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1 अप्रैल से UPI का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे ये लोग, NPCI ने बताई वजह; क्रेडिट कार्ड होल्डर्स को भी झटका
आईएएनएस, नई दिल्ली। एक अप्रैल 2025 से निष्क्रिय मोबाइल नंबर वाले उपभोक्ता यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) के जरिये भुगतान नहीं कर सकेगे। इसका कारण यह है कि ऐसे उपभोक्ताओं का मोबाइल नंबर यूपीआई आईडी से भी अनलिंक हो जाएगा।
इसको लेकर नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने न्यूमैरिक यूपीआई आईडी को लेकर नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। नए निर्देशों के अनुसार, अगर किसी यूपीआई यूजर का बैंक में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर लंबे समय तक निष्क्रिय रहता है, तो यूजर की यूपीआई आईडी भी अनलिंक हो जाएगी और वह व्यक्ति यूपीआई सेवा का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा।
मोबाइल नंबर एक्टिव रखना जरूरीऐसे में यूपीआई सेवा का इस्तेमाल करने वाले हर व्यक्ति को यह सुनिश्चित करना होगा कि उसके बैंक में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर सक्रिय हो। यूपीआई सेवा का इस्तेमाल बिना किसी परेशानी के तभी किया जा सकता है, जब बैंक रिकॉर्ड को सही मोबाइल नंबर के साथ अपडेट रखा जाए।
निष्क्रिय या फिर से असाइन किए गए मोबाइल नंबर से जुड़ी यूपीआई सेवा में दिक्कतें आ सकती हैं। दूरसंचार विभाग के नियमों के अनुसार, कोई भी मोबाइल नंबर एक बार बंद होने के 90 दिनों बाद किसी नए ग्राहक को सौंपा जा सकता है।
यदि किसी ग्राहक का मोबाइल नंबर कॉल, मैसेज या डाटा के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है, तो ऐसे नंबरों को कंपनियां निष्क्रिय कर देती हैं। नए निर्देशों के अनुसार, यूजर का बैंक-सत्यापित मोबाइल नंबर यूपीआई पहचानकर्ता के रूप में कार्य करेगा। इन दिशा-निर्देशों का सभी बैंकों, यूपीआई एप और थर्ड पार्टी सेवाप्रदाताओं को पालन करना होगा।
1 अप्रैल से ये भी होंगे बदलाव- अप्रैल की पहली तारीख से एसबीआई और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक भी अपनी क्रेडिट पॉलिसी में बदलाव कर रहे हैं। एसबीआई के सिम्पलीक्लिक कार्ड से स्विगी ट्रांजैक्शन पर 10X की जगह 5X रिवॉर्ड प्वाइंट मिलेंगे। एयरइंडिया एसबीआई कार्ड से टिकट बुकिंग पर हर 100 रुपये पर 15 की जगह 5 रिवॉर्ड पॉइंट मिलेंगे।
- आईडीएफसी क्रेडिट कार्ड होल्डर्स के लिए क्लब विस्तारा मेंबरशिप अब उपलब्ध नहीं होगी 31 मार्च से कार्ड रिन्यू कराने वाले लोगों को एक साल के लिए एनुअल फीस की छूट मिलेगी। लेकिन ट्रैवल बेनेफिट्स मिलने बंद हो जाएंगे।
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Circle Rate को लेकर सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला, बोला- वैज्ञानिक तरीके से तय होने चाहिए रेट
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा है कि जमीन के सर्किल रेट वैज्ञानिक तरीके से तय होने चाहिए। उचित होगा कि जमीन की सर्किल दरें विशेषज्ञ समितियों द्वारा तय की जाएं जिनमें न केवल सरकार के अधिकारी हों बल्कि अन्य विशेषज्ञ भी हों जो बाजार की स्थितियों को समझते हों।
शीर्ष अदालत ने कहा कि व्यवस्थित और वैज्ञानिक तरीके से तय की गईं सर्किल दरें अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और कर संग्रह को बढ़ाने में योगदान दे सकती हैं। भारत के प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने मध्य प्रदेश रोड डेवलपमेंट कारपोरेशन की अपील खारिज करते हुए 27 मार्च को यह फैसला सुनाया है। कोर्ट ने सर्किल रेट के आधार पर अधिग्रहित जमीन का मुआवजा देने के कमिश्नर के आदेश को सही ठहराया है।
सिर्फ औसत ब्रिक्री की कीमत पर भरोसा नहीं करना चाहिए: SCपीठ ने फैसले में जमीन के सर्किल रेट तय करने और भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के प्रविधानों बारे में विस्तार से चर्चा की है। कोर्ट ने कहा है कि कलेक्टर को सिर्फ औसत ब्रिक्री की कीमत पर ही भरोसा नहीं करना चाहिए बल्कि व्यापक बाजार आधारित कारकों पर भी विचार करना चाहिए। मसलन जमीन की प्रकृति, अहमियत और विकास की कीमत आदि।
फैसले में कहा गया है कि सर्किल रेट का निर्धारण जब जमीन के बाजार मूल्य में भिन्नता के कारकों को ध्यान में रख कर किया जाता है तो उससे लेन-देन में पूर्वानुमान लगाना आसान होता है और मुकदमेबाजी कम हो जाती है। कोर्ट ने कहा कि मानकीकृत (स्टैंडर्डाइज्ड) सर्किल दरों को न्यूनतम या आधार मूल्य पर तय किया जाना चाहिए, क्योंकि जनता से अधिक मूल्य वाली सर्किल दरों पर स्टाम्प शुल्क का भुगतान करने के लिए कहना बहुत अनुचित होगा।
'सर्किल दरों से नागरिकों पर पड़ता है सीधा असर'सर्वोच्च अदालत ने कहा कि सही सर्किल दरें ईमानदार करदाताओं के हितों का ध्यान रखने के साथ साथ अनुपालन न करने वाले करदाताओं को भी रोकेंगी। तर्कसंगत और निष्पक्ष सर्किल दरें सुशासन को दर्शाती हैं।
कोर्ट ने आदेश में कहा है कि उचित और सटीक सर्किल दरें तय करने का प्रत्येक नागरिक पर सीधा प्रभाव पड़ता है। बढ़ी हुई दरें खरीदारों पर अनुचित वित्तीय बोझ डालती हैं। इसके विपरीत कम मूल्यांकित दरें अपर्याप्त स्टाम्प शुल्क की ओर ले जाती हैं, जिससे राज्य के राजस्व पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
कोर्ट ने कहा कि सर्किल दरें जो बाजार मूल्य को दर्शाती हैं, संपत्तियों के कम मूल्यांकन को रोककर राज्य के लिए उचित राजस्व संग्रह सुनिश्चित करती हैं। विभिन्न अधिकार क्षेत्रों के मुकदमों में संपत्ति के सर्किल रेट की चर्चा होने के आधार पर कोर्ट ने कहा कि सर्किल दरें अक्सर राजनीतिक और आर्थिक रूप से विवाद का मुद्दा बन जाती हैं। यह विभिन्न अधिकार क्षेत्रों में लगातार होने वाली मुकदमेबाजी में परिलक्षित होता है, जो संपत्तियों पर लागू सर्किल दरों पर चर्चा करते हैं।
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कर्नाटक में इंजीनियरिंग की छात्रा का अपहरण, पिता ने लगाया लव जिहाद का आरोप; मामला दर्ज
पीटीआई, उडुपी। कर्नाटक के उडुपी में 20 वर्षीय इंजीनियरिंग छात्रा के अपहरण का मामला सामने आया है। पिता ने एक युवक के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। 20 मार्च को दर्ज शिकायत में डाडविन देवदास ने आरोप लगाया है कि उनकी बेटी मूडबिद्री में इंजीनियरिंग कालेज में पढ़ती है।
