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Bihar Weather News: बिहार में आंधी-बारिश और बिजली गिरने से तबाही, अब तक 31 लोगों की मौत

Dainik Jagran - April 10, 2025 - 7:58pm

जागरण टीम, पटना। नालंदा, सिवान, भोजपुर, गोपालगंज, बेगूसराय, सारण, गया, जहानाबाद व अरवल में वज्रपात व तेज आंधी-पानी के कारण जगह-जगह पेड़, दीवार, पुलिया और कर्कट गिरने से जानमाल का भारी नुकसान हुआ है।

इन जिलों में कुल 31 लोगों की जान गई है। जिनमें सर्वाधिक नालंदा में अलग-अलग 13 लोगों को जान गंवानी पड़ी है। इनमें एक भी मौत वज्रपात से नहीं हुई है।

नालंदा जिले के मानपुर थाना के नगवां गांव में देवी स्थान की दीवार पर पीपल का विशाल वृक्ष भरभराकर गिर पड़ा, जिससे वृक्ष व दीवार के मलबे से दबकर एक ही जगह छह लोगों की मौत हो गई। जिले के इस्लामपुर में बालमत बिगहा गांव के पास पुलिया धंसने से दादी, उनके दो वर्ष का पोता और नौ माह की पोती की मलबे से दबकर मौत हो गई।

जिले के पावापुरी सहायक थाना के दुर्गापुर खंधा में ताड़ के पेड़ से दबकर एक दस वर्षीय बालक की मौत हो गई। जिले के सिलाव के माधोपुर में ताड़ से दबकर दो की मौत हो गई। वहीं राजगीर के सारिलचक में पेड़ से दबकर एक की मौत गई।

भोजपुर में मां-बेटा समेत पांच लोगों की मौत हुई है। इनमें वज्रपात से एक एवं दीवार व पेड़ से दबकर चार की मौत हुई है। भोजपुर के बड़हरा में बिहार को उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाला महुली घाट-सिताबदियारा पीपा पुल तेज आंधी पानी के कारण टूट गया है।

सिवान में वज्रपात से चार लोगों की मौत हो गई है। सारण के पानापुर में वज्रपात से दो की मौत हो गई है। गोपालगंज में झोपड़ी पर पेड़ गिरने से एक महिला की मौत हो गई है। जहानाबाद में वज्रपात से दो की मौत हुई है।

अरवल-पटना सीमा पर पटना के बेदौली गांव में दीवार व पेड़ से दबकर दो की मौत की सूचना है। बेगूसराय के चेरिया बरियारपुर में वज्रपात से किशोरी की मौत हो गई।

गया जिले के टनकुप्पा प्रखंड अंतर्गत भेटौरा पंचायत के मायापुर गांव में दीवार गिरने से आठ वर्षीय बालक की मौत हो गई।

आंधी और वर्षा से फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। कई जगह पेड़ धराशाई हो गए। कच्चे व खपरैल घरों को भारी नुकसान हुआ है। कई स्थानों पर बिजली आपूर्ति बाधित है।

जिन किसानों की गेहूं की फसल अभी नहीं कटी है. उन्हें थोड़ी राहत हैं, लेकिन जिनकी फसल कटकर खेत में पड़ी हैं, उनको अधिक नुकसान हुआ है।

सीएम नीतीश कुमार ने जताया शोक

भीषण आंधी-पानी और वज्रपात से प्रदेश में 31 लोगों की मौत पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में वह प्रभावित परिवारों के साथ हैं। मुख्यमंत्री ने सभी मतृकों के परिजनों तुरंत चार-चार लाख रुपए का अनुग्रह अनुदान देने का निर्देश दिया है।

उन्होंने लोगों से यह अपील किया है कि सभी लोग खराब मौसम में पूरी तरह सतर्क रहें। खराब मौसम होने पर आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा समय-समय पर जारी किए गए सुझावों का अनुपालन करें। खराब मौसम में घराें में रहें और सुरक्षित रहें।

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Bihar: राहुल ने 'राजेश राम' पर जताया भरोसा, BJP की भी 20% वोट पर नजर; लालू-नीतीश क्या कर रहे?

