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Bihar Jobs 2025: इस विभाग में 5 हजार पदों पर होगी भर्ती, नीतीश सरकार ने भेजा नोटिफिकेशन
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के अस्पतालों में पांच हजार से अधिक डॉक्टरों की जल्द बहाली की जाएगी। इनमें 3623 विशेषज्ञ चिकित्सक पदाधिकारी, 667 सामान्य चिकित्सा पदाधिकारी और 808 दंत चिकित्सक शामिल हैं।
बिहार विधान परिषद में मंगलवार को मो. फारूक के अल्पसूचित प्रश्न के उत्तर में प्रभारी मंत्री नीरज कुमार सिंह ने इसकी जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि इन पदों पर नियुक्ति के लिए बिहार तकनीकी सेवा आयोग को प्रस्ताव भेजी जा चुका है। आयोग के माध्यम से विज्ञापन प्रकाशन की कार्रवाई अंतिम चरण में है।
इसी प्रश्न के उत्तर में मंत्री ने बताया कि शिवहर सदर अस्पताल में चिकित्सकों के कुल 36 पद स्वीकृत हैं। इनमें 17 चिकित्सक कार्यरत हैं।
सदर अस्पताल के अधीक्षक के रिक्त पद पर कार्यकारी व्यवस्था के तहत सिविल सर्जन, शिवहर के प्रभार में रखा गया है।
सहायक प्राध्यापक के पद पर शुरू हुई नियुक्ति- वहीं, प्रभारी मंत्री ने प्रो. संजय कुमार सिंह के अल्पसूचित प्रश्न के उत्तर में बताया कि राज्य के मेडिकल कॉलेजों एवं अस्पतालों में सहायक प्राध्यापक के रिक्त 1711 पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
- इन पदों पर नियमित नियुक्ति के लिए अक्टूबर माह में ही अधियाचना बिहार लोक सेवा आयोग को भेजी गई है।
- इस बाबत विज्ञापन प्रारूप पर जनवरी माह में विभाग ने सहमति भी प्रदान कर दी है। वहीं मेडिकल कालेजों में विजिटिंग प्रोफेसरों की नियुक्ति का मामला विचाराधीन है।
सौरभ कुमार के अल्पसूचित प्रश्न के उत्तर में मंत्री ने बताया कि राजधानी के इंदिरा गांधी ह्रदय रोग संस्थान (आइजीआइएमएस) में 97 प्रकार की दवाएं उपलब्ध हैं, जो मरीजों को मुफ्त दी जा रही हैं।
अस्पताल में चिकित्सकों के 163 पद स्वीकृत है। इनमें सहायक निदेशक के पदों पर 17, उप निदेशक के पद पर एक, संयुक्त निदेशक के पद पर छह, अपर निदेशक के पद पर एक, निदेशक के पद पर एक, चिकित्सा पदाधिकारी के पद पर 28 और विशेषज्ञ चिकित्सा पदाधकारी के पद पर 19 चिकित्सक कार्यरत हैं।
अस्पताल में डॉक्टरों की कमी के प्रश्न पर मंत्री ने कहा कि इसके लिए मेडिकल कालेज अस्पताल खोल जा रहे है। इसमें चार साल का समय लगता है। बच्चे पढ़ेंगे तो आवश्यकता के अनुसार उनकी नियुक्ति सरकारी अस्पतालों में की जाएगी।
विधान परिषद में अब्दुल बारी सिद्दीकी ने एबुंलेंस की कमी और प्राइवेट एबुंलेंस की मनमानी का मुद्दा उठाया। इसके जवाब में प्रभारी मंत्री नीरज कुमार सिंह ने कहा कि बिहार के सभी सरकारी अस्पतालों में एबुंलेंस की सुविधा है। एबुंलेंस की संख्या बढ़ाने के लिए 400 एबुंलेंस की खरीद की जाएगी।
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राज्य ब्यूरो, पटना। विधानसभा में मंगलवार को विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के भाषण की शुरुआत तो हंसी मजाक वाले अंदाज में हुई, लेकिन जल्द ही कई सदस्य एक दूसरे के पिता के कर्मों का लेखा-जोखा लेकर बैठ गए।
माहौल अधिक गर्म होता, उससे पहले ही विधानसभा अध्यक्ष नन्द किशोर यादव ने सदस्यों को व्यक्तिगत टिप्पणी करने से रोक दिया।
तेजस्वी ने अपने भाषण के शुरू में ही कहा कि सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को गले लगाया तो यह दूसरे उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा को चिढाने का उपक्रम था।
