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डिस्कॉम के लिए फिर आएगी उदय जैसी स्कीम? जानिए ऊर्जा मंत्रालय की क्यों बढ़ रही चिंता
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। विगत दो वर्षों में देश की बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) पर बकाये की राशि 1.39 लाख करोड़ रुपये से घट कर तकरीबन 25 हजार करोड़ रुपये (दिसबंर, 2024) रह गई है।
इन दो वर्षों में डिस्कॉम को ट्रांसमिशन व वितरण (टीएंडडी-चोरी आदि) से होने वाली हानि का स्तर भी 22 फीसद से घट कर 16 फीसद पर आ गया है, लेकिन इन आंकड़ों के आधार पर इस आकलन पर मत पहुंचिए कि डिस्काम की वित्तीय स्थिति ठीक है।
असलियत में बिजली मंत्रालय इस बात से चिंतित है कि जिस तेजी से देश में बिजली की मांग बढ़ रही है और समूचे बिजली सेक्टर में बदलाव हो रहा है, उस हिसाब से डिस्कॉम की स्थिति नहीं सुधरी है। ऐसे में खतरा है कि देश में पर्याप्त बिजली आपूर्ति सुनिश्चित होने के बावजूद डिस्कॉम की कमजोरी समूचे बिजली सेक्टर में एक कमजोर कड़ी न बन जाए।
फिर उदय जैसी स्कीम लाने पर विचारबिजली वितरण कंपनियों की स्थिति पर गठित राज्यों के मंत्री समूह की बैठक में केंद्र के बिजली राज्य मंत्री श्रीपद यशो नाइक ने एक बार फिर उदय जैसी योजना की वकालत की है। मंत्रियों के समूह की यह तीसरी बैठक थी जो लखनऊ में हुई। इस बैठक में नाइक ने डिस्कॉम पर बकाये कर्ज की राशि को नए सिरे से समाोयजित करने की स्कीम लाने के संकेत दिए। बिजली वितरण कंपनियों पर ब्याज के बोझ को कम करने, इनके स्तर पर बिजली स्टोरेज सिस्टम को विकसित करने पर जोर देते हुए एक उदय (उज्वल डिस्कॉम एसुरेंस योजना) की जरुरत भी बताई।
पहली बार 2015 में लॉन्च की गई थी उदय स्कीमहाल के वर्षों में यह पहला मौका है जब केंद्रीय मंत्री की तरफ से ही उदय स्कीम को नये सिरे से लागू करने की मांग हुई है। मोदी सरकार के पहली बार सत्ता में आने के बाद जब डिस्कॉम पर वित्तीय बोझ बहुत बढ़ गया था तब इन पर बकाये कर्ज के समायोजन के उद्देश्य से वर्ष 2015 में उदय को लॉन्च किया गया था।
बाद में वर्ष 2021-22 के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उदय 2.0 को लॉन्च की गई थी। अब सरकार इसका तीसरी बार लॉन्च करने को तैयार दिख रही है जो बता रहा है कि डिस्कॉम की मौजूदा स्थिति बहुत संतोषप्रद नहीं है। अप्रैल, 2025 में मंत्री समूह की चौथी बैठक होने वाली है जिसमें इस बारे में अंतिम फैसला होने की उम्मीद है।
बिजली दरें तय करने पर भी किया गया विमर्शबिजली मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि बिजली की दरें तय करने को लेकर नियामक एजेंसियों की भूमिका पर विस्तार से विमर्श हुआ है। बैठक में कुछ राज्यों ने केंद्र से वहां डिस्कॉम के निजीकरण के लिए हो प्रयासों की सफलता के लिए मदद की मांग की है। खास तौर पर रिनीवेबल सेक्टर से पैदा होने वाली बिजली को मौजूदा ट्रांसमिशन लाइन से जोड़ने के लिए अतिरिक्त आर्थिक मदद की मांग की जा रही है।
अधिकांश राज्यों की यह मांग है कि नियामक एजेंसियों को बिजली की दरें तय करने में महंगाई की दरों को ध्यान में रखने की नीति लागू होनी चाहिए। बिजली की दरों को महंगाई से जोड़ दिए जाने से बिजली की बढ़ी हुई लागत का जो बोझ डिस्कॉम पर पड़ता है, उसकी भरपाई करना आसान हो जाएगा।
क्यों नहीं थम रही जंगल की आग, कौन है जिम्मेदार और कितना हुआ नुकसान? संसद में रिपोर्ट पेश
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश में एक ओर जहां हरियाली बढ़ाने की मुहिम छिड़ी हुई है, वहीं गर्मी के दिनों में हर साल जंगल में लगने वाली आग एक बड़े हरे-भरे हिस्से को निगल भी जा रही है। वैसे तो इस आग के पीछे का बड़ा कारण जलवायु परिवर्तन को माना जा रहा है लेकिन इससे निपटने के लिए हमारी तैयारियां भी कम जिम्मेदार नहीं है।
यह बात अलग है कि पिछले सालों में जंगल में आग लगने की अग्रिम चेतावनी ने इस नुकसान को कम किया गया है, पर आग लगने की घटनाओं में ज्यादा कमी नहीं आयी है। इनमें उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ सहित देश के दर्जन भर से अधिक राज्य ऐसे हैं, जहां जंगल की आग परेशान करने वाली है। इनमें उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों में जंगल में आग की घटनाओं ने तो सारे रिकार्ड ही तोड़ दिए है।
संसद में पेश की गई रिपोर्टवन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने जंगल में आग की घटनाओं को लेकर संसद में सौंपी एक रिपोर्ट में बताया है कि गर्मी शुरू होते ही सैटेलाइट के जरिए जंगल में आग लगने वाले संभावित क्षेत्रों पर पैनी नजर रखी जाती है। इस दौरान ऐसे संभावित क्षेत्रों को लेकर सात दिन पहले एक अलर्ट जारी किया जाता है।
गर्मी आने से पहले दिए जाते हैं कई निर्देशइसके साथ ही गर्मी की दस्तक देने से पहले राज्यों को वन क्षेत्र को आग से बचाने के लिए फायर लाइन (वनक्षेत्र के बीच गलियारा ) तैयार करने, घास की कटाई, सूखे पत्तों की सफाई करने और मानवीय हस्तक्षेप को कम करने जैसे उपाय करने, जंगल पर निगरानी बढ़ाने के पर्याप्त प्रशिक्षित अमले की तैनाती देने के निर्देश दिए जाते है। जो राज्य इसका ठीक ढंग से पालन करते हैं, वहां आग की घटनाएं में कमी या नुकसान कम देखने को मिलता है।
गल में आग लगने की कुल घटनाएं 2.12 लाख रिपोर्टरिपोर्ट में देश के दस प्रतिशत वनक्षेत्र को आग लगने वाले अति संवेदनशील क्षेत्र के रूप में चिह्नित किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक जंगल में आग लगने की घटनाओं का आकलन नवंबर से जून महीने तक किया जाता है। इस दौरान नवंबर 2022 से जून 2023 के बीच देश में जंगल में आग लगने की कुल घटनाएं 2.12 लाख रिपोर्ट हुई थी, जबकि नवंबर 2023 से जून 2024 के बीच यह संख्या 2.03 लाख रिपोर्ट हुई थी। यानी इनमें कमी आयी है।
साथ ही समय पर आग लगने की सूचना मिलने से इनके नुकसान का दायरा भी घटा है। वर्ष 2022-23 में जहां इससे पांच सौ करोड़ का नुकसान हुआ था, वहीं 2023-24 में तीन सौ करोड़ के नुकसान का अनुमान है।
प्रशिक्षित की गई एनडीआरएफ की तीन कंपनियांजंगल की तेज होती आग से निपटने के लिए सरकार ने अलर्ट सिस्टम के साथ ही एनडीआरएफ की तीन कंपनियों को भी इससे निपटने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित किया है। जो राज्यों की मांग पर मुहैया कराई जाएगी। तीनों कंपनियों में कुल 150 जवान शामिल है। इन्हें यह प्रशिक्षण राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण(एनडीएमए) व राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल(एनडीआरएफ) ने संयुक्त रूप से दिया है।
