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The science behind earthquake in Myanmar

Business News - March 29, 2025 - 9:02am
A powerful earthquake of magnitude 7.7 centred in the Sagaing region near the Myanmar city of Mandalay caused extensive damage in that country and also shook neighbouring Thailand on Friday. HOW VULNERABLE IS MYANMAR TO EARTHQUAKES? Myanmar lies on the boundary between two tectonic plates and is one of the world's most seismically active countries, although large and destructive earthquakes have been relatively rare in the Sagaing region. "The plate boundary between the India Plate and Eurasia Plate runs approximately north-south, cutting through the middle of the country," said Joanna Faure Walker, a professor and earthquake expert at University College London. She said the plates move past each other horizontally at different speeds. While this causes "strike slip" quakes that are normally less powerful than those seen in "subduction zones" like Sumatra, where one plate slides under another, they can still reach magnitudes of 7 to 8. WHY WAS FRIDAY'S QUAKE SO DAMAGING? Sagaing has been hit by several quakes in recent years, with a 6.8 magnitude event causing at least 26 deaths and dozens of injuries in late 2012. But Friday's event was "probably the biggest" to hit Myanmar's mainland in three quarters of a century, said Bill McGuire, another earthquake expert at UCL. Roger Musson, honorary research fellow at the British Geological Survey, told Reuters that the shallow depth of the quake meant the damage would be more severe. The quake's epicentre was at a depth of just 10 km (6.2 miles), according to the United States Geological Survey. "This is very damaging because it has occurred at a shallow depth, so the shockwaves are not dissipated as they go from the focus of the earthquake up to the surface. The buildings received the full force of the shaking." "It's important not to be focused on epicentres because the seismic waves don't radiate out from the epicentre - they radiate out from the whole line of the fault," he added. HOW PREPARED WAS MYANMAR? The USGS Earthquake Hazards Program said on Friday that fatalities could be between 10,000 and 100,000 people, and the economic impact could be as high as 70% of Myanmar's GDP. Musson said such forecasts are based on data from past earthquakes and on Myanmar's size, location and overall quake readiness. The relative rarity of large seismic events in the Sagaing region - which is close to heavily populated Mandalay - means that infrastructure had not been built to withstand them. That means the damage could end up being far worse. Musson said that the last major quake to hit the region was in 1956, and homes are unlikely to have been built to withstand seismic forces as powerful as those that hit on Friday. "Most of the seismicity in Myanmar is further to the west whereas this is running down the centre of the country," he said.
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Bihar Board 10th Result 2025: 10वीं के छात्रों का इंतजार होगा खत्म, आज जारी होगा मैट्रिक परीक्षा का रिजल्ट

Dainik Jagran - March 29, 2025 - 8:22am

जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Board 10th Result 2025: बिहार विद्यालय परीक्षा समिति मैट्रिक वार्षिक परीक्षा 2025 का रिजल्ट शनिवार दोपहर 12 बजे जारी करेगी। रिजल्ट बोर्ड की वेबसाइट https://www.matricresult2025.com और https://www.matricbiharboard.com पर देख सकते हैं।

15 लाख से ज्यादा परीक्षार्थी हुए शामिल

समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कि शिक्षा मंत्री सुनील कुमार मैट्रिक वार्षिक परीक्षा 2025 का परीक्षाफल जारी करेंगे। इस अवसर पर शिक्षा विभाग बिहार के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ भी उपस्थित रहेंगे।

मालूम हो कि इस वर्ष मैट्रिक में कुल 15,85,868 परीक्षार्थी शामिल हुए हैं, जिसमें 7,67,746 छात्र 8,18,122 छात्राएं है।

17 से 25 फरवरी के बीच आयोजित हुई परीक्षा

मैट्रिक की परीक्षा 17 से 25 फरवरी के बीच आयोजित की गई थी। परीक्षा समाप्त होने के 31 दिनों के बाद बोर्ड रिजल्ट जारी कर रहा है।

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Weather: दिल्ली में चलेंगी तेज हवाएं, महाराष्ट्र-कर्नाटक में गरज के साथ बारिश; कश्मीर में भारी बर्फबारी की संभावना

Dainik Jagran - National - March 29, 2025 - 7:35am

 डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मौसम विज्ञान विभाग ने ताजा मौसम अलर्ट जारी किए हैं जिसमें बताया गया है कि आज दिल्ली-एनसीआर में तेज हवाएं चलेंगी। जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में भारी बर्फबारी होने की संभावना है, जबकि महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में गरज के साथ बारिश और तेज हवाएं चलने की संभावना है।

