Feed aggregator
Retail inflation eases to 3.34%, lowest since 2019 - The Hindu
- Retail inflation eases to 3.34%, lowest since 2019 The Hindu
- India’s retail inflation slips to over 5-year low, opens door to more rate cuts The Indian Express
- India's wholesale inflation lands to 2.05% in March on falling food prices Times of India
- Food inflation plunges to 40-month low financialexpress.com
- Retail Inflation Falls To 3.34% In March, Lowest Since August 2019 NDTV
IndusInd Bank: External probe finds 'negative impact' of Rs 1,979 crore from derivative discrepancies - Moneycontrol
- IndusInd Bank: External probe finds 'negative impact' of Rs 1,979 crore from derivative discrepancies Moneycontrol
- Accounting lapses in derivative portfolio to cost IndusInd Bank Rs 1,979 cr Times of India
- IndusInd says derivative losses at Rs 1979 crore based on PWC report The Economic Times
- IndusInd Bank Will Take Rs 1,979-Crore Hit Due To Derivative Gaps, Confirms External Probe NDTV Profit
- IndusInd Bank flags 2.27% net worth hit from ₹1,979-crore worth lapse in derivates post external probe Mint
Trump Escalates Harvard Row, Threatens To Tax It As A "Political Entity" - NDTV
- Trump Escalates Harvard Row, Threatens To Tax It As A "Political Entity" NDTV
- ‘Terrorist-inspired sickness’: Trump threatens Harvard’s tax-exempt status after university defies federal demands The Indian Express
- The Promise of American Higher Education Harvard University
- How Harvard University’s Funding Works Time Magazine
- Trump Vs Harvard: If He Wins, America Loses Times of India
तमिल-मराठी विवाद के बीच असम में अनिवार्य हुई असमिया भाषा, लेकिन इन जिलों को छूट
पीटीआई, गुवाहाटी। असम में बराक घाटी के तीन जिलों और बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र (बीटीआर) के पांच जिलों को छोड़कर पूरे राज्य में सभी आधिकारिक कार्यों में असमिया भाषा का इस्तेमाल अनिवार्य रूप से किया जाएगा।
15 अप्रैल असमिया नववर्ष 'बोहाग' से यह नियम लागू होगा। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि 'बोहाग' से असमिया पूरे असम में सभी सरकारी अधिसूचनाओं, आदेशों, अधिनियमों आदि के लिए अनिवार्य आधिकारिक भाषा होगी। बराक घाटी और बीटीआरआर जिलों में क्रमश: बंगाली और बोडो भाषाओं का उपयोग किया जाएगा।
सरकार कार्यालयों में असमिया भाषा अनिवार्यआधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, सभी सरकारी अधिसूचनाएं, कार्यालय ज्ञापन, अधिनियम, नियम, विनियम, योजना दिशानिर्देश, स्थानांतरण और पो¨स्टग आदेश अंग्रेजी और असमिया दोनों में जारी किए जाएंगे।
जारी की गई अधिसूचनाराज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह और राजनीतिक विभाग) अजय तिवारी की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि बराक घाटी के कछार, हैलाकांडी और श्रीभूमि जिलों में आधिकारिक उद्देश्यों के लिए अंग्रेजी के अलावा बांग्ला भाषा का भी इस्तेमाल किया जाएगा।
इसी तरह, बीटीआर के तहत कोकराझार, चिरांग, बक्सा, उदलगुरी और तामुलपुर में आधिकारिक उद्देश्यों के लिए अंग्रेजी के अलावा बोडो भाषा का भी उपयोग किया जाएगा।
यह भी पढ़ें: कटारा हत्याकांड: 'राज्य को निष्पक्ष होना चाहिए', मेडिकल बोर्ड को लेकर SC ने दिल्ली और UP सरकार लगाई फटकार
यह भी पढ़ें: देश की पुलिस बल में महिलाओं की कितनी भागीदारी? चौंकाने वाली रिपोर्ट आई सामने
Tech Wrap April 15: Motorola Edge 60 Stylus, Redmi A5, Apple privacy, more - Business Standard
- Tech Wrap April 15: Motorola Edge 60 Stylus, Redmi A5, Apple privacy, more Business Standard
- Motorola Edge 60 Stylus launched in India: Price, features, availability The Hindu
- Motorola Edge 60 Pro 5G expected to launch in India under Rs 33000: Specs leaked India TV News
- OML conceptualises and executes a multi-platform campaign for the Moto Edge 60 Fusion launch on Flipkart that gets the internet talking afaqs!