उसी दिन शाम करीब छह बजे उडुपी के कुक्कीकट्टे जंक्शन पर अपनी कालेज बस से उतरी थी। जब वह अपनी मौसी के घर जा रही थी, तो अकरम मोहम्मद नामक व्यक्ति ने उसका अपहरण कर लिया। घटना के गवाह बस चालक ने देवदास को इसके बारे में सूचित किया।
पिता ने दर्ज कराई शिकायतदेवदास ने शिकायत में कहा है कि उन्होंने पहले मोहम्मद के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उसपर बेटी को परेशान करने का आरोप लगाया था। हालिया घटना बदले की कार्रवाई है। उडुपी में पत्रकारों से बात करते हुए गाडविन देवदास ने आरोप लगाया कि उनकी बेटी लव जिहाद का शिकार हुई है।
पिता का दावा- बेटी को धमकी देता था मोहम्मदउन्होंने दावा किया कि मोहम्मद पिछले पांच सालों से इंस्टाग्राम के जरिए उनकी बेटी के संपर्क में था और कथित तौर पर उसकी अंतरंग तस्वीरें इंटरनेट मीडिया पर जारी करने की धमकी देकर उसे परेशान कर रहा था।
हालांकि पुलिस ने उन्हें बताया है कि वे वयस्कों की सहमति से बने मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकते। उन्हें स्वेच्छा से साथ रह रहे जोड़े का एक वीडियो भी दिखाया गया। उन्होंने कहा कि मैं अपनी बेटी की सुरक्षा को लेकर चिंतित हूं।
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'अरबपति दोस्तों के 16 लाख करोड़ माफ किए, लेकिन...', बैंकिंग सिस्टम को लेकर राहुल गांधी ने सरकार को घेरा
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने बैंकों द्वारा कॉरपोरेट जगत के 16 लाख करोड़ का कर्ज माफ किए जाने का मुद्दा एक बार फिर उठाते हुए कहा है कि इसका खामियाजा बैंक के छोटे कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है।
कांग्रेस नेता ने दावा किया है कि नियामक कुप्रबंधन के साथ-साथ भाई-भतीजावाद ने भारत के बैंकिंग क्षेत्र को भी संकट में डाल दिया है। इसके परिणामस्वरूप जूनियर कर्मचारियों को रोजगार गंवाने से लेकर तनाव तथा विषाक्त परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है।
राहुल बोले- अरबपति दोस्तों के कर्ज माफ किएकांग्रेस नेता ने एक निजी बैंक से बर्खास्त किए गए कर्मचारियों के प्रतिनिधिमंडल से संसद भवन में हुई मुलाकात में हुई चर्चाओं का हवाला देते हुए शनिवार को एक्स पर पोस्ट में आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने अपने अरबपति मित्रों के 16 लाख करोड़ रुपये के ऋण माफ किए हैं।
राहुल गांधी ने कहा, 'आईसीआईसीआई बैंक के 782 पूर्व कर्मचारियों की ओर से एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को मुलाकात की और उनकी कहानियों में एक परेशान करने वाला पैटर्न सामने आया है- कार्यस्थल पर उत्पीड़न, जबरन स्थानांतरण, एनपीए उल्लंघनकर्ताओं को अनैतिक ऋण देने का खुलासा करने के लिए प्रतिशोध और उचित प्रक्रिया के बिना बर्खास्तगी। दो दुखद मामलों में इसकी वजह से आत्महत्या हो गई।'
आर्थिक कुप्रबंधन का आरोप- नेता विपक्ष ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन की मानवीय कीमत चुकानी पड़ रही है। यह अत्यंत चिंता का विषय है जो देश भर के हजारों ईमानदार कामकाजी पेशेवरों को प्रभावित करता है।
- उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी इन कामकाजी वर्ग के पेशेवरों के लिए न्याय की लड़ाई लड़ने और कार्यस्थल पर इस तरह के उत्पीड़न और शोषण को समाप्त करने के लिए इस मुद्दे को पूरी गंभीरता से उठाएगी।
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म्यांमार में भूकंप से तबाही, पीएम मोदी बोले- करीबी दोस्त और पड़ोसी के रूप में साथ खड़ा भारत
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। म्यामांर में शुक्रवार को आए विनाशकारी भूकंप ने अब तक हजारों लोगों की जान ले ली है। करीब 1700 लोग घायल हुए हैं और हजारों अभी भी लापता हैं। भूकंप के तुरंत बाद ही भारत ने म्यांमार को हर संभव मदद देने का वादा किया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने म्यांमार के सीनियर जनरल मिन आंग ह्लाइंग से बात की है। पीएम ने कहा कि एक करीबी दोस्त और पड़ोसी के रूप में, भारत इस कठिन समय में म्यांमार के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है।
पीएम मोदी ने व्यक्त की संवेदनाप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर लिखा, 'म्यांमार के वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग से बात की। विनाशकारी भूकंप में हुई मौतों पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की।'
Spoke with Senior General H.E. Min Aung Hlaing of Myanmar. Conveyed our deep condolences at the loss of lives in the devastating earthquake. As a close friend and neighbour, India stands in solidarity with the people of Myanmar in this difficult hour. Disaster relief material,…
— Narendra Modi (@narendramodi) March 29, 2025उन्होंने आगे लिखा, 'एक करीबी दोस्त और पड़ोसी के रूप में, भारत इस कठिन समय में म्यांमार के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है। ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत आपदा राहत सामग्री, मानवीय सहायता, खोज और बचाव दल को प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से भेजा जा रहा है।'
ऑपरेशन ब्रह्मा की शुरुआतभारत ने म्यामांर में मानवीय मदद पहुंचाने के लिए ऑपरेशन ब्रह्मा शुरू किया है। भारतीय नौसेना के जहाज आईएनएस सतपुड़ा और आईएनएस सावित्री 40 टन मानवीय सहायता लेकर यांगून बंदरगाह भेजे गए हैं। खोज और बचाव कार्यों में मदद के लिए एनडीआरएफ की 80 सदस्यीय समर्पित टीम म्यांमार भेजी गई है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मानवीय सहायता की पहली खेप ले जा रहे भारतीय वायुसेना के सी-130 जे विमान की तस्वीरें साझा कीं, जिसमें टेंट, स्लीपिंग बैग, खाने के पैकेट, स्वच्छता किट, आवश्यक दवाइयाँ और बहुत कुछ शामिल है।
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म्यांमार और थाईलैंड के बाद मणिपुर में भी आया भूकंप, जानें कितनी रही तीव्रता
पीटीआई, इंफाल। मणिपुर के नोनी जिले में शनिवार को 3.8 तीव्रता का भूकंप आया। अधिकारियों ने बताया कि अब तक किसी जान-माल के नुकसान की कोई सूचना नहीं मिली है। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के अनुसार, भूकंप दोपहर 2:31 बजे आया। इसका केंद्र मणिपुर के नोनी जिले में था। भूकंप की गहराई 10 किलोमीटर मापी गई।
EQ of M: 3.8, On: 29/03/2025 14:31:39 IST, Lat: 24.90 N, Long: 93.59 E, Depth: 10 Km, Location: Noney, Manipur.
