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Kunal Kamra Controversy: 'कामरा माफी नहीं मांगेंगे, हमारा DNA एक जैसा', स्टैंड-अप कॉमेडियन को मिला संजय राउत का सपोर्ट
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र के स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा के बचाव में शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत उतर चुके हैं। संजय राउत ने मंगलवार को कहा कि कॉमेडियन कुणाल कामरा किसी के सामने नहीं झुकेंगे। उन्होंने कहा कि कामरा और उनका डीएनए एक जैसा है।
मीडिया से बातचीत करते हुए संजय राउत ने कहा, मैं कामरा को जानता हूं। हमारा डीएनए एक जैसा है। वह लड़ाकू है। वह माफी नहीं मांगेगा। अगर आपको उसके खिलाफ कार्रवाई करनी है, तो आपको कानूनी कदम उठाने होंगे।"
संजय राउत के इस बयान पर महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री योगेश कदम ने कहा,"कामरा और राउत का डीएनए एक जैसा हो सकता है। वह (कामरा) पागल है और यह व्यक्ति (संजय राउत) भी पागल है। वहीं, भाजपा एमएलसी परिणय फुके संजय राउत के बयान पर कहा कि दोनों का डीएनए एक जैसा होना चाहिए क्योंकि बदमाशों का डीएनए जैसा ही होता है।
कुणाल कामरा ने क्या कहा था?बता दें कि हाल ही में स्टैंड-अप कॉमेडी करते हुए कुणाल कामरा ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर टिप्पणी की थी, जिसके बाद महाराष्ट्र में सियासी बवाल मच गया।
कुणाल कामरा ने मुंबई के खार स्थित यूनीकांटीनेटल होटल के हैबिटेट स्टूडियो में पूर्व मुख्यमंत्री एवं वर्तमान उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को गद्दार कहते हुए उनपर हिंदी फिल्म दिल तो पागल है के एक गाने की पैरोडी बनाकर गाई थी। इस कविता के वायरल होने के बाद शिवसेना शिंदे गुट के कार्यकर्ताओं ने उक्त स्टूडियो में जाकर जमकर तोड़फोड़ की।
शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने भी हैबिटेट स्टूडियो में तोड़-फोड़ की थी। वहीं, बीएमसी ने भी हैबिटेट स्टूडियो का एक हिस्सा तोड़ दिया।
हैबिटेट स्टूडियो में हुई तोड़फोड़ पर क्या बोले कुणाल कामरा?सोमवार देर रात कुणाल कामरा ने तोड़फोड़ को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। कुणाल कामरा ने पोस्ट करते हुए लिखा, उस भीड़ के लिए जिसने यह तय किया कि हैबिटेट पर हमला किया
मनोरंजन स्थल केवल एक मंच है। सभी प्रकार के शो के लिए यह एक स्थान है। हैबिटेट (या कोई अन्य स्थल) मेरी कॉमेडी के लिए जिम्मेदार नहीं है, न ही उसके पास इस बात पर कोई शक्ति या नियंत्रण है कि मैं क्या कहता हूं या करता हूं। न ही कोई राजनीतिक दल ये तय कर सकता है कि मैं क्या बोल रहा हूं।
एक कॉमेडियन के शब्दों के लिए किसी स्थल पर हमला करना उतना ही मूर्खतापूर्ण है जितना कि आप टमाटर ले जा रहे ट्रक को सिर्फ इसलिए पलट दें क्योंकि आपको परोसा गया बटर चिकन पसंद नहीं आया।
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EPFO Rules: अब UPI और ATM से निकल जाएगा PF का पैसा, जानिए कब से शुरू होगी सुविधा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश भर के EPFO के करोड़ों मेंबरों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है। जून से अब आप पीएफ का पैसा आसानी से एटीएम और यूपीआई से निकाल पाएंगे। इसको लेकर लगभग तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
दरअसल, श्रम और रोजगार मंत्रालय ने नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की सिफारिश को मंजूरी दे दी है।श्रम और रोजगार मंत्रालय की सचिव सुमिता डावरा ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए बड़ा खुलासा किया। उन्होंने कहा कि PF सदस्य इस साल मई या जून के अंत तक UPI और ATM के माध्यम से पीएफ का पैसा निकालने में सक्षम होंगे।
1 लाख रुपये की तुरंत होगी निकासीदरअसल, सुमिता डावरा ने बताया कि मई के अंत या जून तक EPFO के सदस्य अपने पीएफ के पैसों को आसानी से निकाल सकने में सक्षम होंगे। वे सीधे UPI पर अपने PF खाते की शेष राशि देख पाएंगे। वहीं, पात्र होने की स्थिति में तुरंत 1 लाख रुपये तक निकाल पाएंगे और स्थानांतरण के लिए अपना पसंदीदा बैंक खाता चुन पाएंगे।
उन्होंने बताया कि संगठन ने नियमों को आसान किया है और निकासी विकल्पों का काफी विस्तार किया है। EPFO के सदस्य अब मौजूदा बीमारी प्रावधानों के अलावा आवास, शिक्षा और विवाह के लिए भी धनराशि निकाल सकते हैं।
नियमों के आसान होने से मिला लाभसुमिता डावरा ने यह भी बताया कि EPFO ने अपनी सभी प्रक्रियाओं को डिजिटल बनाने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। उन्होंने कहा कि पीएफ से पैसा निकासी प्रक्रिया को और सुव्यवस्थित करने के लिए 120 डाटाबेस को एकत्र करने का काम किया गया है। इसके साथ ही दावा प्रक्रिया का समय अब घटकर 3 दिन रह गया है। उन्होंने बताया कि 95% दावे स्वचालित हैं और इस प्रक्रिया को और सरल बनाने की योजना है।
पेंशनभोगियों को मिला ये लाभ- हाल के सुधारों के बाद से पेंशनभोगियों को भी काफी सुविधाएं हुई हैं। उन्होंने बताया कि दिसंबर से अब तक 78 लाख पेंशनभोगियों को किसी भी बैंक शाखा से धनराशि निकालने में सफलता हासिल हुई है। पहले की कई बाधाओं को अब हटा दिया गया है, जिसका सीधा लाभ पेंशनभोगियों को मिला है।
- उन्होंने बताया कि इन सुधारों पर काम करना आसान नहीं था। EPFO पूरे देश में फैले अपने 147 क्षेत्रीय कार्यालयों में हर महीने 10-12 लाख नए सदस्य जोड़ रहा है। वर्तमान में 7.5 करोड़ से अधिक एक्टिव मेंबर हैं।
- उन्होंने बताया कि जल्द ही होने वाले UPI और एटीएम आधारित पीएफ निकासी भारत के डिजिटल वित्तीय परिर्वतन में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। इससे लाखों लोगों को सीधा फायदा होगा और उनके लिए चीजें आसान होंगी।
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Saugat-e-Modi: ईद पर मुस्लिमों को बीजेपी देगी गिफ्ट, 32 लाख लोगों को मिलेगी 'सौगात-ए-मोदी' किट
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: सरकारी योजनाओं में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास की नीति का दावा करने वाली भाजपा अब संगठन के माध्यम से भी इस संदेश को मजबूत करना चाहती है। समाज के सभी वर्गों में अपनी पहुंच बढ़ाने की रणनीति के तहत ही भाजपा ने अपने अल्पसंख्यक मोर्चा के सहारे 32 लाख अल्पसंख्यक परिवारों से सीधे जुड़ाव का प्रयास किया है।
इसके लिए ईद, बैसाखी, गुड फ्राइडे और ईस्टर पर्व पर गरीब अल्पसंख्यक परिवारों तक 'सौगात-ए-मोदी' के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रेम-संदेश भाजपा की ओर से पहुंचाया जा रहा है।