- 10 things to know about Motorola Edge 60 Stylus Moneycontrol
ईरान-अमेरिका की दोस्ती से भारत की बल्ले-बल्ले, पाकिस्तान की बढ़ जाएगी टेंशन? जानिए क्या है पूरा मामला
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। ईरान और अमेरिका के बीच परमाणु वार्ता का पहला दौर समाप्त हो चुका है। दोनों पक्षों ने कहा है कि जल्द ही वार्ता के दूसरे दौर की तारीख व स्थल भी तय किया जाएगा। इस बीच ईरान के आयातुल्लाह अली खामनेई ने भी वार्ता को अपना समर्थन दे दिया है। ऐसे में भारत भी इन सारी गतिविधियों पर नजर रखे हुए हैं।
इस महीने के अंत में ब्रिक्स संगठन के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन विदेश मंत्री एस जयशंकर की ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अर्घची के साथ मुलाकात भी संभव है। यही नहीं अगर सब कुछ ठीक रहा तो जुलाई, 2025 में होने वाली ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (ब्राजील) में पीएम नरेन्द्र मोदी और ईरान के राष्ट्रपति डॉ. मसूद पेजेशकियान के साथ बैठक कराने को लेकर भी दोनों देशों के अधिकारियों के बीच संपर्क है।
ईरान को लेकर कड़ा रवैया अख्तियार कर सकते हैं ट्रंपसूत्रों ने बताया कि, “ट्रंप प्रशासन ने दोबारा सत्ता में आने के कुछ ही दिनों बाद चाबहार को लेकर भारत की विकास सहायता पर भी परोक्ष तौर पर पाबंदी लगाने का संकेत दिया था। यह चिंता की बात थी क्योंकि पूर्व की बाइडन सरकार ने जब ईरान पर प्रतिबंध लगाया था तो चाबहार को उससे अलग रखा था। ऐसे में भारत को इस बात की आशंका थी कि ईरान को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और कड़ा रवैया अख्तियार कर सकते हैं। ऐसे में अमेरिका और ईरान के बीच सीधी वार्ता की शुरूआत ने माहौल बदल दिया है।''
ईरान के दक्षिणी पश्चिमी तट पर स्थित चाबहार पोर्ट भारत की अभी तक की सबसे महत्वाकांक्षी योजना है। इसके जरिए भारत ना सिर्फ पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में चीन की तरफ से निर्मित ग्वादर बंदरगाह को चुनौती पेश करने की मंशा रखता है बल्कि भारतीय उत्पादों को मध्य एशियाई व यूरोपीय बाजार में भेजने के लिए इसका इस्तेमाल करना चाहता है।
ईरान के साथ तेल आपूर्ति को लेकर भारत की बातचीत जारीवर्ष 2016 में भारत और ईरान के बीच तब 8 अरब डॉलर के निवेश को लेकर समझौता हुआ था। मई, 2024 में भारत व ईरान के बीच चाबहार पोर्ट पर एक और टर्मिनल के निर्माण के लिए समझौता हुआ था।
अमेरिकी प्रतिबंधों की वजह से इसकी प्रगति बहुत उल्लेखनीय नहीं है। भारत की तेल कंपनियों के सूत्रों ने भी बताया है कि ईरान के साथ तेल आपूर्ति को लेकर बातचीत जारी है। वैसे यह तभी संभव होगा जब अमेरिकी सरकार की तरफ से ईरान पर लगे प्रतिबंध हटाये जाए।