शीर्ष के दस राज्य, जहां सबसे अधिक आग की घटनाएं रिपोर्ट हुई
राज्य वर्ष 2022-23 वर्ष 2023-24 उत्तराखंड 5351 21033 ओडिशा 33461 20973 छत्तीसगढ़ 20306 18950 आंध्र प्रदेश 19367 18174 महाराष्ट्र 16119 16008 मध्य प्रदेश 17142 15878 हिमाचल प्रदेश 704 10136 असम 98307639
झारखंड 11923 7526 मिजोरम 5798 6627 जम्मू कश्मीर 131 3829यह भी पढ़ें: वन्यजीव संरक्षण के लिए बड़ी सफलता, नवेगांव नागजीरा टाइगर रिजर्व में दिखीं 50 विशाल उड़ने वाली गिलहरियां
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वन्यजीव संरक्षण के लिए बड़ी सफलता, नवेगांव नागजीरा टाइगर रिजर्व में दिखीं 50 विशाल उड़ने वाली गिलहरियां
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गोंदिया के नवेगांव नागजीरा टाइगर रिजर्व (NNTR) में हाल ही में किए गए एक सर्वे में करीब 50 भारतीय विशाल उड़ने वाली गिलहरियों की उपस्थिति दर्ज की गई है। यह खोज वन्यजीव संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह गिलहरी अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) की 'सबसे कम चिंताजनक' श्रेणी में आती है। लेकिन आवास की हानि, जंगलों का क्षरण और शिकार जैसे कारणों से इसकी संख्या प्रभावित हो रही है।
सर्वे की अहमियतएनएनटीआर के उप निदेशक पवन जेफ ने बताया कि फरवरी में चरण IV की निगरानी के दौरान वैज्ञानिकों ने इन गिलहरियों की मौजूदगी को दर्ज किया। उन्होंने कहा, "ऐसे सर्वेक्षण से हमें इनके संरक्षण और सुरक्षा के लिए बेहतर रणनीति बनाने में मदद मिलेगी।"
इस गिलहरी के बारे में अब तक क्या है मालूमभारतीय विशाल उड़ने वाली गिलहरी कृंतक (Rodent) परिवार का सदस्य है और यह भारत, चीन, लाओस, म्यांमार, श्रीलंका, ताइवान, थाईलैंड और वियतनाम में पाई जाती है। इन गिलहरियों की खासियत यह है कि ये लंबी छलांग लगाकर एक पेड़ से दूसरे पेड़ तक "उड़ने" में सक्षम होती हैं। यह खोज वन्यजीव प्रेमियों और संरक्षणवादियों के लिए उत्साहजनक है और इससे इन दुर्लभ गिलहरियों के संरक्षण की दिशा में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।
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Andhra Pradesh: घर में पड़ा मिला एक ही परिवार के चार सदस्यों की शव, पुलिस को आत्महत्या का संदेह
पीटीआई, मदाकासिरा। आंध्र प्रदेश के श्री साईं जिले से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है। यहां पर एक ही परिवार के चार सदस्यों के शव अपने ही घर में मिले। इस घटना के सामने आने के बाद आस पास के क्षेत्र में सनसनी फैल गई।
घटनास्थल पर पहुंची पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि शुरुआती जांच में इस बात के संदेह हैं कि परिवार के इस संदिग्ध आत्महत्या का कारण आर्थिक तंगी और अंदरूनी पारिवारिक विवाद हो सकता है।
एक परिवार के चार लोगों का शव घर में मिलाजानकारी के अनुसार मृतकों की पहचान मदकासिरा के गांधी बाजार इलाके में सोने की दुकान के मालिक कृष्ण चारी, उनकी पत्नी सरला और उनके दो बेटों के रूप में हुई है। समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए बताया कि परिवार ने साइनाइड का सेवन किया, जो उन्हें सुनार के तौर पर उपलब्ध था।
कर्ज में डूबा था परिवारबताया जा रहा है कि तीन भाइयों में सबसे सबसे बड़े चारी कर्ज में डूबे हुए थे और कथित तौर पर अपने भाई-बहनों की आर्थिक सफलता से ईर्ष्या करते थे। पुलिस अधिकारी ने बताया कि चारी के पिता ने सबसे पहले शवों को देखा।
घर की तलाशी के दौरान पुलिस को साइनाइड की बोतल मिली। माना जा रहा है कि इसी के सेवन कारण मौत हुई होगी। पुलिस ने बताया कि परिवार ने शनिवार रात को जहर खाया होगा। पूरे मामले में पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। आगे की कार्रवाई के लिए जानकारी एकत्र करने की कोशिश की जा रही है। पुलिस घर में बरामद मोबाइल फोन के माध्यम से जानकारी एकत्र करने की कोशिश कर रही है।
अन्य एंगल से भी की जा रही जांचपुलिस ने बताया कि यह जानने की भी कोशिश की जा रही है कि क्या एकमात्र वित्तीय संकट के कारण परिवार ने ये कदम उठाया या किसी अन्य कारण से भी ये फैसला लिया। पुलिस सभी एंगल से मामले की जांच कर रही है।
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'यह पुलिस शक्तियों का दुरुपयोग', असम में पत्रकार की गिरफ्तारी पर गौरव गोगोई ने PM को लिखा पत्र
पीटीआई, गुवाहटी। असम में पत्रकार की गिरफ्तारी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है। गौरव ने पीएम से पुलिस के दुरुपयोग की जांच की अपील की है। गोगोई का आरोप है कि एक बैंक में कथित वित्तीय अनियमिताओं के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन के कवरेज के दौरान पत्रकार को गिरफ्तार किया गया है।
कथित घोटाले की जांच की मांगपीएम को लिखे पत्र में गौरव गोगोई ने असम को-ऑपरेटिव एपेक्स बैंक लिमिटेड में कथित वित्तीय घोटाले की स्वतंत्र जांच की मांग की है। गोगोई ने कहा कि असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा निदेशकों शामिल हैं। भाजपा विधायक विश्वजीत फूकन इसके अध्यक्ष हैं।
पुलिस की मनमानी की जांच होगौरव गोगोई ने अपने पत्र में आगे लिखा, "पत्रकार दिलवर हुसैन मजूमदार की गिरफ्तारी मनमानी है। पुलिस शक्तियों के दुरुपयोग की जांच की जानी चाहिए ताकि जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके। प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा करना और जनहित के मामलों पर रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों को गलत तरीके से निशाना बनाने से रोकना जरूरी है।
पीएम का हस्तक्षेप जरूरी है: गोगोईगौरव गोगोई ने 28 मार्च को यह पत्र पीएम मोदी को लिखा था। हालांकि रविवार को उन्होंने इसे मीडिया को उपलब्ध कराया। गोगोई ने लिखा कि यह मामला एक पत्रकार से आगे बढ़कर देश के लोकतंत्र, वित्तीय संस्थानों की पारदर्शिता और संवैधानिक अधिकारों की सुरक्षा पर प्रहार करता है। उन्होंने लिखा, "न्याय सुनिश्चित करने, जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराने और हमारे संस्थानों में जनता का विश्वास बहाल करने के लिए आपका तत्काल हस्तक्षेप जरूरी है"
बिना औचित्य के गिरफ्तार किया गयागौरव गोगोई ने दावा किया कि जब बैंक के प्रबंध निदेशक डोमब्रू (डंबरू) सैकिया से बाइट मांगी गई तो उन्होंने पत्रकार को परिसर के अंदर बुलाया। इसके बाद जो हुआ... वह बेहद चिंताजनक था। पान बाजार पुलिस ने बिना किसी औचित्य के पत्रकार को हिरासत में ले लिया।