Dainik Jagran - April 10, 2025 - 7:39pm

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) को लेकर राजनीतिक पार्टियाें ने वोट बैंक को सहेजने के लिए सक्रियता बढ़ा दी है। सत्ता पक्ष एवं विपक्ष वोटरों को साधने के लिए अभी से कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। कांग्रेस ने इसके संकेत बिहार प्रदेश अध्यक्ष पद पर अनुसूचित समाज के राजेश राम को आगे दे दिया है।

इसके बाद लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी अपनी बिहार यात्रा में पार्टी की ओर से आयोजित कार्यक्रम में सार्वजनिक रूप से अनुसूचित समाज के प्रति अपनी प्रतिबद्धता भी स्पष्ट कर चुके हैं।

राहुल ने दिया दूरगामी संदेश

यही नहीं, राहुल गांधी ने पार्टी की ओर से पूर्व में हुई गलतियों के लिए अनुसूचित समाज दिग्गज नेता एवं कांग्रेस सरकार में पूर्व मंत्री रहे जगलाल चौधरी की जयंती समारोह में अपना पक्ष स्पष्ट कर दूरगामी संदेश भी दिया था।

इससे साफ है कि अपनी पुश्तैनी जमीन, विशेषकर अनुसूचित वोट बैंक पर ध्यान केंद्रित करते हुए आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस की तैयारी दमदार तरीके से मैदान में उतरने की है।

बीजेपी ने भी बनाया प्लान

कांग्रेस की बिसात को भांपते हुए अब भाजपा ने मंडल एवं जिले से लेकर प्रदेश स्तर पर आंबेडकर जयंती को माध्यम बनाकर बड़े आयोजन की तैयारी में ताकत झोक दी है। एक मुश्त लगभग 20 प्रतिशत वोट बैंक को रिझाने के लिए गुरुवार को पार्टी की ओर से राष्ट्रीय महामंत्री तरुण चुग के नेतृत्व में प्रदेश स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया।

भाजपा प्रदेश मुख्यालय में आयोजित कार्यशाला में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा अनुसूचित समाज के लिए पिछले दस वर्षों में किए गए कार्यों को डॉ. भीम राव आंबेडकर जयंती के उपलक्ष्य में घर-घर पहुंचाने का लक्ष्य पार्टी ने निर्घारित किया है।

साथ ही डॉ. भीम राव आंबेडकर के विरुद्ध कांग्रेस द्वारा किए गए षड्यंत्र एवं उपेक्षा का पाठ भी भाजपा के शीर्ष नेताओं ने कार्यकर्ताओं को पढ़ाया। अब पखवारे भर भाजपा के अनुसूचितजाति मोर्चा से जुड़े कार्यकर्ता विभिन्न आयोजन के माध्यम से पार्टी की रणनीति को गांव-गांव तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

राजद एवं जदयू की तैयारियां जोरदार

आंबेडकर जयंती को लेकर राजद एवं जदयू की ओर से भी जोरदार तैयारी है। दोनों पार्टियों ने भी अपनी-अपनी ताकत दिखाने के लिए अलग-अलग आयोजन की घोषणा की है। भाजपा एवं कांग्रेस से एक कदम आगे बढ़कर

राजद ने पंचायत स्तर पर कार्यक्रम कर अनुसूचित समाज को साधने तैयारी तेज कर दी है। वहीं, जदयू की ओर से भी राज्यस्तरीय कार्यक्रम को लेकर प्रचार-प्रसार जोरदार तरीके से जारी है।

इसके अतिरिक्त बिहार में राजग एवं महागठबंधन के अन्य साझेदार भी आंबेडकर जयंती पर अलग-अलग आयोजन की तैयारी में जुटे हैं।

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BPSC Jobs 2025: युवाओं के लिए खुशखबरी, बीपीएससी ने निकाली एक और भर्ती; ग्रेजुएट करें अप्लाई

Dainik Jagran - April 10, 2025 - 6:46pm

जागरण संवाददाता, पटना। बिहार कर्मचारी चयन आयोग (BPSC Bharti 2025) अवर सांख्यिकी पदाधिकारी व प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी के पदों पर नियुक्ति के लिए 19 अप्रैल तक ऑनलाइन आवेदन स्वीकार करेगा। आवेदन के लिए वेबसाइट www.bssc.bihar.gov.in पर लिंक अपलोड है।

अर्थशास्त्र, गणित, सांख्यिकी में किसी एक विषय से स्नातक या पास कोर्स के रूप में उक्त विषयों से स्नातक की डिगी या सबसिडियरी के साथ स्नातक की डिग्री प्राप्त अभ्यर्थी भी आवेदन कर सकते हैं। इसके माध्यम से 682 पदों पर नियुक्ति होनी है। 231 पद महिला अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित है।

सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए अधिकतम आयु 37 वर्ष, महिला, बीसी व ईबीसी के लिए 40 तथा अनुसूचित जाति व जनजाति के अभ्यर्थियों के लिए 42 वर्ष निर्धारित है।

