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गुरुग्राम जमीन घोटाला: रॉबर्ट वाड्रा से आज भी पूछताछ करेगी ED, कांग्रेस देशभर में करेगी प्रदर्शन

Dainik Jagran - National - April 16, 2025 - 6:32am

 जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा से ईडी ने छह साल बाद छह घंटे तक पूछताछ की। गुरुग्राम के शिकोहपुर में 7.5 करोड़ रुपये में जमीन खरीदकर डीएलएफ को 58 करोड़ रुपये में बेचने के मामले में वाड्रा से मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत पूछताछ की गई। उन्हें बुधवार को फिर पूछताछ के लिए बुलाया गया है।

रॉबर्ट वाड्रा से पहले भी पूछताछ कर चुकी है

वाड्रा के खिलाफ ईडी दो अन्य मामलों बीकानेर जमीन घोटाला और संजय भंडारी से जुड़े लंदन के ब्रायंस्टन स्क्वायर में मकान खरीद की भी मनी लांड्रिंग के तहत जांच कर रही है। वाड्रा से वर्ष 2018 और 2019 में ईडी कई दौर की पूछताछ कर चुकी है। लेकिन, ईडी की कार्रवाई के खिलाफ हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में विभिन्न याचिकाएं दाखिल होने के कारण आगे पूछताछ नहीं हो सकी।

ईडी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अदालती विकल्प खत्म होने के बाद वाड्रा से पूछताछ शुरू की गई है। वैसे इस मामले में ईडी ने डीएलएफ से मिले 58 करोड़ रुपये में से अधिकांश को जब्त कर लिया है। इनमें वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हास्पीटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड की संपत्तियां भी शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि जल्द ही घोटाले से जुड़े ओंकारेश्वर प्रोपर्टीज और डीएफएफ के अधिकारियों से भी पूछताछ होगी। इन सब से पूछताछ होने के बाद ईडी मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून की धाराओं से तहत वाड्रा व अन्य आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करेगी।

बीकानेर जमीन मामले में भी चल रही है जांच

वाड्रा के खिलाफ बीकानेर में 65 हेक्टेयर जमीन खरीद घोटाले में भी ईडी जांच कर रही है। केवल 75 लाख रुपये में इस जमीन को बाद में एलीजेंसी फिनलीज को पांच करोड़ में बेचा गया था। ईडी इस मामले में 6.87 करोड़ रुपये की संपत्ति को अस्थायी रूप से जब्त कर चुकी है। इनमें स्काईलाइट हॉस्पीटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड की एक अचल संपत्ति भी शामिल है।

इस मामले में ईडी नौ आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। वाड्रा और उसकी कंपनी की भूमिका की जांच चल रही है। जल्द ही वाड्रा को इस मामले में भी पूछताछ के लिए समन किया जाएगा और उसके बाद उनके खिलाफ पूरक चार्जशीट दाखिल की जाएगी।

संजय भंडारी से जुड़े रॉबर्ट वाड्रा के तार

लंदन में रह रहे और वहां की अदालत में प्रत्यर्पण के केस का सामना कर रहे संजय भंडारी के खिलाफ मनी लांड्रिंग की जांच के दौरान लंदन के 12 ब्रायंस्टन स्क्वायर के असली मालिक रॉबर्ड वाड्रा के होने के सबूत मिले थे। इस मामले की जांच अभी चल रही है और ईडी संजय भंडारी के प्रत्यर्पण और ब्रिटेन में भेजे गए लेटर रोगेटरी (एलआर) के जवाब का इंतजार कर रही है।

जांच के लिए जस्टिस एसएन ढींगरा के नेतृत्व में गठित किया गया था आयोग

जागरण संवाददाता के अनुसार, गुरुग्राम में रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी को सस्ती दरों पर जमीन देने का घटनाक्रम साल 2008 का है। उस समय हरियाणा में कांग्रेस की सरकार थी। भूपेंद्र सिंह हुड्डा मुख्यमंत्री थे।