पत्रकार को चुप कराने की कोशिशजातिगत अपशब्द के झूठे आरोप को गिरफ्तारी का आधार बनाया गया। इस मामले में जमानत मिलने के बाद अगले दिन लूट और गोपनीय दस्तावेज चोरी की नीयत से बैंक में घुसने के आरोप में दोबारा गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस की यह कार्रवाई पत्रकार को चुप कराने की कोशिश है। गौरव गोगोई ने पीएम मोदी से बैंक में हुई कथित अनियमितताओं की स्वतंत्र जांच कराने की अपील की।
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मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और नगालैंड में 6 महीने के लिए बढ़ा AFSPA, गृह मंत्रालय ने जारी किया नोटिफिकेशन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गृह मंत्रालय (एमएचए) ने मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और नगालैंड में 6 महीने के लिए सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (AFSPA) लागू कर दिया है। इसमें मणिपुर के 5 जिलों के 13 थाना क्षेत्र को छोड़कर पूरे राज्य में AFSPA अगले 6 महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। वहीं अरुणाचल प्रदेश के तिरप, चांगलांग और लोंगडिंग जिलों और राज्य के तीन पुलिस थाना क्षेत्रों में भी AFSPA लागू कर दिया गया है।
नगालैंड के जिन जिलों में AFSPA को फिर से लागू किया गया है, वे दीमापुर, निउलैंड, चुमौकेदिमा, मोन, किफिर, नोकलाक, फेक और पेरेन हैं।
क्या होता है AFSPA?AFSPA को अशांत इलाकों में लागू किया जाता है। इस कानून के तहत सुरक्षाबलों को एक महत्वपूर्ण ताकत मिलती है। इसके तहत सुरक्षाबलों के पास बिना वारंट के किसी को भी गिरफ्तार करने की ताकत होती है। साथ ही इसके कानून के चलते कई मामलों में बल प्रयोग का भी प्रावधान है। AFSPA को सिर्फ अशांत क्षेत्रों में ही लागू किया जाता है।
AFPSA के तहत सुरक्षा बलों को क्या मिले हैं विशेष अधिकार?आफ्सपा (AFSPA) कानून सुरक्षा बलों को किसी व्यक्ति को बिना वारंट के गिरफ्तार करने, बिना वारंट के परिसर में प्रवेश करने या तलाशी लेने और अन्य कार्रवाई करने का अधिकार देता है। इसके साथ ही AFSPA गोली चलाने की भी अनुमति देता है।
इसके अलावा सुरक्षाबलों को ये भी अधिकार है कि अगर कोई भी उग्रवादी या उपद्रवी घर में छिपा होता है तो उसे तबाह भी किया जा सकता है। इस कानून के तहत कार्रवाई तभी संभव है, जब केंद्र सरकार द्वारा इसे किसी अशांत क्षेत्र में लागू किया हो।
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इंडिगो को तगड़ा झटका, आयकर विभाग ने लगाया 944 करोड़ रुपये का जुर्माना; एयरलाइन कंपनी से कहां हुई गलती?
पीटीआई, नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी इंडिगो पर आयकर विभाग ने भारी जुर्माना लगाया है। इनकम टैक्स विभाग ने इंडिगो पर 944.20 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। हालांकि, कंपनी ने इसे गलत बताया है। इंडिगो ने कहा कि वह इस आदेश को चुनौती देगी।
बता दें कि यह आदेश देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो की मूल कंपनी इंटरग्लोब एविएशन को शनिवार को मिला। दरअसल, रविवार को एक नियामक फाइलिंग में इंडिगो ने कहा कि आयकर विभाग (आयकर प्राधिकरण) की मूल्यांकन इकाई ने आकलन वर्ष 2021-22 के लिए 944.20 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने का आदेश पारित किया है।
इंडिगो ने जुर्माने को बताया गलतइंडिगो ने अपने बयान में कहा कि यह आदेश इस गलत समझ के आधार पर पारित किया गया है कि कंपनी द्वारा आयकर आयुक्त (अपील) (सीआईटी (ए)) के समक्ष धारा 143 (3) के तहत मूल्यांकन आदेश के खिलाफ दायर अपील खारिज कर दी गई है। हालांकि, यह अभी भी चल रहा है और इस मामले में फैसला लंबित है।
आईटी के जुर्माने वाले आदेश को चुनौती देगी कंपनीकंपनी द्वारा फाइलिंग के अनुसार कंपनी का दृढ़ विश्वास है कि आयकर प्राधिकरण द्वारा पारित आदेश कानून के अनुसार नहीं है। कंपनी का कहना है कि यह गलत और तुच्छ है। इंडिगो ने कहा कि वह इस आदेश का विरोध करेगी। वहीं, इसके खिलाफ उचित कानूनी उपाय करेगी। इसके अलावा, इंडिगो ने कहा कि आदेश का कंपनी की वित्तीय स्थिति, परिचालन या अन्य गतिविधियों पर कोई महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं पड़ेगा।
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'RSS पेड़ से बन गया वटवृक्ष', नागपुर में पीएम मोदी ने संघ के योगदान का किया जिक्र; स्वयंसेवकों की तारीफ में क्या कहा?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नागपुर दौरे पर हैं और इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के मुख्यालय का भी दौरा किया। पीएम मोदी और आरएसएस का साथ वर्षों पुराना है और संघ के 100 साल पूरा होने पर पीएम मोदी आरएसएस के नागपुर मुख्यालय पर पहुंचे और स्वयंसेवकों की जमकर तारीफ की।
आरएसएस के बारे में क्या कहा?
पीएम मोदी ने आरएसएस के संस्थापक डॉ. हेडगेवार और गुरुजी गोलवलकर को पुष्पांजलि अर्पित की और उनके योगदान को याद किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि संघ का 100 साल पहले बोया गया पेड़ अब वटवृक्ष बन गया है।
उन्होंने कहा कि इसी साल आरएसएस की गौरवशाली यात्रा का 100 साल पूरे हो रहे हैं और इस अवसर पर मुझे स्मृति मंदिर जाकर पूज्य डॉ. साहब और पूज्य गुरुजी को श्रद्धांजलि अर्पित करने का सौभाग्य मिला है।
डॉ. हेडगेवार को किया याद
पीएम मोदी ने डॉ. हेडगेवार और एमएस गोलवलकर के प्रभाव को स्वीकार करते हुए कहा, "मेरे जैसे अनगिनत लोग परम पूज्य डॉक्टर साहब और पूज्य गुरुजी के विचारों से प्रेरणा और शक्ति प्राप्त करते हैं। इन दो महान लोगों को श्रद्धांजलि देना सम्मान की बात है, जिन्होंने एक मजबूत, समृद्ध और सांस्कृतिक रूप से गौरवशाली भारत की कल्पना की थी।"
अपने नागपुर दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माधव नेत्रालय प्रीमियम सेंटर की आधारशिला भी रखी। पीएम मोदी के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस समेत अन्य नेता भी मौजूद थे।
प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार संघ मुख्यालय पहुंचे मोदी, RSS संस्थापक हेडगेवार को दी श्रद्धांजलि
विवादों में फंसी सुपरस्टार मोहनलाल की फिल्म L2-Empuraan, हटाए जाएंगे 17 सीन; गुजरात दंगों से क्या है कनेक्शन?
