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Bihar News: राजधानी में कचरे से बनेगी बिजली-बायोगैस, 514 करोड़ होंगे खर्च; ये है सरकार का प्लान

Dainik Jagran - April 11, 2025 - 6:30am

राज्य ब्यूरो, पटना। राजधानी (पटना) के रामचक बैरिया में राज्य का पहला ठोस कचरा प्रबंधन क्लस्टर बनाया जाएगा। यहां पटना नगर निगम समेत आसपास के 11 शहरी निकायों के ठोस कचरे से बिजली, बायोगैस, खाद आदि बनाई जाएगी। इसके बाद भी जो अवशेष बच जाएगा, उसका इस्तेमाल लैंडफिल में किया जाएगा।

राज्य सरकार के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है। इस पूरी परियोजना पर 514 करोड़ 59 लाख की राशि खर्च की जाएगी। नगर विकास एवं आवास मंत्री जिवेश कुमार ने गुरुवार को विकास भवन में आयोजित प्रेस वार्ता में इसकी जानकारी दी।

मंत्री ने बताया कि पटना के रामचक बैरिया स्थित भूमि पर 1600 टन कचरा प्रतिदिन के हिसाब से कचरे के प्रसंस्करण एवं निस्तारण के लिए प्लांट आदि की व्यवस्था की जाएगी। लोक निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड पर इस परियोजना का क्रियान्वयन किया जाएगा। अगले ढाई साल में इस परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य है।

वर्तमान में नगर निकायों में ठोस अपशिष्ट के प्रसंस्करण का प्रतिशत काफी कम है। इसे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने पटना एवं उसके आस-पास के 11 शहरी निकायों दानापुर, फतुहा, खगौल, फुलवारीशरीफ, सम्पतचक, मनेर, मसौढ़ी, बिहटा, बख्तियारपुर, नौबतपुर और पुनपुन के लिए एक विशेष प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा था, जिस पर सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई है।

इसके लिए केंद्र सरकार भी अनुदान देगी। देश में पहली बार केंद्र सरकार ने किसी राज्य को सामाजिक अवसंरचना परियोजना के अंतर्गत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए वायबिलिटी गैप फंडिंग योजना के जरिए अनुदान देने का निर्णय लिया गया है।

मंत्री ने बताया कि पटना में इस परियोजना को मॉडल के रूप में लागू किया जा रहा है। जल्द ही दूसरे शहरों में भी क्लस्टर बनाकर इसे लागू किया जाएगा।

कचरा निस्तारण की यह होगी व्यवस्था:
  • ठोस कचरे से 15 मेगावाट बिजली प्लांट की होगी स्थापना
  • 100 टन प्रतिदिन कचरे के बायो-मिथेनेशन संयंत्र की स्थापना।
  • 250 टन प्रतिदिन के एमआरएफ सह आरडीएफ संयत्र लगेगा।
  • 50 टन प्रतिदिन के एमआरएफ संयंत्र की स्थापना।
  • 700 टनप्रतिदिन के कंपोस्ट प्लांट संयंत्र की स्थापना।
  • 325 टन प्रतिदिन के लैंडफिल सुविधाओं का विकास और संचालन।

इन निकायों को मिलेगा लाभ:

पटना नगर निगम, दानापुर, फतुहा, खगौल, फुलवारीशरीफ, सम्पतचक, मनेर, मसौढ़ी, बिहटा, बख्तियारपुर, नौबतपुर और पुनपुन।

परियोजना से यह होगा लाभ:

वैज्ञानिक तरीके से ठोस अपशिष्ट के प्रबंधन से स्वच्छता में सुधार आएगा। प्रदूषण को कम किया जा सकेगा। वायु प्रदूषण को कम करने में सहायता मिलेगी। बायोगैस का उत्पादन होगा। नवीनीकरणीय ऊर्जा के रूप में होगा इस्तेमाल।

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Is D-Street in the 8-year cycle of modest returns?

Business News - April 11, 2025 - 5:29am
Mumbai: Should investors brace for modest returns over the next few years? A study of stock market cycles for eight-year periods by Samco Securities shows that phases of exuberance follow periods of lower returns. The stock market may have entered the eight-year cycle of moderate performance in 2024, it said.The Sensex returns in rupee terms have been between 190% and 1,500% in past three bullish eight-year cycles since 1984. In bearish periods, their returns dropped to the range of 20-50%During bearish periods, the value of Indian equity holdings in dollar returns has declined. This may often prompt foreign portfolio investors to move their investments out of India to other markets."Foreign portfolio investors typically wait for early signs of return in dollar terms, before increasing their exposure, and may adopt a similar approach before decisively buying again in India," said Ramesh Mantri, chief investment officer at WhiteOak Capital AMC.120181285Mantri said that over the next eight years, market returns will largely be influenced by the earnings growth of Indian companies, which, in turn, is closely tied to the country's economic prospects.Since 2024, Sensex is down 0.9% in rupee terms and 3.9% in dollar measures."Geopolitical uncertainties, sluggish earnings visibility and stretched valuations have played a major role for the lack of returns in last one year," said Apurva Sheth, head of research at Samco Securities. "Apart from this, the most important factor that drives these cycles is the principle of reversion to the mean-a tendency for prices to return to their long-term averages after deviating too far."
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बुजुर्गों की सब्सिडी रोककर रेलवे ने कमाए कितने करोड़? संख्या जानकर नहीं होगा यकीन

