Feed aggregator

गुवाहाटी में 'श्री विद्या कोटि कुमकुमार्चन महायज्ञ' का होगा आयोजन, वाराणसी से विद्वान पुरोहितों का भी होगा आगमन

Dainik Jagran - National - April 1, 2025 - 4:23pm

जेएनएन, नई दिल्ली। असम के गुवाहाटी में देश के वरिष्ठ संत स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी के सानिध्य में श्री विद्या कोटि कुमकुमार्चन महायज्ञ का आयोजन होने जा रहा है। गुवाहाटी एसआरसीबी रोड स्थित सांगानेरिया धर्मशाला में ये महायज्ञ होगा।

देश के वरिष्ठ संत स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी के सानिध्य में आगामी 2 अप्रैल से 6 अप्रैल तक श्री विद्या कोटि कुमकुमार्चन महायज्ञ का आयोजन किया जाना है। यह महायज्ञ देश के प्रगति, विश्व शांति और लोक कल्याण के ध्येय से आयोजित है।

महायज्ञ में कौन होगा शामिल?

इस महायज्ञ में वाराणसी से विद्वान पुरोहितों का आगमन हो रहा है जो महायज्ञ को संपन्न कराएंगे। श्री विद्या कोटि कुमकुमार्चन महायज्ञ में हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति होगी।श्री ललिता सहस्त्रनाम के मंत्रों का एक करोड़ बार पाठ सुहासिनी महिलाओं और श्रद्धालुओं के द्वारा किया जाएगा और भगवती को प्रसन्न करने हेतु कुमकुम से अर्चन होगा।

गुवाहाटी में दूसरी बार होगी ये महायज्ञ

स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी ने इससे पूर्व यह महायज्ञ नई दिल्ली, कोलकाता, प्रयागराज, वाराणसी, गुवाहाटी, मुंबई, चेन्नई, कांचीपुरम, हैदराबाद, इंदौर सहित देश के अन्य महत्वपूर्ण शहरों में आयोजित किया है।

माता ललिता का यह अति विशिष्ट महाअनुष्ठान पूरे विधि विधान से आयोजित किया जाएगा। गुवाहाटी में यह आयोजन स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी के सानिध्य में दूसरी बार हो रहा है।

Categories: Hindi News, National News

'संसद में मौजूद रहें सभी सांसद', लोकसभा में कल पेश होगा वक्फ बिल; BJP ने जारी किया व्हिप

Dainik Jagran - National - April 1, 2025 - 4:22pm

एएनआई, नई दिल्ली। 02 अप्रैल यानी बुधवार को लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया जाएगा। अभी तक की जानकारी के अनुसार यह बिल लोकसभा में दोपहर 12 बजे पेश होगा। बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में विधेयक को पेश करने की जानकारी दी गई।

लोकसभा में वक्फ विधेयक के पेश होने से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने सभी लोकसभा सांसदों को कल यानी  02 अप्रैल को संसद में उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी किया है। इधर, विपक्ष ने इस बिल पर चर्चा के लिए 12 घंटे के समय की मांग की है।

'वक्फ बोर्ड में काफी सुधार की आवश्यकता'

बता दें कि बुधवार को लोकसभा में बिल के पेश होने से पहले बीजेपी नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आने लगी है। इस बीच उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हर अच्छे काम का विरोध होता है। ठीक ऐसे ही वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध किया जा रहा है। उन्होंने विरोध करने वालों से पूछा कि क्या वक्फ बोर्ड ने मुसलमानों का कल्याण किया है? योगी ने आगे कहा कि इसमें सुधार समय की जरूरत है। वक्फ बोर्ड निजी स्वार्थ और सरकारी जमीन पर जबरन कब्जे का साधन बन गया है।

कांग्रेस मुसलमानों को कर रही गुमराह: BJP

वहीं, वक्फ संशोधन विधेयक पर भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर गलतफहमियां पैदा की जा रही हैं। कांग्रेस और अन्य दल मुसलमानों को गुमराह करने और भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। जैसे सीएए को लेकर मुसलमानों को गुमराह किया गया और शाहीन बाग में प्रदर्शन हुए, वैसे ही वही लोग वक्फ अधिनियम को लेकर मुसलमानों को गुमराह कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक में कहीं भी यह नहीं कहा गया है कि मस्जिद, दरगाह और अन्य धार्मिक स्थल सरकार द्वारा छीन लिए जाएंगे। मैं यह पूरी जिम्मेदारी के साथ कह रहा हूं ताकि किसी के बहकावे में न आऊं। इस विधेयक का उद्देश्य केवल वक्फ संपत्ति पर माफियाओं के एकाधिकार को खत्म करना है।

यह भी पढ़ें: लोकसभा में कल पेश होगा वक्फ संशोधन बिल, सरकार के सामने विपक्षी दलों ने रख दी ये मांग

