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Bihar Budget: 1500 करोड़ बढ़ा गृह विभाग का बजट, महिला सिपाहियों को थाने के पास मिलेगा आवास

Dainik Jagran - March 3, 2025 - 8:45pm

कुमार रजत, पटना। गृह विभाग के बजट में करीब डेढ़ हजार करोड़ की बंपर वृद्धि की गई है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में गृह विभाग का बजट 16 हजार 323 करोड़ रुपये था जिसे वर्ष 2025-26 में बढ़ाकर 17 हजार 831 करोड़ रुपये कर दिया गया है। यह बिहार के कुल बजट का 5.63 प्रतिशत है।

गृह विभाग की योजनाओं को पूरा करने के लिए स्कीम मद में भी करीब 380 करोड़ रुपये अधिक मिले है। पहले स्कीम मद में करीब 855 करोड़ का बजट था जो अब बढ़कर 1233 करोड़ कर दिया गया है। यह राशि बेहतर पुलिसिंग, आधुनिक तकनीक, आधारभूत संरचना और पुलिसकर्मियों के कल्याण पर खर्च किए जाएंगे।

बिहार पुलिस में करीब 30 हजार महिला पुलिसकर्मी हैं। महिला पुलिसकर्मियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए उनके आवासन की विशेष व्यवस्था इस बजट में की गई है। महिला सिपाहियों के रहने के लिए राज्य सरकार किराये पर मकान लेगी। यह आवास थानों के आसपास लिए जाएंगे जहां महिला सिपाहियों के आवासन की व्यवस्था की जाएगी।

इसके साथ ही बेहतर तकनीकी अनुसंधान के लिए राज्य में राष्ट्रीय फॉरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) के आफ कैंपस की स्थापना की जाएगी। केंद्र सरकार से इसकी स्वीकृति मिल गई है। इसके अलावा पटना के विधि विज्ञान प्रयोगशाला और राजगीर के बिहार पुलिस अकादमी में साइबर फारेंसिक प्रयोगशाला की दो इकाई स्थापित किए जाने की स्वीकृति भी प्रदान की गई है।

260 ओपी थानों में अपग्रेड, नौ क्षेत्रीय एफएसएल का निर्माण शुरू:

बिहार पुलिस बल पिछले 15 सालों में ढाई गुना से भी अधिक हो गया है। वर्ष 2005 से पहले बिहार में 42 हजार 481 पुलिसकर्मी थे। इस दौरान सिपाही से लेकर पदाधिकारी स्तर तक हुई बहाली के फलस्वरूप पुलिसकर्मियों की संख्या एक लाख दस हजार तक पहुंच गई है। राज्य में बेहतर विधि-व्यवस्था नियंत्रण को लेकर राज्य के विभिन्न जिलों में 260 ओपी को थानों के रूप में अपग्रेड किया गया है।

इसके अलावा, 24 रेल ओपी को भी रेल थाने में उत्क्रमित किया जा चुका है। राज्य में 44 नए साइबर थानों और 28 यातायात थानों का सृजन भी हुआ है।नौ क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला के लिए भवन निर्माण का काम शुरू किया गया है। इसके अलावा बिहार पुलिस के शेष थानों के निर्माण, पुलिस कार्यालय एवं आवासीय भवनों के निर्माण का काम भी तेजी से पूरा करने का निर्देश दिया गया है।

डायल-112 से घरेलू हिंसा के 1.43 लाख मामलों में मिली मदद:

बेहतर विधि-व्यवस्था के लिए डायल-112 की सेवा को और भी चुस्त-दुरुस्त किया गया है। इस सेवा से चिकित्सा, अग्निशमन सेवा, महिला एवं बच्चों की सुरक्षा और हाईवे पेट्रोलिंग को भी जोड़ा गया है। डायल-112 की शुरुआत के समय सहायता पहुंचने का औसत समय एक घंटे से भी अधिक था जो अब घटकर 15 मिनट रह गया है।

वर्ष 2024 में घरेलू हिंसा के एक लाख 43 हजार 620 मामलों में डायल-112 से मदद पहुंचाई गई है। महिलाओं के लिए विशेष सुरक्षित सफर सुविधा का विसतार भी जिलों में किया गया है।

300 कब्रिस्तानों की होगी घेराबंदी, 54 मंदिरों की बनेगी चहारदीवारी:

