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Waqf Bill: पीछे हटने को तैयार नहीं केंद्र सरकार, अमित शाह बोले- संसद के इसी सत्र में पेश होगा वक्फ विधेयक

Dainik Jagran - National - March 29, 2025 - 6:57am

 पीटीआई, नई दिल्ली। गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि वक्फ (संशोधन) विधेयक संसद के इसी सत्र में फिर से पेश किया जाएगा। अगस्त 2024 में इस विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजा गया था। चार अप्रैल को समाप्त होने वाले मौजूदा बजट सत्र में अब केवल चार कार्यदिवस बचे हैं।

विपक्ष मुसलमानों को गुमराह कर रहा है- शाह

अमित शाह ने एक निजी चैनल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहा कि हम इसी सत्र में संसद में वक्फ विधेयक पेश करेंगे। प्रस्तावित कानून से किसी को डरना नहीं चाहिए, क्योंकि नरेन्द्र मोदी सरकार संविधान के दायरे में रहकर वक्फ अधिनियम में संशोधन कर रही है। विपक्ष मुसलमानों को गुमराह कर रहा है। मुसलमानों के किसी भी अधिकार पर अंकुश नहीं लगाया जाएगा। विपक्ष सिर्फ झूठ पर झूठ बोल रहा है।

हमने वक्फ विधेयक को संविधान के दायरे में रखा है- अमित शाह

गृह मंत्री ने कहा कि सरकार को मौजूदा कानून में संशोधन इसलिए लाना पड़ा, क्योंकि मूल कानून तुष्टीकरण की राजनीति के कारण बनाया गया था। कांग्रेस ने वक्फ एक्ट में ऐसे नियम बनाए जो संविधान की भावना के अनुरूप नहीं थे। हमने वक्फ विधेयक को संविधान के दायरे में रखा है, जबकि कांग्रेस ने अपने राजनीतिक लाभ के लिए कानून को तोड़-मरोड़ कर पेश किया था।

अमित शाह ने कहा कि वक्फ बोर्ड ने दिल्ली में 123 प्रमुख स्थानों को वक्फ संपत्ति घोषित कर रखा है। प्रयागराज में ऐतिहासिक चंद्रशेखर आजाद पार्क (जहां आजाद ने अपना बलिदान दिया था) को भी वक्फ संपत्ति घोषित किया गया है।

और बड़े जनादेश के साथ बिहार में फिर बनेगी राजग सरकार

गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि राजग बिहार में फिर से बड़े जनादेश के साथ सरकार बनाएगा। भाजपा, जदयू और कुछ अन्य दलों का गठबंधन मिलकर काम कर रहा है। हाल के दिनों में गठबंधन की कई बैठकें हुई हैं। बिहार में राजग बहुत मजबूत है।

बिहार के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण काम किए

उन्होंने कहा कि मोदी जी और नीतीश कुमार की सरकार ने बिहार के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण काम किए हैं। बिहार में पहले से भी बड़े जनादेश के साथ राजग की सरकार बनेगी। बताते चलें, बिहार विधानसभा चुनाव इस साल अक्टूबर में होने की उम्मीद है। राज्य में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राजग सरकार सत्ता में है।

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पाकिस्तान की कुलभूषण जाधव जैसा मामला बनाने की थी तैयारी, IFA अधिकारी को रॉ एजेंट की नाकाम कोशिश

Dainik Jagran - National - March 29, 2025 - 6:57am

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। इस बार भी पाकिस्तान की कोशिश एक और कुलभूषण जाधव जैसा मामला तैयार करने की थी। भारत के विदेश मंत्रालय में कार्यरत एक अधिकारी की पहचान भी कर ली गई। उसके तमाम फोटोग्राफ भी जुटाते हुए उसके ईरान से लेकर चीन व हांगकांग और बलूचिस्तान से लिंक स्थापित करते हुए सूचना भी पाकिस्तान की मीडिया को दे दिया गया।

