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देश के एक लाख से अधिक प्राथमिक स्कूल सिर्फ एक ही शिक्षक के भरोसे, लाखों पद खाली; देखें पूरी लिस्ट
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। स्कूलों में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति ( एनईपी) को लागू करने के लिए भले ही केंद्र और राज्य सरकारें पूरी शिद्दत से जुटी हुई है लेकिन हकीकत यह है कि स्कूलों में इसे अमल में लाने के लिए पर्याप्त शिक्षक ही नहीं है। स्कूलों में अभी भी शिक्षकों के करीब आठ लाख पद खाली पड़े है।
यह बात अलग है कि पिछले सालों के मुकाबले इसमें सुधार हुआ है, पहले यह संख्या दस लाख से अधिक थी। इसके साथ ही देश के एक लाख से अधिक प्राथमिक स्कूल ऐसे भी है, जो सिर्फ एक शिक्षक के भरोसे चल रहे है। स्कूलों में नए शैक्षणिक सत्र शुरू होने के साथ ही शिक्षा मंत्रालय ने शिक्षकों के खाली पदों को भरने के लिए राज्यों को एक बार फिर पत्र लिखा है। जिसमें शिक्षकों के खाली पदों को प्राथमिकता से भरने के निर्देश दिए है। साथ ही यह सुझाव दिया है कि स्कूलों में शिक्षकों के पद रिक्त होने से पहले ही उन्हें भरने की योजना बनाई जाए। जिससे स्कूलों को जल्द नए शिक्षक मिल सके।
पद का खाली होना एक सतत प्रकिया: शिक्षा मंत्रालय
मंत्रालय का मानना है कि स्कूलों में शिक्षकों के पदों का खाली होना एक सतत प्रक्रिया है, लेकिन यदि तीन-तीन महीने में सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों का ब्यौरा जुटाया जाए व खाली होने वाले पदों पर भर्ती की प्रक्रिया को पहले से शुरू कर दी जाए, इससे संकट से बचा जा सकता है।
शिक्षा मंत्रालय की ओर से संसद को सौंपी गई एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में वैसे तो शिक्षकों की कुल संख्या 98 लाख है। इनमें से करीब आठ लाख पद अभी भी खाली है।
सबसे अधिक पद बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल में खाली है। इसके साथ ही देश में एक लाख से अधिक प्राथमिक स्कूल ऐसे है, जो एक ही शिक्षक के भरोसे चल रहे है। एक शिक्षक के भरोसे स्कूलों की सूची में बिहार की स्थिति बाकी राज्यों से थोड़ी अच्छी है।
गौरतलब है कि मौजूदा समय में देश में 14.71 लाख से अधिक स्कूल है। जिसमें 2.60 लाख स्कूल शहरी क्षेत्रों में है, बाकी 12.12 लाख से अधिक स्कूल ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित है।
इन प्रमुख राज्यों में कितने स्कूलों में एक शिक्षक है
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राज्य स्कूलों की संख्या
राज्य
स्कूलों की संख्या
आंध्र प्रदेश12543
मध्य प्रदेश11035
झारखंड8294
कर्नाटक7477
राजस्थान7673
पश्चिम बंगाल5437
उत्तर प्रदेश4572
हिमाचल प्रदेश3365
छत्तीसगढ़5520
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Summer Special Train 2025: गर्मियों की छुट्टी होगी सुपर कूल, रेलवे चलाएगा 666 ट्रेनें; रूट समेत पूरी जानकारी
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पर्व-त्योहारों और गर्मी की छुट्टियों में ट्रेन का सफर आसान नहीं होता। अधिकतर रूटों की ट्रेनों में भारी भीड़ होती है, जिससे टिकटों की प्रतीक्षा सूची बढ़ जाती है। इस बार रेलवे की तरफ से ज्यादा ऐहतियात बरती जा रही है।