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पूर्वोत्तर भारत भूकंप संभावित क्षेत्र में आता है और यहां अक्सर भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस क्षेत्र में भूगर्भीय हलचलें अधिक सक्रिय रहती हैं, जिससे समय-समय पर भूकंप आते रहते हैं।
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सहयोग पोर्टल को सेंसरशिप टूल बताने पर केंद्र ने जताई आपत्ति, एक्स के दावे को बताया बेबुनियाद; जानिए पूरा मामला
पीटीआई, बेंगलुरु। मशहूर उद्योगपति एलन मस्क के स्वामित्व वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स और भारत सरकार के बीच डिजिटल सेंसरशिप को लेकर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। ये विवाद अब कर्नाटक हाईकोर्ट तक पहुंच गया है। कर्नाटक हाईकोर्ट में केंद्र सरकार ने एक हलफनामा पेश किया है और एक्स के कई दावे को खारिज किया है।
केंद्र ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स द्वारा सहयोग पोर्टल को सेंसरशिप टूल बताए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई है और इस दावे को दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय बताया है।
जानिए पूरा विवाददरअसल, ये पूरा मामला अभिव्यक्ति की आजादी और डिजिटल रेगुलेशन से जुड़ा हुआ है। एक्स द्वारा काफी समय से केंद्र सरकार पर अति-नियंत्रण का आरोप लगाया जाता रहा है। हालांकि, केंद्र सरकार ने साफ तौर पर कहा है कि केवल डिजिटल स्पेस को सुरक्षित रखने के लिए कुछ जरूरी कदम उठाए जाते रहे हैं।
एक्स ने लगाए हैं ये आरोपजानकारी दें कि एक्स ने हाल के दिनों में केंद्र सरकार के खिलाफ कर्नाटक हाईकोर्ट में मुकदमा दायर किया था। इस याचिका में एक्स ने आरोप लगाया कि भारत सरकार, आईटी कानून की धारा 69(ए) का दुरुपयोग करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। एक्स का आरोप है कि बिना किसी उचित प्रक्रिया अपनाए ही ऑनलाइन कंटेंट को ब्लॉक किया जा रहा है। एक्स ने यह भी दावा किया है कि इससे ऑनलाइन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर असर पड़ रहा है।
सहयोग पोर्टल को लेकर भी एक्स ने उठाए सवालउधर, एक्स ने सहयोग पोर्टल को लेकर भी आरोप लगाए हैं। एक्स का मुख्य आरोप है कि सहयोग पोर्टल के माध्यम से सरकार डायरेक्ट कंटेंट ब्लॉक करने के लिए कर रही है। इससे भी आईटी प्रवधानों का उल्लंघन हो रहा है।
केंद्र सरकार ने दाखिल किया हलफनामा- एक्स के दावे पर केंद्र सरकार ने हलफनामा पेश किया है। कर्नाटक हाईकोर्ट के समक्ष पेश किए गए हलफनामे में सरकार ने एक्स के आरोपों को खारिज किया है। केंद्र ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स द्वारा सहयोग पोर्टल को सेंसरशिप टूल के रूप में वर्णित करने पर कड़ी आपत्ति जताई है, तथा इस दावे को दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय बताया है।
- केंद्र ने भारत के सूचना-अवरोधन ढांचे को चुनौती देने वाली अपनी याचिका में एक्स कॉर्प द्वारा किए गए दावों का खंडन किया। सरकार ने दावा किया कि याचिकाकर्ता ने सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम, विशेष रूप से धारा 69ए और 79(3)(बी) के प्रावधानों की गलत व्याख्या की है।
- सरकार ने तर्क दिया कि धारा 69ए स्पष्ट रूप से केंद्र को विशिष्ट परिस्थितियों में अवरोधन आदेश जारी करने की अनुमति देती है और ऑनलाइन सामग्री प्रतिबंध के लिए कई सुरक्षा उपाय प्रदान करती है।
एक्स द्वारा उठाई गई चिंताओं को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार ने सहयोग पोर्टल का बचाव किया है। केंद्र ने जोर देकर कहा कि पोर्टल गैरकानूनी ऑनलाइन सामग्री के खिलाफ त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए एक संरचित मंच प्रदान करता है और मध्यस्थों और जांच अधिकारियों दोनों को लाभान्वित करता है।
एक बयान में कहा गया है कि सहयोग को सेंसरशिप टूल के रूप में लेबल करना भ्रामक है। ऐसा करके, याचिकाकर्ता गलत तरीके से खुद को मध्यस्थ के बजाय एक कंटेंट निर्माता के रूप में पेश कर रहा है। एक्स जैसे वैश्विक मंच से ऐसा दावा बेहद खेदजनक और अस्वीकार्य है।
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क्या है सैगोंग फॉल्ट? जिसने म्यांमार व थाईलैंड में मचाई तबाही, आगे भी विनाशकारी भूकंप का खतरा
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। म्यांमार और थाईलैंड में आए भूकंप के बाद भारत ने 50 टन राहत सामग्री भेजी है। दोनों देशों के अधिकारी संपर्क में हैं। म्यांमार में भूकंप से मरने वालों का आंकड़ा एक हजार के पार हो चुका है। सैगोंग फॉल्ट ने म्यांमार में तबाही मचाई है। आइये जानते हैं भूकंप के लिए जिम्मेदार सैगोंग फॉल्ट के बारे में।
भूकंप के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्रों में शामिल है म्यांमारम्यांमार भूकंप के लिहाज से सबसे अधिक सक्रिय क्षेत्रों में से एक है। ग्लोबल सीस्मिक रिस्क मैप पर म्यांमार रेड जोन में है। इसका मतलब है भूकंप का मध्यम से अधिक खतरा।
सैगोंग शहर के पास से गुजरती है दरारम्यांमार में धरती की सतह के नीचे की चट्टानों में एक बहुत बड़ी दरार मौजूद है, जो देश के कई हिस्सों से होकर गुजरती है। यह दरार म्यांमार के सैगोंग शहर के पास से गुजरती है इसलिए इसका नाम सैगोंग फॉल्ट पड़ा। यह म्यांमार में उत्तर से दक्षिण की तरफ 1200 किमी तक फैली हुई है।
तेजी से खिसक रही हैं चट्टानें लाती हैं शक्तिशाली भूकंपइसे 'स्ट्राइक-स्लिप फॉल्ट' कहते हैं। इसका मतलब है कि इसके दोनों तरफ की चट्टानें एक-दूसरे के बगल से हॉरिजॉन्टल दिशा में खिसकती हैं, ऊपर-नीचे नहीं। इसे आप ऐसे समझ सकते हैं जैसे दो किताबें टेबल पर रखी हों और उन्हें एक-दूसरे के खिलाफ स्लाइड किया जाए। सैगोंग फॉल्ट में चट्टानों के खिसकने की अनुमानित रफ्तार 11 मिलीमीटर से 18 मिलीमीटर सालाना है।
चट्टानों के लगातार खिसकने से ऊर्जा का दबाव बनता है और यह समय-समय पर भूकंप के रूप में ऊर्जा बाहर निकलती है। सालाना 18 मिलीमीटर तक जमीन खिसकने का मतलब है कि यहां जमीन के नीचे काफी अधिक हलचल है। इसकी वजह से बड़े पैमाने पर ऊर्जा इकठ्ठा हो रही है, जो शक्तिशाली भूकंप ला सकती है।
इन देशों तक लगे भूकंप के झटकेम्यांमार में आए भूकंप से बड़े पैमाने पर जान माल का नुकसान हुआ है। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 7 से अधिक थी और इसके झटके म्यांमार के अलावा थाईलैंड, बांग्लादेश, भारत, वियतनाम और चीन तक महसूस किए गए।
अगले हफ्ते थाईलैंड जाएंगे पीएम मोदीप्रधानमंत्री मोदी अगले हफ्ते तीन व चार अप्रैल को बैंकाक की यात्रा पर जाने वाले हैं। वहां चार अप्रैल 2025 को छठा बिम्सटेक शिखर सम्मेलन होने वाला है जिसमें भारत, थाईलैंड, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका, भूटान और बांग्लादेश के राष्ट्राध्यक्ष हिस्सा लेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी की तीसरी थाईलैंड यात्रा की तैयारियां चल ही रही थीं कि ठीक एक हफ्ते पहले वहां भूकंप आ गया है। भूकंप से शिखर सम्मेलन पर होने वाले असर को लेकर जब सवाल पूछा गया तो विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा, ‘हम थाईलैंड के साथ संपर्क में हैं। अभी तक ऐसा कोई संकेत नहीं है कि हम कुछ कह सकें।
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'24वें मंजिल पर था... पूरी बिल्डिंग हिलने लगी, हर कोई भागने लगा'; बैंकॉक से लौटे लोगों ने क्या-क्या बताया?