राजनीतिक दलों की शख्सियतों ने भी इस संबंध में पोस्ट की

पाकिस्तान के कुछ राजनीतिक दलों की शख्सियतों ने भी इस संबंध में पोस्ट की। लेकिन गलती बस यह हो गई कि जिस व्यक्ति अजीत जॉन जोशुआ को भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के लिए काम करते हुए बताया गया वह अभी बेंगलुरु स्थित क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय (पीआरओ) में अधिकारी हैं और जिस दिन यह खबर लिखी जा रही है उस दिन भी वह दूर-दराज के इलाके में पासपोर्ट बनाने के लिए शुरू की गई “मोबाइल पासपोर्ट सेवा वैन'' का संचालन कर रहे हैं।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने पाकिस्तान के कुछ वरिष्ठ पत्रकारों की तरफ से सोशल मीडिया साइट एक्स पर अजीत जॉन जोशुआ के फोटो के साथ लिखे गये पोस्ट को फेक बताया है।

पाकिस्तान के कई बड़े पत्रकारों ने किए दावे

पाकिस्तान के कई बड़े पत्रकारों ने वहां की खुफिया एजेंसी की तरफ से हासिल सूचनाओं के आधार पर जोशुआ के फोटो को पोस्ट किया है। इसमें यह लिखा गया है कि पहले रॉ के एजेंटे अब बतौर राजदूत दूसरे देशों में काम करते हैं। वह बीजिंग और हांगकांग जैसे प्रमुख शहरों में अपनी सेवा दे चुके हैं। वह बलूच आतंकियों को प्रशिक्षण दे रहे हैं और उन्हें फंड भी उपलब्ध करा रहे हैं ताकि वह पाकिस्तान के भीतर आतंकी हमले कर सके।

ईरान में कार्यरत भारतीय रॉ अधिकारी बताया

जोशुआ के फोटो के साथ उन्हें ईरान में कार्यरत भारतीय रॉ अधिकारी के तौर पर चिन्हित करने का एक पोस्ट बलूचिस्तान सरकार के मंत्री जान अचकजई ने भी किया है। सूत्रों का कहना है कि बलूचिस्तान में बिगड़ते हालात को संभालने में असफल रही पाकिस्तानी एजेंसियां वहीं काम कर रही हैं जो पहले से करती आई हैं यानी सारी गड़बडि़यों की जिम्मेदारी भारत के सर पर डालना।

भारतीय विदेश मंत्रालय के अधिकारी जोशुआ के कई फोटो सोशल मीडिया पर डालने वाली पाकिस्तान की एक तेजतर्रार महिला पत्रकार ने उनका तार बलूचिस्तान में लापता लोगों के मामले से की है। सादिया खान नाम की इस पत्रकार ने लिखा है कि, “इन बलूची आतंकवादियों को अंतरराष्ट्रीय मीडिया में लापता लोगों कहा जाता है।''

बलूचिस्तान में पाकिस्तान की सेना कर रही अत्याचार

यह सारी सूचनाएं पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ से मिलने का दावा भी किया गया है। बलूचिस्तान में पाकिस्तान की सेना की तरफ से गायब किये गये लोगों के परिजनों की तरफ से विरोध प्रदर्शन ना सिर्फ बढ़ता जा रहा है बल्कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया में भी उसे काफी कवरेज मिलने लगी है।

एमनेस्टी इंटरनेशनल (ब्रिटेन) की रिपोर्ट बताती है कि बलूचिस्तान में वर्ष 2011 से वर्ष 2024 के बीच 2752 लोग लापता हुए हैं और इनके परिजनों का आरोप है कि पाकिस्तान के सुरक्षा बलों ने उनका अगवा किया हुआ है।

कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान ने पकड़ लिया था

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2016 में भारतीय नौ सेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की सेना ने ईरान से गिरफ्तार कर जेल में बंद कर दिया था। उन पर भारत की तरफ से पाकिस्तान में आतंक फैलाने का आरोप लगया है। भारत जाधव के खिलाफ एक मामला अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में जीत चुका है। लेकिन अभी भी वह पाकिस्तान के जेल में है।