ओडिशा में लू की चेतावनी जारी की गई है, जबकि गुजरात और पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों में तापमान बढ़ रहा है। पश्चिमी विक्षोभ और मध्य पाकिस्तान और पूर्वोत्तर असम पर इससे जुड़े चक्रवाती परिसंचरण उत्तरी और पूर्वोत्तर भारत में मौसम की स्थिति को प्रभावित करने वाले हैं।

दिल्ली में पड़ रही तेज गर्मी

शुक्रवार को न्यूनतम तापमान सामान्य से 2.8 डिग्री अधिक 20.9 डिग्री दर्ज किया गया। यह गर्मियों के इस सीजन में अब तक का सर्वाधिक है। वहीं तेज हवाओं के असर से अधिकतम तापमान सामान्य से 0.3 डिग्री कम 32.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। सर्वाधिक न्यूनतम तापमान 23.1 की दृष्टि राजघाट दिल्ली के सबसे गर्म इलाके रहे। मौसम विभाग की मानें तो अभी एक दो दिन और तीखी गर्मी से राहत बनी रह सकती है।

रविवार से तापमान में दोबारा होगी बढ़ोतरी

मौसम विभाग का पूर्वानुमन है कि शनिवार को आंशिक तौर पर बादल छाए रहेंगे। 20 से 30 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा चलेगी। बीच बीच में हवा की रफ्तार 40 किमी प्रति घंटा भी पहुंच सकती है। अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान क्रमश: 33 और 15 डिग्री रह सकता है। रविवार से तापमान में दोबारा वृद्धि होने लगेगी।

अगले चार दिन दिन तापमान में कमी आएगी: IMD

मौसम विभाग (IMD) का पूर्वानुमान है कि शुक्रवार को भी दिन भर आसमान साफ रहेगा। तेज धूप खिली रहेगी। 15 से 25 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा भी चलेगी। बीच बीच में यह गति 35 किमी प्रति घंटे तक भी हो सकती है। अधिकतम व न्यूनतम तापमान क्रमश: 33 और 18 डिग्री तक रह सकता है। हवा की रफ्तार बढ़ने पर अगले तीन चार दिन तापमान में थोड़ी कमी बनी रह सकती है।

उत्तर-पश्चिम भारत के लिए हवा की चेतावनी

29 मार्च को पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर 25-35 किमी प्रति घंटे की गति से तेज हवाएँ चलने की संभावना है। इसी अवधि के दौरान पश्चिमी राजस्थान में 20-30 किमी प्रति घंटे की गति से धूल उड़ाने वाली हवाएं चल सकती हैं।

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म्यांमार की मदद के लिए सबसे पहले आगे आया भारत, भेजी जा रही राहत सामग्री; भूकंप ने ली अब तक 150 की जान

Dainik Jagran - National - March 29, 2025 - 7:31am

 एएनआई, नई दिल्ली। म्यांमार में केंद्रित एक शक्तिशाली भूकंप ने शुक्रवार को दक्षिण-पूर्व एशिया को हिलाकर रख दिया है। कारण म्यांमार में इससे 144 लोगों की मौत हो गई और 732 लोग घायल हो गए। वहीं सैंकड़ों इमारतें गिर गई हैं, जिसकी वजह से सैंकड़ों लोग बेघर हो गए हैं। वहीं, म्यांमार की मदद के लिए भारत आगे आया है।

15 टन राहत सामग्री भेजेगा भारत

सूत्रों ने बताया कि भारत शनिवार को भूकंप प्रभावित म्यांमार को एक सैन्य परिवहन विमान में करीब 15 टन राहत सामग्री भेजेगा। उन्होंने बताया कि भारतीय वायुसेना का सी130जे विमान जल्द ही हिंडन वायुसेना स्टेशन से म्यांमार के लिए उड़ान भरेगा।

Approximately 15 tonnes of relief material is being sent to Myanmar on an IAF C 130 J aircraft from AFS Hindon, including tents, sleeping bags, blankets, ready-to-eat meals, water purifiers, hygiene kits, solar lamps, generator sets, essential Medicines (Paracetamol, antibiotics,… pic.twitter.com/A2lfqfPLvF

