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NH से जुड़े मध्यस्थता मामलों की हर 15 दिन में समीक्षा करेगा सड़क परिवहन मंत्रालय, राज्यों को भेजा निर्देश

Dainik Jagran - National - March 7, 2025 - 8:10pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राज्यों में राष्ट्रीय राजमार्गों (National Highway) से संबंधित मध्यस्थता के मामलों में विपरीत फैसला आने पर अदालतों में अपील में देरी के कारण हो रहे नुकसान से चिंतित सड़क परिवहन मंत्रालय ने अब इस तरह के सभी प्रकरणों की पाक्षिक आधार पर समीक्षा करने का फैसला किया है।

मंत्रालय ने सभी राज्यों और हाईवे निर्माण में किसी न किसी रूप में शामिल लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंताओं को भेजी चिट्ठी में कहा है कि ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिसमें आर्बिट्रेशन अवार्ड यानी मध्यस्थता के मामलों के निपटारे के बाद अदालतों में अपील दाखिल करने में समय-सीमा का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। इसके चलते अपील को बिना सुनवाई के खारिज कर दिया जा रहा है।

हर 15 दिन में की जाएगी समीक्षा

इसे रोकने के लिए राज्यों और उनके लोक निर्माण विभागों से कहा गया है कि मध्यस्थता वाले निर्णयों की सात दिन के भीतर मंत्रालय को अनिवार्य रूप से सूचना दी जाए। इसके साथ ही सभी मामलों की मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा हर 15 दिन में समीक्षा की जाएगी।

मंत्रालय ने राज्यों से कहा है कि वे अपील दाखिल करने के लिए 120 दिन की समय-सीमा का जरूर पालन करें ताकि मध्यस्थता के मामलों में विपरीत फैसला आने पर निर्धारित अविध में अपील दाखिल की जा सके। मंत्रालय ने ऐसी ही व्यवस्था एनएचएआइ जैसी अपनी एजेंसियों से भी करने के लिए कहा है।

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Patna News: पटना में इस जगह 8 घंटे तक चलता रहा बुलडोजर, अधिकारी को देखते ही भागने लगे लोग; जमकर मची तोड़फोड़

Dainik Jagran - March 7, 2025 - 8:10pm

संवाद सूत्र, खगौल (पटना)। Patna News: पटना के खगौल नगर परिषद द्वारा शुक्रवार को अतिक्रमण से मुक्त कराने को लेकर क्षेत्र में विशेष अभियान चलाया गया। नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी अभिनव कुमार के नेतृत्व में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया।

शुक्रवार की सुबह खगौल रोड स्थित बटाला में अतिक्रमण हटाओं अभियान की टीम पहुंची। यह देख अतिक्रमण करने वालो में हड़कंप मच गया। लोग अपना सामान समेट कर भागने लगे, जिसे जो मिला उसे समेट कर हटाने में लगे रहे।

अतिक्रमण हटाने को लेकर नगर परिषद का जेसीबी बटाला से लेकर डीआरएम कार्यालय एवं दल्लूचक में पहुंची। अतिक्रमण हटाओ दस्ता ने सड़कों के किनारे किये गये अतिक्रमण को हटाया। स्थायी एवं अस्थायी अतिक्रमण पर प्रशासन का बुलडोजर चलाया गया व सामान आदि जब्त भी किया।

कार्यपालक पदाधिकारी के साथ दंडाधिकारी मधेश कुमार, सफाई निरीक्षक मुकेश कुमार समेत कर्मी अभियान को सफल बनाने में लगे रहे। कार्यपालक पदाधिकारी ने कहा कि आगे भी अभियान जारी रहेगा। इलाके से अतिक्रमण हटाया जायेगा।

पटना के बेउर मोड़ समेत अन्य इलाकों से हटाया गया अतिक्रमण

प्रमंडलीय आयुक्त मयंक वरवड़े के निर्देश पर गुरुवार को बेउर मोड़ से केंद्रीय कारा तक अतिक्रमण हटाया गया। शहर के अन्य हिस्सों में भी अतिक्रमण पर कार्रवाई हुई। इस क्रम में अलग-अलग जगहों से 66,100 रुपये जुर्माना वसूला गया।

