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Bihar News: स्कूली बच्चों को लेकर परिवहन विभाग ने जारी किया आदेश, 1 अप्रैल से बिहार में दिखेगा बड़ा बदलाव

Dainik Jagran - March 24, 2025 - 11:17pm

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के सभी जिलों में अगले माह से स्कूली बच्चों के परिवहन के लिए ऑटो और ई-रिक्शा का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा।

राज्य सरकार ने एक अप्रैल से स्कूली छात्र-छात्राओं के परिवहन में ऑटो या ई-रिक्शा के इस्तेमाल पर पूर्णत: प्रतिबंध लगा दिया है।

इस संबंध में बिहार पुलिस मुख्यालय के ट्रैफिक प्रभाग ने सभी जिलों के एसपी को पत्र लिखकर अनुपालन सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है। परिवहन विभाग ने इस आदेश का अनुपालन कराने को लेकर पुलिस मुख्यालय को पत्र भेजा था।

स्कूली बच्चों के परिवहन में ई-रिक्शा का धड़ल्ले से हो रहा परिचालन

सहायक पुलिस महानिरीक्षक (ट्रैफिक) की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि स्कूली बच्चों के परिवहन में ई-रिक्शा का धड़ल्ले से परिचालन हो रहा है, जो दर्दनाक सड़क दुर्घटनाओं को आमंत्रण दे रहा है।

इसको देखते हुए सभी एसपी अपने-अपने जिलों में स्कूली बच्चों के परिवहन ई-रिक्शा और ऑटो का परिचालन प्रतिबंधित करें। साथ ही इसके सभी हितधारकों जैसे विद्यालय प्रबंधन, अभिभावक, ट्रांसपोर्ट प्रबंधन आदि के बीच इस सूचना को प्रचारित- प्रसारित करते हुए इसे प्रभावकारी ढंग से लागू कराना सुनिश्चित कराए।

मालूम हो कि पटना समेत राज्य के लगभग सभी छोटे-बड़े जिलों में बच्चों के परिवहन में ऑटो और ई-रिक्शा का इस्तेमाल किया जा रहा है। अधिकतर ऑटो और ई-रिक्शा में नियमों को ताक पर रखकर क्षमता से अधिक बच्चों को भी बिठाया जाता है, जिससे दुर्घटनाएं भी होती हैं।

60 वाहन चालकों से परिवहन विभाग द्वारा वसूला गया 3.18 लाख जुर्माना

वहीं, दूसरी ओर सिवान में जिला परिवहन विभाग द्वारा अलग-अलग जगहों पर सघन वाहन जांच अभियान चलाया गया।

सहायक जिला परिवहन पदाधिकारी अर्चना कुमारी के नेतृत्व में शहर के गोपालगंज मोड़, छोटपुर हाईवे पर चलाए गए अभियान में बड़े और छोटे वाहनों के कागजातों और चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस सहित सीट बेल्ट और हेलमेट की जांच की गई।

अधूरे कागजात, हेलमेट नहीं लगाने और ट्रिपल लोडिंग के कारण जहां बाइक चालकों से जुर्माना वसूला गया। वहीं, ओवरलोडिंग के मामले में ई-रिक्शा चालकों पर भी जुर्माना किया गया।

एडीटीओ ने बताया कि अभियान के दौरान करीब 60 वाहन चालकों से 3 लाख 18 हजार 500 रुपये का जुर्माना वसूला गया है। इस दौरान चालकों को हेलमेट लगाने और सीट बेल्ट का उपयोग करने की नसीहत भी दी गई।

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Patna News: शिक्षा मंत्री के आवास से निकलते ही सड़क पर लेट गए सैकड़ों छात्र, आनन-फानन में लिया गया बड़ा फैसला

Dainik Jagran - March 24, 2025 - 11:00pm

जागरण संवाददाता, पटना। पटना की सड़कों पर सोमवार को जमकर बवाल हुआ। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की तृतीय अध्यापक नियुक्ति परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों ने सप्लिमेंट्री रिजल्ट जारी करने के लिए सोमवार को शिक्षा मंत्री सुनील कुमार के आवास का घेराव किया।