— ANI (@ANI) March 29, 2025

राहत सामग्री में ये चीजें होंगी शामिल

सूत्रों ने बताया कि भेजी जा रही राहत सामग्री में टेंट, स्लीपिंग बैग, कंबल, खाने के लिए तैयार भोजन, वाटर प्यूरीफायर, सोलर लैंप, जनरेटर सेट और आवश्यक दवाएं शामिल हैं।

7.2 तीव्रता के भूकंप के झटकों ने म्यांमार और पड़ोसी थाईलैंड में क्षति और दहशत पैदा कर दी। शुक्रवार को म्यांमार और पड़ोसी थाईलैंड में शक्तिशाली भूकंप आया, जिसमें इमारतें, पुल और एक मठ नष्ट हो गए।

थाई राजधानी में कम से कम 10 लोग मारे गए

म्यांमार में कम से कम 144 लोग मारे गए, जहां दो बुरी तरह प्रभावित शहरों से ली गई तस्वीरों और वीडियो में व्यापक क्षति दिखाई गई। थाई राजधानी में कम से कम 10 लोग मारे गए, जहां निर्माणाधीन ऊंची इमारत ढह गई।

लोगों ने सुनाया खौफनाक मंजर

मांडले के एक निवासी ने कहा कि पूरे शहर में तबाही हुई है। एक अन्य ने कहा कि सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं, फोन लाइनें बाधित हो गई हैं और बिजली नहीं है। म्यांमार नाउ ने तस्वीरें पोस्ट कीं, जिसमें एक घंटाघर ढह गया है और मांडले पैलेस की दीवार का एक हिस्सा खंडहर में तब्दील हो गया है। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि एक चाय की दुकान ढह गई थी और कई लोग अंदर फंस गए। हम अंदर नहीं जा सके। स्थिति बहुत खराब है।

ताउंगू में एक व्यक्ति ने कहा, 'हम मस्जिद में नमाज पढ़ रहे थे जब भूकंप के झटके शुरू हुए.. तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।' स्थानीय मीडिया ने बताया कि शान राज्य के औंग बान में एक होटल मलबे में तब्दील हो गया। इसमें दो लोगों की मौत हो गई और 20 लोग फंस गए।

एमआरटीवी ने बताया कि भूकंप से इमारतें गिर गईं, कारें दब गईं और राजधानी नेपीता में सड़कों पर बड़ी दरारें पड़ गईं। रेड क्र\स ने कहा कि म्यांमार में सड़कें, पुल व इमारतें क्षतिग्रस्त हो गई हैं और बड़े बांधों की स्थिति को लेकर चिंता है।

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Bihar Weather Today: 48 घंटे में फिर बदलेगा बिहार का मौसम, चलेंगी तेज हवाएं; पढ़ें IMD का नया अपडेट

Dainik Jagran - March 29, 2025 - 7:27am

जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Weather Today: मार्च महीने में ही बिहार में भीषण गर्मी का सितम देखने को मिल रहा है। प्रदेश के ज्यादातर जिलों में तापमान सामान्य से ऊपर बना हुआ है। तापमान में असामान्य वृद्धि होने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, आने वाले दिनों में लोगों की मुश्किलें और बढ़ेंगी।

तेज हवाएं चलने की संभावना

प्रदेश का अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है। मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार दो दिनों के दौरान उत्तर पूर्वी भागों को छोड़ कर पटना सहित शेष भागों में झोंके के साथ सतही हवा की गति 30 किमी प्रतिघंटा रहने की संभावना है।

नाविकों को दी गई सावधानी बरतने की सलाह

ऐसे में नदी में नाविकों तथा यात्रा करने वाले यात्रियों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। 24 घंटे के बाद 48 घंटों के दौरान कुछ जिलों के अधिकतम तापमान में थोड़ी गिरावट की संभावना है। प्रदेश के दक्षिण पश्चिम भागों का मौसम अन्य जगहों की अपेक्षा गर्म रहने की संभावना है।

रात में भी बढ़ने लगा पारा

अब प्रदेश के दिन के साथ रात का भी तापमान बढ़ने लगा है। आने वाले दिनों में न्यूनतम तापमान में एक से दो डिग्री की वृद्धि का पूर्वानुमान है।

पटना का अधिकतम तापमान 38.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि 39.2 डिग्री सेल्सियस के साथ डेहरी सबसे अधिक गर्म रहा। वहीं, गुरुवार को बक्सर का तापमान 41 डिग्री से ज्यादा दर्ज किया गया।

