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'अपना नंबर दे दो...', बेंगलुरु में ऑटो ड्राइवर ने महिला से की छेड़छाड़; सेल्फी लेने के लिए पड़ गया पीछे

Dainik Jagran - National - April 18, 2025 - 6:39pm

आईएएनएस, बेंगलुरु। बेंगलुरु में सार्वजनिक स्थल पर एक महिला के साथ सेल्फी लेने और उसका मोबाइल नंबर मांगने की अभद्रता पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। घटना पुलकेशीनगर पुलिस थाने की है और गिरफ्तार किए गए व्यक्ति की पहचान मणि के रूप में हुई है।

पुलिस के अनुसार महिला एक दुकान के पास अपने पुरुष मित्रों के साथ खड़ी थी, लेकिन आरोपी ऑटोरिक्शा वाले ने महिला से छेड़खानी करते हुए उसका मोबाइल नंबर मांगने की जिद की और फिर उसके साथ सेल्फी लेने के लिए उसके पीछे पड़ गया।

पीड़िता ने दर्ज कराई शिकायत

उसके बाद पीड़ित महिला ने पुलिस को बताया कि आरोपी ऑटो वाले ने जबरदस्ती सेल्फी लेने की भी कोशिश कीथी। बाद में उस पीड़िता ने अपनी शिकायत दर्ज कराई और पुलिस से उसके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।

इसी तरह एक अन्य घटना में बेंगलुरु पुलिस ने एक व्यक्ति को अश्लीलता और पीड़िता के स्वजनों पर हमला करने के लिए गिरफ्तार किया है।

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मणिपुर में सुरक्षाबलों की कार्रवाई, दो उग्रवादी गिरफ्तार; भारी मात्रा में हथियार और गोला बारूद जब्त

Dainik Jagran - National - April 18, 2025 - 6:37pm

पीटीआई, इंफाल। मणिपुर के विभिन्न हिस्सों में तलाश अभियान के दौरान सुरक्षाबलों ने एक प्रतिबंधित संगठन के दो उग्रवादियों को गिरफ्तार किया और 11 हथियार तथा 10 आइईडी जब्त किए। इस गिरफ्तारी की जानकारी पुलिस ने दी।

पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि कांगलेई यावोल कन्ना लूप (केवाईकेएल) के दो उग्रवादियों को गुरुवार को थौबल जिले के वांगजिंग खाबाखोंग इलाके से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने बताया कि उनके कब्जे से दो हथगोले जब्त किए गए।

11 हथियार समेत कई IED जब्त

सुरक्षा बलों ने तेगनौपाल, इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम जिलों में तलाश अभियान के दौरान 11 हथियार और कई आईईडी जब्त किए। तेगनौपाल जिले से नौ एमएम की दो देसी पिस्तौल, मैगजीन, 10 आईईडी और आठ हथगोले जब्त किए गए।

उखरुल में भूमि विवाद में एक व्यक्ति की मौत

उधर, मणिपुर के उखरुल में भूमि विवाद को लेकर दो गांवों के लोगों के बीच हुई झड़प में एक व्यक्ति की मौत हो गई और पांच अन्य घायल हो गए। घटना गुरुवार को हुई, जिसके बाद अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट पाली माकन ने शांगचिंग और लुंगरेइफुंग तांग गांवों में निषेधाज्ञा लागू कर दी। झड़प के पीछे की वजह दोनों गांवों के निवासियों के बीच भूमि के स्वामित्व को लेकर थी। मृतक की पहचान 46 वर्षीय रामसन आरके के रूप में हुई है। उसे बाएं सीने पर गोली लगी थी।

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ऑनर किलिंग के मामले में SC ने पलटा हाईकोर्ट का फैसला, परिवार पर तय होंगे हत्या के आरोप

Dainik Jagran - National - April 18, 2025 - 6:08pm

पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में ऑनर किलिंग के एक मामले में गैर इरादतन हत्या का आरोप तय किए जाने पर नाराजगी जताई है। कोर्ट ने मामले में आरोपी परिवार के खिलाफ हत्या का आरोप तय करने का आदेश दिया है।

चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने मामले में गैर इरादतन हत्या का आरोप तय करने के लिए निचली अदालत और इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया।

हाईकोर्ट के फैसले को दी थी चुनौती

पीठ ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को 26 वर्षीय जिया-उर रहमान के पिता की सहमति से सहारनपुर की अदालत में केस चलाने के लिए एक विशेष लोक अभियोजक नियुक्त करने का आदेश दिया है।

