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पति के 70 घंटे काम वाले सुझाव पर क्या बोलीं सुधा मूर्ति? वर्क कल्चर और फैमिली पर दिया बेहतरीन जवाब
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इन्फोसिस (Infosys) के फाउंडर नारायण मूर्ति (Narayan Murthy) कई बार अपने बयानों की वजह से सुर्खियों में आ चुके हैं। कुछ दिनों पहले वर्क कल्चर का जिक्र करते हुए कहा था कि युवाओं को प्रति सप्ताह 70 घंटे काम करना चाहिए। उनके इस बयान पर काफी बहस हुई थी। मूर्ति ने कहा कि उन्होंने इन्फोसिस में 40 साल तक हर सप्ताह 70 घंटे से ज्यादा काम किया।
नारायण मूर्ति के वर्क कल्चर पर दिए बयान को लेकर उनकी पत्नी सुधा मूर्ति ने प्रतिक्रिया दी है। सुधा मूर्ति ने कहा कि जब लोग गंभीरता और जुनून के साथ कुछ करने के लिए तत्पर रहते हैं तो "समय कभी सीमा नहीं बनता। राज्यसभा सांसद ने कहा कि अगर इंफोसिस इतनी बड़ी कंपनी बनी हो तो यह अपने आप नहीं हुआ है। उनके पति ने काफी मेहनत की है। कभी-कभी नारायण मूर्ति ने हफ्ते में 70 घंटे से ज्यादा काम किया है।
निजी जीवन को लेकर क्या बोलीं सुधा मूर्ति?वहीं, सुधा मूर्ति ने अपने निजी जीवन को लेकर भी बात की। उन्होंने कहा कि मैंने अपने पति से कहा था कि आप इंफोसिस का ख्याल रखें। वहीं मैं परिवार का ख्याल रखूंगी। सुधा मूर्ति ने कहा कि मुझे मेरे पति से कोई शिकायत नहीं है क्योंकि मुझे पता है कि वो (नारायण मूर्ति) एक बड़ा काम कर रहे हैं।
सुधा मूर्ति ने कहा कि मैंने स्वीकार किया कि पत्रकार और डॉक्टर जैसे अन्य व्यवसायों में काम करने वाले लोग भी "90 घंटे" काम करते हैं। उन्होंने कहा कि जब उनके पति इंफोसिस में व्यस्त थे, तब उन्होंने घर की देखभाल की, बच्चों का पालन-पोषण किया और यहां तक कि एक कॉलेज में कंप्यूटर विज्ञान पढ़ाना भी शुरू कर दिया।
देश के विकास के लिए कड़ी मेहनत करने की जरूरत: नारायण मूर्तिनारायण मूर्ति ने अपने कामकाज का जिक्र करते हुए कहा था कि वो सुबह 6:30 बजे कार्यालय पहुंचता थे और रात 8:30 बजे निकलता थे। उन्होंने इंडिया के वर्क कल्चर की तुलना चीन से की। उन्होंने कहा कि चीन के नागरिक भारत की तुलना में 3.5 गुना ज्यादा उत्पादक हैं। वह भारत के गरीबी स्तर की बात करते हुए के कि हमें अपनी आकांक्षाओं को ऊंचा रखना होगा।
उन्होंने आगे कहा था कि भारत में 80 करोड़ नागरिक को मुफ्त राशन मिलता है। इसका मतलब है कि 80 करोड़ भारतीय गरीबी रेखा में हैं। ऐसे में देश के विकास के लिए हमें ही कड़ी मेहनत करनी होगी। अगर हम कड़ी मेहनत नहीं करेंगे तो कौन करेगा।
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'ये ट्रेंड बना लिया है...', लेट हुई एयर इंडिया की फ्लाइट तो भड़कीं सांसद सुप्रिया सुले; केंद्रीय मंत्री से की बड़ी मांग
एएनआई, मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) की सांसद सुप्रिया सुले ने अपनी उड़ान में एक घंटे से अधिक की देरी के लिए एयर इंडिया की आलोचना की और केंद्रीय विमानन मंत्री राम मोहन नायडू से एयरलाइनों को जवाबदेह ठहराने के लिए सख्त नियम लागू करने का आग्रह किया। सुप्रिया सुले ने कहा कि उनकी उड़ान AI0508 में 1 घंटे और 19 मिनट की देरी हुई
एक्स पर पोस्ट कर सुले ने दी प्रतिक्रिया
सुप्रिया सुले ने एक्स पर लिखा "मैं एयर इंडिया की उड़ान AI0508 में यात्रा कर रही थी, जिसमें 1 घंटे और 19 मिनट की देरी हुई। यात्रियों को प्रभावित करने वाली देरी की निरंतर प्रवृत्ति का हिस्सा। यह अस्वीकार्य है। माननीय नागरिक विमानन मंत्री राम मोहन नायडू से आग्रह है कि वे एयर इंडिया जैसी एयरलाइनों को बार-बार देरी के लिए जवाबदेह ठहराने और यात्रियों के लिए बेहतर सेवा मानक सुनिश्चित करने के लिए सख्त नियम लागू करें।"
I was travelling on Air India flight AI0508, which was delayed by 1 hour and 19 minutes — part of a continuous trend of delays affecting passengers. This is unacceptable.
Urging Hon’ble Civil Aviation Minister @RamMNK to enforce stricter regulations to hold airlines like… https://t.co/ydqw9NJzcR
सुले ने एक और पोस्ट कर कहा, "ये उड़ानें कभी भी समय पर नहीं होती हैं, उनके कुप्रबंधन से सभी लोग, जिसमें बच्चे और वरिष्ठ नागरिक भी शामिल हैं, प्रभावित होते हैं। एयर इंडिया की उड़ानों में लगातार देरी हो रही है। यह अस्वीकार्य है! हम प्रीमियम किराया देते हैं, फिर भी उड़ानें कभी समय पर नहीं होती हैं।"
एयर इंडिया ने दिया जवाब
हालांकि, एयर इंडिया ने सुले की पोस्ट पर जवाब दिया और लिखा, "प्रिय मैडम, हम मानते हैं कि देरी बहुत निराशाजनक हो सकती है। हालांकि, कभी-कभी हमारे नियंत्रण से बाहर कुछ परिचालन संबंधी मुद्दे होते हैं जो उड़ान के शेड्यूल को प्रभावित कर सकते हैं। आज शाम मुंबई जाने वाली आपकी उड़ान में ऐसी ही एक समस्या के कारण एक घंटे की देरी हुई। हम आपकी समझदारी की सराहना करते हैं,"
बता दें, पिछले महीने, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एयर इंडिया की अपनी उड़ान के दौरान "असुविधाजनक" सीट के मुद्दे को उठाया था। शिवराज सिंह चौहान ने अपने निराशाजनक अनुभव के बारे में ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि सीट "धंसी हुई" और असुविधाजनक थी। उन्होंने इस बात पर भी निराशा व्यक्त की कि टाटा द्वारा प्रबंधन संभालने के बावजूद एयर इंडिया की सेवा में सुधार नहीं हुआ है।
Bengaluru: दो दिन पहले होटल में ज्वाइन की नौकरी, आधार कार्ड नहीं देने पर हुआ संदेह; फिर बैग से मिला हैंड ग्रेनेड
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक के बेंगलुरु में एक होटल सप्लायर के बैग से हैंड ग्रेनेड मिलने के बाद होटल कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। 23 वर्षीय होटल सप्लायर अब्दुल रहमान को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया है। होटल कर्मचारियों ने बैग में ग्रेनेड मिलने की सूचना पुलिस को दी थी।
शक होने पर बैग चेक करने पर मिला ग्रेनेड
बेल्लाहल्ली निवासी रहमान ने हाल ही में होटल में काम करना शुरू किया था। पुलिस ने बताया कि जब कर्मचारियों ने सिक्योरिटी उपाय के तौर पर उसका आधार कार्ड मांगा तो दो दिन बीत जाने के बाद भी उसने अपना अधारा कार्ड नहीं दिया।
पुलिस ने बताया कि संदेह होने पर होटल कर्मचारियों ने उसके बैग की जांच की तो उसमें से एक ग्रेनेड मिला। संपिगेहल्ली पुलिस ने ग्रेनेड की पुष्टि की और पूछताछ के लिए अब्दुल रहमान को हिरासत में ले लिया। पूछताछ के दौरान उसने कथित तौर पर ये दावा किया कि उसे सड़क पर ग्रेनेड मिला था और उसने उसे अपने बैग में रख लिया था।
रहमान का दावा- सड़क पर मिला ग्रेनेड
संपीगेहल्ली के पुलिस निरीक्षक चंद्र शेखर ने एचटी को बताया, "हमने उसे विस्फोटक अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया है। बुधवार से उसने होटल में काम करना शुरू किया था, इससे पहले वो एक बढ़ई के सहायक के रूप में काम करता था। रहमान ने दावा किया है कि टहलते समय उसे सड़क पर ग्रेनेड मिला था और उसने अपने बैग में रख लिया। हम आगे की जांच कर रहे हैं।"
पूर्वी डिवीजन के संयुक्त पुलिस आयुक्त रमेश बनोथ ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए विस्फोटक के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा, "बरामद किया गया हथगोला टेनिस बॉल की तरह दिखता है और उसमें दो फ्यूज लगे हुए थे। हथगोले को सुरक्षित रूप से नष्ट कर दिया गया है और रासायनिक नमूनों को जांच के लिए फोरेंसिक लेबोरेटरी भेजा गया है।"
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'मेरी जांघों को पकड़ा और गर्दन पर...', NIT सिलचर के प्रोफेसर की गंदी करतूत; पुलिस ने किया गिरफ्तार
पीटीआई, सिलचर। असम के सिलचर में स्थित एनआईटी के एक असिस्टेंट प्रोफेसर को पुलिस ने छात्रा के साथ अश्लील हरकत करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. कोटेश्वर राजू धेनुकोंडा पर एक छात्रा ने आरोप लगाया कि उसने उसका उत्पीड़न किया है।
कछार पुलिस अधीक्षत नुमल महत्ता ने बताया, डॉ. कोटेश्वर राजू धेनुकोंडा को NIT ने सस्पेंड कर दिया है। पीड़िता और उसके परिवार द्वारा दर्ज कराई गई अलग-अलग शिकायतों के आधार पर आरोपी को संस्थान के परिसर से गिरफ्तार किया गया है।
छात्रा का क्या है आरोप?
