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अब नो टेंशन! समझौते से खत्म होंगे इनकम टैक्स के मुकदमे, ED और CBI जांच कर रही तो भी मिलेगी राहत
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। इनकम टैक्स विवादित मामलों को पूरी तरह से निपटाने के लिए तैयार है। इनकम टैक्स से जुड़े सभी अपराधों को समझौते से खत्म करने (कंपाउंडिंग ऑफ आफेंस) योग्य बना दिया गया है। यहां तक कि अगर इनकम टैक्स से जुड़े अपराध में ईडी और सीबीआई भी छानबीन कर रही है तो उस अपराध को भी समझौते के साथ विभाग समाप्त कर सकता है।
यहां तक कि किसी को इनकम टैक्स कानून के अन्य प्रविधान के तहत दो या उससे अधिक साल के कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है, वैसे अपराधी भी समझौते के साथ अपने अपराध माफी के लिए आवेदन कर सकेंगे।
समझौते से समाप्त होगा हर अपराधसोमवार को इनकम टैक्स विभाग की तरफ से एक सर्कुलर जारी किया गया। हालांकि विभागीय अपराधों को समझौते से खत्म करने योग्य बनाने के संबंध में पिछले साल 17 अक्टूबर को दिशा-निर्देश जारी किए गए थे। हालांकि लोगों को इसकी जानकारी पूरी तरह से नहीं मिल पाई थी। सोमवार को जारी सर्कुलर में साफ कहा गया है कि इनकम टैक्स कानून के अंतर्गत अब ऐसा कोई अपराध नहीं रहा, जिसे समझौते के साथ समाप्त नहीं किया जा सकता है।
इनकम टैक्स से जुड़े मामलों में आएगी कमीविभाग के मुताबिक कंपाउंडिंग ऑफ आफेंस एक मैकेनिज्म है जो अपराध करने वाले को एक निश्चित धनराशि के भुगतान के साथ उसे तमाम वैधानिक पचड़ों के साथ अपराध से मुक्त करने का अवसर देता है। इस नए सर्कुलर पर पूरी तरह अमल से इनकम टैक्स से जुड़े मामलों में भारी कमी आएगी और विभाग को बड़ी धनराशि प्राप्त हो सकती है।
अपराध को समाप्त कराने के लिए एक निश्चित शुल्क के साथ करना होगा आवेदनअपने अपराध को समाप्त कराने के लिए अपराध करने वालों को आवेदन करना होगा। आवेदन करने के लिए एक निश्चित शुल्क देना होगा। गंभीर किस्म के अपराध में इनकम टैक्स विभाग के चेयरमैन को अपराधी के अपराध को समाप्त करने का अधिकार होगा।
उदाहरण के लिए इनकम टैक्स से जुड़े मामले में ईडी और सीबीआई भी जांच कर रही है तो माफी के लिए आवेदन करने पर अगर अभियुक्त ने देश विरोधी या आतंकवाद से जुड़ा कोई अपराध नहीं किया है तो उसे समझौते के साथ छोड़ा जा सकता है, लेकिन इस प्रकार की गतिविधियों में लिप्त होने पर समझौते के लिए इनकम टैक्स विभाग के चेयरमैन की मंजूरी लेनी होगी।
वैसे ही अगर किसी को इनकम टैक्स से जुड़े अपराध में सजा हो गई तो चेयरमैन की मंजूरी पर ही उसके साथ समझौता किया जा सकता है। जिन लोगों ने इनकम टैक्स से जुड़े मामले के लिए अदालत में याचिका दायर कर रखी है, वे भी नए नियम के तहत समझौते से अपने मामले को समाप्त कर सकेंगे। इनकम टैक्स विभाग की साइट पर जाकर सर्कुलर के बारे में विस्तृत जानकारी हासिल की जा सकती है।
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Par Panel urges fast-tracking census
मतदान से जुड़े आंकड़ों के आने में नहीं होगी देरी, चुनाव आयोग ने बनाई नई व्यवस्था; जानिए क्या है प्लान?