जिला नियंत्रण कक्ष से प्राप्त सूचना के अनुसार पटना नगर निगम के नूतन राजधानी अंचल में बेउर मोड़ से बेउर जेल तक दोनों तरफ से अस्थायी अतिक्रमण हटाया गया।

पाटलिपुत्र अंचल में बोरिंग रोड चौराहा से लेकर राजापुर सब्जी मंडी के रास्ते दोनों तरफ होते हुए बोरिंग रोड चौराहे तक अस्थायी अतिक्रमण हटाया गया।

बांकीपुर अंचल में खेतान मार्केट एवं सब्जी बाग में टीम ने अतिक्रमण हटाया। वहीं नगर परिषद दानापुर निजामत में डीएवी मोड़ से रामजयपाल मोड़ तक अतिक्रमण हटाया गया।

सीओ व बीडीओ ने सड़क अतिक्रमण मुक्त अभियान चलाया

वीरपुर सीओ भाई वीरेंद्र एवं बीडीओ पंकज कुमार शक्तिधर ने सड़क से अतिक्रमण मुक्ति अभियान चलाया। मुजफ्फरा बस स्टैंड से लेकर भवानंदपुर इंदिरा चौक एवं पर्रा गांव की मुख्य सड़क के किनारे अतिक्रमण मुक्ति अभियान चलाया गया। सीओ ने स्थल निरीक्षण करते हुए बताया कि गलत तरीके से सड़क के किनारे दुकान लगाए हुए हैं। इससे लोगों को आवागमन में परेशानी होती है

गाड़ी पार्किंग की भी समस्या उत्पन्न हो रही है। सड़क जाम रहने से लोगों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। इसी उद्देश्य सड़क अतिक्रमण मुक्त अभियान चलाया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि सड़क को अतिक्रमण कर दुकान लगाने वाले दुकानदारों को 14 दिनों के अंदर अतिक्रमण को खाली करने की चेतावनी दी गई है।

अन्यथा प्रशासन द्वारा आगे की कार्रवाई की जाएगी। मौके पर अंचल गार्ड भी मौजूद थे। इससे चेतावनी से सड़क के किनारे अतिक्रमण कर दुकान लगाने वाले दुकानदारों में हड़कंप मचा हुआ है।

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Neetu Chandra: नीतू चंद्रा की याचिका पर HC ने केंद्र से मांगा जवाब, हनी सिंह के Maniac Song पर विवाद

Dainik Jagran - March 7, 2025 - 8:03pm

विधि संवाददाता, पटना। हिंदी और भोजपुरी संगीत में बढ़ती अश्लीलता के विरुद्ध पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) ने सख्त रुख अपनाते हुए केंद्र सरकार से जवाब तलब किया है। चर्चित फिल्म अभिनेत्री नीतू चंद्रा (Neetu Chandra) द्वारा दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि यह मामला जनहित से जुड़ा हुआ प्रतीत होता है।

याचिका में विशेष रूप से योयो हनी सिंह (Honey Singh) के हालिया गाने “मैनिएक” (Maniac Song) को निशाने पर लिया गया है। आरोप है कि इस गीत में महिलाओं को उपभोग की वस्तु के रूप में चित्रित किया गया है और द्विअर्थी शब्दावली के जरिए अश्लीलता को बढ़ावा दिया गया है।

'बच्चों, महिलाओं पर पड़ता है बुरा असर'

याचिकाकर्ता द्वारा दलील दी कि भोजपुरी और हिंदी गानों में बढ़ती फूहड़ता और अपशब्दों का प्रयोग समाज, विशेष रूप से बच्चों और महिलाओं, पर बुरा प्रभाव डालता है।

इन गानों में संस्कृति का गलत चित्रण किया जाता है। याचिका में यह भी सवाल उठाया गया कि क्या अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अर्थ सामाजिक मूल्यों की अनदेखी करना है? संविधान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देता है, लेकिन इसकी सीमाएं भी तय की गई हैं।