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तीस्ता नदी जल प्रबंधन भारत से छीनकर चीन को देगा बांग्लादेश, युनुस ने किया वादा

Dainik Jagran - National - March 29, 2025 - 6:56am

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। अपनी नई दिल्ली यात्रा के दौरान 22 जून, 2024 को पूर्व पीएम शेख हसीना ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक में तीस्ता नदी जल प्रबंधन का काम भारत को देने का वादा किया था। दोनों नेताओ में सहमति बनी थी कि जल्द ही एक भारतीय टीम ढाका का दौरा करेगी जो तीस्ता जल प्रबंधन की भावी योजना की रूपरेखा तैयार करेगी।

चीन- बांग्लादेश ने नौ समझौतों पर हस्ताक्षर किए

अब बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस ने चीन की कंपनियों को भारत के लिए बेहद संवेदनशील इस नदी परियोजना का काम देने का वादा किया है। यूनुस ने शुक्रवार को चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ बैठक की। इसमें नौ समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। कुछ समझौते भारत के हितों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं।

मोंगला पोर्ट को अत्याधुनिक बनाने का स्वागत

सिर्फ तीस्ता जल प्रबंधन का ही नहीं बल्कि मोंगला बंदरगाह को विकसित करने के लिए भारत के साथ पूर्व आवामी लीग की सरकार के कार्यकाल में बनी सहमति को भी रद करने की मंशा यूनुस ने दिखा दी है।

यूनुस और चिनफिंग के बीच बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में बांग्लादेश ने चीन को अपनी मोंगला पोर्ट को अत्याधुनिक बनाने व विकसित करने के लिए स्वागत किया है। चीन की इस पर लंबे अरसे से नजर थी। चीन के भारी दबाव को दरकिनार कर हसीना सरकार ने जुलाई, 2024 में इसमें एक टर्मिनल को विकसित करने का अधिकार भारत को दे दिया था।

चट्टोग्राम में चीन की तरफ से एक विशेष आर्थिक क्षेत्र बनेगा

इसी तरह से यूनुस सरकार ने एलान किया है कि वह चट्टोग्राम में चीन की तरफ से एक विशेष आर्थिक क्षेत्र का गठन किया जाएगा। यह भारत के रणनीतिक हितों के लिए एक बहुत ही बड़ी चुनौती होगी।

अभी तक भारत चीन की भावी चुनौतियों से अपने पूर्वोत्तर क्षेत्र को बचाने के लिए बांग्लादेश के साथ सहयोग कर रहा था। लेकिन अब यूनुस सरकार ने पूर्वोत्तर राज्यों से सटे सबसे करीबी बंदरगाह चट्टोग्राम के पास चीन को बसाने का इंतजाम करने की मंशा जता दी है।

बांग्लादेश से इलाज के लिए भारत आते हैं लोग

बांग्लादेश से बहुत सारे बीमार लोग भारत इलाज के लिए आते हैं। पीएम मोदी ने पिछले वर्ष इलाज के लिए बांग्लादेशी नागरिकों को आसानी से वीजा देने और सीमा पर ही विशेष चिकित्सा केंद्र स्थापित करने की बात कही थी। भारत के इस आकर्षण को काटने के लिए चीन ने अपने यूनान प्रांत में बांग्लादेशी नागरिकों को चिकित्सा सुविधा देने की बात कही है।

यूनुस सरकार ने इसका स्वागत किया है, लेकिन भारत को जो एमओयू सबसे ज्यादा चुभने वाला है वह होगा तीस्ता नदी के जल प्रबंधन का ठेका चीन को मिलने को लेकर होगा। तीस्ता नदी भारतीय राज्य सिक्किम व बंगाल होते हुए बांग्लादेश में प्रवेश करती है।