यात्रियों की सुविधा के लिए 666 ट्रेनें तैयार रखी गई हैं, जो 15 अप्रैल से जुलाई के बीच 13 हजार 682 से ज्यादा फेरे लगाएंगी। रेलवे ने 408 ट्रेनों के आठ हजार 482 फेरों को अधिसूचित भी कर दिया है। जरूरत और हालात के अनुसार बाकी ट्रेनों को भी तैनात रखा गया है। समर स्पेशल ट्रेनें नियमित चलने वाली ट्रेनों से अलग होंगी।
एक्सप्रेस ट्रेनें चलाने की योजनारेलवे के कार्यकारी निदेशक दिलीप कुमार ने बताया कि यात्रियों की सुविधा के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से एक्सप्रेस ट्रेनें चलाने की योजना बनाई गई है, ताकि गर्मी की छुट्टियों के दौरान अधिक से अधिक यात्रियों को उनके गंतव्य तक आसानी से पहुंचाया जा सके।
रेलवे का मानना है कि गर्मी की छुट्टियों के दौरान यात्रियों का सबसे ज्यादा दबाव बिहार, उत्तर प्रदेश, बंगाल एवं झारखंड के रेलवे रूटों पर होता है। इसलिए पूर्वी रेलवे के धनबाद, दानापुर, मुगलसराय एवं पूर्वोत्तर रेलवे के सोनपुर एवं समस्तीपुर डिवीजन के शहरों के लिए 72 ट्रेनों की व्यवस्था कर रखी है, जो सबसे ज्यादा 2805 फेरे लगाएंगी।
पिछली बार ट्रेनों की संख्या तो ज्यादा थी, लेकिन फेरे कम लगे थे। सेंट्रल रेलवे को कुल 64 ट्रेनें उपलब्ध कराई गई है, जो 1276 बार आना-जाना करेंगी। यह संख्या पिछली बार से लगभग दुगुनी है। कुछ रूटों पर अभी से समर स्पेशल ट्रेनें चलने लगी हैं, लेकिन 15 अप्रैल के बाद से इनकी संख्या और बढ़ाई जाएंगी।
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'मुंबई हमले के बाद गांधी परिवार ने नहीं होने दी कार्रवाई', भाजपा ने लगाए गंभीर आरोप; जानिए क्या है मामला
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण में अपने पूर्व प्रयासों के सहारे श्रेय लेने का प्रयास कर रही कांग्रेस सहित विपक्षी दलों पर भाजपा ने करारा प्रहार किया है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और कांग्रेस के एक पूर्व वरिष्ठ सांसद की किताब के हवाले से भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने आरोप लगाया कि एनएसी के माध्यम से सत्ता चल रहे गांधी परिवार ने मुंबई आतंकी हमलों के बाद किसी भी ठोस कार्रवाई को ओवररूल कर दिया था।
बिना नाम लिए उत्तर प्रदेश के प्रमुख विपक्षी दल पर आरोप लगाया कि वहां आतंकी हमलों के दोषी एक मजहब के थे, इसलिए उनको छुड़वाने के लिए तत्कालीन सरकार हाई कोर्ट गई थी, तब कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि आज आतंकियों को छुड़वाने आए हैं, तो क्या कल इन्हें पद्मश्री भी देंगे?
शहजाद पूनावाला ने लगाए आरोपभाजपा प्रवक्ता पूनावाला ने 26/11 के आतंकी तहव्वुर राणा को प्रत्यर्पण कर भारत लाए जाने को मोदी सरकार की बड़ी रणनीतिक एवं ऐतिहासिक उपलब्धि बताया। कहा कि कांग्रेस यूपीए शासन के दौरान वोटबैंक तुष्टीकरण के लिए आतंकियों पर कार्रवाई नहीं करती थी, जिसकी सजा आतंकवाद झेलने वाले निर्दोष लोगों को मिलती थी।
उन्होंने कहा कि क्या कांग्रेस यह बताएगी कि क्या अब वह आतंकवाद पर वोटबैंक की राजनीति बंद करेगी? क्या वह नक्सलवाद, अनुच्छेद 370 और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के प्रति अपनाए गए नरम रुख को अब छोड़ेगी?
