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Bihar: बिना थर्ड पार्टी बीमा कराए वाहन चलाया तो कटेगा ऑटोमैटिक ई-चालान, मिलेगा 1 दिन का ग्रेस पीरियड
राज्य ब्यूरो, पटना। अब बिना थर्ड पार्टी बीमा कराए वाहन चलाने पर शहरी क्षेत्र में भी ऑटोमैटिक ई-चालान कटेगा। पहले चरण में चारों स्मार्ट सिटी- पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर और बिहारशरीफ में इसे लागू किया जाएगा। स्मार्ट सिटी शहरों में लगाए गए एएनपीआर (ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन) कैमरों के माध्यम से ऐसे वाहनों का ऑटोमैटिक ई-चालान काटा जाएगा।
परिवहन विभाग के अनुसार, यह चालान एक दिन में एक ही बार कटेगा। निर्गत ई-चालान की राशि जमा करने के लिए विभाग की ओर से एक दिन की अनुग्रह अवधि (ग्रेस पीरियड) दिया जाएगा। इस अवधि के बाद भी थर्ड पार्टी बीमा न कराने पर फिर से ई-चालान निर्गत किया जाएगा।
परिवहन सचिव ने दी जानकारीपरिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि सभी वाहन मालिकों को अपने वाहन का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कराना अनिवार्य है। जिन वाहनों का बीमा प्रमाण पत्र अपडेट नहीं है, उन वाहनों पर मोटरयान अधिनियम, 1988 की धारा 196 के तहत शमन के रूप में ई चालान निर्गत करने का प्रविधान है।
उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान में टोल प्लाजा पर ई-डिटेक्शन सिस्टम के माध्यम से बिना थर्ड पार्टी बीमा के वाहनों का ऑटोमैटिक चालान काटा जा रहा है। इसके साथ ही हैंड हेल्ड डिवाइस के माध्यम से भी चालान निर्गत किया जाता है।
दुर्घटना में मौत पर पांच लाख का मुआवजा:- थर्ड पार्टी बीमा कराने से न केवल वित्तीय सुरक्षा मिलती है, बल्कि यह दुर्घटना होने पर घायल पीड़ितों को भी मदद मिलती है।
- गाड़ी का बीमा नहीं होने पर जुर्माना का प्रविधान है, साथ ही दुर्घटना होने पर घायल के इलाज का खर्च और मृत्यु होने की स्थिति में कम से कम पांच लाख रुपये का मुआवजा देने का प्रविधान है।
- मुआवजा प्राप्त करने में मदद: यह बीमाधारक को हुए नुकसान या नुकसान के लिए मुआवजा प्राप्त करने में मदद करता है
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मेहुल चौकसी ही नहीं, इन तीन भगोड़ों पर भी जांच एजेसी की नजर; IPL से जुड़ा है दो का कनेक्शन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) को बेल्जियम पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। हीरा व्यापारी और गीतांजलि समूह के मालिक पर अपने भतीजे नीरव मोदी, उसकी पत्नी अमी मोदी और भाई नीशाल मोदी के साथ सरकारी बैंक पंजाब नेशनल बैंक से करीब 13,500 करोड़ रुपये के गबन का आरोप है।
उसे 12 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था और वर्तमान में उसे हिरासत में रखा गया है। बेल्जियम का कहना है कि भारत ने उसके प्रत्यर्पण के लिए अनुरोध भी किया है।
हालांकि, भगोड़े कारोबारी की फेहरिस्त लंबी है। मेहुल चोकसी के अलावा जांच एजेंसियों से इन कारोबारियों के प्रत्यर्पण का इंतजार भी है।
नीरव मोदीपंजाब नेशनल बैंक में हुए घोटाले में हीरा व्यापारी नीरव मोदी भी आरोपी है। साल 2018 में वो भारत छोड़कर भाग गया था। नीरव मोदी को 19 मार्च, 2019 को लंदन में होबर्न के मेट्रो बैंक ब्रांच से गिरफ्तार किया गया था। उसे भारतीय अधिकारियों द्वारा दायर प्रत्यर्पण वारंट पर मार्च 2019 में गिरफ्तारी के बाद से हिरासत में रखा गया है।
