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'आइए हिंदी सीखें...', स्टालिन के खिलाफ तामिलनाडु में ही उठने लगी विरोध की आवाज, इस कंपनी के फाउंडर ने दिखाया 'आईना'

Dainik Jagran - National - March 1, 2025 - 9:41pm

नीलू रंजन, जागरण, नई दिल्ली। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के हिंदी विरोध के खिलाफ तमिलनाडु के भीतर ही आवाज उठने लगी है। बड़ी आइटी कंपनी जोहो के संस्थापक श्रीधर वेंबू ने तमिलनाडु के युवाओं से हिंदी सीखने की अपील की है। इसके साथ ही इसे राजनीति से दूर रखने का भी अनुरोध किया है।

एक्स पर अंग्रेजी में लिखी पोस्ट के आखिर में उन्होंने 'आइए हिंदी सीखें' की अपील कर साफ कर दिया कि तमिलनाडु अब हिंदी विरोध की राजनीति से बहुत आगे निकल चुका है। श्रीधर वेंबू ने अपनी पोस्ट में बताया कि उनकी कंपनी में काम कर रहे तमिलनाडु के युवाओं को हिंदी न जानने के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

वेंबू ने हिंदी सीखने की बताई वजह

वेंबू के अनुसार, उनकी कंपनी मुंबई, गुजरात समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में अपनी सेवाएं दे रही है, लेकिन हिंदी न जानने के कारण तमिलनाडु के कर्मियों को वहां नहीं भेजा जा सकता।

उन्होंने कहा कि हिंदी न जानने के कारण उन्हें खुद भी कठिनाई होती है। इस कारण वे पिछले पांच सालों से हिंदी सीख रहे हैं और अब हिंदी की बातचीत को 20 प्रतिशत तक समझ लेते हैं। श्रीधर की पोस्ट पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं आई हैं, लेकिन कई लोगों ने उनकी बात का समर्थन किया है। बेंगलुरु में एक आइटी कंपनी में काम करने वाले तमिलनाडु के युवा ने स्वीकार किया कि हिंदी न आने के कारण वे सहकर्मियों के साथ संवाद में खुद को अलग-थलग पाते हैं।

'तमिलनाडु में सीबीएसई स्कूलों में 60 लाख बच्चे पढ़ रहे हिंदी'

श्रीधर वेंबू की पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए तमिलनाडु के गुरुमूर्ति ने हिंदी विरोध के विरोधाभास के आंकड़े पेश किए। गुरुमूर्ति के अनुसार, तमिलनाडु में सीबीएसई स्कूलों में 60 लाख बच्चे हिंदी पढ़ रहे हैं। इस तरह दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा की परीक्षा में पांच लाख छात्रों ने भाग लिया है। सिर्फ सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले 83 लाख छात्रों को हिंदी नहीं पढ़ाई जा रही है।

गुरुमूर्ति के अनुसार, तमिलनाडु के 43 प्रतिशत छात्र हिंदी पढ़ सकते हैं। श्रीधर वेंबू ने गुरुमूर्ति के आंकड़ों का समर्थन करते हुए कहा कि ग्रामीण तमिलनाडु में सीबीएसई स्कूल तेजी से खुल रहे हैं। केवल गरीब परिवारों के बच्चे, जो इन निजी स्कूलों की फीस नहीं दे सकते, सरकारी स्कूलों में पढ़ने को मजबूर हैं। हिंदी विरोध को 1968 की तरह मुद्दा न बनता देख मुख्यमंत्री स्टालिन के सुर भी बदलने लगे हैं। अब वे हिंदी विरोध को संस्कृत के विरोध से जोड़ रहे हैं। उनके अनुसार, हिंदी की आड़ में केंद्र सरकार संस्कृत भाषा को थोपने की साजिश कर रही है।

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Bihar Politics: पुराने मंत्रियों के प्रभार वाले जिलों में बदलाव की तैयारी में नीतीश सरकार, ले लिया बड़ा फैसला

