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पटना में बिछेगा सड़कों का जाल, कई जिलों से मिलेगी डायरेक्ट कनेक्टिविटी; प्रोजेक्ट्स की लिस्ट देखें
जितेंद्र कुमार, पटना। पटना अब आधुनिक सेवाओं से लैस शहर और आसपास के क्षेत्रों में सुगम आवागमन की नई सेवाओं की ओर तेजी से छलांग लगा रहा है। राजधानी से आसपास के इलाके को जोड़ने वाली नई सड़क परियोजनाओं का शिलान्यास, लोकार्पण और निविदा की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
जल संसाधन विभाग का सोन सुरक्षा तटबंध को नई सड़क के रूप में विकसित करने की योजना है। कोईलवर की ओर से मनेर तक 71 करोड़ 30 लाख 21 हजार 973 रुपये की लागत से 11 किलोमीटर डबल लेन सड़क योजना से बिहटा-मनेर पुराना एनएच 30 का नया विकल्प मिल सजकेगा।
जल संसाधन विभाग की ओर से सोन नद के बाढ़ से बचाव के लिए 70 के दशक में बिक्रम के सैदाबाद से मनेर होते दानापुर के शाहपुर तक कच्चा तटबंध का निर्माण कराया था। इस बांध की औसत चौड़ाई 5.5 मीटर और सतह से औसत तीन मीटर ऊंचा है।
बक्सर-पटना फोरलेन से परेव के निकट से सोन सुरक्षा बांध अमनाबाद, कटेसर, होमगार्ड प्रशिक्षण केंद्र आनंदपुर होते मनेर शिवाला मोड़ को जोड़ती है।
जल संसाधन विभाग की योजना है कि परेव के निकट पटना-बक्सर फोरलेन से मनेर तक 11 किलोमीटर सोन सुरक्षा बांध को डबल लेन सड़क निर्माण से मनेर, बिहटा, बिक्रम, पालीगंज और अरवल के साथ कोईलवर की ओर से छोटे वाहनों को वैकल्पिक मार्ग की सुविधा मिलेगी।
इससे बिहटा में जाम से लोगों को राहत मिल सकेगी। प्रगति यात्रा के दौरान इस परियोजना को मुख्यमंत्री से शिलान्यास कराए जाने की तैयारी है।
दीघा टू मनेर वाया दानापुर कैंट एलिवेटेड रोडदानापुर-दीघा अशोक राजपथ पर जाम से निजात के लिए जेपी गंगा पथ का एलिवेटेड विस्तार दानापुर कैंप के आगे शाहपुर तक करने का प्रस्ताव है। शाहपुर से मनेर तक सोन सुरक्षा बांध का चौड़ीकरण उच्च पथ के रूप में विकसित किया जा सकेगा।
मनेर से परेव तक जल संसाधन विभाग की 11 किलोमीटर डबल लेन से जोड़ दिया जाएगा। प्रगति यात्रा के दौरान इस सड़क परियोजना की घोषणा की संभावना है।
इस नई सड़क परियोजना से दानापुर-मनेर बिहटा पुराना एनएच 30 का नया विकल्प बन सकेगा। मनेर से दीघा तक जल संसाधन विभाग का 15.79 किलोमीटर सुरक्षा तटबंध बना हुआ है। इसकी उपयोगिता समाप्त हो गई है। 5.5 मीटर चौड़ा और तीन मीटर ऊंचे तटबंध को चौड़ीकरण का फोरलेन सड़क का निर्माण मनेर तक कराया जा सकता है।
खगौल-दीघा व गोला रोड होगा चार लेन, नौबतपुर नहर पुरानी सड़क दो लेन की- प्रस्तावित फोरलेन - दीघा-खगौल नहर रोड
- लंबाई - 8.06 किलोमीटर
- वर्तमान सड़क की चौड़ाई - 10.00 मीटर
- प्रस्तावित फोर लेन - 14.00 मीटर
- लंबाई - 4.02 किलोमीटर
- वर्तमान सड़क की चौड़ाई - 7.00 मीटर
- प्रस्तावित चौड़ाई - 12.50 मीटर
- सड़क की लंबाई - 9.80 किलोमीटर
- वर्तमान चौड़ाई - 5.00 मीटर
- प्रस्तावित चौड़ाई - 10.00 मीटर
पटना के हर क्षेत्र को इस बार नई सड़क परियोजनाओं की बड़ी उम्मीदें पूरी हो सकेगी। पटना सिटी, दानापुर और एम्स से लेकर नौबतपुर को नई चौड़ी सड़क की योजना मिल सकेगी। सुगम आवागमन की सुविधा के साथ नई सड़क परियोजनाओं से व्यापार, रोजगार, कृषि व डेरी को बाजार के साथ नगरीय सेवाएं बढ़ सकेगी।
महाजाम से तंग गोला रोड, दीघा-खगौल नहर रोड, एम्स-नौबतपुर नहर रोड और पटना सिटी में भद्र घाट से जेपी गंगा सेतु के समानांतर वर्तमान सड़क का चौड़ीकरण की सौगात पटना के पूरब-पश्चिम और दक्षिण की दूरी कम समय में तय कर सकेंगे।