नीरव मोदी पर पीएनबी से 13,850 करोड़ रुपये से ज्यादा की धोखाधड़ी करने का आरोप है और उसे बार-बार जमानत देने से इनकार किया गया है, हाल ही में मई 2024 में सातवीं बार जमानत देने से इनकार किया गया था।
विजय माल्याकिंगफिशर कंपनी का मालिक विजय माल्या भारतीय बैंकों के 9 हजार करोड़ रुपये से अधिक के कर्जदार हैं।आरसीबी के पूर्व ओनर विजय माल्या पर आरोप है कि उसने अपनी किंगफिशर एयरलाइन कंपनी के लिए बैंकों से कर्ज लिया और उसे बिना चुकाए वो विदेश चले गए।
किंगफिशर एयरलाइन दिवालिया होने के बाद बंद हो चुकी है। वो फिलहाल लंदन में है। भारत के 17 बैंक, माल्या से 9000 करोड़ रुपये का लोन वसूलने की कोशिश में है।
माल्या को 13 जून 2016 को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) कोर्ट ने ED के अनुरोध पर वॉन्टेड घोषित किया गया था। वो फिलहाल ब्रिटेन में रह रहा है और भारत सरकार उसे वापस देश लाने की कोशिश में जुटी है।
ललित मोदीतीसरा नाम ललित मोदी का है। IPL यानी इंडियन प्रीमियर लीग के पूर्व प्रमुख ललित मोदी साल 2010 से ब्रिटेन में रह रहे हैं। नीरव मोदी पर आईपीएल कमिश्नर के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान नीलामी में कथित तौर पर हेराफेरी करने के लिए आरोप हैं।
हालांकि, उन्होंने इन सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है। 2013 में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने ललित मोदी पर आजीवन क्रिकेट गतिविधियों में शामिल होने पर प्रतिबंध लगा दिया था।
ललित मोदी ने मॉरीशस की कंपनी वर्ल्ड स्पोर्ट्स को आईपीएल का 425 करोड़ का ठेका दिया था। उनपर आरोप है कि उन्होंने इसमें से 125 करोड़ रुपए कमीशन लिया। 2010 में वो ब्रिटेन भाग गया, तभी से भारत सरकार उसके प्रत्यर्पण की कोशिश कर रही है।
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Axe falls on Nasa's Indian-origin DEI chief after attempt to hide her fails - India Today
- Axe falls on Nasa's Indian-origin DEI chief after attempt to hide her fails India Today
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- Indian-origin DEI chief Neela Rajendra ousted as Nasa reshuffles diversity leadership under Trump mandate Times of India
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Murshidabad Violence: सुप्रीम कोर्ट पहुंचा बंगाल हिंसा का मामला, विशेष टीम से जांच के लिए याचिका दायर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। सुप्रीम कोर्ट के वकील शशांक शेखर झा ने हिंसा और मौतों की जांच के लिए एक विशेष टीम बनाने और सुप्रीम कोर्ट से इस जांच की निगरानी करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को लोगों की जान बचाने और आगे की हिंसा को रोकने के लिए भी कदम उठाने चाहिए।
दरअसल, पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हुआ। हिंसा के बाद मुर्शिबाद में केंद्रीय बलों की तैनाती की गई। इस हिंसा में तीन लोगों की जान गई है। पिछले हफ्ते मुर्शिदाबाद और दक्षिण 24 परगना, मालदा और हुगली सहित बंगाल के अन्य जिलों में हुई हिंसा के बाद से 200 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
हिंसा में तीन लोगों की मौतवक्फ कानून के खिलाफ पिछले हफ्ते शुक्रवार को बड़ा प्रदर्शन किया। बाद में यह प्रदर्शन हिंसा में तब्दील हो गया। प्रदर्शनकारियों ने रेलवे ट्रैक को ब्लॉक कर दिया। इसके अलावा पुलिस पर पत्थरबाजी की गई। इस दौरान पुलिस ने बल का प्रयोग किया। उपद्रवीयों ने पुलिस की कई वन को आग के हवाले कर दिया इसके अलावा जमकर तोड़फोड़ की गई।
