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दिल्ली-NCR में तेज हवाओं ने बढ़ाई ठंड, राजस्थान में भी गिरा पारा; पढ़ें IMD का लेटेस्ट अपडेट

Dainik Jagran - National - March 5, 2025 - 8:08am

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देशभर में इस वक्त तेजी से मौसम का मिजाज बदल रहा है। उत्तर भारत के तमाम राज्यों को तेज हवाओं का सामना करना पड़ रहा है, पश्चिमी विक्षोभ के एक्टिव होने से पहाड़ी राज्यों जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भीषण बर्फबारी और बारिश होने से तापमान में गिरावट दर्ज की गई, जिससे एक बार फिर कड़ाके की सर्दी का एहसास हो रहा है।

वहीं IMD ने मौसम को लेकर लेटेस्ट अपडेट जारी किया है। मैदानी इलाके हरियाणा-पंजाब, दिल्ली-एनसीआर में बादलों की आवाजाही हो सकती है। मैदानी इलाकों में 5 से 8 मार्च 2025 तक मौसम साफ बना रहेगा।

पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के मैदानी इलाकों में पहले ही मौसम सुहावना हो गया है। पहाड़ों पर बर्फबारी और बारिश के कारण दिल्ली-एनसीआर समेत मैदानी इलाकों में ठंडी हवाएं चल रही हैं।

यूपी में कैसा रहेगा मौसम

बात करें अगर यूपी के मौसम की तो यूपी में ठंड और कोहरा लगभग खत्म हो चुका है। अब दिन में तेज धूप से गर्मी महसूस हो रही है,लेकिन शाम को ठंडी हवाएं मौसम को सुहाना बना रही हैं। आज 20-30 किमी/घंटे की रफ्तार से तेज हवा चलने की संभावना है। 

बिहार में बढ़ रही गर्मी

बिहार में अब ठंड पूरी तरह खत्म हो चुकी है। कई जिलों में तापमान 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। आज वहां बड़े बदलाव की संभवना नहीं है। 8-9 मार्च को कुछ इलाकों में हल्की बारिश हो सकती है, लेकिन गर्मी का असर जारी रहेगा।

इस सप्ताह के दौरान उत्तर भारत में मौसम की स्थिति बदलने की संभावना है। निचले स्तरों पर तेज हवाएं चलेंगी। अगले 3 दिनों तक अधिकतम तापमान में मामूली गिरावट होने की संभावना है। 8 और 9 मार्च के आसपास एक ताजा मौसम प्रणाली के आगमन के साथ, प्रचलित हवा का पैटर्न एक बार फिर बदल जाएगा और निचले स्तर पर अशांत हो जाएगा।

राजस्थान में ठंडी हवाओं का असर

राजस्थान में मौसम लगातार बदल रहा है। दिन में धूप का प्रकोप तेज रहता है, लेकिन रात में ठंडी हवाएं चल रही हैं, जिससे तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। 6 मार्च तक ठंडी हवाओं का असर रहेगा, लेकिन 7 मार्च के बाद तापमान तेजी से बढ़ सकता है।

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Categories: Hindi News, National News

Bihar Weather Today: बिहार में होली से पहले मौसम बिगड़ने का अलर्ट, 6 जिलों में दिखेगा प्रभाव

Dainik Jagran - March 5, 2025 - 7:40am

जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Weather News: बिहार में होली से पहले मौसम बिगड़ने वाला है। 8 मार्च से 6 जिलों में इसका प्रभाव दिख सकता है। इस दौरान लोगों से सावधान रहने की अपील की गई है। होली के दौरान तापमान में कमी देखी जा सकती है।

वहीं अगले 24 से 48 घंटे की बात करें तो प्रदेश के पश्चिमी भागों व इसके आसपास के इलाकों में दोपहर से शाम तक सतही हवा की गति 10-20 किमी प्रतिघंटा और झोंके के साथ 30 किमी प्रति घंटे से पछुआ हवा चलने की संभावना है।

24 घंटे के बाद प्रदेश के अनेक भागों के अधिकतम व न्यूनतम तापमान में दो से तीन डिग्री की गिरावट का पूर्वानुमान है।

8 मार्च को 6 जिलों में बारिश का अलर्ट

 8-9 मार्च के बीच पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालय के भागों को प्रभावित करेगा। इसके कारण 8 मार्च को किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर, बांका व जमुई जिले के एक या दो स्थानों पर झोंके के साथ मेघ गर्जन, वज्रपात को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है।

मौसम में आए बदलाव के कारण पटना सहित अधिसंख्य भागों के न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई। पटना का न्यूनतम तापमान 18.6 डिग्री सेल्सियस जबकि 10.5 डिग्री सेल्सियस के साथ पुपरी (सीतामढ़ी) में सबसे कम न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया। प्रदेश के कुछ जिलों के न्यूनतम तापमान दाे से चार डिग्री सेल्सियस के उपर बना रहा।

पिछले 24 घंटे में कैसा रहा मौसम

राजधानी का अधिकतम तापमान 0.5 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि के साथ 30.6 डिग्री सेल्सियस व 32.9 डिग्री सेल्सियस के साथ औरंगाबाद में सबसे अधिकतम तापमान दर्ज किया गया। मधेपुरा, फारबिसगंज, किशनगंज व कटिहार को छोड़ कर पटना सहित अधिसंख्य जिलों के अधिकतम तापमान में वृद्धि दर्ज की गई।