सिन्हा उस समय सदन में नहीं थे। सम्राट सदन में चुपचाप तेजस्वी का भाषण सुन रहे थे। लेकिन, तेजस्वी ने जैसे ही सम्राट के पिता पूर्व मंत्री शकुनी चौधरी की ओर से मुख्यमंत्री के प्रति की गई अशोभनीय टिप्पणी की चर्चा की, सदन में शोरगुल शुरू हो गया।
सम्राट ने तेजस्वी को कहा कि आपके पिता ने बिहार को लूट लिया। जवाब में तेजस्वी ने सम्राट को याद दिलाया कि लालू प्रसाद के कारण ही वे पहली बार मंत्री बन पाए थे। अंतिम बार भी राजद के टिकट पर ही विधायक बने।
राजद से अलग होने के बाद फिर कभी विधायक नहीं बन पाए। तेजस्वी ने विजय कुमार सिन्हा की प्रशंसा की। कहा कि विजय सिन्हा असली भाजपाई हैं। सम्राट चौधरी तो पांच साल के भाजपाई हैं।
पशुपालन घोटाला की चर्चा करने के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री स्व. डॉ. जगन्नाथ मिश्र का जिक्र कर दिया। उनका कहना था कि डॉ. मिश्र भी पशुपालन घोटाला के अभियुक्त थे, लेकिन नाम सिर्फ लालू प्रसाद का ही लिया जाता है।
सदन में मौजूद डॉ. मिश्र के पुत्र एवं उद्याेग मंत्री नीतीश मिश्रा ने प्रतिवाद किया। उनका कहना था कि डॉ. मिश्र को अदालत ने आरोपों से बरी कर दिया था।
सदन में फिर शोर-शराबा शुरू हो गया। इसी बीच तेजस्वी ने प्रश्न किया कि डा. मिश्र छह मामलों में आरोपी थे। वे कितने मामलाें में बरी हुए थे? शोर शराबा के कारण नीतीश मिश्रा का उत्तर नहीं सुना जा सका।
मैं मलाई नहीं चांपता: विजय चौधरी- तेजस्वी ने अपने भाषण में एक बार कहा कि जल संसाधन एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी 1990 तक कांग्रेस में रह कर मलाई चांपते थे। बाद में इधर आ गए।
- चौधरी ने तुरंत जवाब दिया-मैं आपके साथ भी रहा हूं। मैं जहां भी रहता हूं, काम करता हूं। मलाई चांपने का काम दूसरों का है।
- चौधरी ने कहा कि तेजस्वी पूर्ववर्ती सरकारों की कमियां गिनाकर कांग्रेस की ही आलोचना कर रहे हैं। कांग्रेस अभी राजद के साथ महागठबंधन में है।
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Bihar: अपनी सीट पर नहीं बैठे थे नीतीश, तेजस्वी ने खूब खरी-खोटी सुना दी; बोले- मुझे दुख है कि...
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्यपाल के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव (Tejashwi Yadav) मंगलवार को बिहार विधानसभा में पूरी रौ में दिखे। उन्होंने 1990 से 2005 तक लालू-राबड़ी की सरकार की उपलब्धियां गिनाई। राज्य सरकार पर तीखा प्रहार किया।
उन्होंने सत्तापक्ष से कहा- अब तो जंगलराज जपना छोड़िए और 20 सालों में क्या-क्या किया, उसके बारे में बताइए। तेजस्वी ने अपने भाषण के अंत में सदन से कहा- सब लोग मुझे आशीर्वाद दीजिए, मैं नया बिहार बनाऊंगा। जिस समय तेजस्वी सदन में अपनी बात रख रहे थे, उस समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मौजूद नहीं थे।
तेजस्वी ने कहा कि मुझे दुख है कि मेरे लिखे पत्र का मुख्यमंत्री कोई जवाब नहीं देते और न मेरे वक्तव्य के दौरान सदन में मौजूद हैं। हालांकि, तेजस्वी के वक्तव्य खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री सदन में आ गए।
'राज्यपाल के अभिभाषण को लेकर बड़ा कन्फ्यूजन'तेजस्वी ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण को लेकर बड़ा कन्फ्यूजन है। सरकारें बदल जाती हैं। राज्यपाल बदल जाते हैं, लेकिन अभिभाषण हर साल वही रहता है। आरिफ मोहम्मद खान बिहार के नए राज्यपाल बने हैं। कुछ लोगों ने अभिभाषण का कॉपी दे दिया होगा, जिसे उन्होंने पढ़ दिया है। शायद उन्होंने पिछला अभिभाषण नहीं पढ़ा होगा कि पिछला बजट क्या था?