नए वित्तीय वर्ष में 300 कब्रिस्तानों की पक्की घेराबंदी और 572 मंदिरों की चहारदीवारी निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। कब्रिस्तानों की घेराबंदी की प्राथमिकी सूची में 9,273 में 8,808 कब्रिस्तानों की घेराबंदी की जा चुकी है।

वहीं बिहार मंदिर चहारदीवारी योजना के अंतर्गत कुल 572 मंदिरों के चहारदीवारी के निर्माण की स्वीकृति दी गई जिसमें 518 योजनाएं पूर्ण की जा चुकी हैं।

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Credit monitoring by women up 42% in 2024

Business News - March 3, 2025 - 8:26pm
Credit monitoring by women has gone up by 42 % in 2024 who have also managed to improve their credit score according to a report by credit bureau Transunion Cibil.At the same time credit penetration has also increased with more women borrowers coming from semi urban and rural areas and from the age group below 30 years, it said.27 million women borrowers in India were actively monitoring their credit in December 2024, 42% higher than the approximately 19 million women who were doing so in December 2023 according the report titled “From Borrowers to Builders: Women’s Role in India’s “Financial Growth Story”, published by TransUnion CIBIL , Women Entrepreneurship Platform’s (WEP) of Niti Aayog and MicroSave Consulting (MSC).The number of women availing credit in India has increased at a compound annual growth rate (CAGR) of 22% between CY 2019 and 2024 with 60% of borrowers coming from semi-urban and rural areas.. While consumption loans continue to be the preferred products held by women borrowers, the report also show that more women are also availing business loans. In 2024, the number of new loan accounts opened by women for business purposes (business loans, commercial vehicle and commercial equipment loans, loans against property) grew by approximately 37 lakh, with disbursement totaling Rs 1.9 lakh crore, compared to approximately 8 lakh new loan accounts for business purposes and total disbursement of Rs 0.7 lakh crore in 2019. But these loans constituted only 3% of overall loans availed by women borrowers in 2024.Consumption loans remain the most preferred credit product among women borrowers. The share of women borrowers with active consumption loans in their wallet grew to 36% by December 2024, from 33% in December 2019. Agri and gold loans combined were held by 34%of women borrowers by December 2024 compared to 32% in December 2019. Business loans witnessed the highest share shift, with 16% of women borrowers by December 2024 holding a live business purpose loan, compared to 9% in December 2019.
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3 फाइव स्टार होटल बनेंगे और नाले नहीं दिखेंगे, पटना को बदलने की नीतीश सरकार ने कर ली फुल प्रूफ तैयारी

Dainik Jagran - March 3, 2025 - 8:21pm

नीरज कुमार, पटना। राज्य सरकार राजधानी को स्मार्ट बनाने के लिए इस वर्ष बजट में 836.27 करोड़ रुपये का प्राविधान किया है।

वर्तमान में शहर में स्मार्ट सिटी मिशन के तहत कई योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। इससे राजधानी में संचालित योजनाओं को गति मिलने की उम्मीद की जा रही है।

स्मार्ट सिटी मिशन के तहत शहर में नालाें का निर्माण किया जा रहा है। वहीं तालाबों को जीर्णोद्धार एवं फुट ओवरब्रिज का निर्माण किया गया है।

राज्य सरकार की ओर से पटना के अलावा भागलपुर, मुजफ्फरपुर एवं बिहारशरीफ को भी स्मार्ट सिटी मिशन में शामिल किया है।

बाकरगंज नाला का किया जा रहा निर्माण

स्मार्ट सिटी मिशन के तहत राजधानी में बाकरगंज नाला का निर्माण किया जा रहा है। इस नाला को पाटकर सड़क बनाना है। इस पर काम शुरू हो गया है।

इसके अलावा स्मार्ट सिटी मिशन के तहत गांधी मैदान के पास फुट ओवर ब्रिज का निर्माण किया गया है। राजधानी के अदालतगंज तालाब का भी जीर्णोद्धार स्मार्ट सिटी मिशन के तहत ही किया गया है।

पटना में विकसित होगा महिला हाट
  • राज्य सरकार ने पटना में महिला हाट स्थापित करने की योजना बनाई है। महिला हाट में महिलाओं के व्यापार करने के लिए विशेष सुविधा मुहैया कराई जाएगी।
  • इसके लिए जल्द ही स्थल का चयन किया जाएगा। इसके साथ ही वेंडिंग जोन भी विकसित किए जाएंगे, जिसमें महिलाओं को प्रमुखता दी जाएगी।
महिलाओं के लिए बनेगा पिंक टायलेट

