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पलक झपकते ही दुश्मन का टैंक होगा नष्ट, सेना ने किया FPV ड्रोन का सफल परीक्षण; जानिए खासियत
एएनआई, नई दिल्ली। भारतीय सेना ने एक ऐसा 'आत्मघाती' ड्रोन विकसित किया है, जो पलक झपकते ही दुश्मन के टैंक को नष्ट कर सकता है। सेना की फ्लेर-डी-लीस बिग्रेड ने फर्स्ट-पर्सन व्यू (एफपीवी) ड्रोन का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है।
यह आत्मघाती हमले में भूमिका के साथ एंटी-टैंक हथियार से लैस है। यह अपनी तरह की पहली परियोजना है, जो रक्षा क्षेत्र में भविष्य की चुनौतियों के लिए अहम मानी जा रही है। इस ड्रोन का परीक्षण पंजाब के पठानकोट में किया गया है।
FPV ड्रोन का सफल परीक्षणफ्लेर-डी-लीस बिग्रेड ने सामरिक रूप से महत्वपूर्ण एफपीवी ड्रोन का सफल परीक्षण करके मील का पत्थर हासिल किया है। यह कामिकाजे भूमिका वाले एंटी-टैंक हथियार से लैस है। एफपीवी ड्रोन को डीआरडीओ के चंडीगढ़ स्थित टर्मिनल बैलिस्टिक्स रिसर्च लेबोरेटरी (टीबीआरएल) के सहयोग से विकसित किया गया है।
#WATCH | In first of its kind project, Indian Army's Fleur-De-Lis Brigade successfully tests an FPV drone equipped with an impact-based, kamikaze-role anti-tank munition
(Source: Indian Army) pic.twitter.com/Q4j9rFOTxU
अगस्त 2024 में शुरू इस पहल के तहत किफायती, उच्च प्रभाव वाले हवाई हमले की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए व्यापक अनुसंधान, विकास और परीक्षण किए गए हैं। एफपीवी ड्रोन को पूरी तरह राइजिंग स्टार ड्रोन बैटल स्कूल में असेंबल किया गया। इसने मार्च, 2025 तक 100 से अधिक ड्रोन बनाए हैं।
ड्रोन कई युद्धक अभियानों के लिए सटीकऑपरेटर की सुरक्षा बढ़ाने के लिए पेलोड सिस्टम में एक दोहरे सुरक्षा तंत्र को शामिल किया गया है। यह परिवहन, संचालन और उड़ान के दौरान दुर्घटनावश विस्फोट को रोकता है। इससे पायलटों और ड्रोन का संचालन करने वाले कर्मियों के लिए जोखिम कम होता है। यह नया ड्रोन कई युद्धक अभियानों के लिए सटीक है।
बता दें कि कामिकाजे एक जापानी शब्द है। यह द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हमला करने वाली एक विशेष इकाई से जुड़ा था। इसमें पायलट लड़ाकू विमान को क्रैश कर आत्मघाती हमले को अंजाम देते थे।
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जगजीत सिंह डल्लेवाल की सुप्रीम कोर्ट ने की तारीफ, कहा- बिना राजनीतिक एजेंडा किसानों के मु्द्दे उठाए
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि लगभग चार माह से किसानों की विभिन्न मांगों के समर्थन में अपनी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल खत्म करने वाले जगजीत सिंह डल्लेवाल बिना राजनीतिक एजेंडे वाले वास्तविक नेता हैं।
जस्टिस सूर्य कांत एवं जस्टिस एन. कोटिस्वर सिंह की पीठ को पंजाब के महाधिवक्ता गुरमिंदर सिंह ने बताया कि खनौरी व शंभू बार्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को तितर-बितर कर दिया गया है और सभी बंद पड़ी सड़कों व राजमार्गों को खोल दिया गया है।
कोर्ट ने कहा- किसानों के वास्तविक मुद्दे उठाएशीर्ष अदालत ने डल्लेवाल की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने बिना राजनीतिक एजेंडे के किसानों के वास्तविक मुद्दों को उठाया। अदालत ने कहा, 'हम जानते हैं कि कुछ लोग किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं चाहते थे। हम अनभिज्ञ नहीं हैं, हम सब कुछ जानते हैं।'
पीठ ने पंजाब एवं हरियाणा की सरकारों से कहा कि वर्तमान जमीनी हकीकत पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करें। दूसरी तरफ सिंह ने कहा, 'हरियाणा ने भी राजमार्गों से सभी बैरिकेड्स हटा दिए हैं और यातायात सुचारू रूप से चल रहा है। यह यात्रियों की रोज की पीड़ा थी, जो हमारे ध्यान में थी। महाधिवक्ता ने कहा कि राजमार्गों के खुल जाने से लाखों लोगों को फायदा होगा क्योंकि पहले उन्हें घूमकर जाना पड़ता था।'
पूरक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा- अदालत ने कहा कि सड़कों पर विरोध प्रदर्शनों के कारण लोगों को परेशानी नहीं होनी चाहिए और जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में सुचारू यातायात का उदाहरण दिया। शीर्ष अदालत ने सितंबर, 2024 में प्रदर्शनकारी किसानों की शिकायतों का सर्वसम्मति से समाधान करने के लिए उच्चस्तरीय समिति का गठन किया था।
- पीठ ने पूर्व हाई कोर्ट जज की अध्यक्षता वाली इस समिति से कहा है कि वह किसानों की शिकायतों पर ध्यान दे और अगली पूरक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करे। पीठ ने डल्लेवाल को चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने के उसके आदेश का अनुपालन नहीं करने के लिए पंजाब के मुख्य सचिव व पुलिस महानिदेशक के विरुद्ध शुरू की गई अवमानना कार्यवाही भी खत्म कर दी।
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दो हजार किलोमीटर दूर से डॉक्टरों ने किया दिल का ऑपरेशन, जानें कैसे हुआ ये 'चमत्कार'
आईएएनएस, बेंगलुरु। कर्नाटक में स्वास्थ्य सेवा को सुलभ बनाने के लिए लगातार किए जा रहे प्रयासों का फल दिखने लगा है। मरीज से दो हजार किलोमीटर दूर बैठे डॉक्टरों ने दिल का सफल ऑपरेशन किया है। इस सर्जरी को भारत की स्वदेशी सर्जिकल रोबोटिक प्रणाली, एसएसआइ मंत्रा की मदद से किया गया।
सर्जिकल रोबोटिक सिस्टम निर्माता एसएस इनोवेशन ने शुक्रवार को बताया कि गुरुग्राम स्थित एसएस इनोवेशन के मुख्यालय से बेंगलुरु के एस्टर सीएमआइ अस्पताल में 35 वर्षीय मरीज की टेली-रोबोटिक इंट्राकार्डियक सर्जरी की गई। दो घंटे और 40 मिनट तक चली इस सर्जरी में जटिल एट्रियल सेप्टल डिफेक्ट (एएसडी) को बंद किया गया। यह एक जन्मजात स्थिति है जिसमें दिल में एक छोटा सा छेद हो जाता है।
दुनियाभर में इकलौता टेलीसर्जरी रोबोटिक सिस्टमएसएस इनोवेशन के संस्थापक, अध्यक्ष और सीईओ डा. सुधीर श्रीवास्तव ने कहा, टेलीसर्जरी के साथ हम सुनिश्चित कर रहे हैं कि विश्व स्तरीय शल्य चिकित्सा विशेषज्ञता दूरदराज के क्षेत्रों तक पहुंचे। हमने प्रदर्शित किया है कि कैसे दूरी अब उन्नत चिकित्सा देखभाल के लिए बाधा नहीं है। एसएस इनोवेशन द्वारा विकसित, एसएसआइ मंत्र 3 सर्जिकल रोबोटिक सिस्टम दुनियाभर में एकमात्र रोबोटिक सिस्टम है जिसे टेलीसर्जरी और टेली-प्रोक्टरिंग के लिए अनुमोदन प्राप्त हुआ है।
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गुजरात हाईकोर्ट से आसाराम को बड़ी राहत, तीन महीने के लिए बढ़ाई अंतरिम जमानत
जेएनएन, जोधपुर। नाबालिक से यौन दुराचार के मामले में जोधपुर की सेंट्रल जेल में बंद आसाराम को सूरत रेप केस में गुजरात हाई कोर्ट से 3 महीने की अंतरिम जमानत मिली है।
गुजरात हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने तीन महीने की अंतरिम जमानत को बढ़ाया है। आसाराम की ओर से पहले राजस्थान हाई कोर्ट में जमानत याचिका के लिए आवेदन किया गया था, राजस्थान हाईकोर्ट ने आसाराम को गुजरात हाईकोर्ट में जाने को कहा था । इस पर जोधपुर से ये याचिका विड्रॉ हो गई थी।
6 महीने की अंतरिम जमानत की याचिका में की थी मांगआसाराम की ओर से गुजरात हाईकोर्ट में 6 महीने की अंतरिम जमानत के लिए याचिका दायर की गई थी । इस याचिका पर गुजरात हाईकोर्ट में 25 मार्च को जज इलेश जे वोरा और संदीप एन भट्ट की बेंच में सुनवाई हुई , लेकिन दोनों जजों की अलग-अलग राय होने के कारण सहमति नहीं बन पाई ,इसके बाद यह मामला गुजरात हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को ट्रांसफर किया गया था। गुजरात सीजे ने 3 महीने की जमानत याचिका को स्वीकार किया।
इस फैसले के बाद अब आसाराम की ओर से जोधपुर रेप केस में भी अंतरिम जमानत को बढ़ाने को लेकर याचिका दायर की जाएगी। दरअसल , आसाराम पर गुजरात के गांधीनगर और राजस्थान के जोधपुर में रेप के मामले दर्ज है । दोनों ही मामलों में उसे उम्रकैद की सजा सुनाई जा चुकी है । गुजरात से जुड़े केस में उसे 7 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट से बेल मिली थी । इसके बाद 14 जनवरी को जोधपुर मामले में भी 31 मार्च तक जमानत मिली थी ।
Gujarat High Court grants three-month temporary bail to self-proclaimed godman Asaram Bapu in a rape case. This was granted to him on medical grounds.
