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उर्दू पढ़ने के इच्छुक लोगों को मिलेगी मुफ्त शिक्षा, इस दिन से कर सकते हैं आवेदन; नीतीश सरकार ने किया बड़ा एलान

Dainik Jagran - March 16, 2025 - 3:34pm

राज्य ब्यूरो, पटना। उर्दू का ज्ञान न रखने वाले वैसे सरकारी अधिकारी और कर्मचारी जो उर्दू लिखना-पढऩा चाहते हैं सरकार ने उनके लिए अब आनलाइन प्रशिक्षण की व्यवस्था की है।

मंत्रिमंडल सचिवालय के उर्दू निदेशालय की ओर से इस प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है। जिसके लिए इच्छुक लोगों से पहली अप्रैल 2025 तक आवेदन मांगे गए हैं।

मंत्रिमंडल सचिवालय से मिली जानकारी के अनुसार उर्दू का ज्ञान राज्य सरकार के सभी कार्यालय, केंद्रीय कार्यालय में गैर उर्दू भाषी पदाधिकारी-कर्मचारी इस पाठ्यक्रम का हिस्सा बन सकते हैं।

कोर्स पूरी तरह मुफ्त होगा और इसकी अवधि करीब 70 दिनों की होगी। प्रशिक्षण सत्र आठ अप्रैल 2025 से प्रारंभ होगा।

इस दिन इस टाइम पर चलेगा क्लास
  • विभाग के अनुसार, उर्दू प्रशिक्षण अवकाश के दिनों को छोड़कर प्रत्येक सोमवार, मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को होगा। जो दोपहर एक से तीन बजे से चलेगा।
  • सरकारी अधिकारी-कर्मचारी के अलावा पत्रकार, साहित्यकार, वकील, शिक्षक, समाजसेवी और विद्यार्थी भी यह कोर्स निशुल्क कर सकेंगे।
  • प्रशिक्षण समाप्त होने के बाद उर्दू निदेशालय आनलाइन परीक्षा आयोजित करेगा। परीक्षा में सफल होने वाले प्रशिक्षुओं को प्रमाण पत्र भी दिए जाएंगे।
इफ्तार के लिए एक घंटे पहले विद्यालय छोड़ेंगे मुस्लिम शिक्षक

शिक्षा विभाग ने रमजान के महीने को ध्यान में रखते हुए मुस्लिम शिक्षकों और कर्मचारियों को विशेष राहत प्रदान करने का निर्णय लिया है।

विभाग ने मुस्लिम टीचर के स्कूल आने-जाने और कर्मियों के कार्यालय की टाइमिंग में बदलाव किया है। इसके तहत, मुस्लिम शिक्षकों को एक घंटा पहले स्कूल से छुट्टी मिल सकेगी।

वहीं, शिक्षा विभाग के कार्यालयों में मुस्लिम कर्मचारी एक घंटा पहले दफ्तर आकर, निर्धारित समय से एक घंटा पहले जा सकेंगे।

इसको लेकर माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) को इस संबंध में पत्र भेजा है।

शिक्षा निदेशक ने कहा है कि रमजान के दौरान मुस्लिम कर्मचारी, पदाधिकारी, शिक्षक एक घंटा पूर्व कार्यालय आ सकते हैं और एक घंटा पहले घर जा सकते हैं।

बता दें कि बड़ी संख्या में मुस्लिम कर्मी और शिक्षक रमजान के दौरान रोजा रखते हैं। शिक्षक संगठनों ने राज्य के प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च माध्यमिक समेत अन्य सरकारी स्कूलों में काम कर रहे मुस्लिम शिक्षकों एवं कर्मियों को रमजान के महीने में एक घंटा पहले छुट्टी करने की मांग की थी। जिला शिक्षा पदाधिकारी मनीष कुमार सिंह ने इस पत्र के आलोक में तत्काल कार्यवाही करने का निर्देश दिया।