राज्य सरकार ने प्रदेश के प्रमुख शहरों में पिंक टायलेट बनाने की घोषणा की है। प्रथम चरण में 20 पिंक टायलेट शुरू किया जाएगा। अगले एक माह के अन्दर पिंक टायलेट स्थापित किए जाएंगे। 

78.83 लाख रुपये से बड़ी पटनदेवी मंदिर का होगा विकास

राज्य सरकार ने राजधानी के बड़ी पटनदेवी मंदिर के विकास के लिए 78.83 लाख रुपये खर्च करेगी। वहीं बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम के नये कार्यालय के निर्माण पर सरकार की ओर से 2.887.11 लाख रुपये का प्राविधान किया गया है।

इसके अलावा राजधानी में पर्यटकों को अत्याधुनिक सुविधा मुहैया कराने के लिए सरकार की ओर से व्यवस्था की जा रही है।

इसके तहत होटल पाटलिपुत्र अशोक, बांकीपुर बस स्टैंड एवं सुल्तान पैलेस की भूमि पर पांच सितारा होटल का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए टेंडर जारी किया जा चुका है। तीनों होटल का निर्माण पीपीपी मोड पर किया जाएगा।

पुनपुन में होगा 100 एकड़ का स्पोर्ट्स कांप्लेक्स

बिहार के बजट में राज्य के खिलाड़ियों को बड़ी सौगात मिली है। अब राष्ट्रीयस्तर के अभ्यास के लिए खेल प्रेमियों को प्रदेश के बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी।

पटना के पुनपुन प्रखंड में 100 एकड़ भूमि चिन्हित कर स्पोर्ट्स कांप्लेक्स का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा हर प्रखंड में एक आउडडोर स्टेडियम बनाया जाएगा।

सरकार ने खेल मद में कुल 248.39 करोड़ रुपये का बजट पास किया है। इसमें 53.39 करोड़ स्थापना तो 195 करोड़ योजना मद में खर्च किए जाएंगे।

सरकार ने बजट में मोइनुल हक स्टेडियम के पुनर्निर्माण, राजगीर के नए खेल परिसर, मेडल लाओ नौकरी पाओ योजना और प्रखंडों में खेल मैदान के निर्माण से होने वाले लाभ का जिक्र बजट में किया है।

533 प्रखंडों की 5671 ग्राम पंचायतों में 6659 खेल मैदानों के निर्माण का कार्यारंभ किया गया है। विभिन्न जिलों में प्रखंड स्तर पर आउटडोर स्टेडियम निर्माण हेतु अबतक कुल 370 स्टेडियम के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई है।

इसमें 229 स्टेडियमों के निर्माण का कार्य पूर्ण हो चुका है। शेष 141 मैदान का निर्माण किया जाना है। राजगीर में राज्य खेल अकादमी सह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण कार्य 90 एकड़ भूमि पर कुल 740 करोड़ रुपये की लागत से प्रगति पर है।

मोइनुल हक में होंगे राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजन खेल विभाग द्वारा बीसीए को मोइनुल हक स्टेडियम लीज पर दिया गया है। इसके जीर्णोद्धार के बाद मैदान पर राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं का आयोजन हो सकेगा।

खेल विभाग एवं बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के तहत स्कूली विद्यार्थियों के लिए मशाल प्रतियोगिता संचालित की जा रही है।

अभियान से प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की पहचान होगी ही, प्रत्येक स्तर पर नगद पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र भी दिए जाएंगे।

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Bihar: खुशखबरी! शहरों में चलेंगी पिंक बसें, महिलाओं को ई-रिक्शा और स्कूटी खरीदने पर मिलेगी सब्सिडी

Dainik Jagran - March 3, 2025 - 7:56pm

राज्य ब्यूरो, पटना। परिवहन विभाग का नया बजट महिलाओं को उपहार देने वाला है। महिलाओं की सुरक्षित यात्रा से लेकर उन्हें परिवहन क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराने तक कई नई योजनाएं वित्तीय वर्ष 2025-26 में लॉन्च की गई हैं। इस कारण बजट का आकार भी करीब 80 करोड़ बढ़ाया गया है।

इसमें योजना मद में 40 करोड़ की राशि बढ़ाई गई है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में विभागीय बजट 451.46 करोड़ था जो वित्तीय वर्ष 2025-26 में बढ़कर 530.99 करोड़ कर दिया गया है। इसमें स्कीम मद में राशि 242 करोड़ से बढ़कर 282 करोड़ कर दी गई है।