याचिकाकर्ता ने मांग की कि गानों में अश्लीलता पर रोक लगाने और दिशा-निर्देश दिए जाएं। इस मामले में वरीय अधिवक्ता निवेदिता निर्विकार ने याचिकाकर्ता की ओर से दलीलें पेश कीं। कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह अगली सुनवाई में स्थिति स्पष्ट करे। मामले की अगली सुनवाई 28 मार्च को होगी।

हाई कोर्ट से जुड़ा एक अन्य मामलाआम उत्पादकों को उचित मूल्य नहीं मिलने पर हाई कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

राज्य के आम उत्पादकों को उनकी फसल का उचित मूल्य नहीं मिलने और निर्यात के लिए आवश्यक आधारभूत संरचना के अभाव मामले में पटना हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने इस संबंध में दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।

याचिकाकर्ता आत्मबोध के अधिवक्ता डॉ. मौर्य विजय चंद्र ने न्यायालय को बताया कि राज्य में उत्तम गुणवत्ता के आमों का बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है, लेकिन किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है। सरकार की उदासीनता के कारण उत्पादकों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।

उन्होंने दलील दी कि विदेशी बाजारों में बिहार के आम की बड़ी मांग है, लेकिन निर्यात के लिए आधारभूत संरचना की कमी के कारण किसानों को इसका लाभ नहीं मिल रहा। अगर सरकार जरूरी सुविधाएं विकसित करे, तो राज्य के आम उत्पादकों को बेहतर कीमत मिलेगी और देश को विदेशी मुद्रा भी प्राप्त होगी।

याचिकाकर्ता ने कोर्ट से अनुरोध किया कि राज्य और केंद्र सरकार मिलकर एक ठोस नीति बनाए, जिससे आम के निर्यात की व्यवस्था सुनिश्चित हो। इस मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी।

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Pappu Yadav: जिसने धमकी दी उसी को साथ लेकर बैठ गए पप्पू यादव, मीडिया के सामने खोल दिया पूरा राज

Dainik Jagran - March 7, 2025 - 7:35pm

राज्य ब्यूरो, पटना। पूर्णिया सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव (Pappu Yadav) ने आरोप लगाया है कि पिछले साल जदयू और पूर्णिया प्रशासन ने उनकी जान के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश की थी।

शुक्रवार को पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पप्पू यादव ने आरोप लगाए कि उन्हें कथित रूप से लॉरेंस बिश्नोई के नाम पर जो धमकी मिली थी वह जदयू और पूर्णिया प्रशासन की साजिश थी, जिससे उनकी छवि प्रभावित हुई है।उन्होंने इस घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।

'दो लाख रुपये का लालच दिया...'

प्रेस कॉन्फ्रेंस में सांसद के साथ उपस्थित रामबाबू यादव (बिश्नोई के नाम पर धमकी देने वाला) ने कहा कि राजद नेता हरिकांत सिंह उर्फ चीकू ने जदयू कार्यालय में प्रवक्ता नीरज कुमार से उसे मिलवाया।

नीरज कुमार ने रामबाबू यादव को वीडियो के माध्यम से सांसद पप्पू यादव को धमकी देने के बदले दो लाख रुपये देने और चुनाव लड़वा कर जिंदगी बदलने का प्रलोभन दिया था।

'गार्ड रूम में बनाया धमकी वाला वीडियो'

रामबाबू ने कहा कि मैंने नीरज कुमार के कहने पर जदयू कार्यालय में पप्पू यादव को धमकी देने वाला वीडियो जदयू कार्यालय गार्ड रूम में बनाया। नीरज कुमार ने मुझे राघोपुर से चुनाव लड़वाने का आश्वासन दिया।

उन्होंने कहा, उसे जब लगा कि उसे फंसाया जा रहा है तो मैंने आज पप्पू यादव से माफी मांग ली। उसे जो दो लाख मिलने थे वह भी नहीं मिले। इस मामले में पूर्णिया पुलिस भी साजिश में बराबर की हिस्सेदार है।

'विजय सिन्हा को इस्तीफा देना चाहिए'

इसके पूर्व पप्पू यादव ने उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा की हालत पर चिंता जताते हुए मांग की कि उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। जो मंत्री रहते जनता के अधिकारों की रक्षा नहीं कर पाता उसे मंत्री पद पर रहने का अधिकार नहीं। प्रेस वार्ता में प्रेम चंद सिंह,राजेश पप्पू मौजूद थे।

