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Adilabad Airport: तेलंगाना में एक और एयरपोर्ट को मंजूरी, राजनाथ सिंह ने जी. किशन रेड्डी को लिखा पत्र
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने तेलंगाना में एक और हवाई अड्डे पर नागरिक विमान परिचालन की मंजूरी दे दी है। राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद यह दूसरा हवाई अड्डा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी।
राजनाथ सिंह ने कहा कि आदिलाबाद में भारतीय वायुसेना की एयरफील्ड है और वायुसेना भविष्य में उस स्थान पर एक प्रशिक्षण प्रतिष्ठान स्थापित करने की योजना बना रही है। हालांकि उन्होंने पत्र में आगे लिखा कि रक्षा मंत्रालय जॉइंट एयर फील्ड को मंजूरी प्रदान कर रहा है।
वायुसेना से मिली मंजूरीबता दें कि इसके पहले जी. किशन रेड्डी ने तेलंगाना में एक पूर्ण विकसित वायुसेना स्टेशन की स्थापना के संबंध में राजनाथ सिंह को पत्र लिखा था। रेड्डी ने मांग की थी कि एयरपोर्ट पर नागरिक विमानों के संचालन की मंजूरी दी जाए।
तेलंगाना सरकार ने भी इसके लिए प्रस्ताव दिया था। भारतीय वायुसेना ने तेलंगाना सरकार के प्रस्ताव पर सैद्धांतिक रूप से सहमति व्यक्त की है। इसके पहले फरवरी में वारंगल में ममनूर हवाई अड्डे के लिए इसी प्रकार की मंजूरी दी गई थी।
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मणिपुर में शांति बहाली की कोशिश में जुटा केंद्र, मैतेई और कुकी समुदाय के साथ की अहम बैठक
पीटीआई, नई दिल्ली। मणिपुर में शांति की दिशा में केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। शनिवार को मणिपुर के मैतेई और कुकी समुदायों के प्रतिनिधियों के साथ केंद्र सरकार ने बैठक की है। बैठक का उद्देश्य दोनों समुदायों के बीच चल रहे संघर्ष का सौहार्दपूर्ण समाधान खोजना है।
बैठक का फोकस मैतेई और कुकी के बीच विश्वास और सहयोग बढ़ाना और मणिपुर में शांति और सामान्य स्थिति को बहाल करने के लिए रोडमैप तैयार करना है। बैठक में सरकार ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने और दोनों समुदायों के बीच सामंजस्य स्थापित करने पर अधिक जोर दिया।
बैठक में कौन-कौन था शामिल?मीटिंग में ऑल मणिपुर यूनाइटेड क्लब्स ऑर्गनाइजेशन (एएमयूसीओ) और फेडरेशन ऑफ सिविल सोसाइटी ऑर्गनाइजेशन (एफओसीएस) के प्रतिनिधियों समेत 6 सदस्यीय मैतेई प्रतिनिधिमंडल ने भाग लिया। कुकी प्रतिनिधिमंडल में 9 लोग शामिल थे। केंद्र सरकार के वार्ताकारों में खुफिया ब्यूरो के सेवानिवृत्त विशेष निदेशक एके मिश्रा भी मौजूद रहे।
शाह ने कही थी जल्द बैठक कराने की बातगुरुवार को लोकसभा में मणिपुर पर बहस के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि गृह मंत्रालय ने पिछले दिनों मैतेई और कुकी समुदायों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की थी। उन्होंने कहा कि दोनों समुदायों के विभिन्न संगठनों के साथ अलग-अलग बैठकें की गईं।
तब उन्होंने कहा था कि गृह मंत्रालय जल्द ही एक संयुक्त बैठक बुलाएगा। अमित शाह ने कहा कि सरकार हिंसा को समाप्त करने का रास्ता तलाशने में जुटी है। मगर सर्वोच्च प्राथमिकता शांति स्थापित करना है। मणिपुर में स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में है। पिछले 4 महीनों में कोई मौत नहीं हुई है। मगर इसे संतोषजनक नहीं माना जा सकता, क्योंकि विस्थापित लोग अभी राहत शिविरों में हैं।
13 फरवरी को लगा था राष्ट्रपति शासन9 फरवरी को सीएम पद से एन बीरेन सिंह के इस्तीफा देने के बाद 13 फरवरी को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाया गया था। बता दें कि मई 2023 में इंफाल घाटी स्थित मैतेई और पहाड़ों पर बसे कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा भड़कने के बाद से अब तक लगभग 260 लोगों की जान जा चुकी है। हजारों लोगों को विस्थापन का सामना करना पड़ा।
शांति बहाली में जुटे राज्यपालपिछले साल पूर्व केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला को मणिपुर का राज्यपाल बनाया गया था। भल्ला ने 3 जनवरी को अपना पदभार संभाला था। इसके बाद से वे मणिपुर के लोगों से मिल रहे हैं। थानों से लूटे गए हजारों हथियारों को सरेंडर करने की अपील भी कर चुके हैं। इसका असर यह हुआ कि बड़ी संख्या में लोगों ने प्रशासन के सामने हथियारों को जमा करवाया।
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PM मोदी को मिला श्रीलंका का सर्वोच्च सम्मान, दोनों देशों के बीच डिफेंस समेत इन डील्स पर लगी मुहर
एजेंसी, कोलंबो। 2019 के बाद पहली बार तीन दिवसीय यात्रा पर श्रीलंका पहुंचे पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया गया। श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने पीएम मोदी को सर्वोच्च गैर-नागरिक सम्मान श्रीलंका मित्र विभूषण से सम्मानित किया। इस पर पीएम मोदी ने कहा कि यह 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है।पीएम मोदी ने श्रीलंका के राष्ट्रपति, सरकार और वहां के लोगों को धन्यवाद किया।
क्या है श्रीलंका मित्र विभूषण सम्मान?श्रीलंका मित्र विभूषण वहां का सर्वोच्च गैर-नागरिक सम्मान है। यह सम्मान विदेशी हस्तियों को दिया जाता है। श्रीलंका की सरकार इन पुरस्कारों को उन राष्ट्राध्यक्षों को देती है, जिनके श्रीलंका के साथ संबंध दोस्ताना होते हैं। पुरस्कार में एक रजत पदक और प्रशस्ति पत्र दिया जाता है।
पदक को श्रीलंका के नवरत्नों से सजाया जाता है। इसमें चंद्रमा, सूर्य, पृथ्वी और कमल की पंखुड़िया बनी हैं। मेडल पर “पुन कलसा” बना होता है। यह चावल से भरा एक बर्तन होता है। इसे समृद्धि और नवीनीकरण का प्रतीक माना जाता है। पदक पर बने सूर्य और चंद्रमा भारत और श्रीलंका के बीच संबंधों की शाश्वत प्रकृति को दर्शाते हैं। साल 2008 में श्रीलंका के तत्कालीन राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने इस सम्मान की शुरुआत की थी।
श्रीलंका के साथ हुआ रक्षा सहयोग समझौताशनिवार को श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके और पीएम मोदी के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई। दोनों देशों के बीच सात समझौते हुए। भारत और श्रीलंका के बीच रक्षा साझेदारी समझौते पर सहमति बनी।दोनों नेताओं ने समझौते पर हस्ताक्षर किए। बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर, विदेश सचिव विक्रम मिस्री समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट का किया उद्घाटनदोनों देशों के बीच त्रिंकोमाली को ऊर्जा केंद्र के रूप में विकसित करने पर भी समझौता हुआ। इस बीच, प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति दिसानायके ने समपुर सौर ऊर्जा परियोजना का वर्चुअल उद्घाटन भी किया। भारत और श्रीलंका ने श्रीलंका को बहु-क्षेत्रीय अनुदान सहायता पर भी सहमति जताई है।
उधर, भारत, संयुक्त अरब अमीरात और श्रीलंका ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके की मौजूदगी में एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर भी किए।