Dainik Jagran - March 1, 2025 - 9:33pm

राज्य ब्यूरो, पटना। सरकार में सात नए मंत्रियों के सम्मिलित होने एवं दायित्व बंटने के उपरांत अब पुराने मंत्रियों के प्रभार वाले जिलों में बदलाव की तैयारी चल रही है। वर्तमान में नौ ऐसे मंत्री हैं जिनके पास दो-दो जिले का प्रभार है। इसमें भाजपा कोटे से उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा के साथ चार मंत्री हैं।

जबकि जदयू के पांच मंत्री ऐसे हैं, जिनके पास दो-दो जिले का प्रभार है। अब इन मंत्रियों पर दायित्व को बोझ कम करने के साथ ही जिले के प्रभार में भी परिवर्तन की तैयारी चल रही है।

इन मंत्रियों को मिल सकता है प्रभार

उधर, नीतीश सरकार में शपथ लेने वाले सात नए मंत्रियों (जिवेश कुमार, संजय सरावगी, डॉ. सुनील कुमार, राजू कुमार सिंह, मोतीलाल प्रसाद, विजय कुमार मंडल, कृष्ण कुमार मंटू) को जिले का प्रभार मिलने की प्रतीक्षा है।

उल्लेखनीय है कि सरकार के मंत्रियों को जिला कार्यक्रम कार्यान्यवन समिति का अध्यक्ष सह जिला का प्रभारी मंत्री बनाया जाता है। उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा को पास दो जिलों मुजफ्फरपुर और भोजपुर जिले का प्रभार है। अशोक चौधरी के पास सीतामढ़ी एवं जहानाबाद जिले के प्रभारी मंत्री का दायित्व है।

वहीं, नीतीश मिश्रा के पास गया एवं अररिया जिले के प्रभारी मंत्री हैं। श्रवण कुमार के पास समस्तीपुर एवं मधेपुरा जिले के प्रभारी मंत्री हैं। विजय चौधरी के पास नालंदा एवं पूर्णिया जिले के प्रभारी मंत्री का दायित्व है। नितिन नवीन के दायित्व में बक्सर एवं कैमूर है।

शीला कुमारी के पास शेखपुरा एवं लखीसराय जिले का दायित्व है। वहीं, जमा खान किशनगंज एवं शिवहर जिले के जिला कार्यक्रम कार्यान्यवन समिति का अध्यक्ष सह जिला का प्रभारी मंत्री हैं।

पवित्र रमजान महीने के आरंभ होने पर प्रदेशवासियों को मुख्यमंत्री ने दी बधाई

पवित्र रमजान महीने के आरंभ होने पर मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों, विशेषकर मुस्लिम भाई-बहनों को शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा कि रमजान का महीना रहमतों का महीना है। पूरे महीने खुदा की रहमतों की बारिश होती है।

खुदा की नजर में रोजेदारों की दुआएं मकबूल होती हैं। खुदा उनकी इबादत को स्वीकार करते हैं और उसके बदले तमाम इंसानों पर अपनी रहमतों की बारिश करते हैं। मुख्यमंत्री ने खुदा से दुआ करते हुए कहा कि खुदा तमाम रोजेदारों की दुआओं को कबूल करे।

हम सबों के बीच मोहब्बत, एक दूसरे के प्रति आदर, सद्भाव और इज्जत की भावना को बढ़ाए, ताकि हम लोग मिलकर देश एवं राज्य की तरक्की में योगदान दें।

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Bihar Jobs: 20 लाख युवाओं को सेट करने के लिए नीतीश सरकार ने बनाया धांसू प्लान, श्रम संसाधन विभाग ने दी नई जानकारी