हसीना सरकार ने तीन वर्ष पहले बनाई थी योजना

हसीना सरकार ने तीन वर्ष पहले इसकी सफाई करने और इसका पुराना स्वरूप लाने की योजना बनाई थी। इस पर तकरीबन एक अरब डालर (मौजूदा कीमत में 8300 करोड़ रुपये) की लागत आने की संभावना है। चीन ने अपनी लागत से इसे प्रोजेक्ट को पूरा करने का प्रस्ताव रखा था।

चीन को इस काम का ठेका मिलने का मतलब है कि इस नदी का सारा विवरण (जैसे जल प्रवाह, जल क्षेत्र, खनिज-लवण का ब्योरा आदि) उसके पास चला जाता। चीन के साथ अपने रिश्तों की संवेदनशीलता व तीस्ता नदी की अहमियत को देखते भारत ऐसा नहीं चाहता था।

हसीना ने भारत से किया था वादा

हसीना ने जून, 2024 में भारत को इसका ठेका देने का वादा करने के बाद जुलाई, 2024 में बीजिंग गई थीं। चीन सरकार ने उनको ज्यादा तवज्जो नहीं दी थी। हसीना को निर्धारित समय से पहले ही ढाका लौटना पड़ा था। इसके एक महीने बाद ही उनका तख्तापलट हो गया था।

बांग्लादेश में विशेष चीनी औद्योगिक आर्थिक क्षेत्र के विकास में मदद करेगा चीन

प्रेट्र के अनुसार चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कहा कि चीन बांग्लादेश में एक विशेष चीनी औद्योगिक आर्थिक क्षेत्र और औद्योगिक पार्क के निर्माण में मदद करेगा। सरकारी समाचार एजेंसी बीएसएस के अनुसार चीनी राष्ट्रपति ने चीन में और अधिक बांग्लादेशी उत्पादों के आने तथा अरबों डालर की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआइ) परियोजनाओं, साथ ही डिजिटल और समुद्री अर्थव्यवस्था में सहयोग का भी स्वागत किया।

बीआरआइ कनेक्टिविटी परियोजना है जो चीन को दक्षिण-पूर्व एशिया, मध्य एशिया, रूस और यूरोप से जोड़ेगी। बैठक के दौरान शी ने यह भी कहा कि उनकी सरकार अधिक चीनी निजी निवेश को प्रोत्साहित करेगी तथा चीनी विनिर्माण संयंत्रों को बांग्लादेश में स्थानांतरित करेगी।

बीजिंग का लक्ष्य ढाका के साथ मुक्त व्यापार समझौता

उन्होंने बांग्लादेश को चीन का ''महत्वपूर्ण पड़ोसी'' बताया तथा इसके तीव्र विकास में सहयोग बढ़ाने की पेशकश की।शी ने घोषणा की कि चीन बांग्लादेशी वस्तुओं को शून्य-टैरिफ लाभ देना जारी रखेगा, तथा यह दर्जा 2028 के अंत तक बढ़ा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि बीजिंग का लक्ष्य ढाका के साथ मुक्त व्यापार समझौते और निवेश समझौते पर बातचीत शुरू करना है ताकि यहां अधिक चीनी निवेश का मार्ग प्रशस्त हो सके।

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चुनावी साल में बिहार को केंद्र की दो और बड़ी सौगात, 10 हजार करोड़ के ये दो बड़े प्रोजेक्ट मंजूर

Dainik Jagran - National - March 29, 2025 - 6:56am

 जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। विधानसभा के इस साल होने वाले चुनाव को देखते हुए केंद्र सरकार ने शुक्रवार को बिहार को लेकर दो और बड़े ऐलान किए है। इसमें 6282 करोड़ से अधिक के कोसी-मेची नदीं जोड़ों प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है। इससे न सिर्फ सीमांत बिहार और कोसी के आसपास के क्षेत्र को बाढ़ से राहत मिलेगी बल्कि दो लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल से अधिक भूमि की सिंचाई भी हो सकेगी।

