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'सरकारी नौकरी के पद कम, कैंडिडेट ज्यादा', सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी; इस मामले में हाईकोर्ट का आदेश पलटा
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अपनी एक महत्वपूर्ण टिप्पणी में कहा कि देश में सरकारी नौकरियों की चाह रखने वालों की संख्या उपलब्ध नौकरियों से कहीं अधिक है। कोर्ट ने सिविल भर्ती परीक्षा की 'पवित्रता से खिलवाड़' करने के आरोपी दो व्यक्तियों को जमानत देने के राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश को रद कर दिया है।
इसने कहा कि इस कृत्य से संभवत: कई अन्य लोग भी प्रभावित हुए, जिन्होंने नौकरी पाने की उम्मीद में ईमानदारी से प्रयास किया था। जस्टिस संजय करोल और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने कहा कि इस तरह के कृत्य से लोक प्रशासन और कार्यपालिका में लोगों का विश्वास संभवत: कम होता है।
अदालत ने की अहम टिप्पणीपीठ ने कहा, 'वास्तविकता यह है कि भारत में सरकारी नौकरियों की चाह रखने वालों की संख्या उपलब्ध नौकरियों से कहीं अधिक है। चाहे जो भी हो, प्रत्येक नौकरी जिसमें निर्धारित परीक्षा और/या साक्षात्कार प्रक्रिया के साथ स्पष्ट रूप से परिभाषित प्रवेश प्रक्रिया है, उसे केवल उसी के अनुसार भरा जाना चाहिए।'
पीठ ने यह भी कहा कि भर्ती प्रक्रिया में पूर्ण ईमानदारी लोगों में इस तथ्य के प्रति विश्वास पैदा करती है कि कतिपय पदों के वास्तविक हकदार ही ऐसे पदों पर नियुक्त किए गए हैं। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार द्वारा प्रदेश के हाईकोर्ट के पिछले साल मई के आदेश को चुनौती देने वाली अपीलों पर अपना फैसला सुनाया।
हाईकोर्ट ने दी थी जमानत- हाईकोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और राजस्थान लोक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2022 के प्रविधानों के तहत कथित अपराधों के लिए दर्ज एफआईआर के संबंध में दो आरोपियों को जमानत दे दी थी।
- एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि आरोपियों ने सहायक अभियंता सिविल (स्वायत्त शासन विभाग) प्रतियोगी परीक्षा-2022 की 'पवित्रता' के साथ खिलवाड़ किया था। एफआईआर में दावा किया गया है कि उनमें से एक अभ्यर्थी की जगह एक अन्य व्यक्ति कथित तौर पर डमी कैंडिडेट के रूप में परीक्षा में उपस्थित हुआ था।
- इसमें यह भी आरोप लगाया गया कि अटेंडेंस शीट के साथ छेड़छाड़ की गई थी और मूल प्रवेश पत्र पर किसी अन्य व्यक्ति की फोटो चिपका दी गई थी। सात मार्च को दिए गए अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने उल्लेख किया कि दोनों आरोपियों ने पहले ट्रायल कोर्ट का रुख किया था, जिसने उनकी संबंधित जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया था।
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टायर जलाए, सड़कें खोदी... मणिपुर में फ्री मूवमेंट के पहले ही दिन सुरक्षाबलों और उग्रवादियों में झड़प
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मणिपुर में 8 मार्च यानी आज से सुरक्षित यातायात के लिए Manipur Free Movement का आदेश दिया था। इसके तहत राज्यभर में बस सेवाएं शुरू की गई, जिसमें इंफाल से सेनापति जिले के रास्ते कांगपोकपी और इंफाल से विष्णुपुर तक की बस सेवाएं शामिल हैं। लेकिन इस आदेश के पहले ही रोज कुछ जगहों पर हिंसा भड़क गई।
कुकी जनजातियां अलग प्रशासन की कर रही मांग