इंडिपेंडेंस स्क्वायर पर पीएम का भव्य स्वागतप्रधानमंत्री मोदी श्रीलंका के राष्ट्रपति दिसानायका के निमंत्रण पर 4 से 6 अप्रैल तक वहां की राजकीय यात्रा पर हैं। श्रीलंका के राष्ट्रपति दिसानायके ने प्रधानमंत्री मोदी का इंडिपेंडेंस स्क्वायर पर ऐतिहासिक औपचारिक स्वागत किया गया। यह पहली बार है जब श्रीलंका ने किसी अतिथि का इस तरह से सम्मान किया है। यह चौक श्रीलंका का राष्ट्रीय दिवस समारोह स्थल है। इसका नाम स्वतंत्रता स्मारक हॉल से लिया गया है।
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#WATCH | Colombo | Prime Minister Narendra Modi says, "...Today, to be honoured with the Sri Lanka Mitra Vibhushan award by President Anura Kumara Dissanayake—it's not an honour to me but to 140 crore Indians. It shows the historical relation and deep friendship between the… https://t.co/YQzcwp16n0 pic.twitter.com/wCzYZUin8b
— ANI (@ANI) April 5, 2025कर्नाटक में बड़ा हादसा, खड़े ट्रक से भिड़ी कार; 5 लोगों की मौत और 10 घायल
एएनआई, कलबुर्गी। कर्नाटक के कलबुर्गी जिले में एक बड़ा हादसा हुआ है। यहां सड़क हादसे में पांच लोगों की मौत से कोहराम मच गया है। 10 अन्य लोग घायल हैं। हादसा नेलोगी क्रॉस के पास तड़के लगभग साढ़े तीन बजे हुआ। दरअसल, सड़क किनारे एक ट्रक खड़ा था। तभी एक तेज रफ्तार वैन इस ट्रक से जा भिड़ी।
हादसे की जांच में जुटी पुलिसकलबुर्गी पुलिस के मुताबिक सभी मृतक बागलकोट जिले के रहने वाले थे। घायलों का कलबुर्गी के अस्पताल में इलाज चल रहा है। इस बीच जिले के एसपी ए श्रीनिवासुलु ने घटनास्थल का दौरा किया। नेलोगी थाने में मामला दर्जकर हादसे की जांच शुरू कर दी गई है।
मांड्या में एक ही परिवार के चार लोगों की मौतउधर, माांड्या जिले में एक दर्दनाक हादसे में एक ही परिवार के चार लोगों की जान गई है। यह हादसा बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेस वे पर हुआ है। जानकारी के मुताबिक परिवार पिरियापट्टना जा रहा था। तभी तुबिनाकेरे एग्जिट के पास राज्य परिवहन की बस ने कार को पीछे से टक्कर मार दी।
मांड्या के एसपी मल्लिकार्जुन बलदंडी ने बताया कि एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं घायल तीन लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया। जहां डॉक्टरों ने उन्हें भी मृत घोषित कर दिया।
केस मांड्या ग्रामीण पुलिस थाने में दर्ज किया गया है। एसपी के मुताबिक चालक ने एक्सप्रेसवे टोल से बचने के लिए टुबिनाकेरे एग्जिट के पास कार की रफ्तार धीमी कर दी थी। उसी वक्त बस ने पीछे से टक्कर मार दी।
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Telangana: चलती ट्रेन में नाबालिग के साथ हैवानियत, शौचालय में युवक ने किया दुष्कर्म; परिवार के साथ यात्रा कर रही थी पीड़िता
पीटीआई, हैदराबाद। तेलंगाना से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है। एक नाबालिग लड़की अपने परिवार वालों के साथ ट्रेन से यात्रा कर रही थी, तभी एक दरिंदे ने शौचालय में उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दे दिया।
बताया जा रहा है कि आरोपी युवक सहयात्री था और वो काफी देर से पीड़िता का ट्रेन में ही पीछा कर रहा था। इसके बाद जब वो शौचालय गई तो आरोपी ने मौका पाकर शौचालय में घुसकर नाबालिग के साथ बलात्कार कर दिया। आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।
सिंकदराबाद रेलवे पुलिस में केस दर्ज
राजकीय रेलवे पुलिस (GRP) ने शुक्रवार को घटना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह घटना 3 अप्रैल की सुबह की है। जब 20 वर्षीय आरोपी ने नाबालिग के साथ ट्रेन में दुष्कर्म किया, उस वक्त पीड़िता अपने घरवालों के साथ यात्रा कर रही थी।
पुलिस के अनुसार, जब नाबालिग शौचालय गई तो आरोपी ने उसका पीछा किया और फिर शौचालय में घुसकर उसका यौन उत्पीड़न किया। जीआरपी ने बताया कि शिकायत के आधार पर सिंकदराबाद रेलवे पुलिस में केस दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है। वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि फिलहाल आरोपी से पूछताछ की जा रही है।
ट्रेन से कूदी महिला
वहीं कुछ दिनों पहले 22 मार्च को ट्रेन में ही एक महिला के साथ रेप करने की कोशिश की गई थी और उस दौरान महिला ट्रेन से कूद गई थी। इस घटना में महिला घायल हो गई थी। आरोपी ने महिला के साथ ट्रेन में दुष्कर्म का प्रयास किया था।
जब यह घटना घटी तब वो महिला सिंकदराबाद रेलवे स्टेशन से मेडचल जाने वाली एमएमटीएस (मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट सिस्टम) ट्रेन के महिला कोच में अकेले यात्रा कर रही थी।
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मिजोरम में अफ्रीकी स्वाइन फीवर का कहर, एक हजार से ज्यादा सूअरों की मौत; इंसानों के लिए कितना है खतरनाक?
आईएएनएस, नई दिल्ली। अफ्रीकी स्वाइन फीवर (AFS) ने मार्च के महीने में मिजोरम में अपना कहर दिखाया और अब तक 1050 सूअरों की मौत हो चुकी है। राज्य पशुपालन और चिकित्सा विभाग (AHVD) के एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि अब तक तीन जिलों के 34 इलाकों को एएसएफ इंफेक्टेड जोन घोषित किया गया है।
इंटरनेशनल और स्टेट बॉर्डर के सटे इलाके
मिजोरम के जिन तीन जिलों को एएफएस इंफेक्टेड घोषित किया गया है, वो हैं लॉन्गतलाई, ममित और सियाहा। लॉन्गतलाई जिले की सीमा म्यांमार और बांग्लादेश की सीमा से लगी हुई है, ममित जिला त्रिपुरा और बांग्लादेश के साथ सीमा साझा करता है और सियाहा की सरहद म्यांमार से लगी हुई है।
कितने सूअरों को मारा गया?
राज्य पशुपालन और चिकित्सा विभाग की कई टीमों ने इन जिलों में अब तक 400 से अधिक सूअरों और उसके बच्चों को मार डाला है। अफ्रीकी स्वाइन फीवर के नए आउटब्रेक की पुष्टि 20 मार्च को गुवाहाटी में नॉर्थ-ईस्ट रिजनल डिजीज डायग्नोस्टिक लेबोरेटरी में टेस्ट के जरिए हुई थी।
मार्च में हुआ था आउटब्रेक
राज्य पशुपालन और चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मार्च महीने की शुरुआत में लॉन्गतलाई जिले में एएसएफ के नए आउटब्रेक की पुष्टि हुई थी। राज्य सरकार स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है। अप्रभावित क्षेत्रों में इस बीमारी को पहुंचने से रोकने की कोशिश लगातार जारी है।
ASF से हुआ था भारी आर्थिक नुकसान
पिछले साल एएसएफ के कारण मिजोरम को 336.49 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। करीब 15 हजार सूअरों की मौत हो गई थी। बीमारी के प्रकोप को रोकने के लिए 24 हजार 200 सूअरों को मार डाला गया था।
सरकार ने दिया मुआवजा
राज्य पशुपालन और चिकित्सा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि एएसएफ आउटब्रेक के कारण सूअरों और सूअर के बच्चों को मारे जाने को ध्यान में रखते हुए मिजरम को 2021 में 334.14 करोड़ रुपये, 2022 में 210.32 करोड़ रुपये और 2023 में 15.77 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। इसके बाद सरकार ने सूअरों के नुकसान के लिए सैकड़ों परिवारों को मुआवजा दिया था।
इंसानों के लिए है कितना खतरनाक?