रहमान की उसकी प्रेमिका के परिवार के सदस्यों ने कथित तौर पर लाठी-डंडों से पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें पुलिस को आईपीसी की धारा 304 के तहत गैर इरादतन हत्या का आरोप लगाने की अनुमति दी थी।

इस धारा में दस वर्ष से उम्रकैद तक की सजा हो सकती है। जबकि 302 में उम्रकैद या मौत की सजा हो सकती है।

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'ये तो उल्टी बात हो गई', सिब्बल ने धनखड़ के बयान पर किया तंज; सुप्रीम कोर्ट को ‘सुपर संसद’ कहने पर छिड़ी बहस

Dainik Jagran - National - April 18, 2025 - 5:53pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तमिलनाडु के राज्यपाल द्वारा विधेयकों को मंजूरी न देने के मसले पर सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले ने सियासी हलकों में नई बहस छेड़ दी है। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इस फैसले पर सख्त टिप्पणी करते हुए सुप्रीम कोर्ट को ‘सुपर संसद’ करार दिया, जिसके जवाब में राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने उन पर तंज कसा है।

सिब्बल ने कहा कि उपराष्ट्रपति को यह समझना चाहिए कि राज्यपाल और राष्ट्रपति को मंत्रिपरिषद की सलाह पर काम करना होता है।

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने क्या था?

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने गुरुवार को राज्यसभा के प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कड़ा एतराज जताया। उन्होंने कहा कि कुछ जज ‘कानून बना रहे हैं’ और ‘सुपर संसद’ की तरह काम कर रहे हैं।

जगदीप धनखड़ ने खास तौर पर सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का जिक्र किया, जिसमें राष्ट्रपति को निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने तंज भरे लहजे में कहा, “हम कहां जा रहे हैं? देश में क्या हो रहा है? हमें इस मसले पर बेहद संजीदा होना होगा।”

धनखड़ ने आगे कहा कि संविधान सुप्रीम कोर्ट को कानून की व्याख्या करने का हक देता है, लेकिन इसके लिए पांच जजों की पीठ की जरूरत होती है। उन्होंने यह भी कहा कि यह मामला सिर्फ समीक्षा याचिका दाखिल करने या न करने का नहीं है, बल्कि लोकतंत्र के लिए यह एक नाजुक वक्त है।

कपिल सिब्बल ने उपराष्ट्रपति धनखड़ के बयान को लेकर क्या कहा?

कपिल सिब्बल ने उपराष्ट्रपति की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए कहा कि धनखड़ को यह मालूम होना चाहिए कि राज्यपाल और राष्ट्रपति मंत्रिपरिषद की सलाह-मशविरा के मुताबिक काम करते हैं।

“यह धनखड़ जी (उपराष्ट्रपति) को पता होना चाहिए, वह पूछते हैं कि राष्ट्रपति की शक्तियों को कैसे कम किया जा सकता है, लेकिन शक्तियों को कौन कम कर रहा है? मैं कहता हूं कि एक मंत्री को राज्यपाल के पास जाना चाहिए और दो साल तक वहां रहना चाहिए, ताकि वे सार्वजनिक महत्व के मुद्दे उठा सकें, क्या राज्यपाल उन्हें अनदेखा कर पाएंगे?" कपिल सिब्बल, राज्य सभा सांसद और वरिष्ठ वकील

उन्होंने सवालिया लहजे में कहा, "यह असल में विधायिका की सर्वोच्चता में दखलंदाजी है, ये तो उल्टी बात है । अगर संसद कोई विधेयक पारित कर देती है, तो क्या राष्ट्रपति इसे लागू करने को अनिश्चित काल के लिए टाल सकते हैं? अगर इस पर हस्ताक्षर नहीं भी किए गए, तो क्या किसी को इसके बारे में बात करने का अधिकार नहीं है?"

क्या है पूरा मामला?