बता दें कुकी जनजातियां तब तक स्वतंत्र आवागमन नहीं चाहतीं, जब तक कि राज्य से अलग प्रशासन बनाने की उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती। कई बसें राज्य की राजधानी इंफाल से 45 किलोमीटर दूर कांगपोकपी जिले में अवरोधकों को तोड़ते हुए आगे बढ़ते हुए दिखाई दी।
राजमार्ग को अवरुद्ध करने का प्रयास कर रही कुकी जनजाति की कई महिलाएं सुरक्षा बलों के लाठीचार्ज में घायल हो गईं। केंद्र ने घोषणा की है कि मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद राष्ट्रपति शासन के अधीन आए राज्य में आज से कहीं भी सड़क अवरोध नहीं होगा।
Last week, Home Minster Amit Shah declared that free movement should be allowed across all roads in Manipur from March 8. In a state where so many issues remain unresolved, attempts to move a Manipur transport bus was met with opposition. Women blocked the road pic.twitter.com/Hr7Kp8FEo8
— Greeshma Kuthar (@jeegujja) March 8, 2025कई इलाके में पत्थरबाजी और टायर जलाए गए
मणिपुर में कुकी बहुल कई इलाकों से झड़पों की खबरें आई हैं। स्थानीय लोगों द्वारा शेयर किए गए वीडियो में प्रदर्शनकारियों को वाहनों पर पत्थर फेंकते, सड़कें खोदते, टायर जलाते और बैरिकेड लगाते हुए देखा जा सकता है। कुछ लोगों ने सुरक्षा बलों पर अपशब्दों का इस्तेमाल किया और उन्हें वापस जाने के लिए कहा।
कुकी नेताओं और लगभग दो दर्जन उग्रवादी समूहों, जिन्होंने कार्रवाई स्थगन (एसओओ) समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं और उनके अग्रणी नागरिक संगठनों ने मांग की है कि केंद्र सरकार समुदायों को मणिपुर में खुलेआम घूमने की इजाजत देने से पहले एक अलग प्रशासन दे।
पहले भी की गई थी आवागमन शुरू करने की कोशिश
दिसंबर 2024 में मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने भी राज्य में आवागमन को फिर से शुरू रखने की लिए कदम उठाए थे लेकिन कोई यात्री ही स्टेशन पर नहीं आया था। उन्होंने इम्फाल से कांगपोकपी और चुराचांदपुर तक सरकारी बसों की सुविधा शुरू की थी. लेकिन इसमें सफलता नहीं मिली।
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1.3 करोड़ रुपये देकर ललित मोदी ने खरीदी Vanuatu की नागरिकता, यह छोटा देश क्यों है भगोड़ों की पनाहगाह
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के पूर्व अध्यक्ष और IPL के संस्थापक ललित मोदी को लेकर विदेश मंत्रालय ने एक नया खुलासा किया है।
विदेश मंत्रालय ने बताया है कि ललित मोदी ने अपना भारतीय पासपोर्ट जमा कर दिया है। इसके अलावा विदेश मंत्रालय ने बताया कि भगोड़े ललित मोदी ने वनातु (Vanuatu, Oceania) की नागरिकता हासिल कर ली है। यानी अब उन्हें भारत लाना और भी मुश्किल होगा।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "ललित मोदी ने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग में अपना पासपोर्ट जमा करने के लिए आवेदन किया है. मौजूदा नियमों और प्रक्रियाओं के तहत इसकी जांच की जाएगी. हमें यह भी बताया गया है कि उन्होंने वनातु की नागरिकता हासिल कर ली है. हम कानून के तहत उनके खिलाफ मामले को आगे बढ़ा रहे हैं."
ललित मोदी पर क्या हैं आरोप?
ललित मोदी पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के उपाध्यक्ष रहते हुए हेराफेरी, मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम 1999 (फेमा) का उल्लंघन करने का आरोप है। अनधिकृत फंड ट्रांसफर सहित वित्तीय कदाचार के लिए जांच के दौरान उन्होंने 2010 में भारत छोड़ दिया था।
वनातु देश कहां है और भगोड़ों के लिए क्यों खास है यहां की नागरिकता?