आतंकवाद को लेकर घेरा- भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में आतंक और आतंकवाद के प्रति हमारे दृष्टिकोण में एक बड़ा बदलाव आया है। आज का यह प्रत्यर्पण उसी बदले हुए सोच का एक प्रतीक है। 2004 से 2014 के बीच शायद ही कोई महीना ऐसा जाता था, जब भारत के किसी बड़े शहर में आतंकी हमला नहीं होता था। 2005 में दिल्ली, 2006 में वाराणसी, 2007 में लखनऊ और 2008 में जयपुर, बेंगलुरु, अहमदाबाद, दिल्ली, मुंबई, अगरतला, रामपुर में हमले हुए।
- उन्होंने आरोप लगाया कि पहले पाकिस्तान के इस्लामी आतंक पर लीपापोती की गई और उसे क्लीन चिट देने का प्रयास किया गया। यहां तक कि हिंदू टेरर, संघ टेरर और आरएसएस टेरर जैसे फेक नैरेटिव गढ़ने का प्रयास उस समय कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने किया। महाराष्ट्र में कभी नेता प्रतिपक्ष रह चुके कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार का एक बयान आया था कि शहीद हेमंत करकरे को कसाब और पाकिस्तानी आतंकियों ने नहीं, बल्कि पुलिस वालों ने मारा था।
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Trade War 2.0: ट्रंप के टैरिफ से 90 दिन की राहत, भारतीय बाजार पर कैसा रहेगा असर? जानिए क्या कहते हैं Expert
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दुनिया के 75 देशों पर पारस्परिक शुल्क (Reciprocal Tariff) को अगले 90 दिनों के लिए टालने के बाद यह साफ हो गया है कि व्यापारिक युद्ध अमेरिका और दुनिया के अन्य देशों के बीच नहीं बल्कि अमेरिका और चीन के बीच है। तभी विशेषज्ञ इसे ट्रेड वार 2.0 का नाम दे रहे हैं और इस ट्रेड वॉर 2.0 से एक बार फिर भारत को अमेरिका के बाजार में अपने निर्यात को नए मुकाम पर ले जाने का अवसर मिला है। क्योंकि अमेरिका ने चीन की वस्तुओं पर 125 प्रतिशत का शुल्क लगा दिया है। भारत समेत अन्य देशों पर सिर्फ 10 प्रतिशत का शुल्क लगेगा।
ट्रंप के इस फैसले से भारतीय निर्यात पर मंडरा रही अनिश्चितता फिलहाल खत्म होती दिख रही है। पारस्परिक शुल्क को लेकर ट्रंप के फैसले के बाद वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि भारत तो वैसे भी इस रेस में आगे था, द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर अमेरिका से हमारी बातचीत बहुत अच्छी चल रही है।
चीन ने अमेरिका को वर्ष 2024 में 440 अरब डॉलर का निर्यात किया है। चीन के हिस्से का पांच प्रतिशत आर्डर भी अगर भारत के हिस्से में आ गया तो 20-22 अरब डॉलर का निर्यात तुरंत बढ़ सकता है। ट्रंप के पहले कार्यकाल में चीन और अमेरिका के बीच ट्रेड वार की शुरुआत हुई थी। ऐसा नहीं है कि उस ट्रेड वॉर का भारत को फायदा नहीं मिला था, लेकिन दूसरे-तीसरे देशों से चीन अमेरिका में अपने सामान भेजने में कामयाब रहा। इस बार अमेरिका चीन की इस चाल को लेकर भी सतर्क है।
चीन पर भारी भरकम टैरिफ से भारत को कैसे फायदा?ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इंशिएटिव के मुताबिक चीन पर 125 प्रतिशत के शुल्क से भारत को केमिकल, अपैरल व इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे कई सेक्टर के निर्यात में फायदा हो सकता है। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशंस (फियो) के महानिदेशक एवं सीईओ अजय सहाय के मुताबिक ट्रंप के पहले कार्यकाल में चीन से होने वाले ट्रेड वॉर के दौरान अमेरिका के बाजार में हमारा निर्यात 57 अरब डॉलर से बढ़कर 73 अरब डॉलर का हो गया। इस बार भी फायदा मिल सकता है। निर्यात बढ़ोतरी पूरी तरह से हमारी सप्लाई क्षमता पर निर्भर करेगी।
