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DMK ने लगाया गुमराह करने का आरोप तो धर्मेंद्र प्रधान ने साझा किया पत्र, सीएम स्टालिन को लिया आड़े हाथ

Dainik Jagran - National - March 11, 2025 - 11:41pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तमिलनाडु स्कूलों में हिंदी भाषा पढ़ाने का विरोध कर रहा है। इस बीच केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने तमिलनाडु स्कूल शिक्षा विभाग का एक पत्र साझा किया है। यह पत्र 15 मार्च 2024 का है। इसमें कहा गया कि राज्य पीएम श्री स्कूल स्थापित करने के लिए बेहद उत्सुक है।

इससे पहले डीएमके सांसद कनिमोझी ने कहा था कि शिक्षा मंत्री का दावा तथ्यात्मक रूप से गलत है। यह सदन को गुमराह करने वाला है। इसके बाद शिक्षा मंत्री ने यह पत्र साझा किया।

सहमति पत्र किया साझा

शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लिखा कि कल डीएमके सांसदों और सीएम स्टालिन ने मुझ पर पीएम श्री स्कूलों की स्थापना पर तमिलनाडु की सहमति के बारे में संसद को गुमराह करने का आरोप लगाया था। मैं अपने बयान पर कायम हूं। 15 मार्च 2024 को तमिलनाडु स्कूल शिक्षा विभाग का सहमति पत्र साझा कर रहा हूं।

जनता को जवाब देना होगा

शिक्षा मंत्री ने आगे कहा कि डीएमके सांसद और माननीय सीएम जितना चाहें झूठ का अंबार लगा लें। मगर सीएम स्टालिन के नेतृत्व वाली डीएमके सरकार को तमिलनाडु के लोगों को बहुत कुछ जवाब देना होगा। भाषा के मुद्दे को ध्यान भटकाने की रणनीति के रूप में उठाना और अपनी सुविधा के मुताबिक तथ्यों को नकारना उनके शासन और कल्याण घाटे को नहीं बचा पाएगा।

अचानक यह बदलाव क्यों?

प्रधान ने आगे पूछा कि एनईपी पर रुख में अचानक यह बदलाव क्यों? निश्चित रूप से सियासी स्वार्थ और डीएमके के राजनीतिक भाग्य को पुनर्जीवित करने की खातिर होगा। डीएमके की यह राजनीति तमिलनाडु और वहां के छात्रों के उज्ज्वल भविष्य के लिए बड़ा नुकसान है।

सुधा मूर्ति का किया जिक्र

धर्मेंद्र प्रधान ने राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति के साथ अपनी बातचीत का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मैंने सुधा मूर्ति जी से पूछा कि आप कितनी भाषाएं जानती हैं? जवाब में उन्होंने कहा कि जन्म से वह कन्नड़ हैं, पेशे से उन्होंने अंग्रेजी सीखी, अभ्यास से उन्होंने संस्कृत, हिंदी, ओडिया, तेलुगु और मराठी सीखी। इसमें गलत क्या है?

सुधा मूर्ति जी पर इन भाषाओं को सीखने का किसने दबाव बनाया? कोई किसी पर कुछ नहीं थोप रहा है। यह एक लोकतांत्रिक समाज है। कई बार आपको बहुभाषी बनना चाहिए। इस बीच तमिलनाडु सीएम ने राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू नहीं करने का एलान किया है। 

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ECI ने सभी राजनीतिक दलों को लिखा लेटर, बातचीत के लिए किया आमंत्रित; चुनावी प्रक्रियाओं को मजबूत करने की पहल

Dainik Jagran - National - March 11, 2025 - 11:33pm

पीटीआई, नई दिल्ली। मतदाता सूची में हेराफेरी के आरोपों के बीच चुनाव आयोग ने इस मामले को सुलझाने की मंगलवार को पहल की। चुनावी प्रक्रिया मजबूत करने के लिए आयोग ने राजनीतिक दलों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया।

चुनाव आयोग ने सभी राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों से चुनावी पंजीकरण अधिकारियों, जिला निर्वाचन अधिकारियों और मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के स्तर पर 'किसी भी अनसुलझे मुद्दे' को लेकर 30 अप्रैल तक सुझाव आमंत्रित किए हैं।

चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को लिखा पत्र

आयोग ने मंगलवार को राजनीतिक दलों को अलग-अलग लिखे पत्र में पार्टी अध्यक्षों और वरिष्ठ सदस्यों के साथ 'परस्पर सुविधाजनक समय पर बातचीत करने का सुझाव दिया है ताकि स्थापित कानून के अनुसार चुनावी प्रक्रियाओं को और मजबूत किया जा सके।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने पिछले हफ्ते दिए थे ये आदेश
  • मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने पिछले सप्ताह आयोग के एक सम्मेलन में सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों, जिला निर्वाचन अधिकारियों और निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे राजनीतिक दलों के साथ नियमित रूप से संवाद करें। ऐसी बैठकों में प्राप्त सुझावों का समाधान पहले से मौजूद कानूनी ढांचे के भीतर करें तथा 31 मार्च तक की गई कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करें।
  • आयोग ने राजनीतिक दलों से भी संवाद की इस प्रणाली का उपयोग करने का आग्रह किया था। इस प्रणाली के लिए आयोग द्वारा चिह्नित 28 प्रमुख हितधारकों में से एक राजनीतिक दल भी हैं।
  • निर्वाचन आयोग द्वारा राजनीतिक दलों को लिखे पत्र में कहा गया कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और 1951, निर्वाचक पंजीकरण नियम, 1960, चुनाव संचालन नियम, 1961, सुप्रीम कोर्ट के आदेशों ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए विकेंद्रीकृत, मजबूत और पारदर्शी कानूनी ढांचा स्थापित किया है।
संसद में उठा EPIC नंबरों में दोहराव का मुद्दा

मतदाता फोटो पहचान पत्र (ईपिक) नंबरों में दोहराव का मुद्दा संसद में लगातार दूसरे दिन भी गूंजा। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मतदाता सूचियों में कथित गड़बड़ी के मुद्दे पर सदन में चर्चा की मांग की। कई राजनीतिक दलों ने मतदाता सूचियों को लेकर सवाल उठाए हैं।

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India-Qatar: भारत-कतर ने आर्थिक समझौतों पर किए हस्ताक्षर, इन क्षेत्रों में करेंगे एकसाथ काम

Dainik Jagran - National - March 11, 2025 - 11:30pm

 पीटीआई, नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि भारत और कतर ने सार्वजनिक-निजी भागीदारी की रूपरेखा एवं निवेश, वित्तपोषण साधनों के उपयोग के साथ आर्थिक नीतियों में आपसी सहयोग के प्रोत्साहन एवं विकास के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।

भारत यात्रा के दौरान हस्ताक्षर किए गए

वित्तीय और आर्थिक सहयोग के इस समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर दोनों देशों के बीच 18 फरवरी को कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी की भारत यात्रा के दौरान हस्ताक्षर किए गए थे।

मंत्रालय ने कहा, 'एमओयू का उद्देश्य आर्थिक नीतियों, वित्तपोषण साधनों के उपयोग, सार्वजनिक-निजी भागीदारी के प्रारूप एवं निवेश के क्षेत्रों में आपसी सहयोग को बढ़ावा देना और विकसित करना है।'

एमओयू से दोनों देशों में निवेश के लिए नए अवसरों की उम्मीद

इस एमओयू से दोनों देशों में निवेश के लिए नए एवं उभरते क्षेत्रों और अवसरों की तलाश होने की उम्मीद है। दोनों देशों के वित्त मंत्रालय आपस में संयुक्त सहयोग कॉ माडल और क्षेत्रों को बढ़ावा देंगे।

दोनों देश विशेषज्ञ कार्यशालाओं, संगोष्ठियों एवं सम्मेलनों का आयोजन, संयुक्त कार्य के क्षेत्रों में दस्तावेजी और तकनीकी जानकारी के आदान-प्रदान और दोनों देशों के व्यापारिक समुदायों के बीच संवाद बनाए रखने की पहल करेंगे।

एक साथ काम करने और निवेश पर होगा काम

मंत्रालय ने कहा कि यह एमओयू दोनों पक्षों की एक साथ काम करने और निवेश, विकास और प्रगति के लिए नए अवसरों को खोलने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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'मेरा बेटा आतंकवादी नहीं था', जार्डन में मारे गए केरल के व्यक्ति के पिता ने सरकार से जांच की मांग की

