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Nagpur Fire: नागपुर की फैक्ट्री में बड़ा हादसा, आग लगने से 5 लोगों की मौत

Dainik Jagran - National - April 12, 2025 - 12:11pm

नागपुर, एएनआई। महाराष्ट्र के नागपुर में मौजूद एल्युमीनियम फैक्ट्री में अचानक आग लग गई। इस लोग इस आग की चपेट में आ गए। खबरों की मानें तो इस हादसे में 5 लोगों की मौत हो गई है। वहीं, चार लोग गंभीर रूप से घायल हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया है। इस घटना से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है।

9 लोग आग में झुलसे

न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार नागपुर जिले की एल्युमीनियम फैक्ट्री अचानक से आग की चपेट में आ गई। इस आग में 9 लोग बुरी तरह से झुलस गए। इनमें से 3 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं 6 गंभीर रूप से घायल थे। घायलों को इलाज के लिए नजदीकी मेडिकल कॉलेज भेजा गया। इस दौरान 2 अन्य लोगों ने भी दम तोड़ दिया। 4 घायलों की हालत अभी भी गंभीर बताई जा रही है।

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विस्फोट के बाद लगी आग

नागपुर ग्रामीण के एसपी हर्ष पोद्दार ने बताया कि उमरेर में स्थित एल्युमीनियम फैक्ट्री में भयंकर विस्फोट हुआ। इसी दौरान फैक्ट्री में भीषण आग लग गई। इस हादसे में 5 लोगों की जान चली गई है। मृतकों में मौजूद 2 लोगों ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। वहीं 3 मृतकों का पहले कुछ पता नहीं चला। हालांकि बाद में उनके शवों की भी शिनाख्त हो गई है।

#WATCH | Nagpur | Visuals from outside MMP factory where 5 people died in fire incident

Five people died in an explosion at an Aluminium Foil Factory in Umrer, two people died in the hospital during treatment, while the death of 3 missing persons has been confirmed: Harsh… https://t.co/pD1OxDynLS pic.twitter.com/EMsImnmhyW

— ANI (@ANI) April 12, 2025

कई घंटे बाद बुझी आग

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो यह हादसा बीती शाम तकरीबन 7 बजे का है। फैक्ट्री में अचानक विस्फोट हुआ। धमाका इतना तेज था कि इसकी आवाज कई किलोमीटर तक सुनने को मिली। हादसे की सूचना पुलिस को दी गई। वहीं फायर ब्रिगेड ने मौके पर पहुंच कर आग बुझाना शुरू कर दिया। कई घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया है।

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असम में दुर्लभ प्रजाति की छिपकलियां बरामद, लाखों में है इसकी कीमत; तस्करी कर रहे तीन गिरफ्तार

Dainik Jagran - National - April 12, 2025 - 12:03pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। असम के डिब्रूगढ़ जिले में पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन लोगों के कब्जे से दुर्लभ प्रजाति की छिपकली टोकाय गेको (Tokay Gecko) की 11 छिपकलियों को बरामद किया है और तस्करों को गिरफ्तार किया है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इन छिपकलियों की भारी मांग है, लेकिन भारत में इनका निर्यात पूरी तरह से प्रतिबंधित है। टोकाय गेको प्रजाति की छिपकली को वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972 के तहत अति संकटग्रस्त प्रजातियों में शामिल किया गया है।

इन छिपकलियों की तस्करी करने के मामले में अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उसे अधिकतम सात साल की सख्त कैद हो सकती है।

₹60 lakhs + for a lizard? Not on our watch.

Acting on intel from @WJCommission South Asia, @STFAssam & @dibrugarhpolice rescued 11 Tokay Geckos from traffickers, 3 persons have been arrested & vehicles seized.

The Geckos will be released back into the wild. pic.twitter.com/6L6bcWLLGK

— Assam Police (@assampolice) April 11, 2025

असम और अरुणाचल में सीमित संख्या में पाई जाती है यह प्रजाति

टोकाय गेको छिपकलियां भारत में केवल असम और अरुणाचल प्रदेश के कुछ चुनिंदा इलाकों में ही मिलती है। इन छिपकलियों की दक्षिण-पूर्व एशिया के ग्रे मार्केट में भारी मांग है। इसलिए लोग इन छिपकलियों की तस्करी करते हैं।

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान

गिरफ्तार किए गए तस्करों की पहचान 34 वर्षीय देबाशीष डोहुटिया, 28 वर्षीय मनाश डोहुटिया और 40 वर्षीय दीपांकर घरफलिया के रूप में हुई है। बता दें कि पुलिस को टोकाय गेको की तस्करी की गुप्त सूचना मिली थी। इसके बाद स्पेशन टास्क फोर्स और डिब्रूगढ़ पुलिस की संयुक्त टीम ने मोहनबाड़ी इलाके में जाल बिछाया।