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चुनाव के दौरान मतदान प्रतिशत के अंतिम आंकड़ों के आने में देरी पर राजनीतिक दलों की ओर से उठाए जा रहे सवालों से निपटने के लिए चुनाव आयोग ने एक अहम कदम उठाया है। जिसमें किसी भी मतदान केंद्र पर मतदाताओं की अधिकतम संख्या अब 1200 से अधिक नहीं रहेंगी।
आयोग ने सभी राज्यों से ऐसे मतदान केंद्रों की पहचान करने और मतदाताओं की संख्या को अधिकतम 1200 तक ही सीमित करने के निर्देश दिए है। आयोग का मानना है कि इससे सभी मतदान केंद्रों पर तय समय के भीतर ही मतदान समाप्त हो जाएगा और सभी के समय पर आंकड़ें भी आ सकेंगे।
बिहार विधानसभा में दिखेगी नई व्यवस्थाआयोग से जुड़े उच्चपदस्थ सूत्रों की मानें तो आने वाली बिहार विधानसभा चुनाव में इसे सख्ती से अमल में लाया जाएगा। ताकि चुनाव के दौरान मतदान प्रतिशत के आंकड़ों को लेकर किसी भी तरह का संदेह पैदा न हो सके। आयोग की मानें तो मौजूदा समय में देश में बड़ी संख्या में ऐसे मतदान केंद्र है, जहां मतदाताओं की संख्या 15 सौ या उससे भी अधिक है।
ऐसे में इन मतदान केंद्रों पर तय समय में मतदान अभी पूरा नहीं हो पाता है। समय खत्म हो जाने के बाद भी ऐसे मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की लंबी-लंबी लाइनें लगी रहती है। आयोग की इस पहल से अब यह समस्या खत्म होगी। साथ ही मतदाताओं को भी लंबी लाइनों में नहीं लगना पड़ेगा।
देश में 10 लाख से ज्यादा मतदान केंद्रमौजूदा समय में देश में साढ़े दस लाख से अधिक मतदान केंद्र है। माना जा रहा है कि आयोग की इस पहल के बाद आने वाले में देश में मतदान केंद्रों की संख्या और बढ़ेगी। आयोग के मुताबिक हाल ही में सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के बुलाए गए सम्मेलन में राजनीतिक दलों की ओर से मतदान प्रतिशत के अंतिम आंकड़ों को लेकर उठाए जा रहे सवालों पर लंबी चर्चा की गई।
राजनीतिक दलों ने लोकसभा चुनाव में उठाए थे सवालसाथ ही इसके पीछे के कारण को समझा गया। आयोग से जुडे़ अधिकारियों के मुताबिक राज्यों ने इसके पीछे मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की अधिक संख्या होना बताया। इसके बाद ही आयोग ने यह निर्देश दिए है।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों ने इसे लेकर सबसे अधिक सवाल खड़े किए थे। जिसमें मतदान खत्म होने के बाद और मतदान के अंतिम आंकड़ों के बीच बड़े अंतर को लेकर संदेह भी जताया था। आयोग से इसको लेकर शिकायत भी की।
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'वक्फ बिल पर लोगों को भ्रमित करने की कोशिश', जगदंबिका पाल ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को घेरा
एएनआई, नई दिल्ली। भाजपा सांसद और वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने विधेयक के खिलाफ योजनाबद्ध विरोध के लिए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) की आलोचना की है। उन्होंने दावा किया कि इससे विभाजन पैदा हो सकता है और संसद के कानून बनाने के अधिकार को चुनौती मिल सकती है।
लोगों को भ्रमित करने की कोशिशवक्फ बिल पर लोगों को भ्रमित करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि एआईएमपीएलबी ने पहले ही समिति के समक्ष अपनी चिंताएं प्रस्तुत कर दी थीं और रिपोर्ट में उन बिंदुओं पर विचार किया गया है। इतना ही नहीं, हमने इसे अपनी रिपोर्ट का हिस्सा भी बनाया है तो फिर वे दिल्ली में जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं?
