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क्या भारत-पाकिस्तान में होगी शांति? इन दो शक्तिशाली मुस्लिम देशों ने की मध्यस्ता की पहल

Dainik Jagran - National - April 25, 2025 - 11:47pm

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के सख्त तेवर और पाकिस्तान की प्रतिक्रिया को देखते हुए दुनिया के कई देशों ने दोनों पड़ोसी देशों के बीच मध्यस्थता की कोशिश शुरू कर दी है। मध्यस्थता में सबसे आगे सऊदी अरब है जिसकी आधिकारिक यात्रा पर जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी थे, तभी आतंकियों ने पर्यटकों पर कायराना हमला किया था।

प्रधानमंत्री मोदी यात्रा अधूरी छोड़कर भारत लौट आए थे। शुक्रवार को सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैजल बिन फरहान ने पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर और बाद में पाकिस्तान के विदेश मंत्री मोहम्मद ईशाक डार से टेलीफोन पर बात की। बताते हैं कि पहल सऊदी अरब की ओर से की गई है।

भारत व पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों ने अलग-अलग जानकारी दी है कि सऊदी विदेश मंत्री के साथ उनका मौजूदा हालात पर विमर्श हुआ है।

ईरान ने भारत-पाकिस्तान को लेकर क्या कहा?

इसी तरह ईरान भी मध्यस्थता की कोशिश में है। ईरान के विदेश मंत्री सैयद अब्बास अगरची ने एक्स पर लिखा," भारत और पाकिस्तान हमारे बंधु पड़ोसी देश हैं। इनके साथ हमारे हजारों वर्ष के सांस्कृतिक और सभ्यता आधारित संबंध हैं। अन्य पड़ोसी मित्रों की तरह हम उन्हें सर्वाधिक प्राथमिकता देते हैं। तेहरान इस कठिन समय में इस्लामाबाद और नई दिल्ली स्थित अपने कार्यालयों के जरिये इनके बीच बेहतर समझबूझ बनाने को तैयार है।"

 इस क्रम में उन्होंने फारसी शायर सादी की दो पंक्तियां लिखीं जिसका मतलब है,"सारे मानव एक हैं, एक ही गंध व आत्मा से निर्मित हैं, अगर एक व्यक्ति पीड़ा में होगा तो दूसरा भी परेशानी में रहेगा। 

पहलगाम हमले पर ईरान पहले ही दुख जता चुका है। अगरची अगले कुछ दिनों में भारत आने की तैयारी में हैं।सऊदी अरब और ईरान पूर्व में भी भारत व पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करते रहे हैं। पहलगाम हमले के कुछ ही घंटे बाद सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस व प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान के साथ प्रधानमंत्री मोदी की बैठक हुई थी। इसमें सऊदी अरब ने भारत को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया था।

सऊदी अरब अमेरिका का भी अहम सहयोगी है और कई बार वह अमेरिका के इशारे पर भी दो देशों के बीच मध्यस्थता की कोशिश करता है। अभी रूस और यूक्रेन के बीच वार्ता भी सऊदी अरब में ही कराई जा रही है। यह काम भी सऊदी अरब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए कर रहा है।

जयशंकर ने शुक्रवार देर शाम बताया कि उनकी सऊदी अरब के विदेश मंत्री से बात हुई है जिसमें पहलगाम आतंकी हमले व सीमापार आतंकवाद पर बात हुई है। जबकि पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बताया कि उपप्रधानमंत्री व विदेश मंत्री डार ने एक दिन पहले नेशनल सिक्यूरिटी कमेटी की बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में बताया। पाकिस्तान ने सऊदी अरब को यह भी बताया है कि वह अपनी आत्मरक्षा में कड़े कदम उठाएगा। वैसे भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ रहे तनाव पर अमेरिका भी नजर रखे हुए है।

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बदलते वैश्विक माहौल में भारतीय कारोबारियों को लुभाने में जुटा चीन, भारतीय इंजीनियरों को बुला रहा अपने देश