(File photo) pic.twitter.com/rxf3inzr7E
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केंद्र सरकार ने बढ़ाया महंगाई भत्ता, 49 लाख कर्मचारियों को होगा फायदा; जानिए अब कितना हुआ DA
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों को राहत पहुंचाने वाला निर्णय किया है। कैबिनेट ने शुक्रवार को केंद्रीय कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते (डीए) और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई राहत (डीआर) की एक अतिरिक्त किस्त जारी करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी।
इसके तहत वेतन व पेंशन की 53 प्रतिशत की मौजूदा दर में दो प्रतिशत की वृद्धि की गई है, ताकि महंगाई की भरपाई की जा सके। इस फैसले के बाद अब केंद्रीय कर्मचारियों का डीए बढ़कर मूल वेतन का 55 प्रतिशत हो गया है।
48 लाख कर्मचारियों को लाभमहंगाई भत्ते और महंगाई राहत में वृद्धि के कारण राजकोष पर प्रति वर्ष 6614.04 करोड़ रुपये का संयुक्त प्रभाव पड़ेगा। इससे केंद्र सरकार के लगभग 48.66 लाख कर्मचारियों और 66.55 लाख पेंशनभोगियों को लाभ होगा।
यह वृद्धि सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों पर आधारित स्वीकृत फॉर्मूले के अनुसार की गई है। वहीं 8वां वेतन आयोग लागू होने के बाद कर्मचारियों के वेतन में भी काफी बढ़ोतरी होगी।
कब लागू होगा 8वां वेतन आयोग?- 8वें वेतन आयोग के लागू होने को लेकर अभी तक कोई अधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स में दावा है 8 वें वेतन आयोग द्वारा लिए गए निर्णय, समीक्षा और सुझाव अगले साल जनवरी 2026 से लागू हो सकते हैं।
- बता दें कि 7वां वेतन आयोग जनवरी 2016 में लागू कर दिया गया था। लेकिन कर्मचारियों को इसका लाभ जुलाई 2016 से हुआ था। इस बैठक के सुझाव के तहत सरकार ने बेसिक सैलरी को 7000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये कर दिया था।
एक अन्य निर्णय में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इलेक्ट्रॉनिक्स सप्लाई चेन में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 22,919 करोड़ रुपये के वित्तपोषण के साथ इलेक्ट्रॉनिक्स घटक विनिर्माण योजना को मंजूरी दी।
इस योजना का उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक्स घटक विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र में बड़े वैश्विक और घरेलू निवेश को आकर्षित करके एक मजबूत घटक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करना, क्षमता और योग्यता विकसित करके घरेलू मूल्य संवर्धन (डीवीए) को बढ़ाना और भारतीय कंपनियों को वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं के साथ एकीकृत करना है।
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केंद्र सरकार ने दी सबसे बड़े रक्षा सौदे को मंजूरी, सेना को मिलेंगे 156 प्रचंड हेलीकॉप्टर; जानें खासियत
एएनआई, नई दिल्ली। रक्षा के क्षेत्र में भारत लगातार मजबूत हो रहा है। इस बीच केंद्र सरकार ने एक और सबसे बड़े रक्षा सौदे को मंजूरी दी है। दरअसल, भारत ने 156 मेड इन इंडिया एलसीएच प्रचंड हेलीकॉप्टर खरीदने के लिए अब तक के सबसे बड़े रक्षा सौदे को मंजूरी दे दी है।
रक्षा अधिकारियों द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की आज हुई बैठक में यह फैसला लिया गया। रक्षा मंत्रालय ने इस वित्त वर्ष में 2.09 लाख करोड़ रुपये से अधिक के अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए हैं।
HAL को सबसे बड़ा ऑर्डरयहां पर ध्यान देने वाली बात है कि इस रक्षा मंजूरी की स्वीकृति के बाद यह हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के लिए अब तक का सबसे बड़ा ऑर्डर होगा और हेलीकॉप्टरों का निर्माण कर्नाटक के बेंगलुरु और तुमकुर स्थित उनके संयंत्रों में किया जाएगा।
This would be the biggest order for Hindustan Aeronautics Limited (HAL) so far and the choppers would be built at their plants in Bengaluru and Tumkur in Karnataka: Defence Officials https://t.co/YUIePHvBrr pic.twitter.com/X3qNLGxUYC
— ANI (@ANI) March 28, 2025 जानिए प्रचंड हेलीकॉप्टर की खासियतहिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा विकसित एलसीएच 'प्रचंड' विभिन्न हथियार प्रणालियों से लैस है। यह ऊंचाई वाले क्षेत्रों में दुश्मन के टैंक, बंकर, ड्रोन को नष्ट करने में सक्षम है। हेलीकॉप्टर में आधुनिक विशेषताएं, मजबूत कवच सुरक्षा और रात्रि में भी हमले की क्षमता है। यह दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन में भी काम करने में पूरी तरह सक्षम है।
प्रचंड हवा से जमीन और हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों को दागने में भी सक्षम है और दुश्मन के हवाई रक्षा अभियानों को नष्ट कर सकता है। सरकार आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत मेक इन इंडिया के माध्यम से रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने के इरादे पर जोर दे रही है।
पिछले साल हुआ था सेना में शामिलइसका उपयोग धीमी गति से चलने वाले विमानों और दूर से संचालित विमानों (आरपीए) के खिलाफ भी किया जा सकता है। एलसीएच 'प्रचंड' को पिछले साल थलसेना और वायुसेना में शामिल किया गया था।
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भारत की महिलाओं-युवाओं के विकास के लिए यूनिसेफ और ग्रामीण विकास मंत्रालय ने मिलाया हाथ