Dainik Jagran - National - March 11, 2025 - 11:30pm

पीटीआई, तिरुअनंतपुरम। इजराइल में प्रवेश की कोशिश करते समय कथित रूप से जार्डन के सशस्त्र बलों की गोली का शिकार हुए थामस गेब्रियल परेरा को मंगलवार को तिरुअनंतपुरम के थुंबा में एक गिरजाघर के कब्रिस्तान में दफना दिया गया। परेरा का शव मंगलवार सुबह तिरुअनंतपुरम लाया गया था।

पिता ने न्याय की मांग की

इस बीच मृतक के पिता ने न्याय की मांग करते हुए कहा कि मेरा बेटा आतंकवादी नहीं बल्कि भारतीय नागरिक था। जब वह यहां से रवाना हुआ तो अपने साथ वीजा समेत सभी जरूरी दस्तावेज लेकर गया था। वह अकेला नहीं था, उसके साथ उसका साला भी था। बाद में ही हमें पता चला कि उसकी हत्या कर दी गई है।

परेरा के परिवार ने कहा कि मृतक के पास वैध वीजा और वापसी का टिकट था। उन्होंने मामले की सरकार से विस्तृत जांच की मांग की है। मृतक के पिता गेब्रियल परेरा ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वीडी सतीशन को एक ज्ञापन भी सौंपा, जिसमें गहन जांच के लिए उनके हस्तक्षेप का अनुरोध किया गया।

दस्तावेज अब तक परिवार को नहीं सौंपे गए

नेता प्रतिपक्ष ने थॉमस को दफनाये जाने के तुरंत बाद थुंबा के सेंट जान द बैपटिस्ट चर्च में उसके परिवार के सदस्यों से मुलाकात की। सतीशन ने मीडिया से कहा कि और अधिक जानकारी की आवश्यकता है क्योंकि मृतक का पासपोर्ट और अन्य यात्रा दस्तावेज अब तक परिवार को नहीं सौंपे गए हैं।

केरल वापस लाने के लिए हरसंभव प्रयास किया

भाजपा के वरिष्ठ नेता वी मुरलीधरन ने परेरा को श्रद्धांजलि देने के बाद कहा कि केंद्र सरकार ने शव को केरल वापस लाने के लिए हरसंभव प्रयास किया और उन्होंने मामले की जांच के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर से व्यक्तिगत रूप से बात की है।

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Manipur: मणिपुर में बड़ा हादसा, खाई में गिरी BSF की गाड़ी, तीन जवानों की मौत और 13 घायल

Dainik Jagran - National - March 11, 2025 - 11:02pm

 पीटीआई, इंफाल। मणिपुर के सेनापति जिले में चंगौबुंग गांव के समीप खाई में ट्रक गिर जाने से उसमें सवार बीएसएफ के तीन जवानों की मौत हो गई और 13 अन्य घायल हो गए। दो बीएसएफ जवानों की दुर्घटनास्थल पर ही मौत हो गई जबकि एक की मौत अस्पताल के रास्ते में हुई।

मृत बीएसएफ जवानों के शवों को जिला अस्पताल में रखा गया है। घायल हुए जवानों में से कुछ की स्थिति गंभीर बताई गई है। राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने बीएसएफ जवानों की मौत पर शोक जताया है। उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है।

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GST दरें कम होने से खपत और रोजगार में होगी बढ़ोतरी, तंबाकू उत्पादों पर 35 फीसदी का नया जीएसटी स्लैब संभव

Dainik Jagran - National - March 11, 2025 - 10:55pm

राजीव कुमार, नई दिल्ली। जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाने की कवायद में अधिकतर वस्तुओं की दरें कम हो सकती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले सप्ताह एक कार्यक्रम में साफ संकेत दिया था कि अब अगली बारी जीएसटी दरों में कटौती की है। यह कटौती पूर्ण रूप से राज्यों की सहमति पर निर्भर करेगा।

पिछले दो साल से मंत्रियों के समूह इस दिशा में काम कर रहे हैं, लेकिन जीएसटी काउंसिल की पिछली तीन बैठकों से इस मुद्दे पर कोई विचार नहीं किया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक चालू संसद सत्र के समाप्त होने के बाद अप्रैल के आखिर या मई के पहले सप्ताह में जीएसटी काउंसिल की बैठक बुलाई जा सकती है, जिसमें जीएसटी की दरों को कम करने को लेकर चर्चाएं होंगी।

विरोध के कारण कम नहीं की जा सकीं जीएसटी की दरें

जीएसटी की दरों को कम करने के मसले पर राज्य कितने सहमत होंगे, इस बात को लेकर संशय है। काउंसिल की बैठक में राज्यों के विरोध की वजह से अब तक हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर जीएसटी दरें कम नहीं की जा सकी है।

जीएसटी की कीमतें कम होने पर इकोनॉमी को मिलेगी गति
  • जानकारों का कहना है कि वैश्विक चुनौतियों की वर्तमान परिस्थिति में जीएसटी की दरें कम करने से अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। डेलायट में टैक्स पार्टनर एम.एस. मनी के मुताबिक जिन वस्तुओं पर दरें कम होंगी, वे सस्ती हो जाएंगी और उनकी खपत बढ़ जाएंगी।
  • खपत बढ़ने से उन वस्तुओं का उत्पादन बढ़ेगा और इससे रोजगार भी निकलेंगे। पहले की तुलना में अधिक खपत से टैक्स कलेक्शन भी बढ़ सकता है। टैक्स कलेक्शन भी प्रभावित नहीं होगा
  • मतलब जीएसटी दरें कम करने से टैक्स कलेक्शन भी प्रभावित नहीं होगा। जीएसटी की दरों को तर्कसंगत बनाने के दौरान कोई भी उद्यमी नहीं चाहेगा कि जिन वस्तुओं की वह बिक्री करता है, उन पर दरें बढ़ें। दरें बढ़ने पर वह वस्तु महंगी हो जाएगी और बिक्री प्रभावित होगी।
लगातार बढ़ रहा जीएसटी कलेक्शन

हर उद्यमी चाहेंगे कि उनसे जुड़ी वस्तुओं की दरों में बढ़ोतरी नहीं हो। अभी कई ऐसी वस्तुएं हैं जिनके कच्चे माल और अंतिम उत्पाद पर जीएसटी की दरों में अंतर है। इससे तार्किक बनाया जा सकता है। जानकारों के मुताबिक जीएसटी की दरों को कम करना अब इसलिए भी मुश्किल नहीं है क्योंकि जीएसटी का कलेक्शन लगातार बढ़ रहा है।

तंबाकू के लिए 35 फीसदी का नया जीएसटी स्लैब लाया जाएगा

एक चर्चा यह भी चल रही है कि तंबाकू व अन्य नुकसानदेह उत्पादों के लिए 35 प्रतिशत का नया जीएसटी स्लैब लाया जाएगा। विशेषज्ञों का कहना है कि नए स्लैब के लिए जीएसटी कानून में संशोधन करना होगा और इसके लिए संसद की मंजूरी लेनी पड़ सकती है। तर्कसंगत बनाने के दौरान रोटी पर पांच प्रतिशत और पराठे पर 12 प्रतिशत जीएसटी जैसे विवादित मसलों का भी हल निकालना होगा।

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'चीन के बाहर पैदा होगा मेरा उत्तराधिकारी', दलाई लामा ने बढ़ाई शी चिनफिंग की टेंशन; तिलमिला उठा ड्रैगन

Dainik Jagran - National - March 11, 2025 - 10:53pm

रॉयटर्स, नई दिल्ली। दलाई लामा ने कहा है कि उनका उत्तराधिकारी चीन के बाहर पैदा होगा। अपनी नई पुस्तक में यह लिखकर आध्यात्मिक गुरु ने छह दशक से बीजिंग के साथ उनके विवाद को और हवा दे दी है, जो हिमालयी क्षेत्र में पड़ने वाले तिब्बत पर चीन के नियंत्रण के चलते उपजा था और वह देश छोड़कर भारत आ गए थे।

मुक्त संसार में पैदा होगा उत्तराधिकारी

मंगलवार को जारी हुई 'वायस फॉर वायसलेस' नामक अपनी पुस्तक में उन्होंने लिखा कि दुनिया भर के तिब्बती चाहते हैं दलाई लामा नामक संस्था उनकी मृत्यु के बाद भी जारी रहे। हालांकि, इससे पहले उन्होंने कहा था कि उनके साथ ही आध्यात्मिक गुरुओं का सिलसिला रुक जाएगा।

इस किताब में दलाई लामा ने पहली बार विशिष्ट रूप से साफ किया है कि उनका उत्तराधिकारी 'मुक्त संसार' में जन्म लेगा, जो चीन के बाहर है।

क्या भारत में पैदा होगा उत्तराधिकारी?