कई जिलों में प्रदर्शन जारी- उल्लेखनीय है कि वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ बंगाल के मुस्लिम बहुल जिले मुर्शिदाबाद व दक्षिण 24 परगना में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद के शमशेरगंज के जाफराबाद में सोमवार को फिर हालात बिगड़ गए।
- उपद्रवियों ने यहां स्थिरता बहाली के लिए तैनात केंद्रीय बल के जवान व पुलिस को लक्ष्य कर भारी पथराव किया। कुछ देर के लिए केंद्रीय बल के जवानों को पीछे हटना पड़ा। बाद में बड़ी संख्या में केंद्रीय बल के जवान व पुलिस कर्मी मौके पर पहुंचे तथा स्थिति को नियंत्रित किया। पुलिस हमलावरों की तलाश कर रही है।
- बताया जा रहा है कि दक्षिण 24 परगना के भांगड़ के सोनपुर में सोमवार को उपद्रवियों ने पुलिस वैन में तोड़फोड़ की। पुलिस की पांच बाइकों को आग के हवाले कर दिया। वहीं, सिलीगुड़ी के चार नंबर वार्ड अंतर्गत ज्योति नगर इलाके में सोमवार सुबह अचानक हिंसा भड़क उठी। दो पक्षों के बीच तीव्र विवाद के बाद कई घरों में तोड़फोड़ की गई और माहौल तनावपूर्ण हो गया।
बंगाल के मुर्शिदाबाद समेत अन्य जिलों में फैली हिंसा को देखते हुए इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दी गई है। राज्य पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) जावेद शमीम ने बताया कि दूसरे राज्यों के कुछ निहित स्वार्थी तत्वों द्वारा स्थिति के बारे में अफवाह फैलाने की कोशिश की जा रही है और अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए फिलहाल कुछ इलाकों में इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं।
हिंसा के दौरान 200 हिंदू घरों को जलाए जाने का दावासूत्रों के अनुसार, हिंसा के दौरान मुर्शिदाबाद में करीब 200 हिंदू घरों को जला दिया गया। लोगों का आरोप है कि गैस सिलिंडर खोलकर और पेट्रोल डालकर आग लगा दी गई। उपद्रवियों ने बड़ी संख्या में घरों व दुकानों में लूटपाट और आगजनी की। कई तालाबों में उपद्रवियों द्वारा जहर मिलाने का भी आरोप है, जिससे बड़ी संख्या में मछलियां मर गईं। पान के बागानों में भी आगजनी का आरोप है।
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टैरिफ वॉर से मंडराया मंदी का खतरा, अमेरिका में महंगाई की मार; चीन पर क्या होगा असर?
जागरण टीम, नई दिल्ली। विश्व के 75 देशों को पारस्परिक टैरिफ से 90 दिन की मोहलत देने और चीन पर 125 प्रतिशत टैरिफ लगाने के डोनाल्ड ट्रंप के कदम से यह साफ हो गया है कि यह सिर्फ व्यापार को संतुलित करने का मामला नहीं है। यह विश्व की दो बड़ी आर्थिक महाशक्तियों के बीच वर्चस्व की जंग है। इसमें टैरिफ सिर्फ एक टूल है।
पिछले करीब तीन दशकों में चीन निर्यात के दम पर करीब 19 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन गया है। करीब 30 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला अमेरिका चीन की बढ़ती सामरिक ताकत पर अंकुश लगाना चाहता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि चीन की सामरिक ताकत पर अंकुश लगाने का कारगर तरीका व्यापार की दुनिया में उसके दबदबे को कमजोर करना है। डोनाल्ड ट्रंप की अगुवाई में अमेरिका टैरिफ के जरिये यही करने का प्रयास कर रहा है।
दुनिया की दो बड़ी महाशक्तियों के बीच वर्चस्व की इस जंग का असर पूरे विश्व पर पड़ेगा। कुछ विशेषज्ञ इसे सप्लाई चेन में बड़े बदलाव के साथ मंदी की आशंका भी जता रहे हैं। चीन अमेरिका के बीच व्यापारिक युद्ध विश्व को कैसे प्रभावित करेगा इसकी पड़ताल अहम मुद्दा है?
