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Patna News: पटना के मल्टी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में जल्द शुरू होगी रोबोटिक सर्जरी

Dainik Jagran - May 12, 2025 - 6:11pm

जागरण संवाददाता, पटना। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के निर्देश पर मल्टी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल आइजीआइएमएस को एसजीपीजीआई लखनऊ व पीजीआई चंडीगढ़ की तर्ज पर विकसित करने की दिशा में कार्य शुरू हो गया है। आने वाले कुछ माह में यहां आधुनिकतम चिकित्सा तकनीक रोबोटिक सर्जरी से उपचार शुरू हो जाएगा।

संस्थान में निर्माणाधीन छह नए स्टेट ऑफ आर्ट ऑपरेशन थिएटर में से दो या तीन को रोबोटिक ऑपरेशन थिएटर बनाया जाएगा। शुक्रवार को इस बाबत निदेशक प्रोफेसर डॉ. बिंदे कुमार, चिकित्साधीक्षक डॉ. मनीष मंडल, डीन प्रो. डॉ. ओम कुमार, प्रो. डॉ. राजेश कुमार तिवारी आदि के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की गई।

आईजीआईएमएस, पटना। जागरण फोटो

चिकित्साधीक्षक डॉ. मनीष मंडल ने बताया कि रोबोटिक सर्जरी को जल्द शुरू करने की प्रक्रिया जारी है। बताते चलें कि संस्थान में अभी 12 ऑपरेशन थिएटर हैं, इस कारण रोगियों को 15 दिन से दो माह तक का नंबर सर्जरी की जटिलता को देखते हुए दिया जाता है।

संक्रमित रोगियों की सर्जरी सिर्फ शुक्रवार को एक ओटी में की जाती है, क्योंकि उसे इसके बाद दो दिन तक विसंक्रमण के लिए बंद करना पड़ता है।

छह नए स्टेट ऑफ आर्ट ऑपरेशन थिएटर में से दो या तीन रोबोटिक सर्जरी, दो या तीन जीआई सर्जरी और एक हेपेटाइटिस-एचआईवी समेत अन्य संक्रमित रोगियों के लिए बनाई जा रही है। इनके शुरू होने से संस्थान में 18 ऑपरेशन थिएटर हो जाएंगे हैं।

सभी ऑपरेशन थिएटर का हो जाएगा एक ब्लॉक:

डॉ. मनीष मंडल ने बताया कि नई बन रही छह ओटी को भी कॉरिडोर से पुराने 12 ऑपरेशन थिएटर से जोड़ दिया जाएगा। इससे सभी ओटी का एक अलग ब्लॉक बन जाएगा। ऑपरेशन थिएटर में जिसका राेगी होगा, उनके स्वजन की मानसिक व शारीरिक मनोदशा को ध्यान में रखते हुए 200 लोगों की क्षमता वाले एक पूर्ण वातानुकूलित वेटिंग हॉल का उद्घाटन पहले ही हो चुका है।

इसमें चाय-काफी, नाश्ता, ठंडा पानी के साथ एलईडी टीवी लगा है। मरीज के स्वजन को बुलाने के लिए माइक सिस्टम व यहां टेलिफोन रहेगा।

जटिल अंगों की हो सकेगी सटीक सर्जरी:

ओपेन, लैप्रोस्कोपिक, इंडोस्कोपिक के बाद अब सर्जरी की आधुनिक तकनीक रोबोटिक सर्जरी है। रोबोटिक हथियार इतने सूक्ष्य व सटीक होते हैं कि जटिल सर्जरी में भी बहुत कम नुकसान होता है। सटीक कट व कम चीरे से रक्तस्राव बहुत कम होता है।

कम चीरे से घाव जल्द भरते हैं और कम ऊतक क्षतिग्रस्त होने के कारण रोगी को दर्द भी कम होता है। रोगी को अस्पताल में बहुत कम समय तक रहना पड़ता है और वह अपने काम में भी जल्दी लौट सकता है। इस तकनीक में संक्रमण की आशंका बहुत कम हो जाती है।

