Dainik Jagran
Ayushman Card : आयुष्मान कार्ड से मुफ्त इलाज की सुविधा पाना नहीं आसान, मरीज बाजार से खरीद रहे दवाएं
अहमद रजा हाशमी, पटना सिटी। Ayushman Card : गरीब से गरीब आदमी गुणवत्तापूर्ण उपचार करा सके, यह आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जेएवाई) एवं मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना का लक्ष्य है।
अधिक से अधिक लोग हर वर्ष पांच लाख तक का पूर्णतय: मुफ्त उपचार सम्बद्ध सरकारी व निजी अस्पतालों में करा सकें, इसलिए इसे राशन कार्ड से भी जोड़ दिया गया है।
कई बड़े अस्पतालों में मरीजों की मदद के लिए आयुष्मान मित्र भी तैनात किए गए हैं, लेकिन फिर भी लोगों को मुफ्त उपचार की सुविधा नहीं मिल पा रही है।
निजी ही नहीं नालंदा मेडिकल कालेज सह अस्पताल (एनएमसीएच) जैसे सरकारी संस्थानों में आयुष्मान कार्ड पर मुफ्त उपचार की सुविधा पाना आसान नहीं है।
व्यवस्था ऐसी है कि मरीजों को दवा से लेकर जांच तक सब बाहर से करानी पड़ती है। नतीजा, बहुत से मरीज पैसों के अभाव में बीच में ही उपचार बंद कर वापस घर चले जाते हैं।
कहां जाती आयुष्मान कार्ड पर भर्ती मरीज को मिली धनराशिआयुष्मान भारत कार्ड पर भर्ती मरीज पांच लाख तक का उपचार निशुल्क करा सकता है। सरकारी अस्पतालों में जो सुविधाएं निशुल्क हैं उसकी मद में इलाज पर हुए कुल खर्च का 25 प्रतिशत अस्पताल व 25 प्रतिशत डाक्टर को मिलता है।
इस राशि का उपयोग अस्पताल की सुविधाएं बढ़ाने में करना है। ऐसे में जब एनएमसीएच में आयुष्मान भारत कार्ड पर मरीज भर्ती हो रहा है तो उसके एवज में धनराशि भी आती होगी। जब रोगी का इलाज मुफ्त होता नहीं तो वह राशि कहां जाती है?
बाजार से खरीद कर लायी गई दवाइयां दिखाते मरीज व स्वजन। फोटो- जागरण
केस 1 : सामान्य रोगियों जैसा होता व्यवहारबाढ़ प्रखंड के विकास नगर निवासी 15 वर्षीय इंद्रजीत कुमार थायराइड का उपचार कराने के लिए 21 फरवरी को एनएमसीएच के औषधि विभाग में भर्ती हुआ था। मां टुन्नी देवी ने प्रिस्क्रिप्शन पर आयुष्मान भारत की लगी मुहर दिखाते हुए कहा कि इस कार्ड पर कोई सुविधा मुफ्त नहीं है।
अबतक दवा व जांचों पर हजारों रुपये खर्च कर परेशान हो चुके हैं। हर जांच बाहर से करानी पड़ी है। अब पैसे नहीं बचे हैं इसलिए इलाज बंद कर घर जाने की स्थिति आ गई है। अन्य रोगियों को जो सुविधा मिल रही है, उससे इतर सिर्फ इतना है कि पुर्जे पर आयुष्मान भारत की मुहर लगी हुई है।
केस 2 : दलालों की दबंगई पर शांत रहता अस्पताल प्रशासनऔषधि विभाग में ही लिवर संबंधी रोग का उपचार कराने को भर्ती हिलसा निवासी सुरेंद्र प्रसाद, आलमगंज निवासी मरीज मो. नून हसन, फतुहा निवासी किडनी रोगी मो. सगीर समेत कई मरीजों एवं स्वजनों ने बताया कि पानी चढ़ाने और एक-दो सुई ही अस्पताल से मुफ्त मिलती है।
अधिकतर दवाएं बाजार से खरीद कर लानी पड़ रही हैं। सबसे ज्यादा दुख उन्हें इस बात का है कि अस्पताल प्रशासन की अनदेखी या मिलीभगत के कारण हर वार्ड में दलाल सक्रिय हैं। ये दलाल अस्पताल में निशुल्क होने वाली जांचें भी विशेष जांच केंद्र पर कराने के लिए मजबूर करते हैं।
उनका कोई अस्पतालकर्मी विरोध नहीं करता है। स्वजन ने बताया कि ओआरएस तथा विटामिन का सिरप तक बाजार से लाना पड़ता है। इस मामले में वार्ड में मौजूद परिचारिकाओं ने बताया कि उनके पास जो दवा-सूई उपलब्ध होती है वो मरीज को देती हैं।
आयुष्मान कार्ड का लाभ 14 दिनों से भर्ती मरीज को नहीं मिलने का मामला गंभीर है। सक्रिय दलाल या जांच संबंधित अन्य शिकायतों की जांच होगी। इन मामलों में सभी विभागाध्यक्षों व यूनिट इंचार्जों की जल्द बैठक बुलाई जाएगी। - प्रो. डा. राजीव रंजन, अधीक्षक, एनएमसीए
स्टोर में उपलब्ध दवाएं सभी रोगियों को उपलब्ध कराई जाती है। दलालों की सक्रियता और बाहर से जांच कराने का मामला पूर्व में भी संज्ञान में आया है। इसे गंभीरता से लेते हुए जांच उपरांत कार्रवाई की जाएगी। - प्रो. डा. अजय कुमार सिन्हा, विभागाध्यक्ष, औषधि विभाग
यह भी पढ़ें
Ayushman Card : आयुष्मान कार्ड बनवाने वालों के लिए अच्छी खबर, जमुई के DM ने लिया बड़ा फैसला
Ayushman Card : आयुष्मान कार्ड के लिए हर दिन टूट रहे रिकॉर्ड, महज 5 दिन में बना डाले लाखों कार्ड
Bihar Politics: लोकसभा चुनाव में कैसे बढ़ेगी महिलाओं की सहभागिता? गिनती के 7-8 नामों तक सिमट जाती है भागीदारी
भुवनेश्वर वात्स्यायन, पटना। विगत पंद्रह वर्षों के दौरान बिहार के लोकसभा चुनाव में महिलाओं की सहभागिता की तस्वीर यह है कि सात-आठ नामों के बीच ही यह मुख्य रूप से दिखती रही है। चुनाव में जीत हासिल करने की उपलब्धि हो या फिर दूसरे नंबर पर रहने की बात, इनमें वही सात-आठ महिलाएं ही दिखती रहीं हैं। दिलचस्प है कि जो महिलाएं लोकसभा चुनाव के समर में नजर आयीं, उनमें से अधिकतर नाम अपने स्वजनों की राजनीतिक हैसियत की वजह से हैं।
2019 के चुनाव में सात महिलाएं प्रमुखता से दिखींवर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में आठ महिलाएं चुनावी समर में प्रमुखता से दिखीं। शिवहर लोकसभा चुनाव क्षेत्र से रमा देवी की जीत हुई। रमा देवी ने 2009 के लोकसभा चुनाव में भी शिवहर लोकसभा क्षेत्र से जीत हासिल की थी।
कुल तीन महिलाओं को 2019 के लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की थी। इनमें जदयू की टिकट पर सीवान से कविता सिंह तथा वैशाली से लोजपा की टिकट पर वीणा देवी को जीत हासिल हुई थी। वहीं 2019 के आम चुनाव में पांच महिलाएं दूसरे नंबर पर रहीं।
सीवान से कविता सिंह के मुकाबले हेना शहाब चुृृनाव मैदान में थीं। वह दूसरे नंबर पर रहीं। इसी तरह मुंगेर लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस की टिकट पर नीलम देवी मैदान में थीं। वह भी दूसरे नंबर पर रहीं।
सासाराम से मीरा कुमार पूर्व की तरह कांग्रेस की टिकट पर मैदान में थीं। वह भी दूसरे नंबर पर रहीं। पाटलिपुत्र सीट से मैदान में रहीं डा. मीसा भारती भी दूसरे स्थान पर रहीं।
नवादा लोकसभा क्षेत्र से राजद की टिकट पर विभा कुमारी चुनाव मैदान में थीं। वह भी दूसरे नंबर पर रहीं। जिन लोगों को 2019 के लोकसभा चुनाव में जीत हुई उसमें कविता सिंह व वीणा देवी नए नाम के रूप में थीं।
2014 में प्रत्याशी रहीं महिलाएं 2019 में नहीं आयीं नजरवर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान जो महिलाएं चुनावी समर में दिखीं उनमें कई 2019 के चुनावी समर में नजर नहीं आयीं। बांका से पुतुल कुमारी ने 2014 में चुनाव लड़ा था पर 2019 में वह नहीं दिखीं। इसी तरह वीणा देवी ने मुंगेर लोकसभा क्षेत्र से 2014 के चुनाव में जीत हासिल की थी पर 2019 में वह चुनाव मैदान में नजर नहीं आयीं।
2009 में 4 महिलाएं थीं उम्मीदवार, सभी को जीत मिलीवर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में चार महिलाएं मुख्य रूप से चुनाव मैदान में थीं और इनमें से सभी को जीत मिलीं। रमा देवी शिवहर से, आरा से मीना सिंह, सासाराम से मीरा कुमार और उजियारपुर से अश्वमेध देवी को जीत मिली थी। वहीं 2010 में बांका लोकसभा क्षेत्र के लिए हुए उप चुनाव में पुतुल सिंह को जीत मिली थी।