Dainik Jagran - March 1, 2025 - 9:24pm

जागरण संवाददाता, पटना। बिहार सरकार का लक्ष्य 20 लाख से अधिक युवाओं को बाजार की मांग के अनुसार प्रशिक्षण देना है। इसके लिए राज्य में आठ हजार नए ट्रेनिंग सेंटर स्थापित किए जाएंगे।

श्रम संसाधन विभाग एवं बिपार्ड स्किल पार्क के संयुक्त तत्वावधान में नेशनल कांफ्रेंस आफ स्किल डेवलपमेंट: बिल्डिंग द गैप फार फ्यूचर रेडी वर्कशॉप के उद्घाटन के अवसर पर सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. बी राजेन्दर ने कही।

इससे पूर्व डीडीजी एसके गुप्ता, दयानिधि पांडेय, सीओओ पिनाकी पटनायक एवं श्रम संसाधन विभाग के सचिव दीपक आनंद के साथ संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर इसका शुभारंभ किया।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त कर सकेंगे युवा
  • अपर मुख्य सचिव ने कहा कि बिना दक्ष प्रशिक्षकों के गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण संभव नहीं है। इसलिए सिलेबस और ट्रेनिंग माड्यूल को उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार किया जाएगा।
  • युवाओं को आधुनिक तकनीक के अनुरूप प्रशिक्षित किया जाए, ताकि वे न केवल बिहार, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त कर सकें।
कई रोजगारपरक कोर्से का संचालन कर रही सरकार

श्रम संसाधन विभाग के सचिव ने कहा कि बिहार के युवा हमेशा से प्रतियोगी परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते रहे हैं। सरकार का उद्देश्य प्रदेश के युवाओं को बाजार की मांग के अनुसार आधुनिक तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करना है।

बिहार कौशल विकास मिशन के अपर मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी राजीव रंजन ने कहा कि महिलाओं को और अधिक सशक्त बनाने के लिए उन्हें स्वरोजगार और तकनीकी दक्षता से जोड़ा जा रहा है। 16 विभागों के साथ मिलकर कई रोजगारपरक कोर्से का संचालन कर रही है।

स्वरोजगार के लिए जीविका समूहों को दिए पांच करोड़ 40 लाख रुपये

जीविका दीदी को स्वरोजगार के लिए शनिवार को ब्रह्मपुर के प्रखंड परिसर में शिविर लगाकर पंजाब नेशनल बैंक द्वारा पांच करोड़ 40 लाख रुपये स्वीकृत कर चेक का वितरण किया गया।

इस अवसर पर बैंक के एकरासी शाखा के प्रबंधक धर्मेंद्र कुमार ने ब्रह्मपुर प्रखंड के जीविका समूह के दीदी को कुल पांच करोड़ 40 लाख रुपये के चेक का वितरण किया।

इस शिविर में लगभग तीन दर्जन समूह को चेक दिया गया। मौके पर उपस्थित जीविका के जिला प्रबंधक चंदन कुमार ने कहा कि जीविका दीदी को आर्थिक रूप से सशक्त करने और परिवार की आय बढ़ाने के उद्देश्य से बैंक द्वारा ऋण दिया गया।

उन्होंने बैंक के रुपये का सदुपयोग करने का आह्वान किया। इस अवसर पर बैंक के फील्ड आफिसर गिरधारी कुमार, प्रखंड परियोजना प्रबंधक विनय कुमार सिन्हा, समन्वयक अनंत कुमार, निगमानंद ओझा, सौरव कुमार आदि मौजूद थे।

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परिसीमन पर तमिलनाडु सीएम ने बुलाई सर्वदलीय बैठक, बीजेपी करेगी बायकॉट; स्टालिन पर बरसे अन्नामलाई

Dainik Jagran - National - March 1, 2025 - 9:21pm

पीटीआई, चेन्नई। तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने परिसीमन पर सर्वदलीय बैठक को लेकर मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पर हमला बोला। अन्नामलाई ने शनिवार को कहा कि परिसीमन प्रक्रिया को लेकर पांच मार्च को होने वाली सर्वदलीय बैठक में भाजपा शामिल नहीं होगी।