- एनआईटी के बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी की छात्रा ने असिस्टेंट प्रोफेसर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
- कार्रवाई की मांग करते हुए छात्रा ने रातभर प्रदर्शन भी किया था।
- पीड़िता के मुताबिक, प्रोफेसर ने उसे अपने चैंबर में बुलाकर कथित तौर पर उसका यौन उत्पीड़न किया।
- पीड़िता के मुताबिक, प्रोफेसर ने उसके कम ग्रेड पर चर्चा करने के लिए अपने चैंबर में बुलाया और अनुचित तरीके से उसे छुआ।
पीड़िता की चिट्ठी हुई वायरल
वायरल चिट्ठी में पीड़िता ने प्रोफेसर पर आरोप लगाते हुए कहा, "प्रोफेसर ने मुझे अपने पास बैठने को कहा और पूछा कि कम ग्रेड क्यों मिलते हैं। उसने मेरे हाथ को पकड़ना शुरू किया और उंगलियां छूने लगा। फिर प्रोफेसर ने धीरे-धीरे मेरी जांघों को पकड़ लिया। उसने मेरे सामने अपने कम्प्यूटर पर अश्लील गाने बजाना भी शुरू कर दिया।"
पीड़िता ने चिट्ठी में आगे बताया, "प्रोफेसर ने मेरे पेट को छुआ और उसे सहलाया। मैं रोने लगी लेकिन वह नहीं रुका। उसने मुझे सहज होने और अपने पैर ठीक से फैलाने को कहा। इसके बाद उसने पीछे से मेरी गर्दन पकड़ ली।"
आरोपी हुआ गिरफ्तार
पुलिस ने बताया कि शुरुआत में आरोपी ने खुद को छिपाने की कोशिश की। उसने अपने क्वार्टर का दरवाजा बाहर से बंद कर लिया, लेकिन मोबाइल लोकेशन से पता लगाकर शुक्रवार शाम को उसे हिरासत में लिया गया। उसके बाद भारतीय न्याय संहिता के अलग-अलग प्रावधानों के तहत उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
रजिस्ट्रार ने क्या कहा?
रजिस्ट्रार अशिम रॉय ने कहा कि जिस चैंबर में पीड़िता के साथ कथित घटना घटी है उसे सील कर दिया गया है। पीड़िता को सभी जरूरी हेल्प दी जा रही है, ताकि वह सुरक्षित और सहज महसूस करे। मामले को जांच के लिए संस्थान की आंतरिक शिकायत समिति (ICC) को भेज दिया गया है।
'स्थानीय कानूनों का पालन करें', अमेरिका में भारतीय छात्रों पर हुई कार्रवाई, तो विदेश मंत्रालय ने दी सलाह
पीटीआई, नई दिल्ली। भारतीय विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिका में पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों को स्थानीय कानूनों का पालन करना चाहिए। हाल ही में हमास के समर्थन के आरोप में अमेरिका के जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में पढ़ रहे एक भारतीय छात्र बदर खान सूरी को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, कोलंबिया विश्वविद्यालय में पढ़ रही भारतीय छात्रा रंजनी श्रीनिवासन के वीजा रद कर दिया गया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि दोनों भारतीयों ने सहायता के लिए अमेरिका स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क नहीं किया।
अमेरिकी होमलैंड सुरक्षा विभाग ने वॉशिंगटन डीसी स्थित जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय के पोस्टडॉक्टरल फेलो बदर खान सूरी को सोमवार रात हिरासत में लिया। उन पर "हमास के दुष्प्रचार को बढ़ावा देने" के आरोप लगे हैं। अमेरिकी संघीय न्यायाधीश ने सूरी के निर्वासन पर फिलहाल रोक लगा दी है।
आव्रजन नीति पर क्या बोला विदेश मंत्रालय?विदेश मंत्रालय ने यह स्पष्ट किया कि वीजा और आव्रजन नीतियों पर निर्णय लेना प्रत्येक देश का संप्रभु अधिकार है और वहां रह रहे सभी लोगों को इन कानूनों का पालन करना चाहिए।
रणधीर जायसवाल ने कहा कि जब वीजा और आव्रजन नीति की बात आती है, तो यह संबंधित देश की नीति के अनुसार तय होता है। हम उम्मीद करते हैं कि जब विदेशी नागरिक भारत आते हैं, तो वे हमारे कानूनों का पालन करते हैं। इसी तरह, जब भारतीय नागरिक विदेश में होते हैं, तो उनसे भी यह अपेक्षा की जाती है कि वे वहां के स्थानीय नियमों और कानूनों का पालन करें।"
भारत डिपोर्ट किया जा सकता है सूरीजानकारी के मुताबिक, सूरी को अमेरिका से डिपोर्ट किया जाएगा। बदर खान सूरी की पत्नी फलस्तीनी मूल की है।सूरी जामिया मिल्लिया यूनिवर्सिटी का छात्र भी रह चुका है।
एक संदिग्ध आतंकी के साथ सूरी का था कनेक्शनअमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि सूरी का एक संदिग्ध आतंकी से घनिष्ठ संबंध है, जो हमास का वरिष्ठ सलाहकार है। सूरी सक्रिय रूप से हमास का दुष्प्रचार करता है और इंटरनेट मीडिया पर यहूदी विरोधी भावना को बढ़ाता है। ये गतिविधियां निर्वासन योग्य हैं।
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हीटवेव से शहरों में बन रहे हेल्थ इमरजेंसी जैसे हालात, लगातार दो दिन की हीटवेव से 14.7% बढ़ जाती है दैनिक मृत्युदर
नई दिल्ली, विवेक तिवारी। भारत में जलवायु परिवर्तन के चलते गर्मी बढ़ रही है। बढ़ती गर्मी से हीटवेव (लू) के दिनों में भी बढ़ोतरी हुई है। स्थितियां दिन-प्रति दिन गंभीर होती जा रही हैं। आज देश के कई हिस्सों में अत्यधिक गर्मी से लोगों की सेहत, अर्थव्यवस्था और बुनियादी ढांचे पर गहरा असर पड़ रहा है। हाल ही में प्रकाशित स्वतंत्र शोध संस्था सस्टेनेबल फ्यूचर कोलेबरेटिव की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की 11 फीसदी शहरी आबादी उन शहरों में रहती है, जहां हीटवेव का खतरा सबसे अधिक है। इन इलाकों में आने वाले समय में हेल्थ इमरजेंसी जैसे हालात बन सकते हैं। इसको ध्यान में रखते हुए तत्काल कदम उठाए जाने की जरूरत है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में हीटवेव के खतरे से निपटने के लिए सरकार और स्थानीय प्रशासन कई तरह की योजनाओं पर काम कर रहे हैं। लेकिन जलवायु परिवर्तन की तीव्र गति को देखते हुए, और अधिक ठोस तथा दीर्घकालिक रणनीति की आवश्यकता है। अगर समय रहते सही कदम उठाए गए, तो लाखों लोगों की जान बचाई जा सकती है।
