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किसी जाति को शिक्षा और नौकरियों में कोटे के लिए अलग-अलग वर्ग में नहीं रख सकते, हाईकोर्ट ने समुदायों को लेकर कही ये बात

Dainik Jagran - National - April 22, 2025 - 11:30pm

 पीटीआई, बेंगलुरु। कर्नाटक हाई कोर्ट ने फैसला दिया है कि एक ही समुदाय को शिक्षा और रोजगार के लिए दो अलग-अलग आरक्षण श्रेणियों के अंतर्गत नहीं रखा जा सकता। एक महिला वी. सुमित्रा की याचिका पर हाई कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है। महिला ने राज्य में बालाजिगा/बनाजिगा समुदाय के वर्गीकरण को चुनौती दी थी, वर्गीकरण को विरोधाभासी बताया है।

जस्टिस सूरज गोविंदराज ने सुनाया था पहले फैसला

जस्टिस सूरज गोविंदराज ने हाल ही में सुनाए गए फैसले में कर्नाटक सरकार को निर्देश दिया कि वह बालाजिगा/बनाजिगा समुदाय को शिक्षा और रोजगार उद्देश्यों के लिए समान रूप से समूह 'बी' के अंतर्गत वर्गीकृत करे।

अदालत ने कहा कि समुदाय को शिक्षा के लिए समूह 'बी' (अनुच्छेद 15(4) के तहत) और रोजगार के लिए समूह 'डी' (अनुच्छेद 16(4) के तहत) के अंतर्गत रखने वाला राज्य का मौजूदा वर्गीकरण भेदभावपूर्ण और असंवैधानिक है।

सुमित्रा को 1993 में ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) आरक्षण के तहत प्राथमिक विद्यालय में शिक्षिका नियुक्त किया गया था, क्योंकि उनका दावा था कि उनकी जाति समूह 'बी' से संबंधित है। हालांकि, उन्हें 1996 में नोटिस मिला जिसमें कहा गया था कि उनके समुदाय को रोजगार के लिए समूह 'डी' के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है, जिससे नौकरी से संबंधित आरक्षण के लिए उनका जाति प्रमाण पत्र अमान्य हो गया। इस बीच सुमित्रा को 1986 की सरकारी अधिसूचना मिली, जिसमें यह दोहरा वर्गीकरण किया गया था।

वर्गीकरण को विरोधाभासी बताया

उन्होंने तर्क दिया कि अनुच्छेद 15(4) और 16(4) का उद्देश्य वंचित समूहों के लिए सामाजिक न्याय सुनिश्चित करना है। उन्होंने राज्य के वर्गीकरण को चुनौती दी और इसे विरोधाभासी बताया।

विभाजन स्वाभाविक रूप से भेदभावपूर्ण- कोर्ट

जस्टिस गोविंदराज ने उनकी दलील सही बताते हुए कहा, अनुच्छेद 14 के तहत समानता का सिद्धांत आरक्षण के मामले में भी लागू होगा। एक ही समुदाय को अलग-अलग समूहों में नहीं रखा जा सकता। ऐसा विभाजन स्वाभाविक रूप से भेदभावपूर्ण है। कोर्ट ने आरक्षण समूह 'बी' के तहत उसकी पात्रता को स्वीकार करते हुए प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका के रूप में उनकी नौकरी जारी रखने का भी निर्देश दिया।

हाई कोर्ट ने आदेश को किया रद

जस्टिस गोविंदराज ने कहा, यदि किसी समुदाय को शिक्षा के मामले में पिछड़ा माना जाता है, तो रोजगार के मामले में उसके साथ अलग व्यवहार नहीं किया जा सकता। दोहरे वर्गीकरण को अमान्य घोषित करते हुए हाई कोर्ट ने उन आदेशों को रद कर दिया, जिनमें रोजगार में समूह 'बी' के तहत आरक्षण के लिए सुमित्रा के दावे को खारिज कर दिया गया था।

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Bihar: नीतीश सरकार ने किया 17 IPS अधिकारियों का तबादला, नोटिफिकेशन जारी; सामने आई नामों की लिस्ट

