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Waqf Law: CJI के कड़े सवालों पर केंद्र ने दी ये दलीलें, SC में वक्फ कानून की परीक्षा; आज भी होगी सुनवाई

Dainik Jagran - National - April 17, 2025 - 12:06am

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन कानून 2025 के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के प्रति चिंता प्रकट करते हुए इसे परेशान करने वाली घटना बताया। बुधवार को वक्फ कानून पर जब सुनवाई पूरी हो गई, तो प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना ने कहा कि एक चीज बहुत परेशान करने वाली है। यह जो हिंसा हो रही है, यह परेशान करती है।

सीजेआई की चिंता से सहमति जताते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि प्रदर्शनकारी सोचते हैं कि इस तरह वह सिस्टम पर दबाव बना लेंगे। लेकिन तभी मुस्लिम याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश कपिल सिब्बल ने मेहता की दलीलों का विरोध करते हुए कहा-कौन दबाव बना रहा है। हमें तो नहीं मालूम।

हालांकि, कोर्ट में मौजूद अन्य वकीलों ने भी हिंसा पर चिंता जताई और कहा कि हिंसा नहीं होनी चाहिए। सीजेआई ने यह भी कहा कि कानून में कुछ चीजें अच्छी भी हैं। उसे भी हाईलाइट किया जाना चाहिए, जैसा मेरे साथी न्यायाधीश ने बताया है। सीजेआई जस्टिस केवी विश्वनाथ की ओर इशारा कर रहे थे, जिन्होंने सुनवाई के दौरान कई बार वक्फ कानून के कुछ अच्छे उपबंधों का जिक्र किया था।

मालूम हो कि बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन में हिंसा हुई थी और कुछ लोगों जान भी गई। इसके बाद मुर्शिदाबाद से हिंदुओं का बड़ी संख्या में पलायन हुआ है। इसके अलावा बंगाल के भानगढ़ क्षेत्र से भी हिंसा की खबरें आई हैं।

सुनवाई की महत्वपूर्ण बातें
  • सुप्रीम कोर्ट वक्फ कानून के कुछ प्रविधानों पर रोक लगा सकता है। कोर्ट ने कहा कि वह वक्फ बाई यूजर वाली वक्फ संपत्तियों को गैर अधिसूचित (डीनोटीफाइ) न किए जाने का अंतरिम आदेश जारी देने की सोच रहा है।
  • इसके अलावा कोर्ट ने केंद्रीय वक्फ परिषद व वक्फ बोर्डों में गैर मुस्लिमों को शामिल करने और वक्फ संपत्तियों के बारे में कलक्टर की शक्तियों पर भी अंतरिम आदेश पारित करने की मंशा जताई।
  • लेकिन केंद्र सरकार के विरोध और पहले इन मुद्दों पर उसकी दलीलें सुने जाने के अनुरोध पर कोर्ट ने बगैर कोई आदेश जारी किए मामले की सुनवाई गुरुवार तक के लिए टाल दी।
  • अब कोर्ट गुरुवार को केंद्र सरकार और कानून का समर्थन करने वाले याचिकाकर्ताओं की दलीलें सुनेगा। उसके बाद ही तय होगा कि इस मामले में कोई अंतरिम आदेश आएगा कि नहीं।
वक्फ कानून पर आज SC में सुनवाई

गुरुवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दोनों पक्षों से कई सवाल किए। याचिकाकर्ताओं के वक्फ संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किए जाने के विरोध पर सवाल उठाया, तो केंद्र सरकार से वक्फ बाई यूजर वाली वक्फ संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करने पर प्रश्न किया। केंद्रीय वक्फ काउंसिल और वक्फ बोर्डों में गैर मुस्लिमों को शामिल करने के प्रविधान पर केंद्र की पैरोकारी कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से सवाल किए तो वहीं मुस्लिम याचिकाकर्ताओं द्वारा अनुच्छेद 26 की दुहाई देकर वक्फ अल औलाद के बारे में नए कानून के विरोध पर कोर्ट ने हिंदू उत्तराधिकार कानून की याद दिलाई।