मुस्लिम वर्ग को साधने में लगी बीजेपीभाजपा और मुस्लिम वर्ग के बीच असहज संबंधों की सियासी धारणा के बीच अल्पसंख्यक मोर्चा के माध्यम से भाजपा लगातार इस वर्ग से भी जुड़ाव के जतन करती दिखाई देती है। लोकसभा चुनाव के दौरान सूफी सम्मेलन भी इसी प्रयास में बताए जाते हैं। सरकार की ओर से यह दावा भी किया जाता है कि मोदी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं में कोई भेदभाव नहीं है। योजनाओं के लाभार्थी वर्ग में बड़ी हिस्सेदारी मुस्लिमों की है।
त्योहारों पर अल्पसंख परिवारों से जुड़ाव की कोशिश
इसी क्रम में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा ने त्योहारों पर अल्पसंख्यक परिवारों से जुड़ाव मजबूत करने का कार्यक्रम शुरू किया है। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने बताया कि 31 मार्च को ईद, 14 अप्रैल को बैसाखी, 18 अप्रैल को गुड फ्राइडे और 20 अप्रैल को ईस्टर का पर्व है।
पार्टी ने तय किया है कि जिस तरह से परिवार के मुखिया त्योहारों पर अपने परिवार को तोहफा देते हैं, उसी तरह प्रधानमंत्री मोदी की ओर से इन त्योहारों पर गरीब अल्पसंख्यक परिवारों को तोहफे पहुंचाए जाएंगे, क्योंकि वे 140 करोड़ देशवासियों के मुखिया हैं।
जरूरतमंद परिवारों को मिलेगी किट- उन्होंने बताया कि भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के 32 हजार सक्रिय पदाधिकारी हैं। उन सभी को अल्पसंख्यक वर्गों से कुल 100-100 जरूरतमंद परिवारों को चिह्नित करने के लिए कहा है। ऐसे परिवारों को चिह्नित करने के लिए मोर्चा पदाधिकारी मस्जिद, गुरुद्वारा और गिरजाघरों में जा रहे हैं। इस तरह सभी त्योहारों को मिलाकर कुल 32 लाख परिवारों तक सौगात-ए-मोदी किट पहुंचाने का लक्ष्य है।
- इस किट में त्योहार मनाने के लिए आवश्यक सामग्री भेंट की जाएगी। यह पदाधिकारियों को परिस्थिति अनुसार तय करना है कि वह घर-घर जाकर किट देते हैं या कोई सामूहिक आयोजन करते हैं। मोर्चा अध्यक्ष ने बताया कि सौगात ए मोदी किट पहुंचाने का कार्यक्रम शुरू हो चुका है।
- मंगलवार को नई दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन स्थित गालिब अकादमी में भी सौगात-ए-मोदी किट का वितरण किया गया, जिसमें मोर्चा प्रभारी एवं भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम भी शामिल हुए।
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एक्ट्रेस Ranya Rao ने कबूला- हवाला के पैसे से खरीदा था सोना, DRI की पूछताछ में और खुलेंगे राज
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गोल्ड स्मगलिंग मामले में गिरफ्तार हुई कन्नड़ एक्ट्रेस रान्या राव (Ranya Rao) से पुलिस लगातार पूछताछ कर रही है। इसी बीच रान्या राव ने मंगलवार को अपनी जमानती याचिका पर सुनवाई करते हुए इस बात को कबूल किया कि उसने सोना खरीदने के लिए हवाला के जरिए पैसे ट्रांसफर किए थे।
राजस्व खुफिया निदेशालय ने कोर्ट में क्या कहा?डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) की वकील मधु राव ने कोर्ट को बताया कि रान्या ने सोना की खरीद में हवाला का पैसा इस्तेमाल करने की बात कबूल की है।
इस खुलासे के बाद जांच एजेंसियों ने मामले को और गंभीरता से लेना शुरू कर दिया है। मामले में DRI ने धारा 108 के तहत नोटिस जारी किया है, जो कि न्यायिक जांच की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए किया जाता है। इस मामले में वित्तीय अनियमितताओं और संभावित कानून उल्लंघनों का पता लगाया जाएगा।
अदालत ने जमानत का आदेश सुरक्षित रखाजांच एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि हवाला नेटवर्क का उपयोग किस स्तर तक हुआ और इसमें कौन-कौन शामिल था। मामले में और लोगों की संलिप्तता पाई जाती है, तो आगे और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
रान्या राव की जमानत याचिका पर आज बेंगलुरु के सेशन कोर्ट में सुनवाई हुई थी। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने जमानत आदेश सुरक्षित रख लिया है। रान्या राव की जमानत पर 27 मार्च को फैसला आएगा।
14 किलो सोना के साथ पकड़ी गई थी रान्याबता दें कि 3 मार्च को बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर 14 किलो सोने (करीब 12.56 करोड़ रुपये मूल्य) के साथ रान्या की गिरफ्तारी हुई थी। इसके बाद अधिकारियों ने उसके घर पर भी तलाशी ली थी, जहां अधिकारियों ने 2.06 करोड़ रुपये मूल्य के गोल्ड की ज्वेलरी और 2.67 करोड़ रुपये बरामद किए थे। रान्या ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि वो 2023 से 2025 के बीच 52 बार दुबई गई थी।
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मेरठ, जयपुर से लेकर बेंगलुरु तक... पत्नियों ने रची खौफनाक साजिश; ब्वॉयफ्रेंड के साथ मिलकर पति को उतारा मौत के घाट
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मेरठ में शादी के पवित्र रिश्ते को शर्मसार करने वाले एक मामले की चर्चा देशभर में हो रही है। मुस्कान नाम की लड़की ने अपने प्रेमी साहिल (Wife Killed Husband) के साथ मिलकर पति सौरभ कुमार राजपूत की बेरहमी से हत्या कर दी थी। इसी बीच यूपी के औरैया (Auraiya Businessman Murder Case) में शादी के 15वें दिन ही दुल्हन ने अपने पति की हत्या करवा दी।
उसने प्रेमी के साथ मिलकर शूटर को सुपारी दी थी। पत्नी ने शादी और मुंह दिखाई में मिले पैसे और गहने बेचकर एक लाख रुपए शूटर को एडवांस दिए थे। पुलिस ने आरोपी पत्नी प्रगति यादव, उसके प्रेमी अनुराग यादव और सुपारी किलर रामजी नगर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
इस घटना पर जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया कि दुल्हन ने शादी से पहले ही प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या का प्लान बनाया था। पूछताछ में उसने (आरोपी प्रगति) ने कहा कि घरवालों ने बिना मर्जी के दिलीप से उसकी करा दी थी। प्रगति की प्लानिंग थी कि विधवा होने के बाद वह पति की करोड़ों की प्रॉपर्टी पर कब्जा कर प्रेमी के साथ रहेगी।
औरैया में दिबियापुर के रहने वाले दिलीप (21) की पांच मार्च को प्रगति से शादी हुई थी। दिलीप का परिवार कारोबारी है। परिवार में 20 से ज्यादा हाइड्रा मशीन और क्रेन हैं।
प्लानिंग के साथ महिला ने करवाई पति की हत्या19 मार्च को दिलीप कन्नौज के उमर्दी के नजदीक शाह नगर में हाइड्रा लेकर काम करवाने गया था। उसी दिन जब दिलीप काम से लौट रहा था और दिलीप एक होटल में रुका था तो कुछ बाइक सवार युवक उससे मिलने पहुंचे। खाई में फंसी कार को हाइड्रा से निकलवाने के बहाने दिलीप को अपने साथ ले गए। इसके बाद युवकों ने मिलकर दिलीप की हत्या कर दी।
पुलिस के मुताबिक, हत्या की पूरी साजिश व्हाट्सएप कॉल और वीडियो कॉल पर रची गई थी। प्रगति ने दिलीप की लोकेशन बताते हुए अनुराग को व्हाट्सएप किया था। वहीं, अनुराग शूटर्स के साथ संपर्क में था।