Dainik Jagran - April 22, 2025 - 10:10pm

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य सरकार ने भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 17 अधिकारियों को नई जिम्मेदारी दी है। 12 अधिकारियों के तबादले किए गए हैं, जबकि पांच अधिकारियों को अपने कार्यो के साथ ही अन्य विभागों का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया है। इस संबंध में गृह विभाग ने मंगलवार की देर रात अधिसूचना जारी कर दी।

अधिसूचना के मुताबिक एडीजी विधि-व्यवस्था के साथ विशेष निगरानी के प्रभार में रहे पंकज दाराद को एडीजी आतंकवाद निरोधक दस्ता बनाया गया है। इनके पास एडीजी विधि-व्यवस्था और विशेष निगरानी इकाई का प्रभार भी रहेगा।

डॉ. अमित कुमार जैन जो एडीजी (कमजोर वर्ग) अपराध अनुसंधान विभाग थे उन्हें एडीजी मद्य निषेध का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। राकेश राठी जो कि आइजी तकनीकी सेवाएं एवं संचार के साथ साइबर क्राइम के प्रभार में थे उन्हें विशेष शाखा में पदस्थापित किया गया है। इन्हें अतिरिक्त प्रभार से मुक्त कर दिया गया है।

विशेष सशस्त्र पुलिस में आइजी रहे रंजीत कुमार मिश्रा को आइजी प्रशिक्षण का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। बाबू राम जो कि डीआइजी कार्मिक थे उन्हें डीआइजी विशेष सशस्त्र पुलिस पद का जिम्मा दिया गया है। जयंत काम डीआइजी अपराध अनुसंधान में पदस्थापित हैं इन्हें डीआइजी अपराध अभिलेख ब्यूरो का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।

मानवजीत सिंह ढिल्लों डीआइजी आर्थिक अपराध के साथ मद्य निषेध डीआइजी के अतिरिक्त प्रभार में थे उनका अतिरिक्त प्रभार समाप्त कर दिया गया है। डीआइजी आतंकवाद निरोधक दस्ता राजीव मिश्रा को डीआइजी मद्य निषेध का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। डीआइजी अपराध अभिलेख ब्यूरो रहे अभय कुमार लाल को डीआइजी सह उप निदेशक बिहार पुलिस अकादमी का पद सौंपा गया है।

तौहीद परवेज जो कि डीआइजी रेल थे उन्हें डीआइजी अपराध अनुसंधान, डीआइजी अपराध अनुसंधान रहे राजेंद्र कुमार भील को डीआइजी कार्मिक बनाया गया है। दीपक रंजन समादेष्टा बिहार विशेष सैन्य पुलिस- 3 बोध गया को समादेष्टा बिहार विशेष सैन्य पुलिस 17 बोधगया का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। पटना में एसपी ला एंड आर्डर रहे राजीव रंजन -1 को एसपी आर्थिक अपराध इकाई में पदस्थापित किया गया है।

पुलिस अकादमी राजगीर में सहायक निदेशक रही बीणा कुमारी को एसपी रेल मुजफ्फरपुर बनाया गया है। समादेष्टा बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस 12 भीम नगर सुपौल के साथ विशेष पुलिस 15 रहे अशोक कुमार प्रसाद को सहायक पुलिस महानिरीक्षक प्रशिक्षण का पद दिया गया है।

मुजफ्फरपुर के रेल एसपी विनय तिवारी को ईओयू में साइबर अनुसंधान एवं अभियान का एसपी तथा बी-सैप 17 बोधगया के समादेष्टा चंद्र प्रकाश को बिहार पुलिस अकादमी राजगीर का सहायक निदेशक बनाया गया है।

बिहार पुलिस सेवा के चार अफसर भी बदले

बिहार पुलिस सेवा के चार अफसरों का भी तबादला हुआ है। इनमें दो अफसरों को नयी जिम्मेदारी मिली है, जबकि दो को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। बिहार मानवाधिकार आयोग की एसपी ममता कल्याणी को बी-सैप 10 पटना का समादेष्टा बनाया गया है। उनके पास सीआइडी एसपी का अतिरिक्त प्रभार रहेगा।

बिहार पुलिस मुख्यालय में एसपी कार्मिक (वन) उपेंद्र प्रसाद को एसपी कार्मिक (दो) की अतिरिक्त जिम्मेदारी मिली है। बिहार पुलिस मुख्यालय के एसपी कार्मिक (दो) शशि शंकर कुमार को बी-सैप 12 भीमनगर सुपौल का समादेष्टा बनाया गया है।