यह भी पढ़ें: वक्फ बिल पर सहमति बनाने के पक्ष में नहीं कांग्रेस, संविधान पर बताया हमला; रिजिजू का दावा- समर्थन में विपक्षी पार्टियां

Categories: Hindi News, National News

टीचर ने बेटी के पिता के साथ बनाए अवैध संबंध, फिर वीडियो दिखाकर किया ब्लैकमेल; मांगे 20 लाख

Dainik Jagran - National - April 1, 2025 - 4:12pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बेंगलुरु की एक शिक्षिका को एक छात्र के माता-पिता को ब्लैकमेल करने और उनसे पैसे ऐंठने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, बताया जा रहा है टीचर का छात्र के पिता साथ अफेयर चल रहा था।

केंद्रीय अपराध शाखा ने 25 साल की टीचर श्रीदेवी रुदागी और दो अन्य गणेश काले उम्र 38 और सागर 28 को सतीश (पिता का नाम) से कथित तौर पर 4 लाख रुपये ऐंठने और फिर उनके तस्वीरों और वीडियो के साथ उसे 20 लाख रुपये के लिए ब्लैकमेल करने के आरोप में गिरफ्तार किया।

5 साल की बच्ची का स्कूल में कराया एडमिशन

पुलिस के अनुसार, पश्चिमी बेंगलुरु के एक इलाके में अपनी पत्नी और तीन बेटियों के साथ रहने वाले व्यापारी सतीश ने 2023 में अपनी सबसे छोटी बेटी, जिसकी उम्र 5 साल थी उसे स्कूल में दाखिला दिलाया था।

पिता ने एडमिशन प्रोसेस के दौरान टीचर रुदागी से मुलाकात की और इसके बाद वह दोनों एक दूसरे से संपर्क में रहे और उन्होंने एक अलग सिम कार्ड और फोन पर मैसेज और वीडियो कॉल पर बातचीच करनी शुरू कर दी। इसके बाद उनकी मुलाकातें प्राइवेट हो गईं।

कैसे लिए पिता से पैसे?

इसके बाद रुदागी ने पिता से 4 लाख रुपए ऐंठ लिए। फिर जनवरी में उसने 15 लाख रुपए मांगे। जब पिता हिचकिचाए तो वह 50,000 रुपए उधार लेने के बहाने उनके घर गई। बाद में जब उनके बिजनैस में गिरावट आई तो पिता ने एक कठिन निर्णय लिया - अपने परिवार को गुजरात में ट्रांसफर करने का और उन्हें बच्चे के ट्रांसपर सर्टिफिकेट की आवश्यकता थी।

यह मार्च की शुरुआत में हुआ, पिता के अनुसार, स्कूल पहुंचने पर उन्होंने खुद को रुदागी के कार्यालय में पाया, जहां काले और सागर भी मौजूद थे। बाद वाले ने पिता को निजी तस्वीरें और वीडियो दिखाए और फिर 20 लाख रुपए मांगे और कहा उन्हें उनके परिवार को भेज दिया जाएगा।

पैसे के लिए आता रहा कॉल

पिता ने कहा कि उन्होंने उनसे बातचीत करने की कोशिश की और 1.9 लाख रुपए के शुरुआती बातचीत के बाद 15 लाख रुपए पर डील की। लेकिन मांगें जारी रहीं।

17 मार्च को रुदागी ने उन्हें फोन करके पेमेंट की याद दिलाई, साथ ही 5 लाख रुपए पूर्व पुलिस अधिकारी के लिए, एक-एक लाख रुपए सागर और काले के लिए, तथा बाकि 8 लाख रुपए उसके लिए।

Categories: Hindi News, National News

सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की तुषार गांधी की याचिका, साबरमती आश्रम के अधिग्रहण के खिलाफ की थी अपील

Dainik Jagran - National - April 1, 2025 - 3:58pm

आईएएनएस, नई दिल्ली। गुजरात हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली महात्मा गांधी के पड़पोते तुषार गांधी की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। गुजरात हाई कोर्ट ने सितंबर 2022 में साबरमती आश्रम के पुनर्विकास को हरी झंडी दी थी। इस परियोजना पर 1200 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। तुषार गांधी ने अपनी याचिका में इस परियोजना को ही चुनौती दी थी।

याचिका में कहा गया कि विकास के नाम पर साबरमती आश्रम का सरकारी अधिग्रहण गांधीवाद की भावना और लोकाचार के विपरीत है। यह कदम संविधान के अनुच्छेद 39 के विरुद्ध है, जो धन संचय की रोकथाम पर जोर देता है। संविधान के अनुच्छेद 49 के भी विरुद्ध है। इसके तहत राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों और स्थानों के संरक्षण पर दिया जाता है।

