categories: Hindi News, National News

J&K और MP में दर्दनाक सड़क हादसे, 6 लोगों की मौत से पसरा मातम; मरने वालों में महाराष्ट्र के 5 निवासी

Dainik Jagran - National - March 23, 2025 - 11:32pm

टीम जागरण, नई दिल्ली। रविवार को जम्मू-कश्मीर और मध्य प्रदेश में हुए दो अलग-अलग सड़क हादसों में महाराष्ट्र में रहने वाले पांच लोगों समेत कुल छह की मौत हो गई। पहला हादसा मध्य प्रदेश के शिवपुरी में रविवार सुबह हुआ, जहां एक कार पुलिया से टकरा गई।

हादसे में महाराष्ट्र में तैनात दो महिला डॉक्टरों की मौत हो गई, जबकि कार में सवार चार लोग घायल हो गए। दूसरा हादसा जम्मू-कश्मीर के गांदरबल में श्रीनगर-सोनमर्ग मार्ग पर रविवार दोपहर को हुआ। बस से टकराने के कारण टैक्सी में बैठे महाराष्ट्र के एक ही परिवार के तीन सदस्यों व टैक्सी के चालक की मौत हो गई। जबकि बस में सवार 17 यात्री भी घायल हो गए।

सीआरपीएफ कैंप के पास हुआ हादसा

हादसा गांदरबल जिले में रविवार दोपहर को श्रीनगर-सोनमर्ग मार्ग गुंड में स्थित सीआरपीएफ कैंप के पास हुआ। यहां सोनमर्ग की ओर जा रही बस सामने से आ रही पर्यटकों से भरी टैक्सी टकरा गई। टैक्सी में चालक फहीम अहमद समेत महाराष्ट्र निवासी लेशिया आशीष परी, निक्की आशीष परी, हेतल आशीष परी की मौत हो गई।

हादसे के कुछ देर में सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान घटनास्थल पर पहुंच गए। उन्होंने बस को स्थानीय लोगों की सहायता से अस्पताल में पहुंचाया। बस में सवार 17 घायलों का भी इलाज जारी है।

एलजी और सीएम ने जताया दुख
  • इस हादसे पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी गहरा दुख जताया है। तीर्थ स्थलों की यात्रा पर निकले महाराष्ट्र के डॉक्टरों की कार अनियंत्रित होकर मप्र के शिवपुरी जिले की कोलारस तहसील के ग्राम लुकवासा के पास एक पुलिया से टकरा गई।
  • कार में महाराष्ट्र के भिवंडी निवासी 55 वर्षीय डॉ. अतुल आचार्य, उनकी पत्नी 50 वर्षीय डॉ. तन्वी आचार्य, बसाई निवासी 60 वर्षीय डॉ. सुबोध पंडित, उनकी पत्नी 55 वर्षीय डॉ. नीलम पंडित और 64 वर्षीय डॉ. उदय जोधी व उनकी पत्नी 59 वर्षीय डॉ. सीमा जोधी सवार थे।
  • वह एक साथ कार से 15 दिन पहले तीर्थ स्थलों के दर्शन करने निकले थे। वह अयोध्या से रामलला के दर्शन कर उज्जैन में महाकाल के दर्शन करने के लिए जा रहे थे। रविवार सुबह हुए हादसे में डॉ. तन्वी आचार्य और, डॉ. नीलम पंडित की मौत हो गई। जबकि बाकी चार डॉक्टर घायल हो गए।

यह भी पढ़ें: ड्राइवर को नींद की झपकी आने से पलट गई बस, तीन लोगों की मौत; 25 यात्री घायल

Categories: Hindi News, National News

अब सरहद की निगरानी करेंगे रोबोट, इन क्षेत्रों में तैनाती की तैयारी; सेना कर रही फील्ड परीक्षण

Dainik Jagran - National - March 23, 2025 - 11:29pm

पीटीआई, नई दिल्ली। देश की सुरक्षा में रोबोट तैनात करने की तैयारी है। परिंदा भी रोबोट की पैनी निगाह से बच नहीं सकेगा। दुश्मनों के लिए देश की सुरक्षा में सेंध लगाना लगभग नामुमकिन होगा और घुसपैठ पर भी लगाम लगेगी।

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) गुवाहाटी के शोधकर्ताओं ने अत्याधुनिक रोबोट विकसित किए हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) क्षमता से लैस ये रोबोट चुनौतीपूर्ण एवं दुर्गम सरहद की निर्बाध निगरानी करेंगे।

