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IT stocks slide up to 6% as Wipro forecasts revenue decline, sparks sector-wide selloff

Business News - April 17, 2025 - 10:13am
Information technology stocks tumbled up to 6% on Thursday, dragged lower by Wipro’s disappointing earnings and downbeat revenue outlook for the April-to-June quarter, triggering a broad selloff across the sector.Shares of Wipro plunged 5.7% after the company missed fourth-quarter revenue estimates and warned of a 1.5% to 3.5% decline in revenue for the current quarter, citing macroeconomic headwinds and global tariff turmoil. The selloff pulled the Nifty IT index down 2.3% in early trade.Wipro’s earnings miss and cautious guidance sent ripples across the sector. Shares of larger peer Infosys dropped 1.6% ahead of its earnings report due later in the day. LTIMindtree, HCL Technologies, and Mphasis each fell between 3% and 3.4%. Tech Mahindra, Coforge, and Persistent Systems lost between 2% and 2.4%, while Tata Consultancy Services slipped 1.7%.The broader markets also opened lower, with the Nifty 50 slipping 0.3% to 23,368.55 and the BSE Sensex declining 0.24% to 76,868.4 as of 9:15 a.m. IST, as weakness in IT stocks weighed on sentiment.Brokerages moved quickly to reassess Wipro’s outlook. Nuvama downgraded the stock to a “hold” and cut its target price to Rs 260 from Rs 300, citing weak Q4 performance and muted near-term guidance. Wipro’s IT services revenue for the quarter came in at $2,597 million, down 0.8% sequentially and 1.2% year-on-year in constant currency terms, falling short of analysts’ expectations.“Low visibility for positive growth in FY26 has weakened the earlier turnaround thesis,” Nuvama said in a note, adding that it had trimmed its FY26E and FY27E EPS estimates by 3% and 3.7%, respectively, and revised the valuation multiple down to 20x FY27 PE from 22x.The company’s guidance for Q1FY26 reflects the continued pressure from macroeconomic uncertainties, including potential impacts from global trade tariffs.Also read | IT rout pushes Nifty below 23,400; Sensex drops over 300 points(Disclaimer: Recommendations, suggestions, views and opinions given by the experts are their own. These do not represent the views of The Economic Times)
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Bihar Politics: 'महागठबंधन के जीतते ही मैं...', मुकेश सहनी ने कर दिया बड़ा एलान, क्या RJD होगी तैयार?

Dainik Jagran - April 17, 2025 - 10:11am

एएनआई, पटना। Bihar Political News Today: बिहार में विधानसभा चुनाव होने में अभी 6 महीने से अधिक का समय बचा है लेकिन कुर्सी की जंग अभी से शुरू हो गई है। महागठबंधन के भीतर ही मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की सीट को लेकर माथापच्ची हो रही है।

लेकिन इस बीच अब वीआईपी पार्टी के मुखिया मुकेश सहनी के एक एलान ने बिहार की सियासत में हलचल पैदा कर दी है। मुकेश सहनी ने कहा कि महागठबंधन के जीतते ही मैं उपमुख्यमंत्री बनूंगा। अब मुकेश सहनी की मांग को लेकर आरजेडी तैयार होगी या नहीं यह बाद की बात है। लेकिन कांग्रेस के सामने तो एक चैलेंज जरूर खड़ा हो गया है।

क्या बोले मुकेश सहनी?

सरकार बनाओ, अधिकार पाओ' कार्यकर्ता संवाद कार्यक्रम के तहत चंडी प्रखंड में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मुकेश सहनी ने कहा कि अगर बिहार में महागठबंधन की सरकार बनती है तो तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री होंगे और मैं उपमुख्यमंत्री बनूंगा।

मुकेश सहनी ने भाजपा पर बोला जोरदार हमला

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए सहनी ने तीखा हमला किया और उस पर उन्हें सत्ता से बेदखल करने की साजिश रचने का आरोप लगाया।