ऐसा पूर्व में जुलाई, 2015 में बराक ओबामा की सरकार ने किया था। तब भारतीय कंपनियों ने अमेरिकी प्रतिबंध हटने के तकरीबन एक हफ्ते के भीतर ही पहला तेल सौदा कर लिया था। इस बार प्रतिबंध बहुत लंबा खींच गया है। पिछले कुछ समय से दोनों देशों के पेट्रोलियम सेक्टर में कोई खास संपर्क नहीं है। अब वह संपर्क फिर से स्थापित किया जा रहा है।
कभी ईरान भारत का दूसरा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता देश होता थातेल कंपनियों के सूत्रों का कहना है कि “जिस तरह से वैश्विक हालात अनिश्चित व अस्थिरत हैं उसमें भारत ईरान जैसे एक पुराने भरोसेमंद तेल आपूर्तिकर्ता देश के साथ निश्चित तौर पर कारोबार बढ़ाना चाहेगा।'' कभी ईरान भारत का दूसरा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता देश होता था। वर्ष 2018-19 में भारत ने ईरान से 12 अरब डॉलर मूल्य के कच्चे तेल की खरीद की थी।
अमेरिकी प्रतिबंध ने ईरान के पेट्रोलियम सेक्टर में बड़ी भूमिका निभाने की सोच रहे भारतीय कंपनियों के मंसूबों पर भी पानी फेर दिया है। अमेरिका व ईरान के बीच संबंधों में सुधार भारतीय कंपनियों को फिर से अपनी निवेश योजनाओं को आगे बढ़ाने का मौका दे सकता है।
यह भी पढ़ें: 'परमाणु सपना छोड़ो वरना झेलो हमला', ईरान को ट्रंप की सख्त चेतावनी; बोले- 'ये कट्टरपंथी लोग हैं'
Begusarai News: बेगूसराय में एक और कंपनी लगाने जा रही प्लांट, 1000 करोड़ रुपये का करेगी निवेश
राज्य ब्यूरो, पटना। Begusarai News: साफ्ट ड्रिंक तैयार करने वाली कंपनी कैंपा कोला बेगूसराय मे बिहार में अपनी पहली यूनिट लगाने जा रही। कैंपा कोला बेगूसराय में एक हजार करोड़ रुपए का निवेश करेगी। इसके तहत 35 एकड़ जमीन में कैंपा कोला का प्लांट लगाया जाएगा।
उद्योग विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बियाडा की प्रोजेक्ट क्लियरेंस कमेटी ने मंगलवार को कैंपा कोला को यूनिट लगाए जाने की मंजूरी प्रदान कर दी। हाल के दिनों में यह पहला मौका है जब किसी एक कंपनी द्वारा इतनी बड़ी राशि का निवेश किसी प्रोजेक्ट में किया जा रहा। बेगूसराय में पूर्व से एक दूसरी साफ्ट ड्रिंक कंपनी काम कर रही।
एक कैटल फीड बनाने वाली कंपनी को भी जमीन का क्लियरेंसवहीं प्रोजेक्ट क्लियरेंस कमेटी की बैठक में एक कैटल फीड बनाने वाली कंपनी को भी जमीन का क्लियरेंस दिया गया। यह कंपनी मुजफ्फरपुर इलाके में अपना यूनिट लगाएगी। इसका निवेश 20 करोड़ रुपए का है।
उद्योग विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इसके अलावा जिन औद्योगिक इकाईयों को प्रोजेक्ट क्लियरेंस कमेटी की बैठक में मंजूरी मिली वह बहुत बड़े आकार के निवेश वाली नहीं है।
पिछले वर्ष बड़े निवेश के रूप में अदाणी समूह बिहार आया था। अदाणी समूह नवादा के वारसलिगंज में सीमेंट फैक्ट्री लगा रहा। उसे चीनी मिल की जमीन आवंटित की गयी थी। आईटी क्षेत्र की कुछ कंपनियां भी बड़े निवेश के प्रस्ताव के साथ है।
ये भी पढ़ें