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Gram Kachhari: गांवों की अदालत में अब हफ्ते में 2 दिन होगी सुनवाई, पंच-सरपंचों को मिली 40 धाराओं की सूची

Dainik Jagran - March 16, 2025 - 3:17pm

राज्य ब्यूरो, पटना। सरकार ने कोर्ट व थानों पर मुकदमों के दबाव कम करने के लिए ग्रामीण स्तर पर प्रति मंगलवार एवं शुक्रवार को ग्राम कचहरियों में अनिवार्य रूप से सुनवाई के निर्देश दिए हैं।

पंचायती राज विभाग की ओर से इसे लेकर सभी जिलाधिकारियों में एवं जिला पंचायतीराज अधिकारियों को विस्तृत निर्देश दिए गए हैं।

इसमें परिवर्तित धाराओं की ओर भी पंच-सरपंचों का ध्यान आकृष्ट किया गया है। बिहार की 8053 ग्राम कचहरियों में अब भारतीय न्याय संहिता के तहत होगा निर्णय सुनाएंगे।

दरअसल, देश में बदले हुए कानूनों को बिहार की ग्राम कचहरियों में अभी पूर्णतया पहल नहीं की जा रही है। ग्राम कचहरियों के सरपंच एवं पंचों को भारतीय न्याय संहित 2023 एवं भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत निर्णय देना है।

बिहार की ग्राम कचहरियों को भारतीय न्याय संहिता के तहत भी कुल 40 धाराओं में सुनवाई करने का अधिकार दिया गया है।

पुरानी भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) की वे सभी पुरानी धाराएं बदल कर नई भारतीय न्याय संहिता में नई धारा तैयार किया गया है।

पंचायती राज विभाग ने भारतीय न्याय संहिता 2023 धाराओं के साथ पुरानी धारा की सूची राज्य के सभी ग्राम कचहरियों के सरपंच और पंचों को भिजवाया था लेकिन अभी तक इसकी जानकारी पंच-सरपंच को जानकारी नहीं है। ऐसे में नए सिरे से ग्राम कचहरियों का ध्यान आकृष्ट किया गया है।

ग्राम कचहरी को दो तरह की अधिकारिता दी गई
  • उल्लेखनीय है कि पंचायती राज विभाग ने विधि विभाग द्वारा प्राप्त तुलनात्मक सूची सभी जिलाधिकारियों और जिला पंचायतीराज पदाधिकारियों भेजते हुए निर्देश दिया था।
  • इसमें कहा गया कि वे अपने अधीन सभी क्षेत्रीय पदाधिकारियों, त्रिस्तरीय पंचायतों, ग्राम कचहरियों के सभी निर्वाचित प्रतिनिधियों, ग्राम कचहरी के सचिवों और ग्राम कचहरी के न्याय मित्रों को अविलंब उपलब्ध कराएं लेकिन स्थिति यह है अभी तक पंच-सरपंच नई भारतीय न्याय संहिता से अवगत नहीं हैं।
  • पंचायती राज अधिनियम में ग्राम कचहरी को दो तरह की अधिकारिता दी गई है। इन सभी धाराओं को बदल दिया गया था। उनकी जगह नई धाराएं बनाई गई हैं जिसके तहत सुनवाई करनी है।
  • अश्लील कार्य एवं गाने गाना एवं लौटरी कार्यालय रखना, अपराधिक बल का प्रयोग करना, किसी व्यक्ति का गलत ढंग से रोक रखने में आपराधिक बल का प्रयोग करने जैसे मामले की सुनवाई करनी है।
पुरानी धाराएं

ग्राम कचहरी को भारतीय दण्ड संहिता की धारा-140, 142, 143, 144, 145, 147, 151, 153, 160, 172, 174, 178, 179, 269, 277, 283, 285, 286, 289, 290, 294, 294(ए), 332, 334, 336, 341, 352, 356, 357, 374, 403, 426, 428, 430, 447, 448, 502, 504, 506, एवं 510 के तहत किए गए अपराधों के लिए केस को सुनने एवं निर्णय देने के अधिकार दिया गया था।

