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Karnataka Caste Census: कर्नाटक में जाति जनगणना का विरोध, वोक्कालिगारा संघ ने दी आंदोलन की चेतावनी

Dainik Jagran - National - April 16, 2025 - 6:24am

पीटीआई, बेंगलुरु। कर्नाटक में जाति आधारित जनगणना का विरोध तेज हो गया है। वोक्कालिगारा संघ ने दी आंदोलन की चेतावनी दी है। जाति आधारित जनगणना रिपोर्ट शुक्रवार को कैबिनेट के समक्ष पेश की गई थी। इस पर 17 अप्रैल को होने वाली विशेष कैबिनेट बैठक में चर्चा होगी।

नपिछड़े समुदायों के लिए आरक्षण बढ़ाने की मांग

गौरतलब है कि इस रिपोर्ट में रिपोर्ट में पिछड़े समुदायों के लिए आरक्षण को मौजूदा 32 प्रतिशत से बढ़ाकर 51 प्रतिशत करने की सिफारिश की गई है। सत्तारूढ़ कांग्रेस के कुछ नेताओं सहित राजनीतिक दलों ने भी इसे अवैज्ञानिक करार दिया है तथा नए सिरे से सर्वेक्षण की मांग की है। विभिन्न जातियों, विशेषकर प्रमुख वीरशैव-लिंगायत और वोक्कालिगा समुदायों के मंत्री अगली कैबिनेट के दौरान अपनी आपत्तियां रखने की तैयारी कर रहे हैं।

जाति जनगणना लागू हुई तो बड़े आंदोलन पर विचार

वोक्कालिगा समुदाय के संगठन वोक्कालिगा संघ के अध्यक्ष केंचप्पा गौड़ा ने कहा कि अगर सरकार जाति जनगणना रिपोर्ट को लागू करती है बड़े आंदोलन पर विचार करेंगे। संघ ने समुदाय की जनसंख्या निर्धारित करने के लिए अपना स्वयं का सर्वेक्षण कराने की भी योजना बनाई है और इसके लिए सॉफ्टवेयर भी तैयार किया है।

संघ के निदेशक नेल्लीगेरे बाबू ने कहा कि वे मुख्यमंत्री सिद्दरमैया को संदेश देना चाहते हैं कि अगर उन्होंने जाति जनगणना रिपोर्ट लागू की तो उनकी सरकार गिर जाएगी। रिपोर्ट में लिंगायत समुदाय की जनसंख्या 66.35 लाख और वोक्कालिगा समुदाय की जनसंख्या 61.58 लाख बताई गई है। कई लिंगायत मंत्रियों और विधायकों ने भी आपत्ति जताई है।

राज्य में पिछड़ी जातियों की जनसंख्या 70 प्रतिशत

सूत्रों के अनुसार जाति आधारित जनगणना से पता चला है कि राज्य में पिछड़ी जातियों की जनसंख्या 70 प्रतिशत है। अनुसूचित जातियों के लिए मौजूदा 17 प्रतिशत और अनुसूचित जनजातियों के लिए मौजूदा सात प्रतिशत के साथ ओबीसी को 51 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने से राज्य का कुल आरक्षण 75 प्रतिशत हो जाएगा।

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Murshidabad Violence: झारखंड की ओर पलायन कर रहे लोग, कई परिवारों को मालदा में रोका; राहत शिविर में ले रहे शरण

Dainik Jagran - National - April 16, 2025 - 6:20am

 एएनआई, कोलकाता। वक्फ (संशोधन) अधिनियम को लेकर मुर्शिदाबाद में हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद कई परिवार विस्थापित हो गए हैं, जिनमें से कई झारखंड के पाकुड़ जिले में पलायन कर गए हैं, जबकि अन्य ने मालदा में स्थापित राहत शिविरों में शरण ली है। झारखंड के पाकुड़ में पलायन करने वाले एक बुजुर्ग व्यक्ति मुर्शिदाबाद हिंसा के दौरान अपनी आपबीती बताते हुए रो पड़े।

अचानक कुछ लोग आए और तोड़फोड़ शुरू कर दी

एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे वास्तव में नहीं पता कि क्या हुआ। मैंने सुबह अपनी दुकान खोली और बाहर बैठ गया। फिर कई लोग आए और उन्होंने दरवाजे पीटना शुरू कर दिया, ईंटें फेंकनी शुरू कर दीं और दरवाजे तोड़ दिए। मेरा टेलीविजन, मेरा शीशा, मेरा फर्नीचर, 2-3 अलमारियां और मेरा सारा पैसा घर पर ही था। हम परसों रात यहां आए हैं।

उपद्रवियों ने उनका घर-बार सब कुछ जला दिया

पुलिस व केंद्रीय बल की तैनाती के बावजूद मुर्शिदाबाद के हिंसाग्रस्त इलाकों सुती, धुलियान, जंगीपुर में लोग अभी भी खौफ में हैं। पीड़ितों का कहना है कि उपद्रवियों ने उनका घर-बार सब कुछ जला दिया। उन्हें डर है कि पुलिस व केंद्रीय बल के चले जाने के बाद उन पर फिर से हमला हो सकता है।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने साधी चुप्पी