महिलाओं और विधवाओं को मिलेगा लाभसंशोधन के बाद एक बेहतर कानून बनने जा रहा है। गरीबों, महिलाओं, विधवाओं और बच्चों को भी वक्फ का लाभ मिलेगा। उन्होंने मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया। पाल ने कहा कि अगर वे इस वक्फ (संशोधन) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने जा रहे हैं तो कहीं न कहीं वे देश के लोगों में नफरत पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।
उनके द्वारा उठाया गया यह कदम लोकतांत्रिक नहीं है। वहीं, एआईएमपीएलबी के प्रवक्ता सैयद कासिम रसूल इलियास ने दावा किया कि सरकार का उद्देश्य हिंदुओं और मुसलमानों के बीच विभाजन पैदा करना और देश में अशांति भड़काना है।
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ISRO के नाम एक और उपलब्धि, स्वदेशी क्रायोजेनिक तकनीक वाले छह देशों भारत भी शामिल
आईएएनएस, नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष डॉ. वी. नारायणन ने सोमवार को कहा कि भारत उन छह देशों में से एक है, जिन्होंने स्वदेशी क्रायोजेनिक तकनीक विकसित की है। अन्य पांच देश अमेरिका, फ्रांस, रूस, चीन और जापान हैं।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास में शोध केंद्र के शुभारंभ अवसर पर नारायणन ने कहा कि इसरो के सीई20 इंजन ने गगनयान मिशन के लिए मानव रेटिंग हासिल कर ली है।
क्या है मानव-रेटिंग प्रक्रिया?मानव-रेटिंग प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि कोई प्रणाली जैसे कि अंतरिक्षयान मनुष्यों की यात्रा के लिए सुरक्षित है। यह अंतरिक्ष यात्रा के लिए सुरक्षा मानकों को पूरा करने के लिए आवश्यक है। नारायणन ने कहा कि क्रायोजेनिक प्रौद्योगिकी भारत को नहीं दी गई, लेकिन आज हमारे पास तीन ऐसे इंजन हैं, जिनमें से तीसरा मानव- रेटेट है। दुनिया में केवल छह देशों के पास ही यह प्रौद्योगिकी है।
इन छह देशों में शामिल हुआ भारतउन्होंने कहा कि हमने इस प्रौद्योगिकी में तीन विश्व रिकार्ड बनाए हैं। हमने इसे तीसरे प्रयास में ही पूरा किया। इंजन परीक्षण से लेकर उड़ान तक हमने यह 28 महीनों में पूरा किया, जबकि अन्य देशों को इसमें 42 महीनों से 18 वर्ष तक का समय लगा।
उन्होंने कहा कि हमने यह परीक्षण 34 दिनों में पूरा कर लिया, जबकि अन्य देशों को इसमें पांच से छह महीने लगे थे। क्रायोजेनिक तकनीक से उच्च क्षमता वाले राकेट इंजन विकसित करने में मदद मिलती है।
मणिपुर में दो समुदायों के बीच टकराव के बाद तनाव, दुकानों को जबरन कराया गया बंद; पुलिस ने दी रिपोर्ट
पीटीआई, इंफाल। मणिपुर के चूड़चंदपुर में हमार जनजाति के नेता रिचर्ड हमार पर हमला करने के एक दिन बाद सोमवार को तनाव बढ़ गया। हमार और जोमी समुदायों के बीच टकराव के कारण पूरे जिले में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है।
पुलिस ने कहा कि स्थानीय लोग हमलावरों की पहचान करने की मांग कर रहे हैं। रिचर्ड का वाहन एक दोपहिया से टकरा गया, जिसके बाद उन पर हमला किया गया। सतर्कता के तहत अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी ने पूरे जिले में बीएनएसएस 2023 की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है।
कस्बे में जबरन बंद कराने का प्रयासआदेश में कहा है कि चूड़चंदपुर के पुलिस अधीक्षक से मिली रिपोर्ट में बताया गया है कि जिले में कानून एवं व्यवस्था के उल्लंघन का गंभीर खतरा है। विभिन्न समुदायों के बीच शांति और सौहार्द भंग होने की आशंका है और जान-माल की हानि हो सकती है।