उन्होंने इस मामले पर काल्पनिक भय फैलाने के प्रयास के लिए मुख्यमंत्री स्टालिन को दोषी ठहराया। स्टालिन को लिखे पत्र में अन्नामलाई ने कहा कि भाजपा का दृढ़ विश्वास है कि आपने किसी भी आधिकारिक बयान से पहले ही काल्पनिक डर फैलाने और जानबूझकर इस बारे में झूठ बोलने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई है।

स्टालिन पर बीजेपी का हमला

उन्होंने कहा कि अगर स्टालिन को परिसीमन के कारण तमिलनाडु की संसदीय सीटें कम होने की आशंका है तो उन्हें राज्य से आईएनडीआईए के 39 सांसदों को संसद के बजट सत्र के दौरान इस मुद्दे को उठाने का निर्देश देना चाहिए था।

बीजेपी ने स्टालिन पर लगाया झूठ फैलाने का आरोप
  • तमिलनाडु भाजपा प्रमुख ने स्टालिन को संबोधित करते हुए कहा कि आपको समझना चाहिए कि परिसीमन आयोग परिसीमन प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा उचित समय पर करेगा। यह निराशाजनक है कि आपने अभी भी उन झूठों से सबक नहीं सीखा है जो आपने तब फैलाया था जब एक राष्ट्र एक चुनाव की घोषणा की गई थी।
  • वहीं, अन्नामलाई ने कहा कि तमिलनाडु प्रदेश भाजपा की ओर से मैं आपको सूचित करना चाहता हूं कि आप लोगों को यह नहीं बता सके कि आपको कैसे पता चला कि परिसीमन जनसंख्या के आधार पर किया जाएगा।
  • यह काल्पनिक और निराधार डर है जिसे आप फैला रहे हैं। इसलिए हमने पांच मार्च को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में भाग नहीं लेने का फैसला किया है। अन्नामलाई ने स्टालिन को यह भी बताया कि भाजपा पांच मार्च को त्रिभाषा नीति के समर्थन में हस्ताक्षर अभियान शुरू करेगी।

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'फिल्म के टिकट पर लिखा हो शो का सही समय', एमपी HC का निर्देश, कहा- विज्ञापन देखने पर मजबूर ना करें

Dainik Jagran - National - March 1, 2025 - 9:10pm

जेएनएन, ग्वालियर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने दर्शकों को थियेटर और मल्टीप्लेक्स में जबरन विज्ञापन दिखाने के मामले में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को नियमों में संशोधन कर हर टिकट पर फिल्म के शो का समय स्पष्ट रूप से अंकित करने के निर्देश दिए हैं। कहा है कि विज्ञापन दिखाए जा सकते हैं लेकिन दर्शकों को उन्हें देखने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए।

हाई कोर्ट ने यह निर्देश एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए शनिवार को दिया। ग्वालियर की लॉ स्टूडेंट स्वाति अग्रवाल की ओर से दायर इस जनहित याचिका में केंद्र सरकार, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, फिल्म फेडरेशन आफ इंडिया और मध्य प्रदेश शासन को पक्षकार बनाते हुए कहा गया था कि देश के सभी थियेटर और मल्टीप्लेक्स में हर दिन में सैकड़ों लोग फिल्म देखने जाते हैं। वहां फिल्म देखने के लिए टिकट खरीदने के बाद विज्ञापन दिखाना एक तरह की जबरदस्ती है और संविधान के अनुच्छेद 21 का हनन है।

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एक्शन में PHED विभाग: दो एग्जीक्यूटिव इंजीनियर निलंबित, 4 का ट्रांसफर, सामने आई बड़ी वजह