नई दिल्ली। ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी) और यूनिसेफ युवाह (Unicef YuWaah) भारत के युवाओं और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए हाथ मिलाया है। इस कोलेबोरेशन का मकसद युवाओं और महिलाओं के कौशल, आर्थिक और सामाजिक अवसरों से जोड़कर सशक्त बनाना है। इस बारे में जारी एक बयान में मंत्रालय ने कहा कि इसके लिए एक स्टेटमेंट ऑफ इंटेंट (SOI) साइन किया गया है।
इस तीन साल की पार्टनरशिप के जरिए, यूनिसेफ युवाह और एमओआरडी पहले से राष्ट्रीय और राज्यीय स्तर पर चल रही पहलों पर काम करेंगे ताकि कौशल, आर्थिक अवसरों और सामाजिक प्रभाव के लिए स्केलेबल समाधानों का सह-निर्माण किया जा सके, जिसमें कमजोर आबादी पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इस पार्टनरशिप के जरिए मुख्य रूप से ओडिशा, झारखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश की एसएचजी महिलाओं और उनके परिवार की महिला सदस्यों (18-29 वर्ष) को नौकरियों, स्वरोजगार, उद्यमिता और कौशल से जोड़कर उन्हें सशक्त बनाने के लिए काम किया जाएगा।
ग्रामीण विकास मंत्रालय के एडिशनल सेक्रेटरी टीके अनिल कुमार ने कहा, "यह पार्टनरशिप बहुत ही सही समय पर आई है, क्योंकि यह बजट 2025-26 में घोषित रूरल प्रोस्पेरिटी और रेजिलिएंस प्रोग्राम के मुताबिक है। यह खासतौर से महत्वपूर्ण है, क्योंकि 10 करोड़ एसएचजी सदस्यों में से लगभग एक तिहाई युवा हैं, जो इस पहल में मुख्य भूमिका निभाएंगे।"
यूनिसेफ इंडिया की डिप्टी रिप्रेजेंटिव ऑपरेश्न्स, शारदा थापलिया ने कहा, “डिजिटल बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, कौशल विकास के रास्ते को बढ़ाने और इंटरप्रिन्योरशिप को बढ़ावा देने से, इस पार्टशिप में स्थायी आजीविका बनाने और स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को बदलने की क्षमता है। युवाओं और महिलाओं की आर्थिक भागीदारी में निवेश करना सिर्फ व्यक्तिगत प्रगति ही नहीं है, बल्कि यह समुदाय और राष्ट्रीय स्तर पर विकास को भी बढ़ावा देने के बारे में है।”
यह पहल युवा हब जैसी नवीन सुविधाओं को एकीकृत करेगा, जो नौकरियों, कौशल और वॉलंटियरिंग के लिए एक एग्रीगेटर प्लेटफॉर्म है। साथ ही इसके जरिए वुमन इंटरप्रिन्योर के लिए सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप 2,500 ‘लखपति दीदी’ बनाने के लिए स्केलेबल मॉडल का परीक्षण किया जाएगा। सफल होने पर, यह मॉडल 7,000 से ज्यादा ब्लॉक्स में 3.5 मिलियन महिलाओं तक पहुंच सकता है। डिजिटल और इंटरप्रीन्योरशिप के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए, पंचायत स्तर पर महिलाओं द्वारा संचालित 100 ‘कंप्यूटर दीदी केंद्र’ स्थापित किए जाएंगे।
युवा महिलाओं को सशक्त बनाने की पहलचिल्ड्रेन्स इन्वेस्टमेंट फंड फाउंडेशन द्वारा समर्थित डिजिटल गर्ल्स हब (डीजीएच) पहल, युवा हब और ग्रामीण बुनियादी ढांचे का लाभ उठाकर युवा महिलाओं के लिए स्किल्स और रोजगार को बढ़ाएगी।
‘दीदी की दुकान’: रिटेल स्टोर खुलेंगेआर्थिक सशक्तिकरण को आगे बढ़ाते हुए, पांच ब्लॉक्स में 250 ‘दीदी की दुकान’ रिटेल स्टोर स्थापित किए जाएंगे, जो स्थानीय उत्पादकों को व्यापक बाजारों से जोड़ने के लिए प्रशिक्षण, ब्रांडिंग, बाजार संपर्क और ऑनलाइन उपस्थिति प्रदान करेंगे।
कम्युनिटी मैनेजमेंट ट्रेनिंग सेंटर (CMTCs) आवासीय प्रशिक्षण प्रदान करेंगे, जबकि यह पहल ग्रामीण रोजगार के अवसरों का विस्तार करने के लिए सीएलएफ/एसएचजी नेटवर्क और प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करेगी। यूनिसेफ युवाह के साथ ग्रामीण विकास मंत्रालय की साझेदारी ग्रामीण युवाओं, विशेष रूप से महिलाओं को फाइनेंशियल फ्रीडम के लिए जरूरी स्किल्स और रिसोर्स के साथ सशक्त बनाकर विकास को बढ़ावा देने की भारत सरकार की प्रतिबद्धता को पूरा करती है। स्टेटमेंट ऑफ इंटेंट में बताई गई पहलों में स्थायी आजीविका के लिए एक राष्ट्रीय मॉडल बनने की क्षमता है, जो यह सुनिश्चित करेगी कि भारत की महिलाएं देश के आर्थिक विकास में आगे बढ़ें।
यूनिसेफ युवाह के बारे मेंयूएन यूथ पॉलिसी 2030 के हिस्से के रूप में, यूएन सेक्रेटरी- जनरल ने साल 2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में यूनिसेफ के ग्लोबल जनरेशन अनलिमिटेड (जेनयू) आंदोलन की शुरुआत की। यह पहल सीखने, कौशल विकास, रोजगार और जुड़ाव के अवसरों का विस्तार करके 10-24 वर्ष की आयु के युवाओं की जरूरतों को पूरा करती है।
जनरेशन अनलिमिटेड का भारत अध्याय, जिसे युवाह के नाम से जाना जाता है, नवंबर 2019 में लॉन्च किया गया था। साल 2030 तक, यूनिसेफ में युवाह का लक्ष्य है:
100 मिलियन युवाओं के लिए सामाजिक-आर्थिक अवसरों तक पहुंचने के लिए मार्ग बनाना। 200 मिलियन युवाओं को उत्पादक जीवन और काम के भविष्य के लिए प्रासंगिक कौशल हासिल करने में सक्षम बनाना। परिवर्तन-निर्माता के रूप में 300 मिलियन युवाओं के साथ भागीदारी करना, उन्हें अपने नेतृत्व कौशल विकसित करने के लिए स्थान प्रदान करना।
साल 2019 में महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा लॉन्च किए गए YuWaah को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी समर्थन पत्र के रूप में प्रोत्साहन के मजबूत शब्द मिले। Instagram, Facebook और Twitter पर YuWaah को फॉलो करें। अधिक जानकारी के लिए www.yuwaah.org पर जाएं।
राणा सांगा के मुद्दे पर कांग्रेस-बीजेपी साथ-साथ, राज्यसभा में चौतरफा घिरे सपा सांसद; सदन में मचा हंगामा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सपा नेता रामजी लाल सुमन की राणा सांगा पर टिप्पणी को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा सांसदों द्वारा कार्यवाही बाधित करने के कारण राज्यसभा की कार्यवाही 30 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।
क्या था सपा सांसद का बयान?