पटना के चौहद्दी में नगरीय विकास की रफ्तार और शहरी आबादी का घनत्व की तुलना में सड़क और परिवहन सेवाओं की समानुपातिक जरूरत को पूरा कर सकेगा। प्रगति यात्रा में सामुदायिक लाभ और सामाजिक प्रभाव के बीच संतुलन बनाने वाली योजनाएं प्राथमिकता हो सकती है।
आम तौर पर सड़क और सामुदायिक विकास की परियोजनाओं में भू-अर्जन और सामाजिक प्रभाव का अध्ययन में समय अधिक लगता है। इस बार जिन सड़क परियोजनाओं को प्रगति यात्रा में शामिल होना उसके लिए रैयती जमीन की जरूरत नहीं होगी। खगौल-दीघा नहर पथ चौड़ीकरण के लिए जल संसाधन विभाग की जमीन उपलब्ध है।
इसी तरह एम्स से नौबतपुर सरमेरा रोड तक सोन नहर की सरकारी भूमि उपलब्ध है। नेहरू मार्ग से गोला रोड का चौड़ीकरण जाम से निजात दिलाएगा और इसके लिए पथ निर्माण विभाग की जमीन है। हालांकि जगह-जगह पर कुछ जमीन कम पड़ने से चौड़ाई में एकरूपता के लिए पुराने नाले तो तोड़कर निर्माण करना होगा।
सगुना-रूपसपुर नाला व गोला रोड चौड़ीकरण कार्यदानाप़ुर में 12 मीटर चौड़ी होगी नेहरू मार्ग, नाला पाटकर बनेगी सड़क- सगुना मोड़ से रूपसपुर नहर तक औसत 10 मीटर पर 59 संपर्क पथों से वाहनों का भारी दबाव
- 22 मीटर चौड़े छह लेन का प्रधान मुख्य सड़क, पांच मीटर के दोनों और सर्विस लेन अतिक्रमण से तंग
- दोनो ओर ढाई फीट गहरा 8 मीटर से अधिक चौड़ा नाला पाटने से 6-6 मीटर चौड़ी हो सकती सर्विस लेन
- सर्विस लेन के दोनों ओर दो-दो मीटर का पेवर्स ब्लाक का फ्लैंक पर अवैध कब्जा, बिजली खंभे व साइनेज गतिरोधक
दानापुर में नेहरू मार्ग (बेली रोड) पटना शहरी क्षेत्र में अब तक का सबसे चौड़ी सड़क रहते हुए आम लोगों के लिए सबसे महंगी सफर साबित हो रही है। सगुना मोड़ से मोड़ से रूपसपुर नहर तक 22 मीटर की छह लेन प्रधान सड़क और 5-5 मीटर की सर्विस लेन होते भी कीमती समय और वाहनों का ईंधन जाम में बर्बाद होता है। अब जाम से निजात के लिए सड़क के दोनों ओर औसत आठ मीटर चौड़ा और ढाई मीटर गहरा नाला को पाटकर 6-6 मीटर सर्विस लेन की चौड़ाई बढ़ाई जाएगी।
सगुना मोड़ से रूपसपुर नहर आरओबी तक औसत 10 मीटर पर 49 छोटे-बड़े मोहल्ले का संपर्क पथ सर्विस लेन से सीधे जुड़ते हैं। सर्विस लेन से 27 जगहों पर प्रधान सड़क से वाहनों का संपर्क पथ है। 22 मीटर में छह लेन प्रधान मुख्य सड़क के दोनों ओर 5-5 मीटर का सर्विस लेन और उकसे किनारे दो-दो मीटर का पेवर्स ब्लाक का फ्लैंक है लेकिन अतिक्रमण के कारण वजूद समाप्त हो गया है। प्रधान सड़क के किनारे औसत डेढ़ मीटर का फुटपाथ है जिस पर दुकादारी है।
नया लुक और चौड़ी सड़क की योजनाजाम से छुटकारा के लिए प्रधान सड़क और सर्विस लेन के बीच में दोनों ओर औसत आठ मीटर चौड़ा और ढाई मीटर गहरा नाला को पाटने की योजना बनी है। नाले को पाटकर वर्तमान सर्विस लेन की चौड़ाई पांच मीटर से बढ़ाकर 11 मीटर किया जा सकेगा। इसके लिए सिर्फ पथ निर्माण विभाग की जमीन पर अतिक्रमण हटाने की जरूरत होगी।
पटना को मिली करोड़ों की योजनाएं- जेपी गंगा पथ को पश्चिम की ओर कोइलवर के वीर कुंवर सिंह सेतु तक व पूरब मोकामा के राजेंद्र सेतु तक पुराने राष्ट्रीय उच्च पथ 31 का चौड़ीकरण किया जाएगा।
- जेपी गंगा पथ के दक्षिण दीघा से सभ्यता द्वार के बीच वाले स्थान में पार्क एवं नागरिक सुविधाओं का होगा समेकित विकास।
- सभ्यता द्वार को पूरब की ओर से पक्के गंगा घाट तथा पश्चिम की ओर एकता भवन से जोड़ा जाएगा। पटना हाट एवं पार्किंग का निर्माण होगा।
- नेहरू पथ के दोनों तरफ रूपसपुर नहर से सगुना मोड़ तक भूमिगत नाले के साथ पथ का निर्माण एवं चौड़ीकरण किया जाएगा।
- खगौल नेहरू पथ-अशोक राजपथ तक रूपसपुर नहर पथ का चौड़ीकरण एवं निर्माण।