कोर्ट में 70 से ज्यादा याचिकाएं दाखिल
  • उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संसद को कानून बनाने से नहीं रोकता। यह सभी के लिए समान रूप से लागू होता है। दो घंटे चली सुनवाई में दोनों पक्षों की ओर से जोरदार बहस हुई और कोर्ट ने भी सवालों की बौछार की।
  • वक्फ कानून के बारे में सुप्रीम कोर्ट में 70 से ज्यादा याचिकाएं दाखिल हुई हैं। इनमें ज्यादातर में वक्फ संशोधन कानून, 2025 को असंवैधानिक बताते हुए रद करने की मांग की गई है।
  • हालांकि, कुछ याचिकाएं कानून के समर्थन में भी दाखिल हुई हैं। कुछ याचिकाओं में वक्फ कानून, 1995 और वक्फ संशोधन कानून, 2025 दोनों को चुनौती देते हुए रद करने की मांग की गई है।
  • गुरुवार को प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना, संजय कुमार और केवी विश्वनाथन की पीठ ने मामले पर सुनवाई करेगा। शुरुआत में कोर्ट इस मामले पर विचार करने के लिए बहुत इच्छुक नजर नहीं आ रहा था।

चीफ जस्टिस ने शुरुआत में ही याचिकाकर्ताओं के समक्ष दो सवाल रखे।

पहला ये कि क्यों न सारी याचिकाओं को हाई कोर्ट भेज दिया जाए और हाई कोर्ट मामले पर सुनवाई करे?

दूसरा सवाल था कि याचिकाकर्ता संक्षेप में बताएं कि उन्होंने कानून को किन आधारों पर चुनौती दी है?

वक्फ कानून का विरोध करने वाले याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल, राजीव धवन, अभिषेक मनु सिंघवी और सीयू सिंह ने पक्ष रखा, जबकि तरफ केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए।

कपिल सिब्बल ने क्या कहा?

इस मामले में अभी कोर्ट ने औपचारिक नोटिस जारी नहीं किया है। लेकिन केंद्र सरकार ने कैविएट दाखिल कर दी थी, ताकि कोर्ट एकतरफा सुनवाई में कोई अंतरिम आदेश न पारित करे। कोई भी आदेश पारित करने से पहले उसका पक्ष सुने। कपिल सिब्बल ने कहा कि यह कानून मुस्लिम के धार्मिक संपत्तियों के प्रबंधन करने की स्वतंत्रता के अधिकार में दखल देता है। यह कानून असंवैधानिक है।

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'नकद लेनदेन पर दो लाख की सीमा लागू करें', SC का सख्त आदेश

Dainik Jagran - National - April 17, 2025 - 12:03am

पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को नकद लेनदेन पर दो लाख रुपये की सीमा लागू करने के लिए निर्देश जारी करते हुए कहा कि अगर कोई कानून है तो उसे लागू किया जाना चाहिए। कोर्ट ने वित्त अधिनियम 2017 के प्रविधानों के असंतोषजनक क्रियान्वयन पर चिंता व्यक्त की जिसमें नकद लेनदेन की सीमा दो लाख रुपये तक सीमित की गई थी।

इस बाबत कई निर्देश जारी करते हुए को र्ट ने कहा कि जब भी किसी क्षेत्र में ऐसा कोई मुकदमा अदालतों के समक्ष आता है तो उन्हें उस क्षेत्राधिकार वाले आयकर विभाग को इसकी सूचना देनी चाहिए ताकि विभाग उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन करके सही कदम उठा सके।

दो लाख रुपये या उससे अधिक के नकद लेनदेन पर 2017 में लगी थी रोक

उल्लेखनीय है कि सरकार ने वित्त अधिनियम-2017 के माध्यम से एक अप्रैल, 2017 से दो लाख रुपये या उससे अधिक के नकद लेनदेन पर प्रतिबंध लगा दिया था।

जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर. महादेवन की पीठ एक संपत्ति के स्वामित्व से संबंधित याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें दावा किया गया था कि 10 अप्रैल, 2018 को अग्रिम भुगतान के रूप में 75 लाख रुपये नकद दिए गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह मामला न केवल लेनदेन के बारे में संदेह पैदा करता है, बल्कि कानून के उल्लंघन को भी दर्शाता है।