भारत सहित दुनिया के कई वैज्ञानिकों की ओर से 'भारत में मृत्यु दर पर हीटवेव का प्रभाव' विषय पर देश के 10 बड़े शहरों के डेटा पर अध्ययन किया गया। इन शहरों में दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद, बैंगलुरू, अहमदाबाद, पुणे, वाराणसी, शिमला और कोलकाता शामिल थे। वैज्ञानिकों ने पाया कि किसी शहर में हीटवेव जैसी स्थितियां एक दिन दर्ज होती हैं तो दैनिक मृत्यु दर में 12.2% की वृद्धि होती। यदि हीटवेव की स्थिति लगातार दो दिन बनी रहती है तो दैनिक मृत्यु दर 14.7% तक बढ़ जाती है। तीन दिन लगातार हीटवेव रहने पर ये 17.8% तक बढ़ जाती है। लगातार पांच दिनों तक अत्यधिक गर्मी की स्थिति दर्ज की जाती है तो मृत्यु दर 33.3% तक बढ़ सकती है।
WHO के मुताबिक हीटवेव के चलते हीटस्ट्रोक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ये एक चिकित्सा आपातकाल जैसी स्थिति है। इसमें मृत्यु दर बहुत अधिक होती है। दुनिया भर में जलवायु परिवर्तन के कारण भीषण गर्मी के चलते होने वाली मौतों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। 2000-2004 और 2017-2021 के बीच 65 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के लिए गर्मी से संबंधित मृत्यु दर में लगभग 85% की वृद्धि हुई है । WHO के मुताबिक 2000-2019 के बीच हर साल गर्मी से लगभग 489 000 मौतें हुईं हैं, इनमें से 45% एशिया में और 36% यूरोप में दर्ज की गई हैं। अकेले यूरोप में 2022 में, गर्मी से लगभग 61 672 अतिरिक्त मौतें हुईं।
हीटवेव लंबे समय तक अत्यधिक गर्मी की स्थिति को बना कर रखती है। यहां तक कि कम और मध्यम तीव्रता वाली हीटवेव भी कमजोर आबादी के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है। इस रिपोर्ट को तैयार करने में शामिल विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण 21वीं सदी में अत्यधिक गर्मी और गर्म हवाओं की आवृत्ति और तीव्रता में वृद्धि जारी रहेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में दिन के साथ ही रात में भी उच्च तापमान बने रहना एक बड़ी मुश्किल बन रही है। इससे हमारे शरीर पर दबाव बढ़ता है। ऐसे में गर्मी से बीमारी और मौत का खतरा बढ़ जाता है।
हीटवेव है जानलेवा
दिल्ली मेडिकल काउंसिल की साइंफिक कमेटी के चेयरमैन डॉक्टर नरेंद्र सैनी के मुताबिक हीट वेव को हल्के में नहीं लेना चाहिए। इससे आपकी जान भी जा सकती है। हमारे शरीर के ज्यादातर अंग 37 डिग्री सेल्सियस पर बेहतर तरीके से काम करते हैं। जैसे जैसे तापमान बढ़ेगा इनके काम करने की क्षमता प्रभावित होगी। बेहद गर्मी में निकलने से शरीर का तापमान बढ़ जाएगा जिससे ऑर्गन फेल होने लगेंगे। शरीर जलने लगेगा, शरीर का तापमान ज्यादा बढ़ने से दिमाग, दिल सहित अन्य अंगों की काम करने की क्षमता कम हो जाएगी। यदि किसी को गर्मी लग गई है तो उसे तुरंत किसी छाया वाले स्थान पर ले जाएं। उसके पूरे शरीर पर ठंडे पानी का कपड़ा रखें। अगर व्यक्ति होश में है तो उसे पानी में इलेक्ट्रॉल या चीनी और नमक मिला कर दें। अगर आसपास अस्तपाल है तो तुरंत उस व्यक्ति को अस्पताल ले जाएं।
कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में रामित देबनाथ और उनके सहयोगियों द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार, भारत के कुल हिस्से का 90 फीसदी हीटवेव को लेकर बेहद खतरनाक जोन है। वहीं दिल्ली में रहने वाले सभी लोग हीटवेव के इस डेंजर जोन में रह रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले समय में हीटवेव की वजह से देश में लोगों की कार्यक्षमता 15 फीसदी तक घट सकती है। वहीं 480 मिलियन लोगों के जीवन की गुणवत्ता को कम कर सकती है। वहीं 2050 तक हीटवेव से निपटने के लिए सकल घरेलू उत्पाद का 2.8 प्रतिशत खर्च करना पड़ सकता है।
इंटीग्रेटेड रिसर्च एंड एक्शन फॉर डेवलपमेंट और कनाडा की संस्था इंटरनेशनल डेवलपमेंट रिसर्च सेंटर की ओर से दिल्ली और राजकोट के शहरों के लिए हीटवेव दिनों की संख्या में वृद्धि का विश्लेषण किया है। रिपोर्ट के मुताबिक 2018 में दिल्ली में 49 दिनों तक हीट वेव दर्ज की गई जो 2019 में बढ़ कर 66 दिनों तक पहुंच गई जो एक साल में लगभग 35% की वृद्धि को दर्शाता है। वहीं 2001 से 2010 के आंकड़ों पर नजर डालें तो हीट वेव के दिनों में 51% की वृद्धि दर्ज हुई। वहीं राजकोट की बात करें तो 2001-10 के बीच कुल 39 दिन हीट वेव दर्ज की गई। वहीं ये संख्या 2011 से 21 के बीच बढ़ कर 66 दिनों तक पहुंच गई।
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक आने वाले अगले पांच सालों में हालात और भी मुश्किल होने की आशंका है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) की एक रिपोर्ट के मुताबिक 80 प्रतिशत संभावना है कि अगले पांच वर्षों में से किसी एक साल औद्योगिक युग की शुरुआत की तुलना में 1.5 डिग्री सेल्सियस ज्यादा तापमान दर्ज किया जाएगा। वहीं नासा की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक इस साल मई महीने में गर्मी ने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। ये अब तक का सबसे गर्म मई का महीना रहा है। वैज्ञानिकों के मुताबिक 1.5°C से अधिक तापमान बढ़ने से जलवायु परिवर्तन के कहीं अधिक गंभीर प्रभाव और एक्स्ट्रीम वेदर इवेंट्स जोखिम पैदा होंगे। तापमान में एक डिग्री की बढ़ोतरी से भी मौसम में बड़े बदलाव देखे जा सकते हैं। गौरतलब है कि पेरिस समझौते के तहत, देशों ने दीर्घकालिक वैश्विक औसत सतही तापमान को पूर्व-औद्योगिक स्तरों से 2°C से नीचे रखने और इस सदी के अंत तक इसे 1.5°C तक सीमित रखने के प्रयासों पर सहमति जताई है।