अशांति के बाद, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार पर स्थिति बिगड़ने के बावजूद चुप रहने का आरोप लगाया है। सीएम योगी ने मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार पर हमला बोला है और आरोप लगाया है कि ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार स्थिति बिगड़ने के बावजूद चुप रही है।

सीएम योगी ने कहा कि बंगाल जल रहा है

एक सभा को संबोधित करते हुए, सीएम योगी ने मुर्शिदाबाद में तत्काल केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश देने के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय को भी धन्यवाद दिया। सीएम योगी ने कहा कि बंगाल जल रहा है। राज्य की मुख्यमंत्री चुप हैं। वह दंगाइयों को 'शांति का दूत' कहती हैं। लेकिन जो लोग केवल बल को समझते हैं, वे बातों से नहीं सुनते। धर्मनिरपेक्षता के नाम पर उन्होंने दंगाइयों को अशांति फैलाने की पूरी आजादी दे दी है। पिछले हफ्ते से पूरा मुर्शिदाबाद जल रहा है, फिर भी सरकार चुप है। ऐसी अराजकता पर नियंत्रण होना चाहिए।

उपद्रवियों ने स्थानीय लोगों के घरों में की तोड़फोड़

बता दें कि पिछले दिनों वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान उपद्रवियों ने सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के साथ स्थानीय लोगों के घरों में भी तोड़फोड़ की थी। वहीं दूसरी ओर दक्षिण 24 परगना के भांगड़ में पुलिस के साथ उपद्रवियों की झड़प के बाद अभी भी तनाव व्याप्त है।

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हज यात्रा से पहले आई अच्छी खबर, सऊदी अरब ने बढ़ाया भारत का कोटा; प्राइवेट ऑपरेटरों को भी राहत

Dainik Jagran - National - April 15, 2025 - 11:55pm

एएनआई, नई दिल्ली। सऊदी अरब ने भारत का हज कोटा बढ़ा दिया है। भारत सरकार के हस्तक्षेप के बाद सऊदी हज मंत्रालय ने प्राइवेट हज ऑपरेटरों को भी राहत दी है। 10 हजार हजयात्रियों को भेजने का प्राइवेट हज ऑपरेटरों का कोटा दस्तावेज में देरी के कारण रद हो गया था। इसे भारत सरकार के प्रयास के बाद बहाल कर दिया गया है।

अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में हज कोटे में वृद्धि हुई है। 2014 में जब नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद संभाला था उस समय भारत का हज कोटा 1,36,020 था। सरकार के प्रयासों से भारत का कोटा धीरे-धीरे बढ़कर 2025 में 1,75,025 हो गया है।

हज यात्रा की सभी तैयारियां पूरी

मंत्रालय ने कहा कि हज यात्रा की सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इस वर्ष हज यात्रा चार जून से नौ जून, 2025 के बीच होने की उम्मीद है। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने एक्स पोस्ट किया कि भारत सरकार भारतीय मुसलमानों के लिए हज यात्रा को सुविधाजनक बनाने को उच्च प्राथमिकता देती है। निरंतर प्रयासों से भारत का हज कोटा 2014 में 136,020 से बढ़कर 2025 तक 175,025 हो गया है।

26 एचजीओ के तौर पर अग्रिम रूप से कोटा आवंटित
  • अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय भारतीय हज समिति के माध्यम से मुख्य कोटे के तहत चालू वर्ष में 1,75,025 कोटे में से 122,518 तीर्थयात्रियों के लिए व्यवस्था का प्रबंधन कर रहा है। सभी आवश्यक तैयारियां उड़ानें, परिवहन, मीना शिविर, आवास और सेवाएं पूरी कर ली गई हैं।
  • शेष 52,507 कोटा प्राइवेट हज ग्रुप ऑपरेटर्स (एचजीओ) को आवंटित किया गया है। सऊदी मानदंडों के कारण मंत्रालय ने 800 से अधिक ऑपरेटरों को 26 एचजीओ के तौर पर अग्रिम रूप से कोटा आवंटित किया है।
  • हालांकि, एचजीओ सऊदी अरब की निर्धारित समय-सीमा में पूरा करने में विफल रहे और बार-बार याद दिलाने के बावजूद मीना शिविरों, आवास और परिवहन के लिए आवश्यक अनुबंधों को अंतिम रूप नहीं दे सके। इसलिए उनका कोटा रद कर दिया गया था।
  • भारत ने सऊदी अरब सरकार के साथ मंत्री स्तर पर बातचीत की ताकि सुविधाएं सुनिश्चित की जा सकें। सऊदी हज मंत्रालय अब सीएचजीओ के लिए हज पोर्टल फिर खोलने पर सहमत हो गया है। मंत्रालय ने सीएचजीओ को बिना किसी देरी के अपनी प्रक्रिया पूरी करने के लिए तत्काल निर्देश जारी किए हैं।

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