कनफेडरेशन ऑफ इंडियन टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज के पूर्व अध्यक्ष एवं टीटी लिमिटेड के एमडी संजय जैन ने बताया कि अमेरिका सालाना 120 अरब डॉलर का टेक्सटाइल व अपैरल का आयात करता है और इनमें चीन की हिस्सेदारी 30 अरब डालर यानी 25 प्रतिशत की है। अब चीन के हिस्से के माल की खरीदारी अमेरिका अन्य देशों से करेगा। भारत के लिए यह मौका है लेकिन भरपूर कच्चे माल और लागत को कम करने की जरूरत होगी। हालांकि भारतीय वस्तुओं पर जो 10 प्रतिशत का शुल्क लगेगा उसे भारतीय निर्यातक और अमेरिकी खरीदार को सहन करना पड़ सकता है। वैसे ही चीन अमेरिका में सालाना 12 अरब डॉलर के फुटवियर का निर्यात करता है।
'बड़े पैमाने पर सप्लाई चेन विकसित करने की दरकार'अमेरिका में फुटवियर निर्यात कारोबार करने वाले और काउंसिल फॉर लेदर एक्सपोर्ट के चेयरमैन आर.के. जालान कहते हैं कि कुल मिलाकर हमें इस फैसला का लाभ मिलेगा। भारत एथलीट फुटवियर और स्पोर्ट्स फुटवियर कम बनाता है। अमेरिका से आर्डर लेने के लिए बड़े पैमाने पर सप्लाई चेन विकसित करने की जरूरत होगी।
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशंस (फियो) के चेयरमैन एस.सी. रल्हन का मानना है कि इस समय चीन से हम सस्ते दाम पर कच्चे माल की खरीदारी कर अधिक से अधिक मैन्यूफैक्चरिंग करके अपने निर्यात को बढ़ा सकते हैं। अमेरिका में चीन का व्यापार प्रभावित होने से चीन भारत को किफायती दाम पर कच्चे माल की सप्लाई कर सकता है।
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Bihar Weather News: बिहार में आंधी-बारिश और बिजली गिरने से तबाही, अब तक 31 लोगों की मौत
जागरण टीम, पटना। नालंदा, सिवान, भोजपुर, गोपालगंज, बेगूसराय, सारण, गया, जहानाबाद व अरवल में वज्रपात व तेज आंधी-पानी के कारण जगह-जगह पेड़, दीवार, पुलिया और कर्कट गिरने से जानमाल का भारी नुकसान हुआ है।
इन जिलों में कुल 31 लोगों की जान गई है। जिनमें सर्वाधिक नालंदा में अलग-अलग 13 लोगों को जान गंवानी पड़ी है। इनमें एक भी मौत वज्रपात से नहीं हुई है।
नालंदा जिले के मानपुर थाना के नगवां गांव में देवी स्थान की दीवार पर पीपल का विशाल वृक्ष भरभराकर गिर पड़ा, जिससे वृक्ष व दीवार के मलबे से दबकर एक ही जगह छह लोगों की मौत हो गई। जिले के इस्लामपुर में बालमत बिगहा गांव के पास पुलिया धंसने से दादी, उनके दो वर्ष का पोता और नौ माह की पोती की मलबे से दबकर मौत हो गई।
जिले के पावापुरी सहायक थाना के दुर्गापुर खंधा में ताड़ के पेड़ से दबकर एक दस वर्षीय बालक की मौत हो गई। जिले के सिलाव के माधोपुर में ताड़ से दबकर दो की मौत हो गई। वहीं राजगीर के सारिलचक में पेड़ से दबकर एक की मौत गई।
भोजपुर में मां-बेटा समेत पांच लोगों की मौत हुई है। इनमें वज्रपात से एक एवं दीवार व पेड़ से दबकर चार की मौत हुई है। भोजपुर के बड़हरा में बिहार को उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाला महुली घाट-सिताबदियारा पीपा पुल तेज आंधी पानी के कारण टूट गया है।
सिवान में वज्रपात से चार लोगों की मौत हो गई है। सारण के पानापुर में वज्रपात से दो की मौत हो गई है। गोपालगंज में झोपड़ी पर पेड़ गिरने से एक महिला की मौत हो गई है। जहानाबाद में वज्रपात से दो की मौत हुई है।