राज्यसभा में सपा सांसद द्वारा राणा सांगा पर दिए गए विवादित बयान को लेकर जमकर हंगामा हुआ था। सपा सांसद रामजी लाल सुमन ने अपने भाषण में राणा सांगा को 'गद्दार' करार देते हुए ये दावा किया था कि उन्होंने मुगल बादशाह बाबर को इब्राहिम लोदी को हराने के लिए भारत में आमंत्रित किया था।
सपा सांसद के इस बयान के बाद सियासी घमासान मच गया था। भाजपा नेताओं ने इस मामले पर तीखी प्रतिक्रिया दी थी। बीजेपी के आलावा कांग्रेस के नेताओं ने भी रामजीलाल सुमन के इस बयान की कड़ी निंदा की थी।
कांग्रेस ने की निंदा
राजस्थान से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा, "राणा सांगा इस देश के बहादुर थे। हम उनका हीरो की तरह सम्मान करते हैं। राणा सांगा किसी भी जाति या धर्म के नहीं, बल्कि देश के हीरो थे। मैं राणा सांगा को प्रणाम करता हूं।"
राजपूत संगठनों ने सदस्यता रद करने की मांग की
सदन में भारी हंगामे के बीच कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया था। सदन के बाहर भी इस मुद्दे ने खूब तूल पकड़ा और राजस्थान और उत्तर प्रदेश में राजपूत संगठनों ने सपा सांसद के खिलाफ कार्रवाई की मांग की और सदस्यता रद करने की मांग की।
Kunal Kamra: शिवसेना की धमकी से कुणाल कामरा की उड़ी नींद! मद्रास HC से अपील करते हुए कहा- 'मेरी जान को खतरा'
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर टिप्पणी कर घिरे स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा (Kunal Kamra) ने मद्रास उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। कामरा ने अपने खिलाफ दर्ज एक प्राथमिकी के संबंध में ट्रांजिट अग्रिम जमानत मांगी है। इस मामले की सुनवाई शुक्रवार को अदालत के दोपहर के सत्र में होने की संभावना है।
शिवसेना विधायक मुरजी पटेल की शिकायत के बाद कामरा के खिलाफ जीरो एफआईआर दर्ज की गई थी और बाद में इसे मुंबई के खार पुलिस थाने में ट्रांसफर कर दिया गया था। एफआईआर में भारत न्याय संहिता की धारा 353(1)(बी), 353(2) (सार्वजनिक शरारत) और 356(2) (मानहानि) का हवाला दिया गया है।
कामरा के वकील ने कहा कि स्टैंडअप कॉमेडियन को जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। उनके इंस्टाग्राम बायो के अनुसार, कामरा फिलहाल पुडुचेरी में हैं।
कामरा को 'प्रसाद' देने का समय आ गया: शिवसेनामहाराष्ट्र के मंत्री शंभूराज देसाई ने गुरुवार को कहा कि अब उनके (कुणाल कामरा) लिए 'शिवसेना का प्रसाद' लेने का समय आ गया है। देसाई ने आरोप लगाया कि कॉमेडियन ने 'जानबूझकर' शिंदे, सीतारमण और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसी प्रमुख हस्तियों का अपमान किया।
शंभूराज देसाई ने कहा था, "कुणाल कामरा ने सारी हदें पार कर दी हैं; पानी सिर से ऊपर चला गया है और अब उसे 'प्रसाद' देने का समय आ गया है। वह जहां भी छिपा होगा, हम उसे बाहर निकालेंगे। कामरा को अपने किए का परिणाम भुगतना होगा।"
कामरा ने एकनाथ शिंदे को कहा था 'गद्दार'कुणाल कामरा ने मुंबई के खार स्थित यूनीकांटीनेटल होटल के हैबिटेट स्टूडियो में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को गद्दार कहते हुए उन पर हिंदी फिल्म दिल तो पागल है के एक गाने की पैरोडी बनाकर गाई थी।
इस कविता के वायरल होने के बाद शिवसेना शिंदे गुट के कार्यकर्ताओं ने उक्त स्टूडियो में जाकर जमकर तोड़फोड़ की। इसके बाद कुणाल कामरा ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर तंज कसा था।
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'परेशान न करे पुलिस', तलाक विवाद के बीच पति ने लगाई याचिका; मद्रास हाई कोर्ट ने दिया बड़ा आदेश
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मद्रास हाई कोर्ट (Madras High Court) ने चेन्नई पुलिस (Chennai Police) को ये आदेश दिया है कि वह सॉफ्टवेयर कंपनी रिप्लिंग (Rippling) के को-फाउंडर प्रसन्ना शंकरनारायणन को उनकी पत्नी के साथ चल रहे तलाक के मामले को लेकर अनावश्यक रूप से परेशान न करे।
शंकरनारायणन की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति जी.के. इलंथिरैयन ने भारतीय नागरिक संहिता की धारा 528 के तहत यह निर्देश जारी किया है।
शंकरनारायणन ने सोशल मीडिया पर पत्नी पर लगाए गंभीर आरोप
बता दें, शंकरनारायणन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक थ्रेड में अपनी पत्नी पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। रिप्लिंग के को-फाउंडर ने ये दावा किया था कि उनकी पत्नी ने झूठी शिकायतें दर्ज कराई है और उन्हें यौन अपराधी के रूप में प्रस्तुत किया है।
साथ ही उन्होंने अपनी पत्नी पर ये भी आरोप लगाया कि उनकी पत्नी ने ये झूठा आरोप लगाया है कि वह अमेरिका में किसी वेश्यावृत्ति से जुड़े मामले में शामिल है।
शंकरनारायणन ने पुलिस पर लगाए आरोप
वरिष्ठ अधिवक्ताओं ए. रमेश और गीता लूथरा की ओर से प्रस्तुत की गई याचिका में शंकरनारायणन ने 24 मार्च को कोर्ट से गुहार लगाई थी कि पुलिस उनकी पत्नी के कहने पर उन्हें और उनके परिवार को लगातार परेशान कर रही है।
याचिका में बताया गया कि 7 से लेकर 12 मार्च के बीच चेन्नई के विभिन्न स्थानों पर, जैसे होटल और रेंटल अपार्टमेंट में पुलिस ने बलपूर्वक उनके बेटे को उनसे छीनने की कोशिश की। उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि बेंगलुरु में उनकी मां और उनके एक दोस्त को पुलिस ने परेशान किया और उनसे बेटे को सौंपने की मांग की।
याचिका में शंकरनारायणन की ओर से कहा गया है कि ये सारी कार्रवाई उनकी पत्नी द्वारा लगाई गई झूठी शिकायतों के आधार पर हो रही है। जिससे वह, उनका परिवार और उनके करीबी दोस्त भी प्रभावित हो रहे हैं।
कानूनी दस्तावेजों में क्या है उल्लेख?
कानूनी दस्तावेजों की बात करें, तो उसमें ये बात लिखी है कि दोनों के बीच एक समझौता हुआ था और दोनों आपसी सहमति से तलाक ले रहे हैं। साथ ही बेटे की संयुक्त कस्टडी पर भी दोनों राजी हुए थे।
खराब हवा को लेकर रहें सतर्क, सांस की नली में बढ़ सकता है सूजन का जोखिम, गर्मी में जरूर बरतें ये सावधानी
जेएनएन, नई दिल्ली। शुष्क हवा को बिल्कुल भी हल्के में न लें, ग्लोबल वार्मिंग के कारण शुष्क हवा के संपर्क में आने से सांस की नली में निर्जलीकरण और सूजन का जोखिम बढ़ सकता है। एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। वायुमार्ग में सूजन से श्वसन संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है और अस्थमा जैसी गंंभीर बीमारी हो सकती है।
अमेरिका के जांस हापकिंस विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में बताया कि जैसे-जैसे पृथ्वी का वायुमंडल गर्म होता जा रहा है, सापेक्ष आर्द्रता समान बनी हुई है। पानी के लिए हवा की ‘प्यास’ का एक माप ‘वाष्प दाब घाटा’ तेजी से बढ़ सकता है। सापेक्ष आर्द्रता किसी दिए गए तापमान पर हवा में मौजूद नमी की अधिकतम मात्रा है।