एएनआई, नई दिल्ली। भूकंप के बाद थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक से लौटे भारतीय पर्यटकों ने वहां की डरावनी कहानी बयां की। पर्यटकों ने बताया कि चारों तरफ अफरा-तफरी का माहौल था। हर कोई चीख रहा था। भगदड़ जैसी स्थिति थी। हर कोई अपनी जान बचाने की फिराक में था। इमारतें भयानक तौर पर हिल रही थीं। हर इंसान बेहद डरा था।
भूकंप के बाद सबकुछ हुआ बंदथाईलैंड से लौटीं भारती खुराना ने बताया कि सभी व्यावसायिक स्थानों को इमरजेंसी में बंद कर दिया गया था। हम बाजार गए थे। मगर इमरजेंसी की वजह से बाजार बंद था। कोई टैक्सी और इमरजेंसी वाहन नहीं मिल रहे थे। एयरपोर्ट पहुंचने तक के लिए टैक्सी नहीं मिल रही थी। हालांकि अब स्थिति ठीक है।
24वीं मंजिल पर फंसे थे प्रणवप्रणव भारत से थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक घूमने गए थे। उन्हें क्या पता कि वह एक भीषण भूकंप में फंस जाएंगे। प्रणव ने बताया कि मैं प्रिंस पेस होटल के 24वें मंजिल पर था। इमारत भयानक रूप से हिलने लगी। हर कोई भागने लगा। लोग दो घंटे तक एक ही स्थिति में बैठे थे।
हर कोई चिल्ला और भाग रहा थाएक इंटरनेशनल पर्यटक जॉन ने बताया कि मैं चाइनाटाउन में था। अचानक फर्श हिलने लगी। मैं नीचे देखने लगा। इतने में ही घबराहट होने लगी। हर कोई बाजार के संकरे रास्ते से निकलने लगा। उन्होंने आगे कहा कि हम सभी बहुत डरे थे। चिल्ला और भाग रहे थे। इमारत से बाहर निकलने के लिए धक्का-मुक्की कर रहे थे। हालांकि चाइनाटाउन बाजार में कुछ नहीं हुआ।
मलबे में बहुत लोग दबेजॉन ने कहा कि जैसा कि हम यहां चतुचक में देख सकते हैं। यह एक निर्माणाधीन और अनुमान के मुताबिक 30 मंजिला इमारत के ढहने की तस्वीरें हमने देखी। मुझे ठीक से नहीं पता कि ये कौन सी इमारत थी? मगर मुझे यकीन है कि इसके मलबे में बहुत सारे लोग दबे होंगे।
बैंकॉक में 10 की मौतबता दें कि शुक्रवार को म्यांमार में 7.7 तीव्रता का भूकंप आया। इसके झटके थाईलैंड, म्यांमार और वियतनाम तक महसूस किए गए। सबसे अधिक तबाही म्यांमार और थाईलैंड में मची है। म्यांमार में मृतकों का आंकड़ा एक हजार के पार हो चुका है। बैंकॉक पोस्ट के मुताबिक बैंकॉक में 10 लोगों की मौत हुई है। 16 लोग गायल हैं। अभी 101 लोग लापता हैं।
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कैसा ये इश्क है! दो लड़कियों से हुआ प्यार, लड़के ने एक ही मंडप में दोनों से रचाई शादी; फिर जो हुआ जानकर उड़ जाएंगे होश
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इंसान को जीवन में कभी न कभी किसी से प्यार होता है और वो अपने प्यार के साथ ही पूरी जिंदगी साथ रहना भी चाहता है। लेकिन क्या हो, जब किसी एक लड़के को दो लड़कियों से प्यार हो जाए और वो दोनों ही लड़कियों के साथ जिंदगी बिताना चाहे?
तेलंगाना में व्यक्ति ने दो महिलाओं से की शादी
ऐसा ही एक अनोखा मामला तेलंगाना से सामने आया है, जहां एक युवक ने एक ही मंडप में दो लड़कियों से शादी की है। मामला कोमाराम भीम आसिफाबाद जिले का है। सूर्यदेव नामक व्यक्ति ने एक ही समय में दो महिलाओं, लाल देवी और झलकारी देवी से शादी की है।
सूर्यदेव न शादी के निमंत्रण कार्ड पर दोनों दुल्हनों के नाम छपवाए और एक भव्य समारोह का आयोजन भी किया। इस शादी का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें ये दोनों महिलाओं उस व्यक्ति का हाथ थामे नजर आ रही हैं। शादी की सारी रस्में रिश्तेदारों और परिवार वालों की मौजूदगी में निभाई गई है।
Jab Miya aur do biwi raazi tho kya karega kaazi? Suryadev from Gumnoor village Lingapur mandal, #KomuramBheemAsifabad district married Lal Devi & Jhalkari Devi in a tribal #weddingceremony on Thursday; trio's decision shocked community but they eventually accepted #WeddingOf3 pic.twitter.com/qgbpEndFcb
— Uma Sudhir (@umasudhir) March 28, 2025शादी करवाने में गांव वालों ने की मदद
बताया जा रहा है कि, सूर्यदेव को लाल देवी और झलकारी देवी से प्यार हो गया था, जिसके बाद तीनों ने साथ रहने का फैसला किया। हालांकि, शुरुआत में गांव के बुजुर्ग इस शादी के लिए राजी नहीं थे, लेकिन फिर बाद में मान गए और तीनों की शादी करवाने में मदद भी की।
पहले भी हुई है ऐसी घटना
हालांकि, भारत में हिंदुओं के लिए बहुविवाह करना गैरकानूनी है। यह पहली बार नहीं है जब ऐसी घटना हुई है, इससे पहले 2021 में तेलंगाना के आदिलाबाद जिले में एक व्यक्ति ने एक ही मंडप में दो महिलाओं से शादी की थी। इसी तरह 2022 में झारखंड में एक युवक ने अपनी दो गर्लफ्रेंड के साथ शादी की थी।
तेलंगाना में भरभराकर गिरी 6 मंजिला इमारत, एक की मौत; बचाव अभियान जारी
Weather: दिल्ली में चलेंगी तेज हवाएं, महाराष्ट्र-कर्नाटक में गरज के साथ बारिश; कश्मीर में भारी बर्फबारी की संभावना
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मौसम विज्ञान विभाग ने ताजा मौसम अलर्ट जारी किए हैं जिसमें बताया गया है कि आज दिल्ली-एनसीआर में तेज हवाएं चलेंगी। जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में भारी बर्फबारी होने की संभावना है, जबकि महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में गरज के साथ बारिश और तेज हवाएं चलने की संभावना है।
ओडिशा में लू की चेतावनी जारी की गई है, जबकि गुजरात और पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों में तापमान बढ़ रहा है। पश्चिमी विक्षोभ और मध्य पाकिस्तान और पूर्वोत्तर असम पर इससे जुड़े चक्रवाती परिसंचरण उत्तरी और पूर्वोत्तर भारत में मौसम की स्थिति को प्रभावित करने वाले हैं।
दिल्ली में पड़ रही तेज गर्मीशुक्रवार को न्यूनतम तापमान सामान्य से 2.8 डिग्री अधिक 20.9 डिग्री दर्ज किया गया। यह गर्मियों के इस सीजन में अब तक का सर्वाधिक है। वहीं तेज हवाओं के असर से अधिकतम तापमान सामान्य से 0.3 डिग्री कम 32.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। सर्वाधिक न्यूनतम तापमान 23.1 की दृष्टि राजघाट दिल्ली के सबसे गर्म इलाके रहे। मौसम विभाग की मानें तो अभी एक दो दिन और तीखी गर्मी से राहत बनी रह सकती है।
रविवार से तापमान में दोबारा होगी बढ़ोतरीमौसम विभाग का पूर्वानुमन है कि शनिवार को आंशिक तौर पर बादल छाए रहेंगे। 20 से 30 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा चलेगी। बीच बीच में हवा की रफ्तार 40 किमी प्रति घंटा भी पहुंच सकती है। अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान क्रमश: 33 और 15 डिग्री रह सकता है। रविवार से तापमान में दोबारा वृद्धि होने लगेगी।
अगले चार दिन दिन तापमान में कमी आएगी: IMDमौसम विभाग (IMD) का पूर्वानुमान है कि शुक्रवार को भी दिन भर आसमान साफ रहेगा। तेज धूप खिली रहेगी। 15 से 25 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा भी चलेगी। बीच बीच में यह गति 35 किमी प्रति घंटे तक भी हो सकती है। अधिकतम व न्यूनतम तापमान क्रमश: 33 और 18 डिग्री तक रह सकता है। हवा की रफ्तार बढ़ने पर अगले तीन चार दिन तापमान में थोड़ी कमी बनी रह सकती है।