आरोप साबित करें या कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहें: नीरज कुमार

जदयू के मुख्य प्रवक्ता एवं विधान परिषद के सदस्य नीरज कुमार ने सांसद पप्पू यादव को यह साबित करने की चुनौती दी है कि लॉरेंस बिश्नोई के नाम से दी गई धमकी प्रकरण में हमारी कोई भूमिका रही है। अगर ऐसा नहीं कर पाते हैं तो कानूनी लड़ाई के लिए तैयार रहें।

उन्होंने कहा- पप्पू यादव दाएं-बाएं न करें। हम कानूनी इलाज कर देंगे। अपराधी, गुंडा और लंपट से न हम डरते हैं और न उनकी परवाह करते हैं।

नीरज ने शुक्रवार को यहां कहा कि पप्पू यादव जहां से चक्कर लगार कर आए हैं, वर्षों रहे हैं, मैंने उस घर का दरवाजा भी नहीं देखा है। आज तक मैंने किसी के विरूद्ध कोई साजिश नहीं की है। हमारे घर पर सीसीटीवी है। हर आने जाने वालों का रिकार्ड दर्ज रहता है। मोबाइल से हर बातचीत का पता लगाया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि पप्पू यादव के मामले में ही उन्होंने लारेंस विश्नोई का नाम सुना। पप्पू यादव ही रो- रोकर लारेंस का नाम ले रहे थे। हम पर आजतक कोई मुकदमा नहीं हुआ है। पप्पू यादव को समझना चाहिए कि बिहार में कानून का राज है। हम भी गलती करेंगे तो सजा मिलेगी। उनके पास मेरे विरूद्ध कोई साक्ष्य है तो कानून के रास्ते से आएं।

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MUDA Case: कर्नाटक हाई कोर्ट से ED को बड़ा झटका, CM सिद्दरमैया की पत्नी और मंत्री को जारी समन किया खारिज

Dainik Jagran - National - March 7, 2025 - 7:23pm

पीटीआई, बेंगलुरु। मुडा जमीन आवंटन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) को कर्नाटक उच्च न्यायालय से शुक्रवार को बड़ा झटका लगा है। उच्च न्यायालय ने सीएम सिद्दरमैया की पत्नी पार्वती बीएम और शहरी विकास मंत्री बीएस सुरेश को जारी ईडी के समन को खारिज कर दिया है। ईडी ने आरोपित के तौर पर नामित न होने के बावजूद मंत्री को पूछताछ को बुलाया था।

समानांतर जांच कर रही ईडी

27 जनवरी को हाई कोर्ट ने समन पर रोक लगा दिया था। अब शुक्रवार को न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना ने पार्वती और मंत्री सुरेश की याचिकाओं पर यह फैसला सुनाया। पार्वती बीएम के वकील संदेश चौटा ने तर्क दिया कि ईडी समानांतर जांच कर रही है, जबकि मामले की जांच लोकायुक्त पुलिस और विशेष जांच दल (SIT) पहले ही जांच कर रही है।

मंत्री के वकील ने दिया ये तर्क

देश के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अरविंद कामत ने अदालत में ईडी का पक्ष रखा। उन्होंने तर्क दिया कि पार्वती इस मामले में दूसरी आरोपी थी। उन्होंने अपराध की आय प्राप्त की थी। मंत्री सुरेश के वकील सीवी नागेश ने कहा कि उनके मुवक्किल इस मामले में आरोपी नहीं है। इस वजह से उन्हें तलब नहीं किया जाना चाहिए था।

अरविंद कामत ने अदालत में कहा कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) ईडी को दस्तावेज और रिकॉर्ड प्राप्त करने के लिए व्यक्तियों को बुलाने का अधिकार देता है। भले ही उनका नाम आरोपी के रूप में न दर्ज हो।

क्या है मुडा केस?

मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) ने कर्नाटक के सीएम सिद्दरमैया की पत्नी पार्वती को 14 साइटों का आवंटन किया। आरोप है कि जमीन आवंटन में अनियमितता बरती गई। आरोप है कि मैसूरु (विजयनगर लेआउट तीसरे और चौथे चरण) के एक अपमार्केट क्षेत्र में सिद्दरमैया की पत्नी को 14 प्रतिपूरक साइटों का आवंटन किया गया। इन संपत्ति का मूल्य उनकी भूमि की तुलना में अधिक था। इसे मुडा ने अधिग्रहित किया गया था।

मुडा ने पार्वती को 3.16 एकड़ जमीन के बदले 50:50 अनुपात योजना के तहत भूखंड आवंटित किए थे। यहां आवासीय लेआउट विकसित किया। मुडा ने आवासीय लेआउट बनाने के लिए उनसे अधिग्रहित अविकसित भूमि के बदले भूमि खोने वालों को 50 प्रतिशत विकसित भूमि आवंटित की। आरोप है कि मैसूरु तालुक के कसाबा होबली के कसारे गांव के सर्वेक्षण संख्या 464 में इस 3.16 एकड़ भूमि पर पार्वती का कोई कानूनी अधिकार नहीं था।

लोकायुक्त से मिल चुकी क्लीनचिट

एमपी/एमएलए कोर्ट के आदेश के बाद 27 सितंबर 2024 को मैसूर स्थित लोकायुक्त ने मुडा मामले में केस दर्ज किया था। बाद में 30 सितंबर को ईडी ने लोकायुक्त एफआईआर का संज्ञान लिया और सीएम व अन्य पर मामला दर्ज करने के लिए प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दायर की। हालांकि पिछले महीने लोकायुक्त ने सीएम सिद्दरमैया, उनकी पत्नी पार्वती समेत दो अन्य आरोपितों को क्लीन चिट दे दी है।

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Can Trump buy Greenland?

Business News - March 7, 2025 - 7:19pm
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Patna News: स्कूटी से आ रही थी 8 महीने की गर्भवती सिपाही, फिर हुआ कुछ ऐसा कि पूरे परिवार में मच गया कोहराम

Dainik Jagran - March 7, 2025 - 7:18pm

जागरण संवाददाता, पटना। Patna News: पटना सचिवालय थानांतर्गत नेहरू पथ पर संजय गांधी जैविक उद्यान गेट नंबर एक से पहले शुक्रवार की सुबह लगभग पौने 11 बजे कैब और स्कूटी की सीधी टक्कर में महिला सिपाही अलका अनुपम (30) की मौत हो गई। वह आठ महीने की गर्भवती थी।

हादसे में स्कूटी के परखच्चे उड़ गए। अस्पताल पहुंचने पर डाक्टरों ने जच्चा-बच्चा दोनों को मृत घोषित कर दिया। इधर, मौके से भागने की कोशिश कर रहे कैब चालक को लोगों ने पकड़ लिया। उसे गांधी मैदान यातायात थाने की पुलिस के हवाले कर दिया गया। आरोपित की पहचान हिमाचल प्रदेश निवासी प्रदीप कुमार सिंह के रूप में हुई है। वह यहां रहकर कैब चलाता था। थानेदार ब्रजेश कुमार चौहान ने बताया कि कैब जब्त कर ली गई है।

हादसे में भाई भी हुआ जख्मी

अलका अपने भाई वरुण के साथ स्कूटी से ड्यूटी पर जा रही थीं। तभी विपरीत दिशा से तेज रफ्तार में आ रही कैब ने स्कूटी में सीधी टक्कर मार दी। वरुण और अलका दोनों ही सड़क पर गिर पड़े। अलका की चीखें सुन कर राहगीरों की भीड़ जमा हो गई। दोनों को राहगीरों के सहयोग से पीएमसीएच पहुंचाया गया।

हालांकि, अलका ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। वरुण का उपचार जारी है। गिरफ्तार कैब चालक ने बताया कि वह सवारी लेने जा रहा था। गूगल लोकेशन पर उसकी नजर थी। वह स्कूटी देख नहीं पाया और उसने सीधी टक्कर मार दी।

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एटीएस में तैनात हैं अलका के पति