अफ्रीकी स्वाइन फीवर फिलहाल इंसानों के लिए खतरनाक नहीं है क्योंकि ये ह्यूमन को अटैक नहीं करता है। ये सूअरों और जंगली सूअरों में फैलने वाली एक खतरनाक बीमारी और ये उनके लिए जानलेवा भी है।
हालांकि, ये बीमारी इंसानों को इंडायरेक्ट तरीके से अफेक्ट कर सकता है, जैसे सूअर पालन उद्योग को नुकसान, मांस की कमी और आर्थिक नुकसान। इंसानों के संक्रमित जानवरों से दूर रहने की सलाह दी जाती है।
'असम में फिर से भगवा लहर', राभा हसोंग परिषद चुनाव में NDA की बड़ी जीत; कांग्रेस का हुआ बुरा हाल
शानदार रहा संसद का बजट सत्र, कुल 16 विधेयक पारित; वक्फ बिल पर बहस ने बनाया रिकॉर्ड
एएनआई, नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र के दौरान वक्फ संशोधन विधेयक समेत कुल 16 विधेयकों को पारित किया गया। शुक्रवार से समाप्त हुआ बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू हुआ था। संसदीय कार्य मंत्रालय के मुताबिक बजट सत्र में लोकसभा की उत्पादकता 118 और राज्यसभा की 119 प्रतिशत रही है।
केंद्रीय संसदीय कार्य एवं अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने शुक्रवार को बजट सत्र के समाप्त होने के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उनके साथ विधि एवं न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) व संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और सूचना एवं प्रसारण व संसदीय कार्य राज्य मंत्री एल मुरुगन भी मौजूद रहे।
पूरे सत्र में हुई कुल 26 बैठकेंरिजिजू ने बताया कि बजट सत्र के पहले चरण में लोकसभा और राज्यसभा की कुल 9 बैठकें हुईं। सत्र के दूसरे भाग में दोनों सदनों की 17 बैठकें हुईं। पूरे बजट सत्र के दौरान कुल 26 बैठकें हुईं। वर्ष के पहले सत्र होने की वजह से राष्ट्रपति ने 31 जनवरी को संविधान के अनुच्छेद 87(1) के अनुसार संसद के दोनों सदनों को संबोधित किया।
173 सदस्यों ने चर्चा में हिस्सा लियालोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव रामवीर सिंह बिधूड़ी ने पेश किया और रविशंकर प्रसाद ने इसका समर्थन किया। इस पर लोकसभा में 12 घंटे के आवंटित समय के मुकाबले 17 घंटे 23 मिनट तक चर्चा हुई। मंत्रालय के अनुसार, 173 सदस्यों ने चर्चा में भाग लिया।
बजट पर राज्यसभा में हुई 18 घंटे बहसउधर, राज्यसभा में किरण चौधरी ने धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया और नीरज शेखर ने उसका समर्थन किया। इस प्रस्ताव पर राज्यसभा में 15 घंटे के निर्धारित समय के मुकाबले 21 घंटे 46 मिनट तक चर्चा हुई। 73 सदस्यों ने बहस में भाग लिया। 1 फरवरी को केंद्रीय बजट पेश किया गया।
लोकसभा में बजट पर 16 घंटे 13 मिनट की चर्चा में 169 सदस्यों ने हिस्सा लिया। वहीं राज्यसभा में 15 घंटे के आवंटित समय के मुकाबले 17 घंटे 56 मिनट चर्चा हुई और 89 सदस्यों ने हिस्सा लिया।
वक्फ संशोधन विधेयक पाससंयुक्त समिति की रिपोर्ट के बाद लोकसभा और राज्यसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक- 2025 पारित किया गया। इस विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार, वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन से संबंधित हितधारकों के सशक्तिकरण, सर्वेक्षण, पंजीकरण और मामले के निपटान की प्रक्रिया में सुधार लाना है।
इसके अलावा मुसलमान वक्फ अधिनियम- 1923 को भी निरस्त कर दिया गया है।
आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक- 2025इस विधेयक का उद्देश्य राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों के कामकाज को मजबूत बनाने के लिए आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में काम करने वाले विभिन्न संगठनों की भूमिकाओं में अधिक स्पष्टता लाना है। यह विधेयक राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों को राष्ट्रीय स्तर और राज्य स्तर पर सशक्त बनाएगा।
त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक- 2025बजट सत्र के दौरान त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक- 2025 पर भी मुहर लगी है। इस विश्वविद्यालय की स्थापना से सहकारी क्षेत्र में शिक्षा, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण प्रदान करने व संबंधित क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। यह विश्वविद्यालय डिग्री कार्यक्रम, दूरस्थ शिक्षा और ई-लर्निंग पाठ्यक्रम प्रदान करेगा। सहकारी क्षेत्र में उत्कृष्टता केंद्र विकसित करेगा।
ये विधेयक भी पास
- आव्रजन और विदेशी विधेयक- 2025
- बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक- 2025
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'असम में फिर से भगवा लहर', राभा हसोंग परिषद चुनाव में NDA की बड़ी जीत; कांग्रेस का हुआ बुरा हाल
एएनआई, गुवाहाटी। बीजेपी (BJP) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को असम के राभा हसोंग परिषद चुनाव में भारी जीत मिली, जिसमें उन्होंने 36 में से 33 सीटें जीतीं।
असम राज्य चुनाव आयोग द्वारा घोषित नतीजों के अनुसार, कांग्रेस (Congress) को सिर्फ एक सीट पर ही जीत मिली। बीजेपी ने 6 सीटें जीतीं, जबकि उसकी सहयोगी पार्टी राभा हसोंग जॉथो संग्राम समिति ने 27 सीटों पर जीत दर्ज की और 2 निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी चुनाव जीतने में सफलता पाई।
बीजेपी ने किन सीटों पर जीत दर्ज की?
- 02-कोठाकुथी
- 15-आगिया
- 22-बोंदापारा
- 30-बामुनिगांव
- 35-सिलपुटा
- 20-जोयरामकुची (अपराजित)
मुख्य कार्यकारी सदस्य (CEM) टंकेश्वर राभा ने फिर से जीत दर्ज की, जिन्होंने नं-7 दक्षिण दुधनोई सीट से चुनाव लड़ा। राभा हसोंग जॉथो संग्राम समिति के उम्मीदवार टंकेश्वर राभा को 7164 वोट मिले, जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार संजीब कुमार राभा को 1593 वोट प्राप्त हुए।
मुख्यमंत्री ने दी प्रतिक्रिया
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (CM Himanta Biswa Sarma) ने ट्वीट कर कहा, "असम में फिर से भगवा लहर! राभा हसोंग स्वायत्त परिषद के लोगों का हम दिल से धन्यवाद करते हैं जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की कल्याणकारी नीतियों को समर्थन दिया, खासकर आदिवासी समुदायों के लिए। NDA ने 33/36 सीटें जीतीं।"
Another Saffron Wave in Assam!
Our heartfelt gratitude to the people of Rabha Hasong Autonomous Council for speaking in unison and endorsing Hon’ble Prime Minister’s Shri @narendramodi Ji’s welfare policies, particularly for the indigenous communities.
NDA has won 33/36 seats pic.twitter.com/NjHYs8WMzy
पंचायत चुनाव की घोषणा
असम राज्य चुनाव आयोग ने 2 अप्रैल को पंचायत चुनावों के लिए कार्यक्रम की घोषणा की। पंचायत चुनाव दो चरणों में होंगे, जिनमें पहले चरण का मतदान 2 मई को 14 जिलों में होगा, जबकि दूसरे चरण का मतदान 7 मई को 13 जिलों में होगा। दोनों चरणों की मतगणना 11 मई को होगी।
चुनाव प्रक्रिया और विवरण
इस चुनाव में 1.80 करोड़ से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे, जिसमें 90.71 लाख पुरुष, 89.65 लाख महिला और 408 अन्य मतदाता शामिल हैं। कुल 25007 मतदान केंद्रों पर मतदान होगा।
निर्देश के अनुसार, दोनों चरणों के लिए नामांकन की प्रक्रिया 3 अप्रैल से 11 अप्रैल तक चलेगी। नामांकन पत्रों की जांच 12 अप्रैल को होगी और उम्मीदवारों के नामांकन वापसी की अंतिम तिथि 17 अप्रैल है। चुनाव में गांव पंचायत, आंचलिक पंचायत और जिला परिषद स्तर के सदस्य चुने जाएंगे।
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अच्छी पहल: दस राज्यों में आदिवासी संस्कृति और परंपरा का होगा दस्तावेजीकरण, शुरू हुआ अभियान