भाजपा ने बना दिया था चुनावी मुद्दा

भाजपा ने 2014 के विधानसभा चुनाव में वाड्रा को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाते हुए इसे चुनावी मुद्दा बना दिया था। इसकी जांच के लिए जस्टिस एसएन ढींगरा के नेतृत्व में आयोग भी गठित किया गया था, लेकिन तब जांच किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंची। इस संबंध में केस कई साल तक अदालत में भी चला। 2018 में इसी जमीन घोटाले में गुरुग्राम के खेड़की दौला थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। इस आधार पर ईडी द्वारा जांच की जा रही है।

मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का भी नाम

ईडी भूपेंद्र सिंह हुड्डा समेत अन्य आरोपितों को भी जांच के लिए बुला सकती है ईडी जिस एफआइआर के आधार पर जांच कर रही है, उसकी शुरुआत साल 2018 में हुई थी। गुरुग्राम के गांव तौरू के रहने वाले सुरेंद्र शर्मा ने गुरुग्राम के खेड़की दौला थाने में एक सितंबर 2018 को शिकायत दर्ज कराई। इसमें आरोप लगाया गया था कि वाड्रा की कंपनी ने कुछ अन्य लोगों के साथ मिलकर उन्हें धोखा दिया है। इस केस में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का नाम भी शामिल बताया जाता है।

कंपनी पर वित्तीय अनियमितताओं का आरोप

शिकायतकर्ता सुरेंद्र शर्मा का आरोप है कि वाड्रा की कंपनी और डीएलएफ के बीच हुई डील के बाद बदले में हुड्डा सरकार ने डीएलएफ को गुरुग्राम के वजीराबाद में 350 एकड़ जमीन का आवंटन किया। इसी मामले में ईडी वाड्रा की कंपनी पर वित्तीय अनियमितताओं की जांच कर रही है। ईडी इस केस में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा समेत अन्य आरोपितों को भी जांच के लिए बुला सकती है।

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Karnataka Caste Census: कर्नाटक में जाति जनगणना का विरोध, वोक्कालिगारा संघ ने दी आंदोलन की चेतावनी

Dainik Jagran - National - April 16, 2025 - 6:24am

पीटीआई, बेंगलुरु। कर्नाटक में जाति आधारित जनगणना का विरोध तेज हो गया है। वोक्कालिगारा संघ ने दी आंदोलन की चेतावनी दी है। जाति आधारित जनगणना रिपोर्ट शुक्रवार को कैबिनेट के समक्ष पेश की गई थी। इस पर 17 अप्रैल को होने वाली विशेष कैबिनेट बैठक में चर्चा होगी।

नपिछड़े समुदायों के लिए आरक्षण बढ़ाने की मांग

गौरतलब है कि इस रिपोर्ट में रिपोर्ट में पिछड़े समुदायों के लिए आरक्षण को मौजूदा 32 प्रतिशत से बढ़ाकर 51 प्रतिशत करने की सिफारिश की गई है। सत्तारूढ़ कांग्रेस के कुछ नेताओं सहित राजनीतिक दलों ने भी इसे अवैज्ञानिक करार दिया है तथा नए सिरे से सर्वेक्षण की मांग की है। विभिन्न जातियों, विशेषकर प्रमुख वीरशैव-लिंगायत और वोक्कालिगा समुदायों के मंत्री अगली कैबिनेट के दौरान अपनी आपत्तियां रखने की तैयारी कर रहे हैं।

जाति जनगणना लागू हुई तो बड़े आंदोलन पर विचार

वोक्कालिगा समुदाय के संगठन वोक्कालिगा संघ के अध्यक्ष केंचप्पा गौड़ा ने कहा कि अगर सरकार जाति जनगणना रिपोर्ट को लागू करती है बड़े आंदोलन पर विचार करेंगे। संघ ने समुदाय की जनसंख्या निर्धारित करने के लिए अपना स्वयं का सर्वेक्षण कराने की भी योजना बनाई है और इसके लिए सॉफ्टवेयर भी तैयार किया है।

संघ के निदेशक नेल्लीगेरे बाबू ने कहा कि वे मुख्यमंत्री सिद्दरमैया को संदेश देना चाहते हैं कि अगर उन्होंने जाति जनगणना रिपोर्ट लागू की तो उनकी सरकार गिर जाएगी। रिपोर्ट में लिंगायत समुदाय की जनसंख्या 66.35 लाख और वोक्कालिगा समुदाय की जनसंख्या 61.58 लाख बताई गई है। कई लिंगायत मंत्रियों और विधायकों ने भी आपत्ति जताई है।