पटना व आसपास इलाकों में तेज हवा के प्रवाह व कुछ स्थानों पर आंशिक रूप से बादल छाए रहने के कारण मौसम सामान्य बना रहा।

भागलपुर में आंधी-तूफान के साथ बूंदा-बांदी की संभावना

भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार पांच से नौ मार्च के मध्य दक्षिण बिहार के जिलों में आसमान साफ एवं मौसम शुष्क रहेगा। हालांकि भागलपुर, बांका व मुंगेर जिलों में में छह से नौ मार्च के मध्य पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से बिजली चमकने और तेज हवा (30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटा) चलने एवं बादल के गर्जन के साथ बूंदा-बांदी होने का अनुमान है।

अधिकतम तापमान 29 से 31 और न्यूनतम तापमान 13 से 15 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। सापेक्ष आर्द्रता सुबह में 75 से 80 प्रतिशत तथा दोपहर में 35 से 40 प्रतिशत रहने की संभावना है। पूर्वानुमान की अवधि में नौ से 14 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पश्चिमी हवा चलेगी।

बिहार कृषि विश्वविद्यालय की मौसम विज्ञानी डा. नेहा पारीक ने बताया कि मंगलवार को अधिकतम तापमान 31 डिग्री और न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। 84 प्रतिशत आद्रता के साथ 5.8 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफतार से पश्चिमी हवा चल रही है। तापमान बढ़ने के आसार हैं।

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Aravali Green Project: अरावली ग्रीन परियोजना से सुधरेगा इकोसिस्टम, पहले चरण में आठ लाख हेक्टेयर क्षेत्र पर होगा काम

Dainik Jagran - National - March 5, 2025 - 7:13am

पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्र ने अपनी महत्वाकांक्षी अरावली ग्रीन वाल परियोजना के पहले चरण में आठ लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में बिगड़े हुए इकोसिस्टम को सुधारने की योजना बनाई है। इस परियोजना के तहत उत्तर पश्चिम भारत में अरावली पर्वत श्रृंखला के चारों ओर हरित बफर क्षेत्र विकसित करना है। यह पहल भारत के जलवायु लक्ष्य को हासिल करने में अहम होगी।

सरकार अनुमानित 16,053 करोड़ रुपये खर्च कर सकती है

अरावली जीर्णोद्धार की कार्ययोजना के अनुसार सरकार पहले चरण में सरकार अनुमानित 16,053 करोड़ रुपये खर्च कर सकती है। इस परियोजना का उद्देश्य भूक्षरण और थार रेगिस्तान के पूर्व की ओर विस्तार को नियंत्रित करना है।

गुजरात से दिल्ली तक 700 किलोमीटर तक फैली अरावली पर्वतमाला मरुस्थलीकरण के विरुद्ध प्राकृतिक अवरोध का काम करती है, जो थार रेगिस्तान के विस्तार को रोकती है तथा दिल्ली, जयपुर और गुरुग्राम जैसे शहरों की रक्षा करती है।

भारत की सबसे पुरानी पर्वत श्रृंखला अरावली

भारत की सबसे पुरानी पर्वत श्रृंखला अरावली, चंबल, साबरमती और लूनी जैसी महत्वपूर्ण नदियों का स्त्रोत है। इसके जंगल, घास के मैदान और आ‌र्द्रभूमि लुप्तप्राय पौधों और जानवरों की प्रजातियों को आश्रय देते हैं।

हालांकि, वनों की कटाई, खनन और अतिक्रमण के कारण मरुस्थलीकरण की स्थिति भयावह होती जा रही है, भूजल को नुकसान पहुंच रहा है, झीलें सूख रही हैं तथा वन्यजीवों को जीवित रखने की इस क्षेत्र की क्षमता कम हो रही है।

2023 में 'अरावली ग्रीन वॉल' पहल शुरू

इन समस्याओं से निपटने के लिए सरकार ने मार्च 2023 में 'अरावली ग्रीन वॉल' पहल शुरू की। इस परियोजना का उद्देश्य गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली में 64.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में पांच किलोमीटर चौड़ी पट्टी के रूप में हरित पट्टी बफर जोन स्थापित करना है।

इस बफर जोन के अंतर्गत आने वाली करीब 42 प्रतिशत (27 लाख हेक्टेयर) जमीन क्षरित है। इसके मुताबिक कुल क्षरित भूमि का 81 प्रतिशत राजस्थान में, 15.8 प्रतिशत गुजरात में, 1.7 प्रतिशत हरियाणा में तथा 1.6 प्रतिशत दिल्ली में है। भूमि क्षरण ऐसी प्रक्रिया है जिसमें भूमि की उत्पादक क्षमता कम हो जाती है।

2.6 करोड़ हेक्टेयर बंजर भूमि को उपजाऊ बनाया जाएगा

परियोजना के पहले चरण में 8,16,732 हेक्टेयर दर्ज वन क्षेत्र को बहाल किया जाएगा। इसमें दिल्ली में 3,010 हेक्टेयर, गुजरात में 5,677 हेक्टेयर, हरियाणा में 3,812 हेक्टेयर और राजस्थान में 99,952 हेक्टेयर शामिल हैं। इसके तहत 2.5 से 3 अरब टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर अतिरिक्त अवशोषण क्षमता का विकास होगा तथा 2030 तक 2.6 करोड़ हेक्टेयर बंजर भूमि को पुन: उपजाऊ बनाया जाएगा।

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