यह भी पढ़ें: PM Suryodaya Yojana : सोलर पैनल पर भारी-भरकम सब्सिडी दे रही मोदी सरकार, इस वेबसाइट पर आज ही करें ऑनलाइन आवेदन
Pawan Singh: 'चुनाव तो लड़ना है, मगर...', पवन सिंह ने बता दी 'मन की बात', इस सीट पर सियासी हलचल तेज
'लालू जी इस उम्र में भी...', Rohini Acharya ने अपने ही पिता के लिए क्यों कह दिया ऐसा, अब BJP से फिर ठनेगी
डिजिटल डेस्क, पटना। लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने फिर ट्वीट के जरिए एनडीए सरकार को घेरा है। रोहिणी हमेशा सोशल मीडिया पर एक्टिव रहती हैं। वह आए दिन लालू राज और तेजस्वी यादव के कामों का बखान करते हुए नजर आती हैं। इस बार, फिर उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर ट्वीट की बौछार कर दी है।
रोहिणी ने अपने एक्स अकाउंट पर दो ट्वीट की हैं। पहली ट्वीट में उन्होंने लिखा कि नमन करती है जनता लालू जी के जज्बे को इस उम्र में भी दिन में तारे दिखला रहे हैं भाजपा को..लालू जी बिहारी माटी का वो शेर हैं, जिनको परास्त करने के लिए लोकतंत्र की मर्यादा को ताक पर रखकर मोदी की दिल्ली सेना एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है।
रोहिणी ने ट्वीट के साथ एक वीडियो भी शेयर कियावहीं, दूसरी ट्वीट में रोहिणी ने लिखा कि फिर भी उनकी आसमान छूती लोकप्रियता का मुकाबला करना तो दूर उनके आसपास भी न पहुंच सकी। बता दें कि रोहिणी ने ट्वीट के साथ एक वीडियो भी शेयर किया है। इस वीडियो से सियासी बयानबाजी तेज हो सकती है।
गौरतलब है कि एक दिन पहले नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए रोहिणी ने लिखा था कि दिमागी-भूलने की बीमारी ऐसी कि ऋषि सुनक के साथ सीट-शेयरिंग का फार्मूला तय करने चच्चा गिरगिट कुमार जा रहे हैं लंदन। इस ट्वीट पर राजद समर्थकों ने खूब कमेंट किया।
यह भी पढ़ें-
Tejashwi Yadav: 'पीएम मोदी माहिर खिलाड़ी...', तेजस्वी ने सबसे अलग मुद्दे पर घेरा, बयान से BJP को लगेगी 'मिर्ची'
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Political News Today: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लगातार दो बिहार यात्रा और कई योजनाओं के उद्घाटन शिलान्यास को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने उन्हें उन्हें री पैकेजिंग का माहिर खिलाड़ी बताया है। नेता प्रतिपक्ष ने गुरुवार को अपने एक मीडिया पर लिखा कि प्रधानमंत्री जी वर्षों से लंबित एक ही परियोजना की कई बार पैकेजिंग, रीपैकेजिंग करते रहते है, कभी रैपर बदल देते है, कभी कवर व कलर बदल देते है।
पुराने प्रोजेक्ट का ही उद्घाटन और शिलान्यास करते हैं पीएम मोदीतेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने कहा कि वर्षों से लंबित एक ही आधे-अधूरे प्रॉजेक्ट का कई-कई बार शिलान्यास और उद्घाटन होता रहता है। हर बार उसी प्रोजेक्ट लागत को दुहरा कर तथाकथित विशेष पैकेज बता, नया पैकेज बना, जनता को भ्रमित करने का असफल प्रयास किया जाता है। निर्माण पूरे किए बिना एक ही सड़क का कभी एक लेन का शिलान्यास, कभी सर्विस लेन का उद्घाटन, कभी दूसरी लेन का कार्यारंभ कर दिखावा किया जाता है।
बिहार की जनता आपकी चालाकियां समझ रही है: तेजस्वी यादवतेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने कहा कि यह बिहार है, यहां की जनता ऐन चुनाव पूर्व की जाने वाली सब चालाकियां समझती है। तेजस्वी के पहले राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद ने मोदी की बिहार यात्रा को लेकर ने पर व्यंग्य किया था।
वहीं लालू प्रसाद ने बुधवार को एक्स मीडिया पर पोस्ट किया था कि प्रधानमंत्री जब-जब बिहार आते है तब-तब वो नौकरी, बेरोजगारी, महंगाई, गरीबी, विशेष राज्य का दर्जा इत्यादि पर बात करने में जी भर के शरमाते है।
उन्होंने आगे लिखा कि टेलीप्रॉम्प्टर पर लिखी स्क्रिप्ट पढ़ने एवं दशकों से रटी-रटाई बातें दुहराने के क्रम में वो यह भी भूल जाते है कि भाजपा 10 साल से केंद्र में तथा 15 साल से बिहार में सत्ता में है।
यह भी पढ़ें
Bihar News: शराबबंदी कानून के तहत स्कॉर्पियो कर ली जब्त, हाई कोर्ट ने अधियाकरियों पर लगाया 1 लाख का अर्थदंड
राज्य ब्यूरो, पटना। पटना हाई कोर्ट ने गैरकानूनी रूप से एक गाड़ी (स्कॉर्पियो) को शराबबंदी कानून के तहत जब्त करने के मामले पर सुनवाई करते हुए दोषी अधिकारियों पर एक लाख रुपये का अर्थदंड लगाया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि दोषी अधिकारियों को उक्त राशि आठ सप्ताह के भीतर याचिकाकर्ता को देनी होगी।
न्यायाधीश पीबी बजनथ्री एवं न्यायाधीश आलोक कुमार पांडेय की खंडपीठ ने हीरा कुमार दास की रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त आदेश दिया। खंडपीठ ने बीते 21 फरवरी को यह जानना चाहा था कि क्या गाड़ी को राज्यसात करने की कार्रवाई शुरू की गई है या नहीं।
मालिक की उचित पहचान कर सुपुर्द करने का निर्देशराज्य सरकार द्वारा यह प्रस्तुत किया गया कि ऐसी कोई कार्रवाई शुरू नहीं की गई है। कोर्ट ने पाया कि याचिकाकर्ता का नाम प्राथमिकी में किसी अन्य वाहन के विषय में दर्शाया गया है। अदालत में राज्य सरकार की कार्रवाई को त्रुटिपूर्ण पाते हुए दो सप्ताह के भीतर गाड़ी को उसके मालिक की उचित पहचान कर सुपुर्द करने का निर्देश दिया।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सक्षम प्राधिकारी दोषी अधिकारियों, कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने के लिए स्वतंत्र हैं।
यह भी पढ़ें-
Chirag Paswan: पीएम मोदी की रैली से दूरी... 10 मार्च को कुछ बड़ा करने वाले हैं चिराग! RJD से मिले ऑफर के क्या हैं संकेत
डिजिटल डेस्क, पटना। Bihar Political News In Hindi जमुई से सांसद और लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) इन दिनों बिहार में पीएम मोदी (PM Modi) की रैली में नजर नहीं आ रहे हैं। इससे कई तरह के राजनीतिक कयास लगाए जा रहे हैं।
दूसरी ओर, एनडीए में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Polls) को लेकर अभी सीट शेयरिंग नहीं हुई है। इससे पहले ही चिराग ने बिहार में एक लोकसभा सीट पर तैयारी तेज कर दी है। इसको लेकर, वह 10 मार्च को भव्य रैली भी करने वाले हैं।
चिराग पासवान ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्टर शेयर किया। इसमें जानकारी दी गई है कि चिराग पासवान जन आशीर्वाद महासभा करने जा रहे हैं।
10 मार्च को वैशाली के साहेबगंज में उच्च विद्यालय मैदान में दोपहर 11.30 बजे चिराग की भव्य रैली होने वाली है। दिलचस्प बात यह है कि इस पोस्टर में एनडीए (NDA) के किसी भी नेता की तस्वीर नहीं है।
यह भी देखा जा रहा है कि पिछले कुछ दिनों से चिराग जो पोस्टर अपने अकाउंट पर शेयर कर रहे हैं, उनमें से किसी में भी पीएम मोदी और अन्य एनडीए नेताओं की तस्वीर नहीं है।
गौरवशाली वैशाली का होगा चिरागमय आगाज !