स्थिति को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि जब भी कोई ऐसा मुकदमा दायर किया जाता है जिसमें यह दावा किया जाता है कि किसी लेनदेन के लिए दो लाख रुपये या उससे अधिक का भुगतान नकद में किया गया है, तो अदालतों को लेनदेन और आयकर अधिनियम की धारा 269एसटी के उल्लंघन की पुष्टि करने के लिए क्षेत्राधिकार वाले आयकर विभाग को इसकी सूचना देनी चाहिए।

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'अगले 12 महीनों में दोगुनी होगी एयरलाइन की संख्या', कंपनी के परफॉर्मेंस पर स्पाइसजेट के चेयरमैन ने जताई खुशी

Dainik Jagran - National - April 16, 2025 - 11:37pm

पीटीआई, नई दिल्ली। घरेलू विमानन कंपनी स्पाइसजेट के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अजय सिंह ने बुधवार को कहा कि उनकी कंपनी की पुनरुद्धार योजना बहुत अच्छी चल रही है। उन्होंने आगे कहा कि एयरलाइन अगले 12 महीनों में अपने मौजूदा बेड़े को दोगुना करने की राह पर है।

बता दें कि जनवरी में स्पाइसजेट ने अप्रैल के मध्य तक चार बोइंग बी737 मैक्स सहित अपने 10 खड़े विमानों को पुनः परिचालन में लाने की योजना की घोषणा की थी।ल किए गए हैं।

पुनरुद्धार की राह पर जुटी विमानन कंपनी

एयरलाइन ने जानकारी दी कि विमानन कंपनी अक्टूबर 2024 से अपने बेड़े में 10 विमान जोड़े हैं - तीन खड़े विमान जिन्हें वापस सेवा में लाया गया है और सात पट्टे पर शामिल किए गए हैं। स्पाइसजेट को वित्तीय संकट और पट्टेदारों के साथ कानूनी विवादों सहित कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। बता दें कि हाल के महीनों में एयरलाइन ने धन जुटाया है और पुनरुद्धार की राह पर है।

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ED Raid: महादेव एप मामले में ईडी की बड़ी कार्रवाई, दिल्ली-मुंबई सहित 55 स्थानों पर छापेमारी

Dainik Jagran - National - April 16, 2025 - 11:30pm

पीटीआई, नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी एप से जुड़े मनी लॉड्रिंग मामले में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और मुंबई सहित देश के विभिन्न राज्यों में 55 स्थानों पर छापेमारी की।

निशांत पिट्टी के ठिकानों पर भी छापेमारी

जांच एजेंसी ने ऑनलाइन ट्रैवल बुकिंग पोर्टल ईजमाईट्रिप के सह-संस्थापक निशांत पिट्टी के ठिकानों पर भी छापेमारी की। सूत्रों ने बताया कि दिल्ली, मुंबई, चंडीगढ़, अहमदाबाद, इंदौर, जयपुर, चेन्नई और ओडिशा के संबलपुर सहित 55 स्थानों पर छापेमारी की गई।

ठिकानों और दफ्तर पर भी छापेमारी

उन्होंने बताया कि यह ताजा छापेमारी इस मामले में अब तक जुटाए गए कुछ नए सबूतों का परिणाम है। उन्होंने बताया कि ईजमाईट्रिप के चेयरमैन 39 वर्षीय पिट्टी के दिल्ली स्थित ठिकानों और दफ्तर पर भी छापेमारी की गई।

कंपनी की वेबसाइट के अनुसार, ईजमाईट्रिप डॉट कॉम की स्थापना 2008 में हुई थी और इसकी स्थापना पिट्टी बंधुओं - निशांत, रिकांत और प्रशांत ने की थी।

बहरहाल, महादेव सट्टेबाजी एप मामला तब सुर्खियों में आया था जब ईडी ने कुछ साल पहले दावा किया था कि छत्तीसगढ़ के कई उच्च पदस्थ राजनेता और नौकरशाह इस एप से जुड़े अवैध संचालन और मौद्रिक लेनदेन में शामिल हैं।