आरोपी अनुराग ने शूटर से किया था संपर्कअनुराग सीधे तौर पर इस हत्या में शामिल नहीं होना चाहता था, इसलिए उसने एक शूटर की तलाश की जो दिलीप को मौत के घाट उतार सके। 12 मार्च को अनुराग की मुलाकात गैंगस्टर एक्ट में जेल से छूटे रामजी नागर उर्फ चौधरी से हुई। शूटर ने दो लाख लेकर दिलीप की हत्या का सौदा तय किया।
जयपुर और बेंगलुरु में भी पत्नी बनी कातिलआइए पहले जयपुर का मामला जान लें। राजस्थान के जयपुर की रहने वाली महिला ने अपने प्रेमी संग मिलकर अपने पत्नी की हत्या इसलिए कर दी क्योंकि पति को पत्नी के अफेयर के बारे में पता चल गया था।
महिला ने प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या कर दी और शव को बोरे में भरकर आग लगा दी। इस हैवानियत से जुड़ा एक वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में देखा जा सकता है कि महिला अपने प्रेमी संग बाइक पर एक बोरा ले जाते हुए दिख रही है. जिसमें पति का शव है।
धन्नालाल की पत्नी गोपाली देवी (42) का दीनदयाल (30) के साथ संबंध के बारे में उसके पति को पता चल गया था। वह 15 मार्च को दीनदयाल की दुकान पर गया, जहां गोपाली काम करती है। दीनदयाल और धन्नालाल में झगड़े के बाद गोपाली और दीनदयाल ने धन्नालाल पर हमला कर दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। हत्या के बाद उन्होंने शव को एक बोरे में भरकर आग लगा दी।
आरोपी और महिला के पति में हुई थी लड़ाईपुलिस ने इस घटना की जानकारी देते हुए बताया कि धन्नालाल सैनी की पत्नी गोपाली देवी का दीनदयाल कुशवाह के साथ पांच साल से अफेयर था। उसने अपने पति से झूठ बोला था कि वो एक फैक्ट्री में काम करती है, जबकि कुशवााह एक कपड़े की दुकान पर काम करता था।
पत्नी पर शक करते हुए, सब्जी बेचने वाला सैनी पिछले शनिवार उस कपड़े की दुकान पर पहुंचा, जहां कुशवाहा काम करता था। वहां सैनी की पत्नी और कुशवाहा एक साथ थे। इसके बाद दुकान में लड़ाई हो गई।
इसके बाद आरोपी कुशवाहा ने सैनी को अन्य दुकान पर ले गया। इसके बाद सैनी के सिर पर लोहे के पाइप से हमला कर दिया और रस्सी से उसका गला घोंट दिया। इसके बाद सैनी संभवत: बेहोश हो गया था या उसकी मौत हो गई थी।
इसके बाद आरोपी ने शव को बोरा में भरकर रिंग रोड के पास ले गया और बोरे में आग लगा दी। शव आधा जला ही था कि एक कार को आते देख आरोपी फरार हो गया। इस घटना के बाद आरोपी और महिला को गिरफ्तार कर लिया गया।
पत्नी ने मां के साथ मिलकर पति को खिलाया जहर...वहीं, बेंगलुरु में भी इसी तरह की घटना घटी, जहां एक 37 साल के रियल एस्टेट कारोबारी लोकनाथ सिंह की उनकी पत्नी और सास ने मिलकर हत्या कर दी। लोकनाथ के कथित कई अवैध संबंध थे, जिसकी जानकारी उसकी पत्नी को थी।
पिछले कई महीनों से महिला, अपनी मां के साथ मिलकर पति को मौत के घाट उतारने की प्लानिंग कर रहे थे। पुलिस ने जानकारी दी कि महिला ने अपनी मां के साथ मिलकर पहले खाने में नींद की गोलियां मिलाकर पति को बेहोश किया और फिर उसका गला रेतकर हत्या कर दी।
पुलिस ने बताया कि लोकनाथ ने आरोपी महिला के साथ शादी का रजिस्ट्रेशन पिछले साल दिसंबर में ही करवाया था। इससे पहले दो साल तक रिलेशनशिप में थे। हालांकि, शादी के कुछ दिनों बाद पति-पत्नी के बीच कई बार झगड़े हुए। इसके बाद लोकनाथ अपनी ससुराल वालों को धमकी भी देने लगा था।
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Weather News: पहाड़ों पर होगी बारिश, मैदानी इलाकों में गर्मी बरपाएगी कहर; मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जैसे-जैसे मार्च का महीना अपनी समाप्ति की ओर बढ़ रहा है, मौसम में गर्मी बढ़ती जा रही है। अभी भले ही देश के कुछ स्थानों पर बारिश और तेज हवाएं चलती दिख रही हैं, लेकिन 30 मार्च तक बारिश का नामोनिशान खत्म हो जाएगा।
मौसम विभाग ने भयंकर गर्मी का अलर्ट जारी किया है। पश्चिमी विक्षोभ की वजह से आने वाले कुछ दिनों में पहाड़ों पर बारिश देखने को मिल सकती है। लेकिन मैदानी इलाकों और खासकर उत्तर प्रदेश में गर्मी का प्रकोप लोगों के पसीने निकालने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा।
कहीं बारिश, तो कहीं गिरे ओलेबीते 24 घंटे की बात करें, तो आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में भयंकर बारिश हुई। वहीं पश्चिम बंगाल, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय और तेलंगाना में ओलावृष्टि देखने को मिली। इस दौरान ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय में तेज हवाएं भी चलीं।
गुजरात के सुरेंद्रनगर में देश का सबसे ज्यादा अधिकतम तापमान दर्ज किया गया, जो 41 डिग्री रहा। 24 मार्च को प्रायद्वीपीय भारत के ज्यादातर हिस्सों में मेघगर्जन के साथ-साथ वज्रपात की स्थिति रही।
दो पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय- इस वक्त दो पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हैं। पहला पश्चिमी विक्षोभ झारखंड और बिहार के ऊपर बना हुआ है, जबकि दूसरा पश्चिमी विक्षोभ कतर के पास सक्रिय है। इनके कारण पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में 27 मार्च तक फिर से बारिश शुरू होने की संभावना है।
- प्रायद्वपीय भारत के कई स्थानों पर 25 मार्च को गरज के साथ 30 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा चलने की संभावना है। 26 और 27 मार्च को जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश और 28 मार्च को अरुणाचल प्रदेश के लिए भारी वर्षा की चेतावनी जारी की गई है।
उत्तर पश्चिम भारत के मैदानी स्थानों में कई जगहों पर अगले 2 दिनों के दौरान तापमान में 2 से 3 डिग्री की बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। हालांकि उत्तर प्रदेश में काफी गर्मी पड़ने वाली है। यहां अगले 4 दिनों में तापमान में 4 से 6 डिग्री की वृद्धि हो सकती है।
पश्चिम भारत और पूर्वोत्तर भारत में भी अगले 4-5 दिमों में तापमान में 4 से 6 डिग्री की बढ़ोतरी होगी। मध्य भारत और महाराष्ट्र में 4 से 5 दिनों में तापमान 2 से 4 डिग्री तक बढ़ सकता है। वहीं गुजरात में अगले 24 घंटे में तापमान में कोई खास बदलाव नहीं होगा।
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फ्लाइट का टिकट खरीदने पर देनी होगी यह सुविधा, DGCA ने एयरलाइंस को 27 मार्च तक की दी डेडलाइन
एएनआई, नई दिल्ली। नागरिक विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने यात्रियों की सुविधा के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। डीजीसीए ने सभी एयरलाइनों को निर्देश दिया गया है कि वे टिकट बुक होने के बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय पर उपलब्ध यात्री चार्टर का ऑनलाइन लिंक यात्री को (एसएमएस/वाट्सएप) मैसेज के रूप में भेजें ताकि यात्रियों को उनके अधिकारों के बारे में जानकारी मिल सके।
