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अब हफ्तेभर में मिलेगा उपभोक्ता शिकायतों का समाधान! सरकार ला रही AI आधारित नया सिस्टम

Dainik Jagran - National - March 15, 2025 - 8:15pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। उपभोक्ता मंत्रालय एक ऐसा तंत्र विकसित करने की ओर बढ़ रहा है, जिसके माध्यम से मुकदमा होने से पहले ही उपभोक्ताओं की शिकायतों का समाधान हो सकेगा। अभी उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) के जरिए सस्ता, तेज और आसान समाधान दिमया जा रहा है। अभी जो समाधान डेढ़ महीने में मिल रहा है, उसे अधिकतम सात दिनों के भीतर देने का प्रयास किया जा रहा है।

राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन-2.0 के जरिए शिकायतों के समाधान

विश्व उपभोक्ता दिवस पर उपभोक्ता सचिव निधि खरे ने एक वेब गोष्ठी में कहा कि राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन-2.0 मुफ्त में शिकायतों के आसान और मुफ्त समाधान का वन स्टॉप सेंटर है। अब हम इसके अगले पड़ाव की ओर बढ़ रहे हैं, जिसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) उपकरणों के साथ एनसीएच में तकनीकी बदलाव से इसकी शिकायतें लेने की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। समाधान समय को 45 दिनों से कम करके हफ्ते भर में करना है। उस प्रणाली पर भी विचार किया जा रहा जिसमें मुकदमा की जरूरत नहीं पड़े और इसके पहले ही उपभोक्ताओं को समाधान मिल सके।

Ms. Nidhi Khare, Secretary, Department of Consumer Affairs, delivered the keynote address on #WorldConsumerRightsDay2025 during a special webinar focused on the theme "A just transition to Sustainable lifestyle". In her speech, she emphasized the need for sustainability to be... pic.twitter.com/Go1L6ku9B6

— Consumer Affairs (@jagograhakjago) March 15, 2025

'नियामक ढांचे को किया जा रहा मजबूत'

इसके पहले विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस पर वर्चुअल संबोधन में उपभोक्ता मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि विभिन्न कार्यक्रमों, ई-कॉमर्स क्षेत्र में अनुचित व्यापार के तरीकों से उपभोक्ताओं को सावधान करते हुए नियामक ढांचे को मजबूत किया जा रहा, जिससे उपभोक्ता शिकायत निवारण मंचों को मजबूती मिल रही है।

सरकार नीतियों के माध्यम से उपभोक्ता संरक्षण के साथ-साथ उनकी समृद्धि पर भी काम कर रही है। उपभोक्ता मंत्री ''टिकाउ जीवन शैली में न्यायसंगत परिवर्तन'' विषय पर वेबिनार को संबोधित कर रहे थे, जिसका उद्देश्य रोजमर्रा की उपभोक्ता पसंद में स्थिरता बनाए रखने के प्रति जागरूकता बढ़ाना और संवाद को बढ़ावा देना है।

उन्होंने कहा कि उत्पाद की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए भारतीय मानक ब्यूरो और कानूनी मेट्रोलॉजी नियमित रूप से बाजार का सर्वेक्षण करते हैं, जिससे उपभोक्ताओं के लिए उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों की उपलब्धता को सुनिश्चित करने में मदद मिलती है। एनसीएच को मिलने वाली कॉलों की संख्या जनवरी 2015 में 14,795 कॉलों से लगभग दस गुना बढ़ गई है।

पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली के विकल्पों को अपनाने पर जोर

उपभोक्ता मंत्री ने ऐसे पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली के विकल्पों को अपनाने पर जोर दिया, जो उपभोक्ताओं के लिए सहज सुलभ और सस्ता हों। साथ ही उनके बुनियादी अधिकारों और जरूरतों की रक्षा भी करें। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के नुकसान, जैव विविधता हानि और प्रदूषण के परस्पर जुड़े संकटों' से निपटने के लिए टिकाऊ जीवनशैली जरूरी है।

उन्होंने कहा कि उपभोक्ता संरक्षण और स्थिरता को बढ़ावा देना प्राचीन काल से ही भारतीय संस्कृति का हिस्सा रहा है और यह इसके प्रशासन का मूल आधार रहा है।

