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Waqf Law: आज भी वक्फ कानून पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट, अंतरिम आदेश पर टिकी देश की नजरें

Dainik Jagran - National - April 17, 2025 - 6:52am

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट वक्फ संशोधन कानून, 2025 के कुछ प्रविधानों पर रोक लगा सकता है। कोर्ट ने कहा कि वह उपयोग के आधार पर वक्फ घोषित संपत्तियों (वक्फ बाई यूजर) को गैर अधिसूचित (डीनोटीफाइ) नहीं किए जाने का अंतरिम आदेश जारी देने के बारे में सोच रहा है।

अंतरिम आदेश दे सकता है सुप्रीम कोर्ट

कोर्ट ने केंद्रीय वक्फ परिषद व वक्फ बोर्डों में गैर मुस्लिमों को शामिल करने और वक्फ संपत्तियों के बारे में कलेक्टर की शक्तियों पर भी अंतरिम आदेश पारित करने की मंशा जताई। लेकिन केंद्र सरकार के विरोध और पहले इन मुद्दों पर उसकी दलीलें सुने जाने के अनुरोध पर कोर्ट ने बगैर कोई आदेश जारी किए मामले की सुनवाई गुरुवार तक के लिए टाल दी।

कानून का समर्थन करने वाले याचिकाकर्ताओं की दलीलें सुनेगा सुप्रीम कोर्ट

अब कोर्ट गुरुवार को केंद्र सरकार और कानून का समर्थन करने वाले याचिकाकर्ताओं की दलीलें सुनेगा। उसके बाद ही तय होगा कि इस मामले में कोई अंतरिम आदेश आएगा कि नहीं। बुधवार को प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना, संजय कुमार और केवी विश्वनाथन की पीठ ने मामले पर सुनवाई की। दो घंटे तक चली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दोनों पक्षों से कई सवाल किए।

याचिकाकर्ताओं के वक्फ संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किए जाने के विरोध पर सवाल उठाया, तो केंद्र सरकार से वक्फ बाई यूजर वाली वक्फ संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करने पर प्रश्न किया।

वक्फ संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करने पर उठाए सवाल

केंद्रीय वक्फ काउंसिल और वक्फ बोर्डों में गैर मुस्लिमों को शामिल करने के प्रविधान पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से सवाल किए तो वहीं मुस्लिम याचिकाकर्ताओं द्वारा अनुच्छेद 26 की दुहाई देकर वक्फ अल औलाद के बारे में नए कानून के विरोध पर कोर्ट ने हिंदू उत्तराधिकार कानून की याद दिलाई। कहा कि यह अनुच्छेद संसद को कानून बनाने से नहीं रोकता। यह सभी के लिए समान रूप से लागू होता है।

क्या हिंदू धर्मार्थ ट्रस्ट में मुस्लिमों को शामिल करेंगे?

कोर्ट ने केंद्रीय काउंसिल और वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिम सदस्यों को शामिल करने को लेकर पूछा कि क्या हिंदू धर्मार्थ ट्रस्ट में मुस्लिमों को शामिल करेंगे? खुल कर बताइये। प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि अदालतों द्वारा वक्फ घोषित की गई संपत्तियों को गैर-अधिसूचित नहीं किया जाना चाहिए, चाहे वे वक्फ बाई यूजर हों या वक्फ बाई डीड।

पीठ ने संशोधित कानून के उस प्रविधान पर रोक लगाने का भी संकेत दिया, जिसमें कहा गया है कि कलेक्टर द्वारा यह जांच किए जाने तक कि संपत्ति सरकारी भूमि है या नहीं, वक्फ संपत्ति को वक्फ नहीं माना जाएगा।

केंद्रीय वक्फ परिषद के सभी सदस्य मुसलमान होने चाहिए- सीजेआई

सीजेआइ ने कहा कि पदेन सदस्यों के सिवाय वक्फ बोर्ड और केंद्रीय वक्फ परिषद के सभी सदस्य मुसलमान होने चाहिए। ''वक्फ बाई यूजर'' से तात्पर्य ऐसी प्रथा से है, जिसमें किसी संपत्ति को धार्मिक या धर्मार्थ बंदोबस्ती (वक्फ) के रूप में मान्यता उसके उपयोग के आधार पर दी जाती है। भले ही मालिक द्वारा वक्फ की कोई औपचारिक, लिखित घोषणा न की गई हो। वहीं, ''वक्फ बाई डीड'' का अभिप्राय उन संपत्तियों को वक्फ मानने से है, जिनको लेकर कानूनी कागज उपलब्ध है।

कोई भी आदेश पारित करने से पहले उसका पक्ष सुनें

शुरुआत में कोर्ट इस मामले पर विचार करने के लिए बहुत इच्छुक नजर नहीं आ रहा था। चीफ जस्टिस ने शुरुआत में ही याचिकाकर्ताओं के समक्ष दो सवाल रखे। पहला ये कि क्यों न सारी याचिकाओं को हाई कोर्ट भेज दिया जाए और हाई कोर्ट मामले पर सुनवाई करे? दूसरा सवाल था कि याचिकाकर्ता संक्षेप में बताएं कि उन्होंने कानून को किन आधारों पर चुनौती दी है?