12 लोगों को गिरफ्तार किया

इस मामले में पहले भी तलाशी ली जा चुकी है। एजेंसी ने इस मामले में अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया है और कुल चार आरोपपत्र दाखिल किए हैं। इसने 2,426 करोड़ रुपये की संपत्ति भी कुर्क या जब्त की है।

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'वक्फ पर राहुल गांधी की चुप्पी की वजह ईसाई समुदाय का दबाव', जानें क्यों कही किरेन रिजिजू ने ये बात

Dainik Jagran - National - April 16, 2025 - 11:30pm

एएनआई, नई दिल्ली। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में विपक्ष के नेता के बजट सत्र के दौरान वक्फ बिल पर मैराथन बहस के दौरान कुछ नहीं बोलने पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि उन पर ईसाई समुदाय का बहुत दबाव है। वह 'सेफ गेम' खेलना चाहते हैं। उन्होंने संसद में कांग्रेस नेता के बर्ताव पर कहा कि संसद पारिवारिक भावनाएं उजागर करने की जगह नहीं है।

विपक्ष कर रहा पुरजोर विरोध

वक्फ संशोधन बिल, 2025 के पारित होने से पहले दोनों सदनों में हुई बहस का उत्तर देने वाले केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने बुधवार को एक साक्षात्कार में बताया कि राहुल गांधी संभवत: वक्फ बिल पर सुरक्षित खेल खेलना चाहते थे। इसीलिए उन्होंने बहस में हिस्सा लेना उचित नहीं समझा। जबकि कांग्रेस और आइएनडीआइए के सभी घटक इस विधेयक का पुरजोर विरोध कर रहे हैं।

रिजिजू ने कही ये बात

रिजिजू ने कहा कि वह इस बात से हैरान हैं कि इस मामले में प्रियंका गांधी तक ने कुछ नहीं कहा वह तो वोटिंग के दौरान भी सदन में मौजूद नहीं थीं। उनकी अनुपस्थिति और राहुल गांधी का वोटिंग के लिए बहुत देर से आना और सदन की कार्यवाही में भाग नहीं लेना भी चौंकाने वाला था।

वह इस विषय पर कुछ बोले भी नहीं। इसलिए लगता है कि उन पर कांग्रेस पार्टी और अन्य दलों के लिए ईसाई समुदाय का भारी दबाव रहा होगा। चूंकि यह सभी वक्फ संशोधन बिल का खुलकर विरोध कर रहे हैं और ईसाई समुदाय वक्फ संशोधन के समर्थन में है। इसलिए राहुल ने सेफ गेम खेला क्योंकि सदन में आप जो भी बोलते हैं वह हमेशा के लिए रिकार्ड में दर्ज हो जाता है।

रिजिजू ने प्रियंका गांधी पर साधा निशाना

रिजिजू ने कहा कि केरल में ईसाई समुदाय के लोग ने पहले ही बिल के पक्ष में अपना मत जाहिर किया है। जबकि प्रियंका गांधी वाड्रा केरल के वायनाड से ही सांसद हैं। राहुल गांधी भी इस संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

इसी तरह, रिजिजू ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के राहुल गांधी को नियम 349 के अनुरूप सदन में बर्ताव करने का आग्रह करने के जिक्र पर कहा कि वह इस स्थिति में नहीं हैं कि कांग्रेस नेता को व्यवहार कैसे करते हैं, बताएं। लेकिन ऐसे कुछ तौर-तरीके हैं जिनका पालन अवश्य होना चाहिए।

राहुल गांधी एक वरिष्ठ नेता हैं....

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी एक वरिष्ठ नेता हैं और वह चार बार से सांसद हैं। सदन में मां-बेटा, मां-बेटी, भाई-बहन, यहां तक कि पति-पत्नी भी साथ सदस्य रहे हैं। लेकिन वह नितांत निजी भावनाओं का सदन में प्रदर्शन नहीं करते हैं। संसद पारिवारिक भावनाओं को उजागर करने की जगह नहीं है। यह संप्रभु संस्था है जहां हरेक सदस्य एक गंभीर उद्देश्य के साथ आता है।

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