Ara News: भोजपुर जिले में लगेंगे 1225 नए उद्योग, इस सेक्टर के लिए सबसे अधिक आवेदन
Bihar: नीतीश सरकार 3 किस्तों में देगी 200000 रुपये, बिहार वालों को मिलेगा इस शानदार स्कीम का लाभ
NASA reveals strategy to protect Earth from asteroid threats: What you should know - India TV News
- NASA reveals strategy to protect Earth from asteroid threats: What you should know India TV News
- Planetary Wake-Up Call: What Happens When Asteroids Hit news24online.com
- New 3D look at potential Moon-hitting asteroid reveals shape, size, and how Jupiter may have nudged it in our direction BBC Sky at Night Magazine
- 'Planetary defense is knowing what's out there and what could do harm to us.' Meet the scientist who helped build NASA's asteroid response plan Space
- Asteroid YR4 may strike the Moon; here’s what it means for Earth - ET Edge Insights ET Edge Insights
6 mesmerizing views of the Tarantula Nebula from the James Webb Space Telescope - India.Com
- 6 mesmerizing views of the Tarantula Nebula from the James Webb Space Telescope India.Com
- 8 Most Colourful Nebula Images by NASA’s James Webb Telescope Moneycontrol
- 10 most beautiful images of space captured by NASA telescopes Times of India
- 6 Most Beautiful Pictures Of Stars Captured By NASA James Webb Telescope Times Now
- Stunning space images captured by NASA’s Hubble Telescope Hindustan Times
अयोध्या की तर्ज पर विकसित होगा पुनौरा धाम, रामायण सर्किट का होगा हिस्सा; 143 करोड़ की योजना मंजूर
राज्य ब्यूरो, पटना। सीतामढ़ी में माता जानकी की जन्मभूमि पुनौरा धाम को अयोध्या की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। यह बिहार में रामायण सर्किट का हिस्सा होगा। पर्यटन विभाग ने पुनौराधाम के विकास के लिए करीब 143 करोड़ की योजना स्वीकृत की है।
इसमें 50 एकड़ से अधिक भूमि के अधिग्रहण पर 120 करोड़ की राशि खर्च होगी जबकि पर्यटकीय सुविधाओं के लिए 23.66 करोड़ की योजना स्वीकृत की गई है। जमीन अधिग्रहण के बाद पुनौराधाम में भव्य मंदिर का निर्माण की योजना है, जिसके लिए एजेंसी के चयन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
इन जिलों को भी रामायण सर्किट से जोड़ा जाएगापर्यटन विभाग के अनुसार, पुनौरा धाम के अलावा बिहार के बक्सर, दरभंगा, वाल्मीकिनगर, मधुबनी आदि जिलों में रामायण सर्किट से जुड़े स्थलों को भी चिह्नित किया गया है। इसके अंतर्गत सीतामढ़ी के ही पंथपाकर मंदिर परिसर में पर्यटकीय सुविधाओं के विकास पर 23.66 करोड़ की योजना बनाई गई है।
बक्सर में होगा रामरेखा घाट का विकासबक्सर में रामरेखा घाट के विकास के लिए 13 करोड़ 24 लाख रुपये की योजना को स्वीकृति दी गई है। वाल्मीकिनगर में लव-कुश पार्क का निर्माण किया जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रगति यात्रा के दौरान इसकी घोषणा की थी।