पुलिस के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने कस्बे में जबरन बंद कराने का प्रयास किया। दुकानों से तुरंत बंद करने को कहा गया। बंद कराने के लिए लाठी-डंडे से लैस लोगों के समूहों को सड़कों पर गश्त करते देखा गया।
बिष्णुपुर में हथियार व गोलियां जब्तसुरक्षा बलों ने बिष्णुपुर जिले में हथियार और गोलियां जब्त कीं। पुलिस ने सोमवार को बताया कि रविवार को उयोक वन से तलाशी में एक 5.56 एमएम इंसास राइफल, दो नौ एमएम कर्बाइन मशीन गन, मैग्नीफायर स्कोप के साथ एक प्वाइंट 303 मोडिफाइड स्नाइपर, एक एसबीबीएल गन, एक पिस्तौल, चार हथगोले और गोलियां जब्त की गईं।
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ट्रंप की टैरिफ नीति से पहले दिखा असर, आयात और निर्यात में दिखी गिरावट; व्यापार घाटा कम हुआ
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ट्रंप की शुल्क नीति की वजह से व्याप्त वैश्विक व्यापारिक अनिश्चितता के बीच गत फरवरी माह में भारत के निर्यात और आयात दोनों में दहाई अंक की गिरावट दर्ज की गई। इस साल फरवरी में वस्तुओं के निर्यात में पिछले साल फरवरी के मुकाबले 10.85 प्रतिशत तो आयात में 16.34 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
फरवरी में वस्तुओं का निर्यात 36.9 अरब डॉलर का तो आयात 50.9 अरब डॉलर का रहा। इस प्रकार व्यापार घाटा 14 अरब डॉलर का रहा जबकि इस साल जनवरी में व्यापार घाटा 22.9 अरब डॉलर का था।
सोने के आयात में दिखी गिरावटफरवरी में पेट्रोलियम पदार्थों के आयात में 29.59 प्रतिशत, सोने में 61.98 प्रतिशत तो चांदी के आयात में 75 प्रतिशत की गिरावट आई है जिससे कुल आयात में इतनी कमी हुई है। फरवरी में पेट्रोलियम पदार्थ और जेम्स व ज्वैलरी के निर्यात में भी क्रमश: 29.23 प्रतिशत और 20.74 प्रतिशत की गिरावट रही जिससे कुल निर्यात का प्रदर्शन खराब रहा।
इंजीनियरिंग गुड्स, लेदर, फार्मा जैसे रोजगारपरक सेक्टर के निर्यात में भी फरवरी में गिरावट दिखी। लेकिन इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स और रेडीमेड गारमेंट्स के साथ चावल और काफी के निर्यात में अच्छी बढ़ोतरी रही।
क्या कहते हैं जानकार?जानकारों के मुताबिक भारत का सबसे अधिक व्यापार अमेरिका के साथ है और अमेरिका की तरफ से अप्रैल माह से पारस्परिक शुल्क लगाने की घोषणा से अमेरिका के व्यापारी भारत से खरीदारी से पहले स्थिति साफ होने का इंतजार कर रहे हैं।
दूसरी तरफ वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा है कि वस्तु व सेवा निर्यात को मिलाकर चालू वित्त वर्ष 2024-25 में भारत 800 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर लेगा। हमारा निर्यात उसी दिशा में बढ़ रहा है। पिछले वित्त वर्ष में वस्तु व सेवा को मिलाकर भारत ने 778 अरब डॉलर का निर्यात किया था।
फरवरी में प्रमुख वस्तुओं के निर्यात में बढ़ोतरी-गिरावट प्रतिशत में
- कॉफी --22.32
- चाय----(-7.08)
- चावल ----13.21
- इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स ----- 26.46
- इंजीनिय¨रग गुड्स ---- (-8.62)
- लेदर व लेदर उत्पाद --- (-1.53)
- हैंडीक्राफ्ट्स ---- (-28.17)
- फार्मा ------ (-1.52)
- रेडीमेड गारमेंट्स--- 3.97
- काटन यार्न, फेबरिक्स --- (-4.41)
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पूर्वोत्तर के चार राज्यों में परिसीमन की मांग, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को 3 महीने का दिया समय