विशेषज्ञों के अनुसार, रोबोटिक आर्म्स ओपेन, लैप्रोस्कोपक व इंडोस्कोपिक की तुलना में अधिक तीव्र व सटीक गति से सर्जरी कर सकते हैं। सर्जन मॉनिटर पर लगातार हाई डिफिशियंसी वाली थ्री-डी तस्वीर देख सकते हैं जिससे जटिल संरचना वाले अंगों की सटीक सर्जरी कम से कम नुकसान में करना संभव हो जाता है।

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बिहार में भूमि अधिग्रहण को लेकर समस्या, मुआवजा दर के विवाद से अटकीं कई सड़क परियोजनाएं

Dainik Jagran - May 12, 2025 - 5:50pm

राज्य ब्यूरो, पटना। सरकार ने भूमि अधिग्रहण के कारण धीमी गति से चल रही परियोजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लाने का निर्देश दिया है। राज्य के भू अर्जन निदेशक कमलेश कुमार सिंह ने संबंधित अधिकारियों को कहा है कि वे इस विषय को सर्वोच्च प्राथमिकता दें।

पिछले दिनों हुई समीक्षा बैठक का किया जिक्र

विभाग में पिछले दिनों हुई समीक्षा बैठक का जिक्र करते हुए जिलों को कहा गया है कि मुआवजे के भुगतान में तेजी लाएं। समीक्षा के दौरान यह तथ्य सामने आया कि केंद्र और राज्य सरकार की कई सड़क परियोजनाएं मुआवजा में देरी या इससे जुड़े विवाद के कारण अटकी हुई हैं।

मुंगेर के खरिया गांव मामले में मुआवजा नहीं

समीक्षा बैठक में बताया गया कि मुंगेर के खरिया गांव से गुजरने वाली सड़क के रास्ते में बाधित संरचना को हटा दिया गया है। लेकिन, मुआवजे का भुगतान नहीं किया गया है। मोहम्मदनगर एवं रामनगर में भी भू अर्जन को लेकर कुछ समस्या है।

गया जिले के पांच गांवों में जमीन अधिग्रहण

एनएच 119 डी के लिए गया जिले के पांच गांवों में जमीन का अधिग्रहण तो किया गया है, लेकिन उसका स्वामित्व अधियाची विभाग को नहीं सौंपा गया है। एनएच 327 डी के निर्माण में किशनगंज जिले के कुछ हिस्से में बाधा है।

विवाद अधिग्रहीत जमीन पर मौजूद संरचनाओं को लेकर

विवाद अधिग्रहीत जमीन पर मौजूद संरचनाओं को लेकर है। इसी परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण में सीतामढ़ी जिले के छह गांवों में परेशानी है। रैयत अधिक दर की मांग कर रहे हैं। एनएच 319 ए के निर्माण में कैमूर जिले की महज छह सौ मीटर बाधक है। इसके लिए वहां कम रूका हुआ है। इस जमीन का अधिग्रहण हुआ।

एनएच 105 के रास्ते में भी भूमि अधिग्रहण की बाधा

अधियाची विभाग को इस पर दखल कब्जा नहीं दिया गया। एनएच 105 के रास्ते में भी भूमि अधिग्रहण की बाधा है। दरभंगा जिला में 31.32 करोड़ में से केवल 2.70 करोड़़ का भुगतान किया गया। मुआवजे की राशि कम बता कर रैयत इसे ले नहीं रहे हैं। रैयत विराेध कर रहे हैं। इसे देखते हुए शिविर लगाकर मुआवजा भुगतान का निर्देश दिया गया है।

सड़क टूटी, चलना मुश्किल

जागरण, गढ़पुरा (बेगूसराय)। गढ़पुरा बाजार से वार्ड संख्या-16 होते हुए नाथ बाबा स्थान से समस्तीपुर जिला के हसनपुर प्रखंड को जानेवाली प्रमुख ग्रामीण सड़क जर्जर है। सड़क इस तरह से टूट गई है कि इस पर चलना कठिन हो गया है। इस संबंध में गढ़पुरा के ग्रामीण लाल बहादुर झा, अरविंद यादव आदि ने बताया कि करीब 20 वर्ष पूर्व सड़क की पीसीसी ढलाई की गई थी। तीन-चार वर्षों में यह सड़क टूटते-टूटते अब चलने लायक भी नहीं रही।

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Is US-China trade war over?

Business News - May 12, 2025 - 5:47pm
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