वनातु साउथ पैसेफिक आईलैंड में बसा के एक देश है। यह देश 80 द्वीपों को मिलाकर बना है। यह करीब 1300 किलोमीटर के स्ट्रेच पर बसा है। रिपोर्ट के मुताबिक, वनातु की आबादी महज तीन लाख है। कैपिटल इन्वेस्टमेंट इमिग्रेशन प्लान के तहत इस देश की नागरिकता ली जा सकती है। इसके लिए 1 लाख 55 हजार अमेरिकी डॉलर (1.3 करोड़ रुपये) का निवेश करना होता है।
इस देश को टैक्स हैवन देश के तौर पर माना जाता है। यहां नागरिकता लेने के लिए आपको बगैर इस देश में कदम रखे ऑनलाइन माध्यम से नागरिकता मिल जाती है। इस देश में किसी भी तरह का कैपिटल टैक्स, प्रॉपर्टी या इनकम टैक्स नहीं लगता है। यह देश भगोड़ो के लिए पसंदीदा माना जाता है।
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COVID-19 के 5 साल बाद भी उबर नहीं पाई दुनिया की इकोनॉमी, 2019 के बाद से क्या-क्या बदला?
रॉयटर्स, नई दिल्ली। जब विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड-19 को महामारी के तौर पर घोषित किया था, तब लोगों ने नई आदतें अपनानी शुरू कीं। उस दौर को बीते 5 साल हो चुके हैं, लेकिन अभी भी ग्लोबल इकोनॉमी पर इसका असर महसूस किया जाता है।
कोविड-19 और इससे निपटने के प्रयासों के मद्देनजर सरकारों पर रिकॉर्ड मात्रा में कर्ज बढ़ा, लेबर मार्केट पर असर पड़ा, लोगों ने अपनी आदतें बदलीं, रिमोट वर्क, डिजिटल पेमेंट में बढ़ोतरी हुई और ट्रैवल पैटर्न में भी बदलाव देखने को मिला।
सरकारों पर काफी बढ़ गया कर्ज2020 के बाद से ग्लोबल सरकारी कर्ज में 12 फीसदी की वृद्धि देखने को मिली है। लॉकडाउन हटने के बाद कई सरकारों ने प्रोत्साहन पैकेज दिया। इस दौरान लेबर और रॉ मैटेरियल की कमी के कारण कई देशों में मुद्रास्फीति काफी तेजी से बढ़ी।
भरपाई के लिए केंद्रीय बैंकों ने ब्याज दरें बढ़ा दीं। कई एजेंसियों के डेटा में भी सरकारों द्वारा ज्यादा ऋण लेने की प्रवृत्ति दिखाई देती है। इसके कारण वित्तीय चुनौतियां भी बढ़ी हैं।
रोजगार पर भी पड़ा असर- लॉकडाउन के वक्त लाखों लोगों ने अपनी नौकरी गंवा दी। इसका सबसे अधिक प्रभाव महिलाओं पर पड़ा। लॉकडाउन खत्म हुआ, तो पुरुष नौकरी पर वापस लौट गए। लेकिन घर-परिवार की जिम्मेदारी के कारण महिलाओं की भागीदारी कम ही रही।
- वर्क फ्रॉम होम के चलते आज भी लंदन जैसे शहरों में यातायात पर दबाव काफी कम है। लोग पहले की तरह ही घूम-फिर रहे हैं, लेकिन फिर भी शहरों में आवागमन कम हो गया है। हालांकि फ्लाइट और होटलों की कीमतें बढ़ी हैं।
लॉकडाउन में जब घरों से निकलना संभव नहीं था, तब लोगों ने ऑनलाइन शॉपिंग को तरजीह दी। कोविड खत्म हो गया, लेकिन ये आदत अभी भी बरकरार है। हालांकि यूरोप जैसी जगहों पर लोग ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों जगहों से समान खरीदारी कर रहे हैं।
दिसंबर 2019 से बिटकॉइन की कीमत 1,233% बढ़ गई है। लोगों ने अब इन्वेस्टमेंट करना शुरू कर दिया है। महामारी के दौरान डिजिटल और डिलीवरी फर्म के शेयरों में बढ़त दर्ज की गई, साथ ही वैक्सीन बनाने वाली दवा कंपनियों के शेयरों में भी बढ़त दर्ज की गई।
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Bihar: विधानसभा चुनाव से पहले BJP-RJD के सामने खड़ी हुई एक नई समस्या! अगर ऐसा हुआ तो तेजस्वी कैसे बनेंगे CM?