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मणिपुर और असम में परिसीमन की प्रक्रिया पूरी करने के लिए केंद्र सरकार को तीन महीने का समय दिया। प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के अनुरोध पर गौर किया। तुषार मेहता ने अदालत से कुछ और समय मांगा था। इसके बाद पीठ ने सुनवाई 21 जुलाई तक टाल दी और केंद्र सरकार से तीन महीने के भीतर जरूरी कार्रवाई करने को कहा।
अरुणाचल और नगालैंड पर चल रहा विचारशीर्ष अदालत ने पहले भी इन राज्यों में परिसीमन प्रक्रिया में देरी पर चिंता जताई थी। पीठ ने केंद्र के वकील को निर्देश लेने के लिए कहा और पूछा कि एक बार राष्ट्रपति अधिसूचना को रद कर देते हैं तो परिसीमन प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए यह पर्याप्त है। सरकार इसमें कहां आती है? इस पर केंद्र सरकार ने बताया कि अरुणाचल प्रदेश और नगालैंड के लिए विचार-विमर्श चल रहा है। मणिपुर में जारी हिंसा ने स्थिति को प्रतिकूल बना दिया है।
तत्काल परिसीमन की मांगपीठ पूर्वोत्तर भारत में अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर और नागालैंड राज्य के लिए परिसीमन मांग समिति द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में इन राज्यों में परिसीमन प्रक्रिया को तत्काल लागू करने की मांग की गई थी।
याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता जी गंगमेई ने कहा था कि राष्ट्रपति के 2020 के आदेश ने इस परिसीमन शुरू करने को कानूनी रूप से अनिवार्य बना दिया है। उन्होंने कहा कि रिट याचिका दायर किए जाने के दो साल बीत चुके हैं, लेकिन अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड और मणिपुर में परिसीमन शुरू करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।
केवल असम में हुई प्रगतिगंगमेई ने कहा कि अकेले असम में प्रगति हुई है। कानून और न्याय मंत्रालय के आदेश के बाद अगस्त 2023 में परिसीमन पूरा हो गया है। भारत के चुनाव आयोग ने कहा कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 8ए के तहत परिसीमन शुरू करने के लिए केंद्र सरकार से विशिष्ट निर्देशों की आवश्यकता थी। याचिका में 28 फरवरी, 2020 के राष्ट्रपति के आदेश का हवाला दिया गया, जिसने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के साथ-साथ चार पूर्वोत्तर राज्यों में परिसीमन की अनुमति दी।
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New pandemic alert: Another bat coronavirus found in Brazil sparks concerns over human infection - The Times of India
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- New Coronavirus Discovered in South American Bats – Could It Infect Humans? SciTechDaily
- First coronavirus similar to MERS discovered in bats in South America Medical Xpress
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Patna News: होली के बाद अचानक NMCH पहुंचे 2700 मरीज, मची अफरातफरी
जागरण संवाददाता, पटना सिटी। होली और रविवार की छुट्टी के बाद नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सोमवार को लगभग 2700 मरीज पहुंचे।
सेंट्रल रजिस्ट्रेशन काउंटर पर सुबह से ही अत्यधिक भीड़ जमा हो जाने के कारण अफरा-तफरी मची रही। तेज धूप से तपते प्लास्टिक के शेड के नीचे खड़े महिला-पुरुष, वृद्ध और बच्चे मरीज के साथ स्वजन भी गर्मी और उमस से परेशान रहे।