उनके पास बी-सैप 15 भीमनगर सुपौल के समादेष्टा का अतिरिक्त प्रभार रहेगा। इनके साथ ही पुलिस मुख्यालय के एसपी कुंदन कुमार को पुलिस अधीक्षक विधि व्यवस्था का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।

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IAS Sanjeev Hans: आईएएस संजीव की बढ़ी मुश्किलें, नए मुकदमे की तैयारी; नीतीश सरकार के पास पहुंचा लेटर

Dainik Jagran - April 22, 2025 - 9:04pm

राज्य ब्यूरो, पटना। भारतीय प्रशासनिक सेवा के निलंबित अधिकारी संजीव हंस (IAS Sanjeev Hans) की मुश्किलें कम नहीं हो रही। भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद संजीव पर अब मनी लॉन्ड्रिंग का नया मामला दर्ज करने की तैयारी है।

केंद्र सरकार द्वारा मुकदमा चलाने की अनुमति के बाद नई प्राथमिकी की तैयारी है। हालांकि, यह प्राथमिकी प्रवर्तन निदेशालय, आर्थिक अपराध इकाई या फिर विशेष निगरानी इकाई में कौन सी एजेंसी दर्ज करेगी यह साफ नहीं। सरकार ने इस पर महाधिवक्ता और विधि विभाग से परामर्श मांगा है।

केंद्र ने राज्य सरकार को भेजा पत्र

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, केंद्र की हंस पर मुकदमा चलाने की अनुमति के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस संबंध में राज्य सरकार को पत्र भेजा है। हालांकि, गृह विभाग इस बारे में कुछ भी बोलने से परहेज कर रहा है।

कई अधिकारी रडार पर

हंस के साथ ही करीब दर्जन भर अधिकारी भी जांच एजेंसियों के निशाने पर हैं। इनमें कुछ अधिकारियों का संबंध टेंडर घोटाले से रहा है।

जिनके बारे में केंद्रीय जांच एजेंसी को 27 मार्च को पटना में सात स्थानों पर की गई छापेमारी में प्रमाण मिले थे। पटना के सात स्थानों पर की गई छापेमारी में ईडी ने कुल 11.64 करोड़ रुपये की नकदी बरामद की थी।

सूत्रों की माने तो प्रवर्तन निदेशालय में हंस के साथ जिन अधिकारियों पर कार्रवाई की अनुशंसा की है उनमें पटना के एक नामी ठेकेदार का नाम भी शामिल है। जिसकी कई अधिकारियों के यहां सीधी पहुंच है। महाधिवक्ता और विधि विभाग की राय मिलने के बाद ही साफ होगा कि कौन सी एजेसी मुकदमा दर्ज करेगी।

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Abhiyan Basera Bihar 2025: अभियान बसेरा में जहां कम जमीन का आवंटन, वहां सरकार ने दिए जांच के निर्देश

Dainik Jagran - April 22, 2025 - 8:27pm

राज्य ब्यूरो, पटना। सरकार के निर्देश के आलोक में विभिन्न विभागों ने योजनाओं की प्रगति और उनकी वस्तु स्थिति से अवगत होने के लिए मुख्य सचिव सभा कक्ष में एक बैठक आयोजित की।

बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये सभी प्रमंडलीय आयुक्त एवं जिलाधिकारी भी शामिल हुए। बैठक में अधिक गोला बारूद खरीदने वालों की जांच, राजस्व निपटारे में जिलों की रैंकिंग, अभियान बसेरा में जमीन के कम आवंटन की जांच के निर्देश दिए।

जिलों की रैंकिंग लिस्ट पर की चर्चा

बैठक में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा राजस्व मामलों के निपटारे के आधार पर सभी जिलों की रैंकिंग लिस्ट पर चर्चा की गई। शीर्ष जिलों के जिलाधिकारियों को इस पर काम करने का निर्देश दिए गए।

बैठक में यह बात सामने आई कि रैंकिंग में पटना, गया, लखीसराय, पश्चिम चंपारण एवं खगडिय़ा का बेहतर प्रदर्शन रहा। अभियान बसेरा अंतर्गत जिन्न जिलों में सबसे कम जमीन आवंटित की गई है, वहां के जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे अंचल पदाधिकारी, अन्य वरीय पदाधिकारी के माध्यम से इसकी जांच कराएं।