Shri Pralhad Joshi, (@JoshiPralhad), Hon'ble Union Minister of Consumer Affairs, Food & Public Distribution, and New & Renewable Energy, delivered the inaugural address on the occasion of #WorldConsumerRightsDay2025. He emphasized the significance of consumer rights protection,.. pic.twitter.com/YkwStRfdU6

— Consumer Affairs (@jagograhakjago) March 15, 2025

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दलितों के बीच फिर जनाधार बढ़ाने में जुटी कांग्रेस, राहुल गांधी ने कांशीराम को बताया समाज सुधारक

Dainik Jagran - National - March 15, 2025 - 8:13pm

संजय मिश्र, जागरण नई दिल्ली। जातिगत जनगणना के मुद्दे के सहारे कांग्रेस का सामाजिक दायरा बढ़ाने की पहल शुरू करने के बाद पिछले कुछ समय से अपने परंपरागत दलित सियासी आधार को फिर से जोड़ने का दांव चलने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।

अनुसूचित जाति (एससी) का अपना आधार वापस हासिल करने की इस कोशिश में पार्टी की निगाहें विशेष रूप से बसपा की बहुजन राजनीति पर लगातार कमजोर होती पकड़ की ओर है। बसपा के संस्थापक कांशीराम की 91वीं जयंती के मौके पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी तथा पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा का उन्हें महान समाज सुधारक तथा सामाजिक न्याय की लड़ाई का मार्गदर्शक बताते हुए दी गई श्रद्धांजलि पार्टी के सियासी इरादों का साफ संदेश है।

बसपा पर बीजेपी की राजनीति का संरक्षण करने का आरोप

लोकसभा चुनाव 2024 के समय से ही कांग्रेस तथा सपा जैसे विपक्षी दल बसपा पर भाजपा की राजनीति का संरक्षण करने का आरोप लगाते आ रहे हैं और इसको लेकर मायावती कई बार निशाने पर भी रही हैं। दरअसल कांग्रेस नेतृत्व ने कांशीराम की स्मृतियों की प्रशंसा कर बसपा की सिकुड़ती जमीन के दलितों-वंचितों के हितों की लड़ाई का सबसे बड़ा पहरुआ कांग्रेस के ही होने का संदेश देने की कोशिश की है।

राहुल गांधी ने काशीराम को बताया समाज सुधारक

राहुल गांधी ने कांशीराम को उनकी जयंती पर नमन करते शनिवार को एक्स पोस्ट में उन्हें महान समाज सुधारक करार दिया। कांग्रेस नेता ने कहा कि दलितों, वंचितों और शोषितों के अधिकारों के लिए उनका संघर्ष, सामाजिक न्याय की इस लड़ाई में हमारा हर कदम पर मार्गदर्शन करता रहेगा। बहुजन राजनीति को साधने की कांग्रेस की गंभीर कोशिश को आगे बढ़ाने की इस पहल में पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी शामिल होने से पीछे नहीं रहीं।

प्रियंका ने एक्स पोस्ट में श्रद्धांजलि देते हुए कहा

'दलित, वंचित, शोषित और पिछड़े वर्गों के अधिकारों की प्रखर आवाज, सामाजिक न्याय के पुरोधा और बहुजन नायक मान्यवर कांशीराम की जयंती पर उन्हें सादर नमन। उन्होंने अपने विचारों और सामाजिक आंदोलनों के जरिये सामाजिक न्याय और संवैधानिक मूल्यों को नई ऊंचाई दी। उनके विचार पीढि़यों को प्रेरित करते रहेंगे।'

शून्य पर पहुंची बसपा, दलितों में पैठ बनाने के लिए जुटी कांग्रेस

पिछले लोकसभा चुनाव में शून्य पर पहुंची बसपा की लगभग ठहराव की स्थिति में पहुंच चुकी राजनीति को देखते हुए कांग्रेस उत्तरप्रदेश समेत पूरे देश में दलितों के बीच अपनी पैठ बढ़ाने की लगातार पहल कर रही है। चाहे महाराष्ट्र में बाबा साहब आंबेडकर, ज्योति बा फूले से लेकर संत रविदास की विरासत को सम्मान देने के लिए किए जाने वाले आयोजन हो या फिर संविधान रक्षा से जुड़े कार्यक्रमों की लगातार हो रही श्रृंखलाएं।