शेड के नीचे कोई भी पंखा नहीं चलने से समस्या बनी रही। मरीजों को रजिस्ट्रेशन कराने में औसतन डेढ़ से दो घंटे का समय लगता रहा। रजिस्ट्रेशन कराकर ओपीडी पहुंचे मरीजों को विभाग की लाइन में इंतजार करना पड़ा।
यहां से निकले मरीजों की कतार अल्ट्रासाउंड, एक्सरे, पैथोलॉजी जांच और दवा वितरण काउंटर पर दिखी। एनएमसीएच में सुबह के ओपीडी में सोमवार को 2310 नये और 337 पुराने मरीज पहुंचे।
58 मरीजों को किया गया भर्तीइनमें से 58 मरीजों को भर्ती किया गया। रजिस्ट्रेशन कराने के लिए मरीजों की कतार इमरजेंसी और शिशु रोग विभाग से भी आगे निकल गई। लाइन में खड़े रहने में वृद्धों को ज्यादा परेशान हो रही थी।
लोदीकटरा से आई मरीज तबस्सुम, पटना सिटी के अनिल कुमार, सिगरियावां की रिंकी देवी समेत कई अन्य ने कहा कि सुबह सात बजे से लाइन में खड़े हैं। दो घंटे बाद रजिस्ट्रेशन हुआ।
बाद में आए मरीजों ने भी भीड़ के कारण रजिस्ट्रेशन में दो घंटा लगने की बात कही। उन्हें डर था कि ओपीडी में पहुंचने में देर होने पर डॉक्टर चले जाएंगे।
इवनिंग क्लीनिक अक्टूबर तक दोपहर 3:30 बजे से 5 बजे तकग्रीष्मकाल शुरू होते ही नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मार्च से इवनिंग क्लीनिक का समय बदल गया है। अधीक्षक द्वारा जारी आदेशानुसार दोपहर 3:30 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक ओपीडी के लिए मरीजों का निबंधन होगा। अपने-अपने विभाग में चिकित्सक शाम चार बजे से लेकर छह बजे तक निबंधित मरीजों को देखेंगे।
अधीक्षक ने बताया कि इस दौरान सामान्य ओपीडी की तरह ही मरीजों को जांच, दवाइयां और अन्य चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। सुबह में ओपीडी के लिए निबंधन का समय आठ बजे से लेकर दोपहर डेढ़ बजे तक है।
सुरक्षा गार्ड पर सहायता की जगह सेवा शुल्क लेने का आरोपपरेशान मरीजों और स्वजनों ने आरोप लगाया कि रजिस्ट्रेशन काउंटर के समीप तैनात निजी सुरक्षा गार्ड लोगों की सहायता करने के बजाए उनसे सेवा शुल्क लेकर रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं।
लोगों ने आरोप लगाया कि पचास या सौ रुपए लेकर आसानी से गार्ड द्वारा पिछले दरवाजा से रजिस्ट्रेशन कराया जा रहा है। इसे लेकर हंगामा की भी स्थिति बनी रही।
मरीजों की भीड़ के आगे सात काउंटर नाकाफीएनएमसीएच में महिला और पुरुष के लिए दो-दो रजिस्ट्रेशन काउंटर है। इमरजेंसी के एक काउंटर पर वरिष्ठ नागरिक और दिव्यांग का रजिस्ट्रेशन होता है।
एक स्टाफ काउंटर, एक पुराने मरीजों के लिए मुहर काउंटर और एमसीएच में एक गायनी ओपीडी का काउंटर है। मरीजों और स्वजनों ने काउंटर बढ़ाने की मांग अधीक्षक से की है।
अधीक्षक प्रो. डॉ. अलका सिंह ने कहा कि अस्पताल में जगह की कमी के कारण समस्या हो रही है। व्यवस्था बेहतर करने का प्रयास जारी है।
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गृह मंत्रालय ने जारी की 67 आतंकी और गैरकानूनी संगठनों की नई सूची, लिस्ट में लश्कर-ए-तैयबा समेत ये नाम शामिल
एएनआई, नई दिल्ली। गृह मंत्रालय ने देश की सुरक्षा को खतरा पैदा करने वाले 67 प्रतिबंधित संगठनों की अपडेडेट सूची जारी की है। इन संगठनों पर गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम या यूएपीए के तहत कार्रवाई की गई है।
इन संगठनों की आतंकवादी गतिविधियों में भूमिका रही है। सूची में 45 संगठनों को यूएपीए की धारा 35 के तहत आतंकी संगठन के रूप में चिह्नित किया गया है, जबकि 22 संगठनों को यूएपीए की धारा 3(1) के तहत गैरकानूनी संगठन घोषित किया गया है।