अब नई धाराएं

ग्राम कचहरी को अब नई धारा 168. 189(2), 189(3), 191(2), 189(5), 192, 194(2), 206, 208, 213, 214, 271, 279, 285, 287, 288, 291, 292, 296,279, 115(2), 122(1), 125, 126(2), 131,134, 135, 136, 146, 314, 324(2), 325, 326(अ), 329(3),329()4352, 351(2) एवं 355 सम्मिलित किया गया है।

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बिहार के लोगों के लिए खुशखबरी, बनेगा ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर; युवाओं को होगा फायदा

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Bihar News: बिहार के लोगों के लिए खुशखबरी, बनेगा ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर; युवाओं को होगा फायदा

Dainik Jagran - March 16, 2025 - 2:15pm

दीनानाथ साहनी, पटना। तेजी से डिजिटल परिवर्तन और वैश्विक प्रतिस्पर्धा से मुकाबले के लिए बिहार में ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (वैश्विक क्षमता केंद्र) बनाने की तैयारी हो रही है। यह पहल बिहार सरकार ने बिहार आइटी नीति, 2024 के लागू होने के बाद आइटी सेक्टर के विशेषज्ञों के सुझाव पर शुरू किया है।

निवेशकों की रुचि को देखते हुए फैसला
  • बिहार के आइटी क्षेत्र में निवेशकों की रूचि बढ़ रही है। इसलिए आइटी क्षेत्र में निवेशकों की दिलचस्पी को देखते हुए सरकार के स्तर से सूचना प्रावैधिकी विभाग को ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर बनाने के लिए विशेष नीति बनाने का निर्देश दिया है।
  • मुख्य सचिव के स्तर से दिए गए निर्देश में कहा गया है कि नवाचार को बढ़ावा देने और प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त बनाए रखने के लिए लगातार नवीन रणनीतियों की जरूरत है।
निवेश बढ़ाने को उद्यमियों की आकांक्षाओं को ध्यान रखना प्राथमिकता

सूचना प्रावैधिकी विभाग के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि बिहार विधान मंडल के बजट सत्र खत्म होने के बाद अप्रैल में बिहार ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर को आकार प्रदान करने पर कार्यारंभ होगा। इस सेंटर को बढ़ावा देने के लिए आइटी नीति में दी जाने वाली इंसेंटिव को लेकर विशेष नीति का मसौदा तैयार किया जा रहा है।

इस नीति को बिहार में निवेश करने वाले उद्यमियों की आकांक्षाओं के मुताबिक सुविधाओं को ध्यान रखा जाएगा। साथ ही, इसकी बारीकियों को समझने और एक बेहतर नीति तैयार करने के लिए 'इंडस्ट्री विजिट' की भी योजना बनाई जा रही है।

उक्त अधिकारी के मुताबिक ग्लोबल कैपिबिलिटी सेंटर (जीसीसी) एक रणनीतिक इकाई है, जो प्रौद्योगिकी, प्रतिभा और नवाचार के माध्यम से किसी संगठन के वैश्विक परिचालन को समर्थन प्रदान करती है।

रोजगार क्षमता सृजन और युवाओं को क्षमता विकास प्रशिक्षण भी

विभाग ने नए वित्तीय वर्ष 2025-26 से राज्य में आइटी क्षेत्र में रोजगार सृजन और युवाओं को क्षमता विकास प्रशिक्षण पर भी कार्य योजना तैयार की जा रही है। इसके लिए केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को कार्य योजना बनाकर कार्य करने को कहा है।