Dainik Jagran - National - April 11, 2025 - 12:46am

पीटीआई, नई दिल्ली। रेलवे ने बुजुर्गों की सब्सिडी या रियायत वापस लेकर पांच वर्षों में लगभग 8,913 करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई की है।

सूचना के अधिकार (RTI) के तहत मांगी गई सूचना के जवाब में रेलवे ने यह जानकारी दी है। 60 वर्ष से अधिक आयु के पुरुष और ट्रांसजेंडर और 58 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं को 20 मार्च, 2020 से पहले सभी वर्गों के लिए ट्रेन टिकटों पर क्रमश: 40 प्रतिशत और 50 प्रतिशत की छूट मिलती थी, लेकिन कोविड महामारी के कारण रेल मंत्रालय ने इसे वापस ले लिया था।

रेलवे सूचना प्रणाली केंद्र (सीआरआइएस) ने डाटा उपलब्ध कराया है। सीआरआइएस रेल मंत्रालय के अधीन कार्य करता है तथा विभिन्न अन्य सेवाएं प्रदान करने के अलावा टिक¨टग और यात्रियों के डाटा का रखरखाव भी करता है।

सीआरआइएस के डाटा से पता चलता है कि 20 मार्च, 2020 से 28 फरवरी, 2025 के बीच 31.35 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों ने रियायतें बंद होने के कारण 8,913 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि का भुगतान करके यात्रा की। मध्य प्रदेश के आरटीआइ कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने कहा, मैंने आरटीआइ अधिनियम के तहत 20 मार्च, 2020 से रेल मंत्रालय में कई आवेदन दायर किए। सबसे हालिया आवेदन मार्च 2025 का था।

संसद में कई बार उठाया गया है ट्रेन टिकट पर रियायत बहाल करने का मामला

वरिष्ठ नागरिकों के लिए ट्रेन टिकट पर रियायत बहाल करने का मुद्दा संसद में कई मौकों उठाया जाता रहा है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 19 मार्च को लोकसभा में लिखित उत्तर में कहा था, रेलवे समाज के सभी वर्गों को सस्ती सेवाएं देने करने का प्रयासरत है। 2022-23 में यात्री टिकटों पर 56,993 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी है। यह रेलवे में यात्रा करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को औसतन 46 प्रतिशत की रियायत के बराबर है।

आसान शब्दों में कहें तो अगर सेवा की लागत 100 रुपये है, तो यात्रियों से केवल 54 रुपये लिया जाता है। यह सब्सिडी सभी यात्रियों के लिए जारी रहेगी। इस सब्सिडी के साथ ही दिव्यांगजनों की चार श्रेणियां, मरीजों की 11 श्रेणियां और छात्रों की आठ श्रेणियों समेत कई श्रेणियों के लिए रियायतें दी जा रही हैं।

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Tahawwur Rana: कैसे भारत लाया गया मुंबई हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा? 26/11 से लेकर अब तक की पूरी टाइमलाइन

Dainik Jagran - National - April 11, 2025 - 12:18am

नीलू रंजन, जागरणनई दिल्ली। मुंबई में 26/11 आतंकी हमले की साजिश में अहम भूमिका निभाने वाले आतंकी तहव्वुर हुसैन राणा को प्रत्यर्पित कर भारत ले आया गया है। आईएसआई के लिए काम करने वाले और लश्कर-ए-तैयबा व हरकत-उल-जिहादी इस्लामी (हुजी) जैसे आतंकी संगठनों से करीब से जुड़े रहे तहव्वुर राणा को लेकर विशेष विमान इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (आईजीआई) पर गुरुवार शाम करीब पौने सात बजे उतरा, जहां एनआईए की टीम ने उसे यूएपीए के तहत औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया।

राणा को अमेरिका से विशेष विमान में एनएसजी कमांडो के सुरक्षा घेरे में लाया गया। वहीं अमेरिका में उसे अमेरिकी स्काई मार्शल की निगरानी में विशेष विमान तक पहुंचाया गया था। आतंकवाद के मामले में अमेरिका से भारत को यह पहला प्रत्यर्पण है।