- दानापुर में नेहरू पथ से गोला रोड का चौड़ीकरण किया जाएगा।
- पटेल गोलंबर से अटल पथ तक सरपेंटाइन नाले पर भूमिगत नाले एवं फोरलेन सड़क का निर्माण होगा।
- राजीव नगर व आनंदपुरी नाले का पक्कीकरण एवं इसके ऊपर सड़क का निर्माण होगा।
- गायघाट-कंगन घाट-दीदारगंज तक पुराने गंगा पथ का चौड़ीकरण किया जाएगा।
- गायघाट में जेपी गंगा पथ से डाउन रैंप का निर्माण होगा।
- पटना सिटी के मंगल तालाब का जीर्णोद्धार एवं पर्यटकीय सुविधाओं का विकास किया जाएगा।
- कंगनघाट पर पटना साहिब गुरुद्वारा के निकट मल्टीलेवल पार्किंग का निर्माण कराया जाएगा।
- नेहरू पथ को दोनो तरफ पाटलि पथ से जोड़ा जाएगा।
- मंदिरी नाला पर निर्माणाधीन फोरलेन सड़क को जेपी गंगा पथ से जोड़ा जाएगा।
- एम्स गोलंबर-जानीपुर-पइनापुर-नेवा पथ का चौड़ीकरण कराया जाएगा साथ ही नौबतपुर लख के पास नए पुल का निर्माण होगा।
- परसा-संपतचक सड़क का होगा चौड़ीकरण।
- दीदारगंज से गौरीचक होते हुए पुनपुन तक तटबंध पथ के चौड़ीकरण का अनुरोध भारत सरकार से किया जाएगा।
- पुनपुन प्रखंड के रसूलपुर में मोरहर नदी पर पुल का होगा निर्माण।
- पुनपुन स्टेशन से अकौना होते हुए पटना रिंग रोड (बिहटा-सरमेरा पथ) को जोड़ने वाले मिसिंग लिंक पथ का निर्माण होगा।
- सादिकपुर-पभेड़ा-मसौढ़ी पथ के सोहगी मोड़ को पटना-गया रोड के कंडाप को टू लेन सड़क से जोड़ा जाएगा।
- बख्तियारपुर में हिदायतपुर एवं मंझौली के बीच धोबा नदी पर होगा पुल निर्माण।
- बाढ़ के उमा नाथ मंदिर परिसर का सुंदरीकरण व नागरिक सुविधाओं का होगा विकास ।
- उमानाथ मंदिर परिसर के समीप श्मशान घाट का विकास और विद्युत शवदाह गृह का निर्माण होगा।
- पालीगंज के उलार सूर्यमंदिर में पर्यटक सुविधाएं बढ़ेंगी।
- पालीगंज में पुनपुन नदी पर समदा गांव एवं गुलरिया बिगहा के बीच पुल का निर्माण होगा।
- दानापुर कैंट-मनेर-बिहटा पथ का फोरलेन चौड़ीकरण किया जाएगा।
- 13 प्रखंडों नौबतपुर, पालीगंज, बाढ़, बिहटा, मसौढ़ी, मोकामा, विक्रम, धनरूआ, पंडारक, फतुहा, घोसवरी, पुनपुन एवं मनेर में नए प्रखंड-सह-अंचल कार्यालय भवन का निर्माण होगा।
प्रगति यात्रा के अंतिम दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना जिला में 1404.84 करोड़ की योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास बीते 21 फरवरी को किया। कैबिनेट की मंजूरी के बाद कार्य आरंभ के लिए टेंडर भी प्रकाशित कर दिया गया।
उमानाथ मंदिर और आसपास का दृश्य मनोरम:बाढ़ के बाबा उमानाथ मंदिर परिसर में धर्मशाला, विवाह मंडप, गंगा तट पर सिढ़ीघाट, रिवर फ्रंट डेवलपमेंट तथा सती घाट पर विद्युत शवदाह गृह निर्माण के लिए उन्होंने स्थल निरीक्षण किया। कहा कि उमानाथ मंदिर परिसर एवं आसपास का दृश्य काफी मनोरम है।
यहां नागरिक सुविधाओं का विस्तार हो जाने से लोगों को काफी सहूलियत होगी। इस काम को यथाशीघ्र शुरू कराएं। मुख्यमंत्री ने मंदिर में पूजा अर्चना भी की और राज्य की सुख-शांति एवं समृद्धि की कामना की। दनियावां प्रखंड के तोप गांव में तालाब, सीढ़ीघाट, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, उच्च माध्यमिक विद्यालय में खेल मैदान का उद्घाटन किया।
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जब बापू को देख कांप उठी थी अंग्रेजी हुकूमत, 108 साल पहले 10 अप्रैल को पड़ी थी चंपारण सत्याग्रह की नींव
डिजिटल डेस्क, पटना। 10 अप्रैल, 1917 को चंपारण सत्याग्रह की शुरुआत हुई, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ। इस आंदोलन ने महात्मा गांधी को देश के सामने लाया और उन्हें 'महात्मा' और 'राष्ट्रपिता' की उपाधि दिलाई। चंपारण सत्याग्रह को आज 108 साल पूरे हो चुके हैं।