Dainik Jagran - National - April 25, 2025 - 11:30pm

 राजीव कुमार, नई दिल्ली। अमेरिका की शुल्क नीति से बदले वैश्विक कारोबारी माहौल में चीन अब भारतीय कारोबारियों को पूरी तरह से लुभाने में जुट गया है। भारतीयों को अपने उत्पादन की जानकारी से दूर रखने वाला चीन अब अपनी मशीन बेचने के लिए भारतीय कंपनियों के इंजीनियर्स को मशीन की पूरी जानकारी दे रहा है।

चीन इंजीनियर्स को मशीन असेंबल करने का प्रशिक्षण दे रहा

उन इंजीनियर्स को मशीन को खोलकर फिर से उसे असेंबल करने का प्रशिक्षण दे रहा है। भारतीय इंजीनियर्स उनके मेहमान बनकर इस प्रकार का प्रशिक्षण ले रहे हैं।

अभी हाल में चीन के शेनजेन और गोंजो में लगे व्यापारिक मेले में चीन की कंपनियों के साथ कई भारतीय कंपनियों ने इस प्रकार के समझौते किए है। असल में चीन की मशीन के खराब होने पर उसे ठीक कराने में होने वाली दिक्कत को देखते हुए भारतीय उद्यमी चीन की मशीन खरीदने से कतराने लगे थे।

चीन की मशीन खराब होने पर पहले करना होता था यह काम

चीन की मशीन खराब होने पर चीन के इंजीनियर्स को भारत बुलाना पड़ता था, लेकिन चीन के इंजीनियर्स को आसानी से वीजा नहीं मिलने के कारण कई बार चीन की मशीन ठीक कराने में महीनों लग जाते थे और उद्यमियों को इसका नुकसान उठाना पड़ता था।

अमेरिका की तरफ से चीन के सभी उत्पाद पर 145 प्रतिशत का शुल्क लगाने के बाद चीन को भारत अपने माल की खपत के लिए बड़ा बाजार दिख रहा है। इसलिए चीन भारतीय कारोबारियों को कच्चे माल पर भी पहले की तुलना में अधिक छूट दे रहा है।

प्लास्टिक उत्पाद बनाने की मशीन चीन से खरीद रहे हैं

एचएस ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक नितिन अग्रवाल ने बताया कि वे अपनी कंपनियों के लिए प्लास्टिक उत्पाद बनाने की मशीन चीन से खरीद रहे हैं और उनके इंजीनियर को चीन की कंपनी मशीन को खोलकर उसे फिर से फिट करने व अन्य तकनीकी जानकारी देगी ताकि भारत आने के बाद मशीन में खराबी आने पर उन्हें चीन के इंजीनियर का इंतजार नहीं करना पड़े।

इस संबंध में चीन की कंपनी के साथ उन्होंने समझौता भी किया है। चीन की कंपनियां मशीन की सॉफ्टवेयर प्रोग्रामिंग को छोड़ सभी कुछ बताने व सिखाने के लिए तैयार है। इसका फायदा यह होगा कि कुछ सालों में ऐसी मशीन भारत में भी बनने लगेंगी।

चीन के लिए भारतीय कारोबारी इन दिनों काफी अहम हो गए हैं

चीन में लगे व्यापारिक मेले में जाने वाले एक अन्य कारोबारी सचिन गुप्ता ने बताया कि चीन के लिए भारतीय कारोबारी इन दिनों काफी अहम हो गए हैं। वे भारतीय कारोबारियों को सभी कच्चे माल पर पहले की तुलना में अधिक छूट देने की पेशकश कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि भारत में फुटवियर पर क्वालिटी कंट्रोल नियम लगने के बाद अब छोटे-छोटे उद्यमी चीन से मशीन व कच्चे माल लाकर देश में ही फुटवियर का उत्पादन कर रहे हैं। पहले चीन से तैयार फुटवियर का वे आयात करते थे।