मधुबनी में पर्यटकीय सुविधाओं के लिए खर्च होंगे 31.13 करोड़मधुबनी में फुलहर स्थान में पर्यटकीय सुविधाओं पर 31.13 करोड़ की राशि खर्च होगी। लोकमान्यता है कि इसकी जगह पर भगवान राम और सीता पहली बार मिले थे। इसके अलावा दरभंगा में अहिल्या स्थान को भी विकसित कर रामायण सर्किट से जोड़ा जाएगा।
पर्यटकों की सुविधा के लिए सीतामढ़ी, बक्सर और रोहतास जैसे जिलों में पर्यटन विभाग बजट होटल भी खोलेगा। इसके लिए 84.27 करोड़ की राशि खर्च की जाएगी। इसका उद्देश्य इन शहरों में आने वाले पर्यटकों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराना है।
ये भी पढ़ें- Akshaya Tritiya Date 2025: रोहिणी नक्षत्र में 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया, इस धातु की खरीदारी शुभ
ये भी पढ़ें- Patna News: पटना जिले का 22 योजनाओं से होगा विकास, महादलित परिवारों को मिलेगा खास लाभ
कटारा हत्याकांड: 'राज्य को निष्पक्ष होना चाहिए', मेडिकल बोर्ड को लेकर SC ने दिल्ली और UP सरकार लगाई फटकार
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नितीश कटारा हत्याकांड मामले में सजा काट रहे विकास यादव की बीमार मां की जांच के लिए एक मेडिकल बोर्ड का गठन करने में देरी करने पर उत्तर प्रदेश और दिल्ली सरकार को फटकार लगाई।
शीर्ष न्यायालय ने कहा कि राज्य को निष्पक्ष होना चाहिए। वर्ष 2002 में हुए हत्याकांड के मामले में 25 साल की जेल की सजा काट रहे यादव ने अपनी बीमार मां से मिलने के लिए अंतरिम जमानत की मांग की थी।
मेडिकल बोर्ड के गठन का दिया गया था आदेशजस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने हैरानी जताते हुए कहा कि बीते दो अप्रैल को दिए गए आदेश के बाद गाजियाबाद के यशोदा अस्पताल में भर्ती यादव की मां की सेहत की जांच के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन करने में 10 दिन लग गए।
कोर्ट ने मांगा स्पष्टीकरणअदालत ने कहा कि जब तक बोर्ड गठित किया गया, उसकी मां अस्पताल से डिस्चार्ज हो गई थी। यादव के वकील ने कहा कि सोमवार को उसकी मां फिर से भर्ती हुई है। पीठ ने कहा कि आपने मेडिकल बोर्ड गठित करने में 10 दिन का समय लगा दिया। इसके लिए स्पष्टीकरण होना चाहिए। अब एम्स के मेडिकल सुपरिटेंडेंट द्वारा एक नए मेडिकल बोर्ड का गठन किया जाए और तुरंत जांच करके रिपोर्ट दाखिल करें।
यह भी पढ़ें: 'मीलॉर्ड, पतियों के लिए सिरदर्द बना ये कानून...', याचिकाकर्ता ने कोर्ट में किया विदेश का जिक्र तो SC ने लगा दी क्लास
यह भी पढ़ें: 'नवजात की चोरी पर रद हो अस्पताल का लाइसेंस', बच्चों की तस्करी पर सुप्रीम कोर्ट सख्त
Mukesh Sahani: '...तो एनडीए में आ जाएंगे मुकेश सहनी', BJP के सीनियर नेता का दावा; खुल गया बंद दरवाजा!