इन शहरों में चलेंगी पिंक बसें

परिवहन विभाग की ओर से पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, गया समेत राज्य के प्रमुख शहरों में पिंक बसें चलाई जाएंगी। सबसे खास बात यह कि इन बसों में सवारी, ड्राइवर और कंडक्टर सभी महिलाएं होंगी।

इसके लिए परिवहन विभाग महिलाओं को ड्राइवर और कंडक्टर का विशेष प्रशिक्षण दिलाएगा। राज्य के प्रमुख शहरों में महिला वाहन परिचालन प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना की जाएगी, जिसमें प्रशिक्षक भी महिलाएं ही होंगी।

33 प्रतिशत आरक्षण लागू किया जाएगा

परिवहन निगम से ड्राइवर, कंडक्टर और डिपो मेंटेनेंस स्टाफ के पदों पर महिलाओं के लिए एक तिहाई यानी 33 प्रतिशत पद आरक्षित कराए जाएंगे।

महिला स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए महिला चालकों को नगद अनुदान भी दिया जाएगा। महिला चालकों को ई-रिक्शा एवं दोपहिया वाहन के व्यावसायिक परिचालन के उद्देश्य से खरीद के लिए अनुदान का प्रविधान किया गया है।

जल्द चलेंगी 400 ई-बसें, ई-वाहन खरीद पर अनुदान:
  • परिवहन विभाग की योजना है कि नए वित्तीय वर्ष में राज्य में 400 ई-बसों का परिचालन शुरू कर दिया जाए। यह बसें पटना, मुजफ्फरपुर, गया, भागलपुर, दरभंगा और पूर्णिया शहरों में चलेंगी।
  • बिहार इलेक्ट्रिक वाहन नीति के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के ई-वाहन तथा उनके चार्जिंग स्टेशनों को प्रोत्साहित करने के लिए भी अनुदान और टैक्स में छूट का प्रविधान किया गया है।

विभागीय जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री प्रखंड परिवहन योजना के तहत अब तक 132 लाभुकों को 6.60 करोड़ रुपये का भुगतान वाहन खरीद पर दिया गया है।

ग्राम परिवहन योजना के तहत 45 हजार लाभुकों को अनुदान दिया गया है। इसके तहत 670 लाभुकों के द्वारा एंबुलेंस की खरीद की गई है।

विकास की सूरत गुलाबी

कभी उन्हें देहरी में दबोच कर रखा गया तो कभी पर्दे के भीतर। विवशता में इस जमात ने उसे ही अपनी नियति मान लिया था, जबकि वे आधी आबादी हैं। तब उन्हें अपनी हैसियत का अहसास भी नहीं था। अब वे मुखर हैं और बुलंद भी। वे बिहार की महिलाएं हैं, जो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सकारात्मक सोच और सफल नीतियों की बदौलत राजनीति से लेकर नौकरी-रोजगार तक में सफलता के परचम लहरा रहीं।

उनका यह परचम और बुलंद हो, इसके लिए नए वित्तीय वर्ष (2025-26) के बजट में सरकार ने बहुआयामी घोषणाएं की हैं। बजट में महत्वपूर्ण 52 घोषणाएं हैं, जिनमें से 12 नितांत आधी आबादी के हित में। बाद बाकी घोषणाओं का लाभ भी वे पुरुषों के जैसे ही ले सकती हैं। वस्तुत: यह बढ़ते बिहार की बानगी है और सरकार के दृष्टिकोण का एक नमूना भी।

सरकार चाहती है कि विकास की पटरी पर दोनों पहिए बराबर चाल से आगे बढ़े, तभी मंजिल तक पहुंच पाएंगे। पुरुषों की तरह जब महिलाएं भी सशक्त-समर्थ होंगी तभी बिहार के विकास की दर दहाई अंक में बनी रहेगी और तभी प्रति व्यक्ति आय में भी वृद्धि होगी। नीतीश सरकार का यही लक्ष्य है। इसीलिए अपनी सत्ता के शुरुआती दौर में उन्होंने लड़कियों की शिक्षा और पंचायती राज के साथ नौकरियों में महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था की।