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आदिवासी समुदाय का अपना लोक शासन, लोककला और संस्कृति है, लेकिन विडंबना है कि इस विरासत और परंपरा को जैसे-तैसे आदिवासी जन लोककथाओं और लोकलाओं के सहारे बचाए हुए हैं, क्योंकि अब तक किसी भी सरकार ने इसके दस्तावेजीकरण के लिए सोचा ही नहीं।
'हमारी परंपरा, हमारी विरासत' अभियान शुरूप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर 15 नवंबर, 2024 को जब रांची गए तो आव्हान किया कि आदिवासी संस्कृति का दस्तावेजीकरण आवश्यक है। उस पर पहल पंचायतीराज मंत्रालय ने की और झारखंड सरकार के साथ मिलकर 'हमारी परंपरा, हमारी विरासत' अभियान शुरू किया गया। इसकी निगरानी के लिए उच्चस्तरीय समिति गठित कर चुका पंचायतीराज मंत्रालय अब अन्य नौ पेसा अधिसूचित राज्यों में भी आदिवासियों की संस्कृति और परंपराओं का दस्तावेजीकरण कराने जा रहा है।
पंचायतीराज मंत्रालय और झारखंड सरकार मिलकर कर रहे कामपंचायतीराज मंत्रालय और झारखंड पंचायतीराज विभाग ने संयुक्त रूप से 26 जनवरी, 2025 को 'हमारी परंपरा, हमारी विरासत' अभियान शुरू किया। मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि इस कार्य के लिए राज्य सरकार द्वारा लगाई गई टीम के साथ विभिन्न अनुसूचित जनजाति समुदायों की पारंपरिक शासन व्यवस्था के अभिन्न अंग, सांस्कृतिक विरासत, लोकगीत, त्योहारों और पूजा-प्रथाओं को साझा किया जा रहा है।
संकलित दस्तावेजों को डिजिटल रूप में भी सहेजा जाएगायथासंभव साक्ष्यों, फोटो, वीडियो आदि के माध्यम से उनका दस्तावेजीकरण किया जा रहा है। उद्देश्य झारखंड के 20,300 गांवों के जीवंत इतिहास और सांस्कृतिक प्रथाओं का दस्तावेजीकरण करना है। पंचायतीराज मंत्रालय के सचिव विवेक भारद्वाज के प्रयासों से शुरू हुए इस अभियान की निगरानी के लिए मंत्रालय में उच्चस्तरीय समिति का भी गठन किया गया है।
बताया गया है कि 15 अगस्त को इस अभियान की शुरुआत छत्तीसगढ़ में होगी। उसके बाद पेसा अधिसूचित राज्य आंध्र प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान और तेलंगाना में भी शुरू होगा। इन सभी दस राज्यों से संकलित दस्तावेजों को डिजिटल रूप में भी सहेजा जाएगा।
मोदी सरकार के प्रयास से होगा दस्तावेजीकरणउल्लेखनीय है कि पेसा अधिनियम, 1996 भी अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम सभाओं को आदिवासी रीति-रिवाजों, परंपराओं और स्वशासन की रक्षा करने का अधिकार देता है। यह दीगर बात है कि पेसा अधिनियम को लागू करने को लेकर भी अधिकतर राज्य अब जाकर मोदी सरकार के प्रयास से सक्रिय हुए हैं। दशकों तक रही इस उपेक्षा की पीड़ा झारखंड के खूंटी जिला निवासी मुंडा समुदाय के प्रधान महादेव मुंडा के शब्दों में छलकती है।
हमारा कोई धर्मग्रंथ नहीं- आदिवासी नेतावह कहते हैं कि हमारा कोई धर्मग्रंथ नहीं है। इतिहास भी सिर्फ लोककलाओं और लोक कथाओं तक सीमित है। यहूदियों और मुगलों के बाद अंग्रेजों ने हमारी संस्कृति को नष्ट करने का प्रयास किया। अंग्रेजों ने इतिहास लिखा तो उसमें परंपराओं को शामिल नहीं किया। अब मोदी सरकार ने जिस तरह विरासत के दस्तावेजीकरण की पहल की है, उससे कुछ आस जरूर बंधी है।
दिल्ली आए आदिवासी प्रतिनिधि, साझा किए अनुभवहमारी परंपरा, हमारी विरासत अभियान के तहत एक राष्ट्रीय कार्यक्रम शुक्रवार को नई दिल्ली में आयोजित किया गया। इसमें केंद्रीय पंचायतीराज राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल, रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ, सचिव विवेक भारद्वाज और झारखंड पंचायतीराज विभाग की निदेशक नेशा ओरांव ने अपने विचार रखे। झारखंड के 560 से अधिक आदिवासी प्रतिनिधियों की मौजूदगी में अलग-अलग तकनीकी सत्रों में मुंडा, मांझी परगना महल, ओरांव, हो और खड़िया समुदाय के नेताओं ने विरासत के दस्तावेजीकरण के महत्व और अनुभवों को साझा किया।
EC vs TMC: गड़बड़ियों पर चुनाव आयोग को घेर रही ममता बनर्जी की पार्टी, अब सुधारों के भी खिलाफ हुई टीएमसी
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मतदाता फोटो पहचान पत्र ( ईपिक) नंबरों को लेकर चुनाव आयोग को लंबे समय से घेरने में जुटी तृणमूल कांग्रेस अब इन गड़बड़ियों को रोकने के लिए उठाए गए सुधारों के खिलाफ खड़ी हो गई है। इनमें मतदाता पहचान पत्रों को आधार से जोड़ने का मुद्दा भी शामिल है। जिसे लेकर तृणमूल कांग्रेस ने शुक्रवार को न सिर्फ आपत्ति जताई बल्कि इस प्रक्रिया को तुरंत रोकने की मांग की।
आयोग ने तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिया जवाबवहीं आयोग ने तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को आश्वस्त किया कि ईपिक की गड़बड़ियां जल्द ठीक हो जाएगी। मतदाता पहचान पत्रों को आधार से जोड़ने में लोक प्रतिनिधित्व कानून और सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पालन होगा। आयोग का स्पष्ट मानना है कि आधार से जोड़ने पर मतदाता पत्र में दोहराव कभी संभव ही नहीं होगा और फर्जी मतदाता भी नहीं बन सकेंगे।
इस बीच तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने संसद भवन परिसर से चुनाव आयोग के दफ्तर तक एक मार्च भी निकाला और ईपिक और मतदाता सूची से जुड़ी गड़बडि़यों के पीछे आयोग का हाथ बताया। तृणमूल सांसदों ने इस दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार से भी मुलाकात की और उन्हें मांगों को लेकर एक ज्ञापन भी सौंपा।
तृणमूल कांग्रेस ने शुक्रवार को यह नया पैंतरा अपनायासंसद में ईपिक गड़बड़ियों के मुद्दे पर चर्चा की लगातार मांग उठाने और वहां अनुमति न मिलने के बाद तृणमूल कांग्रेस ने शुक्रवार को यह नया पैंतरा अपनाया है। इस दौरान तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य हाथों में नकली ईपिक लिखी तख्तियां लहराते दिखे।
इस बीच तृणमूल कांग्रेस के नेता व सांसद डेरेक-ओ-ब्रायन ने कहा कि ईपिक का दोहराव बड़ा घोटाला है। चुनाव आयोग को इस घोटाले की तह तक जाना चाहिए। उन्होंने आयोग से ऐसे ईपिक की संख्या भी बताने को कहा।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने दिया आश्वासनआयोग से जुड़े सूत्रों की मानें तो मुख्य चुनाव आयुक्त ने तृणमूल कांग्रेस नेताओं की बातों को ध्यान से सुना। साथ ही उन्हें ईपिक से जुड़ी गड़बड़ियों को रोकने के लिए उठाए गए सुधार के कदमों से अवगत कराया। जिसमें अगले तीन महीने के भीतर ईपिक से जुड़ी गड़बड़ियां ठीक हो जाएंगी। उसकी जगह यूनिक ईपिक नंबर जारी करने की जानकारी दी।
आधार केवल एक व्यक्ति की पहचान स्थापित करता हैआयोग के मुताबिक भारत के संविधान के अनुच्छेद 326 के तहत मतदान का अधिकार केवल भारत के नागरिक को दिया जा सकता है जबकि आधार केवल एक व्यक्ति की पहचान स्थापित करता है। ईपिक को आधार से जोड़ने का फैसला लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 23(4) (5) (6) के प्रावधानों व सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुरूप ही किया जाएगा।
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'हिंदुओं की रक्षा पर अपनी जिम्मेदारी निभाए बांग्लादेश सरकार', पीएम मोदी ने मोहम्मद यूनुस को दी नसीहत
जयप्रकाश रंजन, जागरण, नई दिल्ली। पीएम नरेन्द्र मोदी और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया प्रो. मोहम्मद यूनुस के बीच पहली द्विपक्षीय बैठक शुक्रवार को बैंकाक में हुई। उम्मीद के मुताबिक पीएम मोदी ने अगस्त, 2024 में तत्कालीन पीएम शेख हसीना को सत्ता से हटाने के बाद बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, खास तौर पर हिंदुओं पर हो रहे हमले का मुद्दा खुल कर उठाया।