आश्रम सादगी का प्रतीक

याचिका में कहा गया कि महात्मा गांधी ने आश्रम का डिजाइन स्वयं तैयार किया था। यह सादगी, आत्मनिर्भरता और सामुदायिक जीवन का प्रतीक है। आश्रम प्रकृति के साथ स्थिरता और सद्भाव के गांधीवादी सिद्धांतों का उदाहरण है। साबरमती आश्रम महात्मा गांधी की विरासत और भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनकी अहम भूमिका का प्रमाण है।

हाई कोर्ट से लग चुका झटका

याचिका में आगे कहा गया कि पुनर्विकास कार्य को चुनौती देते हुए गुजरात उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दाखिल की गई थी। सरकारी प्रस्ताव को रद करने की मांग की गई थी। मगर गुजरात उच्च न्यायालय ने याचिका को खारिज कर दिया। इसके बाद सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष एक अपील दाखिल की गई थी।

परियोजना से आश्रम को सीधे खतरा

याचिका में यह भी कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की विरासत का आश्रम की गरिमा और पवित्रता को पुनर्विकास परियोजना से सीधा खतरा है। विकास के नाम पर किसी अन्य मानवीय उद्देश्य के बजाय सार्वजनिक धन का दुरुपयोग गांधी के सिद्धांतों के खिलाफ भी है।

1917 में की गई थी स्थापना

महात्मा गांधी ने 1917 में साबरमती आश्रम की स्थापना की थी। 2 फरवरी 1926 को महात्मा गांधी और मगनलाल खुशालचंद ने एक ट्रस्ट डीड के माध्यम से सत्याग्रह आश्रम ट्रस्ट का गठन किया। याचिका में कहा गया है कि 30 सितंबर 1933 को गांधी ने घनश्यामदास बिड़ला को संबोधित एक पत्र के जरिए सत्याग्रह आश्रम को हरिजन सेवक संघ को सौंप दिया।

यह भी पढ़ें: बनासकांठा में पटाखा गोदाम में कई धमाके, भीषण आग लगने से 18 मजदूरों की जलकर मौत

यह भी पढ़ें: लोकसभा में कल पेश होगा वक्फ संशोधन बिल, सरकार के सामने विपक्षी दलों ने रख दी ये मांग

Categories: Hindi News, National News

'ये अमानवीय और अवैध...', प्रयागराज में बुलडोजर कार्रवाई पर SC सख्त; 10-10 लाख का मुआवजा देने का निर्देश

Dainik Jagran - National - April 1, 2025 - 2:57pm

पीटीआई, नई दिल्ली। प्रयागराज में घरों पर बुलडोजर कार्रवाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है। सुप्रीम न्यायालय ने यूपी सरकार और प्रयागराज विकास प्राधिकरण को फटकार लगाते हुए इस कार्रवाई को 'अमानवीय और अवैध' बताया।

देश में कानून का राज, ऐसा नहीं चलेगा

तोड़फोड़ की कार्रवाई "अमानवीय" करार देते हुए जस्टिस अभय एस ओका और उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि देश में कानून का शासन है और नागरिकों के आवासीय ढांचों को इस तरह से नहीं ढहाया जा सकता।

पीठ ने कहा, 

इस कार्रवाई ने हमारी अंतरात्मा को झकझोर दिया है। आश्रय का अधिकार, कानून की उचित प्रक्रिया जैसी कोई चीज होती है।"

10 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश 

शीर्ष अदालत ने प्राधिकरण को छह सप्ताह के भीतर प्रत्येक घर के मालिकों को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया। अदालत ने पहले प्रयागराज में उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना तोड़फोड़ की कार्रवाई को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाई थी और कहा था कि इससे गलत संकेत गया है।

वकील का दावा- अतीक अहमद की जमीन समझ किया ध्वस्त

उधर, याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा कि राज्य सरकार ने गलत तरीके से मकानों को ध्वस्त किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने यह सोचकर इसे ध्वस्त किया कि यह जमीन गैंगस्टर-राजनेता अतीक अहमद की है, जो 2023 में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था।

शीर्ष अदालत अधिवक्ता जुल्फिकार हैदर, प्रोफेसर अली अहमद और अन्य लोगों की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिनके मकान ध्वस्त कर दिए गए थे।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इस विध्वंसक कार्रवाई को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया था। याचिकाकर्ताओं को कथित तौर पर प्रयागराज जिले के लूकरगंज में कुछ निर्माणों के संबंध में 6 मार्च 2021 को नोटिस दिया गया था।

Categories: Hindi News, National News

Pages

Subscribe to Bihar Chamber of Commerce & Industries aggregator

  Udhyog Mitra, Bihar   Trade Mark Registration   Bihar : Facts & Views   Trade Fair  


  Invest Bihar