आईएएनएस, तिरुवनंतपुरम। केरल बीजेपी के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने हाल ही में रिलीज़ हुई मलयालम फिल्म 'एल2- एम्पुरान' को न देखने का ऐलान किया है। इस फिल्म में सुपरस्टार मोहनलाल मुख्य भूमिका में हैं और इसे अभिनेता-निर्देशक पृथ्वीराज सुकुमारन ने डायरेक्ट किया है।
यह फिल्म 'लुसिफर' का सीक्वल है, जो 2019 में ब्लॉकबस्टर साबित हुई थी। हालांकि, फिल्म को लेकर विवाद खड़े होने के बाद चंद्रशेखर ने यह फैसला लिया।
फिल्म में किए गए 17 कट्स पर उठे सवाल
राजीव चंद्रशेखर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर अपनी निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने पहले 'लुसिफर' फिल्म देखी थी और उन्हें वह पसंद आई थी। 'एम्प्यूरान' का इंतजार कर रहे थे, लेकिन अब उन्हें यह पता चला कि फिल्म निर्माताओं ने फिल्म में 17 कट्स किए हैं और इसे फिर से सेंसोरशिप से गुजरना पड़ा है।
उन्होंने इस बदलाव की आलोचना करते हुए कहा, "किसी फिल्म को इतिहास के रूप में नहीं देखा जा सकता। अगर फिल्म सच्चाई को तोड़मरोड़कर पेश करके कहानी बनाती है, तो वह सफल नहीं हो सकती।"
गुजरात दंगों का संदर्भ और विवाद
बता दें, फिल्म के रिलीज के बाद विवाद सामने आया, जब दर्शकों ने फिल्म में 2002 के गुजरात दंगों के संदर्भ में कुछ दृश्यों को लेकर आपत्ति जताई। कई वरिष्ठ RSS नेता, जैसे जे. नंदकुमार और ए. जयकुमार ने सोशल मीडिया पर अपनी नापसंदीदी जाहिर की।
इसके बाद केरल में RSS से जुड़े विभिन्न संगठनों ने भी फिल्म की आलोचना की। फिल्म में दिखाए गए केंद्रीय जांच एजेंसियों जैसे NIA, IB और ED के खिलाफ नकारात्मक चित्रण पर भी सवाल उठाए गए।
बदला जाएगा फिल्म में विलेन का नाम
सूत्रों के अनुसार, फिल्म अब फिर से सेंसोरशिप से गुजर रही है, जिसमें 17 कट्स किए गए हैं। फिल्म के खलनायक का नाम 'बाबा बजरंगी' बदला जाएगा और उन दृश्यों को भी हटाया जाएगा, जिनमें केंद्रीय जांच एजेंसियों को नकारात्मक रूप में दिखाया गया है।
फिल्म निर्माताओं द्वारा किए गए बदलावों को लेकर विवाद और बढ़ गया है और अब क्षेत्रीय सेंसोर बोर्ड के सदस्यों पर भी आरोप लगाए जा रहे हैं कि उन्होंने इसमें लापरवाही बरती।
प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार संघ मुख्यालय पहुंचे मोदी, RSS संस्थापक हेडगेवार को दी श्रद्धांजलि
एएनआई, नागपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह करीब 9 बजे नागपुर पहुंचे हैं। संघ के शताब्दी वर्ष में पीएम मोदी ने संघ मुख्यालय का दौरा किया। प्रधानमंत्री बनने के बाद पीएम मोदी का संघ मुख्यालय का यह पहला दौरा है और इस दौरे को काफी अहम माना जा रहा है।
महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने पीएम मोदी के दौरे को लेकर कहा कि उनके नागपुर आगमन से पूरे विदर्भ में उत्साह का माहौल है। 47 स्थानों पर उनके स्वागत की तैयारी की गई है।
#WATCH | Maharashtra | PM Narendra Modi pays floral tribute to RSS founder Keshav Baliram Hedgewar at RSS' Smruti Mandir in Nagpur
RSS chief Mohan Bhagwat is also present
(Source -ANI/DD) pic.twitter.com/6gV2kfXyrK
बता दें, पीएम मोदी डॉ. हेडगेवार स्मृति मंदिर गए और आरएसएस के संस्थापक डॉ. हेडगेवार और माधव सदाशिव गोलवलकर की समाधि पर श्रद्धांजलि की।
महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत किया। प्रधानमंत्री मोदी आरएसएस के स्मृति मंदिर पहुंचे और उन्होंने डॉ. हेडगेवार को श्रद्धांजलि दी।
प्रधानमंत्री मोदी ने नागपुर में दीक्षाभूमि का भी दौरा किया। यह वह स्थान है जहां डॉ. बीआर अंबेडकर और उनके अनुयायियों ने बौद्ध धर्म अपनाया था। पीएम मोदी ने महात्मा बुद्ध की भी पूजा की। इस दौरान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी साथ मौजूद रहे।
दीक्षाभूमि पहुंचे पीएम मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि एक "विकसित और समावेशी भारत" का निर्माण करना ही भारतीय संविधान के मुख्य निर्माता डॉ. बी.आर. अंबेडकर को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। नागपुर दौरे के दौरान पीएम मोदी ने दीक्षाभूमि पर डॉ. बी.आर अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की, जहां अंबेडकर ने 1956 में अपने अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म अपनाया था।
वे दीक्षाभूमि के स्तूप के अंदर गए और वहां रखी अंबेडकर की अस्थियों को श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम स्थल पर आगंतुकों की डायरी में हिंदी में लिखे अपने संदेश में मोदी ने कहा, "मैं अभिभूत हूं कि मुझे नागपुर में डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर के पांच 'पंचतीर्थ' में से एक दीक्षाभूमि पर जाने का अवसर मिला।"
पीएम मोदी ने बाबा साहब के प्रयासों का किया जिक्र
उन्होंने आगे लिखा, "यहां के पवित्र वातावरण में कोई भी बाबासाहेब के सामाजिक सद्भाव, समानता और न्याय के सिद्धांतों को महसूस कर सकता है।" उन्होंने आगे कहा कि दीक्षाभूमि लोगों को गरीबों, वंचितों और जरूरतमंदों के लिए समान अधिकारों और न्याय की व्यवस्था के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है।"
पीएम मोदी ने कहा, "मुझे पूरा विश्वास है कि इस अमृत कालखंड में हम बाबासाहेब अंबेडकर के मूल्यों और शिक्षाओं के साथ देश को प्रगति की नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। एक विकसित और समावेशी भारत का निर्माण ही बाबासाहेब को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।" पीएम मोदी ने आखिरी बार 2017 में दीक्षाभूमि का दौरा किया था।"
क्या है MY BHARAT कैलेंडर? गर्मी की छुट्टियों के लिए किया गया तैयार; पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में किया जिक्र
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम के 120वें एपिसोड के माध्यम से देशवासियों को संबोधित किया।
इस कार्यक्रम के माध्यम से पीएम मोदी ने सभी लोगों को चेत्र नवरात्र की शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने आज के दिन को बेहद पावन दिन बताया है।
भारतीय नववर्ष और गुड़ी पाड़वा की भी शुभकामनाएं
पीएम मोदी ने इस दौरान गुड़ी पाड़वा और भारतीय नववर्ष की भी शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा, "आज चैत्र नवरात्र के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि है। आज से चैत्र नवरात्र की शुरुआत हो रही है और आज से भारतीय नववर्ष की भी शुरुआत हो रही है।"
'यह बेहद पावन दिन है'
पीएम मोदी ने कहा, "यह विक्रम संवत 2082 की शुरुआत है। साथ ही आज गुड़ी पाड़वा का भी दिन है, इसलिए ये यह बेहद पावन दिन है। मैं इन त्योहारों की देशवासियों को शुभकामनाएं देता हूं। ये त्योहार भारत की विविधता में एकता का अहसास कराता है।"
'ये पूरा महीना त्योहारों का है'
उन्होंने कहा, "आज कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना में उगादी का पर्व बहुत धूमधाम से मनाया जा रहा है। महाराष्ट्र में गुड़ी पाड़वा का पर्व मनाया जा रहा है। अगले कुछ दिनों में असम में रंगोली बिहू, बंगाल में पोइला बोइशाख और कश्मीर में नवरेह का उत्सव मनाया जाएगा।"
पीएम मोदी ने कहा, "13 से लेकर 15 अप्रैल के बीच देश के अलग-अलग हिस्सों में त्योहारों की खूब धूम होगी। हर त्योहार को लेकर लोगों में काफी उत्साह है और ईद का त्योहार तो आ रही रहा है। यानी ये पूरा महीना त्योहारों का है, पर्वों का है। मैं सभी देशवासियों को इन त्योहारों की बहुत-बहुत बधाई देता हूं।"
क्या है MY BHARAT कैलेंडर?
पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में माय भारत कैलेंडर (My Bharat Calendar) का जिक्र किया है। उन्होंने कहा, "मेरे युवा साथियों आज मैं आप लोगों से उस खास कैलेंडर My-Bharat के बारे में बात करना चाहूंगा, जिसे इस गर्मी की छुट्टियों के लिए तैयार किया गया है। इस कैलेंडर से कुछ अनूठे प्रयासों को साझा करना चाहता हूं। जैसे My-Bharat के स्टडी टूर में आप ये जान सकते हैं कि हमारे जन औषधि केंद्र कैसे काम करते हैं।"
पीएम मोदी ने गर्मी की छुट्टियों को लेकर दिया खास सुझाव
पीएम मोदी ने छात्रों से कहा, "आप Vibrant Village अभियान से जुड़कर सीमावर्ती गांवों में एक अनोखा अनुभव ले सकते हैं। अंबेडकर जयंती पर पदयात्रा में हिस्सा लेकर आप संविधान के मूल्यों को लेकर जागरूकता भी फैला सकते हैं।"
उन्होंने कहा, "बच्चों और उनके अभिभावकों से मेरा अनुरोध है कि वे गर्मी की छुट्टियों के अनुभवों को #HolidayMemories के साथ जरूर साझा करें। मैं आपके अनुभवों को आगे आने वाली मन की बात में शामिल करने का प्रयास करूंगा।"
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सुप्रीम कोर्ट का जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करना खतरनाक मिसाल, कैश कांड में कपिल सिब्बल ने ऐसा क्यों कहा?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जस्टिस यशवंत वर्मा के घर में मिले कैश मामले में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कपिल सिब्बल ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करने का सुप्रीम कोर्ट का फैसला एक खतरनाक ट्रेंड हैं। सिब्बल का कहना है कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती है तब तक किसी भी जिम्मेदार नागरिक को इस मामले में टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।
यह खतरनाक मिसालसुप्रीम कोर्ट द्वारा जांच रिपोर्ट, वीडियो और फोटो जारी करने पर सिब्बल ने अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा कि ये उनके विवेक पर निर्भर करता है। यह गलत है या सही... यह समय बताएगा। अदालत ही दस्तावेज का स्रोत है। इस पर लोग भी विश्वास कर लेते हैं। मगर यह सच है या नहीं... ये बाद में तय होगा। मेरा मानना है कि यह खतरनाक मिसाल है। संस्थागत प्रतिक्रिया में संस्थान को लिखित में लागू करना चाहिए कि क्या करना चाहिए।
कपिल सिब्बल का कहना है कि इस पर बार के साथ सलाह करके निर्णय लिया जाना चाहिए। न्यायाधीशों के बारे में हम जीतना जानते हैं... वो भी उतना ही जानते हैं। इन मुद्दों से निपटने और तंत्र बनाने के लिए एक समिति होनी चाहिए। अगर इन चीजों को सार्वजनिक किया जाता है तो संस्था पहले ही हार चुकी होती है।
अभी तो जांच भी पूरी नहीं हुईजस्टिस यशवंत वर्मा मामले में सिब्बल ने कहा कि जब तक कोई व्यक्ति दोषी नहीं पाया जाता है तब तक उसे निर्दोष माना जाता है। इस मामले में तो अभी तक जांच भी पूरी नहीं हो पाई है। जांच पूरी नहीं होने तक किसी भी जिम्मेदार नागरिक को इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहिए।
14 मार्च को मिला था कैश14 मार्च को नई दिल्ली स्थित जस्टिस यशवंत वर्मा के घर पर आग लगने की घटना सामने आई थी। इसी दौरान कथित तौर पर उनके घर से नकदी मिलने के खुलासे से हड़कंप मच गया था। बाद में उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट से इलाहाबाद हाईकोर्ट ट्रांसफर कर दिया गया था।
तीन सदस्यीय कमेटी करेगी जांच22 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया। इस कमेटी में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश शील नागू, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जीएस संधावालिया और कर्नाटक उच्च न्यायालय की न्यायाधीश अनु शिवरामन को शामिल किया गया है। यह कमेटी मामले की जांच करेगी। शीर्ष अदालत ने दिल्ली हाई कोर्ट की संशोधित आंतरिक जांच रिपोर्ट भी सार्वजनिक की। अदालत ने वीडियो और तस्वीरों को भी साझा किया।
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'ऊर्जा क्षेत्र में होने वाले हैं कई बदलाव', देश को आधार कार्ड देने वाले नंदन नीलेकणी का बड़ा दावा; क्या करने वाली है सरकार?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इन्फोसिस के सह-संस्थापक और आधार के निर्माता नंदन नीलेकणी का मानना है कि भारत में ऊर्जा क्षेत्र में अगला बड़ा बदलाव होगा, जैसा कि यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ने देश के वित्तीय क्षेत्र में क्रांति ला दी है।
एक कार्यक्रम में उद्यमियों से बात करने के दौरान उन्होंने घरों में सोलर पैनल लगाने और लोगों को ऊर्जा के उत्पादन और उपभोग में भागीदार बनाने की बात की।
घरों में सोलर पैनल और EV बैटरियां
नीलेकणी ने कहा कि अब हम ऊर्जा को छोटे पैमाने पर खरीदते हैं, जैसे एलपीजी गैस सिलेंडर खरीदना, लेकिन बिजली हमेशा हम ग्रिड से ही लेते थे। लेकिन अब, हर घर सोलर पैनल लगाया जा सकता है और हर घर में इलेक्ट्रिक वाहन (EV) की बैटरी होगी।
उन्होंने कहा, इसका मतलब यह है कि हर घर ऊर्जा का उत्पादक, विक्रेता और खरीदार बनेगा। यह बदलाव भारत में ऊर्जा क्षेत्र को डिजिटल पेमेंट्स की तरह बदलने की संभावना को जन्म देगा।
UPI की सफलता की कहानी
बता दें, UPI जो पिछले एक दशक में भारत के डिजिटल भुगतान प्रणाली का अहम हिस्सा बना है, अब देश में 80 प्रतिशत रिटेल भुगतान का हिस्सा है। इसकी उपयोग में आसानी और बैंकिंग नेटवर्क के बढ़ते विस्तार ने UPI को करोड़ों यूज़र्स के लिए प्राथमिक भुगतान का तरीका बना दिया है।
UPI की अंतरराष्ट्रीय सफलता
UPI की सफलता केवल भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि यह अब सात देशों में सक्रिय है। यूएई, सिंगापुर, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, फ्रांस और मॉरीशस जैसे देशों में भी UPI का उपयोग हो रहा है, जिससे भारतीय नागरिक अब अंतरराष्ट्रीय भुगतान भी कर सकते हैं।