आठ जिलों में बढ़ा पारा

बीते 24 घंटों के दौरान पटना सहित आठ शहरों के अधिकतम तापमान में वृद्धि दर्ज की गई, शेष जिलों के तापमान में गिरावट दर्ज किया गया। पटना सहित आसपास इलाकों का मौसम पछुआ के कारण मौसम शुष्क बना रहा।

प्रमुख शहरों के तापमान में गिरावट

औरंगाबाद के अधिकतम तापमान में 2.2 डिग्री, अरवल में 2.3 डिग्री, जमुई में 1.4 डिग्री, भागलपुर में 1.2 डिग्री, कटिहार में 2.4 डिग्री, वैशाली में 1.8 डिग्री, जीरादेई में 2.3 डिग्री गिरावट दर्ज की गई। 

भोजपुर में 2.2 डिग्री, सासाराम में 1.7 डिग्री, बांका में 1.3 डिग्री, जमुई में 1.4 डिग्री, दरभंगा में 2.1 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई।

प्रमुख शहरों का तापमान शहर
अधिकतम (तापमान डिग्री सेल्सियस में)
न्यूनतम (तापमान डिग्री सेल्सियस में) पटना   38.6  24.9 गया   38.9  20.2 भागलपुर   36.8  20.2 मुजफ्फरपुर  36.8  24.7

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Waqf Bill: पीछे हटने को तैयार नहीं केंद्र सरकार, अमित शाह बोले- संसद के इसी सत्र में पेश होगा वक्फ विधेयक

Dainik Jagran - National - March 29, 2025 - 6:57am

 पीटीआई, नई दिल्ली। गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि वक्फ (संशोधन) विधेयक संसद के इसी सत्र में फिर से पेश किया जाएगा। अगस्त 2024 में इस विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजा गया था। चार अप्रैल को समाप्त होने वाले मौजूदा बजट सत्र में अब केवल चार कार्यदिवस बचे हैं।

विपक्ष मुसलमानों को गुमराह कर रहा है- शाह

अमित शाह ने एक निजी चैनल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहा कि हम इसी सत्र में संसद में वक्फ विधेयक पेश करेंगे। प्रस्तावित कानून से किसी को डरना नहीं चाहिए, क्योंकि नरेन्द्र मोदी सरकार संविधान के दायरे में रहकर वक्फ अधिनियम में संशोधन कर रही है। विपक्ष मुसलमानों को गुमराह कर रहा है। मुसलमानों के किसी भी अधिकार पर अंकुश नहीं लगाया जाएगा। विपक्ष सिर्फ झूठ पर झूठ बोल रहा है।

हमने वक्फ विधेयक को संविधान के दायरे में रखा है- अमित शाह

गृह मंत्री ने कहा कि सरकार को मौजूदा कानून में संशोधन इसलिए लाना पड़ा, क्योंकि मूल कानून तुष्टीकरण की राजनीति के कारण बनाया गया था। कांग्रेस ने वक्फ एक्ट में ऐसे नियम बनाए जो संविधान की भावना के अनुरूप नहीं थे। हमने वक्फ विधेयक को संविधान के दायरे में रखा है, जबकि कांग्रेस ने अपने राजनीतिक लाभ के लिए कानून को तोड़-मरोड़ कर पेश किया था।

अमित शाह ने कहा कि वक्फ बोर्ड ने दिल्ली में 123 प्रमुख स्थानों को वक्फ संपत्ति घोषित कर रखा है। प्रयागराज में ऐतिहासिक चंद्रशेखर आजाद पार्क (जहां आजाद ने अपना बलिदान दिया था) को भी वक्फ संपत्ति घोषित किया गया है।

और बड़े जनादेश के साथ बिहार में फिर बनेगी राजग सरकार

गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि राजग बिहार में फिर से बड़े जनादेश के साथ सरकार बनाएगा। भाजपा, जदयू और कुछ अन्य दलों का गठबंधन मिलकर काम कर रहा है। हाल के दिनों में गठबंधन की कई बैठकें हुई हैं। बिहार में राजग बहुत मजबूत है।

बिहार के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण काम किए

उन्होंने कहा कि मोदी जी और नीतीश कुमार की सरकार ने बिहार के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण काम किए हैं। बिहार में पहले से भी बड़े जनादेश के साथ राजग की सरकार बनेगी। बताते चलें, बिहार विधानसभा चुनाव इस साल अक्टूबर में होने की उम्मीद है। राज्य में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राजग सरकार सत्ता में है।