बिहार में अंतरराज्यीय परिवहन की सुविधा और बेहतर हो सकेगी

इसके साथ ही पांच राष्ट्रीय और चार राज्य के राजमार्गों को जोड़ने वाले 3712 करोड़ के 120 किमी लंबे पटना-आरा-सासाराम फोर लेन कारीडोर को भी हरी झंड़ी दी गई है। इससे बिहार में अंतरराज्यीय परिवहन की सुविधा और बेहतर हो सकेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में शुक्रवार को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए ) की बैठक में यह निर्णय लिए गए है।

कोसी- मेची नदी जोड़ो परियोजना पर होगा काम

कैबिनेट से जुड़े निर्णयों की जानकारी देते हुए केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि 6282 करोड़ के अधिक के कोसी- मेची नदी जोड़ो परियोजना से सीमांत बिहार सहित कोसी नदी के आसपास के एक बड़े क्षेत्र को बाढ़ की समस्या से सदैव के लिए निजात मिलेगी।

साथ ही इस परियोजना से किसानों को दो लाख हेक्टेयर से अधिक की सिंचाई की भी सुविधा मिलेगी। इसका लाभ मुख्य रूप से बिहार के अररिया, पूर्णिया, किशनगंज और कटिहार जिलों को मिलेगी।

जलधारा को महानंदा बेसिन में लाया जाएगा

परियोजना के तहत प्रत्येक मानसून सीजन में कोसी नदी के 2050 मिलियन क्यूविक मीटर पानी को सिंचाई के लिए महानंदा बेसिन में मोड़ा जाएगा। परियोजना के तहत ही पूर्वी कोसी मुख्य नहर को विस्तार देते हुए मेची नदी से जोड़ा जाएगा, जहां से जलधारा को महानंदा बेसिन में लाया जाएगा। इस परियोजना में बिहार को 3,652.56 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता शामिल है। पूरी परियोजना को मार्च 2029 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

पटना-आरा-सासाराम सड़क कॉरीडोर को मंजूरी

कैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति ने इसके साथ ही बिहार को जो दूसरी बड़ी सौगात दी है, उनमें हाइब्रिड एन्युटी मोड (एनएएम) पर 120 किमी लंबे चार लेन ग्रीन फील्ड और ब्राउनफील्ड पटना-आरा-सासाराम सड़क कॉरीडोर को मंजूरी दी गई है। जिसकी कुल लागत 3712 करोड़ रुपए होगी। यह कारीडोर पांच राष्ट्रीय राजमार्गों और चार राज्य राजमार्गों को आपस में जोड़ेगा।

मौजूदा समय में सासाराम, आरा व पटना के बीच आवागमन मौजूदा राज्य राजमार्गों (एसएच-2, एसएच-12, एसएच-81 और एसएच-102) पर निर्भर है और जबकि आरा शहर में पहुंचने के लिए भारी यातायात के कारण तीन से चार घंटे लगते हैं।

ग्रीनफील्ड कॉरिडोर विकसित किया जाएगा

बढ़ते यातायात को कम करने के लिए, ग्रीनफील्ड कॉरिडोर के साथ-साथ मौजूदा ब्राउनफील्ड राजमार्ग के 10.6 किमी हिस्से को उन्नत और विकसित किया जाएगा, जिससे आरा, ग्राहिणी, पीरो, बिक्रमगंज, मोकर और सासाराम जैसे स्थानों पर घनी आबादी वाले क्षेत्रों की जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा।

इसके साथ ही यह परियोजना एनएच-19, एनएच-319, एनएच-922, एनएच-131जी व एनएच -120 सहित प्रमुख परिवहन गलियारों को एकीकृत करती है, जिससे औरंगाबाद, कैमूर और पटना को निर्बाध रूप से आवागमन की सुविधा मिलेगी।

माल और यात्री आवागमन में तेजी आएगी

इसके अतिरिक्त, यह परियोजना दो हवाई अड्डों (पटना में जय प्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा और आगामी बिहटा हवाई अड्डा ), चार प्रमुख रेलवे स्टेशनों (सासाराम, आरा, दानापुर, पटना) और एक अंतर्देशीय जल टर्मिनल (पटना) को कनेक्टिविटी प्रदान करेगी तथा पटना रिंग रोड तक सीधी पहुंच बढ़ाएगी, जिससे माल और यात्री आवागमन में तेजी आएगी।