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष आदरणीय श्री @iChiragPaswan जी विशाल " जन आशीर्वाद महासभा " को संबोधित करेंगे। pic.twitter.com/jmyvHT40rr
— Lok Janshakti Party (@LJP4India) March 5, 2024 मंच से कोई बड़ी घोषणा की उम्मीदउधर, पीएम मोदी की रैली से दूरी और इधर चिराग को राजद (RJD) से ऑफर को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है।
इससे यह अनुमान लगाया जा रहा कि चिराग पासवान 10 मार्च को मंच से कोई बड़ी घोषणा कर सकते हैं। यह भी कयास लगाया जा रहा है कि चिराग एनडीए का साथ छोड़ सकते हैं।
हालांकि, इसके बारे में स्पष्ट रूप से कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। वहीं, अब राजद के एक विधायक ने भी चिराग को उनके साथ आने का खुला ऑफर दे दिया है। विधायक ने कहा कि चिराग पासवान अगर महागठबंधन में आना चाहते हैं तो उनका स्वागत है।
यह भी पढ़ें-
Lok Sabha Election 2024: बिहार की इन 7 लोकसभा सीटों पर RJD की हालत खराब, MY समीकरण भी नहीं आता काम
Bihar News: कब बदलेगी बिहार की किस्मत? सात चुनावों से वादों में जिंदा, फाइलों में दफन ये जलाशय परियोजना
जागरण संवाददाता, पटना। Patna News: लोकसभा चुनाव की अधिसूचना शीघ्र जारी होने वाली है। ऐसे में प्रदेश के नौ जिले बक्सर, रोहतास, कैमूर, भोजपुर, औरंगाबाद, जहानाबाद, अरवल, गया एवं पटना की 50 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित करने की महात्वाकांक्षी कदवन जलाशय परियोजना (अब इंद्रपुरी जलाशय परियोजना) की याद स्वाभाविक है।
गत सात चुनावों से वादों में जिंदा यह परियोजना फाइलों में दफन हो गई है। जबकि इसके नाम पर पूर्व उप प्रधानमंत्री जगजीवन राम से लेकर अबतक न जाने कितने प्रत्याशी किसानों का समर्थन प्राप्त कर संसद में पहुंच चुके हैं।
शाहाबाद को धान का कटोरा कहा जाता है, लेकिन हर वर्ष किसान धान की रोपनी का लक्ष्य हासिल करने में पिछड़ जाते हैं। इसका प्रमुख कारण समय पर खेतों को पानी नहीं मिलना है। 2019 के आम चुनाव के बाद सरकार ने इस पर पहल भी शुरू की, लेकिन कोई नतीजा धरातल पर नहीं दिखा।
प्रस्तुत है आरा से कंचन किशोर की रिपोर्ट :-
क्यों पड़ी परियोजना की आवश्यकतावाण सागर परियोजना के निर्माण काल में राज्य सरकार के साथ करार हुआ था कि ब्रिटिश शासनकाल में बने इंद्रपुरी जलाशय परियोजना को प्राथमिकता एवं सीडब्लयूसी के नियमानुसार जल उपलब्ध कराया जाएगा। बिहार के लिए रिजर्व 10 लाख घन फिट पानी वाण सागर से उपलब्ध नहीं कराया जाता है। एमपी-यूपी के लिए सरप्लस होने के बाद ही इधर पानी छोड़ते हैं। इस कारण नई परियोजना की आवश्यकता पड़ी।
130 वर्ष पुरानी है सोन नहर प्रणालीब्रिटिश सरकार द्वारा 130 वर्ष पहले निर्मित सोन नहर प्रणाली रोहतास, कैमूर, भोजपुर, बक्सर, औरंगाबाद, जहानाबाद, अरवल, गया और पटना जिले के किसानों के लिए जीवन रेखा है। इसी नहर प्रणाली से इन जिलों के अधिकांश भूमि में सिंचाई होती है। सोन नहर में पानी देने के लिए पहले डेहरी आन-सोन में सोन के दोनों पाटों को ऊंचा कर इसके पूरब और पश्चिम सिरों से मुख्य नहरें निकाली गईं थीं। इसमें बालू भरता गया, सोन में जल प्रवाह कम हुआ तो 1968 में इंद्रपुरी में बराज बना, इससे सोन नहर को जोड़ा गया।
इंद्रपुरी बराज की जल संग्रह क्षमता बहुत कमइंद्रपुरी बराज की जल संग्रह क्षमता बहुत ही कम है। जल संग्रह के लिए डैम की आवश्यकता है। अभी इंद्रपुरी जलाशय को मध्य प्रदेश के वाणसागर डैम से पानी मिलता है। यहां से अप स्ट्रीम में उत्तर प्रदेश में पानी के इस्तेमाल के बाद जो बचता है, वह इंद्रपुरी जलाशय के हिस्से में आता है। इसी समस्या से निपटने से लिए इंद्रपुरी से 70 किलोमीटर अपस्ट्रीम में पलामू के कदवन में उत्तर कोयल नदी का पानी भंडारण के लिए जलाशय निर्माण की योजना बनाई गई। 1990 में राजीव गांधी की सरकार ने योजना को मंजूरी दी और इंद्रपुरी में डिवीजन भी खोला गया, लेकिन धरातल पर कोई काम नहीं हुआ।
बिहार के विभाजन के बाद शुरू हुआ गतिरोधबिहार के विभाजन के बाद कदवन झारखंड के पलामू जिले का हिस्सा बन गया। इससे योजना में गतिरोध उत्पन्न हो गया। झारखंड की आपत्ति थी कि कदवन में डैम बनने से 200 से ज्यादा गांव डूब क्षेत्र के दायरे में आ जाएंगे। वहां के स्थानीय लोग डैम बनाने का विरोध करने लगे। ऐसे में अब इस योजना का केंद्र स्थल रोहतास जिले का नौहट्टा में दक्षिणी सीमांत गांव मठियांव किया गया। इसके बाद परियोजना को इंद्रपुरी जलाशय कहा जाने लगा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ली थी रुचिमुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 24 फरवरी, 2017 को मठियांव गांव स्थित निर्माण स्थल का निरीक्षण किया था। सोन नहर प्रणाली को भविष्य की पीढ़ी के लिए जीवंत रखने को इंद्रपुरी जलाशय निर्माण को डीपीआर तैयार करने का निर्देश दिया। प्रस्तावित डैम में 68.916 वर्ग किलोमीटर में पानी का जमाव होना है। इससे बिहार, उत्तरप्रदेश और झारखंड के 90 गांव डूब क्षेत्र में आएंगे। तब लगभग 12 हजार करोड़ रुपये का अनुमानित बजट केंद्रीय जल आयोग को समर्पित किया गया था। 2019 की चुनावी सभाओं में इस जलाशय का उल्लेख सभी राजनीतिक दलों ने किया था। चुनाव के बाद बक्सर सांसद अश्विनी चौबे ने इसे लोकसभा में भी उठाया था।
यह भी पढ़ें
Prashant Kishor: 'अरे 100 बिहारी मिलकर भी नहीं गुजराती को...', प्रशांत किशोर ने कह दी दिल को झकझोरने वाली बात
डिजिटल डेस्क, पटना। Bihar News: बिहार में लोकसभा चुनाव जैसे जैसे नजदीक आता जा रहा है वैसे-वैसे प्रदेश की सियासत गरमाती जा रही है। आरजेडी,जेडीयू, बीजेपी और कांग्रेस जहां एक्टिव मोड में आ गई है, वहीं अब जनसुराज के संयोजक प्रशांत किशोर भी पूरे फॉर्म में दिख रहे हैं।
दरअसल, प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें वह बिहार और गुजरात के लोगों की तुलना करते नजर आ रहे हैं। प्रशांत किशोर यहां बताने की कोशिश कर रहे हैं कि कैसे 100 बिहारी मिलकर भी एक गुजराती को कमाई में पीछे छोड़ सकते हैं।
अरे 100 बिहारी भी मिलकर नहीं एक गुजराती के बराबर कमा रहे हैंप्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने कहा कि अभी छैला बिहार गा रहे हैं कि एक बिहारी 100 पर भारी और आपलोगों को बड़ा मजा आ रहा है। अरे 100 बिहारी एक गुजाराती के बराबर भी नहीं कमा रहे हैं। एक गुजराती 100 बिहारी को अपने यहां नौकर बनाकर खटा रहा है। लेकिन यहां के आदमी का दिमाग नहीं खुल रहा है।