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पाकिस्तान की कुलभूषण जाधव जैसा मामला बनाने की थी तैयारी, IFA अधिकारी को रॉ एजेंट की नाकाम कोशिश

Dainik Jagran - National - March 29, 2025 - 6:57am

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। इस बार भी पाकिस्तान की कोशिश एक और कुलभूषण जाधव जैसा मामला तैयार करने की थी। भारत के विदेश मंत्रालय में कार्यरत एक अधिकारी की पहचान भी कर ली गई। उसके तमाम फोटोग्राफ भी जुटाते हुए उसके ईरान से लेकर चीन व हांगकांग और बलूचिस्तान से लिंक स्थापित करते हुए सूचना भी पाकिस्तान की मीडिया को दे दिया गया।

राजनीतिक दलों की शख्सियतों ने भी इस संबंध में पोस्ट की

पाकिस्तान के कुछ राजनीतिक दलों की शख्सियतों ने भी इस संबंध में पोस्ट की। लेकिन गलती बस यह हो गई कि जिस व्यक्ति अजीत जॉन जोशुआ को भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के लिए काम करते हुए बताया गया वह अभी बेंगलुरु स्थित क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय (पीआरओ) में अधिकारी हैं और जिस दिन यह खबर लिखी जा रही है उस दिन भी वह दूर-दराज के इलाके में पासपोर्ट बनाने के लिए शुरू की गई “मोबाइल पासपोर्ट सेवा वैन'' का संचालन कर रहे हैं।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने पाकिस्तान के कुछ वरिष्ठ पत्रकारों की तरफ से सोशल मीडिया साइट एक्स पर अजीत जॉन जोशुआ के फोटो के साथ लिखे गये पोस्ट को फेक बताया है।

पाकिस्तान के कई बड़े पत्रकारों ने किए दावे

पाकिस्तान के कई बड़े पत्रकारों ने वहां की खुफिया एजेंसी की तरफ से हासिल सूचनाओं के आधार पर जोशुआ के फोटो को पोस्ट किया है। इसमें यह लिखा गया है कि पहले रॉ के एजेंटे अब बतौर राजदूत दूसरे देशों में काम करते हैं। वह बीजिंग और हांगकांग जैसे प्रमुख शहरों में अपनी सेवा दे चुके हैं। वह बलूच आतंकियों को प्रशिक्षण दे रहे हैं और उन्हें फंड भी उपलब्ध करा रहे हैं ताकि वह पाकिस्तान के भीतर आतंकी हमले कर सके।

ईरान में कार्यरत भारतीय रॉ अधिकारी बताया

जोशुआ के फोटो के साथ उन्हें ईरान में कार्यरत भारतीय रॉ अधिकारी के तौर पर चिन्हित करने का एक पोस्ट बलूचिस्तान सरकार के मंत्री जान अचकजई ने भी किया है। सूत्रों का कहना है कि बलूचिस्तान में बिगड़ते हालात को संभालने में असफल रही पाकिस्तानी एजेंसियां वहीं काम कर रही हैं जो पहले से करती आई हैं यानी सारी गड़बडि़यों की जिम्मेदारी भारत के सर पर डालना।

भारतीय विदेश मंत्रालय के अधिकारी जोशुआ के कई फोटो सोशल मीडिया पर डालने वाली पाकिस्तान की एक तेजतर्रार महिला पत्रकार ने उनका तार बलूचिस्तान में लापता लोगों के मामले से की है। सादिया खान नाम की इस पत्रकार ने लिखा है कि, “इन बलूची आतंकवादियों को अंतरराष्ट्रीय मीडिया में लापता लोगों कहा जाता है।''

बलूचिस्तान में पाकिस्तान की सेना कर रही अत्याचार

यह सारी सूचनाएं पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ से मिलने का दावा भी किया गया है। बलूचिस्तान में पाकिस्तान की सेना की तरफ से गायब किये गये लोगों के परिजनों की तरफ से विरोध प्रदर्शन ना सिर्फ बढ़ता जा रहा है बल्कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया में भी उसे काफी कवरेज मिलने लगी है।