अरवल-पटना सीमा पर पटना के बेदौली गांव में दीवार व पेड़ से दबकर दो की मौत की सूचना है। बेगूसराय के चेरिया बरियारपुर में वज्रपात से किशोरी की मौत हो गई।
गया जिले के टनकुप्पा प्रखंड अंतर्गत भेटौरा पंचायत के मायापुर गांव में दीवार गिरने से आठ वर्षीय बालक की मौत हो गई।
आंधी और वर्षा से फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। कई जगह पेड़ धराशाई हो गए। कच्चे व खपरैल घरों को भारी नुकसान हुआ है। कई स्थानों पर बिजली आपूर्ति बाधित है।
जिन किसानों की गेहूं की फसल अभी नहीं कटी है. उन्हें थोड़ी राहत हैं, लेकिन जिनकी फसल कटकर खेत में पड़ी हैं, उनको अधिक नुकसान हुआ है।
सीएम नीतीश कुमार ने जताया शोकभीषण आंधी-पानी और वज्रपात से प्रदेश में 31 लोगों की मौत पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में वह प्रभावित परिवारों के साथ हैं। मुख्यमंत्री ने सभी मतृकों के परिजनों तुरंत चार-चार लाख रुपए का अनुग्रह अनुदान देने का निर्देश दिया है।
उन्होंने लोगों से यह अपील किया है कि सभी लोग खराब मौसम में पूरी तरह सतर्क रहें। खराब मौसम होने पर आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा समय-समय पर जारी किए गए सुझावों का अनुपालन करें। खराब मौसम में घराें में रहें और सुरक्षित रहें।
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Bihar: राहुल ने 'राजेश राम' पर जताया भरोसा, BJP की भी 20% वोट पर नजर; लालू-नीतीश क्या कर रहे?
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) को लेकर राजनीतिक पार्टियाें ने वोट बैंक को सहेजने के लिए सक्रियता बढ़ा दी है। सत्ता पक्ष एवं विपक्ष वोटरों को साधने के लिए अभी से कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। कांग्रेस ने इसके संकेत बिहार प्रदेश अध्यक्ष पद पर अनुसूचित समाज के राजेश राम को आगे दे दिया है।
इसके बाद लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी अपनी बिहार यात्रा में पार्टी की ओर से आयोजित कार्यक्रम में सार्वजनिक रूप से अनुसूचित समाज के प्रति अपनी प्रतिबद्धता भी स्पष्ट कर चुके हैं।
राहुल ने दिया दूरगामी संदेशयही नहीं, राहुल गांधी ने पार्टी की ओर से पूर्व में हुई गलतियों के लिए अनुसूचित समाज दिग्गज नेता एवं कांग्रेस सरकार में पूर्व मंत्री रहे जगलाल चौधरी की जयंती समारोह में अपना पक्ष स्पष्ट कर दूरगामी संदेश भी दिया था।
इससे साफ है कि अपनी पुश्तैनी जमीन, विशेषकर अनुसूचित वोट बैंक पर ध्यान केंद्रित करते हुए आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस की तैयारी दमदार तरीके से मैदान में उतरने की है।
बीजेपी ने भी बनाया प्लानकांग्रेस की बिसात को भांपते हुए अब भाजपा ने मंडल एवं जिले से लेकर प्रदेश स्तर पर आंबेडकर जयंती को माध्यम बनाकर बड़े आयोजन की तैयारी में ताकत झोक दी है। एक मुश्त लगभग 20 प्रतिशत वोट बैंक को रिझाने के लिए गुरुवार को पार्टी की ओर से राष्ट्रीय महामंत्री तरुण चुग के नेतृत्व में प्रदेश स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया।
भाजपा प्रदेश मुख्यालय में आयोजित कार्यशाला में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा अनुसूचित समाज के लिए पिछले दस वर्षों में किए गए कार्यों को डॉ. भीम राव आंबेडकर जयंती के उपलक्ष्य में घर-घर पहुंचाने का लक्ष्य पार्टी ने निर्घारित किया है।