अलका मूलरूप से धनरुआ की रहने वाली थीं। हालांकि, वह पत्रकार नगर थाना क्षेत्र के कैलाशपुरी मोहल्ले में रहती थीं। वह मोतिहारी जिला बल की सिपाही थीं। यहां ईआरएसएस (इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम) की डायल 112 सेवा में प्रतिनियुक्त थीं।

उनके पति एटीएस (आतंक निरोधी दस्ता) में सिपाही हैं। साथियों ने बताया कि कुछ ही दिनों बाद से वह सीसीएल (चाइल्ड केयर लीव) पर जाने वाली थीं। उनके निधन पर एडीजी निर्मल कुमार आजाद और एसपी (आपरेशन) शीला ईरानी ने गहरा शोक जताया है। एसपी ने बताया कि अलका की आकस्मिक मृत्यु महकमे के लिए बड़ी क्षति है।

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Bihar Politics: विधानसभा में फिर क्यों भड़के CM नीतीश कुमार? दे डाली कड़ी चेतावनी

Dainik Jagran - March 7, 2025 - 7:08pm

राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Assembly: बिहार का विधानसभा सत्र जारी है। इस दौरान पक्ष और विपक्ष के दौरान तीखी बहस हुई।सदन में नालंदा में महिला की हत्या का मामला खूब गूंजा। विपक्ष के विधायकों ने इस घटना को लेकर बिहार सरकार को खूब घेरा।

विपक्ष के हंगामे के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में कहा कि आप सब शांत हो जाइए, विधि व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करने वालों पर कड़ा एक्शन होगा।

विधि-व्यवस्था के खिलाफ प्रश्नकाल के दौरान विधानसभा में अध्यक्ष के आसन के समक्ष नारेबाजी कर रहे भाकपा (माले) विधायकों को मुख्यमंत्री ने कहा कि आपसे हाथ जोड़कर प्रार्थना कर रहा हूं कि आप बैठ जाइए। इसके बाद माले विधायक अपनी सीट पर बैठ गए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब भी कोई घटना होती है और उसके बारे में खबर मिलती है तो हम तुरंत अफसरों को कहते हैं कि उसे देख लिया जाए। दूसरे राज्यों में हुई घटना की खबर लेते हैं। कोई इधर से उधर करता है तो उस पर कार्रवाई होती है। इसलिए आप लोग बेमतलब वेल में आकर नारेबाजी करने लगते हैं।

मुख्यमंत्री आज प्रश्नकाल में विधानसभा अध्यक्ष के आने से पहले ही आकर बैठ गए थे। अध्यक्ष के आने से पहले भाकपा (माले) के सत्यदेव राम ने मुख्यमंत्री से कहा कि आज उन्हें कुछ बोलना है। मुख्यमंत्री ने मुस्कुराते हुए कहा- आप तो हर रोज बोलते रहते हैं।

दरअसल, भाकपा (माले) विधायकों का हंगामा विधि-व्यवस्था के साथ-साथ तलवे में कील ठोककर हुई एक हत्या को लेकर था। काफी देर तक वे लोग वेल में पोस्टर के साथ हंगामा करते रहे। अध्यक्ष के आसन पर मार्शलों ने उनसे पोस्टर छीन लिया, फिर भी वे नारेबाजी करते रहे।

सीएम ने विपक्ष से कहा- आपने महिलाओं के लिए कुछ नहीं किया

विधान परिषद में शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्ष को घेरते हुए कहा कि आप लोगों ने महिलाओं के लिए कुछ नहीं किया। हमारी सरकार ने महिलाओं-लड़कियों की पढ़ाई से रोजगार तक के लिए काम किया है।

राजद सदस्य उर्मिला ठाकुर के तारांकित सवाल के दौरान हस्तक्षेप करते हुए पर मुख्यमंत्री अचानक खड़े होकर बोले- आपके शासन में कोई लड़की-महिला पढ़ती थी? बहुत तो प्राथमिक शिक्षा मिलती थी, पांचवीं के बाद कहां पढ़ पाती थी? हमारी सरकार ने इतना काम किया गया है कि महिलाओं को कोई दिक्कत नहीं है अब। 

