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Gold Price Hike: 1 लाख के करीब पहुंचा सोना, निवेशकों की बढ़ी दिलचस्पी; जमकर काट रहे मुनाफा

Dainik Jagran - April 19, 2025 - 11:23pm

नलिनी रंजन, पटना। Gold Silver Price Hike: वैश्विक बाजार में ऊथल-पुथल की स्थिति होने के कारण स्वर्ण आभूषण की कीमत लगातार नई ऊंचाई को छू रही है। बीते छह महीनों में सोना ने प्रति 10 ग्राम 23-26 हजार तो चांदी ने भी 10-12 हजार रुपये का रिटर्न दिया है। इस कारण सोने में निवेश के प्रति लोगों की दिलचस्पी बढ़ी है।

उपभोक्ता निवेश के तौर पर आभूषण बाजार के साथ एमसीएक्स पर भी वायदा बाजार में कारोबार कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त गोल्ड बांड के माध्यम से भी निवेश हो रहे हैं।

पाटलिपुत्र सर्राफा संघ के अध्यक्ष विनोद कुमार और तनिष्क फ्रेजर रोड के प्रबंधक उमेश टेकरीवाल ने बताया कि बीते दो-तीन वर्षों में सोना ने बेहतर रिटर्न दिया है। आंकड़े पर गौर करें तो दिसंबर 2022 को 24 कैरेट सोना 52 हजार रुपये था, जो 13 दिसंबर 2024 में 78,650 रुपये तक पहुंच गया।

कारोबारी संजय भोंसले ने बताया कि अगस्त 2022 में चांदी 53,151 रुपये प्रति किलो थी। दिसंबर 2023 में 72 हजार पार कर गई। दिसंबर 2024 में 90 हजार रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई। शनिवार को इसकी कीमत 96 हजार रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई। 

निवेश में वायदा बाजार से मिलती पूरी राशि

निवेशक आभूषण के साथ गोल्ड बांड एवं शेयर बाजार के एमसीएक्स पर भी सौदा करते हैं। शेयर बाजार के वायदा कारोबार में सौ प्रतिशत राशि निवेशक को मिल जाते हैं। आभूषण में की स्थिति में मेकिंग चार्ज काट लिया जाता है।

हालांकि, आभूषण का एक अलग ही क्रेज है। इसमें लोग इसका उपयोग के बाद पूरी कीमत वसूल कर, दूसरा आभूषण प्राप्त कर लेते हैं।

छह महीनों का अधिकतम मूल्य
  • नवंबर 2024 - 7,520
  • दिसंबर 2024 - 7,365
  • जनवरी 2025- 7,790
  • फरवरी 2025- 8,130
  • मार्च 2025 - 8,400
  • अप्रैल 2025 - 8,985
छह महीनों का न्‍यूनतम मूल्य
  • नवंबर 2024 - 7,015
  • दिसंबर 2024 - 7,100
  • जनवरी 2025- 7,170
  • फरवरी 2025- 7,790
  • मार्च 2025 - 7,995
  • अप्रैल 2025 - 8,265
बीते छह वर्ष का अधिकतम मूल्य वर्ष प्रति एक ग्राम मूल्य 2019 4026 2020 5553 2021 5126 2022 5299 2023 6530 2024 7865

नोट- राशि प्रति एक ग्राम 22 कैरेट सोना का है। इसमें जीएसटी लागू नहीं है।

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'OIC के मंच का दुरुपयोग करना पाक की पुरानी आदत', PM मोदी के सऊदी दौरे से पहले भारत की खरी-खरी

Dainik Jagran - National - April 19, 2025 - 10:53pm

एएनआई, नई दिल्ली। विदेश मंत्रालय ने शनिवार को इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के मंच का दुरुपयोग करने के लिए पाकिस्तान की आलोचना की। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने पत्रकार वार्ता के दौरान कहा-जहां तक पाकिस्तान द्वारा ओआईसी के दुरुपयोग की बात है, तो यह उसकी पुरानी आदत है।

उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ हम नियमित रूप से बोलते रहे हैं और ओआईसी में अपने दोस्तों तथा भागीदारों के साथ भी इस मुद्दे को उठाते रहे हैं। पाकिस्तान की गतिविधियों को धोखाधड़ी बताते हुए मिसरी ने कहा कि ओआईसी के अन्य सदस्यों के बीच इस्लामाबाद की इन हरकतों के बारे में एक निश्चित दृष्टिकोण है। लेकिन, हम अपने विचार साझा करना जारी रखेंगे।

उन्होंने कहा कि हम उनके ध्यान में लाएंगे कि पाकिस्तान द्वारा आदतन किए जाने वाले इन प्रयासों के बारे में वास्तव में क्या सोचते हैं। उल्लेखनीय है कि 57 देशों की सदस्यता वाला संगठन ओआईसी स्वयं को मुस्लिम जगत की सामूहिक आवाज कहता है।

पीएम मोदी करेंगे सउदी अरब की यात्रा

भारत और सउदी अरब के बीच रक्षा, कारोबार, ऊर्जा व सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए गठित रणनीतिक साझेदारी परिषद की दूसरी बैठक अगले हफ्ते होगी। बैठक की सह-अध्यक्षता पीएम नरेन्द्र मोदी और सउदी अरब के क्राउन प्रिंस व प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान करेंगे।

पीएम मोदी 22-23 अप्रैल, 2025 को सऊदी अरब की दो दिवसीय यात्रा पर जाएंगे। पीएम मोदी की तरफ से सउदी अरब के क्राउन प्रिंस के समक्ष भारत से जाने वाले हज यात्रियों की संख्या बढ़ाने का मुद्दा भी उठाया जाएगा। पीएम मोदी की यह तीसरी सउदी यात्रा होगी। इस बार की यात्रा में रक्षा और कारोबारी सहयोग दो प्रमुख एजेंडा होगा।

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अब और टैरिफ नहीं सहेगा भारत! अमेरिकी उपराष्ट्रपति के सामने पीएम मोदी उठाएंगे मु्द्दा; जानिए क्यों अहम है ये बैठक

Dainik Jagran - National - April 19, 2025 - 10:42pm

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। भारत और अमेरिका के बीच मौजूदा शुल्क विवाद को लेकर अगले हफ्ते तीन स्तरों पर बातचीत होने जा रही है। सबसे पहले सोमवार को पीएम नरेन्द्र मोदी और अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वांस के बीच होने वाली द्विपक्षीय बैठक में यह मुद्दा उठेगा।

उसके बाद वाशिंगटन में दोनों देशों के वाणिज्य मंत्रालयों के बीच द्विपक्षीय कारोबारी समझौते (बीटीए) पर बात होगी। जबकि अगले साप्ताहांत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और अमेरिका की ट्रेजरी सेक्रटरी (वित्त मंत्री के समकक्ष) स्काट बेसेंट के बीच होने वाली बैठक में भी भारत और अमेरिका के बीच कारोबारी संबंधों पर विमर्श होगा।

पीएम मोदी से साथ होगी वार्ता

माना जा रहा है कि इन तीनों बैठकों से दोनों देशों के बीच कारोबार व निवेश से जुड़े संबंधों को लेकर जो अनिश्चितता बनी है, उसे दूर करने में मदद मिलेगी। अमेरिकी उपराष्ट्रपति वांस सोमवार (21 अप्रैल) को नई दिल्ली पहुंचेंगे और उसी दिन शाम को उनकी पीएम मोदी के साथ आधिकारिक वार्ता होगी।

फरवरी, 2025 में जब पीएम मोदी ने वाशिंगटन दौरे में उनसे मुलाकात की थी तब जेडी वांस ने ही भारत-अमेरिका के आर्थिक संबंधों को पूरा सहयोग देने की बात कही थी।