आइए, जानते हैं कि चंपारण सत्याग्रह किस तरह आजादी की लड़ाई में नींव का पत्थर साबित हुआ...
चंपारण की स्थितिपहले विश्व युद्ध के दौरान, चंपारण के किसान नील की खेती के कारण परेशान थे। अंग्रेजी हुकूमत ने 'तीन कठिया' कानून लागू किया था, जिसके तहत किसानों को अपनी जमीन के तीन कट्ठा हिस्से में नील की खेती करनी पड़ती थी। इससे किसानों की जमीन बंजर हो गई और उन्हें अपनी आजीविका के लिए संघर्ष करना पड़ा।
गांधी का आगमनकिसानों की परेशानी को दूर करने के लिए राजकुमार शुक्ल ने महात्मा गांधी से संपर्क किया। गांधी ने चंपारण का दौरा किया और किसानों की समस्याओं को समझा। उन्होंने देखा कि किसानों को नील की खेती के लिए मजबूर किया जा रहा है और उन्हें उनके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है।
सत्याग्रह की शुरुआतगांधी ने चंपारण में सत्याग्रह की शुरुआत की और किसानों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी। उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ आवाज उठाई और किसानों के समर्थन में खड़े हुए। गांधी के नेतृत्व में, किसानों ने नील की खेती के खिलाफ विरोध किया और अपने अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी।
चंपारण सत्याग्रह की जीतचंपारण सत्याग्रह की पहली जीत तब हुई जब अंग्रेजी हुकूमत ने गांधी के आगे झुकते हुए मुकदमा वापस ले लिया और जांच में सहयोग करने का आदेश दिया। इसके बाद, प्रांतीय सरकार ने भी किसानों पर अत्याचार के खिलाफ जांच के लिए एक समिति बना दी। गांधी जी को समिति में जगह मिली और उन्होंने किसानों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी।
चंपारण सत्याग्रह का महत्वचंपारण सत्याग्रह ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक नए युग की शुरुआत की। इस आंदोलन ने महात्मा गांधी को देश के सामने लाया और उन्हें 'महात्मा' और 'राष्ट्रपिता' की उपाधि दिलाई।
चंपारण सत्याग्रह ने दिखाया कि अहिंसक तरीके से भी अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ लड़ाई लड़ी जा सकती है और किसानों के अधिकारों की रक्षा की जा सकती है।
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Bihar Politics: पटना में सियासी बवाल, हिरासत में कन्हैया कुमार, पुलिस को करना पड़ा लाठी चार्ज
एएनआई, पटना। बिहार की राजधानी पटना में शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी के सीएम आवास घेराव के दौरान सियासी हंगामा हो गया। पुलिस ने कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार समेत कई बड़े नेताओं को हिरासत में लिया।
वहीं, इससे पहले पार्टी कार्यकर्ताओं पर जमकर लाठियां भांजीं और वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया गया। बता दें कि बिहार में पलायन और बेरोजगारी के खिलाफ एनएसयूआई की ओर से पदयात्रा निकाली जा रही है।
सीएम को सौंपना चाहते थे ज्ञापनशुक्रवार को राजधानी पटना में इसी पदयात्रा के दौरान NSUI के राष्ट्रीय प्रभारी कन्हैया कुमार सहित कई कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया गया है।
इस दौरान कार्यकर्ताओं ने जमकर बवाल काटा। कन्हैया कुमार की पलायन रोको नौकरी दो यात्रा का आज अंतिम दिन था। इसके तहत सीएम हाउस का घेराव और नीतीश कुमार से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा जाना था।
जानकारी के अनुसार, बवाल के बाद युवा कांग्रेस कर राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय भानू चिब व युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शिव प्रकाश गरीब दास भी हिरासत में लिए गए हैं। सभी को पटना के कोतवाली थाने ले जाया जा रहा है।