साथ ही डॉ. भीम राव आंबेडकर के विरुद्ध कांग्रेस द्वारा किए गए षड्यंत्र एवं उपेक्षा का पाठ भी भाजपा के शीर्ष नेताओं ने कार्यकर्ताओं को पढ़ाया। अब पखवारे भर भाजपा के अनुसूचितजाति मोर्चा से जुड़े कार्यकर्ता विभिन्न आयोजन के माध्यम से पार्टी की रणनीति को गांव-गांव तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
राजद एवं जदयू की तैयारियां जोरदारआंबेडकर जयंती को लेकर राजद एवं जदयू की ओर से भी जोरदार तैयारी है। दोनों पार्टियों ने भी अपनी-अपनी ताकत दिखाने के लिए अलग-अलग आयोजन की घोषणा की है। भाजपा एवं कांग्रेस से एक कदम आगे बढ़कर
राजद ने पंचायत स्तर पर कार्यक्रम कर अनुसूचित समाज को साधने तैयारी तेज कर दी है। वहीं, जदयू की ओर से भी राज्यस्तरीय कार्यक्रम को लेकर प्रचार-प्रसार जोरदार तरीके से जारी है।
इसके अतिरिक्त बिहार में राजग एवं महागठबंधन के अन्य साझेदार भी आंबेडकर जयंती पर अलग-अलग आयोजन की तैयारी में जुटे हैं।
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'JPC On Waqf Bill Violated Parliamentary Procedures' : TMC MP Mahua Moitra's Plea In Supreme Court - Live Law
- 'JPC On Waqf Bill Violated Parliamentary Procedures' : TMC MP Mahua Moitra's Plea In Supreme Court Live Law
- Supreme Court bench headed by CJI Sanjiv Khanna to hear challenge to Waqf Amendment Act on April 16 Bar and Bench
- Allies battling Waqf fallout, BJP plans outreach campaign to allay concerns The Indian Express
- Prophet Muhammad, Mohammed Ghori, Jinnah: BJP MP Nishikant Dubey’s defence of the Waqf Bill Newslaundry
- Narendra Modi's Cover-Up Politics Gets a New Chapter With Waqf Bill. But Can it Survive? The Wire India
‘The boy needs to see a psychiatrist’ – Emmanuel Petit hits out at Emiliano Martínez - Get French Football News
- ‘The boy needs to see a psychiatrist’ – Emmanuel Petit hits out at Emiliano Martínez Get French Football News
- 'Needs to see a psychiatrist' - Former Arsenal and Chelsea star hits out at Emiliano Martinez for 'going too far' ahead of PSG clash Goal.com
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- Aston Villa’s Emi Martínez riles PSG by wearing World Cup triumph cap The Guardian
- Emiliano Martinez 'done' for Aston Villa Football365
BPSC Jobs 2025: युवाओं के लिए खुशखबरी, बीपीएससी ने निकाली एक और भर्ती; ग्रेजुएट करें अप्लाई
जागरण संवाददाता, पटना। बिहार कर्मचारी चयन आयोग (BPSC Bharti 2025) अवर सांख्यिकी पदाधिकारी व प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी के पदों पर नियुक्ति के लिए 19 अप्रैल तक ऑनलाइन आवेदन स्वीकार करेगा। आवेदन के लिए वेबसाइट www.bssc.bihar.gov.in पर लिंक अपलोड है।
अर्थशास्त्र, गणित, सांख्यिकी में किसी एक विषय से स्नातक या पास कोर्स के रूप में उक्त विषयों से स्नातक की डिगी या सबसिडियरी के साथ स्नातक की डिग्री प्राप्त अभ्यर्थी भी आवेदन कर सकते हैं। इसके माध्यम से 682 पदों पर नियुक्ति होनी है। 231 पद महिला अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित है।
सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए अधिकतम आयु 37 वर्ष, महिला, बीसी व ईबीसी के लिए 40 तथा अनुसूचित जाति व जनजाति के अभ्यर्थियों के लिए 42 वर्ष निर्धारित है।
सभी श्रेणी के दिव्यांग अभ्यर्थियों को कोटिवार अधिकतम आयु सीमा के अतिरिक्त 10 वर्ष की छूट दी जाएगी। लिखित परीक्षा के लिए 75 तथा संविदा के आधार पर अनुभव के लिए अधिकतम 25 अंक निर्धारित है। सिलेबस सहित विस्तृत जानकारी वेबसाइट पर अपलोड है।
