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Bihar Teacher Transfer: बिहार में शिक्षा विभाग का अहम फैसला, 7351 महिला शिक्षकों का ट्रांसफर
जागरण टीम, पटना/मुजफ्फरपुर। बिहार में दूरी के आधार पर 7,351 महिला शिक्षकों का अंतरजिला स्थानांतरण (Bihar Teacher Transfer) किया गया है। इनमें 91 महिला शिक्षक पुराने वेतनमान वाली नियमित हैं। बाकी 7,260 सक्षमता परीक्षा पास विशिष्ट शिक्षिका हैं।
दूरी के आधार पर 7,351 महिला शिक्षकों के अंतरजिला स्थानांतरण का फैसला शिक्षा सचिव की अध्यक्षता वाली समिति की बैठक में लिया गया।
हालांकि, उन 6,772 महिला शिक्षकों के आवेदन पर समिति ने विचार नहीं किया, जिन्होंने दूसरे जिलों से पटना आने के लिए आवेदन किया था। पटना में स्थानांतरण के लिए इन 6,772 महिला शिक्षकों के आवेदन पर बाद में विचार होगा।
शिक्षा विभाग ने जारी ट्रांसफर लिस्टजिन 7,351 महिला शिक्षकों का अंतरजिला स्थानांतरण हुआ है, उनकी सूची भी शिक्षा विभाग ने जारी कर दी है। इन महिला शिक्षकों का स्थानांतरित जिलों में 25 अप्रैल 30 अप्रैल तक विद्यालय आवंटन होगा।
उसके पहले ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर उन्हें इस आशय के शपथ पत्र अपलोड करने होंगे कि आवेदन पत्र एवं घोषणा में उनके द्वारा दी गयी जानकारी गलत पाये जाने पर उन पर कार्रवाई की जा सकेगी।
ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर अपलोड करना होगा शपथ पत्रउन्हें इस आशय का भी एक और शपथ पत्र ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर अपलोड करना होगा कि स्थानांतरण के लिए आवंटित जिला उन्हें स्वीकार है।
समिति द्वारा उनके द्वारा विद्यालय आवंटन के विकल्प पर प्राथमिकता के आधार पर विचार किया जायेगा। जहां प्राथमिकता के आधार पर रिक्ति उपलब्ध नहीं होगी, वहां उसके निकटतम विद्यालय के पंचायत-प्रखंड में पदस्थापन करने पर उन्हें स्वीकार होगा।
चार महीने से नहीं मिला शिक्षकों का वेतनदूसरी ओर, नियोजित से विशिष्ट बने 1366 हजार से अधिक शिक्षकों का वेतन नहीं मिल रहा है। वेतन के अभाव में शिक्षक आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं, जबकि विभाग का यह आदेश था कि 31 मार्च तक सभी विशिष्ट शिक्षकों का वेतन भुगतान कर देना है। शिक्षा विभाग द्वारा तय की गई समय सीमा भी समाप्त हो गई है।
जानकारी के मुताबिक, मुजफ्फरपुर जिले में प्रथम सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण 7777 विशिष्ट शिक्षक है। 7096 शिक्षकों का एचआरएमएस पोर्टल पर ऑनबोर्डिंग की प्रक्रिया पूर्ण हुई है। बताया जा रहा 85 प्रतिशत शिक्षकों का वेतन नहीं मिला है।
परिवर्तनकारी शिक्षक संघ के तिरहुत प्रमंडल प्रभारी लखन लाल निषाद ने कहा कि जिला शिक्षा अधिकारी व डीपीओ स्थापना की लापरवाही से वेतन भुगतान नहीं हो रहा है। 1300 से अधिक शिक्षकों को चार महीने से वेतन नहीं मिला है। दूसरी ओर, पिक एंड चूज पॉलिसी के तहत वेतन भुगतान करने का आरोप लगाया है।
जिन शिक्षकों का प्रान नंबर मार्च में जनरेट हुआ, उनका फरवरी तक का वेतन भुगतान मार्च में ही कर दिया गया। वहीं, जिन शिक्षकों का प्रान नंबर फरवरी में जनरेट हुआ उनका अभी तक जनवरी का भी वेतन भुगतान नहीं हुआ है। एचआरएमएस पोर्टल पर जिन शिक्षकों की डेटा ऑनबोर्डिंग हो गया उनका वेतन भुगतान की प्रक्रिया अंतिम दौर में है।