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Kerala: कलीग के साथ रिलेशनशिप में थी IB अधिकारी, पिता का खुलासा; रेलवे ट्रैक पर मिला था शव
आईएएनएस, तिरुवनंतपुरम। केरल के तिरुअनंतपुरम में रेलवे ट्रैक के पास इस सप्ताह की शुरुआत में जिस इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) अधिकारी का शव मिला था, उसके पिता ने खुलासा किया है कि वह अपने सहकर्मी के साथ रिलेशनशिप में थी।
24-वर्षीय मेघा तिरुअनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर इमिग्रेशन विभाग में काम करती थी। उसके पिता मधुसूदनन ने कहा कि मेघा ने कभी भी अपने रिश्ते के बारे में उनसे बात नहीं की, लेकिन उसने अपनी मां को इस बारे में बताया था।
पिता ने किया खुलासामधुसूदनन ने कहा कि यह रिश्ता तब शुरू हुआ जब मेघा और उसका सहकर्मी एस. सुरेश पिछले साल राजस्थान में ट्रेनिंग के लिए गए थे। उन्होंने कहा कि उसकी मौत के बाद हमने उसके बैंक ट्रांजैक्शन की जांच की और पाया कि वह अपनी सारी कमाई सुरेश को ट्रांसफर कर रही थी।
बेटी ने खुद बताई थी रिलेशनशिप की बातमधुसूदनन ने एक घटना को याद किया जब उन्हें कोच्चि से टोल भुगतान के लिए अधिसूचना मिली। इसके कारण उन्होंने मेघा से उसकी वहां मौजूदगी के बारे में पूछा। सर्विस ज्वाइन करने के कुछ महीने बाद मैंने उसके लिए एक कार खरीदी। एक दिन मुझे अपने मोबाइल पर कोच्चि में एकत्र किए गए टोल राशि के बारे में एक संदेश मिला। जब मैंने उससे पूछा कि वह कोच्चि में क्यों थी तो उसने मुझे सुरेश के बारे में बताया।
मेघा की तनख्वाह भी सुरेश खाते में हो रहा था हस्तांतरितउसके बैंक स्टेटमेंट की आगे की जांच से पता चला कि मेघा का वेतन नियमित रूप से सुरेश को हस्तांतरित किया जाता था, जो कभी-कभी उसे बदले में छोटी रकम भेजता था। उन्होंने कहा कि अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले मेघा के कुछ सहकर्मियों ने हमें बताया कि आर्थिक तंगी के कारण वह अक्सर खाना नहीं खाती थी। जब उससे पूछा गया तो उसने बताया कि उसका पैसा परिवार को भेज दिया गया है।
हाल ही में वह उदास और अलग-थलग रहने लगी थी।'' परिवार ने जांच में मदद के लिए मेघा का लैपटाप पुलिस को सौंप दिया है। मेघा का शव सोमवार (24 मार्च) की सुबह एयरपोर्ट के नजदीक रेलवे ट्रैक के पास मिला, जब वह अपनी नाइट शिफ्ट पूरी करने के कुछ ही देर बाद घर लौटी थी।
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डिफेंस प्रोडक्शन में भारत का जलवा, 2029 तक तीन लाख करोड़ का रक्षा उत्पादन करने की तैयारी
आईएएनएस, नई दिल्ली। भारत सरकार का लक्ष्य 2029 तक रक्षा उत्पादन बढ़ाकर तीन लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाने और 50 हजार करोड़ रुपये की रक्षा सामग्री के निर्यात का है। यह जानकारी रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर दी है।
सरकार ने बताया है कि उसकी योजना भारत को रक्षा सामग्री के उत्पादन का हब बनाने की है। रक्षा उत्पादन बढ़ाने से रक्षा सामग्री के आयात पर हमारी निर्भरता कम हो रही है और हम आत्मनिर्भर बनने के साथ ही रोजगार पैदा कर रहे हैं और विदेशी मुद्रा भी प्राप्त कर रहे हैं।
बयान में बताया है कि देश में रक्षा सामग्री के उत्पादन में 16 सरकारी उपक्रमों के साथ ही 430 लाइसेंस प्राप्त कंपनियां भी जुटी हुई हैं। इसके साथ ही 16 हजार लघु उद्योग भी उत्पादन को बढ़ाने में योगदान दे रहे हैं। देश के रक्षा उत्पादन में निजी क्षेत्र प्रमुख भूमिका निभा रहा है। कुल उत्पादन में करीब 21 प्रतिशत का वह योगदान दे रहा है।
भारत के रक्षा उत्पादों की बढ़ रही डिमांडसरकार ने कहा है कि इसी बढ़ती कार्यक्षमता के चलते ही 2029 तक 50 हजार करोड़ रुपये की सामग्री के प्रतिवर्ष निर्यात का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। बताया कि 2004 से 2014 के बीच देश ने कुल 4,312 करोड़ रुपये की रक्षा सामग्री का निर्यात हुआ जबकि 2014 से 2024 के बीच वह बढ़कर 88,319 करोड़ हो गया। यह विश्व में भारत के रक्षा उत्पादों की बढ़ती मांग का उदाहरण है।
रक्षा सामग्री का निर्यात प्रतिवर्ष 32.5 प्रतिशतभारत का रक्षा सामग्री का निर्यात प्रतिवर्ष 32.5 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है। भारत इस समय विश्व के 100 से ज्यादा देशों को रक्षा सामग्री का निर्यात कर रहा है। भारत जिन देशों को अपने उत्पाद निर्यात कर रहा है उनमें अमेरिका, फ्रांस और आर्मेनिया मुख्य हैं।
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'भाषा के नाम पर देश मत तोड़ो', राजनाथ सिंह बोले- कुछ लोग तमिल और हिंदी को लेकर विवाद पैदा कर रहे
पीटीआई, नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को भाषा के मुद्दे पर द्रमुक के रुख की आलोचना की और कहा कि भाजपा हिंदी और अन्य सभी भारतीय भाषाओं की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं के बीच कोई प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि सहयोग की भावना है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि भाषा के नाम पर देश को तोड़ने की कोशिशें बंद होनी चाहिए। तमिल रानी वेलु नचियार को श्रद्धांजलि देने के लिए भाजपा महिला मोर्चा द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजनाथ ने कहा कि कुछ लोग तमिल और हिंदी को लेकर विवाद पैदा कर रहे हैं।
केंद्र पर हिंदी थोपने का आरोपउन्होंने उत्तर भारत में वेलु नचियार के बारे में जागरूकता फैलाने के प्रयास की सराहना की। रक्षा मंत्री ने कहा कि हिंदी और अन्य भारतीय भाषाएं एक-दूसरे को मजबूत बनाती हैं। तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रमुक भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर हिंदी थोपने का आरोप लगा रही है।