विश्व बैंक की बैठकों में हिस्सा लेगी वित्त मंत्री
  • वित्त मंत्री सीतारमण 20 अप्रैल को अमेरिका और पेरू की यात्रा पर जा रही हैं। अमेरिका में वह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक की महत्वपूर्ण बैठकों में हिस्सा लेंगी। इसके बाद वह जी-20 के तहत वित्त मंत्रियों की एक अलग बैठक में भी हिस्सा लेंगी। इस दौरान उनकी अमेरिका के वित्त सचिव बेसेंट से द्विपक्षीय बैठक होगी। अमेरिका के बाद वह पेरू जाएंगी, जहां भारत-पेरू बिजनेस फोरम की बैठक की अध्यक्षता करेंगी।
  • अमेरिका के वित्त सचिव से उनकी होने वाली वार्ता में टैरिफ से जुड़े मुद्दों के अलावा द्विपक्षीय कारोबार को बढ़ाकर 500 अरब डालर करने के एजेंडे पर भी बात होगी। वित्त मंत्री ने वर्ष 2025-26 के बजट में कई अमेरिकी उत्पादों पर शुल्कों में कटौती की थी। हालांकि इसके बावजूद अमेरिका ने भारतीय उत्पादों पर 27 फीसद का आयात शुल्क लगाने का ऐलान कर दिया था। अभी इस पर 90 दिनों की रोक लगाई हुई है।

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Bluesmart Fraud: करोड़ों डॉलर की कंपनी, लेकिन अय्याशी ले डूबी... ब्लूस्मार्ट के मालिकों ने ऐसी क्या गलती कर दी?

Dainik Jagran - National - April 19, 2025 - 10:15pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। स्कूलों में एक कहावत पढ़ाई जाती है- अर्श से फर्श पर आना। अगर इस कहावत की तुलना इलेक्ट्रिक कैब सर्विस ब्लूस्मार्ट से करें, तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। सेबी के नोटिस के बाद गुरुवार को कंपनी ने अचानक से अपनी सर्विस बंद कर दी।

आरोप है कि प्रमोटर्स ने कंपनी के पैसों का इस्तेमाल अपनी अय्याशी और ऐशो आराम के लिए किया। कंपनी के फंड में से करीब 262 करोड़ रुपये कहां गायब हो गए, इसका कोई हिसाब नहीं है। खर्च दिखाया कुछ और, लेकिन किया कुछ और।

आज के एक्सप्लेनर में बात करेंगे ब्लूस्मार्ट कंपनी और इसे लेकर शुरू हुए विवाद की...

कैसे शुरू हुई ब्लूस्मार्ट?

ब्लूस्मार्ट की पैरेंट कंपनी जेनसोल है। इसके मालिक अनमोल सिंह जग्गी ने देहरादून की यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज से एप्लाइड पेट्रोलियम इंजीनियरिंग में डिग्री ली थी। जग्गी ने पहले कुछ समय तक प्राइवेट कंपनी में नौकरी की, लेकिन फिर स्टार्टअप शुरू करने का ख्याल आया।

नौकरी छोड़ी और भाई पुनीत सिंह जग्गी के साथ जेनसोल इंजीनियरिंग लिमिटेड की नींव रख दी। कंपनी का फोकस सोलर प्रोजेक्ट्स और व्हीकल लीजिंग पर था। इसके बाद 2019 में दोनों भाइयों ने मिलकर जेनसोल के बैनर तले ब्‍लूस्‍मार्ट मोबिलिटी की शुरुआत की।

क्या काम करती थी ब्लूस्मार्ट?