दलाई लामा ने पूर्व में कहा था कि केवल वही (दलाई लामा) तिब्बत से बाहर पुनर्जन्म ले सकते हैं, और संभवत: यह भारत हो सकता है जहां वह निर्वासन के बाद रह रहे हैं। उन्होंने लिखा, ''पुनर्जन्म का उद्देश्य पूर्वाधिकारी के कार्यों को आगे बढ़ाना होता है, इसलिए नया दलाई लामा मुक्त संसार में जन्म लेगा, ताकि दलाई लामा के वैश्विक करुणा की आवाज, तिब्बती बौद्ध धर्म के आध्यात्मिक गुरु के साथ तिब्बती लोगों की आकांक्षाओं को मूर्त रूप देने वाले तिब्बती प्रतीक जैसे पारंपरिक मिशन को आगे बढ़ाए।''

23 वर्ष की आयु में भारत आ गए थे दलाई लामा

मौजूदा 14वें दलाई लामा का मूल नाम तेनजिन ग्यात्सो है और वह 1959 में माओत्से तुंग के वामपंथियों के शासन के खिलाफ विफल विद्रोह करने के बाद 23 वर्ष की आयु में हजारों तिब्बतियों के साथ भागकर भारत आए थे। वहीं, 1989 में शांति का नोबल पुरस्कार पाने वाले दलाई लामा को चीन एक अलगाववादी कहता है।

चीन का खंडन

इस संबंध में चीन के प्रवक्ता माओ निंग ने मंगलवार को कहा, ''दलाई लामा राजनीतिक निर्वासन पर हैं, जिनके पास तिब्बती लोगों का प्रतिनिधित्व करने का कोई अधिकार नहीं है। जीवित बुद्ध दलाई लामा की वंशावली की स्थापना और विकास चीन में हुआ और उनकी धार्मिक स्थिति और नाम भी चीन सरकार द्वारा तय किए गए थे। ''

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'तमिलनाडु सरकार नाम तो भेजे, तत्काल सम्मान निधि देंगे', शिवराज ने कहा किसानों का चयन करना राज्यों का काम

Dainik Jagran - National - March 11, 2025 - 9:57pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। तमिलनाडु के साथ नई शिक्षा नीति और हिंदी को लेकर छिड़े संग्राम के बीच ही अब केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आरोप लगाया है कि राज्य किसानों को सम्मान निधि दिलाने को लेकर गंभीर ही नहीं है।

तमिलनाडु के कृषि मंत्री एक बार भी बैठक में नहीं आए: शिवराज

संसद में उन्होंने बेलाग कहा कि उन्होंने दो बार तमिलनाडु को दौरा किया लेकिन वहां के कृषि मंत्री एक बार भी बैठक के लिए नहीं आए। राज्य किसानों को नाम भेजे तो सही, केंद्र तत्काल उन्हें सम्मान निधि देगी। राज्यों को इतना काम को करना ही पड़ेगा।

राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाए: ​कृषि मंत्री

लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान मंगलवार को तमिलनाडु से जुड़े एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार सभी पात्र किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि के तहत वार्षिक छह हजार रुपये देने के लिए तैयार है। अगर कोई छूट गया है तो राज्य सरकार की जिम्मेवारी है कि प्रक्रिया के तहत उन्हें शामिल कराएं।

तमिलनाडु में 14 हजार किसान

केंद्र सुनिश्चित करेगा कि उन्हें भी योजना के तहत मिलने वाली पिछली किस्तें भी मिलें। राज्य और केंद्र शासित प्रदेश योजना के दिशा-निर्देशों के तहत आर्थिक सहायता के लिए पात्र किसानों की पहचान करते हैं। उन्होंने कहा कि मेरी जानकारी में तमिलनाडु में लगभग 14 हजार किसान हैं, जो योजना के पात्र हो सकते हैं।

...तो एक दिन की देरी भी नहीं होगी

तमिलनाडु सरकार छानबीन करके नाम भेज दे तो दिल्ली से एक दिन की भी देरी नहीं होगी। तमिलनाडु में पात्र किसानों को जोड़ने के लिए एक और विशेष अभियान चलाने के लिए हम तैयार हैं। शिवराज ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का नाम लिए बिना कहा कि एक प्रधानमंत्री हुए थे, जो बहुत मजबूर थे।

'अब योजना का पूरा पैसा मिलता है'

कहते थे कि केंद्र से एक रुपये जाता है तो गांवों में सिर्फ 15 पैसा पहुंचता है। मगर अब ऐसा नहीं है। केंद्र से छह हजार जाता है तो किसानों के खाते में छह हजार ही पहुंचता है।

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ट्रंप ने एल्यूमीनियम पर लगाया 25% टैरिफ, कनाडा को दिया दोगुना झटका; भारत पर क्या होगा असर?

Dainik Jagran - National - March 11, 2025 - 9:56pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अमेरिका में सभी देशों से आने वाले स्टील और एल्युमीनियम पर 12 मार्च से 25 प्रतिशत का शुल्क लगेगा। यह घोषणा अमेरिका पहले ही कर चुका है। इस शुल्क बढ़ोतरी से भारत के स्टील व एल्युमीनियम निर्यात पर कोई खास अंतर नहीं पड़ेगा।

इन दोनों वस्तुओं का भारत अमेरिका में 1.5 अरब डॉलर से भी कम का निर्यात करता है। इस बात की जरूर आशंका जाहिर की जा रही है कि अमेरिका की इस शुल्क बढ़ोतरी नीति से चीन व अन्य देश भारत में स्टील उत्पाद बड़ी मात्रा में भेज सकते हैं। इससे हमारे घरेलू उद्योग के प्रभावित होने की आशंका है।

इन देशों से भारत में आयात होता है स्टील

चीन के अलावा भारत में वियतनाम, दक्षिण कोरिया, जापान और सिंगापुर जैसे देशों से स्टील के विभिन्न उत्पादों का आयात होता है। भारत को ये देश बड़े बाजार के रूप में देख रहे हैं। सरकार कई स्टील उत्पादों पर 15 प्रतिशत एंटी डंपिग ड्यूटी लगाने पर गंभीरता से विचार कर रही है। स्टेनलेस स्टील, सीमलेस ट्यूब और पाइप चीन से आते हैं और इन पर एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाई जा सकती है।

भारत में सालाना 14.5 करोड़ टन स्टील का उत्पादन

स्टील मंत्रालय के मुताबिक भारत सालाना 14.5 करोड़ टन स्टील का उत्पादन करता है। इनमें से सिर्फ 95,000 टन स्टील का निर्यात अमेरिका किया जाता है। इसलिए स्टील व एल्युमीनियम पर अमेरिका की शुल्क नीति से कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

कनाडा को अमेरिका ने दिया दोगुना झटका

अमेरिका ने कनाडा को दोहरा झटका दिया है। मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा से संयुक्त राज्य अमेरिका में आने वाले सभी स्टील और एल्युमीनियम उत्पादों पर अपने नियोजित टैरिफ को दोगुना कर दिया।

ट्रंप के इस फैसले से कुल टैरिफ 50% हो गया है। बताया जा रहा है कि यह कदम ओंटारियो प्रांत द्वारा अमेरिका में आने वाली बिजली पर 25% टैरिफ लगाने के जवाब में उठाया गया है। बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में इस बात की जानकारी दी है। टैरिफ के नए नियम बुधवार से लागू हो जाएंगे।

डोनाल्ड ट्रंप ने क्या कहा?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पोस्ट में लिखा कि कनाडा को विभिन्न अमेरिकी डेयरी उत्पादों पर 250% से 390% तक के अपने एंटी-अमेरिकन किसान टैरिफ को तुरंत हटाना चाहिए, जिसे लंबे समय से अपमानजनक माना जाता रहा है। मैं जल्द ही खतरे वाले क्षेत्र में बिजली पर राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा करूंगा। इसके साथ ट्रंप ने यह भी धमकी दी कि यदि कनाडा ने अन्य बड़े टैरिफ को समाप्त नहीं किया तो वे 2 अप्रैल से अमेरिका में आने वाली कारों पर टैरिफ में काफी वृद्धि कर देंगे।

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'भारत हमेशा आपके साथ खड़ा है... मैं महाकुंभ का जल लाया हूं', मॉरीशस में और क्या-क्या बोले पीएम मोदी

Dainik Jagran - National - March 11, 2025 - 9:51pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दो दिवसीय यात्रा पर मॉरीशस पहुंचे पीएम मोदी ने कहा कि भारत और मॉरीशस के बीच रिश्ते काफी गहरे हैं। भारत हमेशा मॉरीशस के साथ खड़ा है। मॉरीशस के संकट के समय भारत पहला साथी है। रक्षा क्षेत्र में दोनों देश साथ मिलकर काम कर रहे हैं।