वक्फ कानून का विरोध करने वाले याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल, राजीव धवन, अभिषेक मनु सिंघवी और सीयू सिंह ने पक्ष रखा, जबकि केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए। इस मामले में अभी कोर्ट ने औपचारिक नोटिस जारी नहीं किया है। लेकिन केंद्र सरकार ने कैविएट दाखिल कर दी थी, ताकि कोर्ट एकतरफा सुनवाई में कोई अंतरिम आदेश न पारित करे। कोई भी आदेश पारित करने से पहले उसका पक्ष सुनें।

70 से ज्यादा याचिकाएं दाखिल हुई हैं दाखिल

वक्फ कानून को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में 70 से ज्यादा याचिकाएं दाखिल हुई हैं। इनमें ज्यादातर में वक्फ संशोधन कानून, 2025 को असंवैधानिक बताते हुए रद करने की मांग की गई है। हालांकि, कुछ याचिकाएं कानून के समर्थन में भी दाखिल हुई हैं। कुछ याचिकाओं में वक्फ कानून, 1995 और वक्फ संशोधन कानून, 2025 दोनों को चुनौती देते हुए रद करने की मांग की गई है।

वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा परेशान करने वाली

सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के प्रति चिंता प्रकट करते हुए इसे परेशान करने वाली घटना बताया है। बुधवार को वक्फ कानून पर जब सुनवाई पूरी हो गई, तो प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना ने कहा कि एक चीज बहुत परेशान करने वाली है। यह जो हिंसा हो रही है, यह परेशान करती है।

देश के किसी भी हिस्से में हिंसा नहीं होनी चाहिए

सीजेआइ की चिंता से सहमति जताते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि प्रदर्शनकारी सोचते हैं कि इस तरह वह सिस्टम पर दबाव बना लेंगे। लेकिन तभी मुस्लिम याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश कपिल सिब्बल ने मेहता की दलीलों का विरोध करते हुए कहा-कौन दबाव बना रहा है। हमें तो नहीं मालूम। हालांकि कोर्ट में मौजूद अन्य वकीलों ने भी हिंसा पर चिंता जताई और कहा कि हिंसा नहीं होनी चाहिए।

मुर्शिदाबाद से हिंदुओं का बड़ी संख्या में पलायन हुआ

सीजेआइ ने यह भी कहा कि कानून में कुछ चीजें अच्छी भी हैं। उसे भी हाईलाइट किया जाना चाहिए, जैसा मेरे साथी न्यायाधीश ने बताया है। सीजेआइ जस्टिस केवी विश्वनाथ की ओर इशारा कर रहे थे, जिन्होंने सुनवाई के दौरान कई बार वक्फ कानून के कुछ अच्छे उपबंधों का जिक्र किया था।

मालूम हो कि बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन में हिंसा हुई थी और कुछ लोगों जान भी गई। इसके बाद मुर्शिदाबाद से हिंदुओं का बड़ी संख्या में पलायन हुआ है। इसके अलावा बंगाल के भानगढ़ क्षेत्र से भी हिंसा की खबरें आई हैं।

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रॉबर्ट वाड्रा से आज भी पूछताछ करेगी ED, मनी लॉन्ड्रिंग के तीनों मामलों में जल्द आरोपपत्र दाखिल कर सकती है जांच एजेंसी

Dainik Jagran - National - April 17, 2025 - 6:52am

 पीटीआई, नई दिल्ली। रॉबर्ट वाड्रा के विरुद्ध मनी लॉन्ड्रिंग के तीन अलग-अलग मामलों में ईडी जल्द ही आरोपपत्र दाखिल कर सकती है जिनकी जांच एजेंसी वर्षों से जांच कर रही है। सूत्रों ने बुधवार को बताया कि आरोपपत्र दाखिल करने के बाद ईडी संबंधित अदालतों से इन पर संज्ञान लेने और मुकदमा शुरू करने का अनुरोध करेगी।

ईडी ने बुधवार को वाड्रा से दूसरे दिन पूछताछ की

इन आरोपपत्रों में ईडी कुछ कंपनियों एवं व्यक्तियों को आरोपित एवं गवाहों के रूप में नामित कर सकती है। गुरुग्राम के शिकोहपुर में भूखंड सौदे में कथित वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े मामले में ईडी ने बुधवार को वाड्रा से दूसरे दिन पूछताछ की है। दो अन्य मामलों में भी वह पूर्व में उनसे पूछताछ कर चुकी है।