बाद में जीविका के माध्यम से गरीब ग्रामीण महिलाओं को कमाऊ बनाया गया। वह पहल अब शहरों तक बढ़ आई है। उसके आगे अब उनके लिए वेंडिंग जोन में स्थान आवंटित होगा। चलंत व्यायामशाला बनाया जाएगा, जिसकी शुरुआत पटना से होगी। नए वित्तीय वर्ष के बजट में इसका प्रविधान कर दिया गया है। संकोच खुलेआम न हो, इसके लिए सभी प्रमुख शहरों में पिंक टायलेट बनेंगे और कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास भी।

उनके आवागमन के लिए पिंक बसें चलेंगी, जिनमें ड्राइवर और खलासी भी महिलाएं ही होंगी। परिवहन निगम के मेंटेंनेंस विभाग में 33 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा, तो प्रमुख शहरों में उनके लिए चालक प्रशिक्षण केंद्र खुलेंगे। महिला सिपाहियों को रहने के लिए किराये पर कमरा लेकर दिया जाएगा।

ई-रिक्शा और दोपहिया की खरीद पर अनुदान मिलेगा तो वे पर्यटक गाइड भी बनाई जाएंगी। इन सबके आगे सरकार की दृष्टि में गांव-जवार का वह कोना भी है, जहां बेटियों के बरात के स्वागत हेतु गरीबों के पास जगह नहीं। अब सभी पंचायतोंं में कन्या विवाह मंडप का निर्माण होगा, जहां बैंड-बाजा और जश्न के बीच बेटियों के हाथ पीले होंगे।

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Bihar Land Mutation: लैंड म्यूटेशन को लेकर सरकार ने फिर जारी की गाइडलाइन, जमीन मालिकों को होगा फायदा

Dainik Jagran - March 3, 2025 - 7:43pm

राज्य ब्यूरो, पटना। ऑनलाइन माध्यम से प्राप्त दाखिल-खारिज याचिकाओं के निष्पादन के बाद जो लिपिकीय या गणितीय त्रुटियां रह जाती हैं, उसमें सुधार के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने सभी समाहर्ताओं को पत्र लिखा है।

पत्र में कहा गया है कि दाखिल-खारिज संबंधी आदेश पारित करने के दौरान की गई लिपिकीय या गणित संबंधी भूल या किसी आकस्मिक भूल या लोप से हुई गलतियां अंचल अधिकारियों द्वारा स्वप्रेरणा से या किसी पक्षकार के आवेदन पर शुद्ध की जा सकेगी। अंचल अधिकारी इस शुद्धि से सभी पक्षों को सूचित करेंगे।

अंचल अधिकारियों को लिपिकीय या टंकण संबंधी भूल के कारण क्रेता,विक्रेता की विवरणी, जमाबंदी, खतियानी रैयत के नाम-पता में हुई त्रुटि या लोप एवं लगान की राशि से संबंधी त्रुटि में संशोधन का अधिकार दिया गया है।

दाखिल-खारिज में कैसे होगा संशोधन?

पत्र में कहा गया है कि दाखिल-खारिज वादों के निष्पादन के दौरान पारित आदेश में अगर लिपिकीय एवं टंकण संबंधी भूल के कारण खाता्, खेसरा या रकबा में कोई गलती हो गई हो या मिलजुमला खेसरा होने की वजह से कोई अन्य जमाबंदी प्रभावित हुई हो तो उसमें संशोधन के लिए अलग प्रक्रिया का अनुसरण करना होगा।

प्रक्रिया के मुताबिक अंचल अधिकारी सिविल प्रक्रिया संहिता-1908 की धारा-152 के प्रविधानों के मुताबिक आत्मभारित आदेश पारित करते हुए पहले पारित भूल के आदेश को निरस्त करेंगे। फिर सही खाता,खेसरा, रकबा या अलग-अलग खेसरा के रकबा के दाखिल-खारिज का आदेश पारित करेंगे।

अगर रैयत के दस्तावेज में गलती है तो क्या होगा?
  • सचिव के पत्र में बताया गया है कि कई बार रैयत द्वारा क्रय किए गए दस्तावेजों में ही खाता, खेसरा और रकबा गलत दर्ज रहता है। उसी के कारण दाखिल-खारिज संबंधी आदेश गलत पारित हो जाता है।
  • त्रुटिपूर्ण जमाबंदी सृजित हो जाती है। ऐसी स्थिति में भूमि सुधार उपसमाहर्ता के समक्ष अपील दायर किया जाएगा जिसे सुनवाई की पहली तारीख को ही अंचल अधिकारी के आदेश को निरस्त कर दिया जाएगा।