'बिहार के चौतरफा विकास के लिए हम संकल्पबद्ध है। इस कड़ी में आज प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत कोसी -मेची इंट्रा स्टेट लिंक प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है। इससे जहां एक बड़े क्षेत्र को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा, वहीं किसान भाई बहनों की आय भी बढ़ेगी। 'नरेन्द्र मोदी, प्रधानमंत्री

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Bihar Politics: चुनाव से पहले फिर चर्चा में क्यों आया चारा घोटाला? सम्राट चौधरी के बयान से गरमाई सियासत

Dainik Jagran - March 29, 2025 - 6:30am

राज्य ब्यूरो, पटना। विधानसभा चुनाव को देखते हुए बहुचर्चित चारा घोटाले को लेकर नए सिरे से राजनीति जोर पकड़ने लगी है। राजद प्रमुख लालू यादव के साथ ही विपक्ष को घेरने के लिए सत्ता पक्ष ने घोटाला की राशि 950 करोड़ रुपये वसूलने के लिए हर संभव पहल की घोषणा कर राजनीति तपिश बढ़ा दी है।

उप मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि हम हर संभव उपाय कर रहे हैं, ताकि यह राशि बिहार सरकार के खजाने में वापस आ सके। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो कोर्ट जाएंगे, जांच एजेंसियों से भी बात करेंगे।

सरकारी खजाने में लौटना चाहिए चारा घोटाले का पैसा

उन्होंने कहा कि चारा घोटाले का पैसा हर हाल में सरकारी खजाने में लौटना चाहिए। सिर्फ जेल और बेल के खेल से काम नहीं चलने वाला है। यह खेल भ्रष्टाचारी लोग खेलते हैं, जो जनता के बीच रहनुमा बनने का ढोंग करते हैं और सरकारी पैसे को लूटकर जनता को गुमराह करते हैं।

ऐसे लोगों का उद्भेदन होना चाहिए, उन्हें जेल भेजा जाना चाहिए। घोटाला की राशि जनता के खजाने में वापस लाया जाना चाहिए। जनता का पैसा जनता के काम आए, इसकी संपूर्ण व्यवस्था सरकार को सुनिश्चित करेगी।

भ्रष्टाचार में डूबा है परिवार

उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने लालू परिवार पर निशाना साधते हुए कहा एक परिवार भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है और पीढ़ी दर पीढ़ी इसमें लिप्त रहा है। भ्रष्ट लोग जनता की सहानुभूति पाने के लिए कभी जाति का कार्ड खेलते हैं, तो कभी खुद को मासूम साबित करने का नाटक करते हैं।

उन्होंने कहा कि अब इनके खेल को जनता समझ चुकी है। चाहे चारा घोटाले की रकम हो या किसी अन्य घोटाले की, हर हाल में वह पैसा जनता के खजाने में वापस आना चाहिए।

सभी धर्मों का सम्मान करते हैं पीएम मोदी : प्रभाकर मिश्र

वहीं, दूसरी ओर पटना में भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रभाकर मिश्र ने कहा कि पीएम मोदी देश के सच्चे अभिभावक हैं। एक सजग एवं फिक्रमंद अभिभावक की तरह वे सभी धर्म और सभी वर्ग के लोगों का ख्याल रखते हैं।

ईद पर 32 लाख गरीब मुस्लिम भाइयों को 'सौगात-ए-मोदी' किट दिया जा रहा है ताकि कोई भी गरीब मुस्लिम भाई ईद की खुशी से महरूम न रहें। ईद की खुशियां हर गरीब के आशियाने तक पहुंचे।

भाजपा की ओर से चलाए जा रहे 'सौगात-ए-मोदी' अभियान से गरीबों तक जरूरत की सामग्री पहुंचाई जा रही है। इसके अलावा भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा की तरफ से भी जिला स्तर पर ईद मिलन समारोह का भी आयोजन किया जाएगा।