डब्ल्यूएमओ की इस रिपोर्ट के मुताबिक 2024 और 2028 के बीच हर साल के लिए वैश्विक औसत सतही तापमान 1850-1900 की आधार रेखा से 1.1 डिग्री सेल्सियस और 1.9 डिग्री सेल्सियस तक अधिक होने का अनुमान है। यूनाइटेड नेशन इनवायरमेंट प्रोग्राम के पूर्व निदेशक राजेंद्र माधवराव शेंडे कहते हैं नासा की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल 2023 से मई 2024 के बीच हर महीने औसत अधिकतम तापमान सामान्य से ज्यादा बना रहा। वहीं इस साल मई का महीने अब तक के सबसे गर्म महीने के तौर पर दर्ज किया गया है। ये रिपोट्स बताती हैं कि आने वाले दिनों में हमें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। बाढ़, सूखा, पीने के पानी की किल्लत, चक्रवात और हीटवेव जैसी घटनाओं की संख्या में बढ़ोतरी देखी जा सकती है। ग्लेशियर के तेजी से गलने से एक तरफ जहां बाढ़ जैसी स्थितियां बनेंगी वहीं समुद्र के स्तर में भी वृद्धि देखी जाएगी। इन सब हालातों के बीच सबसे बड़ी चुनौती खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करना होगा। क्योंकि मौसम में बदलाव से फसल चक्र पर भी असर होगा। वहीं अचानक तेज बारिश जा सूखे जैसे हालात से भी फसलों को नुकसान होने की संभावना बढ़ेगी।
बढ़ती गर्मी साफ संकेत दे रही है कि आने वाले दिनों में हमारे लिए मुश्किल बढ़ेगी। इन हालातों को देखते हुए हमें अभी से तैयारियां तेज करनी होंगी हमें फसलों के ऐसे बीज तैयार करने होंगे जो गर्मी को बर्दाश्त कर सकें। वहीं हमें ऐसी फसलें विकसित करनी होंगी जो बेहद कम पानी में बेहतर उत्पादन कर सकें। वहीं हमें विकास के मॉडल भी पर्यावरण को ध्यान में रख कर बनाने होंगे। हमें इस तरह के घर बनाने होंगे जिनमें कम गर्मी हो, हमें हरियाली को बढ़ाना होगा, ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन पर भी लगाम लगाने के लिए सख्त कदम उठाने होंगे।
एनआरडीसी इंडिया के लीड, क्लाइमेट रेजिलिएंस एंड हेल्थ अभियंत तिवारी कहते हैं कि डब्ल्यूएमओ की रिपोर्ट से साफ हो जाता है कि आने वाले सालों में मुश्किल काफी बढ़ने वाली है। क्लाइमेट चेंज के चलते गर्मी के साथ ही आर्द्रता का स्तर भी बढ़ रहा है। इसके चलते हीट स्ट्रेस की स्थिति तेजी से बढ़ी है। सामान्य तौर पर 35 डिग्री से ज्यादा तापमान और हवा में उच्च आर्द्रता होने पर लोगों को सामान्य से ज्यादा गर्मी महसूस होती है। ऐसी स्थिति में हीट स्ट्रेस की स्थिति बनती है। बढ़ती हीटवेव जैसी स्थिति को ध्यान में रखते हुए सरकार की ओर से अर्ली वॉर्निंग सिस्टम भी तैयार किया गया है। जिसके आधार पर सरकार उचित कदम उठाने के लिए अलर्ट जारी करती है। हमें सुनिश्चित करना होगा कि ये सूचनाएं समय रहने सभी जिम्मेदार व्यक्ति तक पहुंच सकें और वो उचित कदम उठाएं। वहीं दूसरी सबसे बड़ी चिंता क्लाइमेट चेंज के चलते तापमान में आ रहे बदलाव के चलते बढ़ता बीमारियों का खतरा है। उदाहरण के तौर पर पहाड़ों के ठंडे मौसम के चलते वहां पहले मच्छरों से फैलने वाली बीमारियां नहीं होती थीं। लेकिन वहां जलवायु परितर्वन के चलते तापमान बढ़ा और अब ये स्थिति हो रही है कि मच्छरों को पनपने के लिए वहां बेहतर पर्यावरण मिल रहा है। इससे वहां मच्छरों से होने वाली बीमारियां बढ़ी हैं। इस तरह की मुश्किलों को देखते हुए हमें अपने हेल्थ केयर सिस्टम को भी और मजबूत करना होगा। हमें कुछ ऐसी व्यवस्था करनी होगी कि आपात स्थिति में तत्काल राहत पहुंचाने के लिए कदम उठाए जा सकें।
आज कर्नाटक क्यों है बंद? क्या खुला रहेगा और किन-किन चीजों पर पड़ेगा असर; जानें पूरी डिटेल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 22 मार्च शनिवार को कर्नाटक बंद का एलान किया गया है। यह बंद कुछ कन्नड़ संगठनों द्वारा बुलाया गया है। 'ग्रेटर बेंगलुरु गवर्नेंस बिल' के विरोध में बंद बुलाया गया है।
साथ ही, बेलगावी में हुई एक घटना के खिलाफ भी कुछ कन्नड़ संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं। बता दें, बेलगावी में कर्नाटक स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन के एक बस कंडक्टर पर हमला किया गया था, क्योंकि उसने मराठी में बात नहीं की थी।
बंद की वजह से स्कूली बच्चे परेशान
इस बंद की वजह से स्कूल जाने वाले बच्चों के पैरेंट्स, स्टूडेंट्स और टीचर्स सब परेशान हैं। लोगों में इस बात को लेकर कन्फ्यूजन है कि बंद की वजह से स्कूल खुले रहेंगे या बंद। अभी स्कूलों में एग्जाम का समय चल रहा है और सेकेंडरी लीविंग सर्टिफिकेट (SSLC) के एग्जाम 21 मार्च से ही शुरू हुए हैं, लेकिन शनिवार को कोई एग्जाम नहीं है।
हालांकि, कुछ स्कूलों में छोटी क्लास के एग्जाम हैं। 'एसोसिएटेड मैनेजमेंट ऑफ प्राइवेट अनएडेड स्कूल्स इन कर्नाटक' ने ये साफ कर दिया है कि परीक्षा तय समय पर ही होगी। संस्था ने कहा कि एग्जाम आगे बढ़ाने या रद करने से छात्रों पर असर पड़ सकता है और उनका शेड्यूल बिगड़ सकता है।
कुछ संगठनों ने दिया नैतिक समर्थन
डी शशि कुमार ने बताया कि हम बंद में हिस्सा लेना चाहते हैं। लेकिन परीक्षा की वजह से हम सिर्फ नैतिक समर्थन दे सकते हैं। एग्जाम रद कराने या आगे बढ़ाने से बच्चों को परेशानी होगी और हम ऐसा नहीं चाहते हैं।
बेंगलुरु में ट्रांसपोर्ट रहेंगे बंद
कर्नाटक बंद के कारण ट्रांसपोर्ट की समस्या उत्पन्न हो सकती है। ओला उबर ड्राइवर्स एंड ओनर्स एसोसिएषन ने बंद को पूरा समर्थन देने की घोषणा की है। इसका मतलब है कि बंद के दिन कैब नहीं चलेंगी। इसके साथ ही, बेंगलुरु के करीब 2 लाख ऑटो रिक्शा भी नहीं चलेंगे।
KSRTC की बसें चलेंगी या नहीं?