राजस्व अधिकारियों से अनजाने में हुई गलतियों का खामियाजा आम जनता को नहीं भुगतना पड़े, इसलिए हमने यह व्यवस्था की है। वर्तमान में किसी भी गणितीय या लिपिकीय भूल में सुधार के लिए भूमि सुधार उप समाहर्ता के समक्ष अपील दायर करना पड़ता है, जिसमें लोगों को परेशानी होती है। नई व्यवस्था में गलतियों का सुधार अंचल अधिकारी के कार्यालय से ही हो जाएगा। इससे लोगों को काफी सुविधा होगी। - संजय सरावगी, मंत्री, राजस्व एवं भूमि सुधार।

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बिहार में जल्द लागू होने वाली है एक नई नीति, आसमान छूएगी प्रदेश की इकोनॉमी; नीतीश सरकार ने बनाया धांसू प्लान

Dainik Jagran - March 3, 2025 - 7:13pm

राज्य ब्यूराे, पटना। बिहार में नीतीश सरकार ने बजट की घोषणा कर दी है। निवेशकों की जरूरतों के हिसाब से सरकार इसी वर्ष नयी औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति लाएगी।

कई अन्य क्षेत्र के उद्योगों के लिए भी नयी पॉलिसी आएगी। वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में इस बात का प्रविधान किया गया है।

वित्त मंत्री ने कहा कि औद्योगिक विकास को गति देने व निवेश को आकर्षित करने के उद्देश्य से एक गतिशील तंत्र के रूप में काम करेगी नयी औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति।

नयी औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति निवेशकों की जरूरतों को सहयोग देते हुए निवेश के लिए राज्य को एक आकर्षक केंद्र के रूप में विकसित करने को सहयोग करेगी। इसका लाभ राज्य में आर्थिक गतिविधियों के विकास के साथ-साथ रोजगार सृजन के रूप में भी होगा।

उद्योग तथा संबंधित क्षेत्रों में सर्वांगीण विकास के लिए औद्योगिक रोडमैप तैयार किया जाएगा। पटना, मुजफ्फरपुर तथा पूर्णिया की तर्ज पर राज्य में खादी एवं ग्रामोद्योग उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से दरभंगा, मुंगेर, गया, सारण, भागलपुर तथा सहरसा में भी खादी माल का निर्माण कराया जाएगा।

अब तक इतने करोड़ रुपये हुए खर्च

बिहार स्टार्ट अप पॉलिसी के बारे में यह बताया गया कि अब तक 186 निबंधित स्टार्टअप को 51.27 करोड़ रुपये की सहायता दी जा चुकी है।

स्थायी और वैकल्पिक ईंधन के उपयाेग को प्रोत्साहित कर राज्य के प्राकृतिक संसाधनों का अधिकतम मूल्यवर्धन कर रोजगार सृजन के उद्देश्य से बिहार बायो फ्यूएल्स उत्पादन प्रोत्साहन (संशोधन) नीति 2025 को लागू किया जाएगा।

पर्यावरणीय चुनौतियों एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकल्पों को बाजार की मांग के कारण निजी कंपनियों व तेल कंपनियों द्वारा बिहार में कांपेस्ड बायो गैस इकाईयों की स्थापना का जाएगी।

किसानों की आय में वृद्धि व पर्यावरणीय स्थिरता के साथ सतत औद्योगिक विकास और संतुलित क्षेत्रीय विकास काे बढ़ावा देने के लिए बिहार खाद्य प्रसंस्करण नीति 2025 लायी जाएगी।

लागू होगी यह भी पॉलिसी
  • बिहार को एक प्रमुख फार्मास्यूटिकल और चिकित्सा उपकरण विनिर्माण केंद्र के रूप में बढ़ावा देने के लिए इसी वर्ष बिहार फार्मास्यूटिकल प्रमोशन पॉलिसी लायी जाएगी।
  • इसी तरह प्रदेश में प्लास्टिक विनिर्माण क्षेत्र आर्थिक विकास के रूप में अपना योगदान और बढ़ाए इसे केंद्र में रख बिहार प्लास्टिक विनिर्माण प्रोत्साहन नीति भी इस वर्ष लायी जाएगी।
  • उद्यमिता विकास संस्थान का जीर्णोद्धार कर इसे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया जाएगा। गुड़ के लिए एक सेंटर आफ एक्सीलेंस की स्थापना समस्तीपुर के पूसा में होगी।

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