तेजी से भाप बनाएगा पानीरिसर्चर ने कहा कि वाष्प दाब घाटा जितना अधिक होगा, हवा की प्यास उतनी ही अधिक होगी और इस प्रकार पानी अधिक तेजी से भाप बनाएगा, जिससे पारिस्थितिकी तंत्र निर्जलित हो जाएगा। जांस हापकिंस विश्वविद्यालय में मेडिसिन के सहायक प्रोफेसर और जर्नल कम्युनिकेशंस अर्थ एंड एनवायरनमेंट में प्रकाशित अध्ययन के मुख्य
लेखक डेविड एडवर्ड्स ने कहा, यह समझना है कि शुष्क हवा के संपर्क में आने पर वायुमार्ग कैसे निर्जलित होते हैं, हमें प्रभावी व्यवहार के परिवर्तनों और निवारक या चिकित्सीय हस्तक्षेपों द्वारा निर्जलीकरण के प्रभाव से बचने या उलटने में मदद कर सकता है।
वायुमार्ग की बलगम परतों को पतला करता है पानीलेखकों ने लिखा, पानी का वाष्पीकरण वायुमार्ग की बलगम परतों को पतला करता है और ज्वारीय (आराम से) सांस लेने के दौरान उपकला कोशिकाओं को संकुचित करता है। उन्होंने पाया कि शुष्क हवा के संपर्क में आने वाले सेल्स में बलगम पतला होता है और सेल्स में सूजन का संकेत देने वाले साइटोकिन्स या प्रोटीन का उच्च स्तर होता है।
इसके परिणाम टीम की सैद्धांतिक भविष्यवाणियों के अनुरूप थे कि शुष्क वायु वातावरण के संपर्क में आने पर बलगम पतला हो जाता है, जिससे सूजन को तेज करने के लिए पर्याप्त संपीड़न पैदा होता है।
इसके अलावा रिसर्चर ने स्वस्थ चूहों और वायुमार्ग में पहले से मौजूद सूखेपन वाले चूहों को जो आमतौर पर पुरानी श्वसन बीमारियों में देखा जाता है, उन्हें एक सप्ताह तक रुक-रुक कर शुष्क हवा में रखा गया।
'मौलिक अधिकारों की रक्षा होनी चाहिए', भड़काऊ कविता मामले में इमरान प्रतापगढ़ी को सुप्रीम कोर्ट से राहत; FIR रद
एएनआई, नई दिल्ली। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी को आज (28 मार्च) सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है।। कोर्ट ने कांग्रेस सांसद के खिलाफ गुजरात में दर्ज एफआईआर को खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति अभय ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने कहा कांग्रेस सांसद ने जो किया वो कोई अपराध नहीं है।
कथित तौर पर सौहार्द बिगाड़ने वाले सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर गुजरात पुलिस ने केस दर्ज किया था। न्यायमूर्ति ओका ने फैसला सुनाते हुए कहा कि साहित्य, कला, व्यंग्य, जीवन को अधिक सार्थक बनाते हैं; गरिमापूर्ण जीवन के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता आवश्यक है।
कोर्ट ने क्या कहा?न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करना न्यायालय का कर्तव्य है। पीठ ने कहा, "भले ही बड़ी संख्या में लोग किसी दूसरे के विचारों को नापसंद करते हों, लेकिन विचारों को व्यक्त करने के व्यक्ति के अधिकार का सम्मान किया जाना चाहिए और उसकी रक्षा की जानी चाहिए। विता, नाटक, फिल्म, व्यंग्य और कला सहित साहित्य मनुष्य के जीवन को और अधिक सार्थक बनाते हैं।"
कांग्रेस नेता ने गुजरात उच्च न्यायालय के 17 जनवरी के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को खारिज करने की उनकी याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया गया था कि जांच अभी बहुत प्रारंभिक चरण में है।
क्या है मामला?कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो पोस्ट किया था। जिसमें वो हाथ हिलाते हुए चल रहे थे और उनपर फूलों की पंखुड़ियां बरसाई जा रही थी। इस 46 सेकेंड के वीडियो में बैकग्राउंड से एक गाने “ऐ खून के प्यासे बात सुनो” की आवाज भी आ रही थी।
इसी गाने को लेकर गुजरात पुलिस ने कांग्रेस सांसद के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। गुजरात पुलिस का आरोप था कि, इस गाने के बोल भड़काऊ, राष्ट्रीय एकता के लिए हानिकारक और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले थे। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट से प्रतापगढ़ी को बड़ी राहत मिली है।
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मणिपुर में सुरक्षाबलों का ज्वाइंट ऑपरेशन, भारी मात्रा में हथियार और गोला बारूद जब्त; कई इनसास राइफल भी बरामद
एएनआई, इम्फाल। मणिपुर पुलिस, असम राइफल्स और अन्य सुरक्षा एजेंसियों द्वारा पिछले 24 घंटों में 20 वर्षीय लुवांगथेम मुकेश की तलाश के लिए व्यापक खोज अभियान जारी रखा गया है। लुवांगथेम मुकेश, जो कि केशमपट लेइमाजम लेइकाई के एल. ग्यानेन्द्र दास के बेटे हैं, 16 मार्च 2025 से लापता हैं।
पुलिस और सुरक्षा बलों ने बिश्नुपुर और चुराचंदपुर बॉर्डर क्षेत्रों, जोजंगतेक और ओल्ड काचर रोड इलाकों पर खोज अभियान तेज कर दिया है, जिसमें उन्नत तकनीकी डेटा विश्लेषण और खुफिया जानकारी एकत्र करने का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।
अधिकारियों ने उच्च-स्तरीय सुरक्षा समन्वय बैठकें आयोजित की हैं, ताकि आगे की खोज रणनीतियों पर विचार किया जा सके। मणिपुर पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि यदि उनके पास लुवांगथेम मुकेश के बारे में कोई जानकारी हो, तो वे सामने आएं। पुलिस लापता व्यक्ति की शीघ्र खोज के लिए प्रतिबद्ध है और राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने की कोशिश कर रही है।
सुरक्षा बलों द्वारा बरामद सामग्री
खोजी अभियान के दौरान सुरक्षा बलों ने कुछ महत्वपूर्ण सामग्रियां बरामद की हैं। लांगोल हाउसिंग कॉम्प्लेक्स (वैकंट क्वार्टर) से दो एसएलआर, दो इनसास राइफल, दो एसएमजी कार्बाइन, आठ बीपी प्लेट, सात बीपी वेस्ट, 23 कैमोफ्लाज पैंट, 20 कैमोफ्लाज शर्ट, कैमोफ्लाज कैप और 22 टैक्टिकल वेस्ट बेल्ट बरामद किए गए।
इसके अतिरिक्त, हिल रेंज के हौतक आवांग लेइकाई क्षेत्र से एक .303 राइफल, एक .303 मैगजीन, 16 .303 गोलियाँ, एक 12-बोर कारतूस, तीन चार्जर क्लिप और एक पुल-थ्रू भी बरामद हुआ।
चिंगडोंग लेइकाई, जिरीबाम जिले से तीन इनसास राइफल, दो एसएलआर और अन्य सैन्य सामग्री जब्त की गई है।
आत्मसमर्पण और गिरफ्तारियां
मणिपुर पुलिस ने 27 मार्च को कंप्रिहेंसिव कार्यवाही के तहत कई गिरफ्तारियां कीं। कंप्रिहेंसिव ऑपरेशन के दौरान, मणिपुर पुलिस ने कच्पी (पीडब्ल्यूजी) के एक सक्रिय कैडर, लीशंगथेम हिरन सिंह (40) को गिरफ्तार किया। वह बिश्नुपुर जिले के थिनुंगई माखा लेइकाई में ब्रिकफील्ड से पैसा उगाही करने के मामले में शामिल था।
इसी दिन, मणिपुर पुलिस ने KCP-PSC (पोलिटब्यूरो स्टैंडिंग कमिटी) के सदस्य, लिकमबाम अमुजाओ मीतेई उर्फ़ लाकपा (27) को गिरफ्तार किया। वह इम्फाल ईस्ट जिले के कीबी आवांग लेइकाई का निवासी था और उसे साओमबुंग में गिरफ्तार किया गया।
इसके अलावा, मणिपुर पुलिस ने दो अन्य संदिग्ध KCP (तैबंगांबा) कैडर, लोइटोंगबाम बॉयाई सिंह (45) और खुमेंटेम धनबीर सिंह उर्फ़ नाओबी (28) को गिरफ्तार किया। दोनों को थौबाल जिले के लांगथाबल खुन्उ क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया।
सुरक्षा उपाय और वाहन सुरक्षा