चीन के कारोबारी भारत के कारोबारियों की हर शर्त मानने के लिए तैयार

चीन का माल खरीदने वाले कारोबारियों ने बताया कि अभी चीन के कारोबारी भारत के कारोबारियों की हर शर्त मानने के लिए तैयार दिख रहे हैं। विभिन्न वस्तुओं के निर्माण से जुड़े कच्चे माल के लिए भारत चीन पर काफी हद तक निर्भर करता है। गत वित्त वर्ष 2024-25 में भारत ने चीन से 113 अरब डालर का आयात किया तो चीन को सिर्फ 14 अरब डालर का भारत ने निर्यात किया।

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Clean Yamuna: यमुना की सफाई में सहायक हो सकता है कोल्हापुर का पंचगंगा मॉडल, जानें कैसे करेगा काम

Dainik Jagran - National - April 25, 2025 - 11:30pm

ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। करीब 35 वर्ष पहले देश की सर्वाधिक प्रदूषित नदियों पर हुए एक सर्वेक्षण में महाराष्ट्र के कोल्हापुर की पंचगंगा नदी का नाम भी शामिल था। लेकिन आज शहर के लगभग बीच से बहनेवाली पंचगंगा नदी में लोग नहाते और तैरते हुए आसानी से देखे जा सकते हैं।

इन 35 वर्षों में कुछ स्थानीय संस्थाओं का अथक परिश्रम एवं कोल्हापुरवासियों की इच्छाशक्ति ने जो स्वरूप पंचगंगा को प्रदान किया है, वह दिल्ली की यमुना नदी सहित देश की कई अन्य नदियों के लिए एक मॉडल सिद्ध होता है।

पर्यावरणविद् उदय गायकवाड़ ने रखी अपनी बात

हाल ही में कोल्हापुर में आयोजित ‘अर्थ जर्नलिस्ट नेटवर्क’ के एक कार्यक्रम में बोलते हुए पर्यावरणविद् उदय गायकवाड़ ने बताया कि जब 1989-90 में हुए एक सर्वेक्षण में कोल्हापुर की पंचगंगा नदी को देश की सर्वाधिक प्रदूषित नदियों में से एक बताया गया, उस समय कोल्हापुर शहर के नलों से आपूर्ति होनेवाला पानी भी पीना मुमकिन नहीं था।

कोल्हापुर पीलिया जैसे खतरनाक रोगों से जूझ रहा था

पूरा शहर पीलिया जैसे खतरनाक रोगों से जूझ रहा था। तब कोल्हापुरवासियों को अहसास हुआ कि जिंदगी को बेहतर बनाना है, तो अपनी पंचगंगा नदी को प्रदूषण मुक्त करना होगा। तभी से शुरू हुए कई तरह के प्रयासों का परिणाम है कि जब पिछले साल राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने महाराष्ट्र की 56 नदियों को प्रदूषित घोषित किया, तो उसमें पंचगंगा नदी का नाम शामिल नहीं था।

नदियों के आसपास ही बॉक्साइट खनिज की कई खदानें

गायकवाड़ बताते हैं कि देश के पश्चिमी घाट में 150 किमी. के अंदर पांच नदियां प्रवाहित होती हैं। ये नदियां नीचे आकर जहां मिलती हैं, वहीं से कोल्हापुर शहर शुरू होता है। इन नदियों के आसपास ही बॉक्साइट खनिज की कई खदानें थीं। जिनके खनन के लिए कोई अनुमति नहीं लेनी पड़ती थी। खनिज की परत मिट्टी की 10-12 फुट परत के नीचे शुरू होती थी।

खनन करनेवाले इतनी मिट्टी हटाकर किनारे रखते थे, फिर खनिज का खनन करते थे। तेज बरसात होने पर किनारे रखी यही मिट्टी बहकर इन नदियों में आ जाती थी। खनिज मिली यह मिट्टी प्रदूषण का एक बड़ा कारण बन रही थी। स्थानीय लोगों ने आंदोलन कर प्रशासन को बॉक्साइट का अवैध खनने रोकने पर बाध्य किया, तो प्रदूषण में काफी हद तक कमी आई।