जिस समय भारत में उबर और ओला का क्रेज था, उस वक्त ब्लूस्मार्ट जैसी कंपनी की शुरुआत करना वाकई एक चुनौती भरा फैसला था। ब्लूस्मार्ट की थीम इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने की थी। साफ तौर पर कहें, तो कंपनी के बेड़े में सिर्फ इलेक्ट्रिक गाड़ियां ही थीं।

इस कंपनी को गुरुग्राम में महज 70 कारों के साथ शुरू किया गया था। लेकिन बाद में इसकी संख्या कई गुना बढ़ गई। 2023 में कंपनी ने पुणे में इलेक्ट्रिक व्हीकल की फैक्ट्री लगाई थी। फरवरी 2025 तक ब्लूस्मार्ट की वैल्यूएशन करीब ₹3,000 करोड़ हो गई थी।

फंड की नहीं हुई कभी कमी

ब्लूस्मार्ट को शुरुआत में ही एंजेल फंडिंग से 3 मिलियन डॉलर का बूस्ट मिला। हीरो मोटोकॉर्प, जीटो एंजेल नेटवर्क, माइक्रोमैक्स और दीपिका पादुकोण ने भी कंपनी में निवेश किया। कुछ समय बाद कंपनी ने टाटा मोटर्स और जियो-बीपी से टाइअप कर लिया, जिससे फ्लीट और चार्जिंग स्टेशन की संख्या में इजाफा हो गया।

ब्लूस्मार्ट को झोलाभर के फंड मिल रहे थे। मई 2022 में कंपनी ने 25 मिलियन डॉलर, मई 2023 में 42 मिलियन डॉलर उठाए। ब्लूस्मार्ट ने कई शहरों में विस्तार किया। जनवरी 2024 में कंपनी ने स्विस फर्म से 25 मिलियन और जुटाए। जुलाई में फिर से 200 करोड़ का फंड मिला। रिपोर्ट्स कहती हैं कि उबर ने ब्लूस्मार्ट को अक्वायर करने की भी पेशकश की थी।

कंपनी पर क्या लगे आरोप?
  • सेबी ने अंतरिम आदेश में कहा कि नई दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु में आठ हजार से ज्यादा टैक्सी वाली ब्लूस्मार्ट की मूल कंपनी जेनसोल इंजीनियरिंग लिमिटेड लिस्टेड कंपनी है, लेकिन इसके मालिक अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी ने इसे निजी कंपनी की तरह चलाया।
  • विवाद की मूल वजह जेनसोल को आईआरडीए और पीएफसी द्वारा दिए गए कर्ज का कथित दुरुपयोग है। कंपनी ने 977.75 करोड़ रुपये का ऋण लिया, जिसमें से 663.89 करोड़ केवल 6,400 इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए थे। जेनसोल वाहन खरीदकर ब्लूस्मार्ट को लीज पर दे देती थी।
  • हालांकि, सेबी को दी गई जानकारी में जेनसोल ने माना कि इसने फरवरी तक 567.73 करोड़ देकर केवल 4,704 ईवी ही खरीदीं, जो ऋण लेते वक्त किए गए वादे के हिसाब से काफी कम थीं। जेनसोल को अपनी तरफ से 20 प्रतिशत हिस्सेदारी की रकम देनी थी, जिससे खरीदारी की कुल रकम 829.86 करोड़ हो जाती और इस हिसाब से 262.13 करोड़ रुपये की गड़बड़ी मिली।
कैमेलियाज में बंगला खरीदा, स्पा पर उड़ाई रकम
  • सेबी ने बैंक खातों की जांच की तो पता चला कि कई बार गो-आटो को ईवी खरीदारी के लिए भेजी गई रकम सीधे जेनसोल या अनमोल और पुनीत से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष जुड़े खातों में वापस भेज दी गई। मालिकों ने कंपनी के फंड को अपने ऐशो आराम के लिए खर्च किया।
  • इनमें गुरुग्राम के डीएलएफ कैमेलियाज में 43 करोड़ रुपये का लग्जरी फ्लैट खरीदना, अमेरिका से 26 लाख की गोल्फ किट मंगाना, घूमना-फिरना, रिश्तेदारों को पैसे भेजना, स्पा सेशन लेना और मालिकों को फायदा देने वाली उनकी दूसरी इकाइयों में निवेश करने के साथ लाखों का क्रेडिट कार्ड का भुगतान शामिल था।
  • इसके अलावा 50 लाख रुपये अशनीर ग्रोवर के स्टार्टअप थर्ड यूनिकॉर्न में लगाए गए। 6.20 करोड़ अनमोल की मां और 2.98 करोड़ पत्नी के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किए गए। जेनसोल ने कहा है कि कंपनी सेबी के निर्देशों का पालन करेगी और जांच में पूरा सहयोग करेगी। गुरुवार को इसके शेयरों में करीब पांच प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई और कंपनी के शेयर एक साल में 90 प्रतिशत तक गिर गए हैं।
ड्राइवरों का रोजी-रोटी के लिए संकट