अल्पसंख्यकों पर हमले को रोकना बांग्लादेश सरकार की जिम्मेदारी- पीएम मोदीपीएम मोदी ने दो टूक कहा कि अल्पसंख्यकों पर हमले को रोकना बांग्लादेश सरकार की जिम्मेदारी है और उम्मीद जताई कि यूनुस सरकार इस जिम्मेदारी को निभाएगी। पीएम मोदी ने यह सलाह भी दी कि द्विपक्षीय रिश्तों में खटास पैदा करने वाले उत्तेजक भाषणों से बचना चाहिए।
बैठक का आयोजन बांग्लादेश के आग्रह पर किया गया थायूनुस ने भी भारत में रह रहीं पूर्व पीएम हसीना के प्रत्यर्पण का मुद्दा उठाया। बांग्लादेश ने गंगा नदी जल बंटवारा और तीस्ता नदी जल समझौते पर नए सिरे से बात करने की पेशकश की। पीएम मोदी और यूनुस दोनों थाइलैंड में बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए गए हैं। बैठक का आयोजन बांग्लादेश के आग्रह पर किया गया था।
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने दोनों नेताओं के बीच हुई बैठक के बारे में बताया कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, खास तौर पर हिंदुओं की स्थिति पर बात हुई है। पीएम मोदी ने इस मुद्दे को खुलकर रखा और गहरी चिंता जताई।
बांग्लादेश में चुनाव का मुद्दा भी उठाया गयायूनुस को बताया गया कि इस तरह के मुद्दे का असर बाकी समाज पर होता है। मोदी ने उम्मीद जताई कि बांग्लादेश सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाएगी और हिंसा के हर मामले की विस्तार से जांच कराएगी। पीएम मोदी की तरफ से इस बैठक में बांग्लादेश में चुनाव का मुद्दा भी उठाया गया। मोदी ने इस बारे में अपना सोच यूनुस से साझा किया और आशा जताई कि भविष्य में एक लोकतांत्रिक, समावेशी और प्रगतिशील बांग्लादेश बनेगा। इसमें चुनाव की अहम भूमिका होगी।
पीएम मोदी ने यूनुस से कहा उत्तेजक भाषणों से बचना चाहिएविदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि पीएम मोदी ने यूनुस से कहा कि द्विपक्षीय रिश्तों में माहौल को खराब करने वाले उत्तेजक भाषणों से बचना चाहिए। माना जा रहा है कि उन्होंने यूनुस और उनकी अंतरिम सरकार के कुछ मंत्रियों की तरफ से भारत के पूर्वोत्तर राज्यों की स्थिति पर की गई टिप्पणी के संदर्भ में यह बात कही है।
साथ ही भारतीय पीएम की तरफ से यह भी कहा गया कि दोनों देशों की सीमा पर गैरकानूनी तरीके से आवाजाही रोकने के लिए कानून-व्यवस्था का कड़ाई से पालन करने की जरूरत है। इसे आवश्यक बताते हुए उन्होंने इस बारे में शीघ्र ही दोनों देशों की संबंधित एजेंसियों के बीच बैठक कर रास्ता निकालने की भी बात कही है।
पीएम मोदी बोले मुद्दों का समाधान विचार-विमर्श से निकलेपीएम मोदी ने अंत में यह भी उम्मीद जताई कि दोनों देशों के बीच जो भी तनावपूर्ण मुद्दे हैं, उनका आपसी विमर्श से सौहार्दपूर्ण माहौल में विचार-विमर्श से समाधान निकाला जा सकता है। उधर, बांग्लादेश की तरफ से यह जानकारी दी गई कि यूनुस ने पीएम मोदी के समक्ष पूर्व पीएम हसीना की तरफ से छात्र आंदोलन को कुचलने के लिए उठाए गए हिंसक तरीकों के बारे में विस्तार से बताया।
इस संदर्भ में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की एक रिपोर्ट का हवाला दिया गया, जिसमें बताया गया है कि 15 जुलाई से पांच अगस्त के बीच बांग्लादेश में 1,400 लोगों को मारा गया। इनमें 13 प्रतिशत बच्चे थे। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि हसीना ने स्वयं सुरक्षा बलों को निर्देश दिया था कि वे प्रदर्शन करने वालों की हत्या करें।
यूनुस ने शेख हसीना के प्रत्यर्पण को लेकर बात कीयूनुस ने शेख हसीना के प्रत्यर्पण को लेकर अपनी सरकार के आग्रह के बारे में भी पूछा। उन्होंने यह भी कहा कि अंतरिम सरकार के खिलाफ हसीना गलत व उत्तेजक बयानबाजी करके माहौल को विषाक्त बना रही हैं। इससे वह भारत ने जो आतिथ्य दिया है, उसका भी अनादर कर रही हैं। भारत सरकार को उनकी बयानबाजी पर पाबंदी लगानी चाहिए।
यूनुस ने प्रधानमंत्री मोदी को पुरानी तस्वीर भेंट कीएएनआइ के अनुसार, बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उनके साथ अपनी एक पुरानी तस्वीर भेंट की। इस तस्वीर में प्रधानमंत्री मोदी तीन जनवरी, 2015 को मुंबई में भारतीय विज्ञान कांग्रेस के उद्घाटन समारोह में यूनुस को सम्मानित करने के लिए स्वर्ण पदक प्रदान करते हुए दिखाई दे रहे हैं।
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Karnataka: जिस पत्नी की हत्या के लिए हुई सजा, वो दूसरे पति संग होटल में मिली; अदालत ने पुलिस को लगाई फटकार
पीटीआई, मैसुरु। जिस पत्नी की हत्या के लिए पति को सजा भुगतनी पड़ी, वह दूसरे पति संग मिली। इस गंभीर चूक के लिए कोर्ट ने पुलिस को कड़ी फटकार लगाई है। एक अदालत ने पुलिस अधीक्षक (एसपी) को उस मामले में 17 अप्रैल से पहले पूरी रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है। मल्लिगे नाम की महिला के पति सुरेश ने हत्या के आरोप में लगभग डेढ़ साल जेल में बिताने पड़े।
जिसने की शिकायत पुलिस ने उसी पर लगाया हत्या का आरोपदरअसल सुरेश ने दिसंबर 2020 में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसकी पत्नी मल्लिगे कोडागु जिले के कुशलनगर से लापता हो गई। इस बीच पुलिस को बेट्टादारापुरा इलाके में महिला का कंकाल मिला। अदालत में आरोप पत्र दायर किया, जिसमें आरोप लगाया कि कंकाल मल्लिगे का था और सुरेश ने उसकी हत्या की थी। सुरेश को गिरफ्तार कर लिया गया।
एक दोस्त ने महिला को दूसरे व्यक्ति के साथ देखाइस बीच एक अप्रैल को सुरेश के एक दोस्त ने मल्लिगे को मदिकेरी में किसी अन्य व्यक्ति के साथ देखा। मामला अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय के संज्ञान में लाया गया और बाद में उसे अदालत के समक्ष पेश किया गया। अदालत ने गुरुवार को एसपी को 17 अप्रैल तक मामले की पूरी रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।
सुरेश के वकील पांडु पुजारी ने कहा, कुशलनगर के एक गांव के रहने वाले सुरेश ने 2020 में अपनी पत्नी के लापता होने के संबंध में कुशलनगर ग्रामीण पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। उसी समय एक कंकाल मिला। एक साल बाद पुलिस ने सुरेश को गिरफ्तार कर लिया।
व्यक्ति पर लगाया हत्या का झूठा आरोपआरोप लगाया कि उसने अवैध संबंध के कारण अपनी पत्नी की हत्या कर दी है। पुलिस ने मल्लिगे की मां के खून के नमूने के साथ कंकाल को डीएनए परीक्षण के लिए भेजा था। डीएनए रिपोर्ट आने से पहले ही, पुलिस ने अदालत में अंतिम आरोप पत्र दायर कर दिया। बाद में, हालांकि उसे जमानत मिल गई।
डीएनए रिपोर्ट से पता चला कि कंकाल मल्लिगे का नहीं था। इस रिपोर्ट के आधार पर आवेदन दायर किया गया, तो अदालत ने इसे स्वीकार नहीं किया। मल्लिगे की मां और ग्रामीणों सहित गवाहों से गवाही देने को कहा। सभी ने अदालत के सामने गवाही दी कि वह जीवित है और किसी के साथ भाग गई।
अदालत ने आरोप पत्र में खामियों के बारे में पुलिस से पूछताछ कीअदालत ने आरोप पत्र में खामियों के बारे में पुलिस से पूछताछ की, लेकिन पुलिस ने कहा कि कंकाल मल्लिगे का था और सुरेश ने उसकी हत्या की थी।इस बीच एक अप्रैल को मल्लिगे को मदिकेरी के एक होटल में एक आदमी के साथ खाना खाते हुए पाया गया। उसे सुरेश के दोस्त ने देखा, जो आरोप पत्र में नामित गवाह भी है। अदालत को जानकारी दी गई।
महिला ने स्वीकारी दूसरी शादी की बातअदालत ने पुलिस को उसे तुरंत पेश करने के लिए कहा। फिर उसे अदालत में पेश किया गया। जब उससे पूछताछ की गई, तो उसने भागकर दूसरे आदमी से शादी करने की बात स्वीकार कर ली। उसने कहा कि वह नहीं जानती कि सुरेश के साथ क्या हुआ था। वह मडिकेरी से सिर्फ 25-30 किमी दूर शेट्टीहल्ली नामक गांव में रह रही थी, लेकिन पुलिस ने उसका पता लगाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया।