पंचगंगा नदी में प्रदूषण का दूसरा माध्यम थीं, कोल्हापुर की चीनी मिलें

पंचगंगा नदी में प्रदूषण का दूसरा माध्यम थीं, कोल्हापुर की चीनी मिलें। यह पूरा क्षेत्र गन्ने के उत्पादन और चीनी मिलों के लिए जाना जाता है। स्थानीय लोगों ने इन चीनी मिलों से नदियों को होनेवाले प्रदूषण के विरुद्ध भी आवाज उठाई। जिसके फलस्वरूप ज्यादातर चीनी मिलों का प्रदूषण नदियों में आना बंद हुआ। लेकिन इसके साथ-साथ एक बड़ा और महत्त्वपूर्ण प्रयास शहर के सीवेज का ट्रीटमेंट करके उन्हें नदियों में छोड़ने का शुरू किया गया।

गायकवाड़ बताते हैं कि कोल्हापुर शहर में जल की कुल खपत 150 एमएलडी (मेगालीटर प्रति दिन) की है। इसमें से 124 एमएलडी सीवेज पैदा होता है। जिसमें से 110 एमएलडी, यानी 95 प्रतिशत सीवेज को ट्रीट कर लिया जाता है। अपने कुल सीवेज का 95 प्रतिशत ट्रीट करनेवाला शायद महाराष्ट्र ही नहीं देश में भी कोई दूसरा शहर नहीं होगा। ट्रीट किया हुआ ये पानी दिखने में सामान्य जल जैसा ही दिखाई देता है।

कोल्हापुर में चार सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट

कोल्हापुर में चार सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के आधार पर चल रहे हैं एवं तीन अभी तैयार हो रहे हैं। कोल्हापुर से सटे पड़ोसी शहर इचलकरंजी में भी एक एसटीपी चल रहा है, दो और बन रहे हैं। एसटीपी चलानेवाली कंपनी और कोल्हापुर नगर निगम की बराबरी की भागीदारी है।

सामान्यतः किसी एसटीपी से नदियों में छोड़े जानेवाले शोधित जल की बीओडी (बायोलाजिकल आक्सीजन डिमांड) 13 से कम होनी चाहिए। लेकिन कोल्हापुर में यह पैमाना 10 से कम ही रखा गया है। लेकिन यहां के चारों एसटीपी से निकलनेवाले जल का बीओडी 7.5 ही रहता है।

किसी भी दिन सीवेज ट्रीटमेंट से निकलनेवाला जल यदि इस निर्धारत पैमाने से कम स्वच्छ पाया जाता है, तो एसटीपी कंपनी को उस दिन का पैसा नहीं दिया जाता। इससे एसटीपी कंपनी के अपना काम ठीक से करने का अंकुश लगा हुआ है, और वह अपना काम ठीक से कर रही हैं।

पंचगंगा नदी छोड़ा जाता है एसटीपी से शोधित जल

गायकवाड़ बताते हैं कि इन सभी एसटीपी से शोधित जल का बीओडी सामान्य दिनों में पंचगंगा नदी के जल से अच्छा ही होता है, और ये जल भी नदी में ही छोड़ा जाता है। लेकिन जल्दी ही एसटीपी से शोधित सारा जल कोल्हापुर शहर की औद्योगिक जरूरतों के लिए उपयोग करने की सहमति भी बन गई है। तब इस शोधित जल को भी पंचगंगा में छोड़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

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Pahalgam attack: Over 1,700 detained

Business News - April 25, 2025 - 11:08pm
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सिक्किम में कुदरत का कहर, भारी बारिश और भूस्खलन से हालात खराब; एक हजार से अधिक पर्यटक फंसे

Dainik Jagran - National - April 25, 2025 - 11:00pm

जागरण संवाददाता, गंगटोक। उत्तरी सिक्किम के लाचेन और लाचुंग क्षेत्र में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण एक हाजर से अधिक पर्यटक फंस गए हैं। सिक्किम पुलिस ने 25 अप्रैल से उत्तरी सिक्किम के लिए सभी पर्यटक परमिट अनिश्चितकाल के लिए रद कर दिए हैं।