उत्तर-पश्चिम भारत के लिए हवा की चेतावनी29 मार्च को पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर 25-35 किमी प्रति घंटे की गति से तेज हवाएँ चलने की संभावना है। इसी अवधि के दौरान पश्चिमी राजस्थान में 20-30 किमी प्रति घंटे की गति से धूल उड़ाने वाली हवाएं चल सकती हैं।
म्यांमार की मदद के लिए सबसे पहले आगे आया भारत, भेजी जा रही राहत सामग्री; भूकंप ने ली अब तक 150 की जान
एएनआई, नई दिल्ली। म्यांमार में केंद्रित एक शक्तिशाली भूकंप ने शुक्रवार को दक्षिण-पूर्व एशिया को हिलाकर रख दिया है। कारण म्यांमार में इससे 144 लोगों की मौत हो गई और 732 लोग घायल हो गए। वहीं सैंकड़ों इमारतें गिर गई हैं, जिसकी वजह से सैंकड़ों लोग बेघर हो गए हैं। वहीं, म्यांमार की मदद के लिए भारत आगे आया है।
15 टन राहत सामग्री भेजेगा भारतसूत्रों ने बताया कि भारत शनिवार को भूकंप प्रभावित म्यांमार को एक सैन्य परिवहन विमान में करीब 15 टन राहत सामग्री भेजेगा। उन्होंने बताया कि भारतीय वायुसेना का सी130जे विमान जल्द ही हिंडन वायुसेना स्टेशन से म्यांमार के लिए उड़ान भरेगा।
Approximately 15 tonnes of relief material is being sent to Myanmar on an IAF C 130 J aircraft from AFS Hindon, including tents, sleeping bags, blankets, ready-to-eat meals, water purifiers, hygiene kits, solar lamps, generator sets, essential Medicines (Paracetamol, antibiotics,… pic.twitter.com/A2lfqfPLvF
— ANI (@ANI) March 29, 2025 राहत सामग्री में ये चीजें होंगी शामिलसूत्रों ने बताया कि भेजी जा रही राहत सामग्री में टेंट, स्लीपिंग बैग, कंबल, खाने के लिए तैयार भोजन, वाटर प्यूरीफायर, सोलर लैंप, जनरेटर सेट और आवश्यक दवाएं शामिल हैं।
7.2 तीव्रता के भूकंप के झटकों ने म्यांमार और पड़ोसी थाईलैंड में क्षति और दहशत पैदा कर दी। शुक्रवार को म्यांमार और पड़ोसी थाईलैंड में शक्तिशाली भूकंप आया, जिसमें इमारतें, पुल और एक मठ नष्ट हो गए।
थाई राजधानी में कम से कम 10 लोग मारे गएम्यांमार में कम से कम 144 लोग मारे गए, जहां दो बुरी तरह प्रभावित शहरों से ली गई तस्वीरों और वीडियो में व्यापक क्षति दिखाई गई। थाई राजधानी में कम से कम 10 लोग मारे गए, जहां निर्माणाधीन ऊंची इमारत ढह गई।
लोगों ने सुनाया खौफनाक मंजरमांडले के एक निवासी ने कहा कि पूरे शहर में तबाही हुई है। एक अन्य ने कहा कि सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं, फोन लाइनें बाधित हो गई हैं और बिजली नहीं है। म्यांमार नाउ ने तस्वीरें पोस्ट कीं, जिसमें एक घंटाघर ढह गया है और मांडले पैलेस की दीवार का एक हिस्सा खंडहर में तब्दील हो गया है। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि एक चाय की दुकान ढह गई थी और कई लोग अंदर फंस गए। हम अंदर नहीं जा सके। स्थिति बहुत खराब है।
ताउंगू में एक व्यक्ति ने कहा, 'हम मस्जिद में नमाज पढ़ रहे थे जब भूकंप के झटके शुरू हुए.. तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।' स्थानीय मीडिया ने बताया कि शान राज्य के औंग बान में एक होटल मलबे में तब्दील हो गया। इसमें दो लोगों की मौत हो गई और 20 लोग फंस गए।
एमआरटीवी ने बताया कि भूकंप से इमारतें गिर गईं, कारें दब गईं और राजधानी नेपीता में सड़कों पर बड़ी दरारें पड़ गईं। रेड क्र\स ने कहा कि म्यांमार में सड़कें, पुल व इमारतें क्षतिग्रस्त हो गई हैं और बड़े बांधों की स्थिति को लेकर चिंता है।
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Waqf Bill: पीछे हटने को तैयार नहीं केंद्र सरकार, अमित शाह बोले- संसद के इसी सत्र में पेश होगा वक्फ विधेयक
पीटीआई, नई दिल्ली। गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि वक्फ (संशोधन) विधेयक संसद के इसी सत्र में फिर से पेश किया जाएगा। अगस्त 2024 में इस विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजा गया था। चार अप्रैल को समाप्त होने वाले मौजूदा बजट सत्र में अब केवल चार कार्यदिवस बचे हैं।
विपक्ष मुसलमानों को गुमराह कर रहा है- शाहअमित शाह ने एक निजी चैनल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहा कि हम इसी सत्र में संसद में वक्फ विधेयक पेश करेंगे। प्रस्तावित कानून से किसी को डरना नहीं चाहिए, क्योंकि नरेन्द्र मोदी सरकार संविधान के दायरे में रहकर वक्फ अधिनियम में संशोधन कर रही है। विपक्ष मुसलमानों को गुमराह कर रहा है। मुसलमानों के किसी भी अधिकार पर अंकुश नहीं लगाया जाएगा। विपक्ष सिर्फ झूठ पर झूठ बोल रहा है।
हमने वक्फ विधेयक को संविधान के दायरे में रखा है- अमित शाहगृह मंत्री ने कहा कि सरकार को मौजूदा कानून में संशोधन इसलिए लाना पड़ा, क्योंकि मूल कानून तुष्टीकरण की राजनीति के कारण बनाया गया था। कांग्रेस ने वक्फ एक्ट में ऐसे नियम बनाए जो संविधान की भावना के अनुरूप नहीं थे। हमने वक्फ विधेयक को संविधान के दायरे में रखा है, जबकि कांग्रेस ने अपने राजनीतिक लाभ के लिए कानून को तोड़-मरोड़ कर पेश किया था।
अमित शाह ने कहा कि वक्फ बोर्ड ने दिल्ली में 123 प्रमुख स्थानों को वक्फ संपत्ति घोषित कर रखा है। प्रयागराज में ऐतिहासिक चंद्रशेखर आजाद पार्क (जहां आजाद ने अपना बलिदान दिया था) को भी वक्फ संपत्ति घोषित किया गया है।
और बड़े जनादेश के साथ बिहार में फिर बनेगी राजग सरकारगृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि राजग बिहार में फिर से बड़े जनादेश के साथ सरकार बनाएगा। भाजपा, जदयू और कुछ अन्य दलों का गठबंधन मिलकर काम कर रहा है। हाल के दिनों में गठबंधन की कई बैठकें हुई हैं। बिहार में राजग बहुत मजबूत है।
बिहार के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण काम किएउन्होंने कहा कि मोदी जी और नीतीश कुमार की सरकार ने बिहार के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण काम किए हैं। बिहार में पहले से भी बड़े जनादेश के साथ राजग की सरकार बनेगी। बताते चलें, बिहार विधानसभा चुनाव इस साल अक्टूबर में होने की उम्मीद है। राज्य में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राजग सरकार सत्ता में है।
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पाकिस्तान की कुलभूषण जाधव जैसा मामला बनाने की थी तैयारी, IFA अधिकारी को रॉ एजेंट की नाकाम कोशिश
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। इस बार भी पाकिस्तान की कोशिश एक और कुलभूषण जाधव जैसा मामला तैयार करने की थी। भारत के विदेश मंत्रालय में कार्यरत एक अधिकारी की पहचान भी कर ली गई। उसके तमाम फोटोग्राफ भी जुटाते हुए उसके ईरान से लेकर चीन व हांगकांग और बलूचिस्तान से लिंक स्थापित करते हुए सूचना भी पाकिस्तान की मीडिया को दे दिया गया।
राजनीतिक दलों की शख्सियतों ने भी इस संबंध में पोस्ट कीपाकिस्तान के कुछ राजनीतिक दलों की शख्सियतों ने भी इस संबंध में पोस्ट की। लेकिन गलती बस यह हो गई कि जिस व्यक्ति अजीत जॉन जोशुआ को भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के लिए काम करते हुए बताया गया वह अभी बेंगलुरु स्थित क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय (पीआरओ) में अधिकारी हैं और जिस दिन यह खबर लिखी जा रही है उस दिन भी वह दूर-दराज के इलाके में पासपोर्ट बनाने के लिए शुरू की गई “मोबाइल पासपोर्ट सेवा वैन'' का संचालन कर रहे हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने पाकिस्तान के कुछ वरिष्ठ पत्रकारों की तरफ से सोशल मीडिया साइट एक्स पर अजीत जॉन जोशुआ के फोटो के साथ लिखे गये पोस्ट को फेक बताया है।