पुलिस ने बताया कि तीनों संदिग्ध तस्कर मोहनबाड़ी टिनियाली स्थित 'सन फिस्ट ढाबा' में मिले। दो तस्कर सफेद कार से आए थे और एक मोटरसाइकिल से आया था। कुछ देर बाद कार चालक ढाबे से बाहर निकला और कार से एक लाल रंग का बैकपैक लेकर वापस ढाबे में गया। तभी STF की टीम ने छापेमारी कर तीनों को गिरफ्तार कर लिया।

अरुणाचल से लाकर बेचने की थी योजना

पूछताछ में तस्करों ने बताया कि उन्होंने इन छिपकलियों को अरुणाचल प्रदेश से इकट्ठा किया था और प्रत्येक को 1 लाख रुपये में बेचने की योजना बनाई थी।

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कभी था बेहद खास... अब तहव्वुर राणा का काल बनेगा मिस्ट्री गवाह, NIA करवाएगी आमना-सामना

Dainik Jagran - National - April 12, 2025 - 11:35am

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आतंकी तहव्वुर राणा से पूछताछ शुरू कर दी है। 18 दिनों की हिरासत में एजेंसी उससे कई राज उगलवाना चाहती है। उससे पाकिस्तानी की खुफिया एजेंसी आईएसआई, हमले में शामिल अन्य सहयोगियों और मुंबई के अलावा किन-किन शहरों को निशाना बनाने की साजिश रची गई थी... इस बारे में पूछताछ की जाएगी।

राणा का आमना-सामना एक मिस्ट्री गवाह से करवाया जाएगा। बताया जा रहा है कि इसी गवाह ने साल 2006 में डेविड कोलमैन हेडली का मुंबई में स्वागत किया था। गवाह उस समय तहव्वुर राणा का बेहद खास था। 

हेडली का स्वागत करने वाला बना गवाह

हिंदुस्तान टाइम्स ने एनआईए के हवाले से बताया कि 2006 से मुंबई हमले की साजिश रची जा रही थी। पाकिस्तान में डेविड हेडली ने आईएसआई और लश्कर के आतंकियों से मिला। उन्होंने हेडली को मुंबई के अहम स्थानों की वीडियोग्राफी करने का निर्देश दिया। इसके बाद हेडली मुबंई पहुंचा। यहां उस प्रोटेक्टेड गवाह ने उसका स्वागत किया।

बताया जा रहा है कि यह व्यक्ति राणा का करीबी था। उसके ही निर्देश पर हेडली की मेजबानी की थी। अदालत में भी इस गवाह की पहचान को गोपनीय रखा है ताकि सुरक्षा से जुड़ा खतरा पैदा न हो। अब राणा के खिलाफ यही गवाह अहम साबित होगा।

अन्य शहरों में भी रची गई थी साजिश

आतंकी तहव्वुर राणा 18 दिन तक एनआईए की हिरासत में रहेगा। एजेंसी ने राणा से गहन पूछताछ शुरू कर दी है। एनआईए ने अदालत को बताया कि राणा ने देश के अन्य शहरों में भी मुंबई जैसे हमले की साजिश रची थी।

हेडली के साथ मिलकर बनाया था प्लान

गुरुवार की शाम तहव्वुर राणा को अमेरिका से एक चार्टर्ड विमान से दिल्ली लाया गया। तहव्वुर 26/11 के मुख्य साजिशकर्ता डेविड कोलमैन हेडली उर्फ ​​दाऊद गिलानी का करीबी है। हेडली एक अमेरिकी आतंकी है। उसने ही लश्कर-ए-तैयबा और हरकत-उल-जिहादी इस्लामी संगठन के साथ मिलकर मुंबई हमले की साजिश रची थी।

आईएसआई के बारे में होगी पूछताछ

सूत्रों ने बताया कि राणा से पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के अधिकारियों के साथ उसके रिश्तों और हमले के पीछे सटीक भूमिका के बारे में भी पूछताछ की जाएगी। इसके अलावा राणा को देश के बाकी हिस्सों में ले जाने की योजना है ताकि 17 साल पहले हुए आतंकी हमले के तारों को अहम साक्ष्यों के साथ जोड़ा जा सके। क्राइम सीन रिक्रिएट भी की जा सकती है।

राणा कर चुका इन शहरों की यात्रा 

जांच में यह भी सामने आया है कि मुंबई हमले से पहले तहव्वुर राणा ने देश के कई हिस्सों में यात्रा की थी। सूत्रों के मुताबिक राणा ने 13 नवंबर से 21 नवंबर 2008 के बीच अपनी पत्नी समराज राणा अख्तर के साथ हापुड़, आगरा, दिल्ली, कोच्चि, अहमदाबाद और मुंबई की यात्रा की थी। माना जा रहा है कि देश के अन्य शहरों में हमले की उद्देश्य से ही राणा ने इन इलाकों की यात्रा की थी। हालांकि इसकी सटीक जानकारी पूछताछ के बाद ही सामने आएगी।