तेजस्वी ने कहा, 2020 से 2025 के बीच में तीन बार सरकार बदली। दो साल भी किसी सरकार का कार्यकाल नहीं हो पाता है। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और पिछली सरकार में राज्यपाल रहे राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के अभिभाषण की कॉपी लेकर विधानसभा आए हैं। इससे पहले के जितने भी राज्यपाल रहे होंगे, सभी का अभिभाषण वही पुराना और घिसा-पिटा रहा है। राज्यपाल कब का अभिभाषण पढ़ रहे थे, लोग पूरी तरह से भ्रम में हैं।
उन्होंने एक शेर पढ़ा- पुराने कागजों में उलझे हैं तुम्हारे दिन और रात, घड़ी देखकर भी भूल जाते हो हर मुलाकात। तेजस्वी ने कहा- राज्य में जब हमलोगों की सरकार थी उस वक्त बड़ी संख्या में पुलिस और शिक्षक के पदों पर बहाली हुई। हमारी सरकार की उपलब्धि को भी इस सरकार की उपलब्धि में जोड़ दिया गया है। राज्यपाल के अभिभाषण में हमारी सरकार की उपलब्धियों को गिनाया गया।
'कत्ल तो नहीं बदला कत्ल की जगह बदली'तेजस्वी सदन में लालू-राबड़ी की सरकार में सरकारी नियुक्तियों और विकास कार्यों का आंकड़ा एवं नीति आयोग की रिपोर्ट से लेकर बिहार के विकास से जुड़ी दो-तीन पुस्तकें भी साथ लाए थे, जिसे उठा-उठाकर अपने भाषण के दौरान कभी आसन की ओर से कभी सरकार-सत्तापक्ष की तरफ दिखा रहे थे।
लिखित में कई शेरो-शायरी भी लाए थे। उन्होंने नीतीश सरकार पर तंज कसते हुए एक शेर पढ़ा- कत्ल तो नहीं बदला, कत्ल की जगह बदली।
उन्होंने आंकड़े के जरिये लालू-राबड़ी की सरकार में हुई नियुक्तियों, स्कूली शिक्षा में सुधार, अफसरशाही पर नकेल और विकास कार्यों के बारे में बताया।
तेजस्वी ने विधायक दल-बदल के मुद्दे पर कहा कि बिहार विधानसभा में कोई नियम-कानून नहीं बचा है। यह सीधे तौर पर कानून का अपमान है कि विपक्ष के लोग सत्ता पक्ष में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि विपक्षी विधायक सत्ता पक्ष में कैसे बैठ सकते हैं?
तेजस्वी ने सही तथ्य पर बात करने की मुख्यमंत्री को दी चुनौतीप्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने राज्य के विकास पर सही तथ्यों पर बात करने की चुनौती मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दी। उन्होंने चुनौती के अंदाज में कहा कि 65 प्रतिशत आरक्षण का फिर से प्रस्ताव लाएं। हम उसे लागू कराने के लिए समर्थन करेंगे। जनता ने उन्हें 20 साल मौका दिया, फिर भी बिहार विकसित क्यों नहीं हुआ। इसका जवाब मुख्यमंत्री दें। अगर यह सरकार 40 साल भी रह जाएगी, तब भी पुरानी सरकार को दोष देती रहेगी।
तेजस्वी ने कहा कि राज्य में अफसरशाही, भ्रष्टाचार, महंगाईऔर गरीब-गुरबों पर दमन चरम पर है। 2005 से पहले राज्य में पावरफुल सरकार थी, जो दिल्ली से लड़कर बिहार के लिए हक लेती थी। 1990 के बाद राज्य में किसी माई के लाल में दम नहीं था कि जो गरीब-गुरबों को सताए। गरीबों-शोषितों को यह ताकत लालू प्रसाद ने दिया था।
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Bihar Teacher Transfer: शिक्षकों के ट्रांसफर पर आ गया ताजा अपडेट, सरकार 2 महीने में देगी खुशखबरी
राज्य ब्यूरो, पटना। शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने मंगलवार को विधानसभा में यह जानकारी दी कि अगले दो महीने के अंदर शिक्षकों का तबादला (Bihar Teacher Transfer) उनके मन के हिसाब से उनके गृह जिले में कर दिया जाएगा। शिक्षकों से इस बारे में शिक्षा विभाग ने विकल्प के साथ आवेदन मांगे थे।