गृह विभाग ने बिहार अपराध नियंत्रण अधिनियम, आम्र्स लाइसेंस सत्यापन, आम्र्स प्रतिष्ठानों का निरीक्षण एवं चरित्र प्रमाण पत्र सत्यापन से संबंधित लंबित पत्रों की स्थिति पर विचार विमर्श किया। बैठक में यह निर्देश दिया गया कि जो अधिक संख्या में गोला बारूद की खरीदारी कर रहे उनकी जांच करवाना सुनिश्चित की जाए।

चरित्र सत्यापन पत्र जो लंबित हैं उसे शीघ्र जारी करने को कहा गया। सामान्य प्रशासन विभाग ने जाति आधारित गणना से संबंधित लंबित डी. सी. विपत्रों की अद्यतन स्थिति पर विमर्श किया। आठ जिलों गया , औरंगाबाद, सिवान, अरवल, रोहतास, पूर्णिया, मधेपुरा एवं मधुबनी को डी. सी. विपत्र वापिस करते हुए त्रुटियां दूर करने के निर्देश दिए गए।

बालू घाट प्रत्यार्पण मामले में जिलाधिकारियों को यह निर्देश दिया गया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में बालूघाट प्रत्यार्पण रोकने के लिए उचित कार्यवाही की जाए। खान एवं भूतत्व विभाग को वन क्षेत्र में अवैध खनन की शिकायतें आ रही है उस पर कार्रवाई होनी चाहिए।

बैठक में यह बात सामने आई कि मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना अंतर्गत कुल 9358 आवेदन प्राप्त हुए जिसमें से 3664 आवेदकों को लाभ प्रदान किया जा चुका है। सबसे अधिक मधेपुरा, बांका, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, सारण जिलों से हैं। जिलाधिकारियों को हेलमेट अभियान को गंभीरता से लेने को कहा गया है।

हिट एंड रन कंपनसेशन स्कीम के तहत अब तक कुल 4935 आवेदकों को राशि दिए जाने की बात भी बैठक में कही गई।

बात दें कि बैठक में सामान्य प्रशासन विभाग, गृह विभाग, वाणिज्य कर विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, खान एवं भूतत्व विभाग, मद्य निषेध, उत्पात एवं निबंधन विभाग, परिवहन विभाग, विज्ञान प्रावैधिकी विभाग, खेल विभाग, कला एवं संस्कृति विभाग और विधि विभाग की योजनाओं की समीक्षा की गई।

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Will Trump cut US drug prices?

Business News - April 22, 2025 - 7:50pm
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Bihar: बिहार में एक और बड़ी पार्टी ने बढ़ाई RJD और कांग्रेस की टेंशन, चुनाव को लेकर पहले ही कर दिया बड़ा एलान

Dainik Jagran - April 22, 2025 - 7:43pm

राज्य ब्यूरो, पटना। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) बिहार विधानसभा की सभी 243 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करेगी। पार्टी का यह निर्णय भी हुआ है कि वह अकेले चुनाव मैदान में जाएगी।

किसी भी राजनीति दल से कोई समझौता या गठबंधन नहीं किया जाएगा। यह घोषणा मंगलवार को पार्टी के राज्यसभा सदस्य व राष्ट्रीय समन्वयक रामजी गौतम ने की। वे पटना में प्रेस प्रतिनिधियों से बात कर रहे थे।

ये है बसपा की रणनीति

रामजी गौतम ने कहा कि अगर बहुजन समाज पार्टी की सरकार बिहार में बनती है, तो उत्तर प्रदेश की तरह बहन मायावती द्वारा गरीबों और वंचितों के लिए शुरू की गई योजनाओं को बिहार में भी लागू किया जाएगा।

बसपा समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति के अधिकार और सम्मान के लिए काम करती रही है और आगे भी करती रहेगी।

उन्होंने घोषणा की कि नौ मई को बाबा साहब भीमराव आंबेडकर की जयंती धूमधाम से मनेगी। जबकि 26 जून को बापू सभागार, पटना में छत्रपति महाराज की जयंती पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