शिक्षा मंत्री की गाड़ी के आगे दर्जनों अभ्यर्थी लेट गए। इसपर शिक्षा मंत्री गाड़ी से उतर पैदल ही विधानसभा की ओर बढ़ने लगे। उनके साथ अभ्यर्थियों का हुजूम भी आगे बढ़ने लगा।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता में नौकरी और रोजगार है। बीपीएससी शिक्षक अभ्यर्थियों के सप्लिमेंट्री रिज्लट की मांग को लेकर बिहार लोक सेवा आयोग से बातचीत करेंगे।

नियमानुसार निष्कर्ष से अभ्यर्थियों को 28 मार्च को अवगत करा दिया जाएगा। शिक्षा विभाग और राज्य सरकार अभ्यर्थियों के हित में कानून सम्मत निर्णय के लिए कृतसंकल्प है।

वहीं, शिक्षा मंत्री के आवास के घेराव की सूचना पर बड़ी संख्या में पुलिस बल आसपास तैनात कर दिए गए। महिला अभ्यर्थियों के रोने पर मंत्री ने उन्हें कार्रवाई होने को लेकर आश्वस्त किया।

सचिवालय में संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर घेरा आवास

पिछले कई दिनों से गर्दनीबाग में बीपीएससी टीआरई-3 के अभ्यर्थी सप्लीमेंट्री रिजल्ट के लिए धरना पर बैठे थे। शिक्षा मंत्री ने अभ्यर्थियों के प्रतिनिधिमंडल को मिलने के लिए सोमवार की सुबह सचिवालय बुलाया था।

सचिवालय में संतोषजनक उत्तर नहीं मिलने पर अभ्यर्थी विधानसभा के आसपास जुटने लगे। अपराह्न 3:30 बजे के बाद शिक्षा मंत्री के आवास पहुंचते ही सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थी जमा होकर नारेबाजी करने लगे।

शिक्षा मंत्री ने अभ्यर्थियों को 28 तक इंतजार के लिए कहा। इसके बाद विधानसभा के लिए निकले। अभ्यर्थियों के गाड़ी के आगे लेटने पर वह उतरकर उनसे बातचीत करते हुए विधानसभा के पास पहुंच गए।

आश्वासन के बाद नहीं हो रही कार्रवाई
  • अभ्यर्थियों ने कहा कि एक ही अभ्यर्थी का प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में एक साथ हो रहा है। कई रिजल्ट वाले अभ्यर्थी सिर्फ एक सीट पर योगदान देते हैं। ऐसे में कई सीटें रिक्त रह जाती हैं।
  • मेधा के साथ यह अन्याय है। टीआरई-1 से ही सप्लिमेंट्री रिजल्ट की मांग की जा रही है, लेकिन आश्वासन पर कार्रवाई सिफर है।
  • अभ्यर्थी दीपक कुमार मिश्र, विक्की, सनी कुमार राज, नीलम, दिव्या, प्रियंका आदि ने कहा कि सप्लिमेंट्री परिणाम जारी होने पर आंदोलन को तेज करने के अतिरिक्त विकल्प नहीं है।

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Bihar Politics: बिहार आ रहे हैं अमित शाह, गोपालगंज से शुरू करेंगे चुनाव प्रचार

Dainik Jagran - March 24, 2025 - 10:33pm

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव का शंखनाद करने के लिए गृहमंत्री एवं भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह 29-30 मार्च को दो दिवसीय दौरे पर बिहार आ रहे हैं।

लोकसभा चुनाव के बाद 30 को शाह गोपालगंज में पहली बार राजनीतिक रैली को संबोधित करेंगे। इसमें गोपालगंज सहित पांच जिले के कार्यकर्ता सम्मिलित होंगे।

इस दौरे में गृहमंत्री पटना में एनडीए नेताओं के साथ बैठक भी करेंगे। संभावना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अतिरिक्त एनडीए के घटक दलों के अन्य वरिष्ठ नेता शाह के साथ मंच साझा कर सकते हैं।

पार्टी की कोशिश होगी कि फोरलेन के समीप ही रैली हो, ताकि कार्यकर्ताओं को आने-जाने में कोई समस्या नहीं हो।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने की बैठक