दोनों दलों के बीच वाकयुद्ध और तेज होने वाला है, क्योंकि राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाला है। राजनाथ ने कहा कि कुछ लोग मुगल शासक औरंगजेब को अपना आदर्श मानते हैं, जिसने अन्य धर्मों के अनुयायियों पर अत्याचार किया था।
रक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के युग की शुरुआत की है। अब उन्हें सशस्त्र बलों में स्थायी कमीशन मिल रहा है।
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'हिंदुत्व का मतलब राष्ट्रवाद है, हमें गर्व है कि हम हिंदू हैं', एक टीवी कार्यक्रम में बोले मोहन यादव
एएनआई, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने हिंदू धर्म को राष्ट्रवाद से जोड़ते हुए कहा कि हिंदू धर्म व्यक्ति की राष्ट्रीयता से बहुत करीब से जुड़ा हुआ है।
मोहन यादव ने गर्व से खुद को हिंदू बतायाशनिवार को यहां एक निजी टीवी चैनल के कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि जिस तरह अमेरिका में रहने वाले लोगों को अमेरिकी या रूस में रहने वाले लोगों को रूसी कहा जाता है, उसी तरहउन्होंने भी गर्व से खुद को हिंदू बताया। उन्होंने इस बात पर आश्चर्य जताया कि इसमें आखिर क्या गलत है।
राष्ट्रवाद और हिंदुत्व एक ही हैं- मोहन यादवमुख्यमंत्री ने कहा, ''हिंदुत्व का मतलब राष्ट्रवाद है। हमें गर्व है कि हम हिंदू हैं। राष्ट्रवाद और हिंदुत्व एक ही हैं। अगर कोई हमारे राष्ट्र को चुनौती देता है तो हम उसे कैसे छोड़ेंगे? अमेरिका में रहने वाले लोगों को अमेरिकी कहा जाता है, रूस में रहने वाले लोगों को रूसी कहा जाता है, और इसी तरह, यहां हिंदुस्तान में रहने वाले लोग हिंदू होंगे। हां, मुझे गर्व है कि मैं हिंदू हूं। इसमें क्या गलत है?''
मोहन यादव ने भारत में हिंदू मंदिरों के भविष्य के लिए भी अपनी उम्मीदें जताईं। वह इस बात से रोमांचित थे कि अयोध्या में भगवान राम के मंदिर का निर्माण कार्य संपन्न होने वाला है और उन्हें उम्मीद है कि मथुरा में भगवान कृष्ण का मंदिर भी जल्द ही बनकर तैयार हो जाएगा।
मैं कोर्ट का सम्मान करता हूं- सीएमउन्होंने कहा, ''यह बहुत अच्छा लगता है कि भगवान राम सरयू नदी के तट पर विराजते हैं और अगर भगवान ने चाहा तो आने वाले समय में भगवान कृष्ण भी मथुरा में ही विराजेंगे। मैं कोर्ट का सम्मान करता हूं क्योंकि उसने भगवान राम (अयोध्या राम मंदिर के बारे में फैसले का जिक्र करते हुए) का मामला भी उठाया। यह कांग्रेस ही है जिसने मामले को बिगाड़ा है। अगर भगवान कृष्ण का जन्म मथुरा में नहीं हुआ तो फिर कहां हुआ? मेरा मानना है कि न्याय व्यवस्था सब जानती है और वह सबूतों के आधार पर जवाब देगी और हम भी उसी का इंतजार कर रहे हैं।''
जवाबी टैरिफ पर यूटर्न लेंगे ट्रंप? भारत-अमेरिका की बैठक में बनी बात, 2 अप्रैल से पहले मिली खुशखबरी
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत-अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौता (बीटीए) की शुरुआत को लेकर अमेरिकी सरकार के अधिकारियों के साथ पिछले तीन दिनों से चल रही वार्ता सकारात्मक माहौल में समाप्त हो गई।
वार्ता में यह तय हुआ कि अगले सप्ताह से व्यापार से जुड़े प्रत्येक सेक्टर के दोनों देशों के विशेषज्ञ वर्चुअल रूप से बैठक करेंगे, ताकि बीटीए को आगे ले जाने का रास्ता साफ हो सके। इसके साथ ही अब अमेरिका की तरफ से आगामी दो अप्रैल से भारत पर पारस्परिक शुल्क नीति लागू करने की संभावना काफी कम होती दिख रही है।
व्यापार बढ़ाने पर बनी थी सहमतिप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान ट्रंप सरकार ने दोनों देशों के बीच आपसी व्यापार को वर्ष 2030 तक 500 अरब डॉलर तक ले जाने की घोषणा की थी। फिलहाल दोनों देशों के बीच वस्तु व सर्विस को मिलाकर 190 अरब डॉलर का व्यापार किया जाता है।
इस घोषणा के बाद वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल बीटीए पर वार्ता शुरू करने के मामले को लेकर अमेरिका दौरे पर गए थे। उसके बाद बीटीए वार्ता के लिए भारत आए अमेरिका के सरकारी अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल से गत 26 मार्च से वाणिज्य विभाग के अतिरिक्त सचिव राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में बातचीत चल रही थी।
शुल्क में कमी कराने की कोशिश में भारत- वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय के मुताबिक वार्ता में विभिन्न सेक्टर पर दोनों देशों में लगने वाले शुल्क में अपनी-अपनी सहूलियत के हिसाब से बदलाव, कई वस्तुओं के लिए बाजार को अधिक सुगम बनाने और आपसी सप्लाई चेन स्थापित करने के मुद्दों पर सकारात्मक चर्चा हुई। बताया गया कि दोनों देश एक-दूसरे के हित को देखते हुए आपसी रजामंदी के साथ व्यापारिक समझौते के लिए आगे बढ़ रहे हैं।
- इस साल बीटीए के पहले चरण को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। दोनों देशों के बीच इस सफल वार्ता के बाद यह माना जा रहा है कि अमेरिका अब भारत पर पारस्परिक शुल्क नहीं लगाकर बीटीए के तहत भारत से शुल्क में कमी कराने की कोशिश करेगा। वैसे भी भारत ने चालू वित्त वर्ष के लिए पिछले साल जुलाई में पेश होने वाले बजट में ही अमेरिका से आने वाली बाइक, दवा जैसे कई आइटम पर शुल्क में कटौती कर दी थी।
- भारत के रुख से साफ है कि अभी अमेरिका से आने वाली कई अन्य वस्तुओं के शुल्क में कटौती की जा सकती है जो भारत के व्यापारिक हित में भी है। क्योंकि अमेरिका भारत का सबसे बड़ा निर्यात बाजार है और वैश्विक व्यापारिक परिस्थितियों को देखते हुए भविष्य में अमेरिका में भारत को अपने निर्यात बढ़ाने की बड़ी गुंजाइश दिख रही है।
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ISRO के नाम एक और सफलता, सेमीक्रायोजेनिक इंजन बनाने में मिली कामयाबी; जानिए इससे कितना फायदा होगा