तीसरा मामला बीकानेर में भूमि सौदे से जुड़ा

एक अन्य मामला ब्रिटेन निवासी हथियार बिचौलिए संजय भंडारी के विरुद्ध मनी लॉन्ड्रिंग जांच एवं उसके वाड्रा से संबंधों से जुड़ा है। भंडारी 2016 में लंदन भाग गया था। मनी लॉन्ड्रिंग का तीसरा मामला बीकानेर में भूमि सौदे से जुड़ा है।

इस मामले में ईडी पूर्व में वाड्रा और उनकी मां मौरीन से पूछताछ कर चुकी है। इस मामले में पाकिस्तान सीमा के नजदीक संवेदनशील इलाके में भूमि आवंटन में कथित जालसाजी का आरोप है।

वाड्रा को जमीन बेचने वाले ने ही दिए थे रजिस्ट्री के पैसे

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा को जमीन बेचने वाले ने ही रजिस्ट्री के भी पैसे दिए थे। ईडी ने दूसरे दिन लगभग पांच घंटे की पूछताछ में वाड्रा के सामने इसके सुबूत रखे और जवाब मांगा। ईडी के अनुसार रजिस्ट्री के दिन वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हास्पिटालिटी के खाते में महज एक लाख रुपये थे। रजिस्ट्री में कारपोरेशन बैंक की नई दिल्ली शाखा का 7.5 करोड़ रुपये का चेक दिखाया गया था, उसे कभी भुनाया ही नहीं गया।

वाड्रा से गुरुवार को तीसरे दिन भी पूछताछ जारी रहेगी

वाड्रा से गुरुवार को तीसरे दिन भी पूछताछ जारी रहेगी। सूत्रों के अनुसार, वाड्रा के पास ईडी द्वारा रखे गए तथ्यों का कोई संतोषजनक जवाब नहीं था। ईडी ने वाड्रा को कागज दिखाकर कहा कि जमीन बेचने वाली कंपनी ओंकारेश्वर प्रोपर्टीज ने खुद ही रजिस्ट्री के लिए 45 लाख रुपये की स्टांप की ड्यूटी क्यों जमा की। दरअसल जिस दिन वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हास्पिटालिटी के नाम जमीन की रजिस्ट्री हुई उस दिन कंपनी के खाते में महज एक लाख रुपये थे।

जमीन की रजिस्ट्री को लेकर गोलमाल

यही नहीं, जो 7.5 करोड़ रुपये का चेक दिया गया, वह वाड्रा की दूसरी कंपनी स्काईलाइट रियलिटी का था, जिसके खाते में भी एक लाख रुपये ही थे। ईडी ने वह नई दिल्ली के कॉरपोरेशन बैंक का चेक नंबर(607251) भी वाड्रा को दिखाया।

12 फरवरी, 2008 को जमीन की रजिस्ट्री होने के पांच दिन बाद ही जमीन का भू-उपयोग बदलने का आवेदन लगाया गया था। उसके चार दिन बाद ही हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुडा ने इसकी अनुमति दे दी थी और संबंधित विभाग ने 3.531 एकड़ जमीन में से 2.7 एकड़ जमीन पर कामर्शियल कालोनी विकसित करने की अनुमति भी दे दी थी।

जमीन को 58 करोड़ रुपये में डीएलएफ को बेचा गया

उसी के बाद इस जमीन को 58 करोड़ रुपये में डीएलएफ को बेचा गया। ईडी ने वाड्रा से इसके बारे में विस्तार से पूछताछ की। हैरानी की बात है कि जमीन की रजिस्ट्री होने के छह महीने बाद वाड्रा की कंपनी की ओर से ओंकारेश्वर प्रोपर्टीज को पैसे दिए गए। लेकिन वह रकम रजिस्ट्री में दिखाई गई कीमत 7.5 करोड़ रुपये के दोगुने से भी ज्यादा थी।

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हवाई यात्री यातायात में बोलेगी भारत की तूती, वृद्धि दर 2026 में चीन छूट जाएगा पीछे

Dainik Jagran - National - April 17, 2025 - 2:10am

 पीटीआई, नई दिल्ली। हवाई अड्डों के समूह एयरपो‌र्ट्स इंटरनेशनल काउंसिल (एसीआइ) ने बुधवार को कहा कि भारत 2026 में हवाई यात्री यातायात वृद्धि दर में पड़ोसी देश चीन से आगे निकल जाएगा।