राज्य ब्यूरो, पटना। महागठबंधन में विधानसभा की सीटों के लिए संघर्ष कर रहे विकासशील इंसान पार्टी के संस्थापक मुकेश सहनी (Mukesh Sahani) के लिए एनडीए का दरवाजा भी खुला हुआ है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल ने इस बात के साफ संकेत दे दिए हैं।
दिलीप जायसवाल ने मंगलवार को उम्मीद जाहिर की कि अगर महागठबंधन में सहनी की बात नहीं बनती है तो वे एनडीए में वापस आ जाएंगे। डॉ. जायसवाल ने कहा कि मुकेश सहनी अपना राजनीतिक कद बढ़ाने के लिए महागठबंधन में गए हैं। अगर वहां उनका कद नहीं बढ़ा तो इधर आ जाएंगे।
'कद नहीं बढ़ा तो वे आ जाएंगे'हालांकि, जायसवाल ने ये भी स्वीकार किया कि चुनाव में सहनी का वोट बैंक बहुत मायने रखता है। प्रश्न था कि क्या आप मुकेश सहनी को एनडीए में आने का ऑफर दे रहे हैं? भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा- कद नहीं बढ़ा तो वे आ जाएंगे।
2020 में क्या हुआ था?मालूम हो कि 2020 के विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) के समय मुकेश सहनी महागठबंधन के साथ थे, लेकिन टिकट बंटवारे के समय बैठक छोड़कर एनडीए में शामिल हो गए।
उनकी विकासशील इंसान पार्टी को 11 सीटें दी गईं। चार विधायक बने। सहनी से तकरार बढ़ा तो वीआईपी के सभी विधायक भाजपा में शामिल हो गए। विधानसभा चुनाव हारे मुकेश सहनी को भाजपा ने विधान परिषद में भेजा। मंत्री भी बनाया, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले वे महागठबंधन में चले गए।
तेजस्वी के अति पिछड़ा व दलित प्रेम का हुआ पर्दाफाश : भीम सिंहदूसरी ओर, भाजपा सांसद डॉ. भीम सिंह ने मंगलवार को बयान जारी कर कहा कि राहुल गांधी व मल्लिकार्जुन खरगे से मिलने गए तेजस्वी यादव अपने साथ संजय यादव और मनोज झा को लेकर गए। अत्यंत पिछड़ी या अनुसूचित जाति के किसी नेता को उच्च स्तरीय बैठक में ले जाने योग्य नहीं समझा।
कभी लालू प्रसाद खिल्ली उड़ाते हुए कहा करते थे कि ''अत्यंत पिछड़ा किस चिड़िया का नाम है''। तेजस्वी ने अपने आचरण से सिद्ध कर दिया है कि इस प्रकरण में वे अपने पिता का अनुसरण कर रहे, जो अत्यंत निंदनीय है।
ये भी पढ़ें- Bihar Politics: मांझी के बेटे ने चुनाव से पहले रख दी बड़ी डिमांड, अब नीतीश सरकार के पाले में गेंद!
ये भी पढ़ें- Bihar Politics: चुनाव से पहले पशुपति पारस ने तोड़ा NDA से 'रिश्ता', बताया RLJP का सियासी प्लान
Akshay Kumar requests viewers not use their mobile phones while watch Kesari 2: 'It will be a humiliation for the film...' - Moneycontrol
- Akshay Kumar requests viewers not use their mobile phones while watch Kesari 2: 'It will be a humiliation for the film...' Moneycontrol
- Kesari Chapter 2 First Review: Akshay Kumar is incredible in his finest film yet; ‘I didn’t even blink…’ Hindustan Times
- Akshay Kumar Thanks PM Modi For Honoring C Sankaran Nair NDTV
- R Madhavan says 'Kesari Chapter 2' will make the world realize what we are capable of doing Times of India
- Akshay Kumar, Madhavan and Ananya visit Jallianwala Bagh, pay tribute to martyrs India Today