उन्होंने कहा कि आवेदनों की स्क्रीनिंग कर दो माह में उनका तबादला कर दिया जाएगा। इस बाबत आए एक प्रश्न के जवाब मेें उन्होंने यह सूचना पढ़ी।
विधायक सूर्यकांत पासवान ने उठाया था सवालविधायक सूर्यकांत पासवान ने इस सवाल को उठाया था। उन्होंने कहा कि सरकारी विद्यालयों के एक लाख से अधिक शिक्षकों ने अपने तबादले के लिए आवेदन किया है। शिक्षकों का पदस्थापन गृह जिले से 200 किमी की दूरी पर होने तथा पति-पत्नी के भिन्न-भिन्न स्थानों पर पदस्थापित होने के कारण गंभीर पारिवारिक संकट हो गया है।
शिक्षा मंत्री ने दिया ये जवाबशिक्षा मंत्री ने कहा कि गंभीर रूप से बीमार शिक्षकों का पदस्थापन (Bihar Teacher Posting) उनके मन के हिसाब से कर दिया गया है। पति-पत्नी दोनों अगर शिक्षक हैं तो उनका तबादला भी उनकी इच्छा के हिसाब से कर दिया जाएगा। तबादले को लेकर सॉफ्टवेयर को तैयार कर लिया गया है।
मंत्री ने कहा कि मन के हिसाब से तबादले का आवेदन देने वाले शिक्षकों अगर तबादले से असंतुष्ट होंगे तो जिले में डीएम की अध्यक्षता में एक कमेटी बनायी गई है, जहां वे अपना आवेदन दे सकेंगे। इसी तरह मुख्यालय में भी एक कमेटी बनायी गयी है जहां असंतुष्ट शिक्षक आवेदन कर सकेंगे।
मदरसा शिक्षकों की नियुक्ति पर रोक नहीं, पोर्टल लाइव : शिक्षा मंत्रीशिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने मंगलवार को विधानसभा में आए एक प्रश्न के जवाब में बताया कि मदरसा शिक्षकों की नियुक्ति पर कोई रोक नहीं है। इसके लिए पोर्टल भी लाइव है। बहादुरगंज के विधायक मो. अंजार नईमी ने इस प्रश्न को उठाया था।
उन्होंने कहा कि काफी लंबे समय से मदरसा शिक्षकों की नियुक्ति पर रोक लगी हुई है। इस कारण सैकड़ो मदरसे में या तो एक शिक्षक की या फिर शिक्षक विहीन होने की स्थिति है। इस कारण पठन-पाठन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि विधानमंडल के बजट सत्र के बाद वह नियुक्ति की प्रक्रिया को आरंभ कराएंगे।
विधानसभा परिसर में विपक्ष का प्रदर्शन, आरक्षण समाप्त करने का लगाया आरोपबिहार विधानसभा के बजट कालीन सत्र के तीसरे दिन मंगलवार की सदन की कार्यवाही शुरू होने के पूर्व विधानसभा परिसर में विपक्ष के नेताओं ने आरक्षण समाप्त करने, दलितों पिछड़ों को दो सौ यूनिट बिजली देने जैसी मांगों के समर्थन में जोरदार प्रदर्शन किया।
राजद-कांग्रेस और वामपंथी सदस्यों ने बजट में गरीबों की अनदेखी किए जाने क्या आरोप लगाते हुए अपनी प्रदर्शन किया और दलितों पिछड़ों के लिए 200 यूनिट फ्री बिजली की मांग की। इसके अलावा, रिक्त पदों को अविलंब भरने और दो लाख के पोर्टल को 31 मार्च तक चालू रखने की मांग उठाई।
दूसरी ओर, राजद और कांग्रेस सदस्यों ने सरकार पर आरक्षण को समाप्त करने के आरोप लगाए। प्रदर्शन कर रहे विधायकों ने कहा कि जाति आधारित गणना के बाद राज्य सरकार ने आरक्षण की सीमा को बढ़ाकर 65 प्रतिशत किया मगर उसे समाप्त करने की साजिश की गई।
राजद के बार-बार के आग्रह और प्रस्ताव देने के बाद भी संशोधित आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल नहीं किया गया। इन सदस्यों ने अनुसूचित जाति एवं जनजाति को आवश्यक रूप से 65 प्रतिशम आरक्षण देने की मांग उठाई और कहा कि सरकार विपक्ष को सुने और संशोधित आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करे।
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