पुलिस ने झूठी चार्जशीट क्यों दायर की?वकील ने कहा कि अब अदालत के सामने मुख्य सवाल ये हैं कि कंकाल किसका था और पुलिस ने झूठी चार्जशीट क्यों दायर की? अदालत ने मामले में एसपी और जांच अधिकारियों को तलब किया था, लेकिन उनके पास देने के लिए कोई जवाब नहीं था।
अदालत के अंतिम आदेश का इंतजारअदालत के अंतिम आदेश का इंतजार कर रहे हैं। आदेश जारी होने के बाद झूठा मामला दर्ज करने के लिए पुलिस के खिलाफ हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर करेंगे। हम मानवाधिकार आयोग और एसटी आयोग से भी संपर्क करेंगे।
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वक्फ बिल पास होने पर कहीं खुशी तो कहीं गम, दिल्ली के मुस्लिम इलाकों में बंटी मिठाई; कोलकाता में फूंके पुतले
जागरण टीम, नई दिल्ली। वक्फ संशोधन विधेयक संसद में पारित होने पर कहीं खुशी मनाई गई तो कहीं गम दिखा। राजधानी में जामिया मिल्लिया इस्लामिया से लेकर ओखला, जाफराबाद व सीलमपुर जैसे मुस्लिम बहुल इलाकों में मिठाइयां बांटी गईं। पंजाब में हिंदुओं ने खुशी में लड्डू बांटे। वहीं, कोलकाता समेत कई जगहों पर मुस्लिमों ने इसके खिलाफ प्रदर्शन किया।
दिल्ली में भीड़भाड़ वाले इलाकों में ड्रोन से निगरानी की गईदिल्ली में एहतियान सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे। भीड़भाड़ वाले इलाकों में ड्रोन से निगरानी की गई। दिल्ली में मुस्लिम बहुल इलाकों में लोगों ने वक्फ संशोधन विधेयक का स्वागत किया। इसे मुस्लिम समाज के हित में बताते हुए एक-दूसरे को बधाई दी। जामिया मिल्लिया इस्लामिया के विद्यार्थी संगठन 'शहर-ए-आरजू' ने परिसर में विधेयक के समर्थन में रैली निकाली।
वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता आएगीसंगठन के बजमी खान ने कहा कि यदि वक्फ संपत्तियों का सही उपयोग होता तो आज देशभर में उच्च स्तरीय मुस्लिम स्कूल, कालेज, विश्वविद्यालय और अस्पताल होते। संशोधित विधेयक से वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता आएगी और समुदाय को इसका समुचित लाभ मिलेगा।
शहर-ए-आरजू की सदस्य नाजनीन फातिमा ने कहा कि इस बदलाव से मुस्लिम लड़कियों के लिए छात्रवृत्ति, महिलाओं के लिए कौशल विकास कार्यक्रम और उद्यमिता में सहायता उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे उनके आर्थिक और सामाजिक स्तर में सुधार होगा।
हिंदू न्याय पीठ ने मिठाइयां बांटीलुधियाना में श्री हिंदू न्याय पीठ ने विधेयक पास होने की खुशी में मिठाइयां बांटी और आतिशबाजी की। उप्र के अलीगढ़ में दारा शिकोह फाउंडेशन के अध्यक्ष व भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के क्षेत्रीय मंत्री मोहम्मद आमिर रशीद के नेतृत्व में मुस्लिमों ने हैबिटेट सेंटर पर मोमबत्ती से वक्फ संशोधन बिल लिखकर आतिशबाजी की और मिठाई बांटी। राशिद ने कहा कि यह दिन मुस्लिम कल्याण दिवस के रूप में जाना जाएगा।
पंजाब में पुतले जलाकर प्रदर्शन कियाउधर, पंजाब के लुधियाना, जालंधर व मंडीगोबिंद गढ़ में मुस्लिमों ने वक्फ विधेयक के पुतले जलाकर प्रदर्शन किया। कोलकाता के पार्क सर्कस इलाके में प्रदर्शन कर इसे तत्काल वापस लेने की मांग की गई। बिहार में किशनगंज जिले के कोचाधामन में विधायक इजहार असफी के नेतृत्व में रैली निकाली गई।
जमुई और दरभंगा में प्रदर्शन किया गयाजमुई और दरभंगा में प्रदर्शन किया गया। उप्र के संभल में अबूबकर मस्जिद के पास यूपी अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष अशफाक सैफी के बहनोई जाहिद की वहां मौजूद सपा समर्थक कुछ लोगों से वक्फ संशोधन बिल को लेकर मारपीट हो गई।
मुफ्ती ने दी सन 1947 के वाकये को दोहराने की धमकीअलीगढ़ में जमीयत उलेमा ए हिंद के जिलाध्यक्ष मुफ्ती अकबर कासमी का एक वीडियो इंटरनेट मीडिया में प्रसारित हो रहा है। इसमें उन्होंने कहा है कि यह बिल वापस लेना होगा। कहीं ऐसा न हो कि मुस्लिम समाज सड़कों पर आ जाए और 1947 वाला वाकया दोहरा जाए।
जरूरत पड़ी तो कोर्ट भी जाएंगेहालांकि, बाद में कासमी ने कहा कि बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। मेरे कहने का मकसद यह नहीं था। मेरा कहना है, यह बिल मुसलमानों के हित में नहीं है। इसका विरोध करते रहेंगे। जरूरत पड़ी तो कोर्ट भी जाएंगे।
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नकली पनीर बेचने वालों की खैर नहीं! प्रह्लाद जोशी ने स्वास्थ्य मंत्री को लिखी चिट्ठी, एक्शन लेने की अपील
पीटीआई, नई दिल्ली। खाद्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से देश भर के फास्ट फूड दुकानों, रेस्तरां और अन्य बाजारों में नकली और मिलावटी पनीर की बिक्री के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया है।
स्वास्थ्य मंत्री को लिखे पत्र में जोशी ने कहा कि उपभोक्ताओं ने राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पोर्टल पर कई शिकायतें दर्ज कराई हैं, जिसमें देशभर में नकली और मिलावटी पनीर की बिक्री की बात कही गई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय से की अपीलजोशी ने कहा कि ऐसे नकली और मिलावटी खाद्य पदार्थों के सेवन से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्रालय से आवश्यक उपाय करने का अनुरोध किया, ताकि देश भर में खाद्य सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन किया जा सके।
जोशी ने कहा कि बाजार में नकली और मिलावटी पनीर की बिक्री के बढ़ते मामलों को लेकर चिंता बढ़ रही है। इन घटनाओं के कारण खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता और सुरक्षा को लेकर सार्वजनिक चिंता और शिकायतें बढ़ रही हैं, खासकर उन उपभोक्ताओं के बीच जो पोषण के प्राथमिक स्त्रोत के रूप में पनीर पर निर्भर हैं।
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वक्फ विधेयक पर संसद ने बनाया नया कीर्तिमान, टूट गया 44 साल पुराना रिकॉर्ड; केंद्रीय मंत्री ने बताया ऐतिहासिक
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बजट सत्र के अंतिम दिन पक्ष-विपक्ष में भारी हंगामे के कारण सदन बाधित रहा और समय से पहले ही स्थगित करना पड़ा, लेकिन यह सत्र कई मायनों में कीर्तिमान बना दिया। दोनों सदनों में वक्फ संशोधन विधेयक पर बिना व्यवधान के स्वस्थ और सबसे लंबा विमर्श हुआ। राज्यसभा में 17 घंटे से ज्यादा और लोकसभा में 13 घंटे से ज्यादा चर्चा हुई, जो इतिहास है।
इससे पहले किसी एक मुद्दे पर 1981 में 15 घंटे 51 मिनट की लंबी चर्चा का इतिहास है। सरकार का मानना है कि सत्र में सभी दलों के नेताओं ने नियमों एवं संवैधानिक परंपराओं का पालन करते हुए चर्चा में हिस्सा लिया, जो हमारे मजबूत लोकतंत्र का साक्षी है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला एवं राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने भी सत्र की सराहना की है।
ये बजट सत्र ऐतिहासिक: रिजिजूसत्र की समाप्ति के बाद केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने प्रेस कान्फ्रेंस में बजट सत्र को ऐतिहासिक और लोकतंत्र के लिए बड़ी उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा कि राज्यसभा में 17 घंटे 2 मिनट तक चर्चा हुई, जो संसदीय इतिहास में सबसे लंबी रही। यह तीन अप्रैल की सुबह 11 बजे से चार अप्रैल को तड़के 4:02 बजे तक चली।
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि इस सत्र की कार्य उत्पादकता लगभग 118 प्रतिशत रही और इस दौरान कुल 16 विधेयक पारित किए गए। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनकड़ ने ओम बिरला ने कहा कि बजट सत्र 31 जनवरी से चार अप्रैल तक चला। इस दौरान लोकसभा की 26 बैठकें हुईं, जो 160 घंटे 48 मिनट तक चलीं।