Dainik Jagran - March 1, 2025 - 8:26pm

राज्य ब्यूरो, पटना। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचईडी) ने अपने दो कार्यपालक अभियंताओं को निलंबित कर दिया है और चार को तत्काल प्रभाव से स्थानांतरित कर दिया है। यह कार्रवाई हर घर नल का जल योजना के क्रियान्वयन में लापरवाही बरतने के आरोप में हुई है।

प्रधान सचिव पंकज कुमार के निर्देश पर पिछले दिनों राज्यव्यापी अभियान चलाकर पेयजल योजनाओं का निरीक्षण हुआ था। इस दौरान 22800 से अधिक योजनाओं का निरीक्षण हुआ। उनमेंं से 21043 योजनाएं चालू मिली थीं।

इसके अलावा मरम्मत कराकर 1500 से अधिक योजनाओं को चालू करा दिया गया। इस प्रकार मरम्मत के उपरांत 97 प्रतिशत योजनाएं पूर्ण रूप से चालू हैं। बहरहाल बंद योजनाओं को विभाग द्वारा निर्धारित अवधि में चालू नहीं करने पर संवेदक पर 2000 रुपये प्रति दिन के हिसाब से अर्थदंड भी लगाया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष नवंबर में भी जलापूर्ति योजनाओं का निरीक्षण हुआ था। खराब प्रदर्शन वाले अधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई थी और संवेदकों पर दो करोड़ रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया। इसके अलावा कई संवेदकों को निविदा में भाग लेने से वंचित किया गया और कई काली सूची में डाले गए।

सदर अस्पताल का क्लर्क पंकज कुमार निलंबित, कर्मियों में हड़कंप

वहीं, दूसरी ओर बिहारशरीफ में सदर अस्पताल के स्थापना में पदस्थापित क्लर्क पंकज कुमार को सरकारी राशि घोटाले के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। उस पर आरोप है कि वह अस्पताल के वेतन के अलावा विभिन्न सरकारी योजनाओं की राशि को हड़पने का काम कर रहे थे।

पिछले साल जून में सरमेरा से सदर अस्पताल में पंकज कुमार का तबादला हुआ था। तबादले के बाद वह अस्पताल के खातों में अनियमितताएं बरत रहे थे और कई सरकारी योजनाओं के तहत आने वाली राशि को निकाल कर अपने निजी लाभ के लिए इस्तेमाल कर रहा थे।

जब अधिकारियों ने इस गड़बड़ी को पकड़ा, तो जांच में कई चौकाने वाले रहस्य सामने आए। अधिकारियों के अनुसार, पंकज कुमार ने अस्पताल के खजाने में सरकारी धन की हेराफेरी की थी। उन्होंने कई सरकारी योजनाओं की राशि का दुरुपयोग किया और वेतन से संबंधित प्रक्रियाओं में भी गड़बड़ियां की।

सीएस डॉ. जितेंद्र कुमार सिंह ने अस्पताल के प्रभारी अधिकारियों को पंकज कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने का आदेश दिया है। घोटाले के खुलासे के बाद अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया है।

पंकज कुमार की सस्पेंशन और एफआईआर की प्रक्रिया के बाद यह मामला अब जांच के घेरे में है। अस्पताल प्रशासन ने कहा है कि जांच पूरी होने तक पंकज कुमार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और किसी भी प्रकार की घोटालेबाजी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरमेरा में भी उनके ऊपर इसी तरह के कार्य करने का आरोप लगा था।

जांच के घेरे में कई कर्मी

सीएस डॉ. जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि कई कर्मियों को भी इसी तरह लाभ पहुंचा रहे थे। इसके बदले में उनसे मोटी रकम वसूला करता था। जांच में कुछ कर्मियों के भी नाम सामने आया है। जांच के बाद जो भी दोषी होंगे, उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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अब ट्रेन से करें भूटान की यात्रा, भारतीय रेलवे ने तैयार किया सॉलिड प्लान; प्रोजेक्ट पर खर्च होंगे 3500 करोड़