सड़कों के घटिया निर्माण की क्या है वजह? DPR कंसल्टेंट ने बताई अंदर की बात; अफसर भी हैरान
मनीष तिवारी, नई दिल्ली। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय तथा एनएचएआई के अफसरों की मौजूदगी में एक डीपीआर कंसल्टेंट ने कहा कि सड़क निर्माण की खराब गुणवत्ता का असली कारण सभी (अफसर, इंजीनियर, ठेकेदार) जानते हैं, लेकिन इसे दूर नहीं किया जा रहा है।
तीन दशक से डीपीआर कंसल्टेंसी करने के साथ ही नोएडा स्थित हाईवे इंजीनियर एकेडमी में इंजीनियरों को पढ़ाने वाले एमएस रावत के तेवर इतने तीखे थे कि उन्हें अपना प्रजेंटेशन जल्दी खत्म करना पड़ा। उनका प्रजेंटेशन 14 स्लाइड का था, लेकिन वह दसवीं स्लाइड से आगे नहीं बढ़ पाए। हाईवे निर्माण में उत्कृष्टता प्रदर्शित करने वालों को सम्मानित करने के लिए आयोजित समारोह में चर्चा के दौरान रावत की बातों का समर्थन दूसरे डीपीआर विशेषज्ञों ने भी किया।
दुनिया की सबसे खराब डीपीआर भारत में बनती हैकेंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी पिछले कई वर्षों से यह कहते रहे हैं कि दुनिया में सबसे खराब क्वालिटी की डीपीआर भारत में बनती हैं और इसके कारण समय और लागत दोनों काफी बढ़ जाते हैं। रावत ने इसी का हवाला देते हुए कहा कि एक समूह के रूप में डीपीआर कंसल्टेंट पूरी तरह फेल करार दिए गए हैं। इसलिए उनकी रेटिंग की जरूरत ही नहीं है। मंत्री का कोई भी सेमिनार डीपीआर को दोष दिए बिना नहीं बीतता है। लेकिन इसकी कोई बात नहीं करता कि निर्धारित एक साल में बनने वाली डीपीआर पांच साल तक क्यों चलती रहती है। 2017 वाली डीपीआर में 2025 तक काम हो रहा है।
भारतमाला परियोजना के डीपीआर में भी लगे सात सालउन्होंने केंद्र सरकार की सबसे महत्वपूर्ण भारतमाला परियोजना का उदाहरण देते हुए कहा कि इसमें भी सात साल से डीपीआर के मामले में कुछ नहीं बदला। जिस डीपीआर को सड़क निर्माण की रीढ़ की हड्डी और इंजीनियरों के लिए पवित्र पुस्तक माना जाता है, उस पर दस साल में खर्च 75 प्रतिशत कम हो गया है। डीपीआर को लेकर कामचलाऊ रवैये की यह वजह है। उस पर भी कंसल्टेंटों को पूरा पैसा नहीं मिलता है। 50 प्रतिशत राशि हासिल करने में पांच से छह साल तक लग जाते हैं।
रावत ने कहा कि इन सब हालात से अगस्त, 2021 में नितिन गडकरी को अवगत करा दिया गया था, लेकिन कुछ नहीं हुआ। एक अन्य डीपीआर कंसलटेंट रत्नाकर रेड्डी ने कहा कि डीपीआर में सबसे कम निविदा वाले नियम ने पूरी व्यवस्था को नुकसान पहुंचाया है। बेंगलुरु में एक ऐसे कंसल्टेंट ने अविश्वसनीय कीमत पर टेंडर ले लिया जिसे उस क्षेत्र की कोई जानकारी नहीं थी। प्रतिस्पर्धात्मक निविदा के नाम पर प्रोजेक्टों की डीपीआर को लेकर सबसे अधिक गड़बड़ी हो रही है और यह डीपीआर की खराब क्वालिटी से लेकर निर्माण के घटिया स्तर की सबसे बड़ी वजह है।
यह भी पढ़ें: New Toll Policy: टोल पर आम आदमी को राहत, 3 हजार का वार्षिक पास; FASTag को लेकर होगी ये शर्त
यह भी पढ़ें: New Toll Policy: पूरे नेटवर्क में लगेंगे नए कैमरे, सेंसर पकड़ेगी स्पीड; नई टोल पॉलिसी में क्या है खास?
Pages