सुरक्षा बलों ने कंगचुप-PS, कंगपोकपी जिले में एक बंकर को नष्ट कर दिया और उसकी राख को जलाकर नष्ट कर दिया। इसके अलावा, NH-2 और NH-37 के संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा काफिले की व्यवस्था की गई है, ताकि वाहनों का सुरक्षित और निर्बाध आवागमन सुनिश्चित किया जा सके।
मणिपुर में विभिन्न जिलों में कुल 111 चेकपोस्ट और नाके स्थापित किए गए हैं। हालांकि, पुलिस ने किसी को भी कानून उल्लंघन के आरोप में गिरफ्तार नहीं किया है।
मार्च में पारा 40 के पार, 2025 होगा सबसे गर्म साल... मौसम विभाग ने अप्रैल में किस बात की दी चेतावनी?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में मौसम को लेकर बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। इस बार मार्च में ही अप्रैल जैसी गर्मी आ गई है। वहीं देश के कई राज्यों अभी से ही भीषण गर्मी की चपेट में आ गए हैं। ऐसे में उम्मीद लगाई जा रही है देश में इस बार उम्मीद से कहीं ज्यादा गर्मी पड़ने वाली है। भारतीय मौसम विभाग ने मौसम को लेकर लेटेस्ट अपडेट जारी किया है।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, इस साल देश के नॉर्थ-वेस्ट राज्यों यानी हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली में हीटवेव (लू) के दिनों की संख्या दोगुनी होनी की आशंका है। वेदर रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2024 भारत के लिए सबसे ज्यादा गर्म सालों में से एक रहा था, बताया जा रहा है पिछले साल 554 दिन हीटवेव का असर दिखाई दिया।
अप्रैल में ज्यादा दिन चलेगी लूअक्सर आमतौर पर अप्रैल से जून के महीनों में लगातार 5 से 6 दिन लू चलती है, लेकिन इस बार 10 से 12 दिन लू का असर जारी रहेगा। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर हीटवेव के दिनों की संख्या दोगुनी होती है तो 2025 अब तक का सबसे गर्म साल होगा। इन दिनों का तापमान सामान्य से 5 डिग्री या इससे भी ज्यादा रह सकता है।
पहाड़ी इलाकों में भी हीटवेव का असरमैदानी, पहाड़ी और तटीय इलाकों के लिए हीटवेव की स्थिति तय करने का आधार अलग होता है। किसी दिन हीटवेव का असर तब ज्यादा माना जाता है जब उस दिनों के मौसम का तापमान सामान्य से 5°C ज्यादा होता है
तटीय इलाका- अधिकतम तापमान 37°C से ऊपर होगा।
मैदानी इलाका- अधिकतम तापमान 40°C से ऊपर हो।
पहाड़ी इलाका- अधिकतम तापमान 30°C से ऊपर हो।
कब होती है हीटवेव?अगर तापमान सामान्य से 6.5°C या उससे ज्यादा बढ़ जाए तो उसे गंभीर हीटवेव माना जाता है। IMD ने इस साल देश के ज्यादातर हिस्सों में अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से ज्यादा रहने का अनुमान लगाया है।
अकोला, दिल्ली, यूपी, राजस्थान के चितौड़गढ़ और मध्यप्रदेश, यूपी के प्रयागराज में कल पारा 40 डिग्री के पार पहुंच गया है। वहीं इसे और बढ़ने की आशंका है।
'हमारे लिए गर्व की बात...', भारत के वोटिंग सिस्टम के फैन हुए ट्रंप; अब शशि थरूर का आया रिएक्शन
एएनआई, नई दिल्ली। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में चुनाव प्रक्रिया को बदलने का आदेश दिया है। उन्होंने वोटिंग सिस्टम को लेकर भारत की तारीफ की और कहा कि वो भारत जैसा वोटिंग सिस्टम अपनाने चाहते हैं। अब इसके बाद कांग्रेस सांसद शशि थरूर का बयान सामने आया है।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि भारत में 1952 से ही एक मजबूत मतदाता सत्यापन प्रणाली है। दरअसल नए आदेश में कहा गया है संघीय चुनाव में मतदान अधिकार सिर्फ 'अमेरिका के नागरिकों' को ही होना चाहिए। इसके लिए मतदाताओं के पास नागरिकता का दस्तावेज जरूर होना चाहिए।
क्या बोले शशि थरूर?थरूर ने कहा
भारत की प्रणाली को अंतरर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त हुई है।'निश्चित रूप से, दुनिया भर में बहुत सम्मान है... अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा भारत को एक ऐसे देश के रूप में उदाहरण के रूप में स्वीकार करके उन्होंने सही काम किया है, उनका कहना है भारत ने देश ने सही काम नहीं किया है, मुझे लगता है कि यह ऐसी बात है जिस पर हमें गर्व करना चाहिए।
थरूर ने आगे कहा, अमेरिका में दिलचस्प बात यह है कि जब आप वोट देने जाते हैं, तो आप अपनी नागरिकता स्वयं घोषित करते हैं। भारत में हमारे पास एकल लिस्ट, पहचान पत्र, एक पूरी प्रणाली है, जिसके माध्यम से हम यह सत्यापित करते हैं कि वोट देने वाला व्यक्ति वास्तव में नागरिक है। यह 1952 से चल रहा है।'
भारत अमेरिका के लिए कैसे बना प्रेरणा?डोनाल्ड ट्रंप ने मतदाताओं के सत्यापन को लेकर भारत का उदाहरण दिया। दरअसल, भारत में वोटिंग के दौरान मतदाताओं की पहचान के लिए वोटर आईडी कार्ड या अन्य सरकारी दस्तावेजों का इस्तेमाल होता है। इतना ही नहीं वोटिंग के रिकॉर्ड इलेक्ट्रॉनिक तरीके से रखे जाने के साथ-साथ पेपर ट्रेल में भी रखे जाते हैं। ऐसे में भारत में वोटिंग प्रणाली समय के साथ पारदर्शी बनी है।
अब आदेश के तहत मतदाताओं को वोटिंग के लिए पंजीकरण के दौरान अमेरिकी नागरिकता का दस्तावेजी सबूत मुहैया कराना होगा। इस दस्तावेज में पासपोर्ट शामिल हो सकता है।
अब अमेरिका में इन दस्तावेजों की होगी जरूरतआदेश में कहा गया है कि अमेरिका की सभी संघीय एजेंसियां, जैसे- डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी, सोशल सिक्योरिटी एडमिनिस्ट्रेशन और विदेश मंत्रालय अपने डाटा को चुनाव अधिकारियों के साथ साझा करेंगे और राज्यों की चुनाव सूची में शामिल गैर-अमेरिकियों की पहचान में मदद करेंगे।
'वसुधै कुटुम्बकम की बात करते हैं, परिवार के साथ नहीं रह सकते', रिश्तों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा क्यों कहा?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पिछले कुछ दिनों ऐसी खबरें सामने आई हैं, जिसने परिवार और शादी के रिश्तों को शर्मसार कर दिया है। मेरठ में पत्नी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर पति की जान ले ली तो बेंगलुरु में महाराष्ट्र के एक सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल द्वारा अपनी पत्नी की उसके घर पर चाकू घोंपकर हत्या कर दी। इसी बीच सुप्रीम कोर्ट ने देश में समाप्त हो रही परिवार की अवधारणा पर चिंता जताई है।
एक व्यक्ति-एक-परिवार की व्यवस्था बन रही: सुप्रीम कोर्टसुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि भारत में वसुधैव कुटुम्बकम के सिद्धांत में लोग विश्वास करते हैं, लेकिन करीबी रिश्तेदारों के साथ एक साथ रह नहीं सकते। न्यायमूर्ति पंकज मिथल और न्यायमूर्ति एस वी एन भट्टी की पीठ ने कहा कि परिवार की अवधारणा समाप्त हो रही है और एक व्यक्ति-एक-परिवार की व्यवस्था बन रही है।
बेटा मुझे मानसिक और शारीरिक यातना देने देता है: याचिकाकर्ताकोर्ट में एक महिला द्वारा याचिका दायर की गई थी, जिसमें उसने अपने बड़े बेटे के घर से बेदखल करने का अनुरोध किया था। कोर्ट को इस बात की जानकारी मिली की पत्नी समतोला देवी के तीन बेटे और दो बेटियों सहित पांच बच्चे हैं। कल्लू मल का बाद में निधन हो गया है।