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार के सभी बड़े राजनीतिक दल चुनावी उपलब्धि के हिसाब से अपने छोटे भाइयों की बड़ी मांग से परेशान हैं।
अगर छोटे की मांग मान ली गई तो अपनी हैसियत कमजोर होगी। मांग नहीं मानी तो छोटा भाई बिदक कर विरोधी खेमे में घुस जाएगा। यह परेशानी एनडीए और महागठबंधन में एक जैसी है।
खबर में चर्चा होगी कि किस तरह दोनों गठबंधन के छोटे फरीक बड़े दल पर विधानसभा चुनाव में बड़ी हिस्सेदारी के लिए दबाव बना रहे हैं।
सबसे अधिक चर्चा कांग्रेस में- सबसे अधिक चर्चा कांग्रेस में है। यह राष्ट्रीय पार्टी बिहार में राजद की सहयोगी है। बिहार कांग्रेस में नया सुर छिड़ा है। यह कि मुख्यमंत्री का चयन विधायक दल की बैठक में होगा।
- यह राजद के स्थायी सुर से अलग है-मुख्यमंत्री तो तेजस्वी ही होंगे। कांग्रेसी सुर में एक और ध्वनि है-हमें चुनाव लड़ने के लिए अधिक सीट चाहिए।
- कांग्रेस को डर है कि गठबंधन में विकासशील इंसान पार्टी के शामिल होने से उसकी सीटों की संख्या 70 से कम हो सकती है। यही संख्या उसे पिछली बार मिली थी।
- राजद की दूसरी सहयोगी विकासशील इंसान पार्टी कह रही है कि उसके संस्थापक मुकेश सहनी उप मुख्यमंत्री होंगे। उनकी पार्टी सरकार की नीतियों को नियंत्रित करेगी।
- यह सब तब होगा, जब उसे 40 के आसपास सीटें मिले। कांग्रेस और वीआइपी की मांगें मान ली जाए तो एक सौ 10 सीटें निकल जाएंगी। बच गईं एक सौ 33 सीटें। इसमें राजद के अलावा तीन दल वाम दल भी हैं।
पिछली बार भाकपा माले को 19, भाकपा को छह और माकपा को चार सीटें मिली थीं। भाकपा माले 19 पर लड़ कर 12 सीटें जीती थी। बेहतर स्ट्राइक रेट के नाम पर इस बार उसकी मांग अधिक सीटों की है।
वाम दलों को पहले की तरह 29 सीटें दी जाएं और कांग्रेस एवं वीआइपी की मांगें मान ली जाए, उस हालत में राजद के पास अपने लिए एक सौ तीन सीटें मिलेंगी। यह 2020 की तुलना में 41 सीटें कम हैं।
भाजपा, जदयू और राजद जैसे दल सहयोगी दलों की मांग पर मंथन कर रहे हैं। कुछ ऐसी ही परेशानी एनडीए में भी है।
लोजपा (रा) और हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा की ओर से 50 से अधिक सीटाें पर तैयारी चल रही है। लोजपा 2020 में अकेले लड़ी थी। लेकिन, उसने एनडीए को मुश्किल में डाल दिया था।
एनडीए का शीर्ष नेतृत्व इस बार पिछले चुनाव की पुनरावृति नहीं चाह रहा है। इसी तरह मोर्चा पिछली बार सात सीटों पर संतुष्ट हो गया था। इसबार 20 से अधिक सीटों पर दावा कर रहा है।
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मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED का एक्शन, नामी उद्योगपति का 14 करोड़ का प्राइवेट जेट किया जब्त
पीटीआई, हैदराबाद। Hyderabad money laundering case प्रवर्तन निदेशालय ने हैदराबाद में एक कंपनी और उसके प्रमोटरों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस में बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने जांच के तहत करीब 14 करोड़ रुपये का एक निजी जेट जब्त किया है।
फाल्कन ग्रुप के पोंजी घोटाले पर एक्शनइन प्रमोटरों ने कथित तौर पर पोंजी घोटाले में कई निवेशकों से करोड़ों रुपये ठगे हैं। सूत्रों ने बताया कि मनी लॉन्ड्रिंग का मामला फाल्कन ग्रुप (कैपिटल प्रोटेक्शन फोर्स प्राइवेट लिमिटेड), इसके सीएमडी अमर दीप कुमार और कुछ अन्य के खिलाफ स्थानीय पुलिस एफआईआर से जुड़ा है।