पाकिस्तान के कई बड़े पत्रकारों ने किए दावेपाकिस्तान के कई बड़े पत्रकारों ने वहां की खुफिया एजेंसी की तरफ से हासिल सूचनाओं के आधार पर जोशुआ के फोटो को पोस्ट किया है। इसमें यह लिखा गया है कि पहले रॉ के एजेंटे अब बतौर राजदूत दूसरे देशों में काम करते हैं। वह बीजिंग और हांगकांग जैसे प्रमुख शहरों में अपनी सेवा दे चुके हैं। वह बलूच आतंकियों को प्रशिक्षण दे रहे हैं और उन्हें फंड भी उपलब्ध करा रहे हैं ताकि वह पाकिस्तान के भीतर आतंकी हमले कर सके।
ईरान में कार्यरत भारतीय रॉ अधिकारी बतायाजोशुआ के फोटो के साथ उन्हें ईरान में कार्यरत भारतीय रॉ अधिकारी के तौर पर चिन्हित करने का एक पोस्ट बलूचिस्तान सरकार के मंत्री जान अचकजई ने भी किया है। सूत्रों का कहना है कि बलूचिस्तान में बिगड़ते हालात को संभालने में असफल रही पाकिस्तानी एजेंसियां वहीं काम कर रही हैं जो पहले से करती आई हैं यानी सारी गड़बडि़यों की जिम्मेदारी भारत के सर पर डालना।
भारतीय विदेश मंत्रालय के अधिकारी जोशुआ के कई फोटो सोशल मीडिया पर डालने वाली पाकिस्तान की एक तेजतर्रार महिला पत्रकार ने उनका तार बलूचिस्तान में लापता लोगों के मामले से की है। सादिया खान नाम की इस पत्रकार ने लिखा है कि, “इन बलूची आतंकवादियों को अंतरराष्ट्रीय मीडिया में लापता लोगों कहा जाता है।''
बलूचिस्तान में पाकिस्तान की सेना कर रही अत्याचारयह सारी सूचनाएं पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ से मिलने का दावा भी किया गया है। बलूचिस्तान में पाकिस्तान की सेना की तरफ से गायब किये गये लोगों के परिजनों की तरफ से विरोध प्रदर्शन ना सिर्फ बढ़ता जा रहा है बल्कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया में भी उसे काफी कवरेज मिलने लगी है।
एमनेस्टी इंटरनेशनल (ब्रिटेन) की रिपोर्ट बताती है कि बलूचिस्तान में वर्ष 2011 से वर्ष 2024 के बीच 2752 लोग लापता हुए हैं और इनके परिजनों का आरोप है कि पाकिस्तान के सुरक्षा बलों ने उनका अगवा किया हुआ है।
कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान ने पकड़ लिया थाउल्लेखनीय है कि वर्ष 2016 में भारतीय नौ सेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की सेना ने ईरान से गिरफ्तार कर जेल में बंद कर दिया था। उन पर भारत की तरफ से पाकिस्तान में आतंक फैलाने का आरोप लगया है। भारत जाधव के खिलाफ एक मामला अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में जीत चुका है। लेकिन अभी भी वह पाकिस्तान के जेल में है।
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तीस्ता नदी जल प्रबंधन भारत से छीनकर चीन को देगा बांग्लादेश, युनुस ने किया वादा
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। अपनी नई दिल्ली यात्रा के दौरान 22 जून, 2024 को पूर्व पीएम शेख हसीना ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक में तीस्ता नदी जल प्रबंधन का काम भारत को देने का वादा किया था। दोनों नेताओ में सहमति बनी थी कि जल्द ही एक भारतीय टीम ढाका का दौरा करेगी जो तीस्ता जल प्रबंधन की भावी योजना की रूपरेखा तैयार करेगी।
चीन- बांग्लादेश ने नौ समझौतों पर हस्ताक्षर किएअब बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस ने चीन की कंपनियों को भारत के लिए बेहद संवेदनशील इस नदी परियोजना का काम देने का वादा किया है। यूनुस ने शुक्रवार को चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ बैठक की। इसमें नौ समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। कुछ समझौते भारत के हितों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं।
मोंगला पोर्ट को अत्याधुनिक बनाने का स्वागतसिर्फ तीस्ता जल प्रबंधन का ही नहीं बल्कि मोंगला बंदरगाह को विकसित करने के लिए भारत के साथ पूर्व आवामी लीग की सरकार के कार्यकाल में बनी सहमति को भी रद करने की मंशा यूनुस ने दिखा दी है।
यूनुस और चिनफिंग के बीच बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में बांग्लादेश ने चीन को अपनी मोंगला पोर्ट को अत्याधुनिक बनाने व विकसित करने के लिए स्वागत किया है। चीन की इस पर लंबे अरसे से नजर थी। चीन के भारी दबाव को दरकिनार कर हसीना सरकार ने जुलाई, 2024 में इसमें एक टर्मिनल को विकसित करने का अधिकार भारत को दे दिया था।
चट्टोग्राम में चीन की तरफ से एक विशेष आर्थिक क्षेत्र बनेगाइसी तरह से यूनुस सरकार ने एलान किया है कि वह चट्टोग्राम में चीन की तरफ से एक विशेष आर्थिक क्षेत्र का गठन किया जाएगा। यह भारत के रणनीतिक हितों के लिए एक बहुत ही बड़ी चुनौती होगी।
अभी तक भारत चीन की भावी चुनौतियों से अपने पूर्वोत्तर क्षेत्र को बचाने के लिए बांग्लादेश के साथ सहयोग कर रहा था। लेकिन अब यूनुस सरकार ने पूर्वोत्तर राज्यों से सटे सबसे करीबी बंदरगाह चट्टोग्राम के पास चीन को बसाने का इंतजाम करने की मंशा जता दी है।
बांग्लादेश से इलाज के लिए भारत आते हैं लोगबांग्लादेश से बहुत सारे बीमार लोग भारत इलाज के लिए आते हैं। पीएम मोदी ने पिछले वर्ष इलाज के लिए बांग्लादेशी नागरिकों को आसानी से वीजा देने और सीमा पर ही विशेष चिकित्सा केंद्र स्थापित करने की बात कही थी। भारत के इस आकर्षण को काटने के लिए चीन ने अपने यूनान प्रांत में बांग्लादेशी नागरिकों को चिकित्सा सुविधा देने की बात कही है।
यूनुस सरकार ने इसका स्वागत किया है, लेकिन भारत को जो एमओयू सबसे ज्यादा चुभने वाला है वह होगा तीस्ता नदी के जल प्रबंधन का ठेका चीन को मिलने को लेकर होगा। तीस्ता नदी भारतीय राज्य सिक्किम व बंगाल होते हुए बांग्लादेश में प्रवेश करती है।
हसीना सरकार ने तीन वर्ष पहले बनाई थी योजनाहसीना सरकार ने तीन वर्ष पहले इसकी सफाई करने और इसका पुराना स्वरूप लाने की योजना बनाई थी। इस पर तकरीबन एक अरब डालर (मौजूदा कीमत में 8300 करोड़ रुपये) की लागत आने की संभावना है। चीन ने अपनी लागत से इसे प्रोजेक्ट को पूरा करने का प्रस्ताव रखा था।
चीन को इस काम का ठेका मिलने का मतलब है कि इस नदी का सारा विवरण (जैसे जल प्रवाह, जल क्षेत्र, खनिज-लवण का ब्योरा आदि) उसके पास चला जाता। चीन के साथ अपने रिश्तों की संवेदनशीलता व तीस्ता नदी की अहमियत को देखते भारत ऐसा नहीं चाहता था।
हसीना ने भारत से किया था वादाहसीना ने जून, 2024 में भारत को इसका ठेका देने का वादा करने के बाद जुलाई, 2024 में बीजिंग गई थीं। चीन सरकार ने उनको ज्यादा तवज्जो नहीं दी थी। हसीना को निर्धारित समय से पहले ही ढाका लौटना पड़ा था। इसके एक महीने बाद ही उनका तख्तापलट हो गया था।
बांग्लादेश में विशेष चीनी औद्योगिक आर्थिक क्षेत्र के विकास में मदद करेगा चीनप्रेट्र के अनुसार चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कहा कि चीन बांग्लादेश में एक विशेष चीनी औद्योगिक आर्थिक क्षेत्र और औद्योगिक पार्क के निर्माण में मदद करेगा। सरकारी समाचार एजेंसी बीएसएस के अनुसार चीनी राष्ट्रपति ने चीन में और अधिक बांग्लादेशी उत्पादों के आने तथा अरबों डालर की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआइ) परियोजनाओं, साथ ही डिजिटल और समुद्री अर्थव्यवस्था में सहयोग का भी स्वागत किया।