पीटीआई, बेंगलुरु। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 2,000 किलोन्यूटन के उच्च थ्रस्ट वाले सेमीक्रायोजेनिक इंजन या तरल ऑक्सीजन/केरोसिन इंजन को विकसित करने में महत्वपूर्ण प्रगति हासिल करने की घोषणा की है। यह इंजन प्रक्षेपण यान मार्क-3 (एलवीएम3) के सेमीक्रायोजेनिक बूस्टर चरण में मदद करेगा।
इसरो के अनुसार, सेमीक्रायोजेनिक इंजन विकसित करने के कार्यक्रम में पहली बड़ी सफलता 28 मार्च को मिली, जब तमिलनाडु में महेंद्रगिरि के इसरो प्रणोदन परिसर में इंजन पावर हेड टेस्ट आर्टिकल (पीएचटीए) का पहला हाट टेस्ट सफल रहा। इसरो के अनुसार शुक्रवार के परीक्षण ने 2.5 सेकंड की परीक्षण अवधि के लिए इंजन के सुचारू इग्निशन और बूस्ट स्ट्रैप मोड संचालन को प्रदर्शित किया।
पीएचटीए पर कई परीक्षण करने की योजनापरीक्षण पूर्वानुमान के अनुसार हुआ और इंजन के सभी मापदंड उम्मीद के मुताबिक रहे। इस सफलता के साथ इसरो पूरी तरह से एकीकृत इंजन के निर्माण से पहले पीएचटीए पर कई परीक्षण करने की योजना बना रहा है, ताकि इसके प्रदर्शन को और अधिक प्रमाणित और परिष्कृत किया जा सके।
इसरो का द्रव्य प्रणोदन प्रणाली केंद्र सेमी क्रायोजेनिक प्रणोदन इंजन और स्टेज का विकास कर रहा है। 2,000 केएन सेमी-क्रायोजेनिक इंजन द्वारा संचालित स्टेज (एससी120) पेलोड वृद्धि के लिए एलएमवी3 के वर्तमान कोर लिक्विड स्टेज (एल110) की जगह लेगा और भविष्य के प्रक्षेपण यानों के बूस्टर चरणों को शक्ति प्रदान करेगा।
थ्रस्टर का 1000 घंटे का परीक्षण सफल- इसरो ने 300 मिलिन्यूटन स्टेशनरी प्लाज्मा थ्रस्टर पर 1,000 घंटे के जीवनकाल का परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया। यह उपग्रहों की विद्युत प्रणोदन प्रणाली में शामिल करने के लिए विकसित किया गया है। विद्युत प्रणोदन प्रणाली का इस्तेमाल भविष्य के सेटेलाइट में रासायनिक प्रणोदन प्रणाली के स्थान पर किया जाएगा।
- इससे ऐसे संचार उपग्रहों के लिए मार्ग प्रशस्त होगा, जो कक्षा उन्नयन समेत अन्य कार्यों के लिए केवल विद्युत प्रणोदन प्रणाली का उपयोग करेंगे। इन थ्रस्टर के शामिल होने से संचार उपग्रहों में ट्रांसपोंडर क्षमता को बढ़ाने में मदद मिलेगी। यह परीक्षण 5.4 किलोवाट के पूर्ण शक्ति स्तर पर उस कक्ष में किया गया, जो अंतरिक्ष की स्थितियों के अनुसार काम करता है।
- यह उपग्रहों में शामिल किए जाने से पहले थ्रस्टर्स की विश्वसनीयता को प्रदर्शित करने के लिए मील का पत्थर है। विद्युत प्रणोदन प्रणाली को इसरो के आगामी प्रौद्योगिकी प्रदर्शन उपग्रह (टीडीएस-01) में शामिल करने और मान्य करने का प्रस्ताव है और इसका उपयोग भूस्थिर कक्षा में आर्बिट बढ़ाने के लिए किया जाएगा।
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Chennai: NEET परीक्षा की तैयारी कर रही छात्रा ने की आत्महत्या, विपक्ष ने डीएमके सरकार पर साधा निशाना
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई के पास केलम्बक्कम से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। यहां पर NEET परीक्षा की तैयारी कर रही एक छात्रा ने आत्महत्या कर ली। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि 21 वर्षीय देवदर्शिनी नाम की छात्रा एक कोचिंग संस्थान में पढ़ाई कर रही थी और NEET परीक्षा की तैयारी कर रही थी। मई में परीक्षा का आयोजन होने वाली है। बताया गया कि छात्रा पिछले चार बार से परीक्षा को पास करने में असफल रही। इस कारण वह तनाव में थी।
पिता चलाते हैं बेकरी की दुकानमृतका छात्रा के पिता सेल्वराज चेन्नई से करीब 40 किलोमीटर दूर केलम्बक्कम में एक बेकरी चलाते हैं। बताया जा रहा है कि परिवार चेन्नई से वहां इसलिए आया था क्योंकि शहर में उनकी दुकान अच्छी नहीं चल रही थी।
माता-पिता से छात्रा ने कही थी ये बातमामले की जांच कर रहे एक अधिकारी ने बताया कि देवदर्शिनी ने अपने माता-पिता से कहा था कि वह परीक्षा को लेकर तनाव में है। हालांकि, उसके पिता ने आश्वस्त किया था कि उसको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। शुक्रवार को देवदर्शिनी ने अपने पिता के साथ बेकरी की दुकान पर दोपहर तक समय बिताया। इसके बाद उसने कहा कि वह घर जा रही है और कुछ समय बाद वापस आएगी। कुछ समय बाद छात्रा की मां ने उसे कमरे में फंदे से लटके पाया।
विपक्ष ने उठाए सवालइस घटना के बाद तमिलनाडु में डीएमके सरकार पर विपक्ष ने हमला बोला है। राज्य में पिछले आठ सालों में कम से कम 20 NEET उम्मीदवारों ने आत्महत्या की है। राज्य की एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली सरकार और AIADMK ने पहले भी केंद्रीय परीक्षा का विरोध किया है। उनका कहना है कि इस परीक्षा में प्रवेश कक्षा 12वीं के नंबरों के आधार पर किया जाए। इन दोनों दलों ने तर्क दिया है कि NEET संपन्न परिवारों के छात्रों को तरजीह देता है।
बता दें कि साल 2021 में तमिलनाडु विधानसभा ने NEET से छूट की एक मांग वाला विधेयक भी पारित किया था। उधर, देवदर्शिनी की आत्महत्या के बाद AIDMK के महासचिव एडप्पादी के. पलानीस्वामी ने स्टालिन सरकार और उनकी पार्टी पर निशाना साधा है। AIDMK ने स्टालिन सरकार पर छात्रों को धोखा देने का आरोप लगाया है।
सरकार पर विपक्ष ने साधा निशानाAIDMK के महासचिव पलानीस्वामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि डीएमके ने झूठ बोला और छात्रों को धोखा दिया कि अगर वह सत्ता में आई तो तमिलनाडु में एनईईटी नहीं होगा। क्या एनईईटी के कारण लगातार हो रही मौतें डीएमके के लिए चिंता का विषय नहीं हैं? चुनावी लाभ के लिए बोले गए आपके बड़े झूठ से आपके हाथों पर जो खून के धब्बे जमा होते जा रहे हैं, उन्हें आप कैसे धोएंगे?
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