#WATCH पटना, बिहार: कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा बिहार में पलायन और बेरोजगारी के खिलाफ पदयात्रा के दौरान NSUI के राष्ट्रीय प्रभारी कन्हैया कुमार सहित कई कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया। https://t.co/bDluDBfyEP pic.twitter.com/Yc2GYdQs6i
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 11, 2025इस खबर को लगातार अपडेट किया जा रहा है। हम अपने सभी पाठकों को पल-पल की खबरों से अपडेट करते हैं। हम लेटेस्ट और ब्रेकिंग न्यूज को तुरंत आप तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। प्रारंभिक रूप से प्राप्त जानकारी के माध्यम से हम इस समाचार को निरंतर अपडेट कर रहे हैं। ताजा ब्रेकिंग न्यूज और अपडेट्स के लिए जुड़े रहिए जागरण के साथ।
Tahawwur Rana को देश के अलग-अलग शहरों में क्यों ले जाया जाएगा, आतंकी के साथ अगले 18 दिनों तक NIA क्या करेगी?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका से भारत लाए गए आतंकी तहव्वुर राणा (Tahawwur Rana) फिलहाल दिल्ली स्थित एनआईए (NIA) हेडक्वार्टर में मौजूद है। एनआईए अधिकारी लगातार उससे पूछताछ कर रहे हैं। गुरुवार को पालम एयरपोर्ट से सीधे राणा को पटियाला हाउस कोर्ट लाया जाया गया।
अदालत ने राणा को NIA की 18 दिन की हिरासत में भेज दिया है। 18 दिनों की रिमांड के दौरान तहव्वुर राणा के साथ क्या-क्या पूछताछ की जाएगी। वहीं, इन 18 दिनों में राणा को देश के किन शहरों में ले जाया जाएगा इस पर आज (शुक्रवार) एनआईए अधिकारियों की हाई लेवल मीटिंग हुई।
देश के कई शहरों में राणा को ले जाया जाएगाशुरुआत के कुछ दिनों में राणा के साथ पूछताछ की जाएगी। फिर आतंकी हमले से पहले जिन-जिन स्थानों पर तहव्वुर राणा, डेविड हेडली (मुंबई आतंकी हमले का अन्य मास्टरमाइंड) ने रेकी की थी, उन स्थानों पर उसे ले जाया जाएगा। इसके बाद इसकी भी एक विस्तृत रिपोर्ट बनेगी। उम्मीद जताई जा रही है कि राणा को मुंबई, अहमदाबाद, आगरा, दिल्ली के कुछ इलाकों में ले जाया जाएगा।
बता दें कि साल 2008 में 13 नवंबर और 21 नवंबर के बीच तहव्वुर राणा और उसकी पत्नी ने दिल्ली, आगरा, अहमदाबाद और मुंबई सहित कई शहरों का दौरा किया था। वहीं, वो इस दौरान पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंसी (ISI) के संपर्क में भी था। ISI ने आतंकी हमले के लिए तहव्वुर को फंडिंग भी दी थी।
(फोटो सोर्स: U.S. Marshals Service photo by Shane T. McCoy)
क्या तहव्वुर राणा को हो सकती है फांसी?175 बेगुनाहों की मौत का गुनहगार तहव्वुर राणा को फांसी होगी या नहीं, इसकी चर्चा देशभर में हो रही है। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट के वकील ज्ञानंत सिंह कहते हैं कि प्रत्यर्पण के मामले में अभियुक्त जिस देश से आ रहा है अगर वहां मृत्युदंड की सजा है तो उसे यहां भारत में भी मृत्युदंड दिया जा सकता है। राणा के कनाडा का नागरिक होने पर वह कहते हैं कि अभियुक्त किस देश का नागरिक है इसका कोई फर्क नहीं पड़ता अगर अपराध भारत में हुआ है तो उसे भारत के कानून से डील किया जाएगा। उस पर भारत का कानून लागू होगा।
क्या कहता है प्रत्यर्पण संधि?नियम के अनुसार, प्रत्यर्पण पत्र में जिस मुकदमे और जिन आरोपों का जिक्र किया गया होगा उन्हीं मामलों में राणा पर मुकदमा चलेगा। अमेरिका और भारत के बीच 1997 में हुई प्रत्यर्पण संधि का आर्टिकल 8 कहता है कि जिस अपराध में मुकदमा चलाने और सजा देने के लिए प्रत्यर्पण मांगा जा रहा, अगर वह अपराध प्रत्यर्पण का अनुरोध करने वाले देश में मृत्यु दंड से दंडित किया जा सकता है लेकिन यदि प्रत्यर्पित करने वाले देश में उस अपराध में मृत्युदंड का प्रावधान नहीं है तो वह देश प्रत्यर्पण की मांग ठुकरा सकता है।