इस लिंक में यात्रियों के अधिकारों, नियमों और शिकायत निवारण की पूरी जानकारी होगी, जिससे उन्हें किसी भी समस्या के समाधान में आसानी हो। यह जानकारी एयरलाइन की वेबसाइट और टिकट पर भी प्रमुखता से होनी चाहिए।
27 मार्च तक लागू करने को कहाविमानन नियामक ने विमान सेवा देने वाली कंपनियों को यात्रियों से जुड़े नियमों और ग्राहकों के अधिकारों से संबंधित प्रविधानों का प्रचार-प्रसार करने का निर्देश दिया है। डीजीसीए ने इस संबंध में सात मार्च को सभी एयरलाइंस को पत्र भेजा और इसे 27 मार्च 2025 तक लागू करने की बात कही गई है।
डीजीसीए के आदेश के बाद सभी एयरलाइन कंपनियों ने अपने सिस्टम में बदलाव करना शुरू कर दिए है। स्पाइसजेट ने इस प्रक्रिया को लागू कर दिया है और यात्रियों को उनके अधिकारों की जानकारी टिकट बुकिंग के साथ भेजी जा रही है।
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'अदालत को ही धोखा दे रहे', पेंशन योजना लागू नहीं करने पर सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को लगाई फटकार
एएनआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पंजाब में 1996 की पेंशन लाभ योजना को लागू करने में पंजाब सरकार की निष्क्रियता पर कड़ी आपत्ति व्यक्त की। जस्टिस अभय एस. ओका और उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि अगर राज्य सरकार इस योजना को लागू करने में विफल रही तो अदालत खुद लाभार्थियों को मौद्रिक लाभ प्रदान करेगी।
कोर्ट ने कहा कि कई मौकों पर आश्वासन देने के बावजूद पंजाब सरकार इस संबंध में कार्रवाई करने में विफल रही है। जस्टिस ओका ने नाराजगी जताते हुए कहा, 'राज्य को इसका जवाब देना चाहिए। हम इस बात को नजरअंदाज नहीं कर सकते कि राज्य सरकारें अदालतों के साथ कैसा व्यवहार कर रही हैं।
1 अप्रैल को होगी अगली सुनवाईअदालत ने कहा कि हम इस बात को दर्ज करेंगे कि राज्य के किसी भी अधिकारी पर भरोसा नहीं किया जा सकता। राज्य ने अदालत को धोखा दिया है। दलीलें सुनने के बाद अदालत ने पंजाब की ओर से पेश वकील को प्रदेश सरकार से निर्देश लेने का आदेश दिया और मामले की अगली सुनवाई एक अप्रैल तय की।
शीर्ष अदालत ने इस वर्ष पांच मार्च को पंजाब के मुख्य सचिव को 1996 की पेंशन लाभ योजना को लागू करने में विफल रहने और इसे लागू करने की वचनबद्धता का उल्लंघन करने के लिए अवमानना नोटिस जारी किया था।
शीर्ष अदालत पंजाब प्राइवेटली मैनेज्ड एफिलिएटेड एंड पंजाब गवर्नमेंट एडेड कॉलेजेस पेंशनरी बेनिफिट्स स्कीम, 1996 को लागू नहीं करने को लेकर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
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वन नेशन-वन इलेक्शन पर अभी लंबा चलेगा मंथन, अटॉर्नी जनरल से भी परामर्श करेगी JPC; जानिए अभी कितना वक्त लगेगा
पीटीआई, नई दिल्ली। एक राष्ट्र, एक चुनाव विधेयक पर विस्तृत विचार-विमर्श के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति एक साथ चुनाव कराने के मुद्दे पर अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी से परामर्श करेगी।
संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष पीपी चौधरी ने कहा कि वेंकटरमणी और दूरसंचार विवाद निपटान एवं अपीलीय न्यायाधिकरण के अध्यक्ष और दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीएन पटेल संसदीय समिति के समक्ष एक साथ चुनाव कराने संबंधी विधेयक पर मंगलवार को अपने विचार व्यक्त करेंगे।
कानूनी विशेषज्ञों से परामर्श जारीचौधरी ने बताया कि समिति कई कानूनी विशेषज्ञों से परामर्श कर रही है। विशेषज्ञों की मूल्यवान राय समिति को सिफारिशें तैयार करने में मदद करेगी। सूत्रों ने बताया कि लोकसभा इस समिति का कार्यकाल बढ़ा सकती है, क्योंकि समिति को अपना काम पूरा करने के लिए और समय की जरूरत होगी।
समिति को संसद के इस सत्र के अंतिम सप्ताह के पहले दिन अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया था। यह समयसीमा चार अप्रैल को समाप्त हो रही है।
पूर्व प्रधान न्यायाधीश यूयू ललित और रंजन गोगोई, प्रसिद्ध न्यायविद हरीश साल्वे और दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एपी शाह ने समिति के समक्ष पेश होकर प्रस्तावित कानून से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर सदस्यों के सवालों के जवाब दिए हैं।
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जस्टिस वर्मा को इलाहाबाद हाईकोर्ट भेजने का विरोध, आज से बार एसोसिएशन करेगा अनिश्चितकालीन हड़ताल
जेएनएन, नई दिल्ली। सरकारी आवास से बेहिसाब नकदी मिलने के बाद जांच का सामना कर रहे दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश यशवंत वर्मा से न्यायिक कार्य वापस लेने के साथ ही उनको मूल न्यायालय इलाहाबाद हाई कोर्ट भेज दिया गया है। दूसरी तरफ इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने जस्टिस वर्मा को भेजे जाने के कोलेजियम के फैसले के विरोध में मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा की है।
दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय द्वारा जारी नोटिस पर सोमवार को हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार (लिस्टिंग) की तरफ से नोट जारी किया गया। इसमें कहा गया कि हालिया घटनाक्रम को देखते हुए जस्टिस वर्मा से न्यायिक कार्य वापस लिया जा रहा है। जस्टिस यशवंत वर्मा अब तक जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर के साथ दो सदस्यीय पीठ का हिस्सा थे।
हाईकोर्ट भेजने के फैसले की पुष्टिइस बीच, प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने सोमवार को जस्टिस वर्मा को इलाहाबाद हाई कोर्ट वापस भेजने के अपने निर्णय की पुष्टि की। शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड किए गए एक प्रस्ताव में जस्टिस वर्मा को वापस भेजने को लेकर केंद्र सरकार से की गई सिफारिश सार्वजनिक की गई।
प्रस्ताव में कहा गया है- 'सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने 20 मार्च और 24 मार्च को आयोजित बैठकों में दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस यशवंत वर्मा को इलाहाबाद हाई कोर्ट में वापस भेजने की सिफारिश की है।' सुप्रीम कोर्ट ने 21 मार्च को कहा था कि दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने जस्टिस वर्मा के खिलाफ आंतरिक जांच शुरू की है और उन्हें इलाहाबाद हाई कोर्ट वापस भेजने का प्रस्ताव अलग है।