रैली एवं कार्यकर्ता सम्मेलन को सफल बनाने के लिए सोमवार को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल की अध्यक्षता में पार्टी प्रदेश मुख्यालय में गोपालगंज के अतिरिक्त मोतिहारी, बेतिया, सारण एवं सिवान जिले के मंत्रियों के अतिरिक्त पार्टी विधायक, विधान पार्षदों की बैठक हुई।

इस दौरान दोनों उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी एवं विजय सिन्हा के अतिरिक्त स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय एवं प्रदेश पदाधिकारी उपस्थित थे। इन जिलों के भाजपा पदाधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों को रैली में कार्यकर्ताओं को लाने के लिए व्यवस्था सुनिश्चित करने का दायित्व दिया गया।

लोकसभा चुनाव के बाद अमित शाह का पहला बिहार दौरा

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद गृहमंत्री का यह पहला बिहार दौरा है। साथ ही पार्टी की ओर से पहली राजनीतिक रैली की जा रही है। दो दिवसीय बिहार दौरे के तहत गृहमंत्री 29 मार्च की रात आठ बजे पटना आ जाएंगे।

इसके बाद प्रदेश भाजपा कार्यालय में पार्टी के विधायक, विधान पार्षद, सांसद एवं प्रदेश पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। लगभग डेढ़ घंटे तक की इस बैठक के बाद वे देर रात बिहार भाजपा की कोर कमेटी के नेताओं के साथ बैठक करेंगे।

सहकारिता विभाग के कार्यक्रम में होंगे शामिल

वहीं, 30 मार्च को गृहमंत्री बापू सभागार में 11 बजे से आयोजित सहकारिता विभाग के कार्यक्रम में सम्मिलित होंगे। विभाग की ओर से पैक्स से संबंधित चलाई जा रही योजनाओं का शुभारंभ आर कुछ नई योजनाओं का उद्घाटन होगा।

दिन के साढ़े 12 बजे वे पटना से गोपालगंज के लिए रवाना होंगे। गोपालगंज शहर के तीन-चार किलोमीटर की परिधि में रैली सह कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन होगा।

सम्मेलन के बाद वे पटना आएंगे और राजकीय अतिथिशाला में एनडीए की बैठक होगी। इस बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अतिरिक्त बिहार एनडीए के अन्य नेताओं के भाग लेने की संभावना है।

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Bihar Jobs 2025: चुनाव से पहले नौकरी को लेकर जारी हुआ एक और नया नोटिफिक्शन, 16 अप्रैल तक कर सकते हैं आवेदन

Dainik Jagran - March 24, 2025 - 10:24pm

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य में होमगार्ड के 15 हजार नए पदों पर बहाली को लेकर आनलाइन आवेदन की प्रक्रिया 27 मार्च से शुरू हो जाएगी जो 16 अप्रैल तक जारी रहेगी।

होमगार्ड बहाली के आनलाइन आवेदन को लेकर बिहार गृह रक्षा वाहिनी की नई वेबसाइट  www.onlinebhg.bihar.gov.in तैयार की गयी है, जो 27 मार्च से ही लाइव होगी।

गृह रक्षा वाहिनी एवं अग्निशमन सेवाएं के महानिदेशक सह महासमादेष्टा कार्यालय द्वारा जारी सूचना के अनुसार, अरवल जिला के साथ ही नवगछिया और बगहा पुलिस जिला को छोड़ कर बिहार के अन्य 37 जिलों में होमगार्ड के रिक्त 15 हजार पदों के लिए आवेदन लिए जाएंगे।

यह आवेदन जिले में उपलब्ध वैकेंसी के आधार पर ली जाएगी। इसेस जुड़ा विस्तृत निर्देश वेबसाइट पर ही उपलब्ध होगा।

सुरक्षा गार्ड और सुपरवाइजर की भर्ती में 220 रिक्तियों पर प्रखंडों में कैंप

उधर, हाजीपुर जिला के सभी 16 प्रखंड के प्रखंड परिसर में अवर प्रादेशिक नियोजनालय हाजीपुर एवं जिला प्रशासन के सहयोग से सुरक्षा सैनिकों, सुरक्षा पर्यवेक्षकों की बड़ी संख्या में बहाली की जाएगी।