माता-पिता के अपने बेटों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध नहीं थे और अगस्त में कल्लू मल ने स्थानीय एसडीएम को शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उन्होंने अपने बड़े बेटे पर मानसिक और शारीरिक यातना देने का आरोप लगाया।
माता-पिता को 4,000 रुपये प्रति महीना देना होगा: कुटुंब अदालतसाल 2017 में दंपती ने अपने बेटों के खिलाफ भरण-पोषण के लिए कार्यवाही शुरू की, जो सुल्तानपुर की एक कुटुंब अदालत में एक आपराधिक मामले के रूप में रजिस्टर की गई। कुटुंब अदालत ने माता-पिता को 4,000 रुपये प्रति महीना देना का आदेश दिया। दोनों बेटों को समान रूप से मां-बाप को देना होगा। पिता ने आरोप लगाया कि उनका सबसे बड़ा बेटा उनकी दैनिक एवं चिकित्सा आवश्यकताओं का ध्यान नहीं रखता था।
हालांकि, अदालत ने कहा कि बेटे को घर के हिस्से से बेदखल करने का आदेश देने जैसे कठोर कदम की कोई आवश्यकता नहीं थी, बल्कि वरिष्ठ नागरिक कानून के तहत भरण-पोषण का आदेश दिया जा सकता था।
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'वसुधैव कुटुंबकम मानने वाले देश में सगे परिवार में एकता नहीं', SC की टिप्पणी; जानिए पूरा मामला
पीटीआई, नई दिल्ली। परिवार संस्था के विघटन से चिंतित सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भारत में लोग वसुधैव कुटुंबकम यानी पूरे विश्व को एक परिवार मानने में विश्वास करते हैं। लेकिन अपने करीबी रिश्तेदारों से भी निकटता बनाए रखने में विफल हो रहे हैं।
जस्टिस पंकज मिथल और एसवीएन भट्टी की खंडपीठ ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश के जिला सुल्तानपुर के एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि परिवार की अवधारणा अब एक व्यक्ति एक परिवार प्रणाली से छिन्न-भिन्न हो रही है। हम आज अपने सगे परिवार में भी एकता नहीं बनाए रख पा रहे हैं।
घर से निकालने का मामलाकोर्ट ने कहा कि परिवार की पूरी अवधारणा ही शिथिल पड़ती जा रही है। हम अब एक व्यक्ति-एक परिवार बनकर ही रह गए हैं। सर्वोच्च अदालत ने यह गंभीर टिप्पणी एक महिला के अपने सबसे बड़े बेटे को घर से निकालने को लेकर दायर याचिका की सुनवाई के दौरान की है।
सर्वोच्च अदालत ने कहा कि उनके बेटे को घर से बाहर करने का कड़ा कदम उठाने की आवश्यकता नहीं है। बल्कि वरिष्ठ नागरिक कानून के तहत उनका गुजारा भत्ता जारी रहना चाहिए। बताया जाता है कि सुलतानपुर के कल्लूमल के निधन के बाद उनकी पत्नी समतोला देवी और उनके तीन बेटों समेत पांच बच्चे हैं।
संपत्ति को लेकर बढ़ा विवाद- लेकिन दंपती का अपने सबसे बड़े बेटे से संपत्ति को लेकर विवाद इतना बढ़ा, जो कल्लूमल की मौत के बाद भी जारी है। समतोला देवी ने अपने सबसे बड़े बेटे को अपने घर से बेदखल करने के लिए यह याचिका दायर की है।
- उनके घर के साथ ही कुछ दुकानें भी हैं जो विवाद का मूल कारण हैं। यह मामला निचली अदालत से होते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट पहुंचा जहां बेटे को संपत्ति से बेदखल करने के आदेश को दरकिनार कर दिया गया, जिसके खिलाफ मां समतोला देवी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की है।
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'ठेकेदारों के ट्रैक रिकॉर्ड देखना जरूरी', संसदीय समिति ने कहा- अधर में 700 परियोजनाएं, रियल टाइम निगरानी जरूरी
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सड़क निर्माण के ठेके देने में ठेकेदारों की सख्त वित्तीय जांच में सड़क परिवहन मंत्रालय की विफलता पर गहरा असंतोष व्यक्त करते हुए सड़क परिवहन संबंधी संसदीय स्थाई समिति ने कहा है कि इस कमजोरी के कारण ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां ठेकेदार पैसों के संकट के कारण अपनी जिम्मेदारी पूरा नहीं कर सके।
इसके चलते प्रोजेक्टों में देरी भी हुई और उनकी गुणवत्ता भी प्रभावित हुई। बुनियादी ढांचा से जुड़ी परियोजनाओं में लंबे समय तक गतिरोध रहने पर चिंता जताते हुए समिति ने कहा कि जिन ठेकेदारों को परियोजनाएं दी गईं, उनमें से कई के पास अपना काम जारी रखने के लिए वित्तीय क्षमता ही नहीं थी। स्पष्ट है कि ठेकेदार चयन प्रक्रिया में अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता थी।
डिफेक्ट लायबिलिटी में लचर रवैयाठेकेदारों की जवाबदेही के लिए सड़क परिवहन मंत्रालय ने खामियों को ठीक करने की जिम्मेदारी तय की है, लेकिन ठेकेदार बिना आर्थिक दंड के अपने स्तर पर इस प्रविधान का पालन नहीं कर रहे हैं। इसका कारण यह है कि डिफेक्ट लायबिलिटी यानी दोष दायित्व की व्यवस्था लागू करने के मामले में लचर रवैया अपनाया जा रहा है।
मंत्रालय के अनुसार लगभग 700 परियोजनाएं लंबित रही हैं, जिनके प्रमुख कारणों में जमीन अधिग्रहण में अड़चनों के साथ एफओबी-अंडरपास आदि बनाने के लिए रेलवे मंजूरी में देरी के साथ ही ठेकेदारों की वित्तीय समस्याएं भी प्रमुख वजह हैं। इसके पीछे सरकारी भुगतान में देरी और लागत में बढ़ोतरी भी कारण है।
समिति ने जताई चिंता- समिति ने इस पर भी चिंता जताई है कि प्रोजेक्टों में खामियां तब तक पता नहीं चलतीं जब तक कोई बड़ी बाधा न खड़ी हो जाए। इसका कारण यह है कि रियल टाइम निगरानी का कोई ढांचा मौजूद नहीं है। यह ढांचा महत्वपूर्ण राजमार्ग परियोजनाओं में भी नदारत है और इसका असर निर्माण की गुणवत्ता पर पड़ रहा है।
- समिति ने नई बनी सड़कों के समय से पहले उनकी सतह के खराब होने पर चिंता जताते हुए यह जानना चाहा है कि क्या मौजूदा निगरानी तंत्र इंजीनियरिंग मानकों का पालन सुनिश्चत करने के लिए पर्याप्त है।
एक संसदीय समिति ने गुरुवार को सिफारिश की कि सीबीआई के लिए एक नया कानून बने ताकि एजेंसी बिना राज्यों की अनुमति के राष्ट्रीय सुरक्षा और एकता से जुड़े मामलों की जांच कर सके। वहीं, एजेंसी में प्रतिनियुक्ति पर उम्मीदवारों की कमी का मामला उठाते हुए समिति ने विशेषज्ञों के लिए लैटरल एंट्री की सिफारिश की।
भाजपा के राज्यसभा सदस्य ब्रजलाल के नेतृत्व वाली कार्मिक, लोक शिकायत, विधि एवं न्याय पर विभाग-संबंधित संसदीय स्थायी समिति ने गुरुवार को संसद में अपनी 145वीं रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट में कहा गया है कि सीबीआई को जांच की ज्यादा ताकत देने के लिए एक अलग या नए कानून की आवश्यकता है, जिससे जरूरत पड़ने पर यह बिना राज्यों की मंजूरी के राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों की तुरंत जांच कर सके।
लैटरल एंट्री भी शुरू करने की सिफारिशइस कानून के लिए राज्यों के विचार लिए जा सकते हैं। कानून में निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा उपाय भी शामिल होने चाहिए, इससे राज्य सरकारें खुद को शक्तिहीन महसूस नहीं करेंगी। समिति ने बताया कि आठ राज्यों द्वारा सीबीआई जांच के लिए सहमति वापस ले ली गई, जिससे भ्रष्टाचार और संगठित अपराध की जांच करने की इसकी क्षमता गंभीर रूप से सीमित हुई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि सीबीआई में प्रतिनियुक्ति के लिए उचित नामांकन की कमी से परिचालन क्षमता पर असर पड़ रहा है।