एनआईए मुख्यालय की सुरक्षा बढ़ी

सूत्रों के मुताबिक तहव्वुर राणा को सीजीओ कॉम्प्लेक्स में आतंकवाद विरोधी एजेंसी के मुख्यालय के अंदर एक उच्च-सुरक्षा सेल में रखा गया है। यहां चौबीसों घंटे सुरक्षाकर्मी उसकी सुरक्षा में तैनात हैं। उधर, एनआईए कार्यालय के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और दिल्ली पुलिस के जवानों को सुरक्षा में तैनात किया गया है।

(एजेंसी के इनपुट के साथ)

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Patna News: साइबर ठगों का नया पैंतरा, युवती के नाम से फर्जी ID बनाकर युवक को फंसाया; अब कर रहे ब्लैकमेल

Dainik Jagran - April 12, 2025 - 11:05am

जागरण संवाददाता, पटना। पटना में साइबर अपराधियों ने एक नया तरीका अपनाया है। उन्होंने फेसबुक पर एक युवती के नाम से फर्जी प्रोफाइल बनाई और उस पर लड़की की तस्वीर लगाकर एक युवक को अपने जाल में फंसा लिया। अब ठगों द्वारा युवक से पैसे की मांग की जा रही है।

अश्लील वीडियो कॉल और ब्लैकमेल

इस गिरोह ने युवती के माध्यम से युवक को अश्लील वीडियो कॉल करने के लिए उकसाया और उस कॉल को रिकॉर्ड कर लिया। इसके बाद, युवक और उसकी पत्नी की तस्वीरों को एडिट करके अश्लील वीडियो बना दिया।

30 लाख रुपये की फिरौती

अब ये अपराधी रिकॉर्ड किए गए वीडियो और एडिटेड तस्वीरों को सार्वजनिक करने की धमकी दे रहे हैं और युवक से 30 लाख रुपये की मांग कर रहे हैं। पीड़ित ने इस मामले की शिकायत साइबर पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई है।

पुलिस जांच में जुटी

पीड़ित ने पुलिस को बताया कि उसे "चांदनी" नाम के प्रोफाइल से फ्रेंड रिक्वेस्ट आई थी। दोस्ती के बाद, उस लड़की ने उसे दानापुर रेलवे स्टेशन के पास मिलने के लिए बुलाया, लेकिन वह नहीं गया। इसके बाद उसे एक और लड़की के नाम से मैसेज आया, जिससे उसे एहसास हुआ कि वह ठगों के जाल में फंस चुका है।

क्रेडिट कार्ड के नाम पर धोखाधड़ी

एक अन्य घटना में, पुनाईचक के एक युवक को अनजान नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को बैंक कर्मचारी बताया और क्रेडिट कार्ड के बारे में बात की। उसने युवक को व्हाट्सएप पर स्क्रीन शेयर करने के लिए कहा और उसकी तस्वीरें ले लीं।

इसके बाद, उसने युवक को अपने दूसरे बैंक खाते के क्रेडिट कार्ड नंबर को एडिट करके शेयर करने के लिए कहा। जैसे ही युवक ने स्क्रीन शेयर की और क्रेडिट कार्ड नंबर दिया, उसके तुरंत बाद उसके खाते से 20 हजार रुपये निकल गए।

ठगों ने खाते से उड़ाए पैसे

इसी तरह, बाढ़ के एक व्यक्ति के मोबाइल और ईमेल को हैक करके उसके बैंक खाते से छह बार में 10 लाख रुपये अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर दिए गए। साइबर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। एक अन्य मामले में, बाढ़ के एक व्यापारी को ट्रक देने के नाम पर दस लाख रुपये की ठगी की गई है।

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MP News: 5 साल से थी नौकरी की तलाश, विदेशी होने का दावा; फर्जी डॉक्टर की इनसाइड स्टोरी

Dainik Jagran - National - April 12, 2025 - 11:01am

पीटीआई, इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में एक शख्स ने नौकरी के लिए आवेदन किया। बायोडाटा में उसने खुद को कार्डियोलॉजिस्ट यानी हृदय रोग विशेषज्ञ बताया। उसका दावा था कि वो पिछले कई सालों से इस प्रोफेशन में है और हजारों मरीजों की हार्ट सर्जरी कर चुका है। इस शख्स का नाम नरेंद्र यादव उर्फ एनकेम जॉन था, जिसने एक ही कंपनी में 3 बार जॉब के लिए अप्लाई किया था।