चिराग को लेकर भी बसपा ने दिया बयान

बसपा के केंद्रीय प्रभारी अनिल कुमार ने लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान को लेकर कहा कि यदि चिराग पासवान सच में बिहार की राजनीति में सक्रिय होना चाहते हैं तो उन्हें बिहार के गरीबों, दलितों और शोषित वर्गों पर हो रहे अत्याचार को देखना चाहिए।

बिहार में अपराध अपने चरम पर है, अपराधी बेलगाम हो गए हैं। ऐसे में सिर्फ बयानबाजी से कुछ नहीं होगा, जमीन पर उतरकर काम करना होगा। प्रेस कांफ्रेंस में सुरेश राव, शंकर महतो, संजय मंडल, समेत अन्य नेता मौजूद थे।

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Bihar: डिप्टी मेयर को अब मेयर की तरह मिलेंगी सुविधाएं, मंत्री जिवेश कुमार ने जारी किए आदेश

Dainik Jagran - April 22, 2025 - 7:30pm

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के विभिन्न नगर निगम व नगर परिषद के उप महापौर (डिप्टी मेयर), उप मुख्य पार्षदों को भी अब महापौर (मेयर) जैसी सुविधाएं मिलेंगी। उप महापौर को सरकारी वाहन के साथ ही कार्यालय कक्ष, उपकरण और कार्यालय में सेवा के लिए परिचारी की सुविधा भी प्राप्त हो सकेगी।

पूर्व में यह सेवाएं केवल महापौर को मिलती थी। नगर विकास एवं आवास विभाग के मंत्री जिवेश कुमार की सहमति के बाद इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं।

नगर विकास एवं आवास विभाग के मंत्री जिवेश कुमार के अनुसार सभी उप महापौर, उप मुख्य पार्षदों की ओर से सरकार से सुविधाओं की मांग लंबे समय से की जा रही थी।

मुख्य मांग थी कि महापौर की भांति उन्हें भी सरकारी वाहन की सुविधा मुहैया कराई जाए। अब सरकार ने उनकी यह मांग मान ली है। ऐसा होने से उनकी कार्य क्षमता में वृद्धि होगी साथ ही नगर निकायों का कार्य भी सुचारू रूप से जारी रह सकेंगे।

मंत्री ने कहा कि राज्य सरकारी शहरी क्षेत्रों में लोगों को बेहतर आधुनिकी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए दिन रात काम कर रही है। इसी कड़ी में उप महापौर और उप मुख्य पार्षद जैसे जन प्रतिनिधियों को वाहन की सुविधा मुहैया कराने का निर्णय लिया गया है। वाहन मिलने से उन्हें योजनाओं की जांच और निगरानी में सहूलियत होगी।

साथ ही नगर निकायों की योजनाएं समय पर पूर्ण की जा सकेंगी। उन्होंने कहा कि राज्य के नगर निगमों, नगर परिषदों का क्षेत्रफल अधिक है, ऐसे में उप महापौर,उप मुख्य पार्षद को भी वाहन की सुविधा उपलबध कराने की आवश्यकता थी।

मेयर की अनुपस्थिति में कार्य दायित्व का जिम्मा डिप्टी मेयर का

बिहार नगरपालिका अधिनियम में नगर निकायों के उप महापौर, उप मुख्य पार्षद के पदीय दायित्व एवं कर्तव्यों का उल्लेख किया गया है। चूंकि महापौर और मुख्य पार्षद की अनुपस्थिति में उनमें निहित शक्ति एवं कर्तव्यों का निर्वहन उप महापौर, उप मुख्य पार्षद द्वार किया जाता है। साथ ही ये सशक्त समिति के पदेन सदस्य भी होते हैं।

लिहाजा उन्हें वाहन, कार्यालय, कार्यालय उपस्कर एवं परिचारी की सुविधा उपलब्ध करना सरकार की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी थी।

विभाग ने निर्देश दिया है कि नगर निगम एवं नगर परिषद के निर्वाचित उप महापौर, उपमुख्य पार्षद को भी महापौर, मुख्य पार्षद के अनुरूप वाहन की सुविधा संबंधित जिला के डीएम द्वारा निर्धारित दर पर उपलब्ध कराई जाएगी।

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India condemns Pahalgam terror attack

Business News - April 22, 2025 - 7:21pm
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