पहले ही शुरू हो गई थी जांच- सुप्रीम कोर्ट के बयान में कहा गया है कि जस्टिस वर्मा के आवास पर हुई घटना के संबंध में गलत सूचना और अफवाह फैलाई जा रही है। जानकारी मिलने पर जस्टिस उपाध्याय ने आंतरिक जांच प्रक्रिया, साक्ष्य और सूचना जुटाने का काम शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि जस्टिस उपाध्याय ने 20 मार्च को सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम की बैठक होने से पहले ही जांच शुरू कर दी थी।
- नकदी की कथित बरामदगी 14 मार्च की रात को करीब 11 बजकर 35 मिनट पर जस्टिस वर्मा के सरकारी आवास में आग लगने के बाद हुई थी। इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम द्वारा जस्टिस यशवंत वर्मा को इलाहाबाद हाई कोर्ट वापस भेजने संबंधी निर्णय के विरोध में मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की है।
सोमवार शाम बार के अध्यक्ष अनिल तिवारी तथा महासचिव विक्रांत पांडेय ने कार्यकारिणी की आपात बैठक के बाद यह जानकारी दी। पदाधिकारियों ने कहा कि बदली परिस्थिति के कारण आपातकालीन बैठक में हुए निर्णय के क्रम में मंगलवार से अग्रिम सूचना तक हम अधिवक्तागण न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे।
इससे पूर्व दोपहर को भोजनावकाश के बाद लाइब्रेरी में हुई आमसभा में जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग चलाए जाने के साथ-साथ ही उनके सरकारी आवास में नकदी जलने के मामले की सीबीआइ तथा ईडी के अलावा अन्य एजेंसियों से जांच कराने का प्रस्ताव पारित किया गया। यह भी मांग की गई कि न्यायाधीश के रूप में यशवंत वर्मा द्वारा लिए गए निर्णयों की समीक्षा की जानी चाहिए। बार एसोसिएशन ने दोहराया है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट भ्रष्ट और दागी न्यायाधीशों का डंपिंग ग्राउंड नहीं है।
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सेना को मिलेंगी ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलें, 800 किमी से अधिक है रेंज; कैबिनेट कमेटी से जल्द मिलेगी मंजूरी
एएनआई, नई दिल्ली। भारतीय थलसेना और वायु सेना को जल्द ही 800 किमी से अधिक की दूरी पर स्थित लक्ष्यों को भेदने में सक्षम ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलें मिलेंगी। घातक क्षमता वाली इन अत्याधुनिक मिसाइलों से रक्षा बलों की ताकत में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी।
रक्षा सूत्रों ने बताया कि इनमें से करीब 250 मिसाइलों के अधिग्रहण के प्रस्ताव को रक्षा अधिग्रहण परिषद ने मंजूरी दे दी है। अब इसे अंतिम मंजूरी के लिए सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति के पास ले जाया जाएगा।
ऊंचाई वाले क्षेत्रों में किया जाएगा तैनातउन्होंने कहा कि इन मिसाइलों को रेगिस्तान और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा। पहले इन मिसाइलों की मारक क्षमता 300 किलोमीटर के आसपास हुआ करती थी, लेकिन अब इनकी क्षमता में काफी वृद्धि की गई है और ये 800 किलोमीटर तक के लक्ष्य को भेद सकती हैं।
सूत्रों ने कहा कि ब्रह्मोस क्रूज मिसाइलों के लिए दोनों सेनाओं की ओर से दिया गया प्रस्ताव भारतीय नौसेना को मिलने वाली मिसाइलों का ही एक दोहरा ऑर्डर है। गौरतलब है कि ब्रह्मोस भारतीय शस्त्र निर्माण उद्योग में सबसे सफल संयुक्त उपक्रमों में से एक रहा है, भले ही इसका अधिकांश हिस्सा रूस द्वारा निर्मित किया जाता है।
भारतीय पक्ष शस्त्र प्रणाली के प्रमुख भागों के स्वदेशीकरण की दिशा में काम कर रहा है और निजी क्षेत्र के उद्योग के समर्थन से कुछ क्षेत्रों में सफलता भी हासिल की है। रूसी समर्थन से इस मिसाइल को फिलीपींस को सफलतापूर्वक निर्यात किया जा रहा है और अधिक देश इसमें रुचि दिखा रहे हैं।
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Kunal Kamra Controversy: 'पार्टी तय नहीं करेगी कि मैं क्या बोलूंगा', विवाद के बाद कुणाल कामरा का पहला रिएक्शन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कॉमेडियन कुणाल कामरा (Kunal Kamra) ने उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को लेकर टिप्पणी की थी, जिसपर महाराष्ट्र में सियासी हंगामा मच गया। सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राजनेताओं पर व्यंग करना कोई अपराध नहीं है, लेकिन पद का सम्मान किया जाना चाहिए।
एकनाथ शिंदे पर बयान दिए जाने के बाद बीएमसी के अधिकारियों की टीम ने हैबिटेट स्टूडियो के एक हिस्से को ढहा दिया। इसी स्टूडियो में कामरा ने उप मुख्यमंत्री पर टिप्पणी की थी। शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने भी हैबिटेट स्टूडियो में तोड़-फोड़ की थी
तोड़फोड़ पर क्या बोले कुणाल कामरा?इसी बीच इस कुणाल कामरा ने तोड़फोड़ को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। कुणाल कामरा ने पोस्ट करते हुए लिखा, उस भीड़ के लिए जिसने यह तय किया कि हैबिटेट पर हमला किया
मनोरंजन स्थल केवल एक मंच है। सभी प्रकार के शो के लिए यह एक स्थान है। हैबिटेट (या कोई अन्य स्थल) मेरी कॉमेडी के लिए जिम्मेदार नहीं है, न ही उसके पास इस बात पर कोई शक्ति या नियंत्रण है कि मैं क्या कहता हूं या करता हूं। न ही कोई राजनीतिक दल ये तय कर सकता है कि मैं क्या बोल रहा हूं।
एक कॉमेडियन के शब्दों के लिए किसी स्थल पर हमला करना उतना ही मूर्खतापूर्ण है जितना कि आप टमाटर ले जा रहे ट्रक को सिर्फ इसलिए पलट दें क्योंकि आपको परोसा गया बटर चिकन पसंद नहीं आया।
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कुणाल कामरा ने क्या कहा था?स्टैंडअप कॉमेडियन ने मुंबई के खार स्थित यूनीकांटीनेटल होटल के हैबिटेट स्टूडियो में पूर्व मुख्यमंत्री एवं वर्तमान उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को गद्दार कहते हुए उनपर हिंदी फिल्म दिल तो पागल है के एक गाने की पैरोडी बनाकर गाई थी। इस कविता के वायरल होने के बाद शिवसेना शिंदे गुट के कार्यकर्ताओं ने उक्त स्टूडियो में जाकर जमकर तोड़फोड़ की।
3 साल में रैंगिंग के कारण 51 छात्रों की मौत, मेडिकल कॉलेज बन रहे हॉटस्पॉट; रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे
पीटीआई, नई दिल्ली। देश भर के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में वर्ष 2020 से 2024 के दौरान रैगिंग के कारण से 51 छात्रों की मौत हो गई। यह संख्या कोचिंग हब कोटा में इसी अवधि के दौरान छात्रों की आत्महत्या के आंकड़ों के बराबर है।
सोसाइटी अगेंस्ट वायलेंस इन एजुकेशन नामक संस्था द्वारा प्रकाशित 'स्टेट ऑफ रैगिंग इन इंडिया 2022-24' रिपोर्ट में इस तथ्य को उजागर किया गया है। रिपोर्ट में मेडिकल कॉलेजों को भी रैगिंग की शिकायतों के लिए हाटस्पॉट के रूप में पहचाना गया है।