मुख्यालय से प्राप्त डेटा के आधार पर ही शिक्षकों के वेतन भुगतान की प्रक्रिया शुरू होती है। परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रमंडलीय संगठन प्रभारी लखन लाल निषाद ने कहा कि जिन शिक्षकों का चार माह से वेतन नही मिला है। उनकी आर्थिक स्थिति पूरी तरह चरमरा चुकी है।जिले के सभी शिक्षकों का वेतन भुगतान नहीं होने की स्थिति में अनिश्चितकालीन आंदोलन किया जाएगा।
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Bihar Film Policy: पर्दे पर चमकने लगा बिहार, एक्टिंग और शूटिंग की आई बहार
प्रभात रंजन, पटना। बड़े एवं छोटे पर्दे पर बिहार चमकने लगा है। आनेवाले समय में यह चमक और बढ़ने वाली है। ऐसा इसलिए कि बिहार की फिल्म नीति फिल्ककारों का रुझान बढ़ा रही है।
नतीजा है कि कई फिल्मों की शूटिंग शुरू हो चुकी है तो कई अभी पाइपलाइन में हैं, जिनकी शूटिंग निकट भविष्य में होनेवाली है।
इससे एक तो शूटिंग लोकेशनों की सूरत और निखरेगी तो यहां के कलाकारों की किस्मत भी संवरेगी। साथ ही रोजगार का सृजन भी होगा।
फिल्म नीति लागू करने के बाद शूटिंग के लिए मिलने वाली एनओसी प्रक्रिया को आसान बनाने की कवायद जारी है। देश में कहीं से भी निर्माता निर्देशक राज्य के इलाकों में फिल्म शूटिंग के लिए आनलाइन एनओसी प्राप्त कर सकते हैं।
इसे लेकर कला संस्कृति एवं युवा विभाग की ओर से मई के अंत तक फिल्म पोर्टल लांच करने की संभावना है। फिल्म निर्माता व निर्देशक पोर्टल पर अपना आवेदन जमा करने के बाद इमेल के जरिए एनओसी प्राप्त कर सकते हैं।
इसे जल्द से जल्द सुचारू रूप से आरंभ करने को लेकर विभागीय स्तर कार्य हो रहा है। सारे कार्य सिंगल विंडो सिस्टम के तहत होगा।
कला संस्कृति एवं युवा विभाग अंतर्गत बिहार राज्य फिल्म वित्त निगम लि. के सलाहकार अरविंद कुमार ने बताया कि प्रदेश में फिल्म नीति लागू होने के बाद फिल्म निर्माताओं का रुझान फिल्मों की शूटिंग को लेकर बढ़ा है।
इसके लिए सप्ताह में एक या दो आवेदन आ रहे हैं। एनओसी प्राप्त करने को लेकर विभाग की ओर से तेजी से कार्य चल रहा है। जल्द से जल्द इसका लाभ फिल्म निर्माताओं को मिलेगा।
अन्य राज्यों की तुलना में अधिक सब्सिडीअभी तक प्रदेश में 12 फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है। प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर निर्माता पर्यटन स्थलों को शूट कर चुके हैं। इसमें भोजपुरी फिल्म संघतिया की शूटिंग पूरी हो चुकी है।
फिल्म निर्माता विनीत झा व निर्देशक अभिषेक चौहान ने प्रदेश के अलग-अलग स्थलों पर जाकर फिल्म शूटिंग का कार्य संपन्न किया है।
संघतिया को बिहार सरकार की फिल्म प्रोत्साहन नीति के तहत सब्सिडी का लाभ मिल सकता है। फिल्म की 75 फीसद शूटिंग प्रदेश में हुई है।
राजधानी के गंगा पथ पर फिल्म की शूटिंग करते कलाकार।
फिल्म निर्माताओं को आकर्षित करने के लिए बिहार सरकार किसी और राज्य की तुलना में सबसे ज्यादा चार करोड़ रुपये तक का बजट दे रही है।
भोजपुरी फिल्म संघतिया पूरी होकर सेंसर की प्रक्रिया में है। नई नीति के अंतर्गत सब्सिडी पाने वाली यह पहली फिल्म हो सकती है।