भारत पर पड़ेगा मिला- जुला असर1. महंगे हो सकते हैं स्मार्टफोन, लैपटॉप और उपकरणभारत का मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर चीनी कंपोनेंट पर निर्भर है। विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स में यह निर्भरता अधिक है। बैटरी से लेकर सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले पैनल तक सबकुछ चीन से आता है। इसका मतलब है कि आने वाले हफ्तों में स्मार्टफोन लैपटॉप और उपकरण महंगे हो सकते हैं।
2. फार्मा उत्पादों की बढ़ सकती है लागतभारत दवा उत्पादन में अग्रणी देश है। लेकिन दवा बनाने के लिए लगभग 70 प्रतिशत कच्चा माल चीन से आता है। अगर कच्चे माल की आपूर्ति में किसी तरह की बाधा आती है तो इससे न सिर्फ उत्पादन लागत बढ़ेगी बल्कि निर्यात के लिए भेजी जाने वाली खेप पहुंचाने में देरी होगी। वैश्विक जेनरिक दवा बाजार पर इसका बुरा असर पड़ेगा।
3. स्टील उत्पादकों पर बढ़ेगा दबावस्टील की बात करें तो अमेरिका और यूरोप के बाजारों में निर्यात की गुंजाइश कम हो रही है। ऐसे में चीन के स्टील उत्पादक स्टील भारत जैसे वैकल्पिक बाजारों में डंप करने का प्रयास कर सकते हैं। इससे स्थानीय स्तर पर स्टील की कीमतों में गिरावट आएगी। इससे भारत में स्टील उत्पादकों को नुकसान हो सकता है क्योंकि वह पहले ही मार्जिन के दबाव से जूझ रहे हैं।
4. आईटी और टेक सर्विस इंडस्ट्री को होगा फायदाभारत की आईटी और टेक सर्विस इंडस्ट्री को ट्रेड वार से फायदा हो सकता है। ट्रंप के पहले कार्यकाल में जब चीन और अमेरिका के बीच व्यापार को लेकर तनाव बढ़ा था, उस समय भी ऐसा हुआ था। चीन बढ़ती लागत और अस्थिरता से चिंतित अमेरिकी कंपनियां भारत से आउटसोर्सिंग बढ़ा सकते हैं। खास कर बैकएंड आपरेशंस, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट और एआई सपोर्ट के लिए।
5. कृषि उत्पादों के लिए है मौकाअगर चीन अमेरिका के बाजार में अपने उत्पाद नहीं बेच पाता है तो भारत के लिए मौका बन सकता है। सोयाबीन और कॉटन के बाजार में ऐसा हो सकता है।
चीन में एडवांस्ड माइक्रोचिप्स की हो सकती है किल्लतअमेरिका चीन पर टेक्नोलॉजिकल ब्लाकेड को और कड़ा कर सकता है, जिसकी शुरुआत जो बाइडन प्रशासन ने की थी। इससे चीन को एडवांस्ड माइक्रोचिप्स आयात करने में और कठिनाई हो सकती है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे एप्लिकेशंस के लिए यह बहुत ज़रूरी है। चीन अभी भी इसे खुद नहीं बना सका है।
किन देशों पर दबाव डाल सकता है अमेरिका?अमेरिका चीन को अलग-थलग करने के लिए कंबोडिया, मैक्सिको और वियतनाम समेत अन्य देशों पर ये दबाव डाल सकता है कि अगर वे अमेरिका के साथ व्यापार करना चाहते हैं तो वे चीन से व्यापार न करें।
ट्रेड वार का दुनिया पर क्या होगा असर?अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ के अनुसार, इस वर्ष कुल वैश्विक अर्थव्यवस्था में अमेरिका और चीन की अर्थव्यवस्था की हिस्सेदारी करीब 43 प्रतिशत है।
अगर इन दोनों देशों के बीच व्यापक ट्रेड वार छिड़ जाता है तो यह दोनों की विकास दर को धीमा करेगा या यहां तक कि उन्हें मंदी में भी खींच सकता है और इससे पैदा हुई सुस्त वैश्विक विकास दर से अन्य देशों की अर्थव्यवस्थाओं को भी नुकसान पहुंचेगा।
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वैश्विक निवेश पर कैसा पड़ेगा असर?वैश्विक निवेश पर भी नकारात्मक असर पड़ेगा। हालांकि और भी संभावित खतरे हैं। चीन दुनिया का सबसे बड़ा मैन्युफैक्चरिंग देश है और वह घरेलू स्तर पर पैदा होने वाली मांग की तुलना में बहुत अधिक उत्पादन करता है। वह रियायतें देकर वस्तुओं के उत्पादन को सस्ता रखता है। स्टील इसका एक उदाहरण है।
किन देशों में बढ़ेगी बेरोजगारी?अमेरिका में ऊंचे टैरिफ की वजह से चीन अपने उत्पाद दूसरे देशों में डंप कर सकता हैं। हालांकि, यह उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन उन देशों के उद्योगों पर इस डंपिंग का बुरा असर पड़ेगा। वहां नौकरियां जाएंगी और बेरोजगारी बढ़ेगी।