आईआईटी गुवाहाटी का बड़ा कमाल

आईआईटी गुवाहाटी द्वारा संचालित स्टार्टअप कंपनी दा स्पैटियो रोबोटिक लेबोरेटरी प्राइवेट लिमिटेड (डीएसआरएल) द्वारा विकसित रोबोटों को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन से भी मान्यता मिल चुकी है। सेना पहले से ही निगरानी प्रणाली के लिए फील्ड परीक्षण कर रही है।

अब ड्रोन करेंगे सीमा की निगरानी

डीएसआरएल के सीईओ अर्नब कुमार बर्मन के अनुसार, पारंपरिक सुरक्षा उपाय जहां ड्रोन, स्थिर कैमरे और गश्त पर निर्भर हैं वहीं स्वायत्त रोबोटिक सिस्टम प्रतिकूल मौसम और दुर्गम इलाकों में भी निगरानी करने में सक्षम है। बर्मन ने कहा, एआई-संचालित टोही से लैस यह प्रणाली सीमा सुरक्षा, महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की निगरानी और रणनीतिक रक्षा क्षेत्र के लिए गेम-चेंजर है।

चौबीसों घंटे निगरानी होगी सुनिश्चित

उन्होंने कहा कि इस रोबोटिक सिस्टम को दुर्गम इलाकों में भी निर्बाध रूप से काम करने के लिए डिजाइन किया गया है जिससे चौबीसों घंटे निगरानी सुनिश्चित होगी। हमें रक्षा प्रौद्योगिकी में भारत की आत्मनिर्भरता में योगदान करने पर गर्व है। हम ऐसे नवाचारों के लिए प्रतिबद्ध हैं जो हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करें। यह सिस्टम मल्टी-सेंसर खुफिया जानकारी एकत्र करने में सक्षम है, जिससे संभावित खतरों का पता लगाने और उन्हें रोकने की इसकी क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

संवेदनशील क्षेत्रों में तैनाती की तैयारी

आईआईटी गुवाहाटी के टेक्नोलाजी इनक्यूबेशन सेंटर के प्रमुख केयूर सोरठिया ने कहा कि इस रोबोटिक सिस्टम को संवेदनशील क्षेत्रों और सैन्य स्टेशनों में बड़े पैमाने पर तैनात करने की तैयारी है। यह अत्याधुनिक, स्वदेशी तकनीक घुसपैठ के प्रयासों जैसे आधुनिक खतरों का मुकाबला करके राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करेगी।

Categories: Hindi News, National News

Surbhi Raj Murder: पति ने सुरभि के पिता से क्यों बोला झूठ? इन लोगों पर जा रही शक की सुई; धीरे-धीरे सुलझ रही गुत्थी

Dainik Jagran - March 23, 2025 - 11:11pm

जागरण संवाददाता, पटना सिटी। अगमकुआं थाना क्षेत्र के कुम्हरार स्थित धनुकी मोड़ के समीप शनिवार की दोपहर एशिया अस्पताल की संचालिका सुरभि राज (30) के कार्यालय में घुसकर किसने गोलियों से भूना? इस सवाल की खोज में सहायक पुलिस अधीक्षक अतुलेश झा दिनभर जुटे रहे।

पुलिस टीम अस्पताल तथा आसपास लगे क्लोज सर्किट कैमरा फुटेज को खंगालने में जुटी रही। निजी अस्पताल के आसपास लगे मोबाइल टावर से हत्या के समय में प्रयुक्त मोबाइल और कर्मचारियों के मोबाइल नंबरों की पुलिस वैज्ञानिक पद्धति से जांच कर रही है।

गुलबी घाट पर किया गया अंतिम संस्कार

रविवार की सुबह संचालिका का अंतिम संस्कार गुलबी घाट पर कर दिया गया। रविवार की शाम तक किसी ठोस नतीजे पर पुलिस नहीं पहुंची है।

प्रथम दृष्टया पुलिस संचालिका की साइलेंसर पिस्टल से गोली मारकर हत्या के बाद साक्ष्य छुपाने के लिए कमरे से खून की सफाई किए जाने को गंभीरता से जांच कर रही है।

सुरभि के स्वजनों की तस्वीर।

एएसपी ने बताया कि घटना से जुड़ा किसी प्रकार का कोई भी फुटेज अभी तक नहीं मिला है। अगमकुआं थाना पुलिस अस्पताल के कर्मचारियों से पूछताछ कर हत्यारों की पहचान एवं कारण तक पहुंचने का प्रयास में जुटी है।

पुलिस ने घटना के समय मृतका के पति के नहीं रहने और मिलने वालों से भी पूछताछ कर चुकी है। हत्याकांड में आईटी सेल, एफएसएल और श्वान दस्ता की टीम गहन जांच कर रही है।

कर्मी ने बताया किसी ने नहीं सुनी गोली की आवाज

हत्या से जुड़े साक्ष्य को एकत्र करने के लिए अगमकुआं थाना पुलिस दूसरे दिन भी कई बार घटनास्थल का निरीक्षण किया। निजी अस्पताल के कर्मियों से पुलिस एक ही बात पूछती रही कि पास के कमरे में गोली चली तो संचालिका की चीख या फिर फायरिंग की आवाज क्यों नहीं सुनाई दिया?