एमनेस्टी इंटरनेशनल (ब्रिटेन) की रिपोर्ट बताती है कि बलूचिस्तान में वर्ष 2011 से वर्ष 2024 के बीच 2752 लोग लापता हुए हैं और इनके परिजनों का आरोप है कि पाकिस्तान के सुरक्षा बलों ने उनका अगवा किया हुआ है।

कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान ने पकड़ लिया था

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2016 में भारतीय नौ सेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की सेना ने ईरान से गिरफ्तार कर जेल में बंद कर दिया था। उन पर भारत की तरफ से पाकिस्तान में आतंक फैलाने का आरोप लगया है। भारत जाधव के खिलाफ एक मामला अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में जीत चुका है। लेकिन अभी भी वह पाकिस्तान के जेल में है।

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तीस्ता नदी जल प्रबंधन भारत से छीनकर चीन को देगा बांग्लादेश, युनुस ने किया वादा

Dainik Jagran - National - March 29, 2025 - 6:56am

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। अपनी नई दिल्ली यात्रा के दौरान 22 जून, 2024 को पूर्व पीएम शेख हसीना ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक में तीस्ता नदी जल प्रबंधन का काम भारत को देने का वादा किया था। दोनों नेताओ में सहमति बनी थी कि जल्द ही एक भारतीय टीम ढाका का दौरा करेगी जो तीस्ता जल प्रबंधन की भावी योजना की रूपरेखा तैयार करेगी।

चीन- बांग्लादेश ने नौ समझौतों पर हस्ताक्षर किए

अब बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस ने चीन की कंपनियों को भारत के लिए बेहद संवेदनशील इस नदी परियोजना का काम देने का वादा किया है। यूनुस ने शुक्रवार को चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ बैठक की। इसमें नौ समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। कुछ समझौते भारत के हितों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं।

मोंगला पोर्ट को अत्याधुनिक बनाने का स्वागत

सिर्फ तीस्ता जल प्रबंधन का ही नहीं बल्कि मोंगला बंदरगाह को विकसित करने के लिए भारत के साथ पूर्व आवामी लीग की सरकार के कार्यकाल में बनी सहमति को भी रद करने की मंशा यूनुस ने दिखा दी है।

यूनुस और चिनफिंग के बीच बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में बांग्लादेश ने चीन को अपनी मोंगला पोर्ट को अत्याधुनिक बनाने व विकसित करने के लिए स्वागत किया है। चीन की इस पर लंबे अरसे से नजर थी। चीन के भारी दबाव को दरकिनार कर हसीना सरकार ने जुलाई, 2024 में इसमें एक टर्मिनल को विकसित करने का अधिकार भारत को दे दिया था।

चट्टोग्राम में चीन की तरफ से एक विशेष आर्थिक क्षेत्र बनेगा

इसी तरह से यूनुस सरकार ने एलान किया है कि वह चट्टोग्राम में चीन की तरफ से एक विशेष आर्थिक क्षेत्र का गठन किया जाएगा। यह भारत के रणनीतिक हितों के लिए एक बहुत ही बड़ी चुनौती होगी।

अभी तक भारत चीन की भावी चुनौतियों से अपने पूर्वोत्तर क्षेत्र को बचाने के लिए बांग्लादेश के साथ सहयोग कर रहा था। लेकिन अब यूनुस सरकार ने पूर्वोत्तर राज्यों से सटे सबसे करीबी बंदरगाह चट्टोग्राम के पास चीन को बसाने का इंतजाम करने की मंशा जता दी है।

बांग्लादेश से इलाज के लिए भारत आते हैं लोग

बांग्लादेश से बहुत सारे बीमार लोग भारत इलाज के लिए आते हैं। पीएम मोदी ने पिछले वर्ष इलाज के लिए बांग्लादेशी नागरिकों को आसानी से वीजा देने और सीमा पर ही विशेष चिकित्सा केंद्र स्थापित करने की बात कही थी। भारत के इस आकर्षण को काटने के लिए चीन ने अपने यूनान प्रांत में बांग्लादेशी नागरिकों को चिकित्सा सुविधा देने की बात कही है।

यूनुस सरकार ने इसका स्वागत किया है, लेकिन भारत को जो एमओयू सबसे ज्यादा चुभने वाला है वह होगा तीस्ता नदी के जल प्रबंधन का ठेका चीन को मिलने को लेकर होगा। तीस्ता नदी भारतीय राज्य सिक्किम व बंगाल होते हुए बांग्लादेश में प्रवेश करती है।