फिल्म निर्माताओं को सब्सिडी का लाभ शूटिंग पूरी होने के बाद मिलेगा। फिल्म शूटिंग को लेकर निर्माताओं को बिहार राज्य फिल्म वित्त निगम लि. से सहयोग लेना होगा।
पोर्टल पर होंगे पर्यटन स्थलों के नामपोर्टल पर राजधानी समेत विभिन्न जिलों के पर्यटक स्थलों के नाम होंगे। इसमें पटना के जेपी गंगा पथ, नालंदा, राजगीर, नवादा, सासाराम, दियारा, कैमूर सहित प्रमुख पर्यटन स्थलों के नाम पोर्टल पर दर्ज किया जाएगा।
इससे आवेदन करने में निर्माताओं को आसानी होगी। इसके अलावा प्रदेश में वीटीआर, कैमूर, बांका, गया के जंगल समेत वन क्षेत्रों और अन्य स्थलों पर शूटिंग करना आसान होगा।
शूटिंग के लिए शहर रहा है आकर्षण का केंद्रफिल्म शूटिंग को लेकर राजधानी फिल्म निर्माताओं के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है। फिल्म नीति लागू होने के बाद अमित राय निर्देशित फिल्म ओ माई डाग की शूटिंग पटना के अलग-अलग स्थानों पर हुई।
फिल्म में पंकज त्रिपाठी समेत अन्य कलाकार हैं। सूत्रों के अनुसार अगले माह गोविंदा दो फिल्मों की शूटिंग को लेकर आएंगे।
फिल्म निर्माता विपुल शाह और निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने भी फिल्मों की शूटिंग को लेकर बिहार में रुचि दिखाई है। इसके पूर्व महात्मा गांधी पर बनी फिल्म गांधी की शूटिंग भी 1981 में पटना कलेक्ट्रेट भवन में हुई थी।
फिल्म निर्देशक रिचर्ड एटनबरो ने शूटिंग की थी। 2019 में राजकुमार गुप्ता के निर्देशन में बनी फिल्म इंडियाज मोस्ट वांटेड के दृश्य पटना के गोलघर, काली घाट, एनआइटी घाट, कारगिल चौक, बांकीपुर स्टैंड समेत अन्य जगहों पर दर्शाया था।
2018 संजय मिश्र की फिल्म डेथ आन संडे का दृश्य गुलबी घाट, बाजार समिति, कदमकुआं, डाकबंगला चौराहे आदि जगहों पर दर्शाया गया था।
इसके अलावा प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में फिल्म निर्माताओं ने दामुल, गुटरंगू, जानी मेरा नाम, गंगा मइया तोहे पियरी चढ़इवो आदि का निर्माण फिल्म जगत को नई पहचान दी थी।
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'एक साल अनुभव कीजिए, जरूरत पड़ी तो वक्फ कानून में होगा संशोधन'; बिहार BJP चीफ का बड़ा बयान
जागरण संवाददाता, पटना। बिहार बीजेपी चीफ दिलीप जायसवाल ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विरुद्ध विपक्षी दल हमेशा से मुसलमानों में भ्रम फैलाने का काम किया है, जबकि हकीकत इससे अलग है। सीएए को लेकर भी पूरे देश में हंगामा खड़ा किया गया था। बिल पास हुए एक साल से अधिक हो गए। किसी भी मुसलमान पर इसका प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा।
उन्होंने कहा कि इसी तरह वक्फ बिल को लेकर भी अफवाह का बाजार गर्म है। यह बिल गरीब और पसमंदा मुसलमान के हक में है। इसका भी एक साल अनुभव कीजिए, उसके बाद यदि किसी तरह के संशोधन की गुंजाइश बनती है तो कराई जाएगी।
उक्त बातें गुरुवार को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने विद्यापति भवन में बिहार पसमांदा फाउंडेशन द्वारा वक्फ बिल पास, नया दौर, नया इंसाफ, शुक्रिया मोदी जी कार्यक्रम में कहीं।
