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Waqf Law: वक्फ कानून पर लग सकती है रोक? सुप्रीम कोर्ट कर रहा विचार, केंद्र ने अदालत से मांगा समय
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश की शीर्ष अदालत ने वक्फ कानून के विरोध में दाखिल याचिकाओं की सुनवाई करते हुए अंतरिम रोक लगाने पर विचार किया, लेकिन केंद्र द्वारा समय मांगे जाने के बाद अंतिम समय में इसे टाल दिया गया।
अब सुप्रीम कोर्ट में कल दोपहर 2 बजे फिर सुनवाई होगी और सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अंतरिम आदेश जारी करने पर विचार किया जाएगा। बता दें कि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से कल सुनवाई की मांग की थी।
केंद्र सरकार से पूछे सवालबता दें कि सुप्रीम कोर्ट में वक्फ कानून को असंवैधानिक बताते हुए कई याचिकाएं दाखिल की गई हैं। वहीं इसके विरोध में कई जगहों पर हिंसक प्रदर्शन भी हुए। सुप्रीम कोर्ट ने इन हिंसक प्रदर्शनों पर चिंता जताई है।
शीर्ष अदालत ने वक्फ बाय यूजर पर भी केंद्र सरकार से सवाल किए। अदालत ने कहा कि 14वीं से 16वीं शताब्दी के बीच बनी ज्यादातर मस्जिदों पास बिक्री विलेख नहीं होंगे, तो उनका रजिस्ट्रेशन कैसे किया जाएगा।
अदालत में कल होगी सुनवाई- सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्र की तरफ से दलील पेश करते हुए कहा कि अगर किसी भूमि की जांच कलेक्टर कर रहा हो, तो कानून ऐसा नहीं कहता कि उसका उपयोग बंद हो जाएगा। केवल निर्णय तक उसे लाभ नहीं मिलेगा।
- सभी की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने कानून के कुछ हिस्से पर अंतरिम आदेश जारी करने पर विचार किया, लेकिन सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से कल सुनवाई करने की मांग की। इसके बाद आदेश जारी नहीं किया गया।
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Bihar: जेपी गंगा पथ के 36 KM विस्तार से बक्सर और आरा वालों को होगा फायदा, नया फोरलेन भी बनेगा
जितेंद्र कुमार, पटना। दीघा से कोईलवर तक जेपी गंगा पथ के 36 किलोमीटर विस्तार के पहले बिहटा से दानापुर वाया मनेर पुराना एनएच-30 को चौड़ा किया जाएगा। दानापुर के शाहपुर से बिहटा चौराहे तक 22 किलोमीटर पुराना एनएच-30 की चौड़ाई 14 मीटर करने के लिए डीपीआर तैयार कर लिया गया है।
गोला रोड के साथ दीघा-खगौल नहर रोड को भी 14 मीटर चौड़ीकरण योजना का कार्य मानसून के पहले आरंभ करने की तैयारी है। मुख्यमंत्री की प्रगति यात्रा के दौरान घोषित सड़क परियोजनाओं का डीपीआर तैयार कर लिया गया है। पटना पश्चिम पथ प्रमंडल को तीन बड़ी सड़क परियोजनाओं के कार्यान्वयन की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
दानापुर कैंट के बाद शाहपुर से मनेर होते बिहटा चौराहा तक 22 किलोमीटर सड़क चौड़ीकरण पर 70 करोड़ खर्च आने की संभावना है। इस मार्ग के चौड़ीकरण से बक्सर और आरा की ओर से सीधे दानापुर, दीघा और जेपी गंगा पथ से सुगम संपर्क हो जाएगा।
यह मार्ग दीघा जेपी गंगा पथ का कोईलवर तक विस्तार होने तक नया विकल्प मिलेगा। दानापुर-बिहटा एलिवेटेड रोड के निर्माण कार्य से बक्सर की ओर से पटना के रास्ते में जाम की बाधा दूर होने की उम्मीद है।