हसीना सरकार ने तीन वर्ष पहले बनाई थी योजना

हसीना सरकार ने तीन वर्ष पहले इसकी सफाई करने और इसका पुराना स्वरूप लाने की योजना बनाई थी। इस पर तकरीबन एक अरब डालर (मौजूदा कीमत में 8300 करोड़ रुपये) की लागत आने की संभावना है। चीन ने अपनी लागत से इसे प्रोजेक्ट को पूरा करने का प्रस्ताव रखा था।

चीन को इस काम का ठेका मिलने का मतलब है कि इस नदी का सारा विवरण (जैसे जल प्रवाह, जल क्षेत्र, खनिज-लवण का ब्योरा आदि) उसके पास चला जाता। चीन के साथ अपने रिश्तों की संवेदनशीलता व तीस्ता नदी की अहमियत को देखते भारत ऐसा नहीं चाहता था।

हसीना ने भारत से किया था वादा

हसीना ने जून, 2024 में भारत को इसका ठेका देने का वादा करने के बाद जुलाई, 2024 में बीजिंग गई थीं। चीन सरकार ने उनको ज्यादा तवज्जो नहीं दी थी। हसीना को निर्धारित समय से पहले ही ढाका लौटना पड़ा था। इसके एक महीने बाद ही उनका तख्तापलट हो गया था।

बांग्लादेश में विशेष चीनी औद्योगिक आर्थिक क्षेत्र के विकास में मदद करेगा चीन

प्रेट्र के अनुसार चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कहा कि चीन बांग्लादेश में एक विशेष चीनी औद्योगिक आर्थिक क्षेत्र और औद्योगिक पार्क के निर्माण में मदद करेगा। सरकारी समाचार एजेंसी बीएसएस के अनुसार चीनी राष्ट्रपति ने चीन में और अधिक बांग्लादेशी उत्पादों के आने तथा अरबों डालर की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआइ) परियोजनाओं, साथ ही डिजिटल और समुद्री अर्थव्यवस्था में सहयोग का भी स्वागत किया।

बीआरआइ कनेक्टिविटी परियोजना है जो चीन को दक्षिण-पूर्व एशिया, मध्य एशिया, रूस और यूरोप से जोड़ेगी। बैठक के दौरान शी ने यह भी कहा कि उनकी सरकार अधिक चीनी निजी निवेश को प्रोत्साहित करेगी तथा चीनी विनिर्माण संयंत्रों को बांग्लादेश में स्थानांतरित करेगी।

बीजिंग का लक्ष्य ढाका के साथ मुक्त व्यापार समझौता

उन्होंने बांग्लादेश को चीन का ''महत्वपूर्ण पड़ोसी'' बताया तथा इसके तीव्र विकास में सहयोग बढ़ाने की पेशकश की।शी ने घोषणा की कि चीन बांग्लादेशी वस्तुओं को शून्य-टैरिफ लाभ देना जारी रखेगा, तथा यह दर्जा 2028 के अंत तक बढ़ा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि बीजिंग का लक्ष्य ढाका के साथ मुक्त व्यापार समझौते और निवेश समझौते पर बातचीत शुरू करना है ताकि यहां अधिक चीनी निवेश का मार्ग प्रशस्त हो सके।

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चुनावी साल में बिहार को केंद्र की दो और बड़ी सौगात, 10 हजार करोड़ के ये दो बड़े प्रोजेक्ट मंजूर

Dainik Jagran - National - March 29, 2025 - 6:56am

 जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। विधानसभा के इस साल होने वाले चुनाव को देखते हुए केंद्र सरकार ने शुक्रवार को बिहार को लेकर दो और बड़े ऐलान किए है। इसमें 6282 करोड़ से अधिक के कोसी-मेची नदीं जोड़ों प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है। इससे न सिर्फ सीमांत बिहार और कोसी के आसपास के क्षेत्र को बाढ़ से राहत मिलेगी बल्कि दो लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल से अधिक भूमि की सिंचाई भी हो सकेगी।

बिहार में अंतरराज्यीय परिवहन की सुविधा और बेहतर हो सकेगी

इसके साथ ही पांच राष्ट्रीय और चार राज्य के राजमार्गों को जोड़ने वाले 3712 करोड़ के 120 किमी लंबे पटना-आरा-सासाराम फोर लेन कारीडोर को भी हरी झंड़ी दी गई है। इससे बिहार में अंतरराज्यीय परिवहन की सुविधा और बेहतर हो सकेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में शुक्रवार को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए ) की बैठक में यह निर्णय लिए गए है।