इसलिए जाति जनगणना को लेकर कांग्रेस मुखर

कांग्रेस अपनी सियासी ताकत की बहाली के लिए सामाजिक दायरे के विस्तार को अपरिहार्य मान रही है और एसी-एसटी तथा ओबीसी को साधने के लिए जाति जनगणना को लेकर उसकी मुखरता की एक बड़ी वजह इसे ही माना जा रहा है। कभी लंबे अर्से तक केंद्र तथा राज्यों की सत्ता में रही कांग्रेस के तीन प्रमुख सामाजिक आधार: अगड़े, दलित और अल्पसंख्यक थे।

नब्बे के दशक में कांग्रेस के दलित वोट में बसपा ने लगाई थी सेंध

लेकिन सामाजिक न्याय के उफान और भाजपा के हिन्दुत्व की राजनीति में पार्टी का यह आधार ध्वस्त हो गया। इसी दरम्यान नब्बे के दशक में कांशीराम और फिर मायावती के नेतृत्व में बसपा के उभार ने कांग्रेस के दलित वोट बैंक को भी गंभीर छति पहुंचाई। अब जब बसपा की राजनीति दुविधा के दोराहे पर डांवाडोल है तो कांग्रेस यह प्रयास कर रही है कि बहुजन सियासत की चाभी फिर एक बार उसके हाथ आ जाए।

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वोटर आईडी को भी आधार से लिंक करने की तैयारी, 18 मार्च को EC की बड़ी बैठक; EPIC मामले पर भी बनेगी बात

Dainik Jagran - National - March 15, 2025 - 7:49pm

नीलू रंजन, जागरण, नई दिल्ली। मतदाता सूची में गड़बड़ी के आरोपों में विपक्ष के हमले झेल रहा चुनाव आयोग अब इसे दुरुस्त करने की कवायद में जुट गया है। इसके लिए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने मंगलवार को यूआइडीएआई और केंद्र सरकार के उच्च अधिकारियों की बैठक बुलाई है।

माना जा रहा है कि बैठक में मतदाता सूची को आधार के साथ जोड़ने की राह की बाधाओं को दूर करने के लिए अहम फैसला लिया जा सकता है। चुनाव आयोग के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार बैठक में ज्ञानेश कुमार के साथ-साथ अन्य दोनों चुनाव आयुक्त, केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन, विधायी सचिव राजीव मणि और यूआइडीएआई के सीईओ भुवनेश कुमार मौजूद रहेंगे।

आधार से वोटर लिस्ट को जोड़ने पर होगी बात

भुवनेश कुमार की मौजूदगी मतदाता सूची को आधार के डाटाबेस से जोड़ने और राजीव मणि की उपस्थिति इसकी राह में आ रही कानूनी बाधाओं को दूर करने के लिए जरूरी कदम उठाने की ओर इशारा करती है।

ध्यान देने की बात है कि मुख्य चुनाव आयुक्त बनने के बाद ज्ञानेश कुमार ने तीन महीने के भीतर मतदाता सूची में गड़बड़ी को पूरी तरह से दूर करने का भरोसा दिया था। यह बैठक इसके लिए ही बुलाई गई है।

विपक्ष ने उठाया है मतदाता सूची में गड़बड़ी का मुद्दा

गौरतलब है कि 2024 के लोकसभा चुनाव तक ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप लगाने वाली कांग्रेस व अन्य विपक्षी दलों ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद मतदाता सूची में गड़बड़ी में बड़ा मुद्दा बना लिया है।

नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने 2024 में लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बीच महाराष्ट्र में 39 लाख नए मतदाता जोड़ने को महाअघाड़ी गठबंधन की हार का कारण बताया और चुनाव आयोग से जवाब तलब किया। इस मुद्दे पर चुनाव आयोग सफाई दे चुकी है, लेकिन कांग्रेस का हमला जारी है।

आप ने भी लगाए मतदाता सूची में गड़बड़ी के आरोप

वहीं, दिल्ली में अपनी हार के लिए आम आदमी पार्टी भी मतदाता सूची में गड़बड़ी का आरोप लगा रही है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने मतदाता सूची में डुप्लीकेट ईपीक नंबर का मुद्दा उठाते हुए केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर अगले साल होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव को प्रभावित करने की साजिश करार दिया।