कर्मी दीपक ने पुलिस को बताया कि किसी ने गोलियों की आवाज नहीं सुनी। अगमकुआं थानाध्यक्ष मनोज पांडे ने बताया कि प्रथम दृष्टया कर्मचारियों से पूछताछ में कोई ठोस सुराग नहीं मिला है। मृतका के पति राकेश रौशन से भी पुलिस कई बिंदुओं पर पूछताछ कर चुकी है।

सात वर्ष पहले की थी शादी, दो दिन पहले छोटे बेटे का मनाया था जन्मदिन

स्वजनों से मिली जानकारी के अनुसार अगमकुआं थाना क्षेत्र के कुम्हरार बैठका निवासी राजेश रौशन ने सुरभि राज से सात मार्च 2018 को अंतर जातीय प्रेम विवाह किया था। स्वजनों ने बताया कि उनके दो पुत्र राघव रौशन उर्फ कुकू और दूसरा रूद्रास रौशन उर्फ डूग्गू है।

दो दिन पहले ही बाजार समिति स्थित एक हाल में छोटे पुत्र डूग्गू का जन्मदिन मनाया गया था। स्वजनों की माने तो छोटे बेटे का अयोध्या में जन्मदिन मनाने के लिए टिकट भी बना था।

लेकिन निजी अस्पताल का ऑडिट होने को लेकर अयोध्या में जन्मदिन नहीं मनाया गया। उन्होंने बच्चों को बुआ के यहां बजरंगपुरी भेज दिया था।

पिता को दामाद से बेटी के मरने की मिली थी सूचना

अगमकुआं में ही त्रिभुवन कांप्लेक्स के फ्लैट संख्या 304 में रहने वाले पिता राजेश सिन्हा ने पुलिस को बताया है कि उन्हें दामाद राजेश रौशन से मोबाइल पर सूचना मिली कि कक्ष में सुरभि गिर कर बेहोश हो गई हैं।

सूचना के 15 मिनट के अंदर अस्पताल पहुंचे तो देखा कि बेटी आईसीयू में है। अस्पताल वाले बेटी को एम्स ले गए। रात में सूचना मिली की बेटी की मौत हो गयी है।

पिता ने एशिया ह\स्पिटल के कर्मचारियों पर शक जताया है। रविवार की सुबह संचालिका का अंतिम संस्कार गुलबी घाट पर कर दिया गया। पुलिस छानबीन कर रही है।

यह भी पढ़ें-

Surbhi Raj Murder: सुरभि की किससे थी दुश्मनी, 7 गोलियां क्यों मारीं? कातिलों पर कैसे कसेगा शिकंजा, उलझन में पुलिस

Patna News: प्राइवेट हॉस्पिटल की डायरेक्टर की सरेआम गोली मारकर हत्या, 2 घंटे बाद पुलिस को दी गई सूचना; जांच शुरू

Categories: Bihar News

New single photon emitter - BusinessLine

News - March 23, 2025 - 10:40pm
New single photon emitter  BusinessLine

Bihar News: बिहार में अपराधियों की उल्टी गिनती शुरू, आ गया ऊपर से नया ऑर्डर; तेज हुई बदमाशों की धरपकड़

Dainik Jagran - March 23, 2025 - 10:19pm

जागरण संवाददाता, पटना। बिहार में अब अपराधियों के लिए कोई जगह नहीं बची है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सख्त निर्देश के बाद पुलिस अपराध के खिलाफ एक्शन मोड में आ चुकी है।

बीते कुछ दिनों में राज्य के विभिन्न हिस्सों में पुलिस ने कई कुख्यात बदमाशों का एनकाउंटर किया है, वहीं दर्जनों को गिरफ्तार भी किया गया है।

इसी साल जनवरी महीने में एसटीएफ की टीम ने 50-50 हजार के दो कुख्यात अपराधियों को मार गिराया। आठ नक्सलियों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

इसके अलावा अब तक कुल 227 अपराधियों को धर दबोचा गया है, जिसमें 29 इनामी बदमाश भी शामिल हैं। राज्य की पुलिस अब साफ कर चुकी है कि जो कानून तोड़ेगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। 