बारिश और भूस्खलन से लाचेन-चुंगथांग मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया है, जिससे यातायात पूरी तरह ठप है। प्रशासन ने रात में यात्रा न करने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी है। मंगन जिला प्रशासन, पुलिस और आपदा प्रबंधन टीम बचाव कार्य में जुटी है। जिला अधिकारी अनंत जैन और पुलिस अधीक्षक सोनम दिछु भूटिया मौके पर राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं।

लाचेन में फंसे लोगों को निकाले की कोशिश जारी

लाचुंग में फंसे पर्यटकों को संकलांग बेली ब्रिज मार्ग से और लाचेन में फंसे लोगों को डोंकाला-लाचुंग मार्ग से निकाला जा रहा है। सभी पर्यटक सुरक्षित हैं। मोबाइल नेटवर्क बाधित होने से संचार में दिक्कत हो रही है।

सभी पर्यटक सुरक्षित

पुलिस अधीक्षक सोनम दिछु भूटिया ने कहा कि सभी पर्यटक सुरक्षित हैं। बचाव कार्य शुरू हो चुके हैं और अगले कुछ दिनों में फंसे लोगों को सुरक्षित निकाल लिया जाएगा। उन्होंने पर्यटकों के परिजनों से निश्चिंत रहने की अपील दी।

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CBI का एक्शन, आयकर विभाग के उपायुक्त और CA गिरफ्तार; फेसलेस योजना से छेड़छाड़ का है आरोप

Dainik Jagran - National - April 25, 2025 - 11:00pm

पीटीआई, नई दिल्ली। सीबीआई ने आयकर विभाग के एक उपायुक्त और एक चार्टर्ड अकाउंटेंट को आयकर आकलन की 'फेसलेस' योजना को विफल करने के आरोप में शुक्रवार को गिरफ्तार किया। वित्त मंत्रालय ने पारदर्शिता बढ़ाने, भ्रष्टाचार रोकने के लिए 'फेसलेस' योजना शुरू की है।

इसे 'फेसलेस' इसलिए कहा जाता है, क्योंकि करदाता को अपने कर का आकलन करने वाले अधिकारी के पास जाने की जरूरत नहीं होगी। उसे यह भी पता नहीं चलेगा कि वह अधिकारी कौन है। इससे भ्रष्टाचार कम होगा। हालांकि, आरोपियों ने योजना से संबंधित गोपनीय जानकारी जुटाई और रिश्वत ली।

आयकर विभाग के उपायुक्त को किया गया गिरफ्तार

अधिकारियों ने बताया कि आयकर विभाग के दिल्ली स्थित झंडेवालान कार्यालय में तैनात 2015 बैच के भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी उपायुक्त विजयेंद्र को गिरफ्तार किया गया, जबकि चार्टर्ड अकाउंटेंट दिनेश कुमार अग्रवाल को गुजरात के भरूच में गिरफ्तार किया गया।

सीबीआई ने जांच में क्या पाया? 

जांच से पता चला है कि दोनों ने अधिक मूल्य के लंबित आयकर आकलन मामलों में विभिन्न करदाताओं से संपर्क कर रिश्वत के बदले में जांच के तहत उनके मामलों में अनुकूल आदेश देने का वादा किया। सीबीआइ ने छह फरवरी को मामले के सिलसिले में दिल्ली, मुंबई, पश्चिम चंपारण समेत 18 स्थानों पर छापेमारी की थी।

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Markets adjusting to Trump's new tariff policy

Business News - April 25, 2025 - 10:57pm
US President Donald Trump on Friday told reporters his administration will be reasonable as it enacts tariffs, adding that he thinks financial markets are adjusting to his tariff policy.
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Pahalgam Attack: 'आतंकियों पर एक्शन होगा, लेकिन समय और जगह...' पूर्व IAF प्रमुख ने सेना से क्या की मांग?