भारत और मॉरीशस भविष्य की संभावनाओं से जुड़े हैं। पीएम मोदी ने भारत में जल्द गिरमिटिया कॉन्फ्रेंस आयोजित करने का एलान किया। उन्होंने कहा कि इससे जुड़े आंकड़े जुटाए जा रहे हैं। 

मॉरीशस देगा सर्वोच्च नागरिक सम्मान

पीएम मोदी ने कहा कि मॉरीशस के लोगों और यहां की सरकार ने मुझे अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान देने का फैसला लिया है। मैं आपके निर्णय को विनम्रता से स्वीकार करता हूं। ये भारत और मॉरीशस के ऐतिहासिक रिश्तों का सम्मान है। पीएम ने कहा कि मैं जब मॉरीशस आता हूं तो ऐसा लगता है कि अपनों के बीच ही तो आया हूं। यहां की हवा, मिट्टी और पानी में अपनेपन का एहसास है।

मॉरीशस परिवार जैसा

संकट के समय में भारत हमेशा मॉरीशस के साथ खड़ा रहा है। कोविड-19 के दौरान भारत एक लाख वैक्सीन और जरूरी दवाइयां पहुंचाने वाला पहला देश था। पीएम ने कहा कि मॉरीशस हमारे लिए एक परिवार जैसा है।

विजन सागर के केंद्र में मॉरीशस

पीएम ने कहा कि मॉरीशस सिर्फ एक साझेदार देश नहीं है। हमारे लिए मॉरीशस एक परिवार है। यह रिश्ता इतिहास, विरासत और मानवीय भावना में गहरा और मजबूत हुआ है। मॉरीशस भारत को व्यापक वैश्विक दक्षिण से जोड़ने वाला एक पुल है। एक दशक पहले 2015 में प्रधानमंत्री के तौर पर अपने पहले कार्यकाल में मैंने सागर विजन का एलान किया था। सागर का अर्थ क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास है। आज मॉरीशस इस विजन के केंद्र में है।

पीएम ने किया बिहार का जिक्र

पीएम मोदी ने कहा कि बिहार के साथ आपका भावुक संबंध भी मैं समझता हूं। दुनिया के अनेक हिस्से जब पढ़ाई-लिखाई से कोसों दूर थे, तब नालंदा जैसा ग्लोबल इंस्टीट्यूट बिहार में था। हमारी सरकार ने फिर से नालंदा यूनिवर्सिटी और नालंदा स्पिरिट को रिवाइव किया है। भारत में बिहार का मखाना आज बहुत चर्चा में है। आप देखेंगे कि वो दिन दूर नहीं जब बिहार का ये मखाना दुनिया भर में स्नैक्स मैन्यू का हिस्सा होगा।

अपने साथ महाकुंभ का पवित्र जल लाया हूं

अपने संबोधन में पीएम ने कहा कि मैं जानता हूं कि मॉरीशस के अनेक परिवार अभी-अभी महाकुंभ से लौटे हैं। दुनिया को आश्चर्य हो रहा है कि मानव इतिहास का सबसे बड़ा समागम था और उसमें मॉरीशस के लोग भी आए थे। मगर मॉरीशस के मेरे अनेक परिवारजन चाहते हुए भी एकता के इस महाकुंभ में नहीं पहुंच सके।

मुझे आपकी भावनाओं का ध्यान है। इसलिए मैं आपके लिए पवित्र संगम का और महाकुंभ के उसी समय का पवित्र जल साथ आया हूं। इस पवित्र जल को कल गंगा तालाब में अर्पित किया जाएगा।

मॉरीशस के पीएम और उनकी पत्नी को ओसीआई कार्ड

पीएम मोदी ने कहा कि मॉरीशस में प्रवासी भारतीयों की सातवीं पीढ़ी को ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (OCI) कार्ड की पात्रता देने का फैसला किया गया है। मुझे मॉरीशस के राष्ट्रपति और उनकी पत्नी को ओसीआई कार्ड देने का सौभाग्य मिला। इसी तरह मुझे मॉरीशस के प्रधानमंत्री और उनकी पत्नी को भी यही सम्मान देने में खुशी हो रही है।

मॉरीशस में मना राम मंदिर का जश्न

पीएम मोदी ने मॉरीशस में राम मंदिर का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जब अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन हुआ। हमारा 500 साल का इंतजार खत्म हुआ तो भारत जैसा उत्सव मॉरीशस में भी देखने को मिला। तब आपकी भावनाओं को समझते हुए मॉरीशस ने आधे दिन की छुट्टी भी घोषित की थी। भारत और मॉरीशस के बीच आस्था का ये संबंध हमारी मित्रता का बहुत बड़ा आधार है।

27 साल पुरानी यात्रा को किया याद

पीएम मोदी ने कहा कि साल 1998 में अंतरराष्ट्रीय रामायण सम्मेलन के लिए मुझे यहां आने का अवसर मिला था। तब मैं किसी सरकारी पद पर भी नहीं था। एक सामान्य कार्यकर्ता के रुपये से यहां आया था। संयोग देखिए कि नवीन जी उस समय भी प्रधानमंत्री थे। अब जब मैं प्रधानमंत्री बना तो नवीन जी मेरे शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने दिल्ली आए थे। प्रभु राम और रामायण के प्रति जो आस्था और भावना मैंने सालों पहले महसूस की थी... वह आज भी अनुभव करता हूं।

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त्रिभाषा फॉर्मूला की सिफारिश वैश्विक जरूरत, धर्मेंद्र प्रधान बोले- भाषा थोपी नहीं, मातृभाषा में ही शिक्षा देने की बात कही

Dainik Jagran - National - March 11, 2025 - 9:10pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति ( एनईपी ) के त्रिभाषा फॉर्मूले और तमिल भाषा के मुद्दे पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को साफ किया कि केंद्र सरकार किसी भी राज्य पर कोई भाषा नहीं थोप रही है बल्कि वह तो सभी राज्यों को पांचवीं कक्षा तक बच्चों को अनिवार्य रूप से मातृभाषा में ही शिक्षा देने की बात कह रही है।

जो लोग हम पर तमिल भाषा को कमजोर करने का आरोप लगा रहे है शायद उन्हें नहीं पता है कि केंद्र ने पिछले सालों में तमिल भाषा को आगे बढ़ाने के लिए काशी-तमिल व तमिल-सौराष्ट्र संगमम जैसे बड़े आयोजन किए है। प्रधान ने शिक्षा में एक विचारधारा को बढ़ाने के कांग्रेस के आरोपों पर भी जवाब किया और कहा कि यह सच है कि हम शिक्षा में एक विचारधारा को आगे बढ़ा रहे है लेकिन यह विचारधारा भारतीयता है।

नौकरियों में ज्यादा महत्व दिया

केंद्रीय शिक्षा मंत्री प्रधान ने मंगलवार को राज्यसभा में शिक्षा के कामकाज के मुद्दे पर हुई चर्चा के जवाब में यह बातें कहीं। उन्होंने कहा कि त्रिभाषा फॉर्मूले को वैश्विक जरूरत को देखते हुए शामिल किया गया। उन्होंने इस दौरान एक रिपोर्ट का भी हवाला देते हुए कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर उन्हें नौकरियों में ज्यादा महत्व दिया जाता है, जो लोगों बहुभाषी होते है।

स्टालिन सरकार को भी आईना दिखाया

उन्होंने इस दौरान द्रमुक और स्टालिन सरकार को भी आईना दिखाया और कहा कि जो लोग द्विभाषा फॉर्मूले की बात कर रहे है उन्हें शायद पता नहीं कि राज्य में तमिल भाषा में पढ़ाई करने वालों की संख्या में लगातार कम हो रही है। राज्यसभा में करीब छह घंटे चली इस चर्चा में भाजपा, कांग्रेस, द्रमुक , तृणमूल कांग्रेस, सपा, शिवसेना उद्धव गुट, आरजेडी आदि दलों के सदस्य शामिल थे। राज्यसभा में इस चर्चा की शुरुआत कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने की।

शिक्षकों के पदों में भारी कमी का मुद्दा

उन्होंने सरकार पर समग्र शिक्षा के तहत कुछ राज्यों पैसा न देने का आरोप लगाया। साथ ही स्कूलों और विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के पदों में भारी कमी का मुद्दा उठाया। उन्होंने सरकार पर शिक्षा पर एक विचारधारा को आगे बढ़ाने और उसमें सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। स्कूली की बुनियादी शिक्षा को लेकर शिक्षा और महिला बाल विकास मंत्रालय के बीच तालमेल न होने का मुद्दा भी उठाया।