गोला रोड चौड़ीकरण पर 20 करोड़ का डीपीआरदानापुर में नेहरू मार्ग (बेली रोड) से गोला रोड की चौड़ाई बढ़ाकर 14 मीटर करने के लिए निविदा की प्रक्रिया मई तक पूरा कर लिया जाएगा। निर्माण कार्य के लिए अस्थाई अतिक्रमण को हटाने के लिए सीमांकन का कार्य पूरा कर लिया गया है। वर्तमान में यह सड़क 7.5 मीटर चौड़ी है। चौड़ीकरण के बाद सात-सात मीटर के दो लेन से आवागमन सुगम हो सकेगा।
सड़क विस्तार में नाले को भी आवागमन के लिए उपयोगी बनाने का प्रविधान डीपीआर में किया गया है। इस परियोजना पर 20 कराेड़ रुपये खर्च का अनुमान है। सड़क के दोनों ओर फुटपाथ और बीच में डिवाइडर बनाया जाएगा, ताकि दाेनों लेन पर निर्बाध आवागमन हो सके।
खगौल नहर रोड चौड़ीकरण की वजह से हटेगा स्कूलखगौल आरओबी से दीघा तक सोन नहर रोड की चौड़ाई बढ़ाकर 14 मीटर किया जाएगा। इस योजना पर 70 करोड़ खर्च होने का अनुमान है। निर्माण कार्य के लिए चुलहाईचक और कोथवां मौजे में नहर किनोर निर्मित प्राथमिक विद्यालय को तोड़कर दूसरे भवन में स्थानांतरित किया जाएगा।
नहर किनारे अतिक्रमण को हटाकर फोरलेन बनाया जाएगा। मई तक इस परियोजना का कार्य आरंभ करने के लिए जमीन की मापी कर ली गई है। अतिक्रमण को चिह्नित कर जिला प्रशासन हटाने की तैयारी कर रहा है।
दानापुर-मनेर रोड, गोला रोड और खगौल नहर रोड परियोजना का कार्य समय पर पूरा कराने के लिए आवश्यक प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। निविदा को अंतिम रूप देते ही कार्य आरंभ कराया जाएगा। तीनों परियोजना में जमीन की कोई बाधा नहीं होगी। सरकारी जमीन पर अस्थाई अतिक्रमण को समय रहते लोग नहीं खाली कर सके तो नोटिस देकर हटाया जाएगा, ताकि लोकहित का कार्य समय पर पूरा हो। - डॉ. चंद्रशेखर सिंह, जिलाधिकारी, पटना
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SC refuses to stay operation of Waqf
Bihar IPS Officers: बिहार से दिल्ली जाएंगे 2 आईपीएस अफसर, गृह विभाग ने जारी किया नोटिफिकेशन
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार कैडर के दो वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जा रहे हैं। इनमें अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) सुशील मानसिंह खोपड़े और आईजी शालीन शामिल हैं। गृह विभाग ने दोनों अधिकारियों को विरमित करने की अधिसूचना जारी करते हुए उनकी सेवाएं भारत सरकार को सौंप दी है।
विभागीय जानकारी के अनुसार, एडीजी मद्यनिषेध सुशील खोपड़े को पोत परिवहन महानिदेशालय में अपर महानिदेशक (संयुक्त सचिव स्तर) की जिम्मेदारी दी गई है।
उनकी सेवाएं सेवानिवृत्ति की तिथि 30 सितंबर, 2029 या अगले आदेश तक पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रायल, भारत सरकार को सौंपी गई है।
वहीं, आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) के आईजी शालीन केंद्रीय प्रतिनियुक्ति में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में आईजी के पद पर योगदान देंगे। शालीन बिहार पुलिस में एटीएस आईजी के साथ आईजी सुरक्षा के अतिरिक्त प्रभार में भी थे।
हरजोत कौर बम्हारा ने पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के एसीएस का पदभार ग्रहण कियादूसरी ओर, भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1992 बैच की अधिकारी हरजोत कौर बम्हरा ने मंगलवार को अपर मुख्य सचिव (एसीएस) पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग का पदभार ग्रहण किया। पद ग्रहण करने के बाद अरण्य भवन में वरीय वन पदाधिकारियों ने अपर मुख्य सचिव का स्वागत किया गया।