Dainik Jagran - National - April 25, 2025 - 10:28pm

राज्य ब्यूरो,कोलकाता। भारतीय वायुसेना के पूर्व प्रमुख एयर चीफ मार्शल (सेवानिवृत्त) अरूप राहा ने पहलगाम में आतंकी हमले के मद्देनजर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों के खिलाफ सैन्य अभियान चलाने की बात पर जोर देते हुए कहा कि फिर से हमला करने का समय आ गया है।

राहा ने उरी व पुलवामा हमलों के बाद किए गए हमलों का हवाला देते हुए कहा कि भारत ने इस मिथक को तोड़ दिया है कि दो परमाणु शक्ति संपन्न देश युद्ध नहीं लड़ सकते।

ऐसे हमलों को रोकने के लिए खुफिया जानकारी एकमात्र साधन: अरूप राहा

राहा ने कहा कि यह जरूरी है कि भारतीय सशस्त्र बल फिर से वैसे हमले करें, ताकि हमारे दुश्मनों को पता चले कि उनका किससे पाला पड़ा है। यह समय की मांग है। उन्होंने कहा कि ऐसी कार्रवाइयां कैसे और कब होंगी, मैं यह बताने की स्थिति में नहीं हूं।

राहा ने कहा कि भविष्य में ऐसे हमलों को रोकने के लिए खुफिया जानकारी ही एकमात्र साधन है। ऐसी स्थिति में मानवीय खुफिया जानकारी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने कहा कि हमने अतीत में खुफिया विफलताओं के कारण नुकसान उठाया है। हम अब भी नुकसान उठा रहे हैं। 

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Bihar News: बिहार में जीविका दीदियां बनीं चाय कपंनी की मालकिन, महिलाओं को मिलेगा रोजगार

Dainik Jagran - April 25, 2025 - 10:28pm

राज्य ब्यूरो, पटना। जीविका दीदियां अब चाय की खेती करेंगी, चाय फैक्ट्री चलाएंगी, साथ ही चाय कंपनी मालकिन भी बन गईं हैं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर लग गई। ग्रामीण विकास विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने इससे संबंधित शुक्रवार को अधिसूचना भी जारी कर दी।

इसके साथ ही स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना के अंतर्गत विशेष परियोजना के तहत स्वीकृत टी- प्रोसेसिंग एंड पैकेजिंग इकाई, कालिदास किस्मत, पोठिया की भूमि, प्लांट एवं मशीनों को बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति को सौंप दी है।

ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति संपोषित प्रोड्यूसर कंपनी का गठन भी किया जा चुका है। किशनगंज में चाय बगान का पंजीकरण हुआ है। यह जीविका दीदियों के चाय की खेती में उतरने का पहला चरण है।

उनकी उपजाई चाय की ब्रांडिंग किस नाम से होगी, यह अभी तय नहीं हुआ है। बिहार के पूर्वी जिला में चाय की खेती एक अर्से से होती रही है। किशनगंज के पोठिया प्रखंड के किचकीपाड़ा कुसियारी में बिहार सरकार की चाय प्रोसेसिंग और पैकेजिंग यूनिट है, जिसे सरकार ने दस साल के लिए लीज पर दे दिया है।

इस बीच चाय की खेती से जुड़ी जीविका दीदियों का उत्पादक समूह तैयार किया गया है। इन समूहों से जुड़ी जीविका दीदियों को चाय उद्योग के हर पहलू की जानकारी दी जाएगी।

ताकि कंपनी शुरू होने पर चाय की खेती से लेकर मार्केटिंग तक के काम वे स्वयं कर सकें। इस चाय कंपनी के निदेशक मंडल से लेकर शेयर धारक तक जीविका दीदियां ही होंगी।

चाय की खेती से दूर हुई बेरोजगारी

किशनगंज में चाय की खेती से बेरोजगारों को रोजगार मिला है। मजदूरों का पलायन भी रुका है। वातावरण में नमी आई। बारिश होने लगी और यहां की मिट्टी में भी बदलाव साफ दिख रहे हैं।