शिक्षा व महिला बाल विकास मंत्रालय के बीच तालमेल

प्रधान ने अपने जवाब में कहा कि शिक्षा व महिला बाल विकास मंत्रालय के बीच पूरा तालमेल है। एनसीईआरटी की किताबों से गांधी जी के हत्यारे के बारे पढ़ाए जा इस विषय को हटाने पर भी उन्होंने स्पष्ट किया और कहा कि यह सावर्जनिक है। लेकिन जिस तरह उसके जरिए पूरे ब्राम्हण समाज को अपमानित करने की कोशिश थी वह गलत था। हम नहीं चाहते है कि किताबों में ऐसा कुछ भी पढ़ाया जाए जिससे समाज में वैमनस्य बढ़े।

किसी पर कोई भाषा नहीं थोपी गई

प्रधान ने इस दौरान डीएमके सांसद कनिमोझी के आरोपों पर भी जवाब दिया और कहा कि तमिलनाडु के मुख्य सचिव ने 15 मार्च 2024 पत्र लिखकर कहा था कि वह पीएम-श्री स्कूल के लिए केंद्र के साथ एमओयू करना चाहते है। उन्होंने पत्र भी दिखाया। अब तमिलनाडु इससे पीछे हट रहा है। एनईपी के जरिए किसी पर कोई भाषा नहीं थोपी गई है। आप हमें गाली दे सकते है लेकिन तमिलनाडु की नई पीढ़ी सब देख रही है। वह अपने बेहतर भविष्य को जानती है कि क्या पढ़ने में बेहतर है और क्या नहीं।

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'फर्जी दस्तावेज से भारत में प्रवेश पर होगी कड़ी कार्रवाई', लोकसभा में पेश हुआ इमिग्रेशन बिल, विपक्ष ने किया विरोध

Dainik Jagran - National - March 11, 2025 - 8:05pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सरकार ने विपक्ष के एतराजों के बीच मंगलवार को आव्रजन और विदेशियों विषयक अधिनियम विधेयक 2025 लोकसभा में पेश कर दिया। इस विधेयक के जरिए सरकार आव्रजन और विदेशियों से संबंधित विभिन्न सेवाओं को सुव्यवस्थित करने के साथ देश में उनके प्रवेश, निकास और ठहरने की व्यवस्था से जुड़े नियमों का कठोरता से पालन कराना सुनिश्चित करेगी।

विपक्षी दलों ने विधेयक का यह कहते हुए विरोध किया कि वर्तमान सरकार असहमति के स्वरों और विचारों को बर्दाश्त नहीं करती इसलिए ऐसे लोगों के आने और जाने को रोकने के लिए यह बिल लेकर आई है। विधेयक में कई विधायी खामियां बताते हुए विपक्ष ने इसे संसदीय समिति को भेजे जाने की मांग भी की।

गृह राज्यमंत्री ने विपक्ष की आशंकाओं को किया खारिज

वहीं विधेयक पेश करते हुए गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने विपक्ष की आशंकाओं को खारिज करते हुए कहा कि केंद्र सरकार के पास इस विषय पर कानून लाने के लिए संघ सूची के तहत सभी अधिकार हैं। गृह राज्यमंत्री ने कहा कि इस विधेयक का उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ाना, आव्रजन प्रक्रियाओं को नियंत्रित करना और प्रवेश तथा ठहरने की शर्तों का उल्लंघन करने वाले विदेशियों पर सख्त दंड लगाना है।

'पर्यटकों का स्वागत, पर शांति और संप्रभुता कायम रहे'

उन्होंने कहा कि पर्यटकों का भारत में स्वागत है पर यह सुनिश्चित करना भी सरकार की जिम्मेदारी है कि देश की शांति और संप्रभुता कायम रहे। विधेयक के मसौदे में साफ कहा गया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा, संप्रभुता या राष्ट्र की अखंडता के लिए खतरा पैदा करने वाले किसी भी विदेशी को भारत में प्रवेश या रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

विदेशियों के लिए पंजीकरण अनिवार्य

इसमें प्रवाधान किया गया है कि भारत आने पर विदेशियों के लिए पंजीकरण अनिवार्य होगा। साथ ही उनकी आवाजाही, नाम परिवर्तन और संरक्षित तथा प्रतिबंधित क्षेत्रों में प्रवेश रोक रहेगा। शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों और नर्सिंग होम को अपने यहां पढ़ने या इलाज कराने आने वाले विदेशी नागरिकों की सूचना आव्रजन अधिकारियों को देनी होगी।

नियमों के उल्लंघन पर भारी जुर्माने का प्रावधान

नियमों के उल्लंघन पर भारी जुर्माना का प्रावधान किया गया है जिसमें बिना वैध पासपोर्ट या वीजा भारत आने पर पांच साल तक की सजा और पांच लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है। जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करने वाले विदेशियों को दो से सात साल की जेल की और एक से लेकर 10 लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है।

अवैध प्रवेश पर तीन साल की जेल, 3 लाख का जुर्माना

वहीं वीजा शर्तों का उल्लंघन करने या प्रतिबंधित क्षेत्रों में अवैध प्रवेश करने वालों विदेशियों को तीन साल की जेल तथा तीन लाख रुपए आर्थिक दंड भरना पड़ेगा। वैध दस्तावेजों के बगैर विदेशियों की भारत यात्रा कराने के लिए ट्रेवल एजेंटों को भी विधेयक के जरिए उत्तरदायी बनाते हुए ऐसा करने वालों को दंडि़त किया जाएगा तथा पांच लाख रुपए तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है।

आव्रजन अधिकारियों को विशेष अधिकार
  • इसके साथ ही किसी विदेशी को भारत में प्रवेश की इजाजत नहीं दी जाती है तो उसे तत्काल वापस बाहर निकाल भेजने की जिम्मेदारी भी ट्रेवल एजेंसी की होगी। विधेयक में आव्रजन अधिकारियों को बिना वारंट के व्यक्तियों को गिरफ्तार करने का अधिकार भी देता है जिसके जरिए केंद्र सरकार विदेशियों की भारत में आवाजाही को नियंत्रित कर सकती है।
  • बिल में किसी व्यक्ति को देश छोड़ने से रोकने का भी प्रावधान है। ऐसा किसी जांच या प्रवर्तन एजेंसी द्वारा व्यक्ति की उपस्थिति की जरूरत को देखते हुए किया जा सकता है। भारत में विदेशियों का प्रवेश, रहना और बाहर निकलना वर्तमान में विदेशी पंजीकरण अधिनियम 1939 तथा विदेशी अधिनियम 1946 द्वारा शासित हैं।
विधेयक का विपक्ष ने किया विरोध, क्या बोले सांसद मनीष तिवारी?
  • विपक्ष ने इस विधेयक के सख्त प्रावधानों की चर्चा करते हुए इसे लोकसभा में पेश किए जाने का विरोध किया। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि यह विधेयक संविधान के कई प्रावधानों और विभिन्न कानूनों का उल्लंघन करता है। इसमें सबसे अहम संविधान प्रदत्त व्यक्ति के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होता है।
  • तिवारी ने कहा कि सरकार प्रस्तावित कानून के प्रावधानों का उपयोग उन लोगों को प्रवेश से वंचित करने के लिए कर सकती है जो वर्तमान सत्तारूढ़ व्यवस्था की विचारधारा के साथ तालमेल नहीं रखते हैं।
टीएमसी के सांसद सौगत रॉय ने कही ये बात

कांग्रेस सांसद ने विधायी कसौटी पर विधेयक के खरा नहीं उतरने की बात उठाते हुए इसे संसदीय समिति के पास भेजे जाने की वकालत भी की। तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत रॉय ने भी तिवारी की चिंताओं से सहमति जताते हुए कहा कि प्रस्तावित कानून विभिन्न क्षेत्रों में बाहर से आने वाली प्रतिभाओं को रोक सकता है।

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इस मामले में भारत से आगे निकला यूक्रेन, SIPRI की नई रिपोर्ट ने दुनिया को चौंकाया; रूस की बढ़ेगी टेंशन

Dainik Jagran - National - March 11, 2025 - 8:02pm

पीटीआई, नई दिल्ली। रूस के साथ लंबे समय तक युद्ध में उलझा यूक्रेन वर्ष 2020-24 के दौरान हथियारों का आयात करने वाला दुनिया का सबसे बड़ा देश था। वर्ष 2015-19 के आंकड़ों की तुलना में यूक्रेन के आयात लगभग 100 गुना बढ़ गए। इंडिपेंडेंट ग्लोबल थिंकटैंक- स्टाकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की एक नई रिपोर्ट में यह बात सामने आई है।