कर्नाटक स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (KSRTC) ने अभी तक यह साफ नहीं किया है कि बसें चलेंगी या नहीं। लेकिन अगर ट्रांसपोर्ट कम होगा, तो स्टूडेंट्स के लिए स्कूल पहुंचना मुश्किल हो सकता है।
एक तरफ फंड की कमी से जूझ रहा 'कर्नाटक', दूसरी ओर सरकार ने मंत्रियों-विधायकों का वेतन किया दोगुना
'ये तुम्हारे पिता के पैसे नहीं हैं...', बंगाल में पूर्व BJP सांसद ने प्रदर्शनकारियों से कहा- चिल्लाओ मत, गला घोंट दूंगा
राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। पश्चिम बंगाल में पूर्व भाजपा सांसद दिलीप घोष शुक्रवार को पश्चिम मेदिनीपुर के खड़गपुर में एक सड़क उद्घाटन के दौरान उस समय अपना आपा खो बैठे, जब स्थानीय महिलाओं ने उनका विरोध किया। जिसके बाद तीखी नोकझोंक हुई। इस दौरान घोष ने महिलाओं से कहा चिल्लाओ मत, मैं तुम्हारा गला घोंट दूंगा।
जानकारी के मुताबिक भाजपा सांसद वार्ड- छह में एक कंक्रीट की सड़क का उद्घाटन करने पहुंचे थे। महिलाएं भाजपा सांसद के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करने लगीं और उनके सांसद कार्यकाल के दौरान उनकी अनुपस्थिति पर सवाल उठाने लगीं।
'मैंने दिए हैं सड़क के पैसे'
इस पर भाजपा नेता ने आपा खोते हुए कहा कि मैंने इसके लिए (सड़क) पैसे दिए हैं। यह आपके पिता के पैसे नहीं हैं। आप स्थानीय टीएमसी पार्षद प्रदीप सरकार से इसके बारे में पूछिए। इसके बाद महिलाओं का गुस्सा और बढ़ गया।
एक महिला ने कहा कि आप हमारे पिता का नाम क्यों ले रहे हैं? आप तो सांसद थे। इस पर झल्लाते हुए दिलीप घोष ने जवाब दिया कि मैं आपकी चौदह पीढ़ियों का नाम लूंगा। चिल्लाओ मत, मैं तुम्हारा गला घोंट दूंगा। गुस्साई महिलाओं ने मौके पर घोष की कार को घेर लिया। स्थिति नियंत्रण से बाहर होने पर दिलीप के सुरक्षाकर्मियों और भाजपा कार्यकर्ताओं ने बीच-बचाव करने की कोशिश की। सूचना पर खड़गपुर टाउन थाने की पुलिस भी मौके पर पहुंची।
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गोवा में विस्फोटकों से भरे गोदाम में धमाका, 14 टन से अधिक बारूद नष्ट; कई घरों में आईं दरारें
पीटीआई, पणजी। गोवा में विस्फोटकों से भरे गोदाम में भीषण धमाका हुआ। इसमें 14.5 टन बारूद नष्ट हो गया। पुलिस अधिकारी के अनुसार, गुरुवार रात करीब 10:30 नाकेरी-बेतुल इलाके में गोदाम में धमाका हुआ। इसमें किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। विस्फोट का प्रभाव इतना तीव्र था कि इससे कई घरों में दरारें आ गईं। काफी दूर तक इसकी आवाज सुनी गई।
फैक्ट्री का लाइसेंस निलंबितआवाज सुनकर कई ग्रामीण घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के पेट्रोलियम और विस्फोटक सुरक्षा संगठन (पीईएसओ) ने शुक्रवार को ह्यूजेस प्रिसिजन मैन्युफैक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड का लाइसेंस निलंबित कर दिया।
21 दिन में कंपनी से मांगा गया जवाबसंयुक्त मुख्य विस्फोटक नियंत्रक आर. रावत ने कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी कर 21 दिन के भीतर जवाब मांगा है। दक्षिण गोवा की कलेक्टर एग्ना क्लीटस ने कहा कि विस्फोट के कारण की अब तक पहचान नहीं हो पाई है। उन्होंने लोगों को विस्फोट स्थल से दूर रखने के लिए आदेश जारी किया है।
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महिलाओं को मोदी सरकार की बड़ी सौगात, अब पीएम आवास योजना के 75% घर उन्हीं को मिलेंगे
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। शहरी क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 में महिलाओं के लिए 2.67 लाख आवास स्वीकृत किए गए हैं । केंद्र सरकार ने दूसरे चरण की शुरुआत करते हुए 3.53 लाख घरों के निर्माण को मंजूरी दी, जिनमें 75 प्रतिशत आवास एकल महिलाओं अथवा ऐसी महिलाओं के नाम पर हैं जिनके पति दिवंगत हो चुके हैं। आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव श्रीनिवास कटिकिथला की अध्यक्षता में केंद्रीय मंजूरी और निगरानी समिति की पहली बैठक में इन घरों के निर्माण को मंजूरी दी गई।
पीएम आवास योजना 2.0 के तहत लाभार्थियों को निर्माण में मदद और साझेदारी में किफायती आवास के घटकों के अंतर्गत 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इन आवासों के निर्माण को मंजूरी प्रदान की गई है। ये राज्य और केंद्र शासित क्षेत्र हैं- उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, बिहार, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, ओडिशा, पुडुचेरी, राजस्थान, तेलंगाना।
कुल स्वीकृत घरों में अनुसूचित जाति के लाभार्थियों के लिए 80,850 घर, अनुसूचित जनजाति के लिए 15,928 और ओबीसी श्रेणी के लिए 2,12,603 घर शामिल हैं। पीएम आवास योजना 2.0 के अंतरगत राज्य के हिस्से के अलावा उत्तर प्रदेश सरकार प्रत्येक वरिष्ठ नागरिक लाभार्थी (70 वर्ष से अधिक आयु के) को 30 हजार रुपये और प्रत्येक अविवाहित महिला (40 वर्ष से अधिक) को बीस हजार रुपये प्रदान कर रही है।
पांच साल में एक करोड़ घर बनाने का लक्ष्यपति को खो चुकीं अथवा अलग रह रहीं महिलाओं को भी 20 हजार रुपये की अतिरिक्त राशि उत्तर प्रदेश सरकार की ओर प्रदान की जा रही है। इस योजना के तहत अगले पांच साल में शहरी इलाके में एक करोड़ घर बनने हैं। इसके लिए 31 राज्यों और केंद्रशासित क्षेत्रों के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने संभावित लाभार्थियों को सीधे आवेदन करने की सुविधा देने के लिए एक पोर्टल भी विकसित किया है। इस योजना के लिए दस लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा, जिसमें 2.30 लाख करोड़ की सरकारी सहायता शामिल है।
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बिजलीघर में लगी आग से हीथ्रो एयरपोर्ट बंद, भारत से लंदन जाने वाले हजारों यात्री प्रभावित
पीटीआई, नई दिल्ली। बिजलीघर में लगी आग से लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे को बंद किए जाने का असर भारतीय विमानन सेवा पर भी पड़ा है। भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया ने बताया है कि हीथ्रो को बंद किए जाने की सूचना पर उसने लंदन के लिए रवाना हुई अपनी एक उड़ान को वापस मुंबई बुला लिया जबकि यात्री लेकर उड़े एक अन्य विमान को रास्ता बदलकर फ्रैंकफर्ट भेजा। इसके अतिरिक्त कई अन्य उड़ानों को रद किया गया है।
एयर इंडिया के अतिरिक्त भारत से ब्रिटिश एयरवेज और वर्जिन अटलांटिक की भी लंदन के लिए प्रतिदिन सीधी हवाई सेवाएं हैं। ये हवाई सेवाएं देश के विभिन्न शहरों से हीथ्रो हवाई अड्डे के लिए हैं और इसी प्रकार से वहां से विमान आते हैं।
एयर इंडिया ने बयान जारी कर बताया है कि उसकी हीथ्रो के लिए विमान सेवा बाधित हुई है। जबकि लंदन के गेटविक हवाई अड्डे की हवाई सेवाएं सामान्य हैं।
विदित हो कि 21 मार्च को एयर इंडिया के हीथ्रो जाने वाले छह विमानों में कुल 1,843 यात्रियों को जाना था। जबकि ब्रिटिश एयरवेज के प्रतिदिन आठ विमान देश के विभिन्न शहरों से हीथ्रो जाते हैं। इसी प्रकार से वर्जिन अटलांटिक की दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु से प्रतिदिन पांच उड़ानें हैं। सभी एयरलाइन कंपनियों ने यात्रियों से हवाई अड्डों पर न आने और अगली सूचना का इंतजार करने को कहा है।
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'तिरुपति मंदिर में सिर्फ हिंदुओं को ही मिले नौकरी', चंद्रबाबू नायडू बोले- मुमताज होटल की मंजूरी मैंने रद कर दी