जेट का इस्तेमाल विदेश भागा सीएमडीजानकारी के अनुसार, कंपनी के सीएमडी अमर दीप कुमार इस जेट का इस्तेमाल कर देश से भाग गए हैं। आरोपों पर प्रतिक्रिया के लिए उनसे या उनकी कंपनी से तुरंत संपर्क नहीं किया जा सका।
पीटीआई को मिली जानकारी के अनुसार, ईडी ने पाया कि 8-सीटर बिजनेस जेट 'एन935एच हॉकर 800ए' (कुमार की कंपनी के स्वामित्व वाला) शुक्रवार को शमशाबाद में हैदराबाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा है, जिसके बाद उसे जब्त कर लिया गया।
16 लाख डॉलर में खरीदा गया था जेट2024 में ये जेट करीब 16 लाख डॉलर में खरीदा गया था। ईडी अधिकारियों ने आज जेट की मनी लॉन्ड्रिंग केस के तहत तलाशी की और उन्होंने वहां मौजूद कुमार के चालक दल और कुछ "करीबी सहयोगियों" के बयान भी दर्ज किए।
उन्होंने बताया कि प्रेस्टीज जेट्स इंक नामक कुमार की निजी चार्टर कंपनी के स्वामित्व वाले व्यावसायिक विमान को जब्त कर लिया गया है। एजेंसी का मानना है कि जेट को कथित पोंजी योजना से कमाए घोटाले के पैसों से खरीदा था।
850 करोड़ के घोटाले का है मामलाईडी ने सीमा शुल्क विभाग से जेट की आवाजाही के बारे में एक सामान्य घोषणा मांगी, जिसके बाद पता चला कि कुमार एक अन्य व्यक्ति के साथ 22 जनवरी को उक्त विमान में सवार होकर देश से बाहर चले गया था। बता दें कि कथित रूप से इस घोटाले में 850 करोड़ रुपये की निवेश धोखाधड़ी की गई है।
FPIs sell Rs 24,753 crore in March amid market jitters, but outflows slow down
'ब्लू कॉलर जॉब, साढ़े तीन लाख की सैलरी...', कैसे एजेंट के जाल में फंस गया केरल का शख्स? जॉर्डन पुलिस ने मारी गोली
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केरल के रहने वाले थॉमस गैब्रियल परेरा की इजरायल और जॉर्डन बॉर्डर पर सुरक्षाबलों ने गोली मारकर हत्या कर दी। जॉर्डन के सैनिकों ने परेरा को उस वक्त गोली मार दी जब, वो कथित तौर पर गैरकानूनी तरीके से इजराल में दाखिल होने की कोशिश कर रहा था।
परेरा के साथ मेनमकुलम के रहने वाले उनके रिश्तेदार (बहनोई) एडिसन चार्ल्स भी थे। गोलीबारी में एडिसन चार्ल्स भी घायल हो गए। हालांकि, उनकी जान बच गई।
एजेंट को दिए थे लाखों रुपएबीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, परेरा को और चार्ल्स को एजेंट ने जॉर्डन में 3,50,000 रुपये प्रति माह वेतन वाली नौकरी दिलाने का वादा किया था। भारत छोड़ने से पहले उन्होंने एजेंट को 2,10,000 रुपये का भुगतान किया था और टूरिस्ट वीजा पर जॉर्डन पहुंचने के बाद 52,289 रुपये ($600) अतिरिक्त दिए थे। हालांकि, जब वे फरवरी की शुरुआत में जॉर्डन की राजधानी अम्मान पहुंचे, तो एजेंट ने उन्हें बताया कि वहां कोई नौकरी उपलब्ध नहीं है।
नौकरी की तलाश में इजरायल में दाखिल होना चाहते थे दोनोंएजेंट ने दोनों भारतीयों से कहा कि इजराइल में नौकरी के बहुत अवसर हैं और उन्हें सुझाव दिया कि वे अवैध रूप से देश में प्रवेश करने का प्रयास करें। 10 फरवरी को जब दोनों ने सीमा पार करने की कोशिश की तो जॉर्डन के सैनिकों ने उन्हें गोली मार दी। परेरा की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि चार्लास बच गया। इलाज के बाद उसे भारत वापस भेज दिया गया। जानकारी के मुताबिक,केरल में दोनों ऑटो रिक्शा चलाते थे।