इंजीनियरिंग, नर्सिंग, फार्मेसी, कृषि, पारा मेडिकल कोर्स की प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन शुरूबिहार संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद (बीसीईसीईबी) राज्य के सरकारी व निजी शिक्षण संस्थानों में नर्सिंग, फार्मेसी, पारा मेडिकल, इंजीनियरिंग आदि कोर्स में नामांकन के लिए प्रवेश परीक्षा का आयोजन सात व आठ जून को करेगा। इसमें शामिल होने के लिए ऑनलाइन आवेदन स्वीकार किए जा रहे हैं।
छह मई तक ऑनलाइन आवेदन स्वीकार किए जाएंगे। शुल्क के लिए लिंक सात मई तक उपलब्ध होगा। आवेदन में त्रुटि होने पर आठ व नौ मई को लिंक संशोधन के लिए लिंक उपलब्ध कराया जाएगा।
बीसीईसीई-2025 के तहत स्नातक स्तरीय कृषि, फार्मेसी, फिजियोथेरेपी, बैचलर आफ मेडिकल लेबोरेट्री टेक्नोलाजी, बैचलर आफ आपरेशन टेक्नोलाजी, बैचलर आफ रेडियो इमेजिंग टेक्नोलॉजी, बैचलर ऑफ ऑप्टोमेट्री, बीएससी नर्सिंग, उद्यान विज्ञान, मत्स्य विज्ञान, डेयरी आदि कोर्स में इसकी रैंक के आधार पर नामांकन होगा।
वेबसाइट bceceboard.bihar.gov.in पर विस्तृत जानकारी अपलोड है।
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Bihar: पटना हाई कोर्ट का अहम फैसला, अब सिर्फ D Pharma डिग्री वाले ही बन सकेंगे सरकारी फार्मासिस्ट
विधि संवाददाता, पटना। फार्मासिस्ट की बहाली को लेकर लंबे समय से चल रहे विवाद पर पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) ने बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने स्पष्ट कर दिया कि बिहार सरकार द्वारा तय की गई न्यूनतम योग्यता यानी "डिप्लोमा इन फार्मेसी (डी. फार्मा)" ही फार्मासिस्ट पद के लिए मान्य योग्यता रहेगी।
कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश आशुतोष कुमार और न्यायाधीश पार्थ सारथी की खंडपीठ ने बी. फार्मा और एम. फार्मा डिग्रीधारियों द्वारा दायर कई याचिकाओं को निष्पादित करते हुए यह फैसला सुनाया।
याचिकाकर्ता ने कोर्ट में क्या दलील दी?याचिकाकर्ताओं ने दलील दी थी कि बी. फार्मा/एम.फार्मा, डी. फार्मा से उच्च योग्यता है और उन्हें आवेदन से वंचित करना अनुचित है, लेकिन अदालत ने माना कि डिग्री और डिप्लोमा कोर्स की प्रकृति, उद्देश्य और कार्यक्षेत्र अलग हैं।
डी. फार्मा पाठ्यक्रम खास तौर पर सरकारी अस्पतालों व दवा वितरण में उपयोग के लिए तैयार किया गया है, जबकि बी. फार्मा/एम.फार्मा का पाठ्यक्रम औद्योगिक और अनुसंधान क्षेत्र पर होता है।
अदालत ने राज्य सरकार द्वारा जारी नियमों को संविधान सम्मत मानते हुए स्पष्ट किया कि जब तक नियमों में बदलाव नहीं होता, बी. फार्मा/एम.फार्मा धारकों को सिर्फ उसी स्थिति में पात्र माना जाएगा जब वे डी. फार्मा की न्यूनतम योग्यता भी रखते हों।
कोर्ट ने अपने फैसले में और क्या कहा?फैसले में यह भी कहा गया कि फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया के 2015 के रेगुलेशन में दोनों योग्यता (डी. फार्मा/बी. फार्मा) को मान्यता दी गई है, लेकिन राज्य सरकार को अपने पदों की प्रकृति के अनुसार योग्यता तय करने का अधिकार है।
कोर्ट के इस निर्णय के बाद हजारों बी. फार्मा/एम.फार्मा डिग्रीधारी अभ्यर्थियों को बड़ा झटका लगा है, जबकि डी. फार्मा धारकों के लिए यह एक बड़ी राहत साबित हुई है।
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