तीन महीने में चार मुठभेड़

पिछले तीन महीनों में पटना सहित कई जिलों में मुठभेड़ की चार घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें न केवल अपराधियों की धरपकड़ हुई, बल्कि उनके नेटवर्क को भी ध्वस्त किया गया है।

अररिया, मुंगेर, गया, भोजपुर जैसे जिलों में भी पुलिस की कार्रवाई तेज है। अपराधियों की लोकेशन मिलने पर उन्हें मौके पर ही घेरकर कार्रवाई की जा रही है।

राज्य सरकार द्वारा विशेष रूप से गठित एसटीएफ, एसओजी और जिला पुलिस के संयुक्त ऑपरेशनों के जरिए नक्सली और संगठित अपराधियों पर शिकंजा कस दिया गया है।

बीते कुछ महीनों में एसटीएफ द्वारा गठित विशेष जांच इकाइयों (SIG), चीता बल, और अभियान दलों के माध्यम से की गई कार्रवाइयों में यह साफ हो चुका है कि राज्य में अपराधियों के लिए अब कोई “सुरक्षित ठिकाना” नहीं बचा है।

नक्सली गतिविधियों पर भी लगाम
  • नक्सली गतिविधियां अब केवल खड़गपुर और छक्कबरबंधा के सीमित पहाड़ी क्षेत्रों तक सिमट गई हैं। पुलिस का लक्ष्य है कि इन क्षेत्रों को भी आगामी तीन महीनों में पूरी तरह उग्रवादमुक्त कर दिया जाए।
  • इसके लिए झारखंड की सीमा से सटे इलाकों में अंतर्राज्यीय समन्वय के साथ अभियान तेज किया गया है।
  • इसके अलावा, एसटीएफ द्वारा बनाए गए 15 विशेष ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने संगठित अपराधियों के खिलाफ कई सफल अभियान चलाए हैं।
  • माफिया नेटवर्क, फिरौती गिरोह, हथियार तस्करी और आर्थिक अपराधों के मामलों में सैकड़ों गिरफ्तारियों हुई हैं।
  • राज्य सरकार द्वारा तैयार किया गया डिजिटल अपराध डाटाबेस भी पुलिस की कार्रवाई में मददगार साबित हो रहा है।
टॉप-10 अपराधियों की अब खैर नहीं

टॉप-10 और टॉप-20 अपराधियों की सूची नियमित रूप से अपडेट की जा रही है। जेल में बंद रहते हुए या राज्य से बाहर रहकर अपराध करने वाले अपराधियों पर भी विशेष निगरानी रखी जा रही है। ऐसे अपराधियों को प्रश्रय देने वालों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जा रही है।

राज्य सरकार अब हथियारों की अवैध तस्करी और गोली के क्रय-विक्रय पर विधिसम्मत नियंत्रण लाने के लिए नई नीति लागू करने की तैयारी में है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का स्पष्ट संदेश है कि सुशासन के रास्ते में कोई बाधा अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पुलिस को फ्री हैंड दिया गया है और अपराध पर काबू पाने के लिए हर आवश्यक संसाधन मुहैया कराया जा रहा है।

एसटीएफ और जिला आसूचना इकाइयों के बीच समन्वय को और मजबूत किया गया है। तकनीकी सेल द्वारा डिजिटल निगरानी, डेटा एनालिटिक्स और रियल टाइम इंटेलिजेंस के आधार पर अपराधियों के ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की जा रही है।

बिहार पुलिस की मौजूदा कार्यशैली केवल तात्कालिक कार्रवाई नहीं, बल्कि दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा है। राज्य को उग्रवाद, संगठित अपराध और भय से मुक्त करना अब केवल लक्ष्य नहीं, बल्कि सरकार की प्राथमिकता बन चुकी है।

जनता को सुरक्षा का भरोसा दिलाना, और अपराधियों को स्पष्ट संदेश देना यही आज के बिहार की बदलती तस्वीर है। और यही कारण है कि अब कहा जा सकता है। बिहार में कानून का राज लौट रहा है, और अपराधियों की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है।

यह भी पढ़ें-

Bihar News: एक्शन में पुलिस! टॉप उग्रवादियों की बन रही लिस्ट, बिहार में होने जा रहा बड़ा काम

एक्शन में ED, रेलवे क्लेम स्कैम में 8 करोड़ से अधिक की 24 संपत्तियां की जब्त; बढ़ेंगी मुश्किलें

Categories: Bihar News

Pages

Subscribe to Bihar Chamber of Commerce & Industries aggregator

  Udhyog Mitra, Bihar   Trade Mark Registration   Bihar : Facts & Views   Trade Fair  


  Invest Bihar