सभी श्रेणी के दिव्यांग अभ्यर्थियों को कोटिवार अधिकतम आयु सीमा के अतिरिक्त 10 वर्ष की छूट दी जाएगी। लिखित परीक्षा के लिए 75 तथा संविदा के आधार पर अनुभव के लिए अधिकतम 25 अंक निर्धारित है। सिलेबस सहित विस्तृत जानकारी वेबसाइट पर अपलोड है।

इंजीनियरिंग, नर्सिंग, फार्मेसी, कृषि, पारा मेडिकल कोर्स की प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन शुरू

बिहार संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद (बीसीईसीईबी) राज्य के सरकारी व निजी शिक्षण संस्थानों में नर्सिंग, फार्मेसी, पारा मेडिकल, इंजीनियरिंग आदि कोर्स में नामांकन के लिए प्रवेश परीक्षा का आयोजन सात व आठ जून को करेगा। इसमें शामिल होने के लिए ऑनलाइन आवेदन स्वीकार किए जा रहे हैं।

छह मई तक ऑनलाइन आवेदन स्वीकार किए जाएंगे। शुल्क के लिए लिंक सात मई तक उपलब्ध होगा। आवेदन में त्रुटि होने पर आठ व नौ मई को लिंक संशोधन के लिए लिंक उपलब्ध कराया जाएगा।

बीसीईसीई-2025 के तहत स्नातक स्तरीय कृषि, फार्मेसी, फिजियोथेरेपी, बैचलर आफ मेडिकल लेबोरेट्री टेक्नोलाजी, बैचलर आफ आपरेशन टेक्नोलाजी, बैचलर आफ रेडियो इमेजिंग टेक्नोलॉजी, बैचलर ऑफ ऑप्टोमेट्री, बीएससी नर्सिंग, उद्यान विज्ञान, मत्स्य विज्ञान, डेयरी आदि कोर्स में इसकी रैंक के आधार पर नामांकन होगा।

वेबसाइट bceceboard.bihar.gov.in पर विस्तृत जानकारी अपलोड है।

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Bihar: पटना हाई कोर्ट का अहम फैसला, अब सिर्फ D Pharma डिग्री वाले ही बन सकेंगे सरकारी फार्मासिस्ट

Dainik Jagran - April 10, 2025 - 6:22pm

विधि संवाददाता, पटना। फार्मासिस्ट की बहाली को लेकर लंबे समय से चल रहे विवाद पर पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) ने बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने स्पष्ट कर दिया कि बिहार सरकार द्वारा तय की गई न्यूनतम योग्यता यानी "डिप्लोमा इन फार्मेसी (डी. फार्मा)" ही फार्मासिस्ट पद के लिए मान्य योग्यता रहेगी।

कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश आशुतोष कुमार और न्यायाधीश पार्थ सारथी की खंडपीठ ने बी. फार्मा और एम. फार्मा डिग्रीधारियों द्वारा दायर कई याचिकाओं को निष्पादित करते हुए यह फैसला सुनाया।

याचिकाकर्ता ने कोर्ट में क्या दलील दी?

याचिकाकर्ताओं ने दलील दी थी कि बी. फार्मा/एम.फार्मा, डी. फार्मा से उच्च योग्यता है और उन्हें आवेदन से वंचित करना अनुचित है, लेकिन अदालत ने माना कि डिग्री और डिप्लोमा कोर्स की प्रकृति, उद्देश्य और कार्यक्षेत्र अलग हैं।

डी. फार्मा पाठ्यक्रम खास तौर पर सरकारी अस्पतालों व दवा वितरण में उपयोग के लिए तैयार किया गया है, जबकि बी. फार्मा/एम.फार्मा का पाठ्यक्रम औद्योगिक और अनुसंधान क्षेत्र पर होता है।

अदालत ने राज्य सरकार द्वारा जारी नियमों को संविधान सम्मत मानते हुए स्पष्ट किया कि जब तक नियमों में बदलाव नहीं होता, बी. फार्मा/एम.फार्मा धारकों को सिर्फ उसी स्थिति में पात्र माना जाएगा जब वे डी. फार्मा की न्यूनतम योग्यता भी रखते हों।

कोर्ट ने अपने फैसले में और क्या कहा?

फैसले में यह भी कहा गया कि फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया के 2015 के रेगुलेशन में दोनों योग्यता (डी. फार्मा/बी. फार्मा) को मान्यता दी गई है, लेकिन राज्य सरकार को अपने पदों की प्रकृति के अनुसार योग्यता तय करने का अधिकार है।

कोर्ट के इस निर्णय के बाद हजारों बी. फार्मा/एम.फार्मा डिग्रीधारी अभ्यर्थियों को बड़ा झटका लगा है, जबकि डी. फार्मा धारकों के लिए यह एक बड़ी राहत साबित हुई है।

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