प्रमुख कारणों में उन विभागों में कर्मियों की कमी है, जहां से इसे कर्मचारी मिलें, राज्य पुलिस की अनिच्छा, दस्तावेज बनाने की प्रक्रिया में देरी और कुशल कर्मचारियों की पहचान ना होना शामिल है। इसमें सिफारिश की गई है कि प्रतिनियुक्ति पर निर्भरता कम की जाए और एजेंसी एसएससी, यूपीएससी या केवल अपनी विशेष परीक्षा के जरिये उप पुलिस अधीक्षक, निरीक्षक और उप-निरीक्षक जैसे मुख्य पदों पर सीधी भर्ती की अनुमति देकर स्वतंत्र भर्ती का ढांचा विकसित करे। इसे साइबर अपराध, फोरेंसिक, वित्तीय धोखाधड़ी और कानूनी क्षेत्रों में विशेषज्ञों के लिए लैटरल एंट्री भी शुरू करनी चाहिए।
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संयुक्त राष्ट्र ने की Ayushman Bharat Yojana की तारीफ, बाल मृत्यु दर में बड़ी गिरावट पर मिली सराहना
पीटीआई, संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र ने आयुष्मान भारत जैसी स्वास्थ्य पहल का उदाहरण देते हुए बाल मृत्यु दर में कमी लाने के लिए भारत के प्रयासों और प्रगति की सराहना की है। विश्व निकाय ने कहा है कि देश ने अपनी स्वास्थ्य प्रणाली में रणनीतिक निवेश के माध्यम से लाखों लोगों का जीवन बचाया है।
आयुष्मान भारत दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है, जो प्रति वर्ष प्रति परिवार को पांच लाख रुपये की वार्षिक कवरेज प्रदान करता है। मंगलवार को जारी संयुक्त राष्ट्र अंतर-एजेंसी समूह की बाल मृत्यु दर आकलन रिपोर्ट में भारत, नेपाल, सेनेगल, घाना और बुरुंडी का उदाहरण दिया गया और बाल मृत्यु दर रोकने में हुई प्रगति में अहम भूमिका निभाने वाली विभिन्न रणनीतियों पर प्रकाश डाला गया है।
भारत को लेकर रिपोर्ट में क्या कहा गया?रिपोर्ट में कहा गया कि इन देशों ने दिखाया है कि राजनीतिक इच्छाशक्ति, साक्ष्य-आधारित रणनीतियों और निरंतर निवेश से मृत्यु दर में पर्याप्त कमी लाई जा सकती है। भारत के बारे में रिपोर्ट में कहा गया कि देश ने स्वास्थ्य प्रणाली में निवेश के माध्यम से स्थिति को बेहतर किया है। अपनी स्वास्थ्य प्रणाली में रणनीतिक निवेश के माध्यम से भारत पहले ही लाखों लोगों का जीवन बचा चुका है और लाखों अन्य लोगों के लिए स्वस्थ जीवन सुनिश्चित करने का मार्ग प्रशस्त किया है।
वर्ष 2000 से भारत ने पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर में 70 प्रतिशत की कमी तथा नवजात शिशुओं की मृत्यु दर में 61 प्रतिशत की कमी हासिल की है। स्वास्थ्य कवरेज बढ़ाने, मौजूदा स्थिति को सुधारने और स्वास्थ्य ढांचे तथा मानव संसाधन विकसित करने के लिए किए गए उपायों के कारण ऐसा संभव हुआ है।
इन उपायों से बची लाखों बच्चों की जिंदगीरिपोर्ट में कहा गया है कि प्रत्येक गर्भवती महिला मुफ्त प्रसव की हकदार है और शिशु देखभाल संस्थानों में मुफ्त परिवहन, दवाएं, निदान और आहार इसमें सहायता प्रदान करती है। स्वास्थ्य सेवाओं के लिए व्यापक कवरेज सुनिश्चित करने के लिए भारत ने प्रसूति प्रतीक्षा गृहों, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य विंग, बीमार नवजात की देखभाल, मातृ देखभाल और जन्म दोष जांच के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत किया है। इससे हर साल लाखों स्वस्थ गर्भधारण और जीवित बच्चों का जन्म सुनिश्चित होता है। भारत ने मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए दाइयों और कुशल प्रसव सहायकों के प्रशिक्षण तथा तैनाती को भी प्राथमिकता दी है।
- 2020 में भारत में शिशु मृत्यु दर (प्रति 1,000 जीवित जन्मों पर) 29.85 थी।
- 2025 में भारत में शिशु मृत्यु दर (प्रति 1,000 जीवित जन्मों पर) 24.98 होगी।
- 2000 में पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों में खसरे से होने वाली मृत्यु दर के मामले में भारत सबसे आगे था।
- केवल 56 प्रतिशत शिशुओं को खसरे का टीका लगाया गया था और खसरे से 1.89 लाख शिशुओं की मृत्यु हुई थी।
- 2023 तक शिशुओं में खसरे के टीकाकरण की दर बढ़कर 93 प्रतिशत हो गई थी
- इस बीमारी के कारण पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों में खसरे से संबंधित मृत्यु दर 97 प्रतिशत घटकर 5,200 रह गई थी।
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कंपनियों के खराब कस्टमर सर्विस से ग्राहक परेशान, रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे; पढ़िए पूरी Report
पीटीआई, नई दिल्ली। एआई एजेंट और चैटबॉट्स ग्राहक सेवा का अभिन्न अंग बनते जा रहे हैं, फिर भी वे ग्राहक सेवा की प्रतीक्षा अवधि को कम नहीं कर पा रहे हैं। सर्विसनाउ कस्टमर एक्सपीरियंस के एक सर्वेक्षण में इसकी जानकारी सामने आई है।
सर्वेक्षण में पता चला है कि भारतीय उपभोक्ताओं ने 2024 में ग्राहक सेवा में शिकायत दर्ज कराने के लिए 15 अरब घंटे से अधिक समय खर्च किए। ग्राहकों की बढ़ती अपेक्षाओं और ग्राहक सेवा की वास्तविकता के बीच बढ़ते अंतर का विश्लेषण करने के लिए सर्वेक्षण में 5,000 उपभोक्ताओं और 204 ग्राहक सेवा एजेंटों को शामिल किया गया।
खत्म होता जा रहा है धैर्यसर्वेक्षण में उपभोक्ताओं ने कहा कि अब उनका धैर्य खत्म होता जा रहा है। 89 प्रतिशत उपभोक्ता खराब सेवा के कारण ब्रांड बदलने की तैयारी कर रहे हैं। 84 प्रतिशत उपभोक्ताओं ने कहा कि वे खराब सेवा अनुभव के बाद ऑनलाइन या इंटरनेट मीडिया पर नकारात्मक समीक्षा छोड़ कर अपनी भड़ास निकालते हैं।
ग्राहक सेवा की कमी को पूरा करने तथा दक्षता की बढ़ती मांगों को पूरा करने के लिए बदलाव करने को इच्छुक व्यवसायों के पास दो ही विकल्प हैं, एआई संचालित दक्षता को अपनाएं या ग्राहक निष्ठा खोने का जोखिम उठाएं।
- सुमीत माथुर, सर्विसनाउ इंडिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक
रिपोर्ट के अनुसार 80 प्रतिशत भारतीय उपभोक्ता अब शिकायत की स्थिति की जांच करने और उत्पाद से जुड़ी जानकारी के लिए एआई चैटबॉट पर निर्भर हैं, फिर भी वही उपभोक्ता सामूहिक रूप से हर साल 15 अरब घंटे प्रतीक्षा में बिताते हैं। हालांकि इस क्षेत्र में पहले की तुलना में मामूली प्रगति भी दर्ज की गई है।
ग्राहकों में बढ़ रही निराशा- 2023 की तुलना में 2024 में ग्राहकों ने किसी समस्या के समाधान के लिए 3.2 घंटे कम समय बिताया है। यह ग्राहकों की अपेक्षाओं और सेवा वितरण के बीच बड़े अंतर को दर्शाता है। इससे ग्राहकों में निराशा बढ़ रही है।
- सर्वेक्षण मे सामने आया है कि 39% उपभोक्ताओं को होल्ड पर रखा जाता है। 36% को बार-बार स्थानांतरित किया जाता है। 34% का मानना है कि कंपनियां जानबूझकर शिकायत प्रक्रिया को जटिल बनाती हैं।
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