विभागीय बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें विभागीय योजनाओं एवं क्रियाकलाप के संबंध में वन पदाधिकारियों के द्वारा विस्तार से प्रस्तुतीकरण दिया गया।
बैठक में अपर मुख्य सचिव के द्वारा विभाग में विभिन्न संवर्गों में रिक्त पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया में तेजी लाने तथा विभिन्न संवर्गों में आवश्यकतानुसार नये पदों का सृजन करने का निर्देश दिया गया।
इसके अतिरिक्त ईको-डेवलेपमेंट समिति/संयुक्त वन प्रबंधन समिति एवं फारेस्ट बांउंड्री का सुदृढीकरण करने पर विशेष ध्यान देते हुए कार्रवाई को कहा गया।
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Bihar Politics: उधर बीजेपी ने मुकेश सहनी को दिया 'इनडायरेक्ट ऑफर', इधर VIP चीफ ने कर दिया बड़ा एलान
राज्य ब्यूरो, पटना। इस वर्ष होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) के पहले सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। गुरुवार को पटना में महागठबंधन की बड़ी बैठक होने वाली है।
इसके ठीक पहले वीआईपी (विकासशील इंसान पार्टी) के संस्थापक व पूर्व मंत्री मुकेश सहनी (Mukesh Sahani) ने कहा कि वे कल महागठबंधन की बैठक में शामिल होंगे। हमारा गठबंधन बिहार में मजबूती से चुनाव लड़ेगा और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बिहार में सरकार बनेगी।
कल महागठबंधन की बैठक में सीट बंटवारे पर सहमति बन सकती है। एनडीए में जाने की अटकलों को सहनी से सिरे से खारिज कर दिया।
सहनी ने रखा 60 सीटों का टारगेटसहनी ने कहा कि हमारी पार्टी 60 सीटों पर चुनाव लड़ने का रोडमैप पहले से तैयार कर चुकी है, हालांकि कुछ सीटें कम-ज्यादा होती हैं तो उन्हें कोई दिक्कत नहीं है।
सहनी ने एनडीए के सहयोगियों जीतन राम मांझी और चिराग पासवान को लेकर कहा कि चिराग पासवान की पार्टी को कम से कम 50 सीटें और मांझी की पार्टी को 25 से 30 सीट मिलनी चाहिए।
'महागठबंधन में रहकर लड़ाई लड़ेंगे'साथ ही एक बार फिर दोहराया कि वे कभी भी एनडीए में शामिल नहीं होंगे। महागठबंधन में रहकर लड़ाई लड़ेंगे। मैंने अपनी मांगों को लेकर मंत्री पद छोड़ दिया। मेरे विधायक तोड़ लिए गए। फिर भी मैं अपनी बात पर कायम रहा, इसलिए अब तो एनडीए में जाने का सवाल ही नहीं उठता।
जायसवाल ने कही थी ये बातगौरतलब है कि एक दिन पहले बीजेपी के बिहार अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने मुकेश सहनी को इनडायरेक्ट ऑफर दिया। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि एनडीए का दरवाजा सहनी के लिए खुला है। जायसवाल ने कहा कि अगर मुकेश सहनी का महागठबंधन में कद नहीं बढ़ा तो वो वापस एनडीए में शामिल हो जाएंगे।
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'सरकार कैसे तय करेगी मैं मुस्लिम हूं या नहीं', वक्फ कानून के खिलाफ सिब्बल ने रखी SC में दलील
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वक्फ संशोधित कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की गई है। सीजेआई संजीव खन्ना, जस्टिस पीवी संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच इस मामले में दायर 70 याचिकाओं पर सुनवाई की।