166 लोग मारे गए थे

गौरतलब है कि 26 नवंबर 2008 को 10 पाकिस्तानी आतंकियों ने मुंबई में ताज महल व ओबेराय होटल, लियोपोल्ड कैफे, चबाड हाउस और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस स्टेशन पर हमले किए थे। इनमें मारे गए 166 लोगों में अमेरिकी, ब्रिटिश और इजरायली नागरिक शामिल थे।

कई धाराओं में केस दर्ज

पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक 64 वर्षीय तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण के साथ ही आतंकी अजमल कसाब और जबीउद्दीन अंसारी उर्फ अबु जुंदाल के बाद मुंबई के 26/11 हमले के एक अन्य आरोपित के ट्रायल व सजा का रास्ता साफ हो गया है। राणा पर गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) की धारा 16, 18, 20 और आईपीसी की धारा 120बी, 121, 121ए, 302, 468 व 471 लगाई गई हैं। राणा एयरपोर्ट पर करीब पौने तीन घंटा रहा।

इसके बाद एनआईए की टीम एनएसजी कमांडो के सुरक्षा घेरे में रात पौने दस बजे उसे दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेशी के लिए लेकर निकली। मजिस्ट्रेट से रिमांड मिलने के बाद एनआईए की टीम राणा से मुंबई हमले और उसमें उसकी साजिश को लेकर पूछताछ करेगी।

कौन देगा भारत की ओर से दलीलें?

साथ ही राणा से इस हमले में आईएसआई, पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों के साथ-साथ साजिश में शामिल लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों के बारे में पूछताछ की जाएगी।अमेरिकी अदालत में प्रत्यर्पण के लिए भारत की ओर से दलीलें रखने वाले दयान कृष्णन दिल्ली में भी एनआईए के अभियोजन का नेतृत्व करेंगे।

विशेष लोक अभियोजक नरेन्द्र मान उनकी मदद करेंगे। एनआईए की अभियोजन की टीम में अधिवक्ता संजीव शेषाद्री और श्रीधर काले भी शामिल हैं। मामले की सुनवाई विशेष एनआईए जज चंदर जीत ¨सह कर रहे हैं। दिल्ली विधिक सेवा प्राधिकरण के पीयूष सचदेवा राणा का वकील नियुक्ति किया गया है।

रेकी करने वाले हेडली को दी थी सहायता

एनआईए के अनुसार, पाकिस्तानी सेना के पूर्व डॉक्टर तहव्वुर राणा ने मुंबई आतंकी हमले में अहम भूमिका निभाई थी। हमले के पहले होटल ताज से लेकर अन्य स्थानों की रेकी करने वाले डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाउद गिलानी को फंड व अन्य सुविधाएं मुहैया कराई थी।

इस दौरान राणा लगातार हेडली के साथ संपर्क में था। इसके साथ ही राणा खुद भी हमले के पहले 13 नवंबर से 21 नवंबर तक भारत में था और इस दौरान अपनी पत्नी समराज राणा अख्तर के साथ आगरा, हापुड़, मुंबई और कोच्चि तक गया था। उसने अपने पते के प्रमाण के रूप में 'इमिग्रेंट ला सेंटर' से व्यवसाय प्रायोजक पत्र और कुक काउंटी से संपत्ति कर भुगतान का नोटिस प्रस्तुत किया था।

एनआईए मुख्यालय में होगी पूछताछ

फिलहाल एनआईए के मुख्यालय में ही तहव्वुर राणा से पूछताछ की जाएगी। इसके लिए एनआईए मुख्यालय की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। पूछताछ पूरी होने के बाद उसे तिहाड़ जेल में रखा जाएगा और इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राणा के विरुद्ध जल्द से जल्द चार्जशीट दाखिल की जाएगी। दिल्ली के पटियाला कोर्ट में ही ट्रायल होगा।

जांच में कई आतंकियों के नाम आए सामने

एनआईए की जांच के दौरान प्रतिबंधित आतंकी समूहों लश्कर-ए-तैयबा और हूजी के वरिष्ठ पदाधिकारियों - हाफिज मुहम्मद सईद उर्फ तैय्याजी, जकी-उर-रहमान लखवी, साजिद मजीद उर्फ वासी, इलियास कश्मीरी और अब्दुर रहमान हाशिम सईद उर्फ मेजर अब्दुर्रहमान उर्फ पाशा की भूमिकाएं सामने आईं। अधिकारियों ने बताया कि वे आईएसआई के अधिकारियों मेजर इकबाल उर्फ मेजर अली, मेजर समीर अली उर्फ मेजर समीर की सक्रिय मिलीभगत और सहायता से काम कर रहे थे। ये सभी पाकिस्तान के निवासी हैं।