इस संबंध में सिक्योरिटी एंड इंटेलिजेंट सर्विसेज लिमिटेड के ग्रुप कमांडर रामधारी सिंह ने बताया कि भर्ती शिविर में चयनित उम्मीदवारों को पंजीयन फार्म, प्रोस्पेक्टस के रूप में भर्ती नि:शुल्क होगी।

इसका चयनित पत्र भर्ती स्थल पर ही दिया जाएगा। इसके बाद प्रशिक्षण के लिए सभी उम्मीदवार को भर्ती अधिकारी के द्वारा बताए गए विभाग या कंपनी के प्रशिक्षण केंद्र झपहा, मुजफ्फरपुर- सीतामढ़ी रोड में रिपोर्ट करेंगे।

यहां उन्हें सुरक्षा संबंधी विभिन्न प्रकार के विषयों के संबंध में एक महीने का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। प्रशिक्षणोपरांत सभी को कंपनी के आवश्यकता के अनुसार विभिन्न स्थानों पर पोस्टिंग की जाती है।

भर्ती के लिए उम्मीदवारों की योग्यता इस प्रकार से होगी
  • कम से कम दसवीं पास।
  • उम्र 19 से 40 वर्ष।
  • ऊंचाई कम से कम 168 सेमी और वजन 55 से 90 किलो होना अनिवार्य
  • उम्मीदवार शारीरिक और मानसिक से स्वस्थ हो।
  • इन तिथियों को इन प्रखंडों में लगेगा कैंप
  • 24 मार्च को महुआ प्रखंड परिसर।
  • 25 मार्च को वैशाली प्रखंड परिसर।
  • 26 मार्च को चेहराकला प्रखंड परिसर|।
  • 27 मार्च को जंदाहा प्रखंड परिसर।
  • 28 मार्च को पातेपुर प्रखंड परिसर।
  • 29 मार्च को पटेढ़ी बेलसर प्रखंड परिसर।
  • 01 अप्रैल को राघोपुर प्रखंड परिसर।
  • 02 अप्रैल को हाजीपुर डीआरसीसी परिसर।
  • 03 अप्रैल को राजापाकर प्रखंड परिसर।
  • 04 अप्रैल को भगवानपुर प्रखंड परिसर।
  • 07 अप्रैल को देसरी प्रखंड परिसर।
  • 08 अप्रैल को लालगंज प्रखंड परिसर।
  • 09 अप्रैल को सहदेई बुजुर्ग प्रखंड परिसर।
  • 11 अप्रैल को बिदुपुर प्रखंड परिसर।
  • 12 अप्रैल को गोरौल प्रखंड परिसर।
  • 15 अप्रैल को महनार प्रखंड परिसर।

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सांसदों के वेतन-भत्ते में 24 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी, अब मिलेगा 1.24 लाख रुपये वेतन; पेंशन में भी इजाफा

Dainik Jagran - National - March 24, 2025 - 10:22pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सांसदों के वेतन-भत्ते में 24 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। 2018 के बाद पहली बार यह बढ़ोतरी की गई है। केंद्र सरकार ने वर्तमान सांसदों के वेतन-भत्ते के साथ ही पूर्व सांसदों के पेंशन में भी इसी आधार पर वृद्धि की अधिसूचना सोमवार को जारी की।

वेतन वृद्धि के बाद अब सांसदों का मूल वेतन एक लाख से बढ़कर 1.24 लाख रुपये प्रति माह हो गया है। जबकि, सांसदों का दैनिक संसदीय भत्ता 2000 रुपये से बढ़ाकर 2500 रुपये कर दिया गया है।

केंद्र सरकार ने जारी की अधिसूचना

संसदीय कार्य मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, मौजूदा सदस्यों के दैनिक भत्ते और पेंशन में भी वृद्धि की गई है। वहीं पूर्व सांसदों के लिए पांच साल से अधिक की सेवा के प्रत्येक वर्ष के लिए अतिरिक्त पेंशन भी बढ़ाई गई है।

सांसदों का वेतन पिछली बार 2018 में बढ़ा था और उसी समय फैसला हुआ था कि केंद्र सरकार महंगाई लागत सूचकांक के अनुसार पांच साल में वेतन वृद्धि की समीक्षा करेगी। इसीलिए, 24 प्रतिशत की वर्तमान बढ़ोतरी को अप्रैल 2023 से लागू करने की घोषणा की गई है।