इसलिए हम पैदल चल रहे हैं। हाथ जोड़ रहे हैं। अरे अपना नहीं तो कम से कम अपने बच्चों का चेहरा देखो। आपकी-हमारी आधी उम्र गुजर गई है। अब स्कूल भी खोल देंगे तो इंजीनियर-डॉक्टर थोड़ी न आप बन जाइएगा। अब बच्चे के बारे में सोचिए
गुजराती लोग समझदारी से वोट करते हैंप्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार के लोगों के जैसे 500 रुपया और मुर्गा-भात पर वहां के लोग वोट नहीं करते हैं। गुजरात के लोग पहले अपने नेता से करार करवाते हैं कि यहां कारखाना खुलना चाहिए। यहां स्कूल और कॉलेज खुलना चाहिए। गुजरात के लोग अपने नेताओं से रोजगार की बात करते हैं।
यह भी पढ़ें
प्रशांत किशोर के रास्ते पर कांग्रेस! पीएम मोदी की जनसभा के बाद बदल डाली रणनीति, अब इन मुद्दों पर मेन फोकस
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Political News Today अब कांग्रेस ने भी बिहार के लिए प्रशांत किशोर के मुद्दे पर जोर दिया है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने बेतिया में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) के भाषण पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
उन्होंने कहा कि बिहार की जनता इतनी नादान नहीं कि मोदी की बदनियति को नहीं समझे। जनता जानती है कि मोदी झूठों के सरदार हैं। मोदी झूठ की गारंटी हैं। हर बार नया झूठ, नया जुमला एवं फरेब मोदी की पहचान बनती जा रही है।
देश बेहाल है, लेकिन भाजपा मालामाल- अखिलेशउन्होंने कहा कि देश बेहाल है, लेकिन भाजपा (BJP) मालामाल है। बिहार के किसान मजदूर बन गए एवं देश के अन्य राज्यों में दिहाड़ी करके जीवन गुजारने पर विवश हैं। सेना में अग्निपथ स्कीम लाकर यहां के लाखों नौजवान जो सेना में भर्ती होने का सपना देख रहे थे, उनका भविष्य चौपट कर दिया।
उन्होंने कहा कि मोदी कुछ भी कह लें कोई झांसा दें, लेकिन बिहार उस अपमान को कभी नहीं भूलेगा, जब उन्होंने बिहार के डीएनए को गाली दी थी। अब बिहार में मोदी की दाल नहीं गलने वाली, चाहे जितना इंजन लगा लें। बिहार में भाजपा की गाड़ी पटरी पर नहीं आने वाली।
जनता ने मोदी की रैली को नकारा : राजदप्रधानमंत्री मोदी की बेतिया में रैली को लेकर अरवल में राजद (RJD) युवा राजद जिलाध्यक्ष प्रवीण यादव ने कहा कि बिहार की जनता मोदी को जानकारी दिया। रैली में खाली कुर्सियों यह दर्शा रही थी कि जनता अब जुमलेबाजों को सबक सिखाने की तैयारी में है। भाजपा के किसी भी नेता की गारंटी पर अब बिहार की जनता विश्वास करने वाली नहीं है।
यह भी पढ़ें-
नीतीश सरकार का बिहार में एक्शन, इन 11 जिलों के अफसरों को दी 'Warning', अगर 1 महीने के अंदर...
Mahashivratri 2024: पटना में महाशिवरात्रि की धूम, शिव बारात को लेकर सजने लगे गली-मोहल्ले; 27 जगहों से निकलेगी शोभायात्रा
जागरण संवाददाता, पटना सिटी। Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि पर शिवालयों में शुक्रवार को होने वाले धार्मिक अनुष्ठान की तैयारी प्रारंभ हो गई है। शक्तिपीठ बड़ी पटनदेवी, सिद्धपीठ छोटी पटनदेवी, गायघाट गौरीशंकर मंदिर व नर्मदेश्वर महादेव मंदिर चैलीटाड़ मलिया महादेव मंदिर, करनालगंज स्थित प्राचीन संकट मोचन हनुमान मंदिर दुर्गा स्थान में रूद्राभिषेक व रात में शिव विवाह उत्सव होगा।
इन जगहों में भी की गई है खास तैयारीबड़ी पटनदेवी के महंत विजय शंकर गिरि, छोटी पटनदेवी के आचार्य बाबा विवेक द्विवेदी व अनंत अभिषेक द्विवेदी ने बताया कि तैयारी हो गई है। वहीं बाबा मुक्तेश्वर नाथ मंदिर, पीतल का महादेव, तिलकेश्वर नाथ मंदिर, हरिमंदिर गली स्थित प्राचीन शिव मंदिर आदि में भी खास तैयारी की गई है।
महाशिवरात्रि के लिए तैयार हो रही झांकी।
महाशिवरात्रि की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। शिवालयों को सजाया जा है। इसके साथ ही श्री श्री महाशिवरात्रि महोत्सव शोभा यात्रा अभिनंदन समिति के तत्वावधान में महाशिवरात्रि महोत्सव की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। खाजपुरा शिव मंदिर की आकर्षक सजावट की गई है।
शिव बरात में शामिल होने वाले भक्तों का उत्साह चरम पर है। झांकियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। तैयारियों को लेकर खाजपुरा स्थित आर्य भवन में बुधवार को शोभा यात्रा समितियों के प्रमुखों की बैठक हुई। अभिनंदन समिति के संयोजक सह विधायक डा. संजीव चौरसिया ने समीक्षा की।
महाशिवरात्रि को लेकर सजा गायघाट स्थित गौरीशंकर मंदिर।
शिव-पार्वती को चांद से धरती पर उतारने की तैयारीशोभा यात्रा समिति शिव मंदिर, यारपुर (मीठापुर) के प्रमुख मुन्ना गुप्ता ने बताया कि इस बार कोलकाता और रायपुर से झांकियां मंगाई गई हैं। कोलकाता की झांकियों में एलईडी से जगमग शिवलिंग, गणेश और बसहा बैल आकर्षण का केंद्र रहेंगे। रायपुर से आई झांकी में उज्जैन के महाकाल की प्रतिकृति उकेरी गई है।
शोभा यात्रा समिति, एजी कालोनी के प्रमुख चंद्रभूषण सिंह ने बताया कि इस बार प्लाइवुड बोर्ड पर केदारनाथ मंदिर के स्वरूप को दर्शाने की तैयारी की गई है। शिव सती मंदिर, नवकोठिया की समिति अपनी झांकी में चांद पर बैठे भोले शंकर और पार्वती को धरती पर उतारने की तैयारी कर रही है।
रोशनी से जगमगाया खाजपुरा शिव मंदिर। जागरण
महाशिवरात्रि के दौरान विधि व्यवस्था, सुचारु यातायात और भीड़ प्रबंधन के लिए दंडाधिकारियों एवं पुलिस अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। डीएम-एसएसपी ने इसके लिए संयुक्त जिलादेश जारी किया है। इसका अक्षरश: अनुपालन करने का निर्देश दिया गया है।
जिला मुख्यालय में 74 प्रमुख स्थानों पर दंडाधिकारियों एवं पुलिस पदाधिकारियों को तैनात किया गया है। इनके साथ लाठी बल को भी लगाया गया है। इस दौरान क्यूआरटी भी तैनात रहेगी। जिला नियंत्रण कक्ष में छह दंडाधिकारी एवं पुलिस अफसर सुरक्षित रखे गए हैं। अनुमंडल क्षेत्र में आवश्यकतानुकसार प्रतिनियुक्ति का निर्देश दिया गया है।
मंगलपाठ करती महिलाएं।