भारत के आयात में कमी आई

रिपोर्ट के अनुसार, इस अवधि (2020-24) के दौरान भारत हथियारों का आयात करने वाला दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश था। बड़ी मात्रा में हथियारों का आयात 'चीन और पाकिस्तान दोनों से कथित खतरों' को दर्शाते हैं। हालांकि, वर्ष 2015-19 और वर्ष 2020-24 के बीच भारत के आयात में 9.3 प्रतिशत की कमी आई।

यूरोपीय देशों के हथियार आयात में 155 फीसदी का इजाफा

रिपोर्ट में कहा गया है कि यूरोपीय देशों के हथियारों के आयात में इसी अवधि के बीच 155 प्रतिशत की वृद्धि हुई, क्योंकि यूक्रेन पर रूस के आक्रमण और अमेरिकी विदेश नीति के भविष्य पर अनिश्चितता के मद्देनजर कई देश यूक्रेन के साथ खड़े हो गए।

सोमवार को सिपरी द्वारा प्रकाशित अंतरराष्ट्रीय ‌आर्म्स ट्रांसफर पर नए आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका ने वैश्विक हथियारों के निर्यात की अपनी हिस्सेदारी को 43 प्रतिशत तक बढ़ा दिया, जबकि रूस के निर्यात में 64 प्रतिशत की गिरावट आई।

35 देशों ने यूक्रेन को भेजे हथियार

यूक्रेन-रूस युद्ध फरवरी, 2022 में शुरू हुआ और वर्तमान में इसे हल करने और क्षेत्र में स्थायी शांति लाने के लिए कुछ देशों द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं। युद्ध शुरू होने के बाद कम से कम 35 देशों ने यूक्रेन में हथियार भेजे।

सिपरी ने एक बयान में कहा, ''यूक्रेन 2020-24 की अवधि में प्रमुख हथियारों का दुनिया का सबसे बड़ा आयातक बन गया। इसके आयात 2015-19 की तुलना में लगभग 100 गुना बढ़े।'' यूक्रेन को 2020-24 में वैश्विक हथियारों के आयात का 8.8 प्रतिशत मिला।

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'उपभोक्ता निकाय के सदस्यों को बिना देरी करें वेतन का भुगतान', सभी राज्य सरकारों को सुप्रीम कोर्ट का निर्देश

Dainik Jagran - National - March 11, 2025 - 7:37pm

पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि वे मौजूदा नियमों के अनुसार राज्य और जिला उपभोक्ता निवारण निकायों के अध्यक्षों एवं सदस्यों के वेतन और भत्ते का तुरंत भुगतान करें।

जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने केंद्र सरकार को भी उपभोक्ता संरक्षण (राज्य आयोग और जिला आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों के वेतन, भत्ते एवं सेवा की शर्तें) मॉडल नियम, 2020 में संशोधन करने पर भी विचार करने का निर्देश दिया।

सभी राज्य सरकारों को आदेश

पीठ उपभोक्ता मंचों के सदस्यों के वेतन और सेवा शर्तों से संबंधित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। बहरहाल, पीठ ने कहा, ''हम सभी राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देते हैं कि इन मामलों में उठाए गए विभिन्न विवादों पर बिना किसी पूर्वाग्रह के मौजूदा राज्य नियमों के अनुसार वेतन और भत्ते अध्यक्षों/सदस्यों को तुरंत दिए जाएं।''

अगर निर्णय नहीं लिया तो अनुच्छेद 142 का करेंगे इस्तेमाल

कोर्ट ने कहा कि यदि भारत सरकार की ओर से संभावित संशोधन पर कोई निर्णय नहीं लिया जाता है तो वह ''संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत शक्ति का प्रयोग करने पर विचार करेगी।'' गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पांच मार्च के आदेश में कहा था, ''यदि कुछ राज्य सरकारों द्वारा अनुपालन नहीं किया जाता है तो संबंधित पक्ष विद्वान न्यायमित्र को इस आशय का एक नोट सौंपने के लिए स्वतंत्र हैं ताकि कोर्ट उचित आदेश पारित कर सके।''

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रुकावट की राजनीति! खारिज हो चुका प्रस्ताव फिर संसद में पेश, कांग्रेस और टीएमसी ने दिया नोटिस, क्या बोले उप सभापति?

Dainik Jagran - National - March 11, 2025 - 7:32pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चुनाव आयोग की सफाई, पुराने आंकड़ों की सच्चाई के बावजूद विपक्ष ने यह तय कर लिया है कि मतदाता फोटो पहचान पत्र (इपिक) को लेकर संसद में मामला गर्म ही रखा जाए। एक दिन पहले ही इस पर चर्चा की मांग खारिज की जा चुकी है लेकिन मंगलवार को विपक्ष के कई सदस्यों की ओर से फिर वही प्रस्ताव पेश किया गया।

राज्यसभा मे उपसभापित हरिवंश ने याद दिलाया कि जो प्रस्ताव एक बार खारिज हो चुका है उसे दोबारा क्यों दिया जा रहा है। फिर खारिज हुआ और फिर हंगामा। राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष की ओर इपिक के मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए 21 सदस्यों ने नोटिस दिए थे। इनमें प्रमोद तिवारी, अजय माकन, डोला सेन, प्रियंका चतुर्वेदी आदि शामिल थी।

काले कपड़े पहनकर जताया विरोध

डीएमके सांसदों ने एनईपी को न अपनाने पर समग्र शिक्षा के तहत तमिलनाडु को मिलने वाली राशि पर लगाई गई रोक के मुद्दे पर भी 267 पर चर्चा की मांग की, वह विरोध स्वरूप मंगलवार को काले कपड़े पहनकर सदन में आए थे। एमडीएमके सांसद वाइको ने परिसीमन के मुद्दे पर चर्चा की मांग का नोटिस दिया था। विपक्षी सांसदों ने सोमवार को भी इपिक को लेकर नियम 267 के तहत राज्यसभा में चर्चा की मांग की थी।

मंत्री रवनीत की अनुपस्थिति पर असहज दिखा सत्ता पक्ष
  • राज्यसभा में मंगलवार को सत्ता पक्ष उस समय असहज दिखा, जब सदन में केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू का नाम उप सभापति पुकारते रहे लेकिन वो राज्यसभा में नहीं थे। इस पर विपक्ष ने सत्तापक्ष की चुटकी ली।
  • विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने जेपी नड्डा को घेरा और कहा कि कल वे विपक्ष को सदन के नियमों व कामकाज को लेकर प्रशिक्षण दिलाने की बात कर रहे थे, लेकिन ये प्रशिक्षण की जरूरत उन्हें ज्यादा है। वे अपने लोगों और मंत्री को प्रशिक्षण दिलाए, कि वे समय पर सदन में आए।
जब खरगे को मांगनी पड़ी माफी

राज्यसभा में मंगलवार को खरगे को तब माफी मांगनी पड़ी, जब उन्होंने उपसभापति हरिवंश की ओर ही इशारा करते हुए कह गए कि हम आपको ठोकने की पूरी तैयारी से आए है। इसके बाद तो सदन के नेता जेपी नड्डा ने खरगे के इस रवैए पर आपत्ति जताई और कहा कि उन्हें माफी मांगनी चाहिए।

इसके बाद तो खरगे को भी अपनी गलती का अहसास हुआ व कहा कि उनका मकसद उपसभापति को ठोकने का नहीं था बल्कि सरकार को ठोकने का था। गलती के लिए वह माफी मांगते है।

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'आपको मंत्री किसने बनाया?', कल्याण बनर्जी की टिप्पणी पर हंगामा; लोकसभा में BJP-TMC सांसदों के बीच नोकझोंक

Dainik Jagran - National - March 11, 2025 - 6:58pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। संसद में बजट सत्र के दूसरे चरण के दौरान पक्ष और विपक्षी सांसदों के बीच वोटर लिस्ट और नई शिक्षा नीति को लेकर तीखी बहस देखने को मिल रही है। संसद के दोनों सदनों में मंगलवार को भी हंगामा देखने को मिला। इस बीच लोकसभा में टीएमसी सांसद की एक टिप्पणी पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई।

दरअसल, तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी लोकसभा में आज मनरेगा पर सवाल कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार से सवाल करते हुए कहा कि बंगाल को तीन साल तक मनरेगा के लाभ से क्यों वंचित रखा गया। इसके साथ ही टीएमसी सांसद ने सरकार पर निशाना साधा और कई आरोप लगाए, जिसके बाद सदन में सत्ता पक्ष के नेता और विपक्ष के नेता एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करने लगे।