गौरतलब है कि तहव्वुर राणा पर आतंकवाद का आरोप है। उस पर भारत पर हमला करने की साजिश के आरोप हैं और आतंकवाद के अपराध में अमेरिका में भी मृत्युदंड की सजा है। बता दें कि देश में न्यायपालिका प्रक्रिया ऐसी है कि रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस में ही फांसी की सजा दी जाती है। उम्मीद जताई जा रही है कि अदालत तहव्वुर राणा के मुकदमे को भी रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस के तौर पर देखेगी और उसे फांसी की सजा देगी।
(पीटीआई इनपुट से)
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'प्यार' का हवाला और 91 साल के बुजुर्ग को मिल गई जमानत; कोर्ट में गूंजी कविता: पढ़ें पूरा मामला
पीटीआई, कोच्ची। केरल में एक 91 वर्षीय व्यक्ति ने अपनी 88 साल की पत्नी पर चाकू से हमला किया था। इस मामले में आरोपी थेवन को केरल हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है। दरअसल, थेवन की पत्नी कुंजली ने उसकी वफादारी पर शक जताया था, जिससे नाराज होकर बुजुर्ग व्यक्ति ने पत्नी पर हमला कर दिया था।
थेवन पर पत्नी ने क्या आरोप लगाए थे?
थेवन के अनुसार, उसकी पत्नी कुंजली ने उस पर अन्य महिलाओं के साथ संबंध रखने का आरोप लगाया था। इन आरोपों की वजह से बुजुर्ग व्यक्ति अपमानित और निराशा महसूस कर रहा था। 21 मार्च कों दोनों के बीच काफी ज्यादा लड़ाई हुई, जिसके बाद थेवन ने कुंजली पर चाकू से हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था।
इस घटना के बाद आरोपी बुजुर्ग व्यक्ति को उसी दिन गिरफ्तार कर लिया गया था और तब से वो न्यायिक हिरासत में था। आरोपी थेवन द्वारा दायर जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति पीवी कुन्हीकृष्णन ने कानूनी तर्कों पर ध्यान दिया और थेवन को जमानत दे दी।
जज ने सुनाया अपना फैसला
न्यायमूर्ति ने 10 अप्रैल को इस मामले पर सुनवाई करते हुए अपने आदेश में कहा, "मैं इस पर और कोई चर्चा नहीं करना चाहता। 91 वर्षीय थेवन को बुढ़ापे में अपनी 88 वर्षीय पत्नी कुंजली के साथ खुशी-खुशी रहने दें।"
91 वर्षीय थेवन को मानक शर्तों के साथ जमानत देते हुए अदालत ने कहा कि थेवन को पता होना चाहिए कि बुढ़ापे में उसकी एकमात्र ताकत उसकी 88 वर्षीय पत्नी कुंजली होगी और कुंजली को भी यह सोचना चाहिए कि उसकी एकमात्र ताकत 91 वर्षीय थेवन ही होगा।
कविता के जरिए सुनाया गया फैसला
अदालत ने कहा, "थेवन और कुंजली को पता होना चाहिए कि उम्र प्यार की रोशनी को कम नहीं करती है, बल्कि इसे और चमकदार बनाती है। 88 वर्षीय कुंजली अब भी अपने पति से प्यार करती हैं और यही कारण है कि वह अपने पति पर करीब से नजर रखती हैं।"
न्यायमूर्ति ने फैसला सुनाते हुए कहा, "जैसे-जैसे हमारे रिश्ते को समय होता जाता है, हमारा प्यार और गहरा हो जाता है।" इस दौरान अदालत ने दिवंगत मलयालम कवि एनएन कक्कड़ की एक कविता का जिक्र किया, जो प्यार और शांति को दर्शाती है।
केरल में एक ही परिवार के चार लोग फंदे से लटके मिले, पुलिस कर रही मामले की जांच
बांड्स में गिरावट ‘ट्रंप मेल्टडाउन’ का प्रमुख कारण, राष्ट्रपति से टैरिफ की शक्ति लेने की भी होने लगी थी चर्चा