27 जगहों से निकलेगी शोभायात्रामहाशिवरात्रि आठ मार्च को है। दीघा विधायक सह श्री श्री महाशिवरात्रि महोत्सव शोभा यात्रा अभिनंदन समिति के संयोजक डा. संजीव चौरसिया ने बताया कि इस बार राजधानी के विभिन्न स्थानों से 27 शोभा यात्रा निकलेगी। डीएम-एसएसपी ने कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर हर गतिविधि सीसीटीवी की नजर में रहेगी। वीडियोग्राफी भी होगी।
यह भी पढ़ें: Bihar Teacher News: इन शिक्षकों की नौकरी जाना अब 100% फाइनल, विभाग ने Salary पर भी लगा दी रोक
बिहार में दौड़ेंगी अब 5 Vande Bharat Express, तीन नई ट्रेनों को इस दिन पीएम मोदी दिखाएंगे हरी झंडी; ये होंगे रूट
जागरण संवाददाता, पटना। Vande Bharat Express पटना जंक्शन से लखनऊ वाया अयोध्या और न्यू जलपाईगुड़ी के साथ-साथ रांची से बनारस वाया गया जाने वाली तीन नई वंदे भारत ट्रेनों को चलाने के लिए तिथि का निर्धारण कर दिया गया है। तीनों ही रूटों पर तीन नई वंदे भारत एक्सप्रेस चलाई जाएंगी। उनका ट्रायल रन पूरा कर लिया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से 12 मार्च को एक साथ तीनों ट्रेनों को हरी झंडी दिखा रवाना करेंगे। इसके साथ बिहार से अब पांच वंदे भारत ट्रेनों का परिचालन शुरू हो जाएगा। इनमें से चार वंदे भारत अकेले पटना जंक्शन से चलेंगी।
एक साथ देश भर के कई रेल परियोजनाओं की भी सौगातरेलवे सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी इस कार्यक्रम के माध्यम से वर्चुअल जुड़ेंगे और एक साथ देश भर के कई रेल परियोजनाओं की भी सौगात देंगे। इसमें स्टेशनों के पुनर्विकास कार्य का शिलान्यास भी शामिल हैं। सूत्रों की मानें तो जिन स्टेशनों पर वंदे भारत ट्रेनें रुकेंगी, वहां कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
बताया जा रहा है कि पटना से लखनऊ तक चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस डीडीयू, वाराणसी, जौनपुर, साहेबगंज, अकबरपुर होते हुए अयोध्या से लखनऊ जाएगी। इसी तरह पटना जलपाईगुड़ी वंदे भारत ट्रेन पटना से बख्तियारपुर, मोकामा, नवगछिया, खगड़िया, बेगूसराय, कटिहार व किशनगंज के रास्ते से चलेगी।
दूसरे दिन भी ट्रायल रन किया गयाइसी क्रम में रांची से बनारस जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस रांची से गया जंक्शन, डीडीयू होते हुए बनारस तक चलेगी। अगले दो दिनों के अंदर तीनों ट्रेनों के किराया और समय सारिणी को जारी कर दिया जाएगा। वहीं दूसरी ओर, पटना से लखनऊ तक जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस का दूसरे दिन बुधवार को भी ट्रायल रन किया गया।
हालांकि, यह बिना किसी स्टेशन पर रुके डीडीयू दो घंटे चार मिनट में पहुंच गई। वापसी में भी यह ट्रेन 2 घंटे 18 मिनट में पटना जंक्शन आ गई। ट्रेन का ट्रायल पूरी तरह से सफल रहा।
यह भी पढ़ें-
Bihar Politics: बिहार की इन 7 लोकसभा सीट पर BJP को सबसे अधिक भरोसा, खुद नीतीश कुमार भी पड़ जाते हैं नरम
विकाश चन्द्र पाण्डेय, पटना। Bihar Political News Hindi: बिहार में पश्चिम चंपारण और पूर्वी चंपारण समेत 7 लोकसभा सीट बीजेपी ( BJP) के लिए बिहार में संजीवनी की तरह है।
विधानसभा ही नहीं, संसदीय क्षेत्रों की गिनती की शुरुआत जिस चंपारण से होती है, वह लोकसभा के पिछले तीन चुनावों से राजग, विशेषकर भाजपा, पर मुग्ध है। विधानसभा में भाजपा के संख्या-बल में सर्वाधिक योगदान करने वाले जिलों में भी पश्चिमी और पूर्वी चंपारण अग्रणी हैं।
तिरहुत प्रमंडल के सात लोकसभा क्षेत्रों में दबदबाजीत के इस क्रम को आगे बढ़ाने के दृढ़ निश्चय के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को बेतिया पहुंचे थे। यहां से दिया उनका संदेश तिरहुत प्रमंडल के सात लोकसभा क्षेत्रों (वाल्मीकिनगर, पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, वैशाली) तक जाएगा, जो राजग के गढ़ जैसे बनते जा रहे।बिहार अगर देश में राजनीतिक परिवर्तन का स्रोत है तो चंपारण उसका मार्ग-निर्देशक।
यह क्षेत्र 2015 में सबसे कठिन समय में भी भाजपा के साथ रहा। यहां से 1989 में ही लोकसभा में कमल खिला। विपरीत परिस्थितियों में भी लक्ष्य को साधने की कला-कौशल वाले इस परिक्षेत्र की मिट्टी इतनी उर्वर है कि एक वर्ष में तीन फसलें काट ली जाएं। बिहार में लहलहाती भाजपा इसी माटी-पानी की पाली-पोसी है। उसके 75 में से 15 विधायक तो मात्र दो जिलों (पश्चिमी चंपारण और पूर्वी चंपारण) से विजयी रहे।
शिवहर के आसपास का लोकसभा सीट भी महत्वपूर्णभाजपा के लिए चंपारण की यह महत्ता है। इनके साथ शिवहर को भी जोड़ दें तो इन तीन जिलों से लगभग चार लोकसभा क्षेत्रों (वाल्मीकिनगर, पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर) की संरचना होती है। पिछले तीन चुनावों से ये लगातार राजग के पाले में हैं। नीतीश कुमार को साथ लेकर वह वाल्मीकिनगर के लिए आश्वस्त हो गई है, जहां से सुनील कुमार जदयू के सांसद हैं।
2014 में जदयू को भाजपा परास्त कर चुकी2014 के विलगाव में यहां जदयू को भाजपा परास्त कर चुकी है। जड़ें इस तरह फैली हुई हैं। अंदरुनी उठापटक वाले पूर्वी चंपारण और शिवहर में उसके सांसद क्रमश: राधामोहन सिंह और रमा देवी हैं। दोनों भले ही सेवानिवृत्ति की उम्र तक पहुंच गए हैं, लेकिन उन क्षेत्रों में भाजपा रची-बसी हुई है। एक छोटे अंतराल को छोड़ दें तो पिछले 30 वर्षों से पश्चिम चंपारण जायसवाल परिवार के पाले में है। पहले डा. मदन प्रसाद जायसवाल सांसद हुआ करते थे और अब उनके पुत्र डा. संजय जायसवाल।
भाजपा को ये सीटें फिर चाहिए और हर विधानसभा क्षेत्र में अच्छी बढ़त भी, क्योंकि अगले वर्ष विधानसभा का चुनाव भी है। तब उस बढ़त को जीत में बदलने की चुनौती होगी, क्योंकि 2019 में इन चारों लोकसभा क्षेत्रों के सभी 24 विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त बनाने के बावजूद राजग विधानसभा चुनाव में छह सीटों पर मात खा गया था। विधानसभा के पिछले चुनाव में पश्चिमी चंपारण और पूर्वी चंपारण में राजग को 21 में 17 सीटें मिलीं। इनमें से 15 सीटें तो अकेले भाजपा की हैं, जबकि दो जदयू की।
तिरहुत में 31 विधानसभा सीटों पर 25 पर अकेले भाजपातिरहुत में राजग 31 सीटों में से 25 पर अकेले भाजपा है। 2015 में भी तिरहुत में भाजपा 18 सीटों पर विजयी रही थी। वह उसके लिए कठिन चुनावों में से एक था। तब साथ लड़कर जदयू-राजद को 23 सीटों पर सफलता मिली थी। पूरे बिहार में भाजपा को मात्र 53 सीटें ही मिलीं और उसका एक तिहाई इसी क्षेत्र से। 2010 में इस प्रमंडल में राजग को अभूतपूर्व रूप से 49 में से 45 सीटें मिली थीं।