टीएमसी सांसद की टिप्पणी पर हंगामा

इसी बहस के दौरान टोकाटोकी शुरू हुई, तो- टीएमसी सांसद भड़क गए और उन्होंने कहा कि क्या यह मंत्री है? आपको मंत्री किसने बनाया? उनकी इस टिप्पणी के बाद सत्ता पक्ष के सांसदों ने जमकर हंगामा किया। कल्याण बनर्जी की टिप्पणी पर संसदीय कार्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने आपत्ति जताई। वहीं, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी टीएमसी सांसद से संयम बरतने को कहा। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि किसकी टिप्पणी पर बनर्जी भड़क उठे थे।

गिरिराज सिंह के व्यवहार पर उठाए सवाल

इसके बाद लोकसभा में मामला उस समय फिर से गरमा गया, जब टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के व्यवहार पर सवाल खड़ा कर दिया। गिरिराज सिंह पर की गई टिप्पणी के बाद सदन में जोरदार हंगामा देखने को मिला। सत्ता पक्ष के सांसदों ने जमकर नारेबाजी शुरू कर दी।

टीएमसी सांसद ने केंद्र पर लगाया पक्षपात करने का आरोप

जानकारी दें कि प्रश्नकाल के दौरान टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने केंद्र पर बंगाल के साथ पक्षपात करने का आरोप लगाया। उन्होंने केंद्र सरकार से जल्द से जल्द फंड मुहैया कराने का आग्रह किया। टीएमसी सांसद ने कहा कि बंगाल को मनरेगा फंड के लाभ से क्यों वंचित किया गया है? राज्य के साथ भेदभाव क्यों किया जा रहा है? अगर कोई विसंगति है, तो उसे दूर किया जाना चाहिए। तीन साल तक लाभ से वंचित करना अस्वीकार्य है।

TMC सांसद ने सरकार से पूछे सवाल

टीएमसी सांसद ने संसद में कहा कि अगर कुछ अनियमितताएं या फर्जी मामले हैं, तो आपको कार्रवाई करने से किसने रोका है, आपको उनके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू करने से किसने रोका है? 25 लाख मामलों के लिए आप बंगाल के 10 करोड़ लोगों के लाभ को नहीं रोक सकते। 

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ट्रेन की पटरियों पर गड़बड़ी का पता लगाएगा AI से लैस रोबोट, महज 25 हजार में IIT खड़गपुर ने किया तैयार

Dainik Jagran - National - March 11, 2025 - 6:28pm

राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। रेल पटरियों में किसी भी तरह की गड़बड़ी का अब रोबोट के माध्यम से आसानी से पता लगाया जा सकेगा। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) खड़गपुर के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के वैज्ञानिकों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल करके 'रेल ट्रैक इंस्पेक्शन रोबोट' तैयार किया है।

साल 2018 से इस रोबोट के संबंध में अनुसंधान किया जा रहा था। मालूम हो कि वर्तमान में रेलकर्मी पटरियों की जांच करते हैं। साधारण अथवा यांत्रिक ट्राली से जांच की जाती है। पटरी में कहां दरारें पड़ी हैं, कहां 'फिशप्लेट' नहीं हैं और कहां 'क्लिप' खुल गई हैं। इसका निरीक्षण किया जाता है। कई बार इसमें खामियां रह जाती हैं, जो दुर्घटनाओं को न्योता देती हैं।

इस तरह काम करेगा रोबोट

इस रोबोट को तैयार करने में अहम भूमिका निभाने वाले आईआईटी खड़गपुर के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर दिलीप कुमार प्रतिहार ने बताया कि पूरे देश में इस समय जिस पद्धति से रेल पटरियों की जांच की जाती है, वह स्वचालित नहीं है।

जीपीएस से लैस हमारा रोबोट एआई के बल पर आसानी से यह पता लगाने में सक्षम होगा कि पटरी में कहां क्या समस्या है?

रोबोट में एक कैमरा लगा

उन्होंने कहा कि देश में ट्रेन हादसे जिस तरह से बढ़ रहे हैं, उसे देखते हुए पटरियों की त्रुटिहीन जांच बहुत जरुरी है। हमारा रोबोट दिखने में छोटी गाड़ी जैसा है। इसमें एक कैमरा लगा है, जो स्वचालित तरीके से पटरियों की तस्वीरें खींचेगा।

25 हजार में तैयार किया गया रोबोट

रोबोट में लगा प्रोसेसिंग यूनिट फोटो का बारीकी से विश्लेषण करके गड़बड़ी का पता करेगा। जांच के दौरान जहां भी गड़बड़ी दिखेगी, वाहन रूपी रोबोट वहां रुक जाएगा। इस रोबोट को तैयार करने में 25 हजार रुपये की लागत आई है।

दक्षिण पूर्व रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि रोबोट के बारे में जानकारी मिली है। इसका निरीक्षण करने के बाद रेल बोर्ड को इसके बारे में सूचित किया जाएगा।

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भाषा विवाद पर संसद में तकरार, अब धर्मेंद्र प्रधान के एक शब्द से मचा बवाल; DMK सांसद ने दिया विशेषाधिकार हनन का नोटिस

Dainik Jagran - National - March 11, 2025 - 9:38am

एएनआई, नई दिल्ली। डीएमके सांसद कनिमोझी करुणानिधि ने सोमवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के खिलाफ संसदीय विशेषाधिकार हनन का नोटिस दाखिल किया। यह नोटिस धर्मेंद्र प्रधान द्वारा संसद में तमिलनाडु की शिक्षा प्रणाली और तीन-भाषा नीति पर उनके रुख के बारे में की गई टिप्पणियों से संबंधित है।

किस 'एक शब्द' से खड़ा हुआ विवाद?

विवाद तब शुरू हुआ जब शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कथित तौर पर संसदीय चर्चा के दौरान तमिलनाडु के सांसदों को "असभ्य" कहा। टिप्पणियों से बेहद नाराज कनिमोझी ने "असभ्य" शब्द को अपमानजनक और असंसदीय अभिव्यक्ति बताया। उन्होंने तर्क दिया कि ऐसी टिप्पणियां अस्वीकार्य हैं, खासकर जब वे निर्वाचित प्रतिनिधियों के लिए निर्देशित हों।

मीडिया से बात करते हुए कनिमोझी ने कहा, "हमारे सीएम और हमारे सांसदों के खिलाफ़ इस्तेमाल किए गए शब्द भयानक हैं...'असभ्य' ऐसा शब्द नहीं है जिसे हम इस देश में किसी भी इंसान के खिलाफ़ इस्तेमाल कर सकें। यह सबसे अपमानजनक शब्द है जिसका इस्तेमाल किया जा सकता है।"

उन्होंने आगे कहा, "हमने नोटिस दिया है, और मुझे लगता है कि यह यहीं खत्म नहीं होगा... बीजेपी को दक्षिणी राज्यों के विकास को देखने में समस्या हो रही है क्योंकि वे इसे हासिल करने में सक्षम नहीं हैं।" कनिमोझी ने केंद्र सरकार द्वारा तीन-भाषा नीति को संभालने के तरीके पर भी असंतोष व्यक्त किया।

क्या है तीन-भाषा विवाद?

बता दें, तीन-भाषा नीति, जो पूरे भारत के स्कूलों में तीन भाषाओं को पढ़ाने का प्रस्ताव करती है, एक विवादास्पद मुद्दा रहा है, खासकर तमिलनाडु जैसे दक्षिणी राज्यों में, जहां अंग्रेजी और तमिल शिक्षा की पसंदीदा भाषाएं रही हैं। डीएमके पाठ्यक्रम के हिस्से के रूप में हिंदी को लागू करने के अपने विरोध के बारे में मुखर रही है, इसे छात्रों के लिए एक अनावश्यक बोझ कहती है।

अपने बयान में कनिमोझी ने दक्षिणी और उत्तरी राज्यों के बीच विकास में असमानता को भी उजागर किया, खास तौर पर जनसंख्या नियंत्रण के संदर्भ में। उन्होंने कहा, "दक्षिणी भारत परिवार नियोजन का सावधानीपूर्वक पालन कर रहा है और अब हम दंड के बिंदु पर हैं। अब, सभी सीएम यह कहने लगे हैं कि आपने जनसंख्या बढ़ाई है।"

उन्होंने कहा, "हम आगे क्या उम्मीद कर रहे हैं?... उत्तरी भारत के अंदरूनी इलाकों में गरीबी, शिक्षा की कमी और बिजली की कमी वाले बहुत से राज्य हैं। हम गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, गुणवत्तापूर्ण भोजन और जीवन की गुणवत्ता प्रदान करने में सक्षम हैं। अब समय आ गया है कि केंद्र सरकार इसे उन राज्यों में लागू करना सीखे जो इसका उपयोग नहीं कर रहे हैं और इसका उपयोग न करने के लिए उन्हें दंडित करें।"