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ब्लूस्मार्ट के लिए करीब 10 हजार से ज्यादा ड्राइवर काम करते थे। सेबी के नोटिस के बाद कंपनी ने अस्थायी तौर पर अपना संचालन बंद कर दिया है। यूजर्स को तो साफ तौर पर कह दिया गया है कि अगर संचालन दोबारा शुरू नहीं हुआ, तो उनके वॉलेट की रकम वापस कर दी जाएगी।

लेकिन कंपनी के लिए काम करने वाले ड्राइवरों के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है। ड्राइवरों ने मांग की है कि उनकी कमाई और वादे के मुताबिक साप्ताहिक इंसेंटिव के 8 हजार रुपये तुरंत वापस किए जाएं। हालांकि कंपनी ने अभी तक इसे लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

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नए अध्यक्ष से जातिगत समीकरण साधेगी बीजेपी, UP विधानसभा चुनाव से पहले बनाया खास प्लान

Dainik Jagran - National - April 19, 2025 - 10:00pm

जितेंद्र शर्मा, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पीडीए फार्मूले से सपा प्रमुख अखिलेश यादव पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यकों को आकर्षित करने के प्रयास में जुटे हुए हैं तो भाजपा तमाम कार्यक्रमों और अभियानों के इतर प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति से भी जातीय समीकरण साधना चाहती है।

सूत्रों के अनुसार, आंबेडकर और संविधान के मुद्दे पर विपक्ष की मुखरता और सतत कमजोर होती बसपा को देख भाजपा के रणनीतिकारों की प्राथमिकता में दलित पर दांव लगाना है, लेकिन उपयुक्त चेहरे को लेकर उलझन है। चूंकि, 2024 के लोकसभा चुनाव में कुछ ओबीसी वोट भी मुट्ठी से फिसला है, इसलिए इस पर पकड़ मजबूत करने की चुनौती समानांतर है।

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को दी कड़ी टक्कर

अटकलें हैं कि संगठन में जिस वर्ग का पलड़ा तुलनात्मक रूप से हल्का दिखेगा, उसकी भरपाई सरकार में प्रतिनिधित्व बढ़ाकर की जा सकती है। एकजुट अल्पसंख्यक के साथ दलित और पिछड़ों का जातीय गुलदस्ता सजाकर सपा-कांग्रेस गठबंधन ने लोकसभा चुनाव में भाजपा को अच्छी चुनौती दी। विपक्ष फिर उसी प्रयास में है, इसलिए जातिगत जनगणना, संविधान और आंबेडकर के सम्मान के मुद्दों को अभी भी रणनीति में शामिल किए हुए है।

इसमें कोई संदेह नहीं कि मोदी-योगी की डबल इंजन सरकार के सहारे भाजपा ने दलित और पिछड़ा वर्ग के लाभार्थियों के रूप में अपना वोटबैंक मजबूत बनाए रखा है, लेकिन राजनीति में संदेश का बड़ा महत्व माना जाता है। ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए भाजपा जातीय समीकरण साधने के मंथन में जुटी है।

लगातार दो बार ओबीसी वर्ग से बना बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष

महेंद्र नाथ पांडेय के बाद लगातार दो अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और भूपेंद्र चौधरी ओबीसी वर्ग से ही बनाए हैं। चौधरी पार्टी के 14वें अध्यक्ष हैं। इन चौदह में पांच ओबीसी और नौ सवर्ण पद संभाल चुके हैं, लेकिन दलित को एक बार भी मौका नहीं मिला है।