इससे स्पष्ट हो जाता है कि चंपारण के कारण ही तिरहुत भाजपा का गढ़ रहा है। यही कारण है कि लोकसभा के हर चुनाव में इस क्षेत्र में मोदी की जनसभा होती है। पिछले तीन चुनावों से यह क्रम अनवरत है और यह संयोग ही है कि 1964 में जवाहर लाल नेहरू और 1985 में राजीव गांधी के बाद मोदी चंपारण आने वाले तीसरे प्रधानमंत्री हैं।
यह भी पढ़ें
Bihar Weather Today: बिगड़ने वाला है बिहार का मौसम, चेतावनी जारी; लोगों को पछुआ हवा से सावधान रहने की सलाह
जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Weather News Hindi: राजधानी पटना समेत प्रदेश में तेज पछुआ हवा के प्रवाह बने होने से तापमान में दूसरे दिन भी गिरावट दर्ज की गई। पटना का अधिकतम तापमान बुधवार को सामान्य से चार डिग्री गिरावट के साथ 26.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बीते 24 घंटों के दौरान पटना का न्यूनतम तापमान चार डिग्री नीचे होने के साथ 12.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। 10.0 डिग्री सेल्सियस के साथ समस्तीपुर के पूसा में सर्वाधिक न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया।
अगले 48 घंटे में चलेगी तेज हवा, नाविकों को सावधान रहने के लिए कहा गयामौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार अगले 48 घंटों के दौरान राजधानी समेत प्रदेश के अधिसंख्य भागों में पछुआ हवा का प्रवाह और कुछ जगहों पर 15-20 किमी प्रतिघंटा व झोंके के साथ 30 किमी प्रतिघंटा रहने की संभावना है। इस दौरान नाविकों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। तापमान में आंशिक गिरावट आने से सुबह-शाम हल्की ठंड का प्रभाव बना रहेगा। बुधवार को पटना सहित आसपास इलाकों में तेज पछुआ हवा का प्रवाह बने होने के कारण मौसम शुष्क बना रहेगा।
बिहार के इन जिलों में बारिश के आसारबिहार के पूर्वी चंपारण, सिवान, पश्चिमी चंपारण, छपरा और गोपालगंज जिलों में छींटों के साथ हल्की बारिश के आसार हैं। किसानों को सावधानी बरतने के लिए कहा गया है।
यह भी पढ़ें
Bengaluru to Patna Train: होली पर पटना लौटने वाले ध्यान दें! बेंगलुरु से चलने वाली इन ट्रेनों में तेजी से हो रही बुकिंग
डिजिटल डेस्क, पटना। होली जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे लोगों में उत्साह बढ़ता जा रहा है। घर से दूर बाहर काम कर रहे नौकरीपेशा और कामगारों को घर लौटने का बेसब्री से इंतजार है, लेकिन ट्रेनों में रिजर्वेशन मिलना मुश्किल हो रहा है। होली इस बार 25 मार्च को है और होलिका दहन 24 मार्च को होगा।
इससे पहले 23 मार्च को शनिवार है। ऐसे में अधिकतर लोग 21 या 22 तारीख को घर जाने के लिए अपने सफर की शुरुआत करेंगे। यात्रियों की सुविधा को देखते हुए हम इन दो तारीखों को बेंगलुरु से चलकर पटना जाने वाले ट्रेनों की ताजा स्थिति के बारे में आपको अपडेट करने जा रहे हैं ताकि आपका टूर इस हिसाब से प्लान हो सके।
21 मार्च को बेंगलुरु से पटना जाने वाली ट्रेनसंघमित्रा एक्सप्रेस (12295 Sanghamitra Exp)
बेंगलुरु दानापुर स्पेशल (03260 Smvb Dnr Spl)
22 मार्च को बेंगलुरु से पटना जाने वाली ट्रेनसंघमित्रा एक्सप्रेस (12295 Sanghamitra Exp)
बागमती एक्सप्रेस (12578 Bagmati Exp)
बेंगलुरु दानापुर स्पेशल (03246 Smvb Dnr Spl)
ट्रेनों में चल रही है वेटिंगबेंगलुरु में सर एम. विश्वेश्वरैया टर्मिनल से चलकर पटना जंक्शन को जाने वाली संघमित्रा एक्सप्रेस के स्लीपर कोच में 21 तारीख को 161, एसी 3 टियर में 98, 2 टियर में 52 और एसी फर्स्ट क्लास में सात की वेटिंग चल रही है।
वहीं अगर बात करें 22 तारीख को बेंगलुरु केएसआर रेलवे स्टेशन से चलकर पटना जाने वाली बागमती एक्सप्रेस की, तो इस ट्रेन के स्लीपर में 102, एसी 3 टियर, 2 टियर और फर्स्ट क्लास में क्रमश: 72, 35 और 5 की वेटिंग चल रही है। यह ट्रेन केएसआर स्टेशन से दोपहर के दो बजकर 50 मिनट पर छूटती है और 44 घंटे दस मिनट का सफर तय कर दो दिन बाद सुबह दस बजे पटना पहुंचती है।
21 मार्च को बेंगलुरु से पटना जाने वाली ट्रेनों की स्थितिसंघमित्रा एक्सप्रेस और बेंगलुरु दानापुर स्पेशल
22 मार्च को बेंगलुरु से पटना जाने वाली ट्रेनों की स्थितिसंघमित्रा एक्सप्रेस और बागमती एक्सप्रेस
बेंगलुरु दानापुर स्पेशल
यह भी पढ़ें: Jharkhand Politics: गीता कोड़ा के बाद अब इस दिग्गज नेता ने छोड़ा कांग्रेस का साथ, पार्टी को लेकर कह दी बड़ी बात
नीतीश सरकार का बिहार में एक्शन, इन 11 जिलों के अफसरों को दी 'Warning', अगर 1 महीने के अंदर...
राज्य ब्यूरो, पटना। खान एवं भू-तत्व विभाग ने राजस्व संग्रह में सुस्ती दिखाने वाले जिलों को लेकर काफी सख्त हो गया है। विभाग ने 11 खनिज विकास पदाधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि महीने के अंत तक राजस्व संग्रह की स्थिति नहीं सुधरी तो उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई तो होगी साथ ही उनका वेतन भी रोका जाएगा।
खान एवं भू-तत्व विभाग के निदेशक नैय्यर इकबाल की अध्यक्षता में हाल ही में जिलों के राजस्व संग्रह की समीक्षा की गई। जिसमें यह बात सामने आई है कि 3662 करोड़ रुपये के निर्धारित लक्ष्य के विरूद्ध जिलों ने फरवरी के अंत तक 1951 करोड़ रुपये का संग्रह किया है।
इन जिलों का प्रदर्शन खराबजिन जिलों का प्रदर्शन संग्रहण में सबसे ज्यादा खराब है वे हैं जमुई, जहानाबाद, नालंदा, बांका, औरंगाबाद, मुंगेर, कैमूर, गया, नवादा, भागलपुर और किशनगंज।
जमुई की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। इस जिले ने पूरे वर्ष के दौरान करीब 173 करोड़ के लक्ष्य के विरूद्ध 11 करोड़ रुपये ही वसूले हैं। अन्य 10 जिलों का प्रदर्शन जमुई की अपेक्षाकृत ठीक है लेकिन इनकी उपलब्धि भी 25 से 45 प्रतिशत के बीच ही है।
राजस्व संग्रह की इस स्थिति से नाराज निदेशक ने संबंधित जिलों से इसका स्पष्टीकरण तो मांगा ही है उन्हें निर्देश दिए गए हैं कि महीने के अंत तक निर्धारित लक्ष्य प्राप्त करें अन्यथा उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के साथ वेतन रोकने के आदेश भी दिए जाएंगे।
ये भी पढ़ें- Nitish Kumar के साथ होगा खेला? 'इन चार नेताओं ने ली JDU की सुपारी', Lalu Yadav के करीबी ने खोल दिया राज...