कोसी- मेची नदी जोड़ो परियोजना पर होगा काम

कैबिनेट से जुड़े निर्णयों की जानकारी देते हुए केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि 6282 करोड़ के अधिक के कोसी- मेची नदी जोड़ो परियोजना से सीमांत बिहार सहित कोसी नदी के आसपास के एक बड़े क्षेत्र को बाढ़ की समस्या से सदैव के लिए निजात मिलेगी।

साथ ही इस परियोजना से किसानों को दो लाख हेक्टेयर से अधिक की सिंचाई की भी सुविधा मिलेगी। इसका लाभ मुख्य रूप से बिहार के अररिया, पूर्णिया, किशनगंज और कटिहार जिलों को मिलेगी।

जलधारा को महानंदा बेसिन में लाया जाएगा

परियोजना के तहत प्रत्येक मानसून सीजन में कोसी नदी के 2050 मिलियन क्यूविक मीटर पानी को सिंचाई के लिए महानंदा बेसिन में मोड़ा जाएगा। परियोजना के तहत ही पूर्वी कोसी मुख्य नहर को विस्तार देते हुए मेची नदी से जोड़ा जाएगा, जहां से जलधारा को महानंदा बेसिन में लाया जाएगा। इस परियोजना में बिहार को 3,652.56 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता शामिल है। पूरी परियोजना को मार्च 2029 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

पटना-आरा-सासाराम सड़क कॉरीडोर को मंजूरी

कैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति ने इसके साथ ही बिहार को जो दूसरी बड़ी सौगात दी है, उनमें हाइब्रिड एन्युटी मोड (एनएएम) पर 120 किमी लंबे चार लेन ग्रीन फील्ड और ब्राउनफील्ड पटना-आरा-सासाराम सड़क कॉरीडोर को मंजूरी दी गई है। जिसकी कुल लागत 3712 करोड़ रुपए होगी। यह कारीडोर पांच राष्ट्रीय राजमार्गों और चार राज्य राजमार्गों को आपस में जोड़ेगा।

मौजूदा समय में सासाराम, आरा व पटना के बीच आवागमन मौजूदा राज्य राजमार्गों (एसएच-2, एसएच-12, एसएच-81 और एसएच-102) पर निर्भर है और जबकि आरा शहर में पहुंचने के लिए भारी यातायात के कारण तीन से चार घंटे लगते हैं।

ग्रीनफील्ड कॉरिडोर विकसित किया जाएगा

बढ़ते यातायात को कम करने के लिए, ग्रीनफील्ड कॉरिडोर के साथ-साथ मौजूदा ब्राउनफील्ड राजमार्ग के 10.6 किमी हिस्से को उन्नत और विकसित किया जाएगा, जिससे आरा, ग्राहिणी, पीरो, बिक्रमगंज, मोकर और सासाराम जैसे स्थानों पर घनी आबादी वाले क्षेत्रों की जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा।

इसके साथ ही यह परियोजना एनएच-19, एनएच-319, एनएच-922, एनएच-131जी व एनएच -120 सहित प्रमुख परिवहन गलियारों को एकीकृत करती है, जिससे औरंगाबाद, कैमूर और पटना को निर्बाध रूप से आवागमन की सुविधा मिलेगी।

माल और यात्री आवागमन में तेजी आएगी

इसके अतिरिक्त, यह परियोजना दो हवाई अड्डों (पटना में जय प्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा और आगामी बिहटा हवाई अड्डा ), चार प्रमुख रेलवे स्टेशनों (सासाराम, आरा, दानापुर, पटना) और एक अंतर्देशीय जल टर्मिनल (पटना) को कनेक्टिविटी प्रदान करेगी तथा पटना रिंग रोड तक सीधी पहुंच बढ़ाएगी, जिससे माल और यात्री आवागमन में तेजी आएगी।

'बिहार के चौतरफा विकास के लिए हम संकल्पबद्ध है। इस कड़ी में आज प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत कोसी -मेची इंट्रा स्टेट लिंक प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है। इससे जहां एक बड़े क्षेत्र को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा, वहीं किसान भाई बहनों की आय भी बढ़ेगी। 'नरेन्द्र मोदी, प्रधानमंत्री

Categories: Hindi News, National News

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