'एक साल इस कानून को देख लीजिए...'उन्होंने कहा कि एक साल इस कानून को देख लीजिए, फायदा होगा तो क्यों कोई विरोध करेगा। भाजपा कार्यालय अकलियतों के लिए हमेशा खुला हुआ है। कांग्रेस के शासनकाल में अल्पसंख्यकों का भला नहीं किया गया। मोदी सरकार सबकी चिंता करती है। हिन्दुस्तान जितना हिन्दू का है, उतना ही मुसलमानों का भी।
'मोदी सरकार जब भी मुसलमानों के लिए...'वहीं, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि मोदी सरकार जब भी मुसलमानों के लिए अच्छा काम करती है तो विपक्ष भ्रम फैलाने में जुट जाता है। सीएए लागू होने के बाद अब तक कितने अल्पसंख्यक की नागरिकता समाप्त हुई है? सच्चाई यह है कि वक्फ की संपत्ति पर सरकार कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी।
उन्होंने कहा कि सरकार कब्रिस्तान और मस्जिद की जमीन पर कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी। राजद शासनकाल में कब्रिस्तान की जमीन पर अतिक्रमण और कब्जा किया जाता था। नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनने के बाद अबतक आठ हजार कब्रिस्तान की घेराबंदी हो चुकी है।
'अनुसूचित जाति और पसमांदा एक समान'एससी-एसटी कल्याण मंत्री जनक राम ने कहा कि अनुसूचित जाति और पसमांदा एक समान हैं। एनडीए सरकार गरीब और पसमांदा समाज के कल्याण के लिए कई योजनाएं चला रही हैं।
बिहार पसमांदा फाउंडेशन के अध्यक्ष दानिश इकबाल ने कहा कि वक्फ की संपत्ति का दुरुपयोग करने वालों की जांच कर कार्रवाई की जाए। कार्यक्रम में डॉ. अरमान, मो. नूर आलम, फैयाज काजमी, फिरोज सकरी, दिलशाद कलाल, शमशाद अंसारी, मो. इसराइल, इकबाल खलिल आदि मौजूद थे।
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Patna News: पटना में जब्त की गई 863 प्रतिबंधित रंगबिरंगी चिड़िया, 1 तस्कर गिरफ्तार
जागरण संवाददाता, पटना। प्रतिबंध के बावजूद रंगबिरंगी छोटी पक्षियों की तस्करी जारी है। पटना के रास्ते अलग-अलग स्थानों पर ले जाकर इनकी बिक्री की जाती है। इसको लेकर अब वन प्रमंडल सक्रिय हो गया है।
इसी क्रम में पाटलिपुत्र अंतरराज्यीय बस पड़ाव बैरिया में छापेमारी कर बड़ी संख्या में ऐसी पक्षियों को जब्त किया गया। कुल 863 प्रतिबंधित पक्षियों को जब्त करते हुए एक तस्कर को भी गिरफ्तार किया गया है। इन्हें झारखंड के पलामू से लाया जा रहा था। बस से उतारे जाने के बाद जब्ती की कार्रवाई की गई।
863 प्रतिबंधित पक्षी जब्तपटना वन प्रमंडल के डीएफओ गौरव ओझा ने बताया कि अनुसूची श्रेणी टू की दो प्रकार की 863 प्रतिबंधित पक्षी को जब्त किया गया है। इनमें पैराकीट श्रेणी की 29 और स्केली ब्रेस्टेड मुनिया प्रजाति की 834 पक्षी हैं।
उन्होंने बताया कि पटना ट्रांजिट रूट है। इसके पहले पटना जंक्शन पर जब्ती की गई थी। रेल और बस मार्ग से तस्कर प्रतिबंधित पक्षियों को व्यवसायिक दृष्टिकोण से तस्कर लाते हैं। इनके रखने, व्यवसाय करने पर तीन साल की कारवास का प्रविधान है।
टीम बनाकर की कार्रवाईउन्होंने बताया कि भारत सरकार की संस्था वाइड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो ने सूचना दी थी कि पलामू से पैराकीट और स्केली ब्रेस्टेड मुनिया बस से पटना ले जाई जा रही है। इसके बाद उन्होंने एक टीम का गठन किया और खुद भी बस पड़ाव पहुंच गए।
टीम के सदस्यों को मौके पर प्रशिक्षण दिया। बस आने तक टीम के सदस्य आम यात्री की तरह बैठे थे। बस से जैसे ही पक्षियों को नीचे उतारा गया, छापेमारी दल ने धावा बोल दिया। ऑटो पर रखने के क्रम में पक्षियों को जब्त कर लिया गया।