मेडिकल कॉलेजों में अधिक मामलेरिपोर्ट में कहा गया है, 'मेडिकल कॉलेज चिंता का एक विशेष क्षेत्र हैं, क्योंकि 2022-24 के दौरान कुल शिकायतों का 38.6 प्रतिशत मेडिकल कॉलेज से ही संबंधित है, जबकि गंभीर शिकायतों का 35.4 प्रतिशत और रैगिंग से संबंधित मौतों का 45.1 प्रतिशत हिस्सा है। कुल छात्रों का केवल 1.1 प्रतिशत ही रैगिंग से संबंधित है। आंकड़ों से यह भी पता चला है कि इस अवधि के दौरान रैगिंग के कारण 51 छात्रों की जान चली गई, जो कोटा में दर्ज 57 छात्रों की आत्महत्याओं से लगभग बराबर है।'
लेखकों ने दावा किया कि शिकायतों की संख्या रिपोर्ट में दी गई संख्या से कहीं अधिक थी। रिपोर्ट में कहा गया है, 'ऐसा नहीं है कि पूरे भारत में तीन वर्षों में केवल 3,156 रैगिंग की शिकायतें दर्ज की गईं। ये केवल राष्ट्रीय एंटी-रैगिंग हेल्पलाइन पर दर्ज की गई शिकायतें हैं। बड़ी संख्या में शिकायतें सीधे कॉलेजों में दर्ज की जाती हैं, और अगर मामला गंभीर है तो सीधे पुलिस में भी दर्ज की जाती हैं।'
शिकायत दर्ज नहीं कराते पीड़ित- रिपोर्ट में कहा गया है, 'ऐसे सभी मामले एंटी-रैगिंग हेल्पलाइन पर उपलब्ध आंकड़ों में नहीं दर्शाए गए और इसलिए इस रिपोर्ट में भी नहीं दर्शाए गए हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि गंभीर रैगिंग की वास्तविक घटनाएं शैक्षणिक संस्थानों में अभी भी बहुत अधिक होंगी क्योंकि केवल कुछ ही पीड़ित आगे आकर रिपोर्ट करने का साहस जुटा पाते हैं, अन्य लोग शिकायत करने के बाद अपनी सुरक्षा के डर से चुपचाप रहते हैं।'
- रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि पीड़ितों की पहचान की सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय एंटी-रैगिंग हेल्पलाइन को गुमनाम शिकायतें स्वीकार करनी चाहिए। इसमें कहा गया है, 'कॉलेजों को समर्पित सुरक्षा गार्डों के साथ एंटी-रैगिंग स्क्वाड स्थापित करना चाहिए। इनके संपर्क विवरण नए छात्रों के साथ साझा किए जाने चाहिए। छात्रावासों में सीसीटीवी फुटेज की निगरानी सुरक्षा कर्मियों, एंटी-रैगिंग समितियों और अभिभावकों द्वारा की जानी चाहिए।'
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अवामी एक्शन कमेटी के खिलाफ UAPA के तहत कार्रवाई कर सकेंगे राज्य, गृह मंत्रालय ने घोषित किया है गैरकानूनी संगठन
नई दिल्ली, एएनआई। राज्य अब यूएपीए के तहत अवामी एक्शन कमेटी के खिलाफ कार्रवाई कर सकेंगे। केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को अवामी एक्शन कमेटी (एएसी) के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करने का सोमवार को अधिकार दे दिया।
एएसी को गैरकानूनी संगठन घोषित किया गया है। भारत के राजपत्र में जारी और प्रकाशित अधिसूचना के माध्यम से, केंद्र ने राज्यों को यूएपीए की धारा सात और आठ को लागू करने के लिए अधिकृत किया। इसमें प्रतिबंधित संगठन से जुड़ी संपत्तियों को जब्त करने और उसकी गतिविधियों को प्रतिबंधित करने की शक्ति शामिल है।
गृह मंत्रालय ने जारी की अधिसूचनागृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है, यूएपीए की धारा 42 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए केंद्र सरकार निर्देश देती है कि उक्त अधिनियम की धारा सात और आठ के तहत उसके द्वारा प्रयोग की जाने वाली सभी शक्तियों का प्रयोग राज्य सरकारों द्वारा भी किया जाएगा।
क्या है इस कदम का उद्देश्य?इस कदम का उद्देश्य राज्य स्तर पर त्वरित और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करना है, जिससे आतंकी संगठन एएसी की गैरकानूनी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार के प्रयासों को बल मिलेगा। यह निर्णय उन राज्यों में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जहां एएसी सक्रिय है। 11 मार्च को गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर स्थित एएसी को यूएपीए के तहत गैरकानूनी संगठन घोषित कर दिया तथा इस संगठन पर अगले पांच वर्षों के लिए प्रतिबंध लगा दिया।
अवामी एक्शन कमेटी पर लगा है प्रतिबंधउमर फारूक के नेतृत्व वाली अवामी एक्शन कमेटी जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए आतंकी गतिविधियों का समर्थन करने और भारत विरोधी दुष्प्रचार फैलाने में संलिप्त रही है। इससे पहले गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में उमर फारूक और अन्य सदस्यों सहित अवामी एक्शन कमेटी के नेताओं के खिलाफ राष्ट्र विरोधी भाषणों, हिंसा भड़काने और पथराव की घटनाओं में कथित संलिप्तता के लिए दर्ज कई मामलों का हवाला दिया गया था।
इसमें राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा 2018 में एएसी प्रवक्ता आफताब अहमद शाह और 11 अन्य के खिलाफ देश के खिलाफ साजिश के लिए दायर आरोपपत्र का हवाला दिया गया।
'India’s Got Latent' Row: 'फ्लो में हो गया, मेंटल हेल्थ ठीक नहीं'; Samay Raina ने मानी गलती
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। फेमस कॉमेडियन समय रैना (Samay Raina) पिछले कुछ समय से चर्चाओं में हैं। इंडियाज गॉट लैटेंट में पॉडकास्टर रणवीर इलाहाबादिया ने माता-पिता की इंटीमेसी को लेकर कमेंट किया था, जिसपर बवाल मच गया था। सुप्रीम कोर्ट ने भी रणवीर इलाहाबादिया, समय रैना को फटकार लगाई थी। इसी बीच समय रैना ने इंडियाज गॉट लेटेंट पर हुई अभद्र टिप्पणी को लेकर दुख जताया और माफी मांगी।
ऐसी गलतियां आगे नहीं होगी: समय रैनामहाराष्ट्र साइबर सेल से रैना ने दुख जताते हुए कहा कि फ्लो में गलती हो गई। वहीं, समय रैना ने भरोसा दिलाया कि आगे ऐसी गलतियां नहीं होंगी और वो अधिक सावधानी बरतेंगे। समय रैना ने कहा कि इस विवाद की वजह से उनका मानसिक स्वास्थ्य ठीक नहीं है। उनका कनाडा ट्रिप भी अच्छा नहीं रहा।
सोशल मीडिया से समय रैना ने बनाई दूरीबताते चलें कि 9 फरवरी बाद से ही समय रैना सोशल मीडिया से दूर हैं। हालांकि, विवाद पर उन्होंने रिएक्शन देते हुए फैंस को बताया था कि उन्होंने यूट्यूब चैनल से इंडियाज गॉट लैटेंट के सारे एपिसोड को हटा दिए हैं।
उन्होंने कहा था कि जो भी हो रहा है, मेरे लिए हैंडल करना बहुत मुश्किल है। मैंने इंडियाज गॉट लेटेंट के सारे एपिसोड्स हटा दिए हैं। मेरा मकसद सिर्फ लोगों को हंसाने और उन्हें अच्छा समय देना था। मैं सभी एजेंसी के साथ को-ऑपरेट करूंगा ताकि वे फेयर तरीके से जांच कर सके।न9 फरवरी के बाद से ही समय रैना सोशल मीडिया से दूर हैं।
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सांसदों के वेतन-भत्ते में 24 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी, अब मिलेगा 1.24 लाख रुपये वेतन; पेंशन में भी इजाफा
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सांसदों के वेतन-भत्ते में 24 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। 2018 के बाद पहली बार यह बढ़ोतरी की गई है। केंद्र सरकार ने वर्तमान सांसदों के वेतन-भत्ते के साथ ही पूर्व सांसदों के पेंशन में भी इसी आधार पर वृद्धि की अधिसूचना सोमवार को जारी की।