सूत्रों के अनुसार, अब चूंकि इस वर्ग पर राजनीतिक जोर बढ़ा है और दलितों का मोहभंग बसपा से काफी हो चुका है तो पार्टी रणनीतिकार इस वर्ग पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं। ध्यान रहे कि मायावती जाटव बिरादरी से हैं और कुल करीब 22 प्रतिशत दलितों में सर्वाधिक जनसंख्या इसी वर्ग की है, जिसे लुभाने के प्रयास योगी मंत्रि मंडल में भी दिखते हैं।

योगी मंत्रिमंडल में नौ मंत्री दलित समाज से

56 सदस्यीय टीम योगी में नौ मंत्री दलित हैं तो उनमें चार जाटव बिरादरी से ही हैं। हालांकि, संगठन की कमान संभालने के लिए उपयुक्त चेहरे का भी संकट है। इसी तरह दूसरे नंबर पर सबसे अधिक जोर पिछड़ा वर्ग पर है, क्योंकि इनकी आबादी 50 प्रतिशत से अधिक मानी जाती है। बेशक, इनमें बड़ी भागीदारी रखने वाली यादव बिरादरी पर सपा का मजबूत प्रभाव है, लेकिन ओबीसी की अन्य जातियों पर अब तक भाजपा की मजबूत पकड़ है।

लोकसभा चुनाव में सपा ने कुछ सेंध लगाई

लोकसभा चुनाव में कुछ सेंध सपा ने लगाई है, लेकिन इस वर्ग के लिए भाजपा सरकार के काम, सरकार और संगठन में मजबूत प्रतिनिधित्व के अलावा भाजपा ने गठबंधन सहयोगियों के सहारे भी इस वर्ग को साधने का प्रयास किया है। रालोद, अपना दल एस, सुभासपा और निषाद पार्टी ओबीसी की अलग-अलग जातियों की ही राजनीति प्रमुखत: करती हैं। फिर भी दलित वर्ग में अध्यक्ष की तलाश सफल नहीं होती तो भाजपा का लगातार तीसरा अध्यक्ष ओबीसी से हो सकता है।

भाजपा के साथ सकारात्मक पहलू यह भी है कि जातियों के समायोजन के लिए उसके पास संगठन के साथ सरकार भी है। 56 सदस्यीय मंत्रि मंडल में सवर्ण और ओबीसी की हिस्सेदारी लगभग बराबर है। चार मंत्री और बनाए जा सकते हैं। अध्यक्ष बनाने में जिस वर्ग से पार्टी पीछे हटेगी, उसे सरकार में महत्वपूर्ण ओहदा देकर संदेश देने का प्रयास होगा, वह चाहे दलित हो, पिछड़ा हो या सवर्ण।

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MEA slams Pakistan's misuse of OIC

Business News - April 19, 2025 - 9:24pm
The Ministry of External Affairs (MEA) on Saturday slammed Pakistan for misusing the platform of the Organisation of Islamic Cooperation (OIC), during a special briefing held ahead of Prime Minister Narendra Modi's visit to Saudi Arabia.Foreign Secretary Vikram Misri was asked about Pakistan's repeated misuse of the OIC, where Saudi Arabia is regarded as a leading voice.Responding to the question, Misri said, "On Pakistan's misuse of the OIC - it's a habit of long standing, one that we have regularly spoken out against and also raised with our friends and partners in the OIC."Calling Pakistan's actions "shenanigans," Misri added, "There is a certain view about these shenanigans that Pakistan practices in the OIC on the part of our colleagues and friends amongst the members of other members of the OIC, but we will continue to share our views and bring to their attention what exactly we think of these attempts that Pakistan habitually makes."The Organisation of Islamic Cooperation (OIC), according to its official website, is the second-largest intergovernmental organisation after the United Nations. It has 57 member countries across four continents and claims to represent the collective voice of the Muslim world. The organisation works to protect the interests of Muslims and promote peace and harmony around the globe.Misri's remarks come ahead of Prime Minister Modi's official visit to Saudi Arabia on April 22 and 23, at the invitation of Crown Prince and Prime Minister Mohammed bin Salman.The Prime Minister's engagements will take place in Jeddah, and the visit marks his first to the country during his third term in office. Modi had previously visited Saudi Arabia in 2016 and 2019.The visit also follows the State Visit of Crown Prince Mohammed bin Salman to New Delhi in September 2023. During that visit, he co-chaired the first meeting of the India-Saudi Arabia Strategic Partnership Council alongside Prime Minister Modi.Foreign Secretary Misri, in the briefing, said the upcoming visit reflects the strong and growing partnership between India and Saudi Arabia.
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TS EAPCET 2025 हॉल टिकट जारी, ऐसे डाउनलोड कर सकते हैं अपना एडमिट कार्ड