अब तक क्या-क्या हुआ घटनाक्रम

26 नवंबर 2008 : समुद्र के रास्ते आतंकी मुंबई पहुंचे और प्रमुख स्थानों पर हमला किया। हमले के दौरान ही आतंकी अजमल आमिर कसाब को मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया।2

5 फरवरी 2009 : मामले में आरोपपत्र दाखिल किया गया।

27 अक्टूबर 2009 : तहव्वुर हुसैन राणा और डेविड कोलमैन हेडली को अमेरिका में एफबीआई ने गिरफ्तार किया।

11 नवंबर 2009 : एनआईए ने दिल्ली में हेडली, राणा और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया।

6 मई 2010 : मुंबई की विशेष अदालत ने कसाब को मृत्युदंड सुनाया।

9 जनवरी 2011 : राणा को अमेरिकी जिला अदालत ने 14 साल की सजा सुनाई।

24 दिसंबर 2011 : एनआईए ने राणा के प्रत्यर्पण के लिए अमेरिका को अनुरोध भेजा।

21 नवंबर 2012 : कसाब को पुणे की यरवदा जेल में फांसी।

21 जनवरी 2025 : अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट का राणा की याचिका पर सुनवाई से इन्कार।

13 फरवरी 2025 : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ प्रेस मीट में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राणा के प्रत्यर्पण का एलान किया।

27 फरवरी 2025 : राणा ने अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी जिसे मार्च में अस्वीकार कर दिया।

7 अप्रैल 2025 : अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने राणा की समीक्षा याचिका को अस्वीकार कर दिया।

10 अप्रैल 2025 : राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पित कर लाया गया।

11 अप्रैल 2025 : एनआईए ने कोर्ट से राणा की 26 दिन की रिमांड मांगी है।

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कौन हैं अमेरिका में भारत का पक्ष रखने वाले दयान कृष्णन? तहव्वुर राणा के खिलाफ मुकदमे का करेंगे नेतृत्व

Dainik Jagran - National - April 10, 2025 - 11:56pm

पीटीआई, नई दिल्ली। तहव्वुर हुसैन राणा के प्रत्यर्पण के लिए अमेरिकी अदालत में भारत की ओर से दलीलें रखने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन एनआइए की ओर से अदालतों में अभियोजन का नेतृत्व करेंगे। जबकि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उनकी सहायता के लिए आपराधिक मामलों के अनुभवी वकील नरेन्द्र मान को विशेष अभियोजक नियुक्त किया है। आइए उनके बारे में जानते हैं:

दयान कृष्णन

  • बेंगलुरु स्थित एनएलएसआइयू से 1993 में स्नातक किया और वरिष्ठ अधिवक्ता व सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज संतोष हेगड़े के साथ काम किया। 1999 में अपनी प्रैक्टिस शुरू की। कई हाई-प्रोफाइल मामलों जैसे 2001 के संसद हमले, कावेरी नदी जल विवाद, दूरसंचार मामलों आदि पर काम किया है।
  • दिसंबर, 2012 के दिल्ली सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में विशेष लोक अभियोजक थे। अतीत में भी कई हाई प्रोफाइल मामलों में केंद्र, एनआइए, सीबीआइ, दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस का प्रतिनिधित्व किया है।
  • 2011 में ब्रिटेन से रवि शंकरन के प्रत्यर्पण के लिए भारत सरकार का प्रतिनिधित्व किया था।

नरेन्द्र मान

  • 1990 में दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक किया। सीबीआइ का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं और कई महत्वपूर्ण मामलों में पेश हुए हैं, जिनमें आनंद मार्गिस द्वारा पूर्व सीजेआइ एएन रे पर जानलेवा हमला भी शामिल है।
  • जनवरी, 2011 से अप्रैल, 2019 तक दिल्ली हाई कोर्ट में सीबीआइ के लिए विशेष लोक अभियोजक थे। सीबीआइ के वकील के रूप में आपराधिक अपील, रिट याचिका, आपराधिक पुनरीक्षण याचिका, निरस्तीकरण याचिका और आपराधिक विविध मामलों को संभाला।
  • मेडिकल काउंसिल घोटाला, एआइसीटीई घोटाला, सीडब्ल्यूजी मामले, सीजीएचएस सोसायटी घोटाला और एफसीआरए के तहत मामलों, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और बैं¨कग धोखाधड़ी के मामलों में भी सीबीआई का प्रतिनिधित्व किया। जैन-डायरी हवाला मामला, झामुमो सांसदों का मामला, बोफोर्स मामला और सहकारी समिति मामलों सहित कई मामलों में भी पेश हुए।

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