एएनआई, तिरुमाला। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा है कि तिरुमाला-तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) यानी मशहूर तिरुपति मंदिर में केवल हिंदुओं को ही काम पर रखा जाना चाहिए। शुक्रवार को मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद नायडू ने कहा कि अगर दूसरे समुदाय के लोग मौजूदा समय में वहां काम कर रहे हैं तो उनकी भावनाओं का अनादर किए बिना उन्हें दूसरी जगहों पर रखा जाएगा।
परिवार के साथ चंद्रबाबू ने की पूजामुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने अपने बेटे नारा लोकेश और परिवार के सदस्यों के साथ शुक्रवार को तिरुमला में भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना करने पहुंचे थे। इस दौरान मुख्यमंत्री नायडू ने अपनी उस भव्य योजना को भी लोगों से साझा की, जिसके तहत देशभर के सभी राज्यों की राजधानियों में वेंकटेश्वर स्वामी का मंदिर बनाने की योजना है।
मुमताज होटल की मंजूरी रदउन्होंने कहा कि दुनिया भर में भगवान वेंकटेश्वर की संपत्तियों की सुरक्षा के लिए पवित्र धागा बांधा जाता है। उन्होंने कहा कि कई भक्त विदेश में भी ऐसे मंदिर स्थापित किए जाने की इच्छा रखते हैं। मंदिर के चारों तरफ यानी तिरुमाला की पहाड़ियों पर किसी भी तरह की व्यवसायिक गतिविधियों की चर्चा करते हुए नायडू ने कहा कि पिछली सरकार ने मंदिर के निकट ही 35.32 एकड़ भूमि पर मुमताज होटल की स्थापना की मंजूरी दी थी जिसे उनकी सरकार ने रद कर दिया है।
सिर्फ शाकाहारी व्यंजन को मंजूरीनायडू ने कहा कि तिरुमाला की सात पहाड़ियों के निकट किसी तरह की व्यवसायिक गतिविधि नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि खान-पान सेवा के लिए जिन्हें भी व्यवसाय की मंजूरी मिली हुई है, वे केवल शाकाहारी व्यंजन ही परोसेंगे।
भगवान की कृपा से मैं बचाभगवान वेंकटेश्वर के प्रति अपनी आस्था जताते हुए नायडू ने कहा कि भगवान की कृपा के कारण ही वे कई लक्षित हमलों से बच पाए हैं। उन्होंने कहा कि मुझे 24 क्लेमोर माइंस से निशाना बनाया गया था। ऐसे हमले से बचना असंभव था, लेकिन मैं पूरी तरह से भगवान वेंकटेश्वर की दिव्य कृपा के कारण बच गया। मैं इतने बड़े विस्फोट से बच गया, यह तथ्य भगवान की अपार शक्ति को साबित करता है।
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'जांच की वजह से नहीं हुआ तबादला', जस्टिस यशवंत वर्मा मामले में सुप्रीम कोर्ट का बयान
पीटीआई, नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के घर आग लगने की घटना के दौरान कथित तौर पर बड़ी मात्रा में नकदी बरामद होने की खबर के बाद सुप्रीम कोर्ट का बयान सामने आया है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में बयान जारी कर कहा है कि दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस यशवंत वर्मा से संबंधित घटना के बारे में गलत सूचना और अफवाहें फैलाई जा रही हैं। सुप्रीम कोर्ट के बयान में कहा गया कि जस्टिस वर्मा के इलाहाबाद उच्च न्यायालय में तबादला का प्रस्ताव स्वतंत्र है और इसका कथित नकदी बरामदगी की जांच से कोई लेना-देना नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ''दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी.के. उपाध्याय ने 20 मार्च को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की बैठक से पहले ही जांच शुरू कर दी थी। उन्होंने आज ही अपनी रिपोर्ट भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना को सौंपेंगे।रिपोर्ट की जांच के बाद अदालत आगे की आवश्यक कार्रवाई करेगी।''
गौरतलब है कि गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जस्टिस वर्मा का तबादला इलाहाबाद हाईकोर्ट में करने का आदेश दिया था।
चीफ जस्टिस संजीव खन्ना कर रहे मामले की जांच
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना के नेतृत्व में कॉलिजियम द्वारा जस्टिस वर्मा के खिलाफ प्रारंभिक जांच को तत्काल शुरू करने का फैसला मामले की गंभीरता का साफ संकेत है। कॉलेजियम ने प्राथमिक जांच शुरू करने के अलावा जस्टिस वर्मा को उनके मूल हाईकोर्ट इलाहाबाद स्थातंरित करने की सिफारिश की है। सुप्रीम कोर्ट कॉलिजियम जस्टिस वर्मा के यहां से बरामद नकदी को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से भी घटना पर प्राथमिक रिपोर्ट मांगेगा।
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'राजनीति से प्रेरित है रुपये के प्रतीक और परिसीमन का मुद्दा', मणिपुर हिंसा पर RSS ने क्या कहा?
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। रुपये के प्रतीक चिह्न को तमिल भाषा में बदलने और परिसीमन को लेकर छिड़े विवाद को आरएसएस ने राजनीति से प्रेरित करार दिया है। बेंगलुरू में अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक से पहले आरएसएस के सह सरकार्यवाह सीआर मुकुंद ने मणिपुर में स्थायी शांति लौटने की उम्मीद जताई, लेकिन यह भी साफ कर दिया कि मैतेयी और कुकी समुदायों के बीच की खाई पाटने में लंबा समय लग सकता है।
इन मुद्दों पर होगी चर्चाउन्होंने महाकुंभ के भव्य आयोजन के लिए मोदी और योगी दोनों सरकारों की तारीफ की। सर संघचालक मोहन भागवत ने तीन दिवसीय बैठक का उद्घाटन किया। मुंकद के अनुसार आरएसएस के 32 आनुसंगिक संगठनों के प्रमुखों के साथ 1400 से अधिक प्रतिनिधियों की बैठक में देश के सामने मौजूद सभी ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इनमें हिंदी विरोध और परिसीमन के नाम पर उत्तर और दक्षिण भारत को बांटने की कोशिश से लेकर मणिपुर में जारी हिंसा शामिल है।
आरएसएस हमेशा मातृभाषा में पढ़ाई के पक्ष मेंमुकुंद ने कहा कि रुपये का प्रतीक चिन्ह बदलना और परिसीमन का मुद्दा राजनीतिक से प्रेरित है, क्योंकि गृहमंत्री अमित शाह साफ कर चुके हैं कि परिसीमन में दक्षिण भारत की एक भी सीट नहीं घटेगी। सीटें बढ़ने की स्थिति में उत्तर भारतीय राज्यों के समानुपात में बढ़ेगी।
डीएमके के हिंदी विरोध पर मुकुंद ने साफ किया कि आरएसएस हमेशा मातृभाषा में पढ़ाई और कामकाज की बात करता है। इसके अलावा जहां आप रहते हैं उस क्षेत्र की भाषा और कैरियर के लिए स्वेच्छा से कोई भी भाषा चुनने की छूट होनी चाहिए।
मणिपुर में हालात सामान्य बनाने का प्रयासउन्होंने देश में बंटवारे की कोशिशों पर चिंता जताई। मणिपुर हिंसा से जुड़े सवाल पर मुकुंद ने कहा कि आरएसएस के स्वयंसेवक 20 से महीने मैतेयी और कुकी दोनों इलाकों में राहत सहायता का काम कर रहे हैं। आरएसएस की पहल से दोनों समुदायों के प्रतिनिधियों की बैठकें भी हुई हैं। राष्ट्रपति शासन लगाने के साथ ही केंद्र सरकार भी हालात को सामान्य बनाने और दोनों समुदायों में आपसी भरोसा कायम करने का प्रयास कर रही है।
ताजा हालात मणिपुर में शांति की उम्मीद जगाते हैं, लेकिन इसमें समय लगेगा। मुकुंद के अनुसार बैठक में सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले की ओर से पिछले साल की प्रमुख गतिविधियों का ब्योरा पेश किया गया। इसमें महाकुंभ भी शामिल है। मुकंद ने आरएसएस पिछले साल की तुलना में संघ की शाखाओं के विस्तार, स्वयंसेवकों की संख्या में बढ़ोतरी, युवाओं के बीच बढ़ती लोकप्रियता और ग्रामीण इलाकों में गतिविधियों के विस्तार के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
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पावर ग्रिड कारपोरेशन के वरिष्ठ जीएम और केईसी कंपनी का अधिकारी गिरफ्तार, रिश्वत लेन-देन में CBI का एक्शन