Dainik Jagran - National - March 1, 2025 - 8:25pm

पीटीआई, गुवाहाटी। आप जल्द ही ट्रेन से पड़ोसी देश भूटान जा सकेंगे। भारतीय रेलवे ने असम के कोकराझार से भूटान के गेलेफू तक रेलवे ट्रैक बिछाने के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को पूरा कर लिया है।

पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के प्रवक्ता ने शनिवार को कहा, प्रस्तावित रेलवे लाइन के लिए अंतिम लोकेशन सर्वे पहले ही पूरा हो चुका है। अब डीपीआर की मंजूरी का इंतजार है। प्रस्तावित 69.04 किलोमीटर लंबी यह रेलवे लाइन असम के कोकराझार स्टेशन को भूटान के गेलेफू से जोड़ेगी।

परियोजना पर खर्च होंगे 3500 करोड़

इस परियोजना पर 3,500 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत आएगी। प्रस्तावित रेलवे लाइन दोनों देशों के बीच व्यापार, पर्यटन और सांस्कृतिक मेल- जोल बढ़ाकर भारत-भूटान संबंधों को और मजबूत करेगी। इससे कनेक्टिविटी में भी सुधार होगा। भूटान- भारत के पहले रेलवे लिंक से निर्बाध परिवहन की सुविधा मिलेगी। रेलवे लाइन बोडोलैंड क्षेत्र को व्यापार केंद्र के रूप में स्थापित करेगी, जिससे स्थानीय समुदायों को लाभ होगा।

भारत और भूटान के बीच हुआ था समझौता

जानकारी दें कि कुछ महीने पहले पीएम मोदी की भूटान यात्रा के दौरान कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए थे। इसमें रेल लिंक परियोजना भी शामिल रही। अब इसपर काम करने की तैयारी है। दोनों देशों ने रेल परियोजनाओं को लेकर एमओयू पर हस्ताक्षर किए थे। इस समझौते के अनुसार भारत और भूटान के बीच दो रेल मार्ग बनाने की योजना है। जिसमें कोकराझार-गेलेफू और बनारहाट-समत्से शामिल हैं।

दोनों देशों की दूरी होगी कम

दोनों देशों के बीच रेल यात्रा के शुरू हो जाने से भारत और भूटान के बीच दूरी कम हो जाएगी। इसके साथ ही दोनों देशों के बीच व्यापार की रफ्तार भी तेज होने की उम्मीद है। असम के लिए ये रेल परियोजना नई उम्मीद खोलेगी। भूटान भी इस रेल परियोजना को लेकर काफी उत्सुक है।

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Digital Arrest कर लोगों को लगाता था चूना, दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ा योगेश दुआ; देशभर में 930 से अधिक मामले दर्ज

Dainik Jagran - National - March 1, 2025 - 8:25pm

राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। कोलकाता पुलिस की साइबर टीम ने डिजिटल अरेस्ट के नाम पर सैकड़ों लोगों को ठगने वाले को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। उसका नाम योगेश दुआ है। उसके खिलाफ कोलकाता समेत देशभर के कई थानों में डिजिटल अरेस्ट के नाम पर वित्तीय धोखाधड़ी के 930 से अधिक मामले दर्ज हैं। आरोप है कि वह फर्जी सीबीआइ, ईडी और आयकर अधिकारी बनकर डिजिटल अरेस्ट का भय दिखाकर लोगों को अपना शिकार बनाता था।

कोलकाता पुलिस की साइबर टीम ने खुफिया सूचना के आधार पर विशेष अभियान चलाकर शुक्रवार देर रात उसे दिल्ली से दबोचा। उसके पास से नकद दो लाख रुपये, विदेशी मुद्रा, लैपटाप, कई विदेशी सिम कार्ड समेत कई सामान जब्त किए गए हैं। आरोपित को शनिवार को ट्रांजिट रिमांड पर कोलकाता लाया गया है। यहां उससे पूछताछ की जा रही है।