दिल्ली में हुई बैठक में लिया गया फैसला

13 दिसंबर से 15 दिसंबर, 2024 को नई दिल्ली में हुए मुख्य सचिवों के राष्ट्रीय सम्मेलन में टीयर-2 शहरों को आर्थिक विकास के केंद्र बिंदु में लाने पर चर्चा हुई थी। इसमें टीयर-2 शहरों में ग्लोबल कैपिबिलिटी सेंटर (जीसीसी) विकसित करने पर दिशा-निर्देश दिया गया था।

बता दें कि ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर एक रणनीतिक इकाई है जो प्रावैधिकी, प्रतिभा और नवाचार के माध्यम से किसी संगठन के वैश्विक परिचालन के क्षमता वर्धन तथा लागत को कम करने में सहायक होती है। देश में लगभग 1700 ग्लोबल कैपिबिलिटी सेंटर हैं, जिनमें से 400 ग्लोबल कैपिबिलिटी सेंटर की स्थापना विगत पांच वर्षों में की गई है।

अब बिहार में भी ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर की स्थापना का मार्ग प्रशस्त हो रहा है, जो राज्य के युवाओं के लिए एक सुनहरा अवसर होगा। इससे राज्य में रोजगार के अवसरों में भी इजाफा होगा।

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Dainik Jagran - March 16, 2025 - 1:36pm

राज्य ब्यूरो, पटना। आइटी सेक्टर की लगातार बढ़ती मांग और आइटी सेक्टर में लगातार हो रहे निवेश के मद्देनजर राज्य सरकार ने पटना में आइटी टावर निर्माण योजना पर काम प्रारंभ कर दिया है। नया आइटी टावर गर्दनीबाग-खगौल रोड में बनाने की सरकार की योजना है। सरकार के निर्देश के बाद भवन निर्माण विभाग ने निविदा पर भी काम प्रारंभ कर दिया है।

लगातार मिल रहे निवेश प्रस्ताव के बाद शुरू हुई ये पहल
  • दरअसल, राज्य सरकार को पिछले वर्ष नई आइटी नीति लागू होने के बाद से अब तक 40 से अधिक निवेश प्रस्ताव मिले हैं, जिसे देखते हुए आइटी टावर की पहल की जा रही है।
  • भवन निर्माण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बिहार में सरकार निवेश को आकर्षित करने के लिए कई प्रकार के प्रोत्साहन दे रही है।
नीतीश सरकार दे रही छूट

सरकार की नीति के तहत यदि कोई कंपनी आइटी सेक्टर में सौ करोड़ रुपये का निवेश करती है तो वैसी स्थिति में उसे राज्य की प्रोत्साहन नीति के तहत 70 प्रतिशत तक की छूट अथवा लाभ देने के प्रावधान किए गए हैं। इस नीति के प्रभावी होने के बाद से बिहार के प्रति आइटी सेक्टर में निवेश करने वालों की संख्या बढ़ रही है।

आइटी निवेशकों को बेहतर संसाधन मुहैया कराने के लिए सरकार ने आइटी टावर की योजना स्वीकृत की है।आइटी टावर पहले फेज के निर्माण के लिए खगौल-गर्दनीबाग में 3.80 एकड़ जमीन भी चिह्नित की जा चुकी है। जमीन चिह्नित करने के बाद अब सरकार ने इस भवन की डिजाइन बनाने के लिए बेहतर कंपनी की खोज शुरू कर दी है।

IT टावर में मिलेंगी कई सुविधाएं

सूत्रों ने बताया आइटी टावर में कई प्रकार की सुविधाएं विकसित होगी। चिह्नित जमीन के अधिकांश भाग पर ऑफिस एरिया विकसित होगा। इसके अलावा बची हुई जमीन पर सहायक विभाग, कांफ्रेंस हाल, फिटनेस सेंटर, टेबल टेनिस, बिलयर्ड हॉल बनाए जाएंगे।

इसके अलावा यहां 50 लोगों की क्षमता का कैफेटेरिया, क्रेच रूम और चार पहिया और दो पहिया वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था भी की जाएगी।