सुप्रीम कोर्ट में असदुद्दीन ओवैसी, कपिल सिब्बल, अभिषेक मनुसिंघवी, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, सहित अन्य याचिकाकर्ता के वकील कोर्ट में मौजूद थे।
कपिल सिब्बल ने दी ये दलीलवक्फ कानून को रद करने के पक्ष में दलील देते हुए कपिल सिब्बल ने कहा कि इस्लाम में उत्तराधिकारी मृत्यु के बाद मिलता है। कपिल सिब्बल ने नए कानून के उस बदलाव पर आपत्ति जताई है, जिसमें कहा गया कि वक्फ को संपत्ति दान करने के लिए जरूरी है कि वह व्यक्ति कम से कम 5 साल से इस्लाम धर्म का पालन कर रहा हो।
सरकार वक्फ कानून के जरिए पहले ही हस्तक्षेप कर रही है। सिब्बल ने कहा कि धारा 3(सी) के तहत वक्फ के रूप में पहचानी गई या घोषित की गई सरकारी संपत्ति को अधिनियम के लागू होने के बाद वक्फ नहीं माना जाएगा।
संसद ने मुसलमानों के लिए भी कानून बनाया-सीजेआई- सिब्बल की दलील पर सीजेआई ने कहा कि अनुच्छेद 26 जो कि धर्मनिरपेक्षता का हवाला देता है जो सभी समुदायों पर लागू होता है। हिंदुओं के लिए राज्य ने कानून बनाया है। संसद ने मुसलमानों के लिए भी कानून बनाया है।
- कपिल सिब्बल ने सवाल उठाया कि राज्य सरकार में कोई ये बताने वाला कौन होता है कि इस्लाम धर्म में विरासत किसके पास जाएगी। सरकार कैसे तय करेगी मैं मुस्लिम हूं या नहीं
- इस पर सिब्बल ने कहा कि धारा 3(ए)(2)- वक्फ-अल-औलाद के गठन से महिलाओं को विरासत से वंचित नहीं किया जा सकता। इस बारे में कहने वाला राज्य कौन होता है?
- तो सीजेआई ने कहा कि क्या ऐसा कोई कानून नहीं है जो कहता है कि अनुसूचित जनजातियों की संपत्ति को अनुमति के बिना हस्तांतरित नहीं किया जा सकता है? सिब्बल ने दावा किया कि मेरे पास एक चार्ट है जिसमें सभी मुसलमानों को अनुसूचित जनजाति माना गया है।
जस्टिस केवी विश्वनाथन ने कहा कि आपस में मत उलझिए। संपत्तियां धर्मनिरपेक्ष हो सकती है। केवल संपत्ति का प्रशासन ही इसके लिए जिम्मेदार हो सकता है। बार-बार यह मत कहिए कि यह आवश्यक धार्मिक प्रथा है।
नए वक्फ कानून का हवाला देते हुए सिब्बल ने कहा कि धारा 9 पर नजर डालिए। इसमें कुल 22 सदस्य है जिसमें 10 मुसलमान होंगे।
इस पर सीजेआई ने कहा कि दूसरे प्रावधान को देखिए। क्या इसका मतलब यह है कि पूर्व अधिकारी को छोड़कर केवल दो सदस्य ही मुस्लिम होंगे।
दलील को आगे बढ़ाते हुए सिब्बल ने कहा कि सेंट्रल वक्फ काउंसिल 1995 के तहत, सभी नामांकित व्यक्ति मुस्लिम थे। मेरे पास चार्ट है। लेकिन नए कानून के प्रावधान तो सीधा उल्लंघन है।
सीजेआई ने कहा कि जामा मस्जिद सहित सभी प्राचीन स्मारक संरक्षित रहेंगे। इस पर सिब्बल ने दलील दी किमेरे पास एक चार्ट है जिसमें सभी मुसलमानों को अनुसूचित जनजाति माना गया है। तो सीजेआई ने पूछा कि क्या ऐसा कोई कानून नहीं है जिसमे प्रावधान हो कि अनुसूचित जनजातियों की संपत्ति बिना अनुमति के हस्तांतरित नहीं की जा सकती?
सीजेआई ने कहा कि ऐसे कितने मामले होंगे? अगर इसे प्राचीन स्मारक घोषित किए जाने से पहले वक्फ घोषित किया जाता है, तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। यह वक्फ ही रहेगा, आपको इस पर आपत्ति नहीं करनी चाहिए। जब तक कि इसे संरक्षित घोषित किए जाने के बाद वक्फ घोषित नहीं किया जा सकता।
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