मुकेश सहनी ने कहा कि जब मैं सरकार में अच्छा काम कर रहा था, तो भाजपा ने मेरे खिलाफ साजिश रची और मुझे सत्ता से बेदखल कर दिया। उन्होंने हमारे विधायकों को खरीदने की भी कोशिश की।

एनडीए में जाने के सवाल पर मुकेश सहनी ने दिया जवाब

वीआईपी प्रमुख ने आगे कहा कि बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल के साथ उनके समीकरण से महागठबंधन के प्रति उनकी प्रतिबद्धता पर कोई असर नहीं पड़ता। उन्होंने कहा कि दिलीप जायसवाल से मेरे व्यक्तिगत संबंध हो सकते हैं, लेकिन महागठबंधन के प्रति हमारी प्रतिबद्धता दृढ़ है।

भाजपा नेताओं ने एक बार गठबंधन के लिए हमारे सामने सिर झुकाया था, फिर भी हमने एनडीए के साथ समझौता नहीं किया।

सबसे पहले हमें अपने समाज को बचाना है: मुकेश सहनी

हमारी प्राथमिकता अपने समाज को बचाना है और हम केवल उन्हीं का समर्थन करेंगे जो हमारे अधिकारों को सुनिश्चित करेंगे। मुकेश सहनी ने आगे आरोप लगाया कि भाजपा मीडिया में भ्रामक बयान देकर "महागठबंधन" को विभाजित करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, "लेकिन मैं स्पष्ट कर दूं- कोई भी तेजस्वी यादव और मेरे बीच के बंधन को नहीं तोड़ सकता।

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Bihar News: '3588 करोड़ रुपये बकाया', राजद ने नीतीश सरकार पर लगाया मजदूरों का हक मारने का आरोप

Dainik Jagran - April 17, 2025 - 8:52am

राज्य ब्यूरो, पटना। राजद ने एक बार फिर रोजगार के मुद्दे पर प्रदेश की नीतीश सरकार पर हमला बोला है। राजद ने आरोप लगाया कि मनरेगा मजदूरों की बकाया राशि का भुगतान नहीं करके सरकार पलायन बढ़ाने का उपक्रम कर रही है। इसके साथ ही राजद ने अपराध, भ्रष्टाचार एवं आरक्षण के मुद्दे पर भी प्रदेश सरकार पर निशाना साधा।

3588 करोड़ बकाया का नहीं हुआ भुगतान

मनरेगा मजदूरों की बकाया राशि और सामग्री मद में दिसंबर 2024 के बाद अब तक 3588 करोड़ रुपये बकाया का भुगतान नहीं हुआ है। बुधवार को प्रेस-वार्ता कर पार्टी की प्रदेश इकाई के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने प्रदेश सरकार पर हमला बोला है।

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान पर कसा तंज

प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बिहार आकर बड़ी-बड़ी बातें की, लेकिन किसानों और मजदूरों के संबंध में उन्होंने कुछ नहीं बोला। सरकार को गरीबों की आह से डरना चाहिए।

मजदूरों की पारिश्रमिक देने में असमर्थ सरकार : राजद

प्रेस-वार्ता में प्रवक्ता एजाज अहमद, सारिका पासवान, मधु मंजरी, अरुण कुमार यादव व आरजू खान भी उपस्थित रहे। शक्ति ने प्रश्न किया कि बिहार सरकार कोई एक काम बताएं, जो जन-हित में हो। उन्होंने आरोप लगाया कि मजदूरों की पारिश्रमिक देने में असमर्थ सरकार विकास कैसे कर रही है, यह स्पष्ट रूप से समझा जा सकता है।

महागठबंधन शासन में तेजस्वी यादव ने किया विकास

इसके साथ ही राजद नेताओं ने राज्य में अपराध, भ्रष्टाचार एवं आरक्षण को लेकर भी एनडीए सरकार पर जमकर निशाना साधा। इसी के साथ उन्होंने महागठबंधन शासन-काल में हुए कामों का श्रेय तेजस्वी यादव को दिया।