पीटीआई, नई दिल्ली। सीबीआई ने पावर ग्रिड कारपोरेशन ऑफ इंडिया के वरिष्ठ जीएम उदय कुमार को कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए मुंबई स्थित केईसी इंटरनेशनल के एक कार्यकारी से 2.4 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया।
सीबीआई प्रवक्ता ने कहा कि राजस्थान के अजमेर में तैनात उदय कुमार को बुधवार देर रात सीकर में केईसी इंटरनेशनल के सुमन सिंह के साथ गिरफ्तार किया गया। यहां वे रिश्वत की रकम के कथित आदान-प्रदान के लिए मिलने पर सहमत हुए थे।
गुरुवार तड़के गिरफ्तार किया गयानिजी कंपनी को दिए पीएसयू (सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम) के ठेकों से संबंधित बिलों को प्रोसेस और पास करने में अनुचित लाभ देने के लिए कथित तौर पर रिश्वत दी गई। सीबीआई ने परिसर पर छापा मारकर दोनों को रंगे हाथ पकड़ा। औपचारिकताएं पूरी होने के बाद गुरुवार तड़के उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
एफआईआर में केईसी इंटरनेशनल और कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों सहित पांच व्यक्तियों को आरोपित बनाया गया है। उदय कुमार और सुमन सिंह के अलावा सीबीआई ने केईसी इंटरनेशनल के उपाध्यक्ष और उत्तर भारत में ट्रांसमिशन और वितरण के प्रमुख जबराज सिंह को भी आरोपित के रूप में नामित किया है।
कंपनी ने कोई टिप्पणी नहीं कीएफआईआर में जयपुर में केईसी इंटरनेशनल के वित्त और लेखा के वरिष्ठ प्रबंधक अतुल अग्रवाल और कंपनी के कर्मचारी आशुतोष कुमार को भी आरोपित बनाया गया है। कंपनी की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की गई है।
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मुस्लिम कोटा को लेकर कर्नाटक विधानसभा में बवाल, BJP विधायकों को उठाकर बाहर ले गए मार्शल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष यूटी खादर ने शुक्रवार को 'हनी ट्रैप' मामलों के मुद्दे, मुस्लिम आरक्षण बिल पर हंगामा और सदन की कार्यवाही बाधित करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 18 विधायकों को विधानसभा से निलंबित कर दिया।
विधेयक को कर्नाटक के कानून और संसदीय मामलों के मंत्री एच.के. पाटिल ने पेश किया। विपक्षी भाजपा और JD (S) ने एक मंत्री और अन्य राजनेताओं से जुड़े कथित 'हनी-ट्रैप' प्रयास की न्यायिक जांच उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश से कराने की मांग की।
भाजपा विधायकों ने सदन के स्पीकर के सामने आकर कागज फाड़कर और फेंककर हंगामा खड़ा कर दिया। विधानसभा से कई बीजेपी नेताओं को जबदस्ती बाहर किया गया।
Karnataka Assembly passes the Bill for suspension of 18 BJP MLAs for six months for disrupting the proceedings of Assembly. The Bill was tabled by Karnataka Law and Parliamentary Affairs Minister HK Patil.
— ANI (@ANI) March 21, 2025क्या है पूरा मामला?
इंडिया टुडे के मुताबिक, कर्नाटक सरकार ने विधानसभा में एक वित्त विधेयक पेश किया था। भाजपा विधायकों ने गलती से इसे सरकारी ठेकों में मुसलमानों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण का विधेयक समझ लिया और इसकी प्रतियां फाड़कर अध्यक्ष की ओर फेंक दीं।
वित्त विधेयक पेश किए जाने के दौरान विधानसभा में हनी ट्रैप कांड को लेकर हंगामा हुआ, जिसका खुलासा गुरुवार को सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना ने विधानसभा में किया।
हनी ट्रैप की क्यों हो रही है चर्चा?
कर्नाटक के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री सतीश जरकीहोली ने गुरुवार को कहा है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के करीबी माने जाने वाले कॉर्पोरेशन मंत्री केएन राजन्ना को दो बार हनी ट्रैप का निशाना बनाया गया। हालांकि, हनी ट्रैप की कोशिश नाकाम रही। राज्य के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने बताया कि पुलिस में मामला दर्ज कर इसकी गहराई से जांच की जाएगी।
वहीं केएन राजन्ना ने कहा कि सिर्फ उन्हें ही नहीं, बल्कि पिछले 20 सालों में 48 विधायकों को इस तरह से निशाना बनाया गया है। गुरुवार को विधानसभा में बोलते हुए राजन्ना ने कहा, "ऐसी चर्चा है कि तुमकुरु के एक मंत्री हनी ट्रैप का शिकार हुए हैं। तुमकुरु से हम दो ही लोग हैं, एक मैं हूं और दूसरे गृह मंत्री हैं।"
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'हम तो आतंकियों को देखते ही दो आंखों के बीच में गोली मारते हैं', राहुल गांधी पर गृह मंत्री शाह का निशाना
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राज्यसभा में गृह मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अनुच्छेद 370 के हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर में हुई प्रगति की जानकारी राज्यसभा में दी। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर निशाना साधा। शाह ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का भी जिक्र किया।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हिसाब मांगते हैं कि 370 से क्या हुआ? अरे हिसाब तो उनको दिया जाता है, जिनकी नजरें साफ होती हैं। जो काला चश्मा पहनकर और आंख मूंदकर बैठते हैं... उनको विकास नहीं दिखेगा। गृह मंत्री ने आगे कहा कि किसी सदस्य ने ठीक ही कहा था कि कश्मीर तक पैदल यात्रा निकाली। अपने कार्यकर्ताओं के साथ बर्फ की होली भी खोली और कहा कि मुझे दूर से आतंकवादी दिखाई पड़ा था।
गृह मंत्री शाह ने राहुल गांधी की चुटकी ली और कहा कि अरे भाई, जिनकी नजर में ही आतंकवादी है तो आपको सपने में भी नजर आएगा और आपको कश्मीर में भी दिखाई पड़ेगा। हम तो आतंकवादी देखते ही सीधा दो आंखों के बीच में गोली मारते हैं। हमारी सरकार न आतंकवाद को सह सकती है और न ही आतंकवादियों को।
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हम तो आतंकवादी दिखते ही दो आंखों के बीच में गोली मारते हैं। pic.twitter.com/UIcy0R0GwQ
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) March 21, 2025'एक साल में 380 नक्सली ढेर, 1045 ने किया आत्मसमर्पण', राज्यसभा में बोले गृह मंत्री अमित शाह
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राज्यसभा में शुक्रवार को गृह मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा हुई। उन्होंने बताया कि पूर्वोत्तर राज्यों में हिंसा घटनाओं में कमी आई। गृह मंत्री ने नक्सलियों को खत्म करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया और कहा कि एक साल में 2619 नक्सली कम हुए हैं। सालभर में 380 नक्सली मारे गए हैं। अब सिर्फ 12 जिले नक्सल प्रभावित हैं।
उन्होंने आगे कहा कि 1045 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। शाह ने यह भी बताया कि नक्सलियों के फाइनेंसर को हमने खत्म किया है।
अनुच्छेद 370 अलगाववाद की मुख्य वजहशाह ने कहा कि हमारी सरकार ने उग्रवाद, आतंकवाद और नक्सलवाद पर चोट किया है। उन्होंने अनुच्छेद 370 के हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में हुई प्रगति का भी जिक्र किया। गृह मंत्री ने कश्मीर में अनुच्छेद 370 को अलगाव के पीछे की मुख्य वजह बताई।
उन्होने कहा कि अनुच्छेद 370 के हटने के बाद से कश्मीर में आतंकवाद की घटनाओं में कमी आई है। पत्थरबाजी भी रुक गई है। अब कश्मीर में कोई हड़ताल नहीं होती है। उन्होंने कहा कि 2024 में कश्मीर में एक भी पथराव की घटना सामने नहीं आई है।