राज्य में पिछड़ी जातियों की जनसंख्या 70 प्रतिशत

सूत्रों के अनुसार जाति आधारित जनगणना से पता चला है कि राज्य में पिछड़ी जातियों की जनसंख्या 70 प्रतिशत है। अनुसूचित जातियों के लिए मौजूदा 17 प्रतिशत और अनुसूचित जनजातियों के लिए मौजूदा सात प्रतिशत के साथ ओबीसी को 51 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने से राज्य का कुल आरक्षण 75 प्रतिशत हो जाएगा।

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Murshidabad Violence: झारखंड की ओर पलायन कर रहे लोग, कई परिवारों को मालदा में रोका; राहत शिविर में ले रहे शरण

Dainik Jagran - National - April 16, 2025 - 6:20am

 एएनआई, कोलकाता। वक्फ (संशोधन) अधिनियम को लेकर मुर्शिदाबाद में हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद कई परिवार विस्थापित हो गए हैं, जिनमें से कई झारखंड के पाकुड़ जिले में पलायन कर गए हैं, जबकि अन्य ने मालदा में स्थापित राहत शिविरों में शरण ली है। झारखंड के पाकुड़ में पलायन करने वाले एक बुजुर्ग व्यक्ति मुर्शिदाबाद हिंसा के दौरान अपनी आपबीती बताते हुए रो पड़े।

अचानक कुछ लोग आए और तोड़फोड़ शुरू कर दी

एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे वास्तव में नहीं पता कि क्या हुआ। मैंने सुबह अपनी दुकान खोली और बाहर बैठ गया। फिर कई लोग आए और उन्होंने दरवाजे पीटना शुरू कर दिया, ईंटें फेंकनी शुरू कर दीं और दरवाजे तोड़ दिए। मेरा टेलीविजन, मेरा शीशा, मेरा फर्नीचर, 2-3 अलमारियां और मेरा सारा पैसा घर पर ही था। हम परसों रात यहां आए हैं।

उपद्रवियों ने उनका घर-बार सब कुछ जला दिया

पुलिस व केंद्रीय बल की तैनाती के बावजूद मुर्शिदाबाद के हिंसाग्रस्त इलाकों सुती, धुलियान, जंगीपुर में लोग अभी भी खौफ में हैं। पीड़ितों का कहना है कि उपद्रवियों ने उनका घर-बार सब कुछ जला दिया। उन्हें डर है कि पुलिस व केंद्रीय बल के चले जाने के बाद उन पर फिर से हमला हो सकता है।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने साधी चुप्पी

अशांति के बाद, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार पर स्थिति बिगड़ने के बावजूद चुप रहने का आरोप लगाया है। सीएम योगी ने मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार पर हमला बोला है और आरोप लगाया है कि ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार स्थिति बिगड़ने के बावजूद चुप रही है।

सीएम योगी ने कहा कि बंगाल जल रहा है

एक सभा को संबोधित करते हुए, सीएम योगी ने मुर्शिदाबाद में तत्काल केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश देने के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय को भी धन्यवाद दिया। सीएम योगी ने कहा कि बंगाल जल रहा है। राज्य की मुख्यमंत्री चुप हैं। वह दंगाइयों को 'शांति का दूत' कहती हैं। लेकिन जो लोग केवल बल को समझते हैं, वे बातों से नहीं सुनते। धर्मनिरपेक्षता के नाम पर उन्होंने दंगाइयों को अशांति फैलाने की पूरी आजादी दे दी है। पिछले हफ्ते से पूरा मुर्शिदाबाद जल रहा है, फिर भी सरकार चुप है। ऐसी अराजकता पर नियंत्रण होना चाहिए।

उपद्रवियों ने स्थानीय लोगों के घरों में की तोड़फोड़

बता दें कि पिछले दिनों वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान उपद्रवियों ने सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के साथ स्थानीय लोगों के घरों में भी तोड़फोड़ की थी। वहीं दूसरी ओर दक्षिण 24 परगना के भांगड़ में पुलिस के साथ उपद्रवियों की झड़प के बाद अभी भी तनाव व्याप्त है।

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