वेतन वृद्धि के बाद अब सांसदों का मूल वेतन एक लाख से बढ़कर 1.24 लाख रुपये प्रति माह हो गया है। जबकि, सांसदों का दैनिक संसदीय भत्ता 2000 रुपये से बढ़ाकर 2500 रुपये कर दिया गया है।
केंद्र सरकार ने जारी की अधिसूचनासंसदीय कार्य मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, मौजूदा सदस्यों के दैनिक भत्ते और पेंशन में भी वृद्धि की गई है। वहीं पूर्व सांसदों के लिए पांच साल से अधिक की सेवा के प्रत्येक वर्ष के लिए अतिरिक्त पेंशन भी बढ़ाई गई है।
सांसदों का वेतन पिछली बार 2018 में बढ़ा था और उसी समय फैसला हुआ था कि केंद्र सरकार महंगाई लागत सूचकांक के अनुसार पांच साल में वेतन वृद्धि की समीक्षा करेगी। इसीलिए, 24 प्रतिशत की वर्तमान बढ़ोतरी को अप्रैल 2023 से लागू करने की घोषणा की गई है।
सांसदों को अब मिलेगा 1.24 लाख महीना का वेतनसांसदों को अब तक एक लाख रुपये वेतन मिलता था जो बढ़कर अब 1.24 लाख रुपये महीना हो जाएगा। दैनिक भत्ते में भी 500 रुपये की बढ़ोतरी होने के बाद अब यह 2500 रुपये प्रति दिन होगा।
पूर्व सांसदों का न्यूनतम पेंशन 25 हजार रुपये से बढ़ाकर अब 31 हजार रुपये प्रति माह कर दिया गया है। पांच साल से अधिक की सेवा यानि एक टर्म से अधिक सदस्य रहे पूर्व सांसदों को प्रत्येक वर्ष के लिए अतिरिक्त पेंशन 2,000 रुपये प्रति माह की जगह अब 2,500 रुपये प्रति महीने के हिसाब से जोड़कर मिलेगा।
अन्य भत्तों में भी होगा इजाफावेतन के अलावा साथ ही सांसदों को क्षेत्र के लोगों से संपर्क में रहने के लिए निर्वाचन क्षेत्र भत्ते के रूप में 70,000 रुपये भत्ता मिलता है। कार्यालय भत्ते के रूप में हर महीने 60,000 रुपये मिलते हैं।
वेतन-भत्ते में हुई ताजा वृद्धि के अनुरूप इन भत्तों में भी इजाफा होगा। इसके अलावा सांसदों को राजधानी दिल्ली में मुफ्त आवास, फोन, इंटनरेट, हवाई-ट्रेन यात्रा समेत कुछ अन्य सुविधाएं भी मिलती हैं।
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जस्टिम वर्मा मामले के बाद फिर चर्चा में NJC, जल्द बुलाई जाएगी सभी दल के नेताओं की बैठक
जेएनएन, नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस यशवंत वर्मा के घर से बड़ी मात्रा में बेहिसाब नकदी मिलने की घटना के बाद राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) एक बार फिर चर्चा में आ गया है।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को कहा कि एनजेएसी अधिनियम के मुद्दे को आगे बढ़ाने के लिए वह शीघ्र ही राज्यसभा में विभिन्न पार्टियों के संसदीय दल के नेताओं की बैठक बुलाएंगे। उपराष्ट्रपति धनखड़ राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग अधिनियम को रद करने के सुप्रीम कोर्ट के अक्टूबर 2015 के फैसले के मुखर आलोचक रहे हैं।
राज्यसभा के सभापति ने बुलाई बैठकराज्यसभा के सभापति धनखड़ ने न्यायिक जवाबदेही और एनजेएसी अधिनियम के मुद्दे पर चर्चा के लिए सोमवार को सदन के नेता जेपी नड्डा और नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ बैठक की। दोनों नेताओं ने धनखड़ के कक्ष में बातचीत की। इस संबंध में एक सूत्र ने बताया कि सभापति ने नड्डा और खरगे को बैठक के लिए पत्र लिखा था।
कांग्रेस ने सदन में उठाया था नकदी बरामद का मु्द्दाकांग्रेस नेता जयराम रमेश ने हाई कोर्ट के एक न्यायाधीश के आवास से नकदी बरामद होने का मुद्दा 21 मार्च को उच्च सदन में उठाया था। इसके जवाब में सभापति धनखड़ की टिप्पणियों की पृष्ठभूमि में यह बैठक बुलाई गई। उपराष्ट्रपति ने 2014 में एनजेएसी एक्ट पारित होने के बाद न्यायिक नियुक्तियों के लिए एक तंत्र का उल्लेख किया था। सुप्रीम कोर्ट ने बाद में इस अधिनियम को रद कर दिया था।
राज्यसभा के सभापति ने क्या कहा?धनखड़ ने 21 मार्च को राज्यसभा में कहा था-आप सभी को वह प्रणाली याद होगी, जिसे इस सदन ने लगभग सर्वसम्मति से पारित किया था। उस पर कोई मतभेद नहीं था। राज्यसभा में केवल एक सदस्य अनुपस्थित था। सभी राजनीतिक दल एकजुट हुए थे और सरकार की पहल का समर्थन किया था। मैं यह जानना चाहता हूं कि भारतीय संसद से पारित उस विधेयक की क्या स्थिति है, जिसे देश की 16 राज्य विधानसभाओं ने मंजूरी दी और जिस पर संविधान के अनुच्छेद 111 के तहत माननीय राष्ट्रपति ने हस्ताक्षर किए थे।
इस देश के संसदीय इतिहास में अभूतपूर्व सहमति के साथ इस संसद द्वारा पारित ऐतिहासिक विधेयक में इस समस्या से निपटने के लिए बहुत गंभीर प्रविधान थे। यदि इस बीमारी को खत्म कर दिया गया होता तो शायद हमें इस तरह के मुद्दों का सामना नहीं करना पड़ता। मुझे इस बात से परेशानी है कि इस तरह की घटना घटी और तुरंत सामने नहीं आई।
धनखड़ ने कहा था कि वह नेता सदन और नेता प्रतिपक्ष से इस मुद्दे पर चर्चा के लिए विचार-विमर्श करेंगे। दूसरी तरफ तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा ने सोमवार को आशंका जताई कि केंद्र सरकार जज के आवास से नकदी मिलने का इस्तेमाल न्यायिक नियुक्तियों पर नियंत्रण के लिए कर सकती है। उन्होंने लोकसभा में दावा किया कि मीडिया में हो-हल्ला राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग को पुनर्जीवित करने के एक बड़े प्रयास का हिस्सा है।
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पीटीआई, नई दिल्ली। एक अप्रैल से ऑनलाइन विज्ञापनों पर इक्वलाइजेश लेवी या डिजिटल टैक्स नहीं लगेगा। इस संबंध में सरकार ने एक प्रस्ताव सोमवार को संसद में पेश किया। इस कदम से गूगल, एक्स और मेटा जैसे डिजिटल प्लेटफार्म पर विज्ञापन देने वाली कंपनियों को फायदा होगा। ये बदलाव वित्त विधेयक में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी द्वारा लोकसभा में पेश किए गए 59 संशोधनों का हिस्सा हैं।
1 जून से लगाई गई थी छह प्रतिशत इक्वलाइजेशन लेवीसंशोधन के तहत, एक अप्रैल, 2025 से ऑनलाइन विज्ञापनों पर छह प्रतिशत इक्वलाइजेशन लेवी को खत्म कर दिया जाएगा। ऑनलाइन विज्ञापन सेवाओं पर इक्वलाइजेशन लेवी एक जून, 2016 को लगाई गई थी। लोकसभा में प्रस्तावित संशोधनों के अनुसार, वित्त अधिनियम, 2016 की धारा 163 के अनुसार, एक अप्रैल, 2025 के बाद इक्वलाइजेशन लेवी नहीं लगेगी।
इक्वलाइजेशन लेवी को वित्त अधिनियम 2016 द्वारा आनलाइन विज्ञापन सेवाओं, डिजिटल विज्ञापन स्थान के प्रविधान या केवल आनलाइन विज्ञापन के उद्देश्य से किसी अन्य सुविधा या सेवा के लिए पेश किया गया था। वित्त अधिनियम 2020 ने इस लेवी के दायरे को एक अप्रैल, 2020 को या उसके बाद की गई ई-कामर्स आपूर्ति और सेवाओं तक बढ़ा दिया था।
ई-कामर्स लेनदेन पर यह दो प्रतिशत इक्वलाइजेशन लेवी 1 अगस्त, 2024 को समाप्त कर दी गई थी। विशेषज्ञों के अनुसार, ऑनलाइन विज्ञापनों पर इक्वलाइजेशन लेवी को हटाने का प्रस्ताव अमेरिका के प्रति एक उदार रुख दिखाने के उद्देश्य से है, जिसने दो अप्रैल से पारस्परिक शुल्क लगाने की धमकी दी है।