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Bihar Politics : आरजेडी विधायक रीतलाल यादव ने दानापुर कोर्ट में किया सरेंडर, भेजे गए बेऊर जेल

Dainik Jagran - April 17, 2025 - 8:41am

जागरण संवाददाता, पटना। Ritlal Yadav: लालू यादव के सबसे करीबी विधायकों में से एक रीतलाल यादव और उनके छोटे भाई ने दानापुर कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर बेऊर जेल भेज दिया गया।

उनके ऊपर बिल्डर से रंगदारी मांगने का आरोप था। साथ ही साथ धमकी देने का भी आरोप लगा था। उनके साथ  दो अन्य लोगों ने भी सरेंडर किया है। इन सभी ने व्यवहार न्यायालय के एसीजीएम 5 के न्यायालय में आत्म समर्पण किया।

वकील बोले- बिल्डर ने झूठा मुकदमा दर्ज करवाया था

रीतलाल यादव के वकील के मुताबिक किसी बिल्डर ने उन पर रंगदारी का झूठा आरोप लगाया था। पुलिस को उसी मामले में उनकी तलाश थी। जैसे ही उन्हें पता चला कि पुलिस उन्हें तलाश कर रही है, उन्होंने स्वेच्छा से कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया, साथ ही अन्य लोगों को भी जिन्हें आरोपी बनाया गया था।

जमानत याचिका दायर नहीं की गई है। शायद हम एक-दो दिन में इसे दायर करेंगे। मामला झूठा है। यह रंगदारी का मामला नहीं हो सकता। विधायक रीतलाल यादव के साथ पिंकू यादव, चिक्कू और श्रवण ने भी आज आत्मसमर्पण कर दिया है।

रीतलाल और उनके सहयोगियों पर लगे गंभीर आरोप

रीतलाल यादव और उनके सहयोगियों के खिलाफ फर्जी दस्तावेज बनाने, रंगदारी मांगने और जान से मारने की धमकी देने के आरोप में शिकायत दर्ज कराई गई थी।

पुलिस ने 11 अप्रैल को उससे संबंधित 11 स्थानों पर तलाशी ली और करीब 10.5 लाख रुपये, 77.5 लाख रुपये के खाली चेक, भूमि हड़पने के 14 दस्तावेज और समझौते, 17 चेकबुक और पांच स्टांप, छह पेन ड्राइव और वॉकी-टॉकी बरामद किए।

कौन हैं रीतलाल यादव?
  • रीतलाल यादव पटना जिले के कोथवा गांव के रहने वाले हैं
  • अभी दानापुर विधानसभा से आरजेडी विधायक हैं
  • रीतलाल यादल लालू यादव के काफी करीबी माने जाते हैं
  • साल 2016 में जेल में रहते हुए रीतलाल यादव MLC बने थे
  • रीतलाल यादव पर भाजपा नेता सत्यनारायण सिन्हा की हत्या के आरोप लगे थे
  • रेलवे ठेकेदार की हत्या के मामले में भी चर्चा में आए थे रीतलाल यादव

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Bihar Election 2025: पटना में महागठबंधन की अहम बैठक आज, सीट शेयरिंग सहित इन मुद्दों पर होगी चर्चा

Dainik Jagran - April 17, 2025 - 8:28am

राज्य ब्यूरो, पटना। गुरुवार दोपहर एक बजे से राजद के प्रदेश कार्यालय में महागठबंधन की एक महत्वपूर्ण बैठक होनी है। इसमें उन मुद्दों पर आगे की रणनीति तय होगी, जिन पर मंगलवार को नई दिल्ली में चर्चा हो चुकी है। इसके अलावा चुनावी रणनीति से जुड़े कुछ वैसे मुद्दों पर भी सहमति बनेगी, जिन पर बाद में राजद और कांग्रेस आलाकमान की सहमति ली जाएगी।