सांसदों को अब मिलेगा 1.24 लाख महीना का वेतन

सांसदों को अब तक एक लाख रुपये वेतन मिलता था जो बढ़कर अब 1.24 लाख रुपये महीना हो जाएगा। दैनिक भत्ते में भी 500 रुपये की बढ़ोतरी होने के बाद अब यह 2500 रुपये प्रति दिन होगा।

पूर्व सांसदों का न्यूनतम पेंशन 25 हजार रुपये से बढ़ाकर अब 31 हजार रुपये प्रति माह कर दिया गया है। पांच साल से अधिक की सेवा यानि एक टर्म से अधिक सदस्य रहे पूर्व सांसदों को प्रत्येक वर्ष के लिए अतिरिक्त पेंशन 2,000 रुपये प्रति माह की जगह अब 2,500 रुपये प्रति महीने के हिसाब से जोड़कर मिलेगा।

अन्य भत्तों में भी होगा इजाफा

वेतन के अलावा साथ ही सांसदों को क्षेत्र के लोगों से संपर्क में रहने के लिए निर्वाचन क्षेत्र भत्ते के रूप में 70,000 रुपये भत्ता मिलता है। कार्यालय भत्ते के रूप में हर महीने 60,000 रुपये मिलते हैं।

वेतन-भत्ते में हुई ताजा वृद्धि के अनुरूप इन भत्तों में भी इजाफा होगा। इसके अलावा सांसदों को राजधानी दिल्ली में मुफ्त आवास, फोन, इंटनरेट, हवाई-ट्रेन यात्रा समेत कुछ अन्य सुविधाएं भी मिलती हैं।

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India's financial system resilient, diverse: IMF

Business News - March 24, 2025 - 10:01pm
The Indian financial system has become more resilient and diverse, driven by rapid economic growth and withstood the pandemic well, according to an IMF report. The Financial Sector Assessment Program (FSAP), a joint programme of the International Monetary Fund (IMF) and the World Bank (WB), undertakes a comprehensive and in-depth analysis of a country's financial sector. IMF has released the latest India-FSSA report, based on the assessment carried out during 2024, while WB's Financial Sector Assessment (FSA) report is due for publication. "India welcomes assessment of the Indian financial system undertaken by the joint IMF-World Bank team conforming to the highest international standards," the Reserve Bank said in a release on Monday. The IMF report said that since the last FSAP in 2017, India's financial system has become more resilient and diverse, driven by rapid economic growth. "The system recovered from the distress episodes of the 2010s and withstood the pandemic well. NBFIs and market financing have grown, making the financial system more diverse and interconnected. State-owned financial institutions' share remains significant," it said. It further said that stress tests show that the main lending sectors are broadly resilient to macrofinancial shocks, despite some weak tails. Banks and NBFCs have sufficient aggregate capital to support moderate lending even in severe macro-financial scenarios. "But several banks, particularly PSBs, may need to strengthen their capital base to support lending in such situations. Weak tails comprise a few non-systemic NBFCs and urban cooperative banks (UCBs) that report below minimum or negative capital even in the baseline. Vulnerability to short-term liquidity stress is generally contained," the report said. On regulation and supervision of NBFCs, the IMF acknowledged India's systematic approach to prudential requirements of NBFCs with the scale-based regulatory framework. IMF appreciated India's approach to the introduction of a bank-like Liquidity Coverage Ratio (LCR) for large NBFCs. IMF also acknowledged that the regulatory framework in securities markets has been enhanced in line with international practice to manage and prevent emerging risks. Notable improvements include establishing the Corporate Debt Market Development Fund (CDMDF). The report observed that India's insurance sector is strong and growing, with a significant presence in both life and general insurance. The sector has remained stable, supported by better regulations and digital innovations. IMF also analysed cyber security frameworks in the banking sector, financial market infrastructure (FMI), critical information systems, and other relevant players in the securities market. It found that Indian authorities have advanced cybersecurity risk oversight, especially for banks. However, it stated that extensive cybersecurity crisis simulations and stress tests for banks could be expanded for cross-sectoral and market-wide events to further strengthen cybersecurity resilience. The recommendations in the case of India FSAP are mainly focussed on bringing about further improvements in the structure and functioning of the financial system and many of the detailed recommendations are in conformity with the concerned authorities'/ regulators' own developmental plans.
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जस्टिम वर्मा मामले के बाद फिर चर्चा में NJC, जल्द बुलाई जाएगी सभी दल के नेताओं की बैठक

