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Vivah Muhurat: कैसे तय होते हैं शुभ मुहूर्त; कब से लग्न पर लगेगा विराम? 4 महीने नहीं होंगी शादियां

Dainik Jagran - April 21, 2025 - 6:18am

जागरण संवाददाता, पटना। खरमास के खत्म होने के साथ शादी-ब्याह कार्यक्रम आरंभ हो गया। अप्रैल से लेकर जून तक लग्न की भरमार है।

जून के बाद चार मास के लिए मांगलिक कार्य पर विराम लग जाएगा चार मास के बाद एक नवंबर शनिवार को देवोत्थान एकादशी के बाद से लग्न शुरू होगा।

बनारसी पंचांग के अनुसार 18 नवंबर से छह दिसंबर तक 13 लग्न है। जिसमें नौ नवंबर में तथा दिसंबर में चार दिन है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शादी-विवाह के लिए शुभ मुहूर्त का होना बड़ा महत्वपूर्ण होता है।

वैवाहिक बंधन को सबसे पवित्र रिश्ता माना गया है। इसलिए इसमें शुभ मुहूर्त का होना जरूरी है। शास्त्रों में शादी के शुभ योग के लिए नौ ग्रहों में बृहस्पति, शुक्र एवं सूर्य का शुभ होना जरूरी है।

रवि-गुरु का संयोग सिद्धिदायक और शुभ फलदायी होते हैं। इन तिथियों पर शादी-विवाह को बेहद शुभ माना गया है। मिथिला पंचांग में चातुर्मास तक कुल 22 लग्न मुहूर्त है। बनारसी पंचांग में 38 मुहूर्त है।

विश्वविद्यालय पंचांग के मुताबिक अप्रैल में सात, मई में 11 व जून में चार मुहूर्त है। बनारस के महावीर पंचांग के अनुसार अप्रैल में बारह, मई में 19 तथा जून में सात वैवाहिक लग्न है। इसके बाद चार महीने के लिए चातुर्मास लग जाएगा।

ऐसे तय होते हैं शुभ लग्न-मुहूर्त

शादी के शुभ लग्न व मुहूर्त निर्णय के लिए वृष, मिथुन, कन्या, तुला, धनु एवं मीन लग्न में से किसी एक का होना जरूरी है।

नक्षत्रों में से अश्विनी, रेवती, रोहिणी, मृगशिरा, मूल, मघा, चित्रा, स्वाति, श्रवणा, हस्त, अनुराधा, उत्तरा फाल्गुन, उत्तरा भाद्र व उत्तरा आषाढ़ में किन्ही एक का रहना जरूरी है।

अति उत्तम मुहूर्त के लिए रोहिणी, मृगशिरा या हस्त नक्षत्र में से किन्ही एक की उपस्थिति रहने पर शुभ मुहूर्त बनता है। यदि वर और कन्या दोनों का जन्म ज्येष्ठ मास में हुआ हो तो उनका विवाह ज्येष्ठ में नहीं होगा।

तीन ज्येष्ठ होने पर विषम योग बनता है और ये वैवाहिक लग्न में निषेध है। विवाह माघ, फाल्गुन, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़ एवं अगहन मास में हो तो अत्यंत शुभ होता है।

शादी-विवाह के शुभ लग्न मुहूर्त

मिथिला पंचांग के अनुसार

  • अप्रैल: 21,23,25,30
  • मई: 1,7,8,9,11,18,19,22,23,25,28
  • जून-जुलाई: 10,11,12
बनारसी पंचांग के मुताबिक
  • अप्रैल: 21,25,26, 29,30
  • मई: 1,5,6,7,8,9,10,11,12,13,14,15,16,17,18,22,23,24,28
  • जून: 1,2,3,4,5,7,8
  • नवंबर: 18,19,21,22,23,24,25,29,30
  • दिसंबर: 1,4,5,6

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पिता करुणानिधि की राह पर 50 साल बाद सीएम स्टालिन, तमिलनाडु की स्वायत्तता के लिए 1974 में पेश किया था प्रस्ताव

Dainik Jagran - National - April 21, 2025 - 6:17am

पीटीआई, चेन्नई। राज्यों के लिए स्वायत्तता को मजबूती देने के उपाय सुझाने के लिए पिछले दिनों तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज कुरियन जोसेफ की अध्यक्षता में समिति गठित करने की घोषणा की थी।