जॉर्डन स्थित भारतीय दूतावास ने इस घटना पर चिंता जाहिर की। दूतावास ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा,"दूतावास मृतक के परिवार के संपर्क में है और मृतक के पार्थिव शरीर को ले जाने के लिए जॉर्डन के अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहा है।"
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Railway News: पटना समेत देश के 60 स्टेशनों पर होने जा रहा यह काम, होली से पहले रेलवे ने कर दिया एक और बड़ा एलान
जागरण संवाददाता, पटना। रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव की अध्यक्षता में शुक्रवार को आयोजित बैठक में देशभर के 60 प्रमुख स्टेशनों पर भीड़ नियंत्रण को लेकर स्थाई तौर पर वेटिंग एरिया बनाने का निर्णय लिया गया है।
इसमें पटना, आनंद विहार, नई दिल्ली, वाराणसी, सूरत, उधना एवं अयोध्या आदि को शामिल किया गया है। इन स्टेशनों पर वेटिंग एरिया स्टेशन के बाहरी भाग में बनाने का निर्णय लिया गया है।
इसका मुख्य उद्देश्य है यात्रियों की भीड़ को नियंत्रित करना। इन स्टेशनों पर यात्रियों को तभी प्लेटफार्म पर जाने की अनुमति दी जाएगी, जब ट्रेन आएगी।
कुंभ के दौरान इस तरह की व्यवस्था प्रयागराज में की गई थी। वहां के अनुभवों के आधार पर अन्य 60 स्टेशनों पर वेटिंग एरिया बनाई जा रही है।
केवल कंफर्म आरक्षण वाले यात्रियों को सीधे प्लेटफार्म तक जाने की अनुमति दी जाएगी। बिना टिकट वाले यात्री या प्रतीक्षा सूची वाले यात्री वेटिंग एरिया में रुकेंगे। सभी अनाधिकृत प्रवेश द्वार सील किए जाएंगे।
चौड़े फुट ओवर ब्रिज का होगा निर्माणभीड़ वाले स्टेशनों पर 12 मीटर एवं छह मीटर चौड़ाई वाले दो नये स्टैंर्ड के फुटओवर ब्रिज तैयार किये जाएंगे। इस तरह के रैंप महाकुंभ के दौरान भीड़ प्रबंधन में काफी कारगर साबित हुए थे।
भीड़ नियंत्रण में कैमरों ने काफी अहम भूमिका निभाई थी। इन सभी स्टेशनों पर आसपास के क्षेत्रों में कैमरे लगाए जाएंगे। बड़े स्टेशनों पर वार रूम विकसित किए जाएंगे।
इन स्टेशनों पर अत्याधुनिक डिजाइन वाले संचार उपकरण लगाये जाएंगे। सभी कर्मियों के बदल जाएंगे आइडी कार्ड।
केवल अधिकृत कर्मियों को ही स्टेशन में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी।इसके अलावा सभी कर्मियों को नया डिजाइन यूनिफार्म दिए जाएंगे। इससे रेलकर्मियों को पहचानने में मदद मिलेगी।
प्रमुख स्टेशनों पर होगी निदेशक की तैनाती- सभी प्रमुख स्टेशनों पर एक वरिष्ठ अधिकारी को निदेशक के रूप में तैनात किया जाएगा। सभी विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी निदेशक को रिपोर्ट करेंगे।
- स्टेशन निदेशक स्टेशनों के सुधार के लिए आवश्यक कदम उठायेंगे। स्टेशन निदेशक स्टेशन की क्षमता के अनुसार टिकटों की बिक्री को नियंत्रित कर सकते हैं।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर रेलवे की ओर से छात्राओं को सम्मानित कर उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति प्रदान की गई। साथ ही स्वास्थ्य जांच हेतु चिकित्सा कैंप का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक छत्रसाल सिंह एवं पूर्व मध्य रेलवे के महिला कल्याण संगठन के अध्यक्ष सुनिता सिंह ने समारोह का शुभारंभ किया।
मौके पर 446 छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए कल्याण निधि से 80.30 लाख रुपये की राशि वितरित की। इस अवसर पर महाप्रबंधक ने आधी आबादी के संघर्षों को याद करते हुए उनके विकास पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे में वर्तमान में एक लाख से अधिक महिलाएं कार्यरत हैं। वहीं, पांच हजार महिलाएं पूर्व मध्य रेलवे में अधिकारी, कर्मचारी, डाक्टर, पारा मेडिकल, स्टेशन मास्टर शामिल है।
