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Bihar Politics: 'बिहार में फिर से जंगलराज लाने को दिल्ली में हुई बैठक', मांझी के बयान से सियासी पारा हाई
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Political News Today: हम के संरक्षक एवं केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने दिल्ली में कांग्रेस-राजद नेताओं की बैठक पर कटाक्ष करते हुए कहा कि स्वार्थ में डूबे कुछ लोगों ने बैठक कर इस बात चर्चा की है कि बिहार में पुनः जंगलराज कैसे स्थापित किया जाए।
सबको मालूम है कि आइएनडीआइए गठबंधन के नेताओं में बिहार में सत्ता पाने की कितनी व्याकुलता है। मांझी ने एक्स पर लिखा- मैं आइएनडीआइए को बता दूं कि बिहार की जनता को सुशासन की सरकार में 24 घंटे बिजली के बीच भयमुक्त वातावरण में अच्छी सड़क पर फर्राटे भरकर चलने का शौक चढ़ चुका है। अब उन्हें कोई बरगला नहीं सकता। बिहार में एनडीए तय है।
मांझी ने कहा कि तेजस्वी यादव राघोपुर में जाकर सत्तू खाते हैं और अपने लोगों से अपील करते हैं कि वे दलितों का सम्मान करें। उन्हें यह बताना चाहिए कि आखिर दलित सम्मान को लेकर आपका हृदय परिवर्तन क्यों हो गया?
इसका मकसद केवल बिहार के विधानसभा चुनाव में दलितों का वोट हासिल करना है। बिहार का दलित समाज आपके माता-पिता के शासनकाल में मिली यातनाओं को अबतक नहीं भूला है।
संविधान बचाने के लिए बाबा साहब के विचारों के साथ हमलोग खड़े हैं व रहेंगे: तेजस्वीराजद प्रदेश कार्यालय में सोमवार को संविधान निर्माता बाबा साहब डा. भीमराव आंबेडकर की जयंती मनायी गई। इस अवसर पर आंबेडकर के तैल चित्र पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सहित राजद के अन्य नेताओं ने माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि संविधान के निर्माण में आंबेडकर का अमूल्य योगदान रहा है।
आज बाबा साहब के विचारधारा और संविधान को कमजोर करने का भाजपा के द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है। आज आंबेडकर के विचारधारा के विरुद्ध जाकर भाजपा गुरू गोलवलकर और नाथूराम गोडसे के विचारधारा पर चल रही है। राजद की ओर से राज्यभर के हरेक पंचायत में आंबेडकर जयंती पंचायत स्तर पर मनाया जा रहा है।
इसी क्रम में मैं भी पंचायत स्तर पर आयोजित एक कार्यक्रम में सम्मिलित हुआ।इस अवसर पर माल्यार्पण करने वालों में प्रदेश प्रधान महासचिव रणविजय साहू, प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद, अरूण कुमार यादव एवं चन्देश्वर प्रसाद सिंह सहित अन्य गणमान्य नेताओं ने माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की।
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डिजिटल फ्रॉड करने वालों की अब खैर नहीं, CBI ने शुरू किया ऑपरेशन चक्र-V; करोड़ो की ठगी करने वाले चार गिरफ्तार
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। डिजिटल अरेस्ट कर करोड़ों की ठगी करने वाले बड़े गिरोह तक सीबीआइ (CBI) पहुंच गई है। फिलहाल इसके चार सदस्यों को गिरफ्तार किया जा चुका है। गिरोह के अन्य सदस्यों की सीबीआइ खोज रही है। यही कारण है कि गिरफ्तार आरोपितों के नाम उजागर नहीं हुआ है।
सीबीआइ ने इस पूरे ऑपरेशन का नाम 'आपरेशन चक्र-पांच' दिया है। सीबीआइ के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार झुंझुनू में एक व्यक्ति को तीन महीने तक डिजिटल अरेस्ट कर 7.6 करोड़ रुपए की ठगी की जांच के दौरान देश भर में फैले इस गिरोह के नेटवर्क का पता चला।