आप लोगों ने महिलाओं के लिए कुछ नहीं किया। इस दौरान राबड़ी देवी की तरफ देखते हुए कहा कि इनके हसबैंड (लालू प्रसाद) हटे तो इनको (मुख्यमंत्री) बना दिया गया। फिर सत्ता पक्ष की महिला सदस्यों की ओर देखते हुए कहा कि इन लोगों को विस्तार से बताना चाहिए।

शिक्षा मंत्री ने दिया जवाब

इसके बाद सीएम ने शिक्षा मंत्री सुनील कुमार से कहा कि ठीक से इसका जवाब दीजिए। मंत्री सुनील कुमार ने सदन को बताया कि वर्ष 2003 में राज्य में महिला साक्षरता दर 34 प्रतिशत थी, जो 2023 में बढ़कर 74 प्रतिशत हो गई है।

वर्ष 2005 में शिक्षा का बजट सिर्फ 1500 करोड़ था, जो इस साल बढ़कर 60 हजार करोड़ से भी अधिक हो गया है। हर पंचायत में प्लस टू स्कूलों को लाया गया। साइकिल योजना, पोशाक योजना, मिड डे मिल जैसी योजनाओं ने पूरे बिहार में शिक्षा का परिदृश्य बदल दिया है।

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'खालिस्तानियों के प्रति ब्रिटेन की उदासीनता दिखती है', एस जयशंकर सुरक्षा चूक मामले में बोला विदेश मंत्रालय

Dainik Jagran - National - March 7, 2025 - 6:09pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लंदन में विदेश मंत्री एस जयशंकर की सुरक्षा भंग (S. Jaishankar Security Breach) होने की घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा है कि यह खालिस्तानी चरमपंथी ताकतों की धमकी और डराने-धमकाने के प्रति ब्रिटेन की उदासीनता को दर्शाता है।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमने विदेश मंत्री की यात्रा के दौरान सुरक्षा उल्लंघन के बारे में यूके प्राधिकारियों को अपनी गहरी चिंता से अवगत कराया है।

'ब्रिटेन की कार्रवाई का इंतजार'

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत ने विदेश मंत्री जयशंकर की यात्रा के दौरान "ब्रिटेन स्थित अलगाववादी और चरमपंथी तत्वों" द्वारा सुरक्षा व्यवस्था के उल्लंघन के बारे में ब्रिटेन के अधिकारियों को अपनी "गहरी चिंता" से अवगत कराया है।

उन्होंने कहा, "इस घटना का एक बड़ा संदर्भ है और इसे समझना अहम है। इससे ऐसी ताकतों को दी गई छूट और साथ ही ब्रिटेन में हमारी वैध राजनयिक गतिविधियों में बाधा डालने के मकसद से उनकी धमकी, डराने-धमकाने और अन्य कार्रवाइयों के प्रति उदासीनता सामने आती है।"

"हमने इस मामले पर यूके विदेश कार्यालय के बयान पर गौर किया है, लेकिन इसकी गंभीरता के बारे में हमारा नजरिया दोषियों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर निर्भर करेगा।" विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल

#WATCH | On the issue of security breach during EAM S Jaishankar's UK visit, MEA spokesperson Randhir Jaiswal says, "We have conveyed our deep concern to the UK authorities about the breach of security arrangements by UK-based separatist and extremist elements during the EAM’s… pic.twitter.com/Dl0lWODJJ3

— ANI (@ANI) March 7, 2025

क्या है पूरा मामला?

बुधवार को रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स के मुख्यालय चैथम हाउस में एक संवाद सेशन के बाद जब जयशंकर बाहर आ रहे थे, तब खालिस्तानी समर्थकों ने पुलिस की बैरिकेडिंग को तोड़ने का प्रयास किया और भारत विरोधी नारे लगाए।

बता दें इसके पहले मार्च 2023 में खालिस्तानी तत्वों ने लंदन में भारतीय उच्चायोग पर राष्ट्रीय ध्वज उतार दिया था, जिस पर भारत की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया जताई गई थी। इस घटना के बाद भारत ने ब्रिटिश उच्चायुक्त को तलब कर इस घटना की जानकारी मांगी। वहीं ब्रिटेन ने भी इस घटना की निंदा की और कहा कि पुलिस घटना की जांच में जुटी है।

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