गिरोह के साथ देता है घटना को अंजाम

पुलिस का अनुमान है कि योगेश का एक गिरोह है, जिसने कोलकाता समेत विभिन्न शहरों में डिजिटल अरेस्ट का भय दिखाकर लोगों को ठगा है। विभिन्न शिकायतों के आधार पर कोलकाता पुलिस की साइबर टीम उसे काफी दिनों से तलाश रही थी। पुलिस उससे पूछताछ कर गिरोह में शामिल अन्य लोगों का पता लगाने की कोशिश कर रही है। पुलिस के अनुसार, योगेश का भाई आदित्य दुआ भी इस धोखाधड़ी का एक मास्टरमाइंड है। पुलिस उसकी भी तलाश कर रही है।

मालूम हो कि कोलकाता पुलिस ने इससे पहले नौ जनवरी को बेंगलुरु से डिजिटल अरेस्ट के एक अन्य मास्टरमाइंड चिराग कपूर को गिरफ्तार किया था। उसके एक सहयोगी ओंकार सिंह को भी गिरफ्तार किया गया था।

गोल्फग्रीन की घटना के बाद हुई गिरफ्तारी

हाल में कोलकाता के गोल्फग्रीन थाना क्षेत्र में डिजिटल अरेस्ट की एक घटना घटी थी। गोल्फग्रीन के एक निवासी ने इस संबंध में कोलकाता पुलिस के साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि साइबर अपराधियों ने उन्हें धमकाकर करीब 47 लाख रुपये ठग लिए।

जनवरी की शुरुआत में यह घटना घटी थी। काल करने वाले ने खुद को दिल्ली पुलिस से होने का दावा करते हुए कहा था कि दंपती को डिजिटल अरेस्ट किया गया है। इससे बचने के लिए 47 लाख रुपये की मांग की गई थी। दंपती ने डर से रुपये भेज दिए थे। इसी मामले की जांच में पुलिस ने आरोपित को दिल्ली से गिरफ्तार किया।

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Cyber crimes to cost cos Rs 20K cr in 2025

Business News - March 1, 2025 - 8:09pm
New Delhi: Indian entities are expected to lose Rs 20,000 crore due to cyber crimes this year, cyber security intelligence firm CloudSEK said in a report. The company claims to have done a detailed analysis of 200 companies across sectors, over 5,000 domain takedowns, data of about 16,000 brand abuse, official data from the Indian Cyber Crime Coordination Centre (I4C) documenting nationwide cybercrime patterns and financial impacts etc for artificial intelligence based projection. "The biggest revelation from our research is the sheer scale of financial losses of over Rs 20,000 crore due to cybercrime, of which Rs 9,000 crore is due to brand name abuse alone. The fact that brand abuse is implicated in nearly one-third of all cybercrime incidents and a staggering 70 per cent of high-value scams is a wake-up call for India," Pavan Karthick M, Threat Intelligence Researcher at CloudSEK said. Cybercrime complaints are expected to exceed 25 lakh, with 5 lakh explicitly mentioning brand impersonation. "The white paper builds upon previous research documenting losses of Rs 11,333 crore in the first nine months of 2024 by I4C. By applying advanced predictive modeling techniques to comprehensive datasets, we project the trajectory of these losses into 2025, providing stakeholders with actionable intelligence to combat this growing threat," the report said. According to the analysis done by CloudSEK Nexus platform , banking and financial services will bear the maximum brunt of the losses of around Rs 8,200 crore, followed by retail and e-commerce of Rs 5,800 crore and government services Rs 3,400 crore. "Investment scams (pig-butchering) and advance-fee scams are the primary drivers of financial losses," the report said. Fraudulent domains (website names) are projected to increase by 65 per cent, while fraudulent apps are expected to surge by 83 per cent, particularly in financial services, the report said.
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