पीड़ित को डराकर लूटे करोड़ों रुपयेगिरोह के सदस्यों ने विभिन्न एजेंसियों के अधिकारी बनकर पीड़ित को डराकर 42 बार में यह रकम वसूल की। राजस्थान सरकार के अनुरोध पर झुंझुनू साइबर पुलिस में दर्ज केस की जांच सीबीआइ ने अपने हाथ ली थी। फिलहाल जिन चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें दो मुंबई और दो मुरादाबाद के हैं।
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, जांच के दौरान गिरोह द्वारा कई अन्य लोगों से इसी तरह से डिजिटल अरेस्ट कर ठगी के सुबूत मिल रहे हैं। उनके पास 25 हजार आइपी एड्रेस और लगभग 200 बैंक खाते मिले हैं। जिनकी जांच की जा रही है और इन आइपी एड्रेस से किस-किस को काल किया गया और बैंक खातों में किन-किन लोगों से पैसे ट्रांसफर कराये गए, उनका पता लगाया जा रहा है। इन लोगों के डिजिटल अरेस्ट होकर ठगी का शिकार होने की आशंका है।
सीबीआइ ने जांच में हाई टेक्नोलॉजी का किया इस्तेमालवरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, केस हाथ में लेने के बाद सीबीआइ ने व्यापक डेटा विश्लेषण और प्रोफाइलिंग से गहन जांच की। अपराधियों की पहचान करने के लिए उन्नत जांच तकनीकों का इस्तेमाल किया गया।
जांच के दौरान मिले सुरागों के आधार पर मुरादाबाद और संभल, मुंबई, जयपुर और बंगाल के कृष्णानगर में बारह स्थानों पर व्यापक तलाशी ली गई, जिसके परिणामस्वरूप इस संगठित अपराध गिरोह में शामिल चार व्यक्तियों की गिरफ्तारी हुई। तलाशी के दौरान बैंक खाते का विवरण, डेबिट कार्ड, चेक बुक, जमा पर्ची और डिजिटल डिवाइस साक्ष्य बरामद किये गए।
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Bihar Election 2025: एक घंटे तक चली राहुल-खरगे और तेजस्वी की मीटिंग, मगर CM फेस पर नहीं लगी मुहर
राज्य ब्यूरो, पटना। इस वर्ष बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) की आहट तेज होने लगी है। इससे पहले नेताओं के बीच मिलने-मिलाने का दौर तेज शुरू हो गया है।
इसी कड़ी में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने मंगलवार को दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष व लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की।
करीब घंटे भर चली बैठक के बाद भी मुख्यमंत्री फेस पर मुहर नहीं लग पाई। हालांकि, चुनावी तैयारियों और साझा एजेंडे पर नेता जरूरत सहमत नजर आए।
बैठक में कौन-कौन मौजूद रहा?मंगलवार को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर राजद-कांग्रेस के नेताओं की बैठक हुई। बैठक में राजद की ओर से तेजस्वी यादव, प्रवक्ता मनोज झा और संजय यादव शामिल हुए।
जबकि कांग्रेस से बैठक में खरगे और राहुल गांधी के अलावा केसी वेणुगोपाल, बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावारू और प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार शामिल रहे।
करीब 1 घंटे तक चली मीटिंगनेताओं ने करीब घंटे भर चली बैठक में कई मुद्दों पर आपस में चर्चा की। सूत्रों की माने तो बैठक में मुख्यमंत्री फेस को लेकर कांग्रेस ने अपना रुख स्पष्ट किया और कहा कि अभी इस मुद्दे पर कोई बात नहीं हुई है।
अब 17 अप्रैल को पटना में मीटिंगबिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावारू ने बैठक के बाद कहा- यह आरंभिक बैठक है। 17 अप्रैल को पटना में भी एक बैठक होगी, जिसमें चुनावी एजेंडा, सीटों का बंटवारा और मुख्यमंत्री के चेहरे पर सभी सहयोगी दल आपसी सहमति बनाएंगे। उन्होंने कहा कि अभी हम शुरुआत कर रहे हैं।
वहीं सूत्रों के अनुसार, बैठक में तय हुआ कि चुनाव के मुद्दे सामूहिक होंगे। साझा चुनाव प्रचार होगा और समय रहते सीटों का बंटवारा कर लिया जाएगा। इसके साथ ही बिहार में जो छोटे दल हैं उन्हें भी महागठबंधन में शामिल करने का विकल्प पर नेताओं के बीच बातचीत हुई।