इसी स्वायत्तता के लिए उनके पिता एम. करुणानिधि ने भी 50 से अधिक वर्ष पहले संघर्ष किया था, जब वह राज्य के मुख्यमंत्री थे।करुणानिधि ने राज्य की स्वायत्तता की पैरवी करते हुए 16 अप्रैल, 1974 को राज्य विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश किया था और जिसे पारित कर दिया गया था।

सीएन अन्नादुरई भी रहे राज्य की स्वायत्तता के प्रबल समर्थक

इस मुद्दे पर द्रमुक के संस्थापक सीएन अन्नादुरई (1909-1969) उनके प्रेरणास्त्रोत थे जो 1967 से 1969 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे थे और राज्य की स्वायत्तता के प्रबल समर्थक थे। प्रस्ताव पेश करते हुए करुणानिधि ने कई बार अन्नादुरई को उद्धत किया था। करुणानिधि ने इस बात की भी याद दिलाई थी कि उन्होंने 19 अगस्त, 1969 को पीवी राजामन्नार की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित करने की घोषणा की थी जिसमें एएल मुदालियर और पी. चंद्रा रेड्डी सदस्य थे।

22 सितंबर, 1969 को राज्यों की स्वायत्तता के आधार पर केंद्र व राज्यों के बीच रिश्तों के सवाल की पड़ताल के लिए समिति गठित कर दी गई थी। 1971 के चुनावी घोषणापत्र में भी द्रमुक ने अधिकतम स्वायत्तता के लिए संवैधानिक संशोधन की मांग की थी।

27 मई, 1971 को प्रदेश सरकार को राजामन्नार समिति की रिपोर्ट मिल गई थी और इसे तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भेज दिया गया था। उन्होंने 22 जून, 1971 को इसके मिलने की पुष्टि की थी। इंदिरा गांधी का कहना था कि प्रशासनिक सुधार आयोग ने भी इस सवाल पर विचार किया था और उसकी रिपोर्ट केंद्र के विचाराधीन है।

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BSE 500 Analysis: Majority of companies trade below long-term valuations

Business News - April 21, 2025 - 5:31am
ET Intelligence Group: Despite the recent uptick, a majority of the companies in a sample of BSE 500 continues to trade below three-year and five-year average valuations, shows an analysis by ETIG. In addition, the proportion of small-cap companies trading below their long-term average valuation is higher than their mid-cap and large-cap counterparts.For a sample of 412 companies, excluding banking, financial services and insurance (BFSI), three out of every four companies have earned returns over the past month and nearly half of them trade above their year-ago levels. However, 56% and 53% of them are still available at lower price-earnings (P/E) multiples compared with the three-year and five-year average valuations. 120467764Segregating the sample companies based on their latest market capitalisation shows more stress in the small-cap category that is companies with under ₹10,000 crore market-cap. Over 64%, or two out of every three, of companies in this category now trade at lower valuations. In addition, 80%, or four out of every five, of small caps failed to generate one-year returns. While their valuations look cheaper, investors need to observe caution since during tough economic conditions small-caps often show heightened volatility and higher value erosion since they tend to rise faster and often above their fair values during good times. Large-caps with a market cap of ₹50,000 crore or higher and mid-caps with market cap between ₹10,000 crore and ₹50,000 crore in the sample show a similar trend. Over half of the companies in each category trade lower than their long-term valuations. Also, 41% of large-caps and 49% of mid-caps trade lower than their year-ago stock prices.For a sub-sample of BFSI companies from the BSE 500 list, around one-third now trade below their price-book (P/B) multiples. In case of these companies, P/B multiple provides relevant information about relative valuation.While valuations across the board may look attractive, investors need to take a sector view. For instance, over two-thirds of IT companies in the sample trade at lower valuations but the sector is grappling with short-term headwinds amid delayed project ramp-ups and slack in demand for transformational deals. On the other hand, sectors focussing largely on the domestic market such as cement, FMCG, fertilisers and utilities may not have direct exposure to the impact of global developments.
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Kia मोटर्स प्लांट से 900 इंजन चोरी, पुलिस ने 9 आरोपियों को किया गिरफ्तार; बड़ा गिरोह था शामिल

Dainik Jagran - National - April 21, 2025 - 2:00am

पीटीआई, पेणुकोंडा। आंध्र प्रदेश के श्री सत्य साई जिले में दक्षिणी कोरियाई कंपनी किआ मोटर्स के पेणुकोंडा प्लांट से लगभग 900 कार इंजन चोरी होने के मामले में पुलिस ने नौ आरोपितों को गिरफ्तार किया है।