चाय की खेती के प्रति किशनगंज के लोगों के साथ-साथ बाहरी लोगों का भी रुझान बढ़ता गया। किशनगंज की जलवायु खास तौर पर चाय की खेती के लिए काफी सही मानी जाती है।

खेती से होता है अच्छा मुनाफा

एक किलो सामान्य चाय के उत्पादन में 100 से लेकर 150 रुपये तक की लागत आती है। जबकि उत्तम दर्जे की चाय पर 250 से लेकर 300 रुपये तक का खर्च आता है।

गौरतलब है कि किशनगंज में सिर्फ चाय ही नहीं बल्कि ग्रीन चाय का भी उत्पादन किया जाता है। आज ज्यादातर किसान अपनी पारम्परिक खेती को छोड़कर चाय की खेती में जुट गए हैं।

ऐसे में यदि जीविका दीदियां इस काम को आगे बढ़ाती हैं तो निश्चित रूप से इस उद्योग में तरक्की होगी और बड़े पैमाने पर महिलाओं को रोजगार मिलेगा।

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चीन से भारत में शिफ्ट होगी एप्पल कंपनी? देश में बनेंगे अमेरिका के लिए ज्यादातर iPhone, जानिए कारण

Dainik Jagran - National - April 25, 2025 - 10:08pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। टैरिफ पर चीन की अमेरिका से बात नहीं बनी तो एप्पल अमेरिका में बिकने वाले अपने स्मार्टफोन का पूरा उत्पादन भारत में शिफ्ट कर सकती है। अभी एप्पल फोन का 20 प्रतिशत उत्पादन भारत में होता है। चीन पर अमेरिका ने 145 प्रतिशत का शुल्क लगा दिया है। ऐसे में चीन से एप्पल फोन को अमेरिका भेजना काफी महंगा सौदा साबित होगा।

कब हो सकता है भारत-अमेरिका व्यापार समझौता?

भारत पर अमेरिका ने 26 प्रतिशत का पारस्परिक शुल्क लगाया है जिस पर अमल को फिलहाल आगामी नौ जुलाई तक टाल दिया गया है। भारत के साथ अमेरिका का व्यापार समझौता भी सितंबर-अक्टूबर तक होने की संभावना है। ऐसे में एप्पल वर्ष 2026 अंत तक अमेरिका में बिकने वाले सालाना छह करोड़ से अधिक फोन का निर्माण पूरी तरह से भारत में शुरू कर सकती है।

भारत में एप्पल का उत्पादन लगातार बढ़ रहा है। पिछले वर्ष 2024 में भारत से सिर्फ अमेरिका के बाजार में सात अरब डॉलर के स्मार्ट फोन का निर्यात किया गया जिसमें बड़ी हिस्सेदारी एप्पल फोन की थी। इससे पूर्व के वित्त वर्ष में यह निर्यात 4.7 अरब डॉलर का था।

ये कंपनी कर रहे एप्पल फोन का उत्पादन 

भारत में फॉक्सकॉन, पेगाट्रॉन और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी कंपनियां फिलहाल ठेके पर एप्पल फोन का उत्पादन करती है। इस साल मार्च में अकेले फॉक्सकॉन ने अमेरिका में 1.31 अरब डॉलर के एप्पल फोन का निर्यात किया। अभी फाक्सकान जैसी कंपनियां एप्पल फोन के अधिकतर पा‌र्ट्स चीन से मंगाती है और भारत में उन्हें असेंबल किया जाता है।

अमेरिका की शुल्क नीति के बाद गूगल की मूल कंपनी अल्फाबेट गूगल पिक्सेल स्मार्टफोन का निर्माण वियतनाम से शिफ्ट करके भारत में शुरू करने की तैयारी कर रही है। सूत्रों का कहना है कि सैमसंग भी वियतनाम से अपने स्मार्टफोन निर्माण को पूरी तरह से भारत में शिफ्ट कर सकती है।

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