'तमिलनाडु ने लंबे समय से दो-भाषा नीति का किया है पालन'

कनिमोझी की टिप्पणी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को लेकर दक्षिणी राज्यों और केंद्र सरकार के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर आई है। बता दें, तमिलनाडु ने लंबे समय से दो-भाषा नीति का पालन किया है, जहां तमिल और अंग्रेजी शिक्षा के माध्यम हैं।

डीएमके नेता ने प्रस्तावित परिसीमन अभ्यास के बारे में भी चिंता जताई, जो संसदीय सीटों के आवंटन को संभावित रूप से प्रभावित कर सकता है। कनिमोझी ने कहा कि दक्षिणी राज्यों को अपने प्रतिनिधित्व में कमी का डर है, जबकि बड़ी आबादी वाले उत्तरी राज्यों को अधिक सीटें मिल सकती हैं।

कनिमोझी ने कहा, "हमने परिसीमन पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत नोटिस दिया था, जो भारत के दक्षिणी राज्यों पर भारी पड़ रहा है, जिसे अध्यक्ष ने अस्वीकार कर दिया... हम परिसीमन पर एक स्वस्थ चर्चा की मांग कर रहे हैं... हम जानना चाहते हैं कि मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) क्या होने जा रही है, सरकार क्या करने जा रही है।"

उन्होंने कहा, "हम किसी भी भाषा के खिलाफ नहीं हैं... हम कह रहे हैं कि यह राज्य का विषय है, इसलिए हिंदी को थोपने में शामिल न हों, जो भारत में लोगों के एक हिस्से द्वारा बोली जाने वाली भाषा है। हम तमिलनाडु में दो भाषा नीतियों का पालन करते रहे हैं: अंग्रेजी और तमिल। हम अपनी शिक्षा में अच्छे हैं... हमारी जीडीपी अच्छी है।

कनिमोझी ने कहा, "तमिलनाडु के सभी लोग विदेश में बस गए हैं। हम बाहर से धन लाते हैं। हमारी शिक्षा प्रणाली अच्छी है। हम किस तरह से गलत हो गए हैं?... आप पाठ्यक्रम में एक ऐसी भाषा को क्यों जबरन शामिल करना चाहते हैं जो बच्चों के लिए कठिन होने वाली है?"

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Manipur: मणिपुर में राष्ट्रपति शासन को लेकर आज लोकसभा में होगी चर्चा, 3 जिलों से 17 उग्रवादी भी गिरफ्तार

Dainik Jagran - National - March 11, 2025 - 7:20am

पीटीआई, नई दिल्ली। मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की घोषणा को मंजूरी देने के लिए वैधानिक प्रस्ताव पर लोकसभा में मंगलवार को एक घंटे की चर्चा होगी। सोमवार को स्पीकर ओम बिरला की अध्यक्षता में लोकसभा की कार्यमंत्रणा समिति (बिजनेस एडवाइजरी कमेटी) की बैठक में यह फैसला लिया गया।

लोकसभा में मंगलवार से केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए मणिपुर बजट पर चर्चा होगी। बजट पर चर्चा को 2024-25 के लिए अनुदानों की अनुपूरक मांगों के दूसरे बैच और 2021-22 के लिए अतिरिक्त अनुदानों की मांगों पर बहस के साथ जोड़ दिया गया है और इसके लिए छह घंटे आवंटित किए गए हैं।

13 मार्च को नहीं होगी बैठक
  • कार्यमंत्रणा समिति ने होली के कारण 13 मार्च को होने वाली बैठक को रद करने का भी फैसला किया है। इसने सिफारिश की है कि 13 मार्च की बैठक की भरपाई के लिए लोकसभा शनिवार (29 मार्च) को बैठे। इसने रेलवे पर चर्चा के लिए 10 घंटे और जल शक्ति, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालयों की अनुदानों की मांगों पर बहस के लिए एक-एक दिन आवंटित किया है।
  • इससे पहले, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में मणिपुर का 2025-26 का बजट पेश किया। इसमें 35,103.90 करोड़ रुपये खर्च का प्रविधान है, जो चालू वित्त वर्ष में 32,656.81 करोड़ रुपये था।
  • सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा, '13 फरवरी, 2025 को संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत जारी उद्घोषणा के परिणामस्वरूप, मणिपुर राज्य विधानमंडल की शक्तियां संसद द्वारा या उसके अधिकार के तहत प्रयोग की जा सकती हैं।'
  • कुल प्राप्तियां 35,368.19 करोड़ रुपये आंकी गई हैं, जो 2024-25 में 32,471.90 करोड़ रुपये थीं। दस्तावेजों के अनुसार, मार्च 2025 को समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष में पूंजीगत परिव्यय 19 प्रतिशत बढ़ाकर 7,773 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
मणिपुर में 17 उग्रवादी गिरफ्तार

मणिपुर पुलिस ने तीन अलग-अलग जिलों से 17 उग्रवादियों को गिरफ्तार किया है और विभिन्न संगठनों के उग्रवादियों से कार, दोपहिया वाहन और नकद राशि बरामद की है। अधिकारियों ने बताया कि इंफाल पश्चिम जिले से 13 उग्रवादियों को गिरफ्तार किया गया, जबकि तीन उग्रवादियों को इंफाल पूर्वी जिले से और एक को म्यांमार की सीमा से लगे टेंग्नौपाल जिले से गिरफ्तार किया गया।

गिरफ्तार किए गए 17 उग्रवादियों में से तीन महिलाएं भी हैं। पुलिसकर्मियों ने 14 मोबाइल फोन, दो कारें, एक दोपहिया वाहन, 1.07 लाख रुपये नकद और कई आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद किए हैं।

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झमाझम बारिश से सराबोर होगा उत्तर भारत, 13 मार्च के बाद से बदल जाएगा मौसम; पढ़िए Weather Report

Dainik Jagran - National - March 11, 2025 - 7:08am

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इस वक्त पूरे देश में मौसम की विविधता देखने को मिल रही है। जहां एक ओर गुजरात के कुछ हिस्सों में लू चल रही है, तो वहीं जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी व बारिश देखने को मिल रही है।

अब मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि आने वाले दिनों में उत्तर भारत का मौसम पूरी तरह से बदलने जा रहा है। संभावना जताई जा रही है कि 12 मार्च से देश के हिमालयी रीजन में पश्चिमी विक्षोभ का असर देखने को मिल सकता है।

राजकोट में सबसे अधिक रहा तापमान

बीते 24 घंटे में जम्मू क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश, अरुणाच प्रदेश में बर्फबारी और बारिश देखने को मिली है। इसके साथ ही अंडमान व निकोबार द्वीप समूह, असम और केरल में भी जमकर बारिश हुई है। जबकि सौराष्ट्र व कच्छ के हिस्सों में हीटवेव की स्थिति बनी रही।

राजकोट में बीते 24 घंटे का सबसे ज्यादा अधिकतम तापमान दर्ज किया गया, जो 41.1 डिग्री रहा। मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि 10 से 12 मार्च के बीच गुजरा, 11 और 12 मार्च को दक्षिणी पश्चिम राजस्थान, 11 से 13 मार्च को विदर्भ और 13 व 14 मार्च को ओडिशा में हीटवेव की स्थिति दिख सकती है।

राजस्थान में साइक्लोनिक सर्कुलेशन
  • मौसम विभाग के मुताबिक, इस वक्त पश्चिमी ईरान के आस-पास पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हुआ है, जो आने वाले दिनों में अपना प्रभाव दिखाएगा। वहीं इसके अलावा राजस्थान, असम और हिंद महासागर में साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना हुआ है।
  • पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र और अरुणाचल प्रदेश में 10 से 16 मार्च के दौरान बारिश की संभावना जताई गई है। वहीं उत्तर पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में 12 से 15 मार्च तक बारिश होगी। वहीं अनुमान जताया गया है कि इस हिस्से में अगले 3 दिनों में तापमान में बढ़ोतरी हो सकती है, लेकिन फिर इसमें 2 से 4 डिग्री की गिरावट दर्ज की जाएगी।
इन राज्यों में खूब बरसेंगे बादल

मौसम विभाग ने 11 मार्च को तमिलनाडु में बहुत भारी वर्षा का अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा केरल, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय में बारिश की संभावना जताई गई है।

उत्तर भारत की बात करें, तो जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में 13 व 14 मार्च को बारिश की संभावना जताई गई है। इस दौरान बिजली चमकने और बादल गरजने की भी चेतावनी जारी की गई है।

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