इनमें से कई संगठन भारत में उग्रवाद, अलगाववाद और हिंसक गतिविधियों में शामिल रहे हैं। गृह मंत्रालय सूची को लगातार अपडेट करता रहता है। केंद्र सरकार देश में आतंकवाद और चरमपंथी गतिविधियां रोकने के लिए संगठनों को प्रतिबंधित संगठन घोषित करती है। यूएपीए के तहत सूचीबद्ध संगठनों को सख्त कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ता है, जिसमें संपत्ति जब्त करना और गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल सदस्यों की गिरफ्तारी शामिल है।
ये संगठन हुए प्रतिबंधितप्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों में लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिज्बुल मुजाहिदीन, इस्लामिक स्टेट (आइएस), खालिस्तान लिबरेशन फोर्स, बब्बर खालसा इंटरनेशनल, खालिस्तान कमांडो फोर्स, हरकत-उल-मुजाहिदीन, खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स, इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन, और जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश जैसे संगठन शामिल हैं।
प्रतिबंधित आतंकी संगठनों में जम्मू एंड कश्मीर इस्लामिक फ्रंट, नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट आफ बोडोलैंड (एनडीएफबी), पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए), यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ), कंगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी (केसीपी), मणिपुर पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट, नेशनल लिबरेशन फ्रंट आफ त्रिपुरा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी), माओवादी कम्युनिस्ट सेंटर, अल बद्र, जमीयत-उल-मुजाहिदीन, अल-कायदा इन इंडियन सबकांटिनेंट (एक्यूआइएस) शामिल हैं।
सिमी समेत कई गैरकानूनी संगठनों पर प्रतिबंधसरकार ने कई संगठनों को गैरकानूनी घोषित किया है, इनमें स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया (सिमी), यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट आफ असम (उल्फा), आल त्रिपुरा टाइगर फोर्स, जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ), पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) और इससे जुड़े संगठन, लिबरेशन टाइगर्स आफ तमिल ईलम (लिट्टे), खालिस्तान समर्थक संगठन 'सिख्स फार जस्टिस', नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल आफ नगालैंड (खापियांग), इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आइआरएफ) और मणिपुर के कुछ उग्रवादी संगठन शामिल हैं।
लिस्ट में ये संगठन भी शामिलजमात-ए-इस्लामी, जम्मू और कश्मीर जम्मू और कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (मोहम्मद यासीन मलिक गुट), जम्मू और कश्मीर डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी, मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसरत आलम गुट); तहरीक-ए-हुर्रियत, जम्मू और कश्मीर, मुस्लिम कॉन्फ्रेंस जम्मू और कश्मीर (भट गुट); मुस्लिम कॉन्फ्रेंस जम्मू और कश्मीर (सुमजी गुट); जम्मू और कश्मीर नेशनल फ्रंट, जम्मू और कश्मीर पीपुल्स फ्रीडम लीग पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।
जम्मू-कश्मीर पीपुल्स लीग के चार गुटों जेकेपीएल (मुख्ता अहमद वाजा), जेकेपीएल (बशीर अहमद तोता), जेकेपीएल (गुलाम मोहम्मद खान उर्फ सोपोरी) और याकूब शेख के नेतृत्व वाले जेकेपीएल (अजीज शेख) का भी नाम सूची में है। सूची में सात मैतेयी उग्रवादी संगठन भी शामिल हैं।
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