पुलिस ने रविवार को बताया कि पेणुकोंडा की एक अदालत ने आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। कार इंजन की चोरी मामले में पुलिस की जांच पड़ताल जारी है। अभी तक केवल 10 प्रतिशत जांच पूरी हुई है। पता लगाया जा रहा है कि इसमें कौन-कौन शामिल है।

पांच साल से हो रही थी इंजनों की चोरी

पुलिस ने बताया है कि पांच वर्षों से कार के इंजन की चोरी हो रही थी। चुराए गए इंजनों की तस्करी की जाती थी और उन्हें भारत के कई राज्यों में बेचा जाता था। इससे बड़े अवैध नेटवर्क संचालित होने का संकेत मिलता है। पिछले महीने आंतरिक ऑडिट के दौरान किआ के अधिकारियों ने देखा कि कारों के इंजन गायब थे।

19 मार्च को कंपनी ने दर्ज कराई थी शिकायत

कंपनी ने 19 मार्च को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। श्री सत्य साई जिले के पेणुकोंडा में किआ कंपनी का कार निर्माण संयंत्र है। इससे पहले पुलिस अधिकारी वेंकटेश्वरलू ने बताया था, 2020 से इंजनों की चोरी हो रही थी। इंजन या तो संयंत्र के अंदर से या वहां पहुंचने के रास्ते में चुराए गए होंगे, क्योंकि एक छोटा पुर्जा भी कंपनी की अनुमति के बिना बाहर नहीं जा सकता।

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Patna News: पटना के सभी ऑटो ड्राइवर ध्यान दें! आ गया 3 जोन और 26 रूट का नया आदेश

Dainik Jagran - April 20, 2025 - 11:36pm

जागरण संवाददाता, पटना। शहर में ऑटो एवं ई रिक्शा का परिचालन धड़ल्ले से हो रहा है। इनकी संख्या काफी ज्यादा है। अब इनकी संख्या निर्धारित कर राजधानी के 26 रूटों पर इन्हें चलाने की अनुमति होगी।

यातायात व्यवस्था में बदलाव लाने के लिए ऑटो एवं ई रिक्शा का तय रूट पर परिचालन कराने की तैयारी जिला प्रशासन ने कर ली है।

उम्मीद है कि मई महीने से तय रूटों पर 22 हजार ऑटो का परिचालन शुरू किया जाएगा। इसको लेकर प्रमंडलीय आयुक्त मयंंक वरवड़े महत्वपूर्ण बैठक करेंगे।

उसमें प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया जाएगा। प्रस्ताव के तहत नीला जोन, हरा जोन, पीला जोन एवं फ्री जोन तय किए गए हैं। फ्री जोन में रिजर्व ऑटो का परिचालन होगा।

ऐसे ऑटो किसी भी रूट पर जा सकेंगे, लेकिन उन्हें रास्ते में यात्रियों को उतारने या बैठाने की अनुमति नहीं होगी। ऐसे ऑटो की संख्या केवल दो हजार होगी।

नीले जोन में जीपीओ से फुलवारीशरीफ और खगौल तक, अनिसाबाद गोलंब से जीरोमाइल होते हुए बैरिया बस स्टैंड तक, फुलवारीशरीफ, बिरला कालोनी एवं जगदेव पथ, मीठापुर, गया लाइन गुमटी, सिपारा पुल से पुनपुन तक तथा अगमकुआं शीतला माता मंदिर से जीरोमाइल के रास्ते बैरिया बस स्टैंड तक का क्षेत्र है।

हरे जोन में यह इलाके

हरे जोन में नाला रोड, पटना जंक्शन, बुद्ध मूर्ति, लोहानीपुर, खेमनीचक, गांधी मैदान, अशोक राजपथ, दीदारगंज, मालसलामी, पटना सिटी, टाटा पार्क, कुम्हरार, गुलजारबाग, करबिगहिया, हनुमाननगर आदि आएंगे।

पीला जोन में मल्टीलेवल पार्किंग से राजा बाजार, आशियाना, जगदेव पथ, रूपसपुर, दीघा, गांधी मैदान, बोरिंग रोड, बांसघाट, दीघापुल, सोनपुर, हाजीपुर आदि के रूटों पर ऑटो चलेंगे।

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