सकारात्मक रही बैठक

नई दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के साथ तेजस्वी यादव की वार्ता सकारात्मक रही है। मुख्यमंत्री के पद पर संशय के बावजूद कांग्रेस ने भी स्पष्ट कर दिया है कि विधानसभा चुनाव तेजस्वी यादव के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा।

चुनावी रणनीति पर चर्चा

ऐसे में पटना की बैठक के एजेंडा में चुनावी रणनीति है। एक सुर के लिए उन मुद्दों पर सहमति बनाई जाएगी, जिनसे सभी घटक दलों की संभावना जुड़ी है। इसके अलावा घटक दल अपनी संभावना और अपेक्षा वाली सीटों के संदर्भ में भी चर्चा करेंगे।

बैठक में ये नेता हो सकते हैं शामिल

बैठक में सभी घटक दलों के राज्य-स्तरीय नेताओं की उपस्थिति होगी। राजद की ओर से अब्दुल बारी सिद्दीकी, मनोज झा, संजय यादव सहित तेजस्वी यादव भी बैठक में सहभागी हो सकते हैं। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावारु, प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार और विधानसभा में पार्टी नेता डॉ. शकील अहमद की उपस्थिति होनी है।

तीनों वाम दलों (भाकपा, माकपा, माले) के प्रदेश सचिवों के साथ वरीय नेता विचार-विमर्श करेंगे। विकासशील इंसान पार्टी के संरक्षक मुकेश सहनी तो रहेंगी ही, रालोजपा के अध्यक्ष पशुपति पारस के भी प्रतिनिधित्व की संभावना व्यक्त की जा रही।

हालांकि, यह अंतिम रूप से तय नहीं। उल्लेखनीय है कि अभी महागठबंधन में छह घटक दल (राजद, कांग्रेस, वीआइपी, भाकपा, माकपा, माले) हैं।

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वक्फ कानून पर SC से मिलेगी सरकार को राहत या लगेगी रोक? पढ़ें 'सुप्रीम' सुनवाई में अभी तक क्या-क्या हुआ

Dainik Jagran - National - April 17, 2025 - 8:24am

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी अदालत में वक्फ कानून को लेकर बुधवार को सुनवाई हुई, जो करीब 70 मिनट तक चली। इस दौरान वक्फ कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी ने केंद्र सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी है।

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान वक्फ कानून के खिलाफ याचिका दायर करने वाले याचिकाकर्ताओं ने अपनी दलीलें रखीं, वहीं केंद्र सरकार ने भी कानून के बचाव में अपना पक्ष रखा। इस दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने वक्फ कानून को लेकर केंद्र सरकार से तीखे सवाल भी किए। आज भी इस मामले पर सुनवाई होने वाली है, फिर तस्वीर साफ हो जाएगी।

बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में तमाम तरह की दलीलें दी गई और तर्क पेश किया गया। बुधवार को सुनवाई के दौरान क्या-क्या हुआ, ये जानने से पहले जानते हैं कि आखिर क्यों कल सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी करने से खुद को रोक लिया? क्यों अंतरिम आदेश से पहले कोर्ट ने सुनवाई जारी रखने का निर्णय लिया?

बुधवार को कोर्ट में क्या-क्या हुआ?

  • वक्फ कानून से जुड़े तीन संसोधनों को लेकर बुधवार को अंतरिम आदेश आ सकता था।
  • पहला मुद्दा- वक्फ बाय यूजर संपत्तियों का डिनोटिफेकेशन।
  • दूसरा मुद्दा- वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करना।
  • तीसरा मुद्दा- वक्फ प्रोपर्टी के विवाद में कलेक्टर को मिले अधिकार।
  • केंद्र सरकार ने अंतरिम आदेश जारी करने से पहले अपनी दलीलें सुनने की अपील की।
  • वक्त की कमी के चलते सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून की सुनवाई आगे बढ़ा दी।

बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय में वक्फ कानून को लेकर करीब 70 मिनट तक सुनवाई चली। इससे एक बात साफ हो गई कि इस कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट अंतरिम आदेश जारी करेगा। लेकिन अभी तक यह साफ नहीं है कि आखिर अंतरिम आदेश में क्या होगा। क्या सुप्रीम कोर्ट वक्फ कानून पर रोक लगाएगा?