प्राइम टीम, नई दिल्ली।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल को सभी देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाते हुए उस दिन को ‘लिबरेशन डे’ यानी मुक्ति दिवस बताया था। आखिर हफ्ते भर में ऐसा क्या हो गया कि 9 अप्रैल को उन्हें अपने इस फैसले को ‘पॉज’ करना पड़ा। उन्होंने चीन के साथ व्यापार युद्ध को तो तेज किया, लेकिन बाकी देशों के खिलाफ मुश्किल से 13 घंटे पहले लगाए गए टैरिफ को 90 दिनों के लिए स्थगित कर दिया।
राष्ट्रपति ट्रंप के सहयोगी टैरिफ बढ़ोतरी स्थगित करने के उनके फैसले को रणनीतिक मास्टरस्ट्रोक बता रहे हैं। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लिविट ने अचानक हुए इस नीतिगत बदलाव को मोलभाव की रणनीति का हिस्सा बताने की कोशिश की। व्हाइट हाउस के उप प्रमुख स्टीफन मिलर ने ट्वीट किया, “आप इतिहास में किसी अमेरिकी राष्ट्रपति की सबसे बेहतरीन आर्थिक मास्टर रणनीति देख रहे हैं।”
लेकिन बहुत कम लोग इस ‘मास्टरस्ट्रोक’ को स्वीकार कर रहे हैं। उनका कहना है कि ट्रंप पर हर मिनट दबाव जबरदस्त बढ़ रहा था। यह दबाव कंपनियों के सीईओ, खुद ट्रंप के दोस्त और रिपब्लिकन सीनेटर्स की तरफ से था। यह आशंका बढ़ने लगी कि अमेरिका के साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी की ओर बढ़ सकती है। अमेरिकी शेयर बाजारों के धराशायी होने के बाद बांड बाजार में भी जब बड़ी गिरावट का दौर शुरू हुआ तो ट्रंप आखिरकार उस दबाव के आगे झुक गए।
बुधवार को टैरिफ नीति में बदलाव की घोषणा करते समय खुद ट्रंप ने स्वीकार किया कि उन्होंने तब फैसला बदलने का निर्णय लिया जब लोग बांड मार्केट को लेकर असहज महसूस करने लगे। उन्होंने कहा, “बिजनेस थोड़ा घबराए हुए, थोड़ा डरे हुए हैं… आपको लचीलापन रखना पड़ता है।”
ट्रंप के यू-टर्न ने वॉल स्ट्रीट में जबरदस्त तेजी ला दी। यूरोपियन यूनियन ने भी कहा कि वह ट्रंप के ‘पॉज’ के साथ तालमेल बिठाते हुए जवाबी टैरिफ 90 दिनों के लिए स्थगित कर रहा है। हालांकि कॉरपोरेट जगत की हस्तियों, निवेशकों और अमेरिका के व्यापारिक साझेदार अब यह सोचने पर मजबूर हो गए हैं कि ट्रंप टैरिफ के जरिए आखिर हासिल क्या करना चाह रहे हैं।
ट्रंप के सहयोगी मस्क भी टैरिफ के खिलाफअमेरिका के जॉर्ज वॉशिंगटन विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल इकोनॉमिक पॉलिसी में विशिष्ट विजिटिंग स्कॉलर अजय छिब्बर कहते हैं, “ट्रंप ने अपना रुख इसलिए बदला क्योंकि शेयर बाजार में भारी गिरावट आ गई। उनके सबसे महत्वपूर्ण समर्थक एलन मस्क ने भी खुले तौर पर टैरिफ का विरोध किया और ट्रंप के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो को ‘ईंटों का बोरा’ (bag of bricks) कहा।”
छिब्बर के अनुसार, “वॉल स्ट्रीट के शीर्ष एक्जीक्यूटिव टैरिफ के खिलाफ थे। कुछ रिपब्लिकन सीनेटर और सांसद भी राष्ट्रपति से टैरिफ लगाने की शक्ति वापस लेने के लिए कानून बनाने की कोशिश कर रहे थे। जो भी हो, नुकसान हो चुका है क्योंकि ट्रंप के इस आगे-पीछे के रवैये ने भारी अनिश्चितता पैदा कर दी है।”
फैसला बदलने के पीछे तीन प्रमुख कारणअमेरिकी मीडिया की अलग-अलग रिपोर्ट्स के अनुसार ट्रंप के फैसला बदलने के पीछे तीन प्रमुख कारण थे। न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा है कि ट्रंप के सलाहकार निजी तौर पर मानते हैं कि असली श्रेय तो बांड बाजार को जाना चाहिए। ट्रंप ने यह निर्णय इसलिए लिया क्योंकि उन्हें डर था कि उनके टैरिफ लगाने का दांव जल्दी ही बड़े आर्थिक संकट में बदल सकता है। बीते दो दशकों आए दो बड़े आर्थिक संकट - 2008 का वैश्विक वित्तीय संकट और 2020 की महामारी - के विपरीत, यह संकट पूरी तरह एक व्यक्ति के फैसलों का परिणाम होता।