नरेंद्र को पुलिस ने पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से गिरफ्तार किया। उस पर कई मरीजों की जान लेने का आरोप है। मध्य प्रदेश के दमोह में उसकी वजह से 7 लोगों को जान से हाथ धोना पड़ गया।

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5 साल में 3 बार किया अप्लाई

न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार इंदौर की एक कंसल्टेंसी फर्म के अध्यक्ष पंकज सोनी ने बताया कि नरेंद्र ने पिछले 5 साल में 3 बार नौकरी के लिए आवेदन जमा किया था। 2020, 2023 और 2024 में हमें नरेंद्र का बायोडाटा मिला। हमारी फर्म देश के कई अस्पतालों से जुड़ी है। इन अस्पतालों में हम डॉक्टर्स की भर्ती करवाते हैं।

#WATCH | Damoh, Madhya Pradesh | Damoh Fake doctor case | Executive Magistrate Raghunandan Chaturvedi says, "... (On the instructions of the district administration) The team of doctors have sealed the cath lab (of the Mission Hospital). Further investigation is underway..."

Dr… pic.twitter.com/nm6AspMqLq

— ANI (@ANI) April 11, 2025

2020 में भेजा बायोडाटा

पंकज सोनी का कहना है कि 2020 में एक अस्पताल को हृदय रोग विशेषज्ञ की जरूरत थी। इसके लिए हमने ऑनलाइन विज्ञापन जारी किया। नरेंद्र ने इस दौरान पहली बार अपना बायोडाटा हमें भेजा था। 9 पेज का यह बायोडाटा देखकर हमें आश्चर्य हुआ।

विदेश में डॉक्टरी का अनुभव

नरेंद्र के बायोडाटा के मुताबिक उसके पास मेडिकल की कई डिग्रियां थीं। इसमें उसने लिखा था कि वो ब्रिटेन, अमेरिका, जर्मनी, स्पेन और फ्रांस के कई बड़े अस्पतालों में काम कर चुका है। यह देखकर हम दंग रह गए कि विदेश में सर्विस देने वाला एक बड़ा डॉक्टर भारत के छोटे शहरों में नौकरी के लिए अप्लाई कर रहा है। हमें उस पर शक हुआ और हमने उसका बायोडाटा नजरअंदाज कर दिया।

9 पेज का बायोडाटा बनाया

नरेंद्र ने दोबारा 2023 में फिर से अपना बायोडाटा भेजा, जिसे हमने बुरहानपुर के एक अस्पताल में भेज दिया। अस्पताल के स्टॉफ ने भी इस बायोडेटा पर संदेह व्यक्त किया। इसके बाद हमने इस बायोडाटा को भेजना बंद कर दिया। 2024 में नरेंद्र ने फिर से 9 पेज का बायोडाटा शेयर किया और इस बार खुद को सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट बताते हुए ब्रिटेन का पता दिया। नरेंद्र ने 9 पेज के इस बायोडाटा में बताया कि वो हजारों मरीजों की हार्ट सर्जरी कर चुका है। इसके अलावा उसने 18,740 कोरोनरी एंजियोग्राफी और 14,236 कोरोनरी एंजियोप्लास्टी ऑपरेशन भी किए हैं।

#WATCH | Damoh, Madhya Pradesh | Fake doctor case: Accused doctor Narendra John Camm, who was arrested from Prayagraj (UP) yesterday, is being presented in the district court in Damoh, Madhya Pradesh. pic.twitter.com/KdpQryWOmL

— ANI (@ANI) April 8, 2025

CMHO ने की शिकायत

नरेंद्र अभी पुलिस की हिरासत में है। जांच के मद्देनजर पुलिस ने दमोह मिशनरी अस्पताल की लैब को सील कर दिया है। दमोह के चीफ मेडिकल और हेल्थ ऑफिसर (CMHO) एमके जैन ने नरेंद्र के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

क्या है पूरा मामला?

बता दें कि दमोह के मिशनरी अस्पताल में कार्यरत फर्जी सर्जन नरेंद्र यादव उर्फ एनकेम जॉन ने 15 मरीजों की हार्ट सर्जरी की। नरेंद्र से सर्जरी करवाने वाले 7 मरीजों की मौत हो गई, जिसके बाद CMHO एमके जैन को नरेंद्र पर शक हुआ। पुलिस की पूछताछ में नरेंद्र ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। उसका कहना है कि उसके पास एमबीबीएस की असली डिग्री है, लेकिन कार्डियोलॉजिस्ट की डिग्री पूरी तरह से नकली है। उसने अपना नाम बदलकर एनकेम जॉन कर लिया और इसी नाम पर सभी फर्जी दस्तावेज भी तैयार कर लिए।

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