Dainik Jagran - National - April 19, 2025 - 9:17pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तेलंगाना काउंसिल ऑफ हायर एजुकेशन ने टीएस ईएपीसीईटी (तेलंगाना स्टेट इंजीनियरिंग, कृषि और मेडिकल (फार्मेसी) कॉमन एंट्रेंस टेस्ट) 2025 के लिए हॉल टिकट (प्रवेश पत्र) जारी कर दिए हैं। इम्तिहान में शामिल होने वाले कैंडिडेट अपने प्रवेश पत्र आधिकारिक वेबसाइट eapcet.tsche.ac.in से डाउनलोड कर सकते हैं।

प्रवेश पत्र डाउनलोड करने के लिए कैंडिडेट को अपना रजिस्ट्रेशन नंबर, क्वालिफाइंग परीक्षा का हॉल टिकट नंबर और जन्म तारीख की जरूरत होगी।

प्रवेश पत्र के बिना इम्तिहान में प्रवेश नहीं

परीक्षा केंद्र में प्रवेश पत्र लाना लाजमी है, बिना इसके कैंडिडेट्स को इम्तिहान में बैठने की इजाजत नहीं दी जाएगी। इसके साथ ही, कैंडिडेट्स को एक मूल फोटो पहचान पत्र भी लाना होगा।

एग्जाम का शेड्यूल

कृषि और फार्मेसी (A&P) के लिए सीईटी 29 और 30 अप्रैल, 2025 को आयोजित होगी। वहीं, इंजीनियरिंग परीक्षा के प्रवेश पत्र 22 अप्रैल को जारी होंगे, और यह इम्तिहान 2, 3 और 4 मई, 2025 को होगा।

टीएस ईएपीसीईटी 2025 प्रवेश पत्र डाउनलोड कैसे करें?
  • आधिकारिक वेबसाइट eapcet.tsche.ac.in पर जाएं।

  • होमपेज पर "टीएस ईएपीसीईटी हॉल टिकट डाउनलोड" लिंक पर क्लिक करें।

  • अपना रजिस्ट्रेशन नंबर, क्वालिफाइंग परीक्षा का हॉल टिकट नंबर और जन्म तारीख दर्ज करें।
  • आपका टीएस ईएपीसीईटी 2025 प्रवेश पत्र स्क्रीन पर दिखाई देगा।
  • प्रवेश पत्र डाउनलोड करें और परीक्षा के लिए सुरक्षित रखें।
आवेदन प्रक्रिया की तारीखें

टीएस ईएपीसीईटी 2025 के लिए ऑनलाइन आवेदन 1 मार्च, 2025 से शुरू हुए और बिना लेट फीस के 4 अप्रैल तक चले। आवेदन सुधार विंडो 6 से 8 अप्रैल तक खुली थी। 2,500 रुपये की लेट फीस के साथ आवेदन की आखिरी तारीख 18 अप्रैल थी।

कैंडिडेट्स को सलाह दी जाती है कि वह अपने प्रवेश पत्र समय पर डाउनलोड करें और इम्तिहान की तारीखों का खास ख्याल रखें। अधिक जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट देखें।

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