भारत की हवाई यात्री यातायात वृद्धि दर 10.5 प्रतिशत रहेगी

एसीआइ का अनुमान है कि भारत की हवाई यात्री यातायात वृद्धि दर 10.5 प्रतिशत रहेगी। दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते नागरिक विमानन बाजारों में एक भारत की हवाई यात्री यातायात वृद्धि दर इस साल 10.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो चीन के लिए निर्धारित 12 प्रतिशत से कम है।

भारत की तुलना में पड़ोसी देश का विमानन बाजार काफी बड़ा है। एसीआइ के एशिया-प्रशांत और मध्य पूर्व के महानिदेशक स्टेफनो बैरोन्सी ने कहा कि भारत एक ऐसा बाजार है जो विकसित हो रहा है और अपने बुनियादी ढांचे को बढ़ाने की प्रक्रिया में है।

भारत की हवाई यात्री वृद्धि दर 2026 में 10.5 प्रतिशत रहेगी

एसीआइ एशिया-प्रशांत और पश्चिमी एशिया के 600 से अधिक एयरपोर्ट का प्रतिनिधित्व करता है। इसके अनुमानों के अनुसार, भारत की हवाई यात्री वृद्धि दर 2026 में 10.5 प्रतिशत और 2027 में 10.3 प्रतिशत होगी, जबकि चीन की वृद्धि दर क्रमश: 8.9 प्रतिशत और 7.2 प्रतिशत होगी।

चीन का सीएजीआर 3.8 प्रतिशत होगा

एसीआइ के अनुसार, 2023-27 के लिए भारत में हवाई यात्री यातायात के लिए चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) 9.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो चीन के 8.8 प्रतिशत से अधिक है। भारत 2023-2053 की अवधि के लिए 5.5 प्रतिशत सीएजीआर के साथ वैश्विक स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ने वाला विमानन बाजार होगा, जबकि चीन का सीएजीआर 3.8 प्रतिशत होगा।

वर्तमान में भारत में 159 एयरपोर्ट काम कर रहे हैं

भारतीय विमानन बाजार के लिए उच्च विकास संभावनाओं को दर्शाते हुए, एसीआइ ने कहा कि 2043 में देश की प्रति व्यक्ति वार्षिक यात्राएं 2023 के 0.1 की तुलना में 0.4 होंगी। वर्तमान में भारत में 159 एयरपोर्ट काम कर रहे हैं।

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सपरिवार भारत आ रहे हैं अमेरिका के उपराष्ट्रपति वेंस, टैरिफ पर होगी बातचीत; बच्चों के साथ जाएंगे आगरा

Dainik Jagran - National - April 17, 2025 - 2:00am

 पीटीआई, नई दिल्ली। अमेरिका के उप राष्ट्रपति जेडी वेंस और उनकी पत्नी ऊषा (पहली भारतीय-अमेरिकी मूल की द्वितीय महिला) 18 अप्रैल को भारत दौरे पर आ रहे हैं।

टैरिफ के मुद्दों को सुलझाएंगे भारत और अमेरिका

18 से 24 अप्रैल तक के इस दौरे में वेंस दंपती भारत के बाद इटली के दौरे पर जाएंगे। अपने भारत प्रवास के दौरान वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात करेंगे और संभवत: टैरिफ के मुद्दों को सुलझाएंगे।

विश्व के व्यापार पटल पर भारी हलचल

ट्रंप प्रशासन के टैरिफ लगाने के ऐलान से विश्व के व्यापार पटल पर भारी हलचल देखी जा रही है। ऐसे माहौल में पीएम मोदी और अमेरिकी उप राष्ट्रपति वेंस की यह मुलाकात खासी अहम मानी जा रही है।

जयपुर और आगरा का भ्रमण करेंगे वेंस

सूत्रों के अनुसार वेंस दंपती अपने तीनों बच्चों इवान, विवेक और मीराबेल के साथ भारत आएंगे, जहां वह नई दिल्ली के अलावा जयपुर और आगरा का भ्रमण करेंगे। दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास के अनुसार उप राष्ट्रपति हरेक देश के नेताओं से वरीयता के आधार पर साझा आर्थिक और भूराजनीतिक विषयों पर चर्चा करेंगे।

उप राष्ट्रपति वेंस प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात करेंगे। इसके अलावा, उप राष्ट्रपति का परिवार उनके साथ नई दिल्ली, जयपुर और आगरा के सांस्कृतिक स्थलों का दौरा करेगा।

दोनों पक्ष अपना-अपना पक्ष रखेंगे

हालांकि वेंस की यह अपेक्षाकृत अधिक निजी यात्रा होगी लेकिन द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर भी दोनों पक्ष अपना-अपना पक्ष रखेंगे। अमेरिकी नेशनल इंटेलीजेंस (डीएनआइ) की निदेशक तुलसी गबार्ड की भारत यात्रा के तुरंत बाद जेडी वेंस भारत जाने वाले दूसरे बड़े अमेरिकी नेता हैं।

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