बीआरआइ कनेक्टिविटी परियोजना है जो चीन को दक्षिण-पूर्व एशिया, मध्य एशिया, रूस और यूरोप से जोड़ेगी। बैठक के दौरान शी ने यह भी कहा कि उनकी सरकार अधिक चीनी निजी निवेश को प्रोत्साहित करेगी तथा चीनी विनिर्माण संयंत्रों को बांग्लादेश में स्थानांतरित करेगी।
बीजिंग का लक्ष्य ढाका के साथ मुक्त व्यापार समझौताउन्होंने बांग्लादेश को चीन का ''महत्वपूर्ण पड़ोसी'' बताया तथा इसके तीव्र विकास में सहयोग बढ़ाने की पेशकश की।शी ने घोषणा की कि चीन बांग्लादेशी वस्तुओं को शून्य-टैरिफ लाभ देना जारी रखेगा, तथा यह दर्जा 2028 के अंत तक बढ़ा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि बीजिंग का लक्ष्य ढाका के साथ मुक्त व्यापार समझौते और निवेश समझौते पर बातचीत शुरू करना है ताकि यहां अधिक चीनी निवेश का मार्ग प्रशस्त हो सके।
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चुनावी साल में बिहार को केंद्र की दो और बड़ी सौगात, 10 हजार करोड़ के ये दो बड़े प्रोजेक्ट मंजूर
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। विधानसभा के इस साल होने वाले चुनाव को देखते हुए केंद्र सरकार ने शुक्रवार को बिहार को लेकर दो और बड़े ऐलान किए है। इसमें 6282 करोड़ से अधिक के कोसी-मेची नदीं जोड़ों प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है। इससे न सिर्फ सीमांत बिहार और कोसी के आसपास के क्षेत्र को बाढ़ से राहत मिलेगी बल्कि दो लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल से अधिक भूमि की सिंचाई भी हो सकेगी।
बिहार में अंतरराज्यीय परिवहन की सुविधा और बेहतर हो सकेगीइसके साथ ही पांच राष्ट्रीय और चार राज्य के राजमार्गों को जोड़ने वाले 3712 करोड़ के 120 किमी लंबे पटना-आरा-सासाराम फोर लेन कारीडोर को भी हरी झंड़ी दी गई है। इससे बिहार में अंतरराज्यीय परिवहन की सुविधा और बेहतर हो सकेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में शुक्रवार को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए ) की बैठक में यह निर्णय लिए गए है।
कोसी- मेची नदी जोड़ो परियोजना पर होगा कामकैबिनेट से जुड़े निर्णयों की जानकारी देते हुए केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि 6282 करोड़ के अधिक के कोसी- मेची नदी जोड़ो परियोजना से सीमांत बिहार सहित कोसी नदी के आसपास के एक बड़े क्षेत्र को बाढ़ की समस्या से सदैव के लिए निजात मिलेगी।
साथ ही इस परियोजना से किसानों को दो लाख हेक्टेयर से अधिक की सिंचाई की भी सुविधा मिलेगी। इसका लाभ मुख्य रूप से बिहार के अररिया, पूर्णिया, किशनगंज और कटिहार जिलों को मिलेगी।
जलधारा को महानंदा बेसिन में लाया जाएगापरियोजना के तहत प्रत्येक मानसून सीजन में कोसी नदी के 2050 मिलियन क्यूविक मीटर पानी को सिंचाई के लिए महानंदा बेसिन में मोड़ा जाएगा। परियोजना के तहत ही पूर्वी कोसी मुख्य नहर को विस्तार देते हुए मेची नदी से जोड़ा जाएगा, जहां से जलधारा को महानंदा बेसिन में लाया जाएगा। इस परियोजना में बिहार को 3,652.56 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता शामिल है। पूरी परियोजना को मार्च 2029 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
पटना-आरा-सासाराम सड़क कॉरीडोर को मंजूरीकैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति ने इसके साथ ही बिहार को जो दूसरी बड़ी सौगात दी है, उनमें हाइब्रिड एन्युटी मोड (एनएएम) पर 120 किमी लंबे चार लेन ग्रीन फील्ड और ब्राउनफील्ड पटना-आरा-सासाराम सड़क कॉरीडोर को मंजूरी दी गई है। जिसकी कुल लागत 3712 करोड़ रुपए होगी। यह कारीडोर पांच राष्ट्रीय राजमार्गों और चार राज्य राजमार्गों को आपस में जोड़ेगा।
मौजूदा समय में सासाराम, आरा व पटना के बीच आवागमन मौजूदा राज्य राजमार्गों (एसएच-2, एसएच-12, एसएच-81 और एसएच-102) पर निर्भर है और जबकि आरा शहर में पहुंचने के लिए भारी यातायात के कारण तीन से चार घंटे लगते हैं।
ग्रीनफील्ड कॉरिडोर विकसित किया जाएगाबढ़ते यातायात को कम करने के लिए, ग्रीनफील्ड कॉरिडोर के साथ-साथ मौजूदा ब्राउनफील्ड राजमार्ग के 10.6 किमी हिस्से को उन्नत और विकसित किया जाएगा, जिससे आरा, ग्राहिणी, पीरो, बिक्रमगंज, मोकर और सासाराम जैसे स्थानों पर घनी आबादी वाले क्षेत्रों की जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा।
इसके साथ ही यह परियोजना एनएच-19, एनएच-319, एनएच-922, एनएच-131जी व एनएच -120 सहित प्रमुख परिवहन गलियारों को एकीकृत करती है, जिससे औरंगाबाद, कैमूर और पटना को निर्बाध रूप से आवागमन की सुविधा मिलेगी।
माल और यात्री आवागमन में तेजी आएगीइसके अतिरिक्त, यह परियोजना दो हवाई अड्डों (पटना में जय प्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा और आगामी बिहटा हवाई अड्डा ), चार प्रमुख रेलवे स्टेशनों (सासाराम, आरा, दानापुर, पटना) और एक अंतर्देशीय जल टर्मिनल (पटना) को कनेक्टिविटी प्रदान करेगी तथा पटना रिंग रोड तक सीधी पहुंच बढ़ाएगी, जिससे माल और यात्री आवागमन में तेजी आएगी।
'बिहार के चौतरफा विकास के लिए हम संकल्पबद्ध है। इस कड़ी में आज प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत कोसी -मेची इंट्रा स्टेट लिंक प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है। इससे जहां एक बड़े क्षेत्र को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा, वहीं किसान भाई बहनों की आय भी बढ़ेगी। 'नरेन्द्र मोदी, प्रधानमंत्री
कर्नाटक: डिजिटल अरेस्ट के शिकार बुजुर्ग दंपती ने की आत्महत्या, 50 लाख गंवाने के बाद उठाया खौफनाक कदम
पीटीआई, बेलगावी। कर्नाटक के बेलगावी जिले के खानपुर तालुक में एक बुजुर्ग दंपती ने 50 लाख की साइबर धोखाधड़ी और उत्पीड़न का शिकार होने के बाद आत्महत्या कर ली। खानपुर के बीड़ी गांव निवासी 82 वर्षीय डियोगजेरोन संतन नाजरेथ और उनकी पत्नी 79 वर्षीय फ्लावियाना के कोई संतान नहीं थी।
पुलिस ने बताया कि डियोगजेरोन द्वारा छोड़े गए दो पेज के सुसाइड नोट में उन्होंने अपना जीवन समाप्त करने का निर्णय बताया है तथा अनुरोध किया है कि इसके लिए किसी को दोषी न ठहराया जाए, क्योंकि वे किसी की दया पर नहीं जीना चाहते हैं।
खुद को चाकू घोंपकर की आत्महत्यापुलिस ने बताया कि घटना गुरुवार को तब प्रकाश में आई जब पड़ोसियों ने फ्लावियाना को बिस्तर पर मृत पाया, जबकि डियोगजेरोन का शव उनके घर के भूमिगत पानी के टैंक में मिला। महाराष्ट्र सरकार के सचिवालय के सेवानिवृत्त कर्मचारी डियोगजेरोन ने खुद की गर्दन पर चाकू घोंपकर आत्महत्या कर ली।
पुलिस ने बताया कि उसकी कलाई पर भी चोट के निशान पाए गए हैं। उन्होंने बताया कि फ्लेवियाना के जहर खाने का संदेह है, हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही इसकी पुष्टि हो पाएगी।