जम्मू-कश्मीर में जी 20 की बैठक करवाईगृह मंत्री ने कहा कि कश्मीर में बंद पड़े सिनेमा हॉल हमने खोले। वहां जी-20 की बैठक आयोजित करवाई। पठानकोट में नाका परमिट को हमने खत्म किया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में एंटी करप्शन ब्यूरो का गठन किया। पहले की सरकारों का रवैया ढीला था और भ्रष्टाचार रोकने का कोई कानून नहीं था।
10 दिन में लिया उरी हमले का बदलागृह मंत्री ने कहा कि अब कश्मीर में भ्रष्टाचार की संख्या लगभग शून्य हैं। पहले आतंकियों के मौत पर जुलूस निकलते थे। मगर हमारी सरकार ने इसे बंद करवाया। उरी हमले का बदला 10 दिनों के भीतर लिया गया। आतंकियों के परिजनों को नौकरी देना बंद किया। अब लाल चौक पर तिरंगा फहराया जाता है।
चुनाव में अब कश्मीर में एक भी गोली नहीं चलतीगृह मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 21 सदस्यों ने यहां अपने विचार प्रस्तुत किए। एक तरह से गृह मंत्रालय के कई कार्यों के आयामों को समेटने का प्रयास किया।
सबसे पहले मैं उन हजारों राज्य पुलिस और केंद्रीय अर्धसैनिक बल के जवानों के प्रति आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने देश की आंतरिक सुरक्षा के साथ-साथ सीमाओं को मजबूत करने के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। उन्होंने आगे जम्मू-कश्मीर के चुनाव का जिक्र किया और कहा कि अब यहां चुनाव में एक भी गोली नहीं चलती है।
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'15 करोड़ लोगों को नहीं मिल रहा लाभ', जनगणना में देरी पर अजय माकन ने सरकार को घेरा; राज्यसभा में जमकर हुआ हंगामा
पीटीआई, नई दिल्ली। कांग्रेस ने शुक्रवार को राज्यसभा में चर्चा के दौरान जनगणना के क्रियान्वयन में देरी और गृह मंत्रालय के आवंटित बजट का कम उपयोग करने के लिए सरकार की आलोचना की। गृह मंत्रालय के कामकाज पर बहस में भाग लेते हुए कांग्रेस नेता अजय माकन ने बताया कि 2011 में पिछली जनगणना के बाद से भारत की जनसंख्या में लगभग 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
माकन ने कहा, "2011 में जनसंख्या 121 करोड़ थी, अब यह 146 करोड़ होने की उम्मीद है... 2011 की जनगणना के लिए हमने 2009 में ही कार्यक्रम बनाना शुरू कर दिया था। अब जनगणना हमारे लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि जन कल्याण के लिए हमारे सभी कार्यक्रम इसी पर आधारित हैं।"
जनगणना कराने से 15 करोड़ लोगों को मिलेगा लाभ
उन्होंने जोर दिया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत, जो ग्रामीण क्षेत्र की लगभग 70 प्रतिशत और शहरी क्षेत्र की 50 प्रतिशत आबादी को कवर करता है, यदि नई जनगणना की जाती है तो अतिरिक्त 15 करोड़ लोगों को संभावित रूप से लाभ मिल सकता है।
कांग्रेस नेता ने कहा, "आप उन्हें उस लाभ से वंचित कर रहे हैं क्योंकि आप अभी तक जनगणना नहीं कर रहे हैं।" उन्होंने कहा कि देरी से राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय द्वारा किए जाने वाले अन्य सर्वेक्षणों में भी बाधा आएगी।
'जल्द जनगणना कराने का नहीं किया गया वादा'
कोविड महामारी के कारण जनगणना की योजनाओं में बाधा उत्पन्न होने की बात स्वीकार करते हुए माकन ने बाद के वर्षों में आवंटित धन का उपयोग नहीं करने के लिए सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि 2022 में आवंटित जनगणना निधि का 66 प्रतिशत, 2023 में 85 प्रतिशत और 2024 में 58 प्रतिशत समाप्त हो गया। उन्होंने कहा, "जनगणना जल्द से जल्द कराने का कोई वादा नहीं किया गया है।"
कांग्रेस नेता ने सीमा सुरक्षा और पुलिस आधुनिकीकरण को लेकर चिंताओं को भी उजागर किया। माकन के अनुसार, 2023-24 के लिए सीमा अवसंरचना विकास कार्यक्रम के तहत लगभग 225 करोड़ रुपये अप्रयुक्त रह गए।
केंद्र सरकार पर साधा निशाना
उन्होंने कहा, "पिछले सात वर्षों में सीमा अवसंरचना और पुलिस आधुनिकीकरण के लिए आवंटित लगभग 70,697 करोड़ रुपये वापस कर दिए गए," उन्होंने कहा कि बजट आवंटन का लगभग 22.93 प्रतिशत, लगभग एक-चौथाई, खर्च नहीं किया गया।
माकन ने कहा, "ड्रग्स, एके-47 और ग्रेनेड जैसे हथियार अवैध रूप से सीमाओं के माध्यम से प्रवेश कर रहे हैं और सरकार इस पर नियंत्रण नहीं रख पाई है"। उन्होंने ग्लोबल वार्मिंग के कारण प्राकृतिक आपदाओं की बढ़ती आवृत्ति का हवाला देते हुए अर्धसैनिक बलों में रिक्तियों को भरने और आपदा प्रबंधन के लिए बजट आवंटन बढ़ाने का आह्वान किया।
'तो वो हिट लिस्ट पर आ जाते...' दिल्ली हाई कोर्ट के जज के घर नकदी मिलने पर ऐसा क्यों बोले जगदीप धनखड़?
पीटीआई, नई दिल्ली। Delhi HC judge House Fire दिल्ली हाईकोर्ट के एक जज के घर से करोड़ों की नकदी मिलने से हड़कंप मच गया है। दरअसल, मौजूदा न्यायाधीश के आवास में आग लग गई थी, जिसे बुझाने पहुंचे कमकल कर्मियों ने जब वहां नोटों का भंडार देखा तो सब हैरान रह गए।
अब मामले पर सीजेआई ने कार्रवाई की है और उनका दिल्ली से बाहर ट्रांसफर कर दिया है। मामला राज्यसभा तक पहुंच चुका है, जहां सभापति जगदीप धनखड़ का भी रिएक्शन सामने आया।
क्या बोले जगदीप धनखड़?कथित तौर पर दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के घर से नकदी बरामद होने का मामला शुक्रवार को राज्यसभा में उठाया गया, जिसमें सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि वह इस मुद्दे पर एक संरचित चर्चा आयोजित करने के लिए एक तंत्र ढूंढेंगे।
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने सुबह के सत्र में इस मुद्दे को उठाते हुए न्यायिक जवाबदेही पर अध्यक्ष की प्रतिक्रिया मांगी थी और उन्हें इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश के महाभियोग के बारे में लंबित नोटिस के बारे में याद दिलाया।
इलाहाबाद हाईकोर्ट का मामला भी उठायाजयराम रमेश ने कहा,
आज सुबह, हमने दिल्ली उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश के आवास पर भारी मात्रा में नकदी बरामद होने के चौंकाने वाले मामले के बारे में पढ़ा है। उन्होंने यह भी बताया कि इससे पहले, संसद के 50 सदस्यों ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश द्वारा की गई कुछ टिप्पणियों के संबंध में अध्यक्ष को एक नोटिस सौंपा था।
जयराम रमेश ने कहा कि अध्यक्ष ने खुद बार-बार न्यायिक जवाबदेही की तत्काल आवश्यकता के बारे में बात की है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने धनखड़ को यह भी याद दिलाने की कोशिश की कि उन्होंने इस मुद्दे पर सदन के नेता को निर्देश दिया था।
उन्होंने कहा, "मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया इस पर कुछ टिप्पणियां करें और सरकार को न्यायिक जवाबदेही बढ़ाने के लिए प्रस्ताव लाने के लिए आवश्यक निर्देश दें।"
तो राजनेता हिट लिस्ट पर आ जातेजज के घर नकदी की कथित बरामदगी से जुड़े मुद्दे पर धनखड़ ने कहा कि उन्हें जो बात "परेशान" करती है, वह यह है कि घटना के बाद भी वो तुरंत प्रकाश में नहीं आई।
उन्होंने कहा कि अगर ऐसी कोई घटना किसी राजनेता, नौकरशाह या उद्योगपति से संबंधित होती, तो संबंधित व्यक्ति तुरंत 'हिट लिस्ट' पर आ जाता।
सदन और विपक्ष के नेता से बात करेंगे सभापितसभापति ने आगे कहा कि वह सदन के नेता और विपक्ष के नेता से संपर्क करेंगे और सत्र के दौरान एक संरचित चर्चा के लिए एक तंत्र ढूंढेंगे।
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