मतदाता सूची में गड़बड़ी के विपक्ष के बढ़ते हमलों के बीच चुनाव आयोग को इसे मतदाता सूची से जोड़ना ही सटिक उपाय नजर आ रहा है। लेकिन इसमें सबसे बड़ी अड़चन कानूनी है।

सुप्रीम कोर्ट में लगाई थी रोक

दरअसल 2015 में चुनाव आयोग ने मतदाता सूची को आधार डाटाबेस के साथ जोड़ने का काम शुरू किया था और तीन महीने में ही 30 करोड़ मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ दिया गया था। लेकिन आधार की वैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिका को देखते सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी।

अभी स्वेच्छा से आधार और वोटर आई को जोड़ा जा सकता है

2018 में अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने आधार की वैधानिकता पर मुहर लगा दी। लेकिन इसके स्वैच्छिक इस्तेमाल की ही अनुमति दी। इस रास्ते की दूसरी कानूनी अड़चनों को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने 2022 में जनप्रतिनिधित्व कानून और चुनाव कानून में संशोधन कर इसका रास्ता साफ किया। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने भी सही ठहराया।

66 करोड़ मतदाताओं का पहचान पत्र आधार से जुड़ा

इसके बाद स्वैच्छिक रूप से मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ने का काम चल रहा है और लगभग 66 करोड़ मतदाताओं का पहचान पत्र आधार से जोड़ा जा चुका है। लेकिन लगभग 33 करोड़ मतदाताओं का जोड़ा जाना बाकी है और विवाद की जड़ यही है।

चुनाव आयोग ने पिछले दिनों मतदाता सूची को फुलप्रूफ बनाने के लिए आधार से जोड़ने और इसके लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का संकेत दिया था। मंगलवार की बैठक में इन्हीं कानूनी अड़चनों को दूर करने के लिए जरूरी कदमों पर फैसला होने की उम्मीद है।

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बेटा सड़क पर सरपट दौड़ा रहा था SUV, पुलिस ने पिता के खिलाफ दर्ज किया केस; जानें पूरा मामला

Dainik Jagran - National - March 15, 2025 - 5:32pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केरल के कोझिकोड में एक व्यक्ति के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया है। यह कार्रवाई तब हुई जब सोशल मीडिया पर उनके नाबालिग बेटे का कार चलाने का वीडियो वायरल हो गया। इस वीडियो में एक 13 साल के लड़के को सड़क पर गाड़ी चलाते हुए देखा जा सकता है। बताया जा रहा है कि यह घटना उत्तर केरल जिले के चेक्कियाड इलाके में उसके घर के पास हुई।

वीडियो अक्टूबर में हुआ था अपलोड

पुलिस के मुताबिक, यह वीडियो पिछले साल अक्टूबर में सोशल मीडिया पर अपलोड किया गया था, लेकिन हाल ही में यह सामने आया, जिसके बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की। पुलिस अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है।

आरोपी पिता की पहचान 37 वर्षीय नौशाद के रूप में हुई है। उन पर अपने नाबालिग बेटे को गाड़ी सौंपने का आरोप है, जो कानून के खिलाफ है।

'सुभयात्रा' पोर्टल से सामने आया मामला

केरल पुलिस के 'सुभयात्रा' पोर्टल के माध्यम से यह मामला सामने आया। यह पोर्टल ट्रैफिक से जुड़ी शिकायतों के लिए बनाया गया है। पुलिस ने नौशाद के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 125 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाला कृत्य) और मोटर वाहन अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।

पहले भी कर चुके हैं ऐसा कारनामा

पुलिस ने बताया कि नौशाद पहले भी एक कार के ऊपर अपने बेटे को बैठाकर गाड़ी चलाने का वीडियो बना चुके हैं। यह वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। हालांकि, तब मामला दर्ज नहीं किया गया था क्योंकि घटना उनके घर के परिसर में हुई थी और सार्वजनिक सड़क पर नहीं। लेकिन इस बार वीडियो सार्वजनिक सड़क का है, इसलिए पुलिस ने कानूनी कार्रवाई की है।

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