सुसाइड नोट में किया गया दो लोगों का जिक्रसुसाइड नोट में डियोगजेरन ने दो व्यक्ति सुमित बिर्रा और अनिल यादव का नाम लिया है। उन्होंने लिखा कि नई दिल्ली से दूरसंचार विभाग के अधिकारी होने का दावा करने वाले बिर्रा ने उन्हें सूचित किया कि उनके नाम पर धोखाधड़ी से एक सिम कार्ड खरीदा गया था और इसका इस्तेमाल उत्पीड़न और अवैध विज्ञापनों के लिए किया जा रहा था। बिर्रा ने बाद में काल को अनिल यादव को स्थानांतरित कर दिया, जिन्होंने अपराध शाखा से होने का दावा किया।
अनिल यादव ने डियोगजेरोन की संपत्ति और वित्तीय विवरण की मांग की और सिम कार्ड के दुरुपयोग पर कानूनी परिणाम भुगतने की धमकी दी। पुलिस ने डिजिटल लेनदेन रिकार्ड का हवाला देते हुए कहा कि घोटाले का शिकार होकर डियोगजेरोन ने उन्हें 50 लाख रुपये से अधिक हस्तांतरित कर दिए, लेकिन वे और अधिक मांग करते रहे।
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म्यांमार और थाइलैंड की मदद के लिए भारत तैयार, विदेश मंत्रालय को दिए गए निर्देश; पीएम मोदी करने वाले हैं दौरा
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। म्यांमार और थाइलैंड में आए भूकंप के बाद इन देशों को मदद पहुंचाने के लिए भारत तैयार है। देर शाम तक दोनों देशों के साथ भारतीय अधिकारी संपर्क हैं ताकि सही तरह से वहां हुए नुकसान और जरूरतों का आकलन हो सके।
भारत की मुस्तैदी इस बात से समझी जा सकती है कि भूकंप आने के दो घंटे के भीतर ही पीएम नरेन्द्र मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर अपनी चिंता जताई और मदद की पेशकश कर दी।
पीएम मोदी ने दिया आश्वासनपीएम मोदी ने लिखा कि, "म्यांमार और थाइलैंड में आए भूकंप की स्थिति से चिंतित हूं। सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता हूं। भारत हरसंभव मदद करने को तत्पर है। अपनी एजेंसियों को तैयार रहने को कहा है। विदेश मंत्रालय को भी निर्देश दिया गया है कि म्यांमार और थाइलैंड के संपर्क में रहे।''
Concerned by the situation in the wake of the Earthquake in Myanmar and Thailand. Praying for the safety and wellbeing of everyone. India stands ready to offer all possible assistance. In this regard, asked our authorities to be on standby. Also asked the MEA to remain in touch…
— Narendra Modi (@narendramodi) March 28, 2025पीएम मोदी अगले हफ्ते तीन और चार अप्रैल को बैंकाक की यात्रा पर जाने वाले हैं। वहां 04 अप्रैल, 2025 को छठी बिम्सटेक शिखर सम्मेलन होने वाला है जिसमें भारत, थाईलैंड, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका, भूटान और बांग्लादेश के राष्ट्राध्यक्ष हिस्सा लेंगे।
थाईलैंड दौरे पर जाएंगे पीएम मोदी?पीएम मोदी की यह तीसरी थाईलैंड यात्रा की तैयारियां चल ही रही थी कि ठीक एक हफ्ते पहले वहां भूकंप आ गया है। भूकंप से शिखर सम्मेलन पर होने वाले असर को लेकर जब सवाव पूछा गया तो विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि, “हम थाइलैंड के साथ संपर्क में है। अभी तक ऐसा कोई संकेत नहीं है कि हम कुछ कह सकें। मदद पहुंचाने को लेकर म्यांमार और थाईलैंड दोनों देशों के साथ बात हो रही है। हम उनकी सही जरूरत क्या है, इसे जानने की कोशिश कर रहे हैं। भारत हमेशा से ही इस क्षेत्र में किसी प्राकृतिक आपदा होने पर सबसे पहले मदद पहुंचाने वाला होता है।''
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'ऐसा तो इंदिरा गांधी भी नहीं कर सकी थीं', पाकिस्तान पर बोलते हुए जयशंकर ने क्यों किया पूर्व पीएम का जिक्र
पीटीआई, नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को लोकसभा में पाकिस्तान और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ किए जा रहे व्यवहार पर बहुत बारीकी से नजर रख रही है, लेकिन हम पड़ोसी देश की कट्टरपंथी और धर्मांध मानसिकता को नहीं बदल सकते।
दरअसल, प्रश्नकाल के दौरान जयशंकर ने पाकिस्तान में फरवरी में हिंदुओं पर हुए हमलों की 10 घटनाओं का इशारा किया। उन्होंने कहा कि इनमें से सात घटनाएं जबरन धर्मांतरण से जुड़ी थीं, दो अपहरण से और एक मामले में होली मना रहे छात्रों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई हुई थी।
उन्होंने बताया कि तीन मामले सिख परिवार के खिलाफ अत्याचार के थे, जिनमें पहला परिवार पर हमला, दूसरा फिर से गुरुद्वारा खोलने पर धमकाना और तीसरा सिख समुदाय की लड़की का अपहरण और जबरन धर्मांतरण था।
बांग्लादेश में भी अल्पसंख्यकों पर भारत की नजरइसके अलावा दो मामले अहमदिया समुदाय से और अन्य ईसाई व्यक्ति पर ईशनिंदा का मामला था। भारत ऐसे मामलों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाता है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान की तरह हम बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर नजर रखते हैं। 2024 में अल्पसंख्यकों पर हमले की 2400 घटनाएं थीं और 2025 में 72 मामले। इस मामले को अपने समकक्ष के सामने भी उठाया। बांग्लादेश दौरे के दौरान विदेश सचिव ने भी इसे उठाया। यह हमारी सरकार के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।
इंदिरा गांधी नहीं बदल पाईं थी पाकिस्तान की मानसिकतावहीं, क्या पाकिस्तान के खिलाफ पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तरह भारत कड़ी कार्रवाई की योजना बना रहा है, के सवाल पर जयशंकर ने कहा कि नई दिल्ली अपनी स्थिति को अच्छी तरह से बता रही है, लेकिन एक देश और सरकार के रूप में हम पड़ोसी देश की कट्टरपंथी और धर्मांध मानसिकता को नहीं बदल सकते। यहां तक कि इंदिरा गांधी भी ऐसा नहीं कर पाई थीं।
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सांसदों की बैठक बीच में छोड़कर चले गए राज्यसभा सभापति; जानिए आखिर ऐसा क्या हुआ
पीटीआई, नई दिल्ली। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ शुक्रवार को कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक बीच में छोड़कर चले गए। सूत्रों के अनुसार शिष्टाचार का पालन नहीं किए जाने से क्षुब्ध होकर सभापति ने यह कदम उठाया।
वहीं, एक विपक्षी नेता के अनुसार डुप्लीकेट मतदाता पहचान पत्र (ईपिक) नंबरों पर चर्चा और विधेयकों को संसदीय समितियों में भेजने की मांग को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्षी सदस्यों के बीच मतभेद के कारण सभापति बैठक बीच में छोड़कर गए।
क्यों बैठक छोड़कर निकले धनखड़हालांकि, राज्यसभा सूत्रों ने कहा कि ईपिक मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई। धनखड़ ने वाकआउट करने का फैसला इसलिए किया क्योंकि सरकार और विपक्षी सदस्य विभिन्न मुद्दों पर अपने-अपने रुख पर अड़े रहे। बीएसी की बैठक आगामी सप्ताह के लिए उच्च सदन के कार्ययोजना पर निर्णय लेने के लिए बुलाई गई थी।
मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा चाहता है विपक्षवरिष्ठ विपक्षी नेता के अनुसार विपक्ष के सांसद चाहते थे कि सरकार ईपिक कार्ड, मणिपुर की स्थिति जैसे मुद्दों पर बहस के लिए समय तय करे। विपक्षी नेताओं ने कहा कि वे हर रोज अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा के लिए नोटिस दे रहे हैं, लेकिन उनके लिए कोई समय आवंटित नहीं किया जा रहा है।
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