पलामू निवासी तस्कर पूछताछ के बाद भी नहीं बता रहा है कि वह पक्षियों को किस स्थान पर ले जा रहा था। पटना वन प्रमंडल सिविल कोर्ट बंद रहने के कारण तस्कर को कोर्ट में पेश नहीं कर सका। गुरुवार की सुबह में कोर्ट में पेश किया जाएगा।
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क्या वाकई होते हैं एलियन? पृथ्वी से 8.5 गुना बड़े ग्रह पर मिले जीवन के संकेत; धरती से महज इतना दूर
पीटीआई, नई दिल्ली। सौरमंडल के बाहर जीवन की तलाश कर रहे विज्ञानियों को बड़ी कामयाबी मिली हैं। शोधकर्ताओं ने कहा है कि सौरमंडल के बाहर के एक ग्रह पर डाइमिथाइल सल्फाइड और डाइमिथाइल डाइसल्फाइड के निशान मिले हैं, जो धरती पर समुद्री जीवों द्वारा जैव रासायनिक प्रक्रिया के तहत बनते हैं।
यह सौरमंडल के बाहर जीवन का अब तक का सबसे ठोस साक्ष्य है। हालांकि इस संबंध में और अधिक डाटा जुटाने की जरूरत है। के2-18 बी नाम का एक्सोप्लैनेट पृथ्वी से 8.5 गुना बड़ा है। यह एक्सोप्लैनेट पृथ्वी से 120 प्रकाश वर्ष दूर है।
जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप से मिला डाटायह के2-18 तारे की परिक्रमा करता है। अध्ययन में ब्रिटेन के कैंब्रिज विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप से मिले डाटा का विश्लेषण किया गया गया है। इस एक्सोप्लैनेट पर डाईमिथाइल सल्फाइड और डाईमिथाइल डाइसल्फाइड के निशान पाए गए, जो पृथ्वी पर समुद्री फाइटोप्लांकटन जैसे सूक्ष्मजीव जैव रासायनिक प्रक्रिया के तहत उत्पादित करते हैं।
यह अध्ययन एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स में प्रकाशित हुआ है। इसकी स्वतंत्र समीक्षा की जानी है। एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स में प्रकाशित 2023 के अध्ययन में, टीम ने के2-18 के वायुमंडल में कार्बन युक्त गैसों - मीथेन और कार्बन डाईऑक्साइड के साक्ष्य जुटाए थे। इस पर हाइड्रोजन भी प्रचुर मात्रा में मिला था।
मधुसूदन ने कहा, हमें नहीं पता था कि पिछली बार जो संकेत हमने देखा था, वह (डाईमिथाइल सल्फाइड) के कारण था या नहीं, लेकिन इसका संकेत मात्र ही हमारे लिए इतना रोमांचक था कि हमने एक अन्य उपकरण का उपयोग करके जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप से इसे दोबारा देखा। इस बार हमने पहले से भिन्न उपकरण का उपयोग किया है तथा प्रकाश की तरंगदैर्घ्य की रेंज भी अलग है।
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'कश्मीर पर पाकिस्तान का कोई अधिकार नहीं', PAK आर्मी चीफ के बयान पर भारत का करारा जवाब
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आतंकवादियों को पोषित और संरक्षित करने वाली पाकिस्तान की आर्मी ने एक बार फिर भारत के खिलाफ जहर उगला है। पाकिस्तान आर्मी के प्रमुख जनरल सैयद आसिम मुनीर ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में भारत और हिंदुओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की।
वहीं, मुनीर ने कश्मीर राग भी अलापा है। उन्होंने एक कार्यक्रम में कश्मीर को पाकिस्तान के गले की नस बताया है। पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने दावा किया है कि कश्मीर को कोई भी ताकत अलग नहीं कर सकती है।