CJI ने केंद्र से पूछे तीखे सवाल

वक्फ कानून को लेकर 70 मिनट तक हुई सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने केंद्र सरकार से कई तीखे सवाल किए। इससे तस्वीर थोड़ी साफ हो गई है कि आज सुनवाई के बाद वक्फ कानून के तीन संसाधनों को लेकर कोर्ट का अंतरिम आदेश आ जाए।

वक्फ कानून को लेकर क्या-क्या दलीलें दी गई?

बुधवार को सुनवाई के दौरान सबसे पहले कपिल सिब्बल ने कहा, "ये इतना आसान नहीं है, वक्फ सैकड़ों साल पहले बनाया गया है, अब ये तीन सौ साल पुरानी संपत्ति की वक्फ डीड मांगेंगे, यहां समस्या है।" इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "वक्फ बाय यूजर क्यों हटाया गया, कई पुरानी मस्जिदें हैं। 14वीं और 16वीं शताब्दी की मस्जिदें हैं, जिनके पास रजिस्ट्रेशन सेल डीड नहीं होगी। ऐसी संपत्तियों को कैसे रजिस्टर्ड किया जाएगा।"

अदालत ने आगे कहा, "ऐसे वक्फ को खारिज कर देने पर विवाद ज्यादा लंबा चलेगा। हम ये जानते हैं कि पुराने कानून का कुछ गलत इस्तेमाल हुआ, लेकिन कुछ सही वक्फ संपत्तियां हैं। इगर इसे खत्म करेंगे तो समस्या होगी।"

सुप्रीम कोर्ट के सवाल पर तुषार मेहता ने कहा कि अगर कोई संपत्ति वक्फ प्रॉपर्टी के तौर पर रजिस्टर्ड है तो वह वक्फ की संपत्ति ही रहेगी। किसी को रजिस्ट्रेशन से रोका नहीं गया है। 1923 में जो पहला कानून आया था उसमें भी सपत्ति का पंजिकरण अनिवार्य था। 1954, 1995 में भी अनिवार्य था। 2013 में बदलाव किया गया, उसमें भी रजिस्ट्रेशन अनिवार्य था।

सुप्रीम कोर्ट ने पूछे तीखे सवाल

  • पहला सवाल- अगर कोई संपत्ति बाय यूजर है और वो रजिस्टर्ड नहीं है तो उसका क्या होगा?
  • दूसरा सवाल- संपत्ति का विवाद में होने का मतलब क्या है?
  • तीसरा सवाल- ब्रिटिश के पहले रजिस्ट्रेशन का प्रावधान नहीं था, ऐसे में क्या होगा?
  • चौथा सवाल- अगर कोई संपत्ति वक्फ बाय यूजर है तो उस स्थिति में क्या होगा?

कोर्ट के सवालों का केंद्र सरकार ने दिया जवाब

  • पहला जवाब- कलेक्टर उसकी जांच करेगा और पता चलता है कि वो सरकारी संपत्ति है तो रेवेन्यू रिकॉर्ड में उसे सही किया जाएगा।
  • दूसरा जवाब- अगर किसी को कलेक्टर के फैसले से समस्या है तो वो ट्रिब्यूनल में जा सकता है।

आज भी जारी रहेगी सुनवाई

बुधवार को सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार से कई तीखे सवाल किए गए। कोर्ट ने नए कानून के तहत कलेक्टर को दिए गए अधिकारों को लेकर भी सवाल खड़े किए। अब आज इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में फिर से सुनवाई होगी और केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के सवालों का जवाब देगी। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आखिर वक्फ कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट क्या अंतरिम आदेश जारी करता है।

Waqf Law: आज भी वक्फ कानून पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट, अंतरिम आदेश पर टिकी देश की नजरें

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