यह पूरा मामला तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि द्वारा विधेयकों को कथित मंजूरी न देने के इर्द-गिर्द घूम रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए साफ किया कि राज्यपाल को विधानमंडल के फैसलों को अनदेखा करने का हक नहीं है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल और राष्ट्रपति को लेकर निर्देश दिया कि वह किसी भी बिल को लंबे वक्त तक रोक कर नहीं रख सकते हैं।

(एएनआई के इनपुट के साथ)

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AS Dulat: कौन हैं एएस दुलत? कश्मीर पर लिखी किताब, अब चर्चा में... फारूक और वाजपेयी के रहे करीबी

Dainik Jagran - National - April 18, 2025 - 5:22pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग यानी रॉ के पूर्व प्रमुख अमरजीत सिंह दुलत की किताब द चीफ मिनिस्टर एंड द स्पाई की काफी चर्चा हो रही है। दुलत ने अपनी किताब में धारा 370 और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को लेकर बड़ा दावा किया है।

दुलत ने लिखा है कि कश्मीर से धारा 370 हटाने के केंद्र सरकार के फैसले को फारूक अब्दुल्ला का निजी तौर पर समर्थन था। हालांकि उन्होंने किताब में ये भी दावा किया है कि फारूक इस बात को लेकर नाराज भी थे कि केंद्र सरकार ने फैसले से पहले उन्हें विश्वास में क्यों नहीं लिया। लेकिन ऐसा नहीं है कि दुलत पहली बार चर्चा में आए हों। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने से लेकर मुफ्ती मोहम्मद सईद पर टिप्पणी तक, उन्होंने कई बार सुर्खियां बटोरीं।

आज के एक्सप्लेनर में आपको बताएंगे रॉ के पूर्व प्रमुख एएस दुलत और उनसे जुड़े किस्सों के बारे में...

एएस दुलत का जन्म पंजाब के सियालकोट में दिसंबर 1940 में एक सिख परिवार में हुआ था। भारत के विभाजन के समय उनके पिता जस्टिस शमशेर सिंह दुलत परिवार के साथ दिल्ली शिफ्ट हो गए। एएस दुलत ने शिमला के बिशप कॉटन स्कूल से अपनी शिक्षा ग्रहण की। इसके बाद चंडीगढ़ स्थित पंजाब यूनिवर्सिटी से उन्होंने ग्रेजुएशन किया।

दुलत का रुझान सिविल सर्विस की तरफ हुआ, तो उन्होंने यूपीएससी का इम्तिहान दिया। पहले अटेम्प्ट में तो उन्हें सफलता नहीं मिली, लेकिन 1964 में दूसरे प्रयास में उन्होंने एग्जाम क्रैक कर लिया। उन्हें राजस्थान कैडर मिला और बतौर आईपीएस दुलत ने अपनी सेवा देनी शुरू कर दी।

कश्मीर में बिताया काफी समय

एएस दुलत ने इंटेलीजेंस ब्यूरो जॉइन कर लिया। 1990 में जब कश्मीर में काफी उथल-पुथल मची थी, तब उन्होंने आईबी में कश्मीर का प्रभार लिया। दुलत ने एक बार कहा था कि 'कश्मीर ने मुझे इंटेलीजेंस का असली खेल समझाया। अगर आप ये खेल जल्दी नहीं समझ पाए, तो कश्मीर जैसी जगह में शायद ही दूसरा मौका मिले।'

1999 में दुलत ने आईबी छोड़कर भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ जॉइन कर लिया, लेकिन कश्मीर से उनका जुड़ाव बना रहा। 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में दुलत को रॉ का चीफ बनाया गया। दुलत जब रिटायर हो गए, तो उन्होंने 2004 तक पीएमओ में काम किया।

कई बार चर्चा में भी रहे
  • अमरजीत सिंह दुलत अपने कार्यकाल के दौरान जितना कभी चर्चा में नहीं रहे होंगे, उससे ज्यादा रिटायरमेंट के बाद रहे हैं। दुलत ने एक बार हैदराबाद में आयोजित एक कार्यक्रम में पुलवामा हमले को लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा के लिए एक तोहफा बताते हुए कहा था कि इसने भारत को पाकिस्तान के आंतकी शिविरों पर सर्जिकल स्ट्राइक करने का अधिकार दे दिया था।
  • दुलत की एक किताब के कारण पाकिस्तान के पूर्व जासूस असद दुर्रानी पर कई बंदिशें लगा दी गई थीं, तब उन्होंने दुर्रानी के पक्ष में बयान दिया था। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में दुलत भी शामिल हुए थे। इसे लेकर भाजपा नेता अमित मालवीय ने उन पर निशाना भी साधा था।
  • अपनी किताबों में किए कई दावों को लेकर भी एएस दुलत काफी चर्चा में रहते हैं। कश्मीर पर अपनी एक किताब में दुलत ने दावा किया था कि पीडीपी के पू्र्व प्रमुख मुफ्ती मोहम्मद सईद और अलगाववादी नेता सईद अली शाह गिलानी के बीच बेहद करीबी संबंध थे और गिलानी ने ही पीडीपी को बनाने में मुफ्ती की मदद की थी।

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