कश्मीर को लेकर पाक सेना के बयान का भारत ने दिया जवाबमुनीर की इस टिप्पणी पर भारत ने करारा जवाब दिया है। पाकिस्तानी सेना प्रमुख द्वारा कश्मीर को गले की नस बताने वाली टिप्पणी पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "कोई विदेशी चीज किसी के गले की नस में कैसे फंस सकती है? यह भारत का केंद्र शासित प्रदेश है। इसका पाकिस्तान के साथ एकमात्र संबंध उस देश द्वारा अवैध रूप से कब्जा किए गए क्षेत्रों को खाली करना है।"
#WATCH | On the comments by Pakistan Army chief terming Kashmir as a jugular vein, MEA Spokesperson Randhir Jaiswal says, "How can anything foreign be in a jugular vein? This is a union territory of India. Its only relationship with Pakistan is the vacation of illegally occupied… pic.twitter.com/zV9S0OnXhQ
— ANI (@ANI) April 17, 2025 हम हर एंगल में हिंदुओं से अलग हैं: आसिम मुनीरपाकिस्तानी आर्मी चीफ ने कार्यक्रम में आगे कहा कि हमारे पूर्वजों ने सोचा था कि हम हर एंगल में हिंदुओं से अलग है, हमारा रिवाज, हमारा धर्म, हमारी सोच सब इनसे अलग है। हम दो राष्ट्र हैं, एक नहीं। हमने इस देश के लिए बहुत बलिदान दिए है, हमें पता है कि इस देश को बनाने में कितने संघर्षों का सामना करना पड़ा है।
मुनीर ने भारत का नाम न लेते हुए कहा,"क्या पाकिस्तान के दुश्मन ये सोचते हैं कि सिर्फ 1500 आतंकवादी देश की किस्मत बदल देंगे, हम जल्द ही आतंकवादियों की कमर तोड़ देंगे। 1.3 मिलियन की मजबूत भारतीय सेना, अपनी सारी ताकत के साथ,अगर वे हमें डरा नहीं सकते, तो क्या आपको लगता है कि ये आतंकवादी पाकिस्तान की सशस्त्र सेनाओं को दबा सकते हैं?
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बिहार में यूथ के लिए Startup Idea; यूनिवर्सिटी दे रही 10 तकनीक की ट्रेनिंग, मोटे अनाज से बनेगा काम
जागरण संवाददाता, पटना। Bihar News: मोटे अनाज से बने व्यंजन हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद है। बाजार में बहुत तेजी से मोटे अनाज से बने व्यंजनों की मांग भी बढ़ रही है।
निजी और सरकारी स्तर पर मोटे अनाज को बढ़ावा भी दिया जा रहा है। अगर आप भी मोटे अनाज से विभिन्न तरह के उत्पाद बनाकर अपना खुद का स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं तो चिंता करने की जरूरत नहीं है।
बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय की ओर से जल्द ही मोटे अनाज का ठेकुआ, खीर, इडली के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के पशुधन उत्पाद प्रोद्योगिकी विभाग ने हाल ही में विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाने की 10 तकनीक विकसित की है।
इन व्यंजनों के बनाने की दी जाएगी जानकारीबासु (बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय) मिलेट ठेकुआ, मिलेट खीर, छेने के पानी का सूप, छेने के पानी से बना लाली पाप, बेलग्रामी, पनीर का आचार, बटेर के अंडे का आचार, जैसे कई व्यंजन बनाने की ट्रेनिंग दी जाएगी। इन व्यंजनों को बनाने के लिए जो तकनीक है उसे बताया जाएगा।