आइटी टावर का निर्माण जल्द से जल्द हो सके इसके लिए भवन निर्माण विभाग की पहल प्रारंभ हो गई है। फिलहाल आइटी टावर के लिए डिजाइन कॉन्सेप्ट की मांग की गई है।

इसके लिए बड़ी कंपनियों को आमंत्रित किया गया है जो डिजाइन कॉन्सेप्ट में भाग ले सकेंगी। सूत्रों की माने तो इस वर्ष आइटी टावर निर्माण का कार्य प्रारंभ होने की संभावना है।

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Dainik Jagran - March 16, 2025 - 1:19pm

राज्य ब्यूरो, पटना। सब कुछ ताजा रहे और लोगों की निगाह में दिखे इसे केंद्र में रख जदयू आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है। चुनाव प्रचार के दौरान रहने वाले एजेंडे पर काम करना शुरू कर दिया गया है।

हर जिले के लिए जदयू ने यह तय कर लिया है कि अभी से ही कहां किन मुद्दों पर जोर देना है। जदयू के जिला प्रभारी जिले में क्या करेंगे इस पर भी नियोजित ढंग से पार्टी ने काम करना आरंभ कर दिया है।

प्रगति यात्रा की घोषणाओं पर अब नियमित रूप से चर्चा
  • विकास पर बात नई-नई चीजों के साथ हो इसे सभी विधानसभा क्षेत्रों में जदयू ने अलग स्वरूप में रखने की योजना पर काम शुरू किया है।
  • पनी प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री ने किसी जिले में कौन-कौन सी घोषणा की और कौन-कौन विधानसभा क्षेत्र उस परिधि में आ रहे इस पर होमवर्क चल रहा।
  • संबंधित जिले में यह नियमित रूप से लोगों को बताया जाएगा कि मुख्यमंत्री ने कितनी मोटी राशि की योजना उनके लिए जिले को ध्यान में रख घोषित की। योजनाओं की घोषणा के बाद फिर उसे तुरंत कैबिनेट की मंजूरी दी गई।
  • विकास की योजनाओं के बारे में लोगों को बताने के क्रम में पहले प्रगति यात्रा के दौरान की ली गई योजनाओं की चर्चा होगी। इसके बाद विगत 19 वर्षों के दौरान नीतीश सरकार द्वारा किए गए काम पर बात करेंगे।
विकास के एजेंडा में आधारभूत संरचना पर खास विचार-विमर्श

जिलों में विकास पर चर्चा के क्रम में आधारभूत संरचना पर विशेष रूप से चर्चा होगी। इसमें जिले में पुरानी सड़क का विस्तार, नए फ्लाईओवर, आरओबी व बाईपास के निर्माण की घोषणा और उन्हें कैबिनेट से दी गई मंजूरी पर भी चर्चा होगी।

लोगों को यह बताया जाएगा कि सरकार ने किस तरह से उनके जिले का ख्याल रखा है। इसके अतिरिक्त शैक्षणिक व स्वास्थ्य क्षेत्र से संबंधित आधारभूत संरचना के निर्माण पर भी चर्चा होगी।

जिला प्रभारियों को इस काम की मॉनिटरिंग का जिम्मा

जदयू ने अपने जिला प्रभारियों की इस काम की मॉनिटरिंग का जिम्मा दिया है। उन्हें अपने से संबंधित जिला अध्यक्षों के साथ मिलकर इस पर काम करना है पूरे क्षेत्र में प्रगति यात्रा के दौरान जिन योजनाओं की घोषणा हुई और फिर मंजूरी मिली को लोगों को बताएं।

चुनाव को ध्यान में रखते हुए शुरू की तैयारी

झारखंड में इस साल के अक्टूबर-नवंबर महीने में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है। चुनाव को ध्यान में रखते हुए जदयू ने अभी से अपनी तैयारी शुरू कर दी है।

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