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तमिल-मराठी विवाद के बीच असम में अनिवार्य हुई असमिया भाषा, लेकिन इन जिलों को छूट
पीटीआई, गुवाहाटी। असम में बराक घाटी के तीन जिलों और बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र (बीटीआर) के पांच जिलों को छोड़कर पूरे राज्य में सभी आधिकारिक कार्यों में असमिया भाषा का इस्तेमाल अनिवार्य रूप से किया जाएगा।
15 अप्रैल असमिया नववर्ष 'बोहाग' से यह नियम लागू होगा। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि 'बोहाग' से असमिया पूरे असम में सभी सरकारी अधिसूचनाओं, आदेशों, अधिनियमों आदि के लिए अनिवार्य आधिकारिक भाषा होगी। बराक घाटी और बीटीआरआर जिलों में क्रमश: बंगाली और बोडो भाषाओं का उपयोग किया जाएगा।
सरकार कार्यालयों में असमिया भाषा अनिवार्यआधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, सभी सरकारी अधिसूचनाएं, कार्यालय ज्ञापन, अधिनियम, नियम, विनियम, योजना दिशानिर्देश, स्थानांतरण और पो¨स्टग आदेश अंग्रेजी और असमिया दोनों में जारी किए जाएंगे।
जारी की गई अधिसूचनाराज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह और राजनीतिक विभाग) अजय तिवारी की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि बराक घाटी के कछार, हैलाकांडी और श्रीभूमि जिलों में आधिकारिक उद्देश्यों के लिए अंग्रेजी के अलावा बांग्ला भाषा का भी इस्तेमाल किया जाएगा।
इसी तरह, बीटीआर के तहत कोकराझार, चिरांग, बक्सा, उदलगुरी और तामुलपुर में आधिकारिक उद्देश्यों के लिए अंग्रेजी के अलावा बोडो भाषा का भी उपयोग किया जाएगा।
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ईरान-अमेरिका की दोस्ती से भारत की बल्ले-बल्ले, पाकिस्तान की बढ़ जाएगी टेंशन? जानिए क्या है पूरा मामला
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। ईरान और अमेरिका के बीच परमाणु वार्ता का पहला दौर समाप्त हो चुका है। दोनों पक्षों ने कहा है कि जल्द ही वार्ता के दूसरे दौर की तारीख व स्थल भी तय किया जाएगा। इस बीच ईरान के आयातुल्लाह अली खामनेई ने भी वार्ता को अपना समर्थन दे दिया है। ऐसे में भारत भी इन सारी गतिविधियों पर नजर रखे हुए हैं।
इस महीने के अंत में ब्रिक्स संगठन के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन विदेश मंत्री एस जयशंकर की ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अर्घची के साथ मुलाकात भी संभव है। यही नहीं अगर सब कुछ ठीक रहा तो जुलाई, 2025 में होने वाली ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (ब्राजील) में पीएम नरेन्द्र मोदी और ईरान के राष्ट्रपति डॉ. मसूद पेजेशकियान के साथ बैठक कराने को लेकर भी दोनों देशों के अधिकारियों के बीच संपर्क है।
ईरान को लेकर कड़ा रवैया अख्तियार कर सकते हैं ट्रंपसूत्रों ने बताया कि, “ट्रंप प्रशासन ने दोबारा सत्ता में आने के कुछ ही दिनों बाद चाबहार को लेकर भारत की विकास सहायता पर भी परोक्ष तौर पर पाबंदी लगाने का संकेत दिया था। यह चिंता की बात थी क्योंकि पूर्व की बाइडन सरकार ने जब ईरान पर प्रतिबंध लगाया था तो चाबहार को उससे अलग रखा था। ऐसे में भारत को इस बात की आशंका थी कि ईरान को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और कड़ा रवैया अख्तियार कर सकते हैं। ऐसे में अमेरिका और ईरान के बीच सीधी वार्ता की शुरूआत ने माहौल बदल दिया है।''
ईरान के दक्षिणी पश्चिमी तट पर स्थित चाबहार पोर्ट भारत की अभी तक की सबसे महत्वाकांक्षी योजना है। इसके जरिए भारत ना सिर्फ पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में चीन की तरफ से निर्मित ग्वादर बंदरगाह को चुनौती पेश करने की मंशा रखता है बल्कि भारतीय उत्पादों को मध्य एशियाई व यूरोपीय बाजार में भेजने के लिए इसका इस्तेमाल करना चाहता है।