दो प्रतिशत शुल्क को लेकर अमेरिका से अधिक आलोचना हुई: सुमित सिंघानियाडेलाइट इंडिया के पार्टनर सुमित सिंघानिया ने कहा कि इक्वलाइजेशन लेवी को पूरी तरह से खत्म करने का सरकार का कदम आयकर कानून को सरल बनाने के मौजूदा प्रयास के अनुरूप है। एकेएम ग्लोबल टैक्स पार्टनर अमित माहेश्वरी ने कहा कि दो प्रतिशत शुल्क को लेकर अमेरिका से अधिक आलोचना हुई।
अमेरिका द्वारा पारस्परिक शुल्क लगाने की धमकी के बाद सरकार अधिक उदार रुख दिखाने की कोशिश कर रही है। आनलाइन विज्ञापन पर छह प्रतिशत इक्वलाइजेशन लेवी को हटाना इस दिशा में एक कदम है। हालांकि, यह देखना अभी बाकी है कि क्या यह कदम, पहले से चल रहे कूटनीतिक उपायों के साथ मिलकर अमेरिका के रुख में कोई नरमी लाएगा।
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बड़े शहरों पर अत्यधिक बोझ: पानी-परिवहन, बिजली और आवास की किल्लत; जानिए क्या है झुग्गियों का हाल
जागरण टीम, नई दिल्ली। पिछले कुछ दशकों में भारत में शहरीकरण की गति बहुत तेज रही है। भारत में शहरों का विकास काफी हद तक अनियोजित रहा है, जिसके कारण कई चुनौतियां और शहरी अव्यवस्थाएं पैदा हुई हैं। अनियोजित शहरी विकास के सबसे भयावह परिणामों में से एक मौजूदा बुनियादी ढांचे पर पड़ने वाला दबाव है।
पानी की आपूर्ति, स्वच्छता, परिवहन और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएं लगातार बढ़ती आबादी की बढ़ती मांगों को पूरा करने के लिए संघर्ष करती हैं। इसका परिणाम अत्यधिक बोझ वाला बुनियादी ढांचा है, जो अपने निवासियों की जरूरतों को पूरा करने में विफल है। इससे भीड़भाड़ बढ़ती है, सेवाएं अपर्याप्त हैं और जीवन की गुणवत्ता कम होती है।
क्यों बढ़ रहा जाम और प्रदूषण?अनियोजित शहरी विकास की वजह से ट्रैफिक जाम और वायु प्रदूषण बहुत बढ़ गया है। सीमित सड़क नेटवर्क और वाहनों की संख्या में अनियंत्रित वृद्धि के कारण कई शहरों में आवागमन एक दैनिक संघर्ष बन गया है।
ट्रैफिक जाम न केवल बहुमूल्य समय बर्बाद करता है बल्कि ईंधन की खपत, पर्यावरण प्रदूषण और स्वास्थ्य संबंधी खतरों को भी बढ़ाता है। व्यापक सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों की अनुपस्थिति समस्या को और बढ़ा देती है।
शहरों में रहना इतना महंगा क्यों?ग्रामीण इलाकों से लोग बड़ी संख्या में शहरों में आ रहे हैं। इसकी वजह से किफायती आवास विकल्पों की भारी कमी हो गई है। परिणामस्वरूप, विभिन्न शहरी क्षेत्रों में झुग्गी-झोपड़ियां और अनौपचारिक बस्तियां उग आई हैं, जिससे घटिया जीवन स्तर और सामाजिक असमानताएं पैदा हुई हैं। इसके अलावा, उचित नियोजन की कमी से अक्सर कीमती भूमि का अतिक्रमण होता है, जिससे आवास संकट बढ़ता है और शहरी गरीबी बढ़ती है।
पर्यावरण को कैसे नुकसान पहुंचा रहे शहर?भारत में अनियोजित शहरी विकास ने पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया है। लोग वनों की भूमि पर अक्सर अतिक्रमण करते है, जिससे जैव विविधता का नुकसान होता है और पारिस्थितिकी तंत्र में व्यवधान होता है।
अनियंत्रित निर्माण, अनुचित अपशिष्ट प्रबंधन और अनियंत्रित औद्योगीकरण प्रदूषण, मिट्टी के क्षरण और पानी की कमी में योगदान करते हैं। शहरों का अनियोजित विकास सामाजिक असमानता को बढ़ाता है।
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समावेशी नियोजन की अनुपस्थिति और बुनियादी सेवाओं तक पहुंच की कमी हाशिए पर पड़े समुदायों को असमान रूप से प्रभावित करती है। शहरी गरीब अक्सर खुद को अनौपचारिक बस्तियों में रहते हुए पाते हैं, जहां स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और आजीविका के अवसरों तक सीमित पहुंच होती है।
इस मुद्दे के समाधान के लिए एक बहुआयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता है, जो टिकाऊ शहरी नियोजन, बुनियादी ढांचे के विकास और सामाजिक कल्याण के कार्यक्रमों को एकीकृत करता है।
व्यापक शहरी नियोजन में निवेश करके, किफायती आवास को प्राथमिकता देकर, बुनियादी ढांचे में सुधार करके और टिकाऊ प्रथाओं को अपनाकर, भारत अपने शहरों को जीवंत, रहने योग्य स्थानों में बदल सकता है जो पर्यावरण को संरक्षित करते हुए अपने नागरिकों की जरूरतों को पूरा करते हैं।
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(Source: अरबन प्लानिंग एक्सपर्ट वरुण रोहिल्ला से बातचीत)
NEP: इस सत्र से चार कक्षाओं के लिए NCERT की नई पुस्तकें, नई शिक्षा नीति के तहत तैयार हुईं किताबें
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत चौथी, पांचवीं, सातवीं और आठवीं कक्षाओं की एनसीईआरटी की नई पाठ्यपुस्तकें भी अब तैयार हो चुकी है। जो जल्द ही बाजार में उपलब्ध होंगी।
इनमें चौथी और सातवीं कक्षाओं की नई पुस्तकें 31 मार्च तक ही बाजार में आ जाएंगी, जबकि पांचवीं व आठवीं की सभी पुस्तकें पंद्रह मई तक आएंगी। यानी एक अप्रैल से शुरू होने वाले नए शैक्षणिक सत्र में स्कूलों में चौथी, पांचवीं, सातवीं और आठवीं कक्षाओं के बच्चे भी एनसीईआरटी की नई पाठ्यपुस्तकों से पढ़ाई करेंगे।
इन दो कक्षाओं के लिए ब्रिज कोर्स भी तैयार- एनसीईआरटी ने इसके साथ ही पांचवीं व आठवीं कक्षाओं के लिए एक ब्रिज कोर्स भी तैयार किया है। इसकी भी पाठ्यपुस्तकें तैयार हो गई है, जो 31 मार्च तक बाजार में आ जाएगी।
- एनसीईआरटी से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक नई पाठ्यपुस्तकों को छात्रों को समय पर मुहैया कराने की पूरी तैयारी कर ली गई है। नई पाठ्यपुस्तकों के नाम पहली, दूसरी व तीसरी कक्षाओं की पुस्तक की तरह वीणा, मृदंग व सारंगी आदि रखा गया है। इनमें सिर्फ कक्षाएं व उसके आवरण में बदलाव किया गया है।
- एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकें अब अमेजन और फ्लिपकार्ट पर भी उपलब्ध कराई जाएंगी। गौरतलब है कि अब तक एनईपी के तहत एनसीईआरटी की बालवाटिका से लेकर पहली, दूसरी, तीसरी व छठवीं कक्षा की नई पाठ्यपुस्तकें आ चुकी है। जबकि चौथी, पाचंवीं, सातवीं व आठवीं की पुस्तकें इस साल आ रही है। बाकी नौ से बारहवीं कक्षाओं की पाठ्यपुस्तकें अगले शैक्षणिक तक आएंगी।
स्कूलों में आने वाली चौथी, पांचवीं, सातवीं और आठवीं की नई पाठ्यपुस्तकों के साथ ही एनसीईआरटी ने इन नई पाठ्यपुस्तकों को पढ़ाने के लिए शिक्षकों के प्रशिक्षण की भी तैयारी कर ली है। जो तीन अप्रैल से शुरू होगी। इस दौरान पहले चरण में देश भर में मास्टर ट्रेनर तैयार किए जाएंगे। इनमें केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय आदि के शिक्षक मुख्य रूप से शामिल होंगे।
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