क्या अमेरिका पर भी पड़ेगा असर?पहले कार्यकाल में ट्रंप ने चीन पर 20 प्रतिशत टैरिफ लगाया था तो अमेरिका में कीमतें अच्छी खासी बढ़ गई थीं। चीन पर 125 टैरिफ कीमतों को कई गुना बढ़ा सकता है।
क्या टैरिफ वॉर बढ़ा देगा चीन में महंगाई?अमेरिका पर जवाबी टैरिफ लगाने से चीन में भी कीमतें बढ़ेंगी और चीन के उपभोक्ताओं पर इसका बोझ पड़ेगा।
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जरूरी धातुओं की सप्लाई बंद कर सकता है चीनउद्योगों के लिए जरूरी तांबे से लेकर लिथियम जैसी धातुओं को रिफाइन करने में चीन की मुख्य भूमिका है।
बीजिंग इन धातुओं को अमेरिका तक पहुंचने में बाधाएं खड़ी कर सकता है। चीन ने जर्मेनियम और गैलियम जैसी दो धातुओं के बारे में ऐसा कर भी दिया है।
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वक्फ कानून के बाद देश में आएगा UCC? पीएम मोदी ने दिया संकेत; कांग्रेस को खूब सुनाया
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज हरियाणा के हिसार के दौरे पर रहे। यहां पर पीएम मोदी ने हिसार हवाई अड्डे से अयोध्या हवाई अड्डे के लिए पहली सीधी विमान सेवा को हरी झंडी दिखाई। इसके अलावा पीएम ने हिसार हवाई अड्डे पर नए टर्मिनल और कई अन्य विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां पर एक जनसभा को भी संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने वक्फ कानून पर अपनी बातों को रखते हुए कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा और वक्फ अधिनियम का विरोध करने वालों को करारा जवाब दिया। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने यूसीसी को लेकर भी बात की। जिसके बाद चर्चा की जाने लगी कि क्या देश में वक्फ के बाद यूसीसी लाने की तैयारी है?
जानिए क्या बोले पीएम मोदी?हिसार में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने संविधान को सत्ता पाने का हथियार बना लिया। जब भी उन्हें लगा कि सत्ता उनके हाथ से फिसल रही है, तो उन्होंने संविधान को रौंद डाला, जैसा कि उन्होंने आपातकाल के दौरान किया था। संविधान की भावना स्पष्ट रूप से कहती है कि सभी नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता होनी चाहिए, जिसे मैं धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता कहता हूं। लेकिन कांग्रेस ने इसे कभी लागू नहीं किया। उत्तराखंड में हमने धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता लागू की है, लेकिन कांग्रेस इसका विरोध करती रहती है।
Congress turned the Constitution into a mere tool for gaining power. Whenever they felt that power slipping from their hands, they trampled upon the Constitution, just as they did during the Emergency.
The spirit of the Constitution clearly says that there must be one common…
हिसार में जनता को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा,
कांग्रेस संविधान को नष्ट करने वाली पार्टी बन गई है। डॉ. बीआर अंबेडकर समानता लाना चाहते थे, लेकिन कांग्रेस ने वोट बैंक की राजनीति का वायरस फैलाया। बाबा साहब चाहते थे कि हर गरीब, हर पिछड़ा सम्मान के साथ और सिर ऊंचा करके जी सके, सपने देख सके और उन्हें पूरा कर सके।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के समय में एससी, एसटी ओबीसी के लिए बैंक के दरवाजे भी नहीं खुलते थे; लोन, कल्याण सब कुछ सिर्फ सपना था, लेकिन अब जनधन खातों के सबसे बड़े लाभार्थी एससी, एसटी भाई-बहन हैं। उन्होंने आगे कहा कि वक्फ बोर्ड के अधीन लाखों हेक्टेयर जमीन है, लेकिन गरीबों और जरूरतमंदों की मदद के लिए संपत्तियों और परिसंपत्तियों का सही इस्तेमाल नहीं किया गया है।
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