ईरान के साथ तेल आपूर्ति को लेकर भारत की बातचीत जारीवर्ष 2016 में भारत और ईरान के बीच तब 8 अरब डॉलर के निवेश को लेकर समझौता हुआ था। मई, 2024 में भारत व ईरान के बीच चाबहार पोर्ट पर एक और टर्मिनल के निर्माण के लिए समझौता हुआ था।
अमेरिकी प्रतिबंधों की वजह से इसकी प्रगति बहुत उल्लेखनीय नहीं है। भारत की तेल कंपनियों के सूत्रों ने भी बताया है कि ईरान के साथ तेल आपूर्ति को लेकर बातचीत जारी है। वैसे यह तभी संभव होगा जब अमेरिकी सरकार की तरफ से ईरान पर लगे प्रतिबंध हटाये जाए।
ऐसा पूर्व में जुलाई, 2015 में बराक ओबामा की सरकार ने किया था। तब भारतीय कंपनियों ने अमेरिकी प्रतिबंध हटने के तकरीबन एक हफ्ते के भीतर ही पहला तेल सौदा कर लिया था। इस बार प्रतिबंध बहुत लंबा खींच गया है। पिछले कुछ समय से दोनों देशों के पेट्रोलियम सेक्टर में कोई खास संपर्क नहीं है। अब वह संपर्क फिर से स्थापित किया जा रहा है।
कभी ईरान भारत का दूसरा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता देश होता थातेल कंपनियों के सूत्रों का कहना है कि “जिस तरह से वैश्विक हालात अनिश्चित व अस्थिरत हैं उसमें भारत ईरान जैसे एक पुराने भरोसेमंद तेल आपूर्तिकर्ता देश के साथ निश्चित तौर पर कारोबार बढ़ाना चाहेगा।'' कभी ईरान भारत का दूसरा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता देश होता था। वर्ष 2018-19 में भारत ने ईरान से 12 अरब डॉलर मूल्य के कच्चे तेल की खरीद की थी।
अमेरिकी प्रतिबंध ने ईरान के पेट्रोलियम सेक्टर में बड़ी भूमिका निभाने की सोच रहे भारतीय कंपनियों के मंसूबों पर भी पानी फेर दिया है। अमेरिका व ईरान के बीच संबंधों में सुधार भारतीय कंपनियों को फिर से अपनी निवेश योजनाओं को आगे बढ़ाने का मौका दे सकता है।
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Begusarai News: बेगूसराय में एक और कंपनी लगाने जा रही प्लांट, 1000 करोड़ रुपये का करेगी निवेश
राज्य ब्यूरो, पटना। Begusarai News: साफ्ट ड्रिंक तैयार करने वाली कंपनी कैंपा कोला बेगूसराय मे बिहार में अपनी पहली यूनिट लगाने जा रही। कैंपा कोला बेगूसराय में एक हजार करोड़ रुपए का निवेश करेगी। इसके तहत 35 एकड़ जमीन में कैंपा कोला का प्लांट लगाया जाएगा।
उद्योग विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बियाडा की प्रोजेक्ट क्लियरेंस कमेटी ने मंगलवार को कैंपा कोला को यूनिट लगाए जाने की मंजूरी प्रदान कर दी। हाल के दिनों में यह पहला मौका है जब किसी एक कंपनी द्वारा इतनी बड़ी राशि का निवेश किसी प्रोजेक्ट में किया जा रहा। बेगूसराय में पूर्व से एक दूसरी साफ्ट ड्रिंक कंपनी काम कर रही।
एक कैटल फीड बनाने वाली कंपनी को भी जमीन का क्लियरेंसवहीं प्रोजेक्ट क्लियरेंस कमेटी की बैठक में एक कैटल फीड बनाने वाली कंपनी को भी जमीन का क्लियरेंस दिया गया। यह कंपनी मुजफ्फरपुर इलाके में अपना यूनिट लगाएगी। इसका निवेश 20 करोड़ रुपए का है।
उद्योग विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इसके अलावा जिन औद्योगिक इकाईयों को प्रोजेक्ट क्लियरेंस कमेटी की बैठक में मंजूरी मिली वह बहुत बड़े आकार के निवेश वाली नहीं है।
पिछले वर्ष बड़े निवेश के रूप में अदाणी समूह बिहार आया था। अदाणी समूह नवादा के वारसलिगंज में सीमेंट फैक्ट्री लगा रहा। उसे चीनी मिल की जमीन आवंटित की गयी थी। आईटी क्षेत्र की कुछ कंपनियां भी बड़े निवेश के प्रस्ताव के साथ है।
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