मौके पर आयोजित चिकित्सा शिविर में डॉ. सुबोध कुमार मिश्र ने कहा कि महिलाओं को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने की जरूरत है।
महिला स्वस्थ रहेगी तभी पूरा परिवार स्वस्थ रह सकता है। मौके पर 50 से अधिक महिला कर्मचारियों के स्वास्थ्य की जांच की गई।
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Women's Day 2025: महिला दिवस पर CM नीतीश कुमार ने दी बधाई, RJD को भी दे दिया बड़ा संदेश
राज्य ब्यूरो, पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को जदयू प्रदेश कार्यालय में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर आयोजित नारी शक्ति सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि हम लोगों के पहले जिन लोगों को मौका मिला, उन्होंने महिलाओं को आगे बढ़ाने का कोई काम नहीं किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर वह महिलाओं को बधाई देते हैं। इस कार्यक्रम में शामिल होकर उन्हें बहुत खुशी हो रही है।
उन्होंने कहा कि हम आरंभ से ही महिलाओं के उत्थान और सशक्तिकरण के लिए निरंतर काम कर रहे हैं, ताकि महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकें। हर क्षेत्र में बड़ी संख्या में महिलाएं आगे बढ़ रही हैं। यह देखकर मुझे काफी प्रसन्नता होती है।
जदयू प्रदेश कार्यालय स्थित कर्पूरी सभागार में आयोजित नारी शक्ति का सम्मेलन का उद्घाटन मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्जवलित कर किया। महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष डॉ. भारती मेहता ने मुख्यमंत्री को पुष्पगुच्छ, अंगवस्त्र और प्रतीक चिह्न भेंटकर उनका अभिनंदन किया।
इस मौके पर जल संसाधन सह संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी, परिवहन मंत्री शीला मंडल, जदयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा, जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा, विधान पार्षद संजय कुमार सिंह उर्फ गांधी जी, पूर्व मंत्री रंजू गीता सहित कई अन्य गणमान्य लोग और बड़ी संख्या में महिलाएं मौजूद थीं।
बर्ड एवियरी का सीएम ने किया लोकार्पणवाइल्ड लाइफ जू सफारी परिसर में नवनिर्मित बर्ड एवियरी का लोकार्पण सह शुभारंभ सीएम नीतीश कुमार ने किया। उन्होंने कहा कि विभिन्न प्रजातियों से लबरेज यह एवियरी अनोखा है। इसे पर्यटकों के लिए शीघ्र ही शुरू करने का भी उन्होंने निर्देश दिया।
जू सफारी प्रबंधन ने बताया कि इस एवियरी का शुल्क अभी निर्धारित टिकट में रखा गया है । बिहार के इस पहले एवियरी का निर्माण किया गया है। एवियरी एक विशेष प्रकार का संरचनात्मक क्षेत्र है, जहां विभिन्न प्रकार के विदेशी पक्षी सुरक्षित और स्वतंत्र रूप से रहते हैं।
नवनिर्मित बर्ड एवियरी का सीएम ने किया लोकार्पण।
इन पक्षियों के लिए यह एक आदर्श वातावरण प्रदान करता है, जो उनके प्राकृतिक आवास से मिलते-जुलते होते हैं। एवियरी में पक्षियों के लिए खुली जगह, पेड़-पौधे, और जल स्रोत होते हैं। जिससे उनकी प्राकृतिक आदतों का पालन किया जा सके।
विभिन्न प्रजाति के पक्षियों को देख सकेंगेबर्ड एवियरी का निर्माण मुख्यतः पक्षियों के संरक्षण तथा लुप्तप्राय पक्षियों के प्रजनन को बढ़ावा देने के साथ-साथ पर्यटकों में पक्षियों की जानकारी एवं उनके संरक्षण की आवश्यकता के लिये जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया है। विदेश में पाये जाने वाले विभिन्न प्रजाति के पक्षियों को पर्यटक देख सकेंगे।