Dainik Jagran - National - March 24, 2025 - 9:58pm

जेएनएन, नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस यशवंत वर्मा के घर से बड़ी मात्रा में बेहिसाब नकदी मिलने की घटना के बाद राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) एक बार फिर चर्चा में आ गया है।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को कहा कि एनजेएसी अधिनियम के मुद्दे को आगे बढ़ाने के लिए वह शीघ्र ही राज्यसभा में विभिन्न पार्टियों के संसदीय दल के नेताओं की बैठक बुलाएंगे। उपराष्ट्रपति धनखड़ राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग अधिनियम को रद करने के सुप्रीम कोर्ट के अक्टूबर 2015 के फैसले के मुखर आलोचक रहे हैं।

राज्यसभा के सभापति ने बुलाई बैठक

राज्यसभा के सभापति धनखड़ ने न्यायिक जवाबदेही और एनजेएसी अधिनियम के मुद्दे पर चर्चा के लिए सोमवार को सदन के नेता जेपी नड्डा और नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ बैठक की। दोनों नेताओं ने धनखड़ के कक्ष में बातचीत की। इस संबंध में एक सूत्र ने बताया कि सभापति ने नड्डा और खरगे को बैठक के लिए पत्र लिखा था।

कांग्रेस ने सदन में उठाया था नकदी बरामद का मु्द्दा

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने हाई कोर्ट के एक न्यायाधीश के आवास से नकदी बरामद होने का मुद्दा 21 मार्च को उच्च सदन में उठाया था। इसके जवाब में सभापति धनखड़ की टिप्पणियों की पृष्ठभूमि में यह बैठक बुलाई गई। उपराष्ट्रपति ने 2014 में एनजेएसी एक्ट पारित होने के बाद न्यायिक नियुक्तियों के लिए एक तंत्र का उल्लेख किया था। सुप्रीम कोर्ट ने बाद में इस अधिनियम को रद कर दिया था।

राज्यसभा के सभापति ने क्या कहा?

धनखड़ ने 21 मार्च को राज्यसभा में कहा था-आप सभी को वह प्रणाली याद होगी, जिसे इस सदन ने लगभग सर्वसम्मति से पारित किया था। उस पर कोई मतभेद नहीं था। राज्यसभा में केवल एक सदस्य अनुपस्थित था। सभी राजनीतिक दल एकजुट हुए थे और सरकार की पहल का समर्थन किया था। मैं यह जानना चाहता हूं कि भारतीय संसद से पारित उस विधेयक की क्या स्थिति है, जिसे देश की 16 राज्य विधानसभाओं ने मंजूरी दी और जिस पर संविधान के अनुच्छेद 111 के तहत माननीय राष्ट्रपति ने हस्ताक्षर किए थे।

इस देश के संसदीय इतिहास में अभूतपूर्व सहमति के साथ इस संसद द्वारा पारित ऐतिहासिक विधेयक में इस समस्या से निपटने के लिए बहुत गंभीर प्रविधान थे। यदि इस बीमारी को खत्म कर दिया गया होता तो शायद हमें इस तरह के मुद्दों का सामना नहीं करना पड़ता। मुझे इस बात से परेशानी है कि इस तरह की घटना घटी और तुरंत सामने नहीं आई।

धनखड़ ने कहा था कि वह नेता सदन और नेता प्रतिपक्ष से इस मुद्दे पर चर्चा के लिए विचार-विमर्श करेंगे। दूसरी तरफ तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा ने सोमवार को आशंका जताई कि केंद्र सरकार जज के आवास से नकदी मिलने का इस्तेमाल न्यायिक नियुक्तियों पर नियंत्रण के लिए कर सकती है। उन्होंने लोकसभा में दावा किया कि मीडिया में हो-हल्ला राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग को पुनर्जीवित करने के एक बड़े प्रयास का हिस्सा है।

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