अल्पसंख्यक मोर्चे के 32 हजार पदाधिकारी 32 हजार मस्जिदों से सम्पर्क कर 32 लाख जरूरतमंदों को 'सौगात-ए-मोदी' किट के माध्यम से उपहार स्वरूप सेवइयां, खजूर, कपड़े और अन्य जरुरत के सामान उपलब्ध करा रहे हैं।

मोदी और भाजपा के इस नेक कार्य से मुस्लिमों को गुमराह करने वाले विपक्षी दलों के नेताओं की बोलती बंद हो गई है। मुस्लिम भाइयों को भी यह समझने में देर नहीं लगेगी कि पीएम मोदी एवं भाजपा ही उनकी असली हितैषी हैं।

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कर्नाटक: डिजिटल अरेस्ट के शिकार बुजुर्ग दंपती ने की आत्महत्या, 50 लाख गंवाने के बाद उठाया खौफनाक कदम

Dainik Jagran - National - March 29, 2025 - 1:00am

पीटीआई, बेलगावी। कर्नाटक के बेलगावी जिले के खानपुर तालुक में एक बुजुर्ग दंपती ने 50 लाख की साइबर धोखाधड़ी और उत्पीड़न का शिकार होने के बाद आत्महत्या कर ली। खानपुर के बीड़ी गांव निवासी 82 वर्षीय डियोगजेरोन संतन नाजरेथ और उनकी पत्नी 79 वर्षीय फ्लावियाना के कोई संतान नहीं थी।

पुलिस ने बताया कि डियोगजेरोन द्वारा छोड़े गए दो पेज के सुसाइड नोट में उन्होंने अपना जीवन समाप्त करने का निर्णय बताया है तथा अनुरोध किया है कि इसके लिए किसी को दोषी न ठहराया जाए, क्योंकि वे किसी की दया पर नहीं जीना चाहते हैं।

खुद को चाकू घोंपकर की आत्महत्या

पुलिस ने बताया कि घटना गुरुवार को तब प्रकाश में आई जब पड़ोसियों ने फ्लावियाना को बिस्तर पर मृत पाया, जबकि डियोगजेरोन का शव उनके घर के भूमिगत पानी के टैंक में मिला। महाराष्ट्र सरकार के सचिवालय के सेवानिवृत्त कर्मचारी डियोगजेरोन ने खुद की गर्दन पर चाकू घोंपकर आत्महत्या कर ली।

पुलिस ने बताया कि उसकी कलाई पर भी चोट के निशान पाए गए हैं। उन्होंने बताया कि फ्लेवियाना के जहर खाने का संदेह है, हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही इसकी पुष्टि हो पाएगी।

सुसाइड नोट में किया गया दो लोगों का जिक्र

सुसाइड नोट में डियोगजेरन ने दो व्यक्ति सुमित बिर्रा और अनिल यादव का नाम लिया है। उन्होंने लिखा कि नई दिल्ली से दूरसंचार विभाग के अधिकारी होने का दावा करने वाले बिर्रा ने उन्हें सूचित किया कि उनके नाम पर धोखाधड़ी से एक सिम कार्ड खरीदा गया था और इसका इस्तेमाल उत्पीड़न और अवैध विज्ञापनों के लिए किया जा रहा था। बिर्रा ने बाद में काल को अनिल यादव को स्थानांतरित कर दिया, जिन्होंने अपराध शाखा से होने का दावा किया।

अनिल यादव ने डियोगजेरोन की संपत्ति और वित्तीय विवरण की मांग की और सिम कार्ड के दुरुपयोग पर कानूनी परिणाम भुगतने की धमकी दी। पुलिस ने डिजिटल लेनदेन रिकार्ड का हवाला देते हुए कहा कि घोटाले का शिकार होकर डियोगजेरोन ने उन्हें 50 लाख रुपये से अधिक हस्तांतरित कर दिए, लेकिन वे और अधिक मांग करते रहे।

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