बर्ड एवियरी में पर्यटकों को देखने हेतु विदेशी पक्षियों की प्रजातियों उपलब्ध हैं, जैसे कि स्कार्लेट मैकाउ, सल्फर-क्रेस्टेड कॉकटू, बुडगेरिगर, कॉकटेल, इलिगर मैकाउ, मलार्ड डक, ब्लैक स्वान जैसे रंगीन और विविध प्रजातियों रखी गयी हैं।
बर्ड एवियरी में घूमते सीएम नीतीश कुमार।
प्रत्येक प्रजाति की अपनी खास जरूरतें एवं महत्व होती है, जैसे कि तापमान, आहार, और सामाजिक व्यवहार, जिसे ध्यान में रखते हुए उन्हें रखा गया है।
एवियरी को इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि पक्षियों को पर्याप्त जगह मिल सके। इसमें खुले स्थान के साथ-साथ, उन्हें शरण लेने के लिए पेड़ और झाड़ियां भी उपलब्ध है। एवियरी का आकार पक्षियों की संख्या के अनुसार तय किया गया है।
महत्वपूर्ण है पक्षियों की सुरक्षापक्षियों की सुरक्षा एक महत्वपूर्ण तत्व है, ताकि पक्षी बाहर न निकल सकें और उनकी रक्षा की जा सके, इसको देखते हुये बर्ड एवियरी के चारों ओर मजबूत एस.एस. वेबनेट वायरमेश जाली का इस्तेमाल किया गया है, ताकि कोई शिकारी या बाहरी खतरा प्रवेश न कर सके।
एवियरी में प्राकृतिक वातावरण को बनाए रखने के लिए विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधे, झाड़ियों और पानी के स्रोत जैसे तालाब और झरना लगाया गया है। इससे पक्षियों को अपने प्राकृतिक निवास स्थान जैसा महसूस होता है।
बर्ड एवियरी में पक्षियों के लिए उचित भोजन और स्वच्छ पानी की व्यवस्था भी की गयी है। एवियरी में उन्हें उनके प्राकृतिक आहार के समान भोजन दिया जाता है।
बर्ड एवियरी के अन्दर 50 मीटर लम्बाई, 5 मीटर चौड़ाई एवं जमीनस्तर से 2.55 मीटर ऊंचाई के विजिटर डेक का निर्माण कार्य किया गया है। इसके अतिरिक्त विजिटर डेक के उपर 10 फीट ऊंचाई तक के टनल का निर्माण किया गया है, जिसके उपर वेबनेट वायरमेश लगाया गया है, ताकि पक्षियों एवं पर्यटकों में आवश्यक दूरी बनायी जा सके।
बर्ड एवियरी।
विजिटर डेक के दोनों तरफ 6.5 फीट ऊंचाई का Viewing glass का कार्य किया गया है, जिससे पर्यटक पक्षियों को देख सके एवं साथ ही यह पक्षियों एवं पर्यटकों के बीच सेफ्टी बैरियर के रूप में कार्य करेगा।
कॉरिडोर में दोनों तरफ पक्षियों की जानकारी देने के लिये साइनेजेस लगाए गए हैं। बर्ड एवियरी में जलीय पक्षियों के अधिवास प्रबंधन के लिये लगभग 550 वर्गमीटर के बड़े तालाब का निर्माण किया किया गया है जिसमें पक्षियों के लिये दो बड़े आईलैंड का निर्माण भी किया गया है।
पानी की स्वच्छता एवं पक्षियों की नैसर्गिक व्यवहार के आलोक में बहते स्ट्रीम से पानी की उपलब्धता, झरने का निर्माण, पक्षियों के रूस्टिंग हेतु आवश्यक व्यवस्था, सैंड बीच का निर्माण इत्यादि कार्य किया गया है।
पक्षियों के लिये बेहतर अधिवास निर्माण करने हेतु एवियरी के अन्दर फलदार एवं छायादार पौधों का पौधारोपन किया गया है। साथ ही पक्षियों को छुपने के लिये झाड़ियों को लगाया गया हैं।
एवियरी के चारों तरफ बटरफ्लाई के लिये होस्ट प्लांट का पौधारोपण कार्य किया गया है। ताकि पर्यटकों को एवियरी के बाहरी क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की तितलियों को नजदीक से देखा जा सकेगा।
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