बजट पर चली 16 घंटे से अधिक चर्चाराष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा 17 घंटे 23 मिनट तक चली, जिसमें 173 सदस्यों ने भाग लिया। इसी तरह बजट पर सामान्य चर्चा भी 16 घंटे 13 मिनट चली, जिसमें 169 सदस्यों ने भाग लिया।
जगदीप धनखड़ ने राज्यसभा के विमर्श को संवाद और साझा उद्देश्य के आईने में ऐतिहासिक करार देते हुए कहा कि यह सत्र विधायी उपलब्धियों और एकता की भावना के लिए याद किया जाएगा। सदस्यों ने जवाबदेही के साथ अपनी बातें रखीं। हंगामे के बीच कार्यवाही अनिश्चितकाल तक स्थगित कर दी गई।
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टैरिफ वार के बीच ट्रंप ने किया नया एलान, फार्मा सेक्टर पर भी लगेगा टैक्स; शेयर बाजार पर दिखा असर
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पारस्परिक शुल्क की घोषणा के दौरान ट्रंप सरकार ने फार्मास्युटिकल्स को शुल्क के दायरे से बाहर रखा था, जिससे इस सेक्टर को राहत मिलती दिखी थी। लेकिन इसके एक दिन बाद ही ट्रंप ने कहा कि जल्द ही फार्मा और सेमिकंडक्टर सेक्टर पर भी शुल्क लगाए जाएंगे।
इस पर फार्मा निर्यातकों का कहना है कि शुल्क लगने पर भी अमेरिका में भारत के फार्मा निर्यात में फिलहाल कोई कमी नहीं आएगी। इसका मुख्य असर यह होगा कि अमेरिका के लोग पहले की तुलना में अधिक महंगी दवाएं खरीदेंगे।
भारत, अमेरिका में मुख्य रूप से जेनेरिक दवाओं का निर्यात करता है। हालांकि ट्रंप के इस एलान के बाद शुक्रवार को सभी प्रमुख फार्मा कंपनियों के शेयर में 10 प्रतिशत तक की गिरावट देखी गई। इनमें अरविंदो, आईपीसीए लैब, लुपिन जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं।
भारत दवाओं पर लगाता है 10 प्रतिशत टैरिफवर्तमान में अमेरिका, भारत से निर्यात होने वाली दवाओं पर कोई शुल्क नहीं लेता है, जबकि भारत, अमेरिका से आने वाली दवाओं पर 10 प्रतिशत का शुल्क लेता है। निर्यातकों का कहना है कि ऐसे में भारत की दवाओं पर अमेरिका में शुल्क लगाया जाना वाजिब है। भारत का फार्मा निर्यात सालाना लगभग 30 अरब डालर है और इनमें से 10 अरब डॉलर का निर्यात अमेरिका में किया जाता है। भारत से अमेरिका में 90 प्रतिशत जेनेरिक दवाओं का निर्यात होता है। फार्मा निर्यातकों का कहना है कि अमेरिका जेनेरिक दवाओं का आयात तो करता है, लेकिन उत्पादन नहीं करता है।
उत्पादन शुरू करने और पूरी सप्लाई चेन बनाने में पांच साल लग जाएंगे। एक समय अमेरिका जेनेरिक दवाओं का निर्माता था, लेकिन अब वे कंपनियां बंद हो चुकी हैं। दूसरी बात यह है कि यूरोप के पास भी जेनेरिक दवाओं के उत्पादन की इतनी बड़ी क्षमता नहीं है कि एकदम से अमेरिका की जरूरत पूरी हो सके। इसलिए भारत का निर्यात प्रभावित नहीं होगा।
सेमिकंडक्टर पर ट्रंप ने लगाया टैरिफ तो क्या होगा?ट्रंप की घोषणा के मुताबिक, सेमिकंडक्टर पर अगर शुल्क लगाया जाता है तो ताइवान की कंपनियां भारत की जगह अमेरिका में जाकर चिप बनाने का काम कर सकती हैं। ताइवान दुनिया का सबसे बड़ा चिप निर्माता देश है। अमेरिका में चिप बनाने पर उन्हें कोई शुल्क नहीं लगेगा और वे दुनिया के अन्य देशों में भी सप्लाई कर सकेंगे।
कार्पेट का निर्यात हो सकता है प्रभावितकार्पेट निर्यातकों का कहना है कि अमेरिका की तरफ से भारत पर 26 प्रतिशत पारस्परिक शुल्क लगाए जाने से कार्पेट यानी कालीन का निर्यात प्रभावित होगा, जिससे रोजगार पर फर्क पड़ सकता है। भारत का कार्पेट निर्यात बाजार लगभग 1.8 अरब डालर का है और इसमें लगभग 40 प्रतिशत हिस्सेदारी अमेरिका की है।
कार्पेट एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के पूर्व चेयरमैन सिद्धनाथ सिंह ने बताया कि अभी भारत के कार्पेट पर अमेरिका में 5-9 प्रतिशत का शुल्क लगता है, जो अब 26 प्रतिशत हो जाएगा। इससे भारतीय कार्पेट महंगे हो जाएंगे। तुर्किये पर अमेरिका ने 10 प्रतिशत तो यूरोपीय यूनियन पर 20 प्रतिशत का पारस्परिक शुल्क लगाया है। तुर्किये और बेल्जियम अमेरिका के कार्पेट बाजार में भारत को प्रतिस्पर्धा देते हैं। अब इनके कार्पेट अमेरिका में सस्ते होंगे।
अमेरिका के शुल्क पर चीन ने किया पलटवारअमेरिका की ओर से शुल्क लगाए जाने के बाद चीन ने पलटवार किया है। उसने शुक्रवार को अमेरिका से आयातित सभी वस्तुओं पर 34 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगा दिया। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने बुधवार रात चीन पर 34 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की थी।
अमेरिका ने भारत पर शुल्क 27 से घटाकर 26 प्रतिशत कियागुरुवार को इस बात को लेकर काफी असमंजस रहा कि भारत पर आखिर अमेरिका ने 26 प्रतिशत या 27 प्रतिशत शुल्क लगाया है। क्योंकि तीन अप्रैल को रात एक बजे जब ट्रंप एक चार्ट के साथ सभी देशों के पारस्परिक शुल्क की घोषणा कर रहे थे तब उसमें भारत के आगे 26 प्रतिशत शुल्क लिखा था और ट्रंप ने भी तब 26 प्रतिशत शुल्क कहा था।
बाद में अमेरिकी सरकार की अधिसूचना में इसे 27 प्रतिशत कर दिया गया। भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति में 27 और 26 प्रतिशत दोनों का जिक्र था। हालांकि मंत्रालय ने 27 प्रतिशत को सही बताया था। अब ट्रंप सरकार ने इस 27 प्रतिशत को कम करते हुए अपनी अधिसूचना में 26 प्रतिशत कर दिया है। अन्य 15 देशों के शुल्क में भी एक-एक प्रतिशत की कमी की गई है।
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CBI ने हासिल की बड़ी सफलता, UAE से लाए गए तीन वांटेड आरोपी; जारी हुआ था रेड नोटिस
पीटीआई, नई दिल्ली। तीन भगोड़ों को सीबीआई द्वारा संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से वापस लाने में सफलता मिली है। ये इंटरपोल रेड नोटिस का सामना कर रहे थे और अलग-अलग मामलों में वांछित थे।
सीबीआई के प्रवक्ता ने शुक्रवार को बताया कि राजस्थान पुलिस द्वारा कई आपराधिक मामलों में वांछित आदित्य जैन को शुक्रवार को राज्य पुलिस की एक टीम की सुरक्षा में संयुक्त अरब अमीरात से वापस लाया गया। इन मामलों में व्यापारियों को जबरन वसूली के लिए काल करने का मामला भी शामिल है।
पहले भी दो आरोपियों को लाया गया था वापसआरोप है कि जैन ने वसूली के लिए कॉल की थी और पैसे न मिलने पर उस शख्स पर गोलीबारी की थी। इससे पहले बुधवार को दो और आरोपियों को संयुक्त अरब अमीरात से कोचीन हवाई अड्डे पर लाया गया।
एक नाबालिग से कथित दुष्कर्म मामले में सुहैल बशीर केरल पुलिस द्वारा वांछित था और तोफिक नजीर खान जालसाजी और धोखाधड़ी के लिए आपराधिक साजिश के एक मामले में गुजरात पुलिस द्वारा वांछित था।
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वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के दूसरे चरण को मंजूरी, सीमावर्ती गांवों को मिलेंगी कई सुविधाएं; जानिए क्या है इसका महत्व
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सीमावर्ती गांवों में मूलभूत सुविधाओं के विस्तार के साथ पलायन रोकने और सीमा की सुरक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से शुरू किए गए वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के दूसरे चरण को कैबिनेट ने मंजूर किया है।
इस योजना के तहत बिहार, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल समेत 15 राज्यों व दो केंद्र शासित प्रदेशों के चुनिंदा रणनीतिक गांवों में बारहमासी सड़क संपर्क, दूरसंचार संपर्क, टेलीविजन संपर्क और विद्युतीकरण का काम किया जाएगा।
सीमावर्ती गांवों के कवर की योजना2024-25 से 2028-29 के बीच इस योजना पर 6839 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे। वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के दूसरे चरण के तहत चीन, पाकिस्तान, बांग्लादेश और म्यांमार से सटे सभी सीमावर्ती गांवों के कवर की योजना है।
कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए सूचना व प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि दूसरे चरण के लिए रणनीतिक रूप से अहम गांवों की पहचान की जाएगी और उसके बाद 100 फीसदी केंद्रीय सहायता से योजनाओं को लागू किया जाएगा।
कई सुविधाओं का होगा विकास- इसके तहत गांव या गांवों के समूह में बुनियादी ढांचे के विकास, सहकारी समितियों व सेल्फ हेल्प ग्रुप के माध्यम से आजीविका के अवसर सृजित करने, सीमा के अनुरूप विशिष्ट गतिविधियां शुरू करने, स्मार्ट कक्षाओं से लैस स्कूलों के निर्माण, पर्यटन सुविधाओं के विकास के काम किये जाएंगे।
- सरकार ने 2023 में वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम शुरू किया था, जिसमें चीन की सीमा से सटे लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश के 663 गांवों में पलायन रोकने के लिए विकास योजनाएं शुरू की गई थी। पहले चरण की सफलता के बाद सरकार ने अब दूसरे चरण को हरी झंडी दी है।
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19 स्टेशन, 1267 KM रेल नेटवर्क विस्तार और 18 हजार करोड़ का बजट... इन राज्यों में परियोजना मंजूर
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। Railway News: केंद्रीय कैबिनेट ने रेलवे की चार बड़ी रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिसकी कुल लागत 18,658 करोड़ रुपये होगी। इससे रेलवे के वर्तमान नेटवर्क में लगभग 1247 किलोमीटर की वृद्धि होगी।
महाराष्ट्र, ओडिशा और छत्तीसगढ़ के 15 जिलों को कवर करने वाली ये परियोजनाओं से उत्तर भारत की रेल सेवाओं में सहजता आएगी। क्षेत्र का व्यापक विकास होगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, जिससे लोगों में आत्मनिर्भरता आएगी।
2030 तक पूरी होंगी परियोजनाएं- परियोजनाओं को 2030-31 के पहले तक पूरा कर लेने का लक्ष्य रखा गया है। इन्हें मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान में शामिल किया गया है। कैबिनेट की बैठक के बाद शुक्रवार को रेल एवं सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पत्रकारों को बताया कि सभी परियोजनाए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए भारत के विजन के अनुरूप हैं।
- उन्होंने बताया कि सभी योजनाएं मल्टीट्रैकिंग के साथ लाइन बढ़ाने वाली हैं। इससे यात्रा सुविधाएं बढ़ेंगी, माल ढुलाई की लागत और पेट्रोलियम आयात में कमी आएगी। लगभग 379 लाख मानव-दिवस के लिए प्रत्यक्ष रोजगार का सृजन होगा और कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आएगी।
- अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इन रूटों पर कृषि उत्पादों, उर्वरक, कोयला, लौह अयस्क, इस्पात, सीमेंट, चूना पत्थर जैसी वस्तुओं का परिवहन ज्यादा होता है। परियोजनाओं के पूरा हो जाने के बाद रेल लाइन की क्षमता बढ़ जाएगी, जिससे प्रतिवर्ष 887.7 लाख टन अतिरिक्त माल ढुलाई होगी। आपूर्ति श्रृंखलाओं को व्यवस्थित करने के साथ विकास को भी गति मिलेगी।
महत्वपूर्ण मौकों पर सवारियों की भीड़ में भी कमी आएगी। चारों लाइनें रेलवे के सबसे व्यस्ततम खंडों में से एक हैं। इनके साथ 19 नए स्टेशनों का भी निर्माण किया जाएगा, जिससे दो आकांक्षी जिलों गढ़चिरौली और राजनांदगांव में संपर्कता बढ़ेगी। इससे लगभग 3350 गांवों और 47.25 लाख आबादी को आसानी होगी। खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा मार्ग से बलौदा बाजार को सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे क्षेत्र में सीमेंट संयंत्रों सहित नई औद्योगिक इकाइयों की स्थापना में मदद मिलेगी।
इन लाइनों की खासियत बताते हुए अश्विनी वैष्णव ने इनके पूरा होने पर प्रतिवर्ष लगभग 95 करोड़ पेट्रोलियम का आयात कम हो जाएगा। इसी तरह 477 करोड़ किलोग्राम कार्बन उत्सर्जन को भी कम करने में मदद मिलेगी, जो 19 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर होगा।
इन चार परियोजनाओं को मिली हरी झंडी- संबलपुर – जरापड़ा तीसरी और चौथी लाइन
- झारसुगुड़ा – सासोन तीसरी और चौथी लाइन
- खरसिया – नया रायपुर – परमालकसा पांचवीं और छठी लाइन
- गोंदिया – बल्हारशाह डबलिंग
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BIMSTEC देशों में मचेगी UPI की धूम! पीएम मोदी ने बैंकॉक शिखर सम्मेलन में दिया UPI लिंक का प्रस्ताव
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पांच दक्षिण एशियाई देशों और दो दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों का संगठन बिम्सेटक (BIMSTEC) के बीच बेहतर कनेक्टिविटी, आर्थिक और डिजिटल संबंधों को प्रगाढ़ करने के लिए पीएम नरेन्द्र मोदी ने 21 सूत्री फार्मूला का सुझाव दिया है।
यह सुझाव उन्होंने बिम्सटेक की बैंकॉक शिखर सम्मेलन के दौरान शुक्रवार दिया। इसमें भारत की तरफ से बिम्सटेक के सभी देशों की डिजिटल भुगतान व्यवस्था को भारत की UPI से जोड़ने का प्रस्ताव भी शामिल है।
वाणिज्यिक चैंबर स्थापित करने का पीएम ने रखा प्रस्तावबिम्सटेक देशों के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत बनाने के लिए पीएम मोदी ने वाणिज्यिक चैंबर स्थापित करने का भी प्रस्ताव रखा है। भारत बिम्सटेक को सार्क संगठन के विकल्प के तौर पर स्थापित करने की मंशा रखता है। बांग्लादेश बिम्सटेक का नया अध्यक्ष बना है। भारत और बांग्लादेश के अलावा भूटान, नेपाल, श्रीलंका, म्यांमार और थाईलैंड इसके अन्य सदस्य हैं। इन देशों ने बिम्सेटक 2030 का दृष्टिपत्र तैयार किया है जो इनके बीच संबंधों को दिशा देने का काम करेगा।
पीएम मोदी ने कहा कि बिम्सटेक दक्षिण एशिया और पूर्व एशिया को जोड़ने वाला एक सेतु है, यह क्षेत्रीय संपर्क, सहयोग और समृद्धि की नई राहें खोलने के लिए एक प्रभावी मंच के रूप में उभर रहा है। बिम्सटेक को और सशक्त बनाने के लिए हमें इसके कार्यक्षेत्र और क्षमता का निरंतर विस्तार करते रहना होगा।
साइबर अपराध, आतंकवाद और मानवतस्करी को लेकर क्या बोले पीएम मोदी?सदस्य देशों के गृह मंत्रियों के बीच विमर्श का एक ढांचा तैयार करने पर खुशी व्यक्त करते हुए पीएम मोदी ने सदस्यों के बीच साइबर अपराध, आतंकवाद और मानवतस्करी के खिलाफ यह फोरम अहम भूमिका निभा सकता है। इसकी पहली बैठक भारत में कराने का प्रस्ताव है। बिम्सटेक के देशों के बीच ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग की राह निकालने के लिए बंगलुरू में एक ऊर्जा केंद्र स्थापित किया गया है। इसके तहत पीएम मोदी ने सुझाव दिया है कि सदस्य देशों के ग्रिड को आपस में जोड़ने का काम तेज हो।
“व्यापार और व्यवसायिक कनेक्टिविटी भी हमारी प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है। इसके लिए मैं बिम्सेटक चैंबर ऑफ कॉमर्स स्थापित करने का प्रस्ताव रखता हूं। साथ ही, हर साल सदस्य देशों के बीच एक कारोबार सम्मेलन भी आयोजित की जाएगी। मेरा सुझाव है कि बिम्सटेक क्षेत्र में स्थानीय मुद्रा में व्यापार की संभावनाओं पर एक संभाव्यता अध्ययन भी की जानी चाहिए।'' नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
पीएम मोदी ने हिंद महासागर को खुला, सुरक्षित व सभी के लिए समान अवसर वाला बनाने को प्राथमिकता के तौर पर चिन्हित किया। सनद रहे कि शुक्रवार को सदस्य देशों के बीच समुद्री यातायात सुरक्षा को लेकर एक समझौता हुआ है। इससे सदस्य देशों के बीच आवागमन व कारोबार में काफी सहूलियत मिलेगी।
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