कैसे लें ट्रेनिंगजो भी व्यक्ति मोटे अनाज के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाने की ट्रेनिंग लेना चाहते हैं, वे विश्वविद्यालय में संपर्क कर सकते हैं।
इसके लिए उन्हें विश्वविद्यालय के साथ एमओयू करना होगा। अलग-अलग राज्यों से विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाना सीखने के लिए लोगों के आवनेदन आ रहे हैं।
विभिन्न प्रकार के व्यंजनों के बनाने की तकनीक बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के प्रोसेसिंग इकाई में विकसित की गई है। प्रोसेसिंग इकाई में तैयार व्यंजन विश्वविद्यालय के कर्मी के लिए बिक्री के लिए भी उपलब्ध है। जो भी व्यंजन यहां तैयार किए जा रहे हैं वो पोषक तत्वों से भरपूर है। - डॉ. सुषमा कुमारी, एचओडी, पशुधन उत्पाद प्रोद्योगिकी विभाग
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Bihar Election 2025: महागठबंधन ने बनाई को-ऑर्डिनेशन कमेटी, तेजस्वी यादव को मिली कमान
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2025) की व्यूह रचना के लिए महागठबंधन ने समन्वय समिति बनाने का निर्णय लिया है। इसकी अध्यक्षता तेजस्वी यादव करेंगे। अध्यक्ष के अलावा समन्वय समिति में 12 सदस्य होंगे। घटक छह दलों से दो-दो सदस्य।
सीट बंटवारे से लेकर मुख्यमंत्री पद के दावेदार तक का निर्णय यह समिति ही लेगी। गुरुवार को पटना में हुई महागठबंधन की बैठक में यह निर्णय लिया गया। चुनावी रणनीति व अभियान के संचालन के लिए प्रदेश की तरह जिला व प्रखंड स्तर पर भी समन्वय समिति बनाई जाएगी।
3 घंटे चली मीटिंग, तेजस्वी ने की अध्यक्षताराजद के प्रदेश कार्यालय में लगभग तीन घंटे तक चली बैठक की अध्यक्षता तेजस्वी ने की। उसमें सभी घटक दलों के चार-चार प्रतिनिधियों की उपस्थिति रही। बैठक के बाद प्रेस-वार्ता में तेजस्वी ने कहा कि हमारी चर्चा वस्तुत: उन मुद्दों पर हुई है, जिनसे नौजवानों, महिलाओें व गरीबों का हित जुड़ा है। उन मुद्दों पर महागठबंधन के सभी घटक एकमत हैं और एकसुर रहेंगे।
सीट शेयरिंग और सीएम फेस का सवाल टाल गए अल्लावारूकांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावारू ने समन्वय समिति बनाए जाने की घोषणा की और कहा कि यह समिति ही विधानसभा चुनाव के संदर्भ में महागठबंधन के सभी तरह के निर्णय लेगी। हालांकि, सीट बंटवारे व मुख्यमंत्री पद के चेहरा का प्रश्न वे टाल गए।
अलबत्ता उन्होंने यूनिटी और क्लेरिटी (एकता और स्पष्टता) की बात की, लेकिन इस प्रश्न पर भी मौन रह गए कि कांग्रेस कितनी सीटों तक संतोष करेगी। इस संदर्भ में हिचकिचाते हुए तेजस्वी ने कहा कि थोड़ी प्रतीक्षा कर लीजिए।
15 अप्रैल को भी हुई थी महागठबंधन की बैठकउल्लेखनीय है कि 15 अप्रैल को नई दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान के साथ तेजस्वी की बैठक हुई थी। उस बैठक में भी मुख्यमंत्री पद के चेहरा पर कांग्रेस मौन रह गई थी। सूत्र बता रहे कि अब सीटों पर समझौते के बाद ही मुख्यमंत्री के चेहरा पर कांग्रेस अपना मुंह खोलेगी।
हालांकि, समन्वय समिति की अध्यक्षता सौंप दिए जाने के बाद यह तय है कि तेजस्वी के नेतृत्व में ही महागठबंधन चुनाव के मैदान में जाएगा। बैठक में सहभागी सभी घटक दलोंं के एक-एक प्रमुख नेता ने प्रेस-वार्ता को संबोधित किया।
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