दूसरा कारण है दबाव। वॉशिंगटन पोस्ट तथा अन्य अमेरिकी मीडिया के अनुसार ट्रंप को लगातार फोन आ रहे थे कि देश गंभीर आर्थिक मंदी की ओर बढ़ रहा है। बड़ी कंपनियों के सीईओ इस बात को लेकर काफी चिंतित थे कि टैरिफ से उत्पन्न अस्थिरता अर्थव्यवस्था को मंदी में धकेल सकती है। रिपब्लिकन सीनेटरों ने भी ट्रंप से अपनी चिंताओं को खुलकर साझा किया। बांड बाजार की स्थिति को लेकर ट्रंप पहले से ही सतर्क थे।
चीन के प्रतिवाद को तीसरा कारण माना जा रहा है। राष्ट्रपति और उनके सलाहकारों ने मीडिया से बातचीत में माना कि चीन द्वारा अमेरिका पर टैरिफ बढ़ाने का निर्णय ट्रंप के लिए एक अवसर बन गया ताकि वे अन्य देशों पर टैरिफ बढ़ाने की योजना को स्थगित कर सकें। इससे उन देशों के प्रति मैत्री का संकेत भी गया। इस निर्णय के पीछे ट्रंप की नीति चीन को अलग-थलग करने और बाकी दुनिया को एकजुट करने की थी।
आगे क्या होगा, क्या करे भारतअमेरिका के वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट और वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक के नेतृत्व में ट्रंप के आर्थिक सलाहकार तमाम देशों के साथ बातचीत की प्रक्रिया शुरू करेंगे। यह प्रक्रिया कई महीने चलने की उम्मीद है। हालांकि दोनों मंत्रियों ने कहा है कि हर देश के साथ समझौते पर अंतिम फैसला ट्रंप ही करेंगे।
भारत के लिए छिब्बर की सलाह है, “भारत को चाहिए कि वह अपनी मौजूदा नीति पर ही कायम रहे और अमेरिका के साथ एक बेहतरीन सौदा करने की कोशिश करे। ट्रंप के इस स्थगन से भारत को थोड़ा और समय मिल गया है। लेकिन हमें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि ट्रंप ने सभी वस्तुओं पर 10% टैरिफ तो लागू कर ही दिया है और चीन पर टैरिफ बढ़ाकर 145% कर दिया है।”
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केरल में वकीलों और छात्रों के बीच झड़प, 20 से ज्यादा लोग घायल; पुलिस को देना पड़ा दखल
पीटीआई, कोच्चि। केरल में छात्र संगठन एसएफआई के कार्यकर्ताओं और वकीलों के बीच झड़प हो गई। इसमें 20 लोग से ज्यादा लोग घायल हो गए। घटना एर्नाकुलम जिला न्यायालय परिसर में जिला बार एसोसिएशन के वार्षिक समारोह के दौरान हुई।
आरोप है कि एसएफआई कार्यकर्ताओं ने बार एसोसिएशन के वार्षिक समारोह में जबरन घुसकर हंगामा किया। पुलिस ने बताया कि इस झड़प में एसएफआई के 16 कार्यकर्ता और 8 वकील घायल हो गए हैं।
कार्यक्रम में घुसकर किया हंगामाबता दें कि एर्नाकुलम जिला न्यायालय परिसर में जिला बार एसोसिएशन का कार्यक्रम हो रहा था। वकीलों का आरोप है कि महाराजा कॉलेज के कुछ छात्रों ने कार्यक्रम में घुसकर हंगामा किया। हालांकि एसएफआई का कहना है कि वकीलों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया।
पुलिस ने किसी तरह स्थिति पर नियंत्रण पाने की कोशिश की। इस झड़प का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। वहीं अब मामले में राजनीति भी शुरू हो गई है। विपक्ष ने इसे लेकर सीपीआई (एम) पर निशाना साधा है।
मामले में राजनीति शुरू- विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने सीपीआई (एम) नेतृत्व से छात्र संगठन पर नियंत्रण करने की मांग की है। सतीशन ने सीपीआई (एम) से छात्र संगठन को राजनीतिक संरक्षण देना बंद करने की अपील की।
- बताया जा रहा है कि एर्नाकुलम जिला बार एसोसिएशन ने आज एक बैठक बुलाई है, जिसमें आगे की कार्रवाई पर फैसला करेगी। हालांकि, एर्नाकुलम सेंट्रल पुलिस ने कहा कि अभी तक मामला दर्ज नहीं किया गया है, लेकिन प्रारंभिक जांच चल रही है।
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