ये भी पढ़ें- Prashant Kishor: '...इतनी सीटों पर सिमट जाएगी JDU', PK ने नीतीश कुमार को लेकर कर दी बड़ी भविष्यवाणी!
Bihar News: बिहार को आज टूरिज्म से जुड़ी योजनाओं की सौगात देंगे PM Modi, जानें किस जिले को मिलेगा कौन सा गिफ्ट
राज्य ब्यूरो, पटना। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरुवार को वर्चुअल माध्यम से बिहार से जुड़ी पर्यटन की पांच योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगे। सुल्तानगंज से बाबाधाम के रास्ते में कांवरिया पथ, मंदार व अंग परिपथ की योजनाओं के साथ जैन सर्किट में वैशाली और गांधी सर्किट में भितिहरवा आश्रम के विकास की योजनाओं का उद्घाटन किया जाएगा। इस दौरान पर्यटन मंत्री प्रेम कुमार की वैशाली में उपस्थिति रहेगी।
सारण में आमी मंदिर परिसर के विकास के लिए प्रथम चरण में प्रसाद योजना अंतर्गत 12.26 करोड़ रुपये की योजना का शिलान्यास प्रधानमंत्री करेंगे।
स्वदेश दर्शन स्कीम के तहत 41.31 करोड़ रुपये की स्वीकृतिसुल्तानगंज से बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर देवघर के रास्ते में सुविधा बढ़ाने के लिए स्वदेश दर्शन स्कीम के अंतर्गत 41.31 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई थी।
इस राशि से श्रद्धालुओं के बैठने के लिए विभिन्न जगहों पर बेंच, विश्राम के लिए रेन शेल्टर, पर्यटक सुविधा केंद्र, कैफेटेरिया, शौचालय, प्याऊ आदि का निर्माण कराया गया है। स्वदेश दर्शन स्कीम-1 के तहत मंदार और अंग परिपथ पर 40.42 करोड़ रुपये से विकास कार्य संपन्न हुआ है।
बांका में आर्ट एंड क्राफ्ट गांव का निर्माणबांका जिले के मंदार पहाड़ी की तलहटी में आर्ट एंड क्राफ्ट गांव का निर्माण किया गया है। जिले के बुनकरों और अन्य हस्तशिल्पियों के लिए यहां वर्कशाप एवं दुकानें स्थापित की गई हैं।
परिसर में बिजली की निर्बाध आपूर्ति के लिए सौर ऊर्जा प्लेट लगाई गई है। मंदार पर्वत की तलहटी में अवंतिका नाथ मंदिर में विश्राम कक्ष, पीने का पानी तथा शौचालय आदि का निर्माण हुआ है।
वैशाली के पुष्करणी सरोवर में लेजर शो का निर्माणवैशाली के पुष्करणी सरोवर में साउंड लाइट एवं लेजर शो का निर्माण किया गया है। स्वदेश दर्शन के अंतर्गत गांधी परिपथ का विकास कार्य 16.37 करोड़ रुपये से कराया गया है।
इसमें भितिहरवा आश्रम में चहारदिवारी, थीमेटिक गेट, प्रदर्शनी हॉल, जनसुविधा, कैफेटेरिया, चरखा, वाटर फाउन्टेन, सिवरेज ट्रीटमेंन्ट प्लांट, सोलर पावर सिस्टम, पार्किंग की सुविधा दी गई है।
सारण के आमी मंदिर परिसर में प्रसाद योजना के अंतर्गत 12.26 करोड़ रुपये की योजना का शिलान्यास किया जाना है।
यह भी पढ़ें: ...तो यह है PM Modi का बिहार विजय का मास्टरप्लान, इस रणनीति के तहत Lalu Yadav के चौकों पर लगा रहे सिक्सर
Lalu Yadav: 'प्रधानमंत्री जी शरमाते हैं...', PM Modi के तीखे तंज पर आया लालू यादव का जवाब
राज्य ब्यूरो, पटना। प्रधानमंत्री मोदी महज एक हफ्ते के भीतर बुधवार को एक बार फिर बिहार पहुंचे। यहां उन्होंने करोड़ों की परियोजनाओं का शिलान्यास किया। बेतिया में जनसैलाब को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने एक बार फिर लालू यादव के जंगलराज और परिवारवाद पर तीखा तंज कसा। पीएम मोदी ने लालू यादव द्वारा 'परिवार' पर उठाए गए सवाल का भी जवाब दिया।
लालू यादव पर तंज कसते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यहां (बिहार में) लालटेन की सरकार में युवाओं का जीवन दांव पर लगा दिया गया था। यहां के युवका रोजी-रोटी के लिए बाहर जाते रहे, लेकिन एक परिवार फलता-फूलता रहा। एक-एक नौकरी के लिए जमीन पर कब्जा किया गया। पीएम मोदी ने कहा कि बिहार में जंगलराज लाने वाला परिवार बिहार के युवाओं का गुनहगार है। जंगलराज के परिवार ने युवाओं से उनका भाग्य छीन लिया।
लालू यादव ने पीएम मोदी पर क्या कहा?प्रधानमंत्री मोदी के तीखे तंजों पर अब लालू यादव ने जवाब दिया है। लालू प्रसाद ने अपने एक्स मीडिया पर लिखा कि प्रधानमंत्री जब-जब बिहार आते है तब-तब वो नौकरी, बेरोजगारी, महंगाई, गरीबी, विशेष राज्य का दर्जा इत्यादि पर बात करने में जी भर के शरमाते है।
उन्होंने आगे लिखा कि टेलीप्रॉम्प्टर पर लिखी स्क्रिप्ट पढ़ने एवं दशकों से रटी-रटाई बातें दुहराने के क्रम में वो यह भी भूल जाते है कि भाजपा 10 साल से केंद्र में तथा 15 साल से बिहार में सत्ता में है। इससे पहले लालू प्रसाद ने पटना में एक निजी चैनल से बात करते हुए मोदी हिन्दू नहीं है बयान को वापस दोहराया।
प्रधानमंत्री जी,
जब-जब बिहार आते है तब-तब वो नौकरी, बेरोजगारी, महंगाई, गरीबी, विशेष राज्य का दर्जा इत्यादि पर बात करने में जी भर के शरमाते है।
टेलीप्रॉम्प्टर पर लिखी स्क्रिप्ट पढ़ने एवं दशकों से रटी-रटाई बातें दुहराने के क्रम में वो यह भी भूल जाते है कि BJP 10 साल से केंद्र में…
उन्होंने कहा कि मैंने जो भी कहा सही कहा। कोई गलत बात नहीं की। मैं मोदी का परिवार अभियान पर भी हमला बोला और कहा जो खुद को मोदी का परिवार बता रहे हैं भाजपा के उन नेताओं को उनके समर्थन में अपने बाल मुंडवा लेना चाहिए।
यह भी पढ़ें: Bihar Politics : लालू यादव को चुभेगी पीएम मोदी की ये बात, जंगलराज-गुंडाराज को लेकर भी किया कटाक्ष
BPSC ने इस दिन की शिक्षक नियुक्ति परीक्षा को किया स्थगित, 15 को होने वाले एग्जाम पर यह है अपडेट
Bihar News: बिहार में पटना सहित 11 जिलों में नए सिविल सर्जन किए गए तैनात, जानें किसे कहां भेजा गया
राज्य ब्यूरो, पटना। स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार को 11 जिलों में नए सिविल सर्जनों को तैनात किया है। इसके साथ ही चार क्षेत्रीय उप निदेशक व 10 अन्य डॉक्टरों का भी तबादला किया है। स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। अधिसूचना के मुताबिक, डॉ. मिथिलेश कुमार को पटना का नया सिविल सर्जन बनाया गया है।
जानें किस जिले में किसे भेजा गयावहीं, डॉ. संजय कुमार को शेखपुरा, डॉ. अजय कुमार को मुजफ्फरपुर, डॉ. विनोद कुमार सिंह को पूर्वी चंपारण, डॉ. राजेश कुमार को किशनगंज, डॉ. ईला मिश्रा को भोजपुर, डॉ. विनोद कुमार सिन्हा को मुंगेर, डॉ. ललन कुमार ठाकुर को सुपौल, डॉ. अनिता कुमारी को बांका, डॉ. श्यामा राय को नालंदा, डॉ. कत्यानी कुमार मिश्रा को वैशाली का सिविल सर्जन बनाया गया है।
इसके अलावा, डॉ. श्रवण कुमार को पूर्णिया का क्षेत्रीय उप निदेशक, डॉ. रवींद्र नारायण को स्वास्थ्य निदेशालय पटना में अपर निदेशक, डॉ. अविनाश कुमार सिंह को भागलपुर का क्षेत्रीय उप निदेशक, डॉ. श्याम नंदन प्रसाद को सारण का क्षेत्रीय उप निदेशक बनाया गया है। एनएमसीएच निश्चेतना विभाग के डॉ. हर कोमल कौर को जेकेटीएमसीएच, मधेपुरा में, विम्स पावापुरी की डॉ. हसप्रीत कौर गिल को एनएमसीएच में, एएनएमसीएच, गया की डॉ. स्नेहा कुमारी को एनएमसीएच में, एनएमसीएच के डॉ. रतन कुमार गुप्ता को पीएमसीएच में उप निदेशक बनाया गया है।
जेकेटीएमसीएच, मधेपुरा के डॉ. प्रभात कुमार सिंह को एनएमसीएच भेज गया है। डॉ. उमेश चंद्र शर्मा को मुजफ्फरपुर में क्षेत्रीय उप निदेशक, डॉ. वीरेंद्र कुमार को पीएचसी, बेतिया, डॉ. चांदनी कुमारी को पीएचसी बेतिया, डॉ. सतीश कुमार वर्मा को सीएचसी,राजापाकर, वैशाली और डॉ. कृष्ण मोहन को पीएचसी, फारबिसगंज, अररिया भेजा गया है।
नगर सेवा, प्रशासनिक व पर्यवेक्षकीय सेवा के 67 अधिकारियों का तबादलानगर विकास एवं आवास विभाग के अधीन विभिन्न विभागों में पदस्थापित बिहार प्रशासनिक सेवा, बिहार नगर सेवा एवं पर्यवेक्षकीय सेवा के 67 पदाधिकारियों का तबादला किया है।
नगर विकास एवं आवास विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। जिन पदाधिकारियों का तबादला किया गया है वे पूर्व ने किसी ने किसी जिले में पदस्थापित थे। तबादला करते हुए उन्हें नए जिलों में भेजा गया है।
यह भी पढ़ें: ...तो यह है PM Modi का बिहार विजय का मास्टरप्लान, इस रणनीति के तहत Lalu Yadav के चौकों पर लगा रहे सिक्सर
BPSC ने इस दिन की शिक्षक नियुक्ति परीक्षा को किया स्थगित, 15 को होने वाले एग्जाम पर यह है अपडेट
जागरण संवाददाता, पटना। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने तीसरे चरण की 16 मार्च को प्रस्तावित शिक्षक नियुक्ति परीक्षा को अपरिहार्य कारणों से स्थगित कर दिया है। सचिव रविभूषण ने बताया कि सिर्फ 16 मार्च को एकल पाली में होने वाली परीक्षा को ही स्थगित किया गया है। 15 मार्च को दो पालियों की परीक्षा पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार होगी।
विस्तृत जानकारी वेबसाइट www.bpsc.bih.nic.in पर अपलोड कर दी गई है। 15 मार्च की परीक्षा में शामिल होने के लिए ई-प्रवेश पत्र गुरुवार से अभ्यर्थी डैश बोर्ड पर उपलब्ध लिंक के माध्यम से डाउनलोड कर सकेंगे।
15 को पहली पाली में शिक्षा विभाग के मध्य विद्यालयों में गणित एवं विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत एवं उर्दू शिक्षकों के लिए परीक्षा होगी।
दूसरी पाली में शिक्षा विभाग व अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग के प्राथमिक विद्यालयों में सामान्य, उर्दू एवं बांग्ला विषयों के लिए परीक्षा होगी। स्थगित और उच्च माध्यमिक के लिए जल्द ही विस्तृत कार्यक्रम की घोषणा की जाएगी।
16 को माध्यमिक विद्यालयों के लिए होनी थी परीक्षा16 मार्च को एकल पाली में शिक्षा विभाग के माध्यमिक विद्यालयों में हिंदी, बांग्ला, उर्दू, संस्कृत, अरबी, फारसी, अंग्रेजी, विज्ञान, गणित, ललित कला, नृत्य, शारीरिक शिक्षा, मैथिली, संगीत एवं सामाजिक विज्ञान तथा अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग के कक्षा छह से 10वीं के लिए कंप्यूटर साइंस, संगीत, कला को छोड़कर शेष विषयों के लिए परीक्षा होनी थी।
यह भी पढ़ें: Mahashivratri 2024: 8 मार्च को महाशिवरात्रि पर बन रहा दुर्लभ सिद्धयोग, पूजा करने की सही विधि से मिलेगा पूर्ण फल
मोदी-नीतीश की राह में 'स्पीड ब्रेकर' कौन? दिल्ली से पटना तक परिक्रमा चालू, चाचा-भतीजा ने भी बढ़ाई NDA की टेंशन
रमण शुक्ला, पटना। भाजपा प्रदेश चुनाव समिति की बैठक में पार्टी के भावी लड़ाकों के नाम पर मंथन के साथ ही राजग प्रत्याशियों के बीच चुनावी तैयारियों को लेकर गहमागहमी बढ़ गई है। पर, टिकट को लेकर स्थिति 12 मार्च के बाद ही स्पष्ट होगी। इसके पीछे कई कारण हैं। पहला कारण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का 11 मार्च तक विदेश दौरे पर रहना।
दूसरा, भाजपा के सहयोगी दल लोजपा, हम एवं राष्ट्रीय लोक मोर्चा के साथ टिकट बंटवारा को लेकर अभी तक संयुक्त रूप से एक भी बैठक नहीं होना और तीसरा लोजपा में चाचा-भतीजे के बीच पसंदीदा सीटों को लेकर गुत्थी सुलझाने की चुनौती। सभी बिंदुओं पर समन्वय भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को ही स्थापित करना है।
अंदर खाने खींचतान चरम परइसी बीच राजग में सीट शेयरिंग को लेकर अंदर खाने खींचतान चरम पर है। उधर, भाजपा के वर्तमान सांसदों के साथ ही टिकट के लिए पटना से दिल्ली तक परिक्रमा कर रहे नेताओं की बेचैनी बढ़ी हुई है। इसके पीछे कारण यह है कि भाजपा के लोकसभा पर्यवेक्षकों की बैठक में नाम पर चर्चा की भनक समर्थकों को लग गई है। अब उत्साहित समर्थक क्षेत्र में कूच करने का दबाव बना रहे हैं।
2019 के लोकसभा चुनाव में क्या हुआ था?इधर, राज्य में लोकसभा की 40 सीटें हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में राजग की एकतरफा जीत हुई थी। राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के खाते में 39 सीटें गईं थीं। इसमें वर्तमान में भाजपा के खाते में 17, जदयू को 16 एवं छह सीटें लोजपा जीती थी। अब लोकसभा चुनाव के समय एक रही लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) अब दो हिस्से में बंट चुकी है।
लोकसभा के रिकॉर्ड के अनुसार चिराग पासवान लोजपा (रा) के इकलौते सांसद हैं। जबकि केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस की पार्टी रालोजपा के पांच सांसद हैं। अब भाजपा के सामने राजग का मुखिया होने के नाते चाचा-भतीजे के बीच एका कराने के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हम एवं उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा बीच टिकट बंटवारे का गणित हल करना है।
ये भी पढे़ं- Nitish Kumar के दोस्त का इस बार क्या होगा? 2014 और 2019 में नहीं गली थी दाल, अब बेटे पर लगा सकते हैं दांव
ये भी पढे़ं- PM Modi की रैली से चिराग-उपेंद्